पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास

Nov 7, 2024

पर्यावरण और सतत विकास

परिचय

  • यह अध्याय भारतीय अर्थव्यवस्था की समस्याओं और पर्यावरण से संबंधित है।
  • मुख्य समस्याएं: प्रदूषण, भूमि का क्षरण, मृदा की गुणवत्ता का खराब होना।
  • उद्देश्य: संसाधनों का दीर्घकालिक उपयोग सुनिश्चित करना ताकि भविष्य की पीढ़ी भी उनका उपयोग कर सके।

पर्यावरण का अर्थ और कार्य

  • अर्थ: हमारे आस-पास की सभी चीजें जैसे पौधे, जानवर, जल निकाय, वायु।
  • प्रमुख कार्य:
    • संसाधनों की आपूर्ति: नवीकरणीय और अनवीकरणीय संसाधन।
    • अपशिष्ट का अवशोषण: उत्पादन और उपभोग द्वारा उत्पन्न अपशिष्ट का अवशोषण।
    • जीवन का पोषण: सूर्य, जल, वायु, भोजन जैसी आवश्यकताएं प्रदान करना।
    • सौंदर्य सेवाएं: नदियों, पहाड़ों में जाकर मन प्रफुल्लित होता है।

पर्यावरण संकट के कारण

  • जनसंख्या विस्फोट
  • औद्योगिक क्रांति
  • संसाधनों का अत्यधिक दोहन
  • विकास के कारण वायुमंडल में प्रदूषण

पर्यावरण संकट का अवसर लागत

  • शहरीकरण और औद्योगिकीकरण के कारण विपरीत प्रभाव जैसे:
    • सरकारी खर्च में वृद्धि
    • स्वास्थ्य की गुणवत्ता पर प्रभाव

मुख्य पर्यावरणीय समस्याएं

  1. ग्लोबल वार्मिंग: वातावरण का तापमान बढ़ना; ग्रीनहाउस गैसों की सांद्रता बढ़ना।
  2. ओजोन परत का क्षय: UV विकिरण से त्वचा कैंसर और अन्य समस्याएं।

भारत का पर्यावरण: स्थिति और चुनौतियां

  • प्राकृतिक संसाधन जैसे काले मृदा, नदियाँ, खनिज।
  • चुनौतियां:
    • भूमि क्षरण
    • वनों की कटाई
    • जैव विविधता की हानि

सतत विकास

  • वर्तमान आवश्यकताओं को पूरा करना बिना भविष्य की पीढ़ियों की क्षमता से समझौता किए।
  • उपाय:
    • नवीकरणीय संसाधनों का सीमित उपयोग
    • प्रदूषण नियंत्रण
    • जनसंख्या नियंत्रण

सतत विकास की रणनीतियाँ

  • गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों का उपयोग
  • स्वच्छ ईंधन का उपयोग
  • जैविक खाद और जैव-कीटनाशकों का उपयोग
  • पारंपरिक ज्ञान और प्रथाओं का सम्मान

ध्यान दें: पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद नमूना पेपर और पिछले वर्षों के प्रश्न-पत्रों की तैयारी करें।