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Operating System viva questions

Hello everyone, welcome back to my YouTube channel आज हम बात करने वाले हैं OS मतलब की operating system के Viva questions के बारे में जिसमें ये हमारा part 1 रहने वाला है इसी तरीके से हम part 2 भी इसका बनाने वाले हैं जिस तरीके से मैंने बाकी के lecture series जैसे की ADR, DS, STLD, OAPS DCN वगैरा के subjects को भी cover कर रखा है उसी तरीके से हम operating system को भी दो parts के अंदर cover कर रहे होंगे ठीक हैं तो time ना waste करते हैं directly shift होते हैं questions के उपर और मैं answer आपको बताऊंगा अगर आपको यहाँ पर question जो विजिबल नहीं है तो मैं नीचे description के अंदर इन सारे questions को डाल दूँआ आप वहाँ से access कर सकते हो ठीक है तो generally हम यहाँ पर जो भी questions यहाँ पर available है उसको discuss करेंगे और कुछ MCQ questions को भी यहाँ पर discuss कर रहे होंगे ठीक है लेकिन question को discuss करने से पहले म आप आपको एटूज़ेड कवर कर रहे होंगे जनरली हमारे छह से साथ लेक्चर की सीरीज रहने वाली है इसके अंदर जितने भी हमारे ऑपरेटिंग सिस्टम के अंदर टॉपिक्स आ जाते हैं कि ऑपरेटिंग सिस्टम की इंट्रोडक्शन प्रोसेस की सडूलिं तो अगर आप चाहते हो कि मैं वो जो है वो लाउंच करूं वो बनाकर आपके लिए लांच करूं तो हम टार्गेट रखते हैं कि इस वीडियो के अपर हम 200 प्लस लाइक और 100 प्लस कमेंट मतलब फेवर में कि आप हाँ चाहते हो कि वो कोड जो है मैं लाउंच करूं ठीक है त तो सबसे पहला question जो हमारा है, what do you mean by an operating system and what are its basic functions? तो सबसे पहले हमको पता है, यह operating system अगर subject है, तो हमको वही पता होना चाहिए, कि यह subject जो operating system है, इसका word का मतलब क्या होता है? तो basically operating system जो होता है, वो हमारा एक तरीके का system software होता है, system software क्या होता है? system software basically हमारा एक तरीके, मतलब software हमारे दो types की होता है, एक system software होता है, एक application software होता है, जो application software होता है, वो generally user friendly software है, फिर वो इस तरीके के software होते हैं, जो कि एक particular task को, अगर आप एक टास्क करने के लिए एक पर्टिकुलर टास्क करने के लिए हम एप्लीकेशन सॉफ्वेयर को डिजाइन करते हैं। आपका वाटसएप जो है वो भी एक एप्लीकेशन सॉफ्वेयर का ही एग्जांपल है। जबकि system software हमारे एक ऐसे software होते हैं जो कि generally directly हमारे system के साथ interact करते हैं, hardware के साथ interact करते हैं और उस से related operations का perform करते हैं, plus ये application software को run होने के लिए एक platform भी provide करते हैं, मतलब कि अगर आपको किसी भी application software को run करना अपने system के अंदर, तो आपके hardware के अंदर system software का होना ज़रूरी है, जिसमें अपने हार्डवेयर को एकसेस नहीं कर पाओगे आप कर पाओगे लेकिन आपके लिए बहुत ही मुश्किल हो जाएगा आपके लिए बहुत ही मुश्किल हो जाएगा आपके लिए बहुत ही मुश्किल हो जाएगा आपके लिए बहुत ही मुश्किल हो जाएगा आपके लिए बहुत ही मुश्किल हो जाएगा तो जिस तरीके से आप अपने हार्डवेयर्स को अपने जो भी सिस्टम हो गया लैपटप हो गया फोन हो गया इतनी कन्वीनेंसिस से आप ऑपरेटिंग सिस्टम का यूज करके एक्सेस कर पा रहे हो ना उसके बिना आप नहीं कर पाओगे तो अगर मैं इसके फंक्शन की बात करता हूँ तो बेसिकली मैमरी जितनी भी होती है हमारी सिस्टम के अंदर जितनी भी रिसोर्सेज होता है उसको मैनेज करने का काम ऑपरेटिंग सिस्टम करता है प्रोसेसर जो होता है हमारा उसको ढंग से मैनेज करने का काम हमारा ऑपरे� तो यह हमको पता है operating system के बारे में और तूसरा यह file management device के device management लग drive वगैरह management हमारी hard disk drive उसको manage करने का काम हमारी memory को manage करने का काम resources के अंदर आ जाती है memory हमारी processor भी और हमारे जो भी जितने भी ओएस को हो जाता है एरर डिटेक्शन हो जाता हमारा सिक्यूरिटी वगैरह यह सारा का सारा काम हमारा operating system का होता है ठीक है अब हम डिस्क्यूज कर लेते हैं हमारे operating system हमारे लिए जरूरी क्यों है operating system हमारे लिए जरूरी पता है इसलिए है क्योंकि अगर हम operating system नहीं भी रखते हैं अपने system के अंदर हमारे पास hardware तो हो गई हमारे पास computer तो हो गई phone तो हो गई तो हमको क्या करना पड़ेगा हमको जो भी हमारा CPU है क्योंकि जितनी भी सारी instructions हमारी जा रही है वो जा के ultimately CPU ही इसको execute करना है उसी के तुरू जो है बाकी चीज़े हो रही है हमारी तो हमको खुद कोड करना पड़ेगा सेल्फ और सीप्यू को समझाना पड़ेगा कोडिंग कि अब हमको जैसे एक कैमरे को एक्सेस करना तो अब तुम जी रोज वाला यह कोड पकड़ो और तुम अब कैमरे को एक्सेस करो अब में जाता है कि मैं आपको एक बढ़िया सा यूजर इंटरेक्टिव ने आपको जी वाइट टाइप या फिर मतलब पहले आप जो हमारे operating system होता है वो अभी GUI वाले आने लगें लेकिन पहले हमारे text based operating system होते थे तो बढ़िया सा GUI वगैरा सारी convenience वगैरा जितनी भी सारी चीज़े मैं आपको provide करूँगा बाकि जितना भी back-end का काम है जितना भी hardware को access करना है memory को access करना है या resources को ढंग से allocate करना है, de-allocate करना है सारा का सारा headache operating system अपने उपर ले लेता है ताकि हमको manually जो है अर एक जो भी operation हमको करवाने है वो हम खुद ना कर पाए और हमारे लिए एक convenience हमको provide करे, efficiency भी हमको provide करे क्योंकि अगर manually देखें तो हम हर resource जो भी हमको available है उसको manually जो है डंग से efficiently use नहीं कर पाएंगे as comparable to जिस तरीके से operating system कर दा है ठीक है अब main purpose क्या होता है हमारे operating system को और different type of operating system को हमको बताने है तो main purpose operating system को होता है कि जितने भी user के programs हैं जो कि ultimately processes के अंदर convert हो जाते हैं उनको ढंग से execute करना उनको उनके साथ इंट्रैक्ट करना जितनी भी एप्लीकेशन हम यूज कर रहे हैं उनको रन करना बेसिकली ये इस तरीके से डिजाइन कर जाता है कि जितनी भी हमारे पास कंप्यूटेशनल रिसोर्सिस अवेलेबल है उनको ढंग से मैनेज करें उनको ढंग से एक्सेक्यूट करें सारी रिसोर्सिस का ढंग से सही फायदा उठाएं रियल टाइम ओपरेटिंग सिस्टम होते हैं और मल्टी टास्किंग ओपरेटिंग सिस्टम हमारे होते हैं तो ये हमारे टाइप्स ओपरेटिंग सिस्टम होते हैं जो की हमको अवेलेबल होते हैं अगले कुशन बाया जाता है दस एक्जांपल बता दो ओपरेटिंग सिस्टम की मोस्ट कॉमन था हमको पता ही होंगे जैसे की विंडोज हो गया उबंटू हो गया मैकिंटोश हो गया जो की एपल्स के लैपटॉप के अंदर होता है हमारा एंड्रोइड जो हमारे फोन के अं� मतलब इनके पीछे back-end में code सारा Linux का ही होता है लेकिन बस थोड़े-बहुत changes करके एक अलग type का operating system ही create कर दिया जैसे कि Ubuntu भी Linux का ही है हमारा Fedora भी, Solaris भी, Debian भी और उसके अलावा हमारा Chrome OS होता है, Xcent OS होता है तो ये हमारे कुछ example होता है operating system के अब अगला हमारा कि GUI क्या होता है GUI का full form होती है, वो हमारी होती है graphical user interface जैसे कि मैंने बताया कि शुरू-शुरू में जब operating system हमारा create होता ना तो वह जीवाई बेस नहीं था, मतलब कि यूजर जो है वह इंट्रैक्ट नहीं करता था, मतलब एक, मतलब बटन वगैरह क्लिक करके, हवर करके, ये सारी, मतलब जो ग्राफिकली जो है, ओपरेडिंग सिस्टम को, जो है, वो बनाया नहीं गया था, शुरू में टेक्स्ट्य बेसिकली हमारा जो शेल होता है पावर शेल वो आपके और operating system की बीच में intermediate की तरह काम करता है जो भी आप महांसे command देते हो operating system उसको execute करता है लेकिन अब जो हमारे recent windows जब से हमारा जो है windows इसीलिए तो इतना हमारा powerful हुआ क्योंकि वो हमको GUI based operating system और इतनी convenience प्रोवाइड करी अभी थोड़े टाइम तक पहले windows जो था वो 95 पर परसेंट तक मार्केट को एक्वायर करके बैठा था मतलब कि अगर आप देखते हो पूरे वर्ड के अंदर 95% जितने भी परसेंट टंप्यूटर्स एक्जिस्ट करते थे उनके अंदर 95% कंप्यूटर्स के अंदर सिर्फ बिंडोस ऑपरेडिंग सिस्टम ही एक्जिस्ट करता था लेकिन धीरे क्या हुआ कि हमारे रिक्वार्मेंट बढ़ती रही हमारी टेक्नोलॉजी और एडवांस होती रह हमारी कंप्यूटेशनल रिक्वायरमेंट बढ़ती गई ठीक है तो अब हमारी कन्वीनेज से हमारा फोकस शिफ्ट होकर थ्रूपूट के ऊपर आ गया मतलब कि जितनी ज्यादा इंस्ट्रक्शंस हम एग्जिक्यूट कर पाएं कम टेक कम टाइम में वह हमारे लिए अच्छा जो है थ्रूपुड काफी अच्छा प्रोवाइड करता है, S-commerbale 2, जो हमारे Mac हो गए या फिर Windows हो गए हमारा Bootstrap प्रोग्राम क्यों आता है? Basically Bootstrap प्रोग्राम हमारा एक तरीके का सॉफ्वेयर ही होता है या फिर आप मान सकते है एक प्रोग्राम होता है जो की रन करता है हमारे Operating System को Startup के दौरान में ठीक है मतलब पहला Code हमारा जो Execute होता है वो आप मान सकते हो यही होता है जो की हमारे Operating System को Initialize करता है ताकि वो हमारे RAM के अंदर आ पाए और फिर बाकी operating system बाकी जितने भी available processes हैं उनको RAM के अंदर load कर पाए और हमारा CPU फिर work के अपर लग जाएं उन processes को execute करने के लिए अब हमारा clear question है what is time sharing operating system टाइम शेरिंग operating system को दूसरे भाषा में multiple task या फिर multi tasking operating system भी कहा सकते हैं बस इसके अंदर हम क्या करते हैं कि इसके अंदर हमारे पास processor तो एक ही होता है हमारे system के अंदर लेकिन हमारे पास जो processes होते हैं वो काफी सारे होते हैं एक ही time पे एक से ज़्यादा process को simultaneously run कर रहे होते हैं parallelly इस तरीके के operating system को हम time sharing operating system या फिर multitasking operating system को multitasking operating system हम इसको बोलते हैं ठीक है बेसिकली इसके अंदर क्या होता है कि इसके नाम से हमको पता जाता है टाइम शेयरिंग मतलब कि यह क्या करता है कि अलग-अलग प्रोसेसेस को थोड़े-थोड़े टाइम स्लॉट के लिए चलाता है फिर दूसरे पर शेयरिंग हो जाता है फिर दूसरे पर यह जनरली आपको ऐसा फील आता है कि यह सारी की सारी चीजें एक साथ वर्क कर रही है जबकि प्रोसेसर तो एक है वह एक टाइम पर एक इंस्ट्रक्शन को एक्सी क्यों पाएगा एक प्रोसेस को हैंडल कर पाएगा तो एक साथ में आपको इस तरीके से फील आती है कि हमको फंक्शनलिटी इस तरीके की प्रोवाइड करता है वह क्या करता है कि वह जितने भी आपके प्रोसेस है वह एक जितने भी आपके प्रोसेसेस रन करने होता है उसको इतनी जल्दी एग्जिक्यूट करता है कि यूजर को ऐसी फील आती है कि वो जो है जितनी भी सारी चीज़े रन कर रही है तो मिली सेकंड्स के अंदर हमारा काम हो रहा था कंटैक्स स्विचिंग क्या होती है वो मैं आगे डिस्कस करूँगा ठीक है अगला गोशन है हमारे रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम रियल टाइम ऑपरेटिंग सिस्टम जनरली हमारे वो जिसके अंदर टाइम हम बिल्कुल ही आप मान सकते हो सैक्विफाइज नहीं कर सकते है मतलब की टाइम की काफी एज़ इट इज हमारा जो भी हमको रिकार्मेंट है वो हमारी तो उसमें इन तरीके के ऑपरेटिंग सिस्टम के अंदर यूज करके जो काम हो रहा है उसके अंदर काफी दिक्कत आ सकती है कि हमारे टाइप सुथे हाट्री अलटाइम फॉर्म रिएल टाइम और लेकिन मालों मिसाइल वगैरह हो गई या फिर एयर ट्रैफिक वगैरह हो गई वहां पर अगर मालों की चलने में वह जो जिस तरह के ऑपरेटिंग सिस्टम वह यूज करें अगर एक मिली सेकंड की भी दिक्कत होती है हमारी मिसाइल जो है उसकी लोकेशन वगैरह के अंदर चेंज आ सकता है तो जा वह कहीं और रहा था चला वह कहीं और जाएगा और कुछ भी हमारा मतलब काफी मतलब डिजास्टर हो सकता है तो वहां पर जनरली हम रियल टाइम जो बताओ में मेमोरी हमारी में मेमोरी को में मेमोरी इसलिए बोलता है क्योंकि यह हमारे कंप्यूटर के जितने भी सारे प्रोचेस जो थे आकर इस आईड करते हैं या जितना भी हमारा मेन काम होता है जैसे हमने एग्जांपल के तौर पर आता हूं व्हाट्सएप व्हाट्सएप हमारा नॉर्मली सेकेंडरी मेमोरी के अंदर हाट डिस्क के अंदर पड़ा होता अपने इंस्टॉल कर लिया ठीक और फिर जाकर वह जो उसको एग्जिक्यूट वहां पर कर रहा होगा ठीक है और सेकंडरी मेमोरी के अंदर जैसे कि मैंने बताइए कि सेकंडरी मेमोरी जो थी बिसिकली सेकंडरी अगर आपको डिवार जो भी डेटा वगैरह को स्टोर करना है जैसे यहां पर यह तो अगला question है हमारा what is the main objective of multi-programming अब multi-programming क्या है यह हमारा एक type का operating system ही होता है जैसे कि मैंने भी आपके ऊपर बताई दिया तो multi-programming operating system के अंदर क्या ideology follow कर जाती है इसके अंदर basically हम क्या करता है कि CPU को हमारी यह कोशिश रहती है कि CPU हमारा idle ना बैठे मतलब कि उसके पास हमेशा कोई ना कोई process हो जिसको वो execute कर रहा हो तो हम multi-programming के अंदर क्या करता है कि हम जितने भी जादा से जादा maximum to maximum processes को तो एक टाइम में रेम के अंदर लोड जितना भी कर सकते हैं सारा कर देते हैं मतलब कि जितने भी हमारे पास प्रोसेस अवेलेवल होते हैं जितने भी सारे मैक्सिम टू मैक्सिम प्रोसेस को उठाकर सारा रेम के अंदर लियाते हैं ताकि अगर मान लो कि दस प्रोसेस अगर मेरे पास और प्रोसेसेस मेरे रैम के अंदर नहीं पड़े होंगे तो CPU तो खाली बैठ जाएगा CPU मेरा आइडल बैठ जाएगा क्योंकि उसके पास तो कोई प्रोसेस होगा नहीं एक्जिक्यूट होने के लिए तो इस केस में अगर मेरे पास रैम के अंदर ओल्ड़ी अवेलेबल प्रोसेसेस पड़े होंगे जो की पहले वाले के बाहर जाने के बाद दूसरा वाला उसकी जगह को रिप्लेस कर पाए तो यही हमारा CPU की जो आइडल नेसे वो कम हो जाएगी तो यही हमारा मेन ऑब्जेक्टिव होता है, मल्टी प्रोग्रामिंग का जिसके अंदर हम CPU को आइडल नहीं रखते हैं हम जितना मैक्सिम टू मैक्सिम प्रोसेसे जितने भी अवेलेबल होते हैं उन सब को एक सब्सक्राइब करने के लिए इसके अंदर हम बताई दिया कि इसके अंदर हम क्या करते हैं कि रैपिडली हमारे प्रोसेस के बीच में साइमेंटेनलेस्ट हमारा प्रोसेसर कंटेक्ट स्विच मारता रहता है इसके अंदर हम बताई दिया कि रैपिडली हम क्या करते हैं कि रैपिडली हम क्या करते है हमारे hard disk के अंदर process पड़े होते हैं और प्रोग्राम पड़े होते हैं जैसे हमने उस पर click करा हमारा program प्रोग्राम के अंदर convert हो जाता है तो वो कहा पे आ जाता है हमारा ram के अंदर आ जाता है अब ram के अंदर degree of multi programming को follow करता है तो ये जितने maximum to maximum processes हम चाहते हैं वो सारे के सारे एक ही साथ हम लिया आते हैं अपने ram के अंदर उसके बाद होता है क्या है कि अगर मैं contact switching की बात करता हूँ और अगर मैं multitasking operating system को use कर रहा हूँ तो multitasking operating system क्या कहता है कि एक ही time पे मैं 3-4 processes को simultaneously run कर सकता हूँ लेकिन उसमें हमारा time bound होना चाहिए कि एक process एक particular time bound तक ही execute होता है मैं क्या करूँगा पहले process को मैंने 20 millisecond तक execute करा तो जिस particular जगह पे RAM के अंदर मैं इनको load करूँगा मैं उसको ready queue बोलता हूँ रैम के अंदर ready queue मतलब कि ये सारे process जगह मेरे execute होने के लिए ready हो चुके हैं और जैसे ही मैं CPU उसको execute करना start करता है तो अब वो हमारा running state या फिर running queue के अंदर जा चुके है CPU वो उसका execute कर रहा है तो context switching का मतलब क्या होता है कि जो भी particular process को CPU अभी execute कर रहा है उसको वापस से ready queue के अंदर भेज दूँ और एक नए process को मैं अपने CPU के running state के अंदर ले पाऊं तो इससे मेरा CPU एक process से दूसरा process के पर switch मार चुका है मतलब कि उसने अपनी जगा change कर लिया है तो इससे ही को हम बोलते है context switching तो मैं यहां पर था कि हमको multi-tasking और multi-processing के अंदर वो बताना डिफरेंट तो multi-tasking के अंदर होता क्या है कि हमारा एक ही CPU जो है ना वो अलग-अलग process के ऊपर context switch मारता रहता है जब कि multi-processing के अंदर क्या होता है कि हम एक से ज़ादा processors को ही include कर लेते हैं अपने system के अंदर मतलब यहां पर multi-tasking के अंदर हमारे पास एक ही processor होता है multi-processing के अंदर हमारे पास एक से ज़ादा processor available होते हैं जो कि अलग-अलग task को perform करता है एक ही साथ में है ठीक है तो जनरली अगर हम देखें जाएं तो कौन सामारे ज्यादा एफिशेंटली हमारे लिए वर्क करेंगे जायदी बात मल्टी प्रोसेसिंग क्योंकि यहां पर तो हम प्रोसेसिंग की पावर बढ़ा दी हमने प्रोसेसर डबल कर दिया या जितने तो वह तो काफी ज्यादा इफिशेंटली हमारे लिए वर्क करेगा तो यह हमारा इन दोनों के बीच में डिफरेंस होता है बाकि कि यह एक टाइम पर ए यह ज्यादा अधिक है क्योंकि एक ही प्रोसेसर होता है तो हमारा मिल्टी टाइप को काफी सबस्क्राइब टू मिल्टी प्रोसेसिंग ठीक है और यह जैनली ज्यादा टाइम लेगा हमारा एग्जिक्यूट होने में जबकि मिल्टी ठीक है multiple प्रोग्राम्स एक ही साथ रन रहोंगे मेरे तो efficiency बढ़ जाएगी number of processor को increase करने से मेरा number of task जो की एक particular मान लो कि एक second के अंदर मैं single processor के साथ 10 execute कर रहा था अब मेरे पास 2 processor होगे तो अब मैं एक ही second के अंदर 20 execute कर बाऊँगा ठीक है efficiency बढ़ जाएगी मेरी और simply मेरी reliability जो हम normal multi processing करते हैं, इसके अंदर क्या होता है कि जो हमारा अलग-अलग CPU है न, उनके पास अलग-अलग उनकी memories available होती हैं, उनकी वो अलग-अलग resources भी access कर रहे होते हैं, symmetric के अंदर हम क्या करते हैं कि हम CPU, सिर्फ दो CPU inject करते हैं अपने system के अंदर, जबकि जो बाकी के resources होते हैं रिसोर्सेस तो सेम शेयर कर रहे होंगे सेमिटिक मेल्टी प्रोसेसी के अंग्राम जबकि नॉर्मल के अंदर हम नहीं कर रहे होंगे अगला कुछ इन हमारा कर्णल क्या होता है कर्णल को आप मान सकते हो ओपरेटिंग सिस्टम का हर्ट होता है मतलब कि सबसे मेन इंपॉर्ट सबसे मेन पार्ट जो होता है वह इन सिस्टम को हमारा कर्णल ही होता है जनरली कर्णल जो होता है एक कंप्यूटर प्रोग्राम होता है जो कि सेंट्रल कॉम्पनेंट माना जाता है ओपरेटिंग सिस्टम का यह रिस्पॉन्सिबल होता है जितन अगर मैं बात करूँ कि hardware को directly access करता है ना ultimately deep down level पर अगर हम देखूं तो वो मेरा kernel करता है operating system भी directly access नहीं करता operating system भी kernel को बोलता है kernel जाके ultimately जो है वो जितने भी hardware होके camera को access करना है printer को access करना है keyboard को access करना है mouse को access करना है जितने भी hardware को directly जाके access करना होता है वो हमारा kernel करता है ठीक ह अब कर्नल की अगर मेरे को मेन फंक्शन बताने है तो कर्नल का मेन फंक्शन होता है जैसे कि मैंने बताई दिया कि मेन जो एक्शन रिसोर्स होता है उसको मैनेज करता है CPU, मेमरी, फाइल, प्रोसेसर और यह बिसिकली हार्डवेर और सॉफ्टवेयर की बीच में इंटरमीडियट की तरह काम करता है और उसके बैक में कर्नल खड़ा होता है तो दिफरेंट टाइप के कंडल हमारे पास कौन-कौन से अवेलेबल होते हैं हमारे पास मोनोलिथिक कंडल होता है माइक्रो कंडल होता है हाइब्रिट कंडल होता है नैनो कंडल होता है और एक्जो कंडल होता है दिफरेंट बता दो माइक्रो कंडल और हमारे मोनोलिथिक कं� जैनरली ये काफी कम ही number के features वगैरा या functionalities वगैरा हमको provide करता है जो की operating system implement करता है जैनरली जो हमारे micro-kernel use होते हैं, कहाँ पर use है, macOS के अंदर हमारा micro-kernel use होता है, K42 नामका एक operating system वहाँ पर use होता है, QNX में use होता है जो monolithic kernel होते है न ये इस तरीके का OS अर्किटक्चर होता है जितने भी basic feature होते हैं हमारी computer component में जैसे कि resource management होगी, memory management होगी, file management होगी ये सारी की सारी provide करने का काम हमारा monolithic kernel करता है तो generally Solaris, DOS, Linux ये सारे हमारे इन सब के अंदर kernel जोता होता है monolithic exist करता है तो difference बता देते हैं एक बारी मैंने definition बता देते हैं difference भी एक बारी बता देते हैं कि इसके अंदर कंडल सर्विस यूजर सर्विस जो होती है वह हमारे अलग-अलग एड्रेस पेस के अंदर लाइक करते हैं जबकि जो मोनोलिथिक होता इसके अंदर दोनों ही सेम एड्रेस पेस के अंदर लाइक करते हैं जनरी जो माइक्रो कंडल होता वह समाल होता है साइज में जो मोनोलिथिक के मुकाबले में मोनोलिथिक ज्यादा होता है हमारा साइज में जनरी अगर जबकि अगर monolithic kernel के अंदर एक service भी हमारी crash कर गई तो पूरा का पूरा system crash कर जाएगा ठीक है तो यही हमारा difference होता है kernel और OS के बीच में difference बता दो भाई kernel जो होता है हमारा एक तरीके का system program होता है जितने भी programs हमारी computer पर run कर रहे हो तो उनको control करने का काम करता है यह हाट होता है operating system का directly hardware को access करना तो kernel का use करके करते हैं basically आप मान सकते हैं कि hardware और software को directly अगर जो connect करता है ना या bridge का जो काम करता है वो kernel करता है जबकि operating system एक system program होता है जो user और hardware के बीच में interface की तरह काम करता है kernel को central component of OS बोलते है system software होता है हमारा responsible होता है हमारी user की command को machine level command में convert करने के लिए generally interface की तरह काम करता है process management, file management, device management I.O management सारी यह करता है और इसके types में मैंने बताई दिया micro-kandal, monolithic वगैरा ठीक है अगले प्रोसेस क्या होता है? हमको बताना है कि डिफरेंट स्टेट्स बतानी है प्रोसेस की तो बेसिकली प्रोसेस कुछ भी नहीं होता है जितने भी आपके प्रोग्राम्स आपके सिस्टम के अंदर लाइ कर रहे हैं ना जब भी आप उसको रन करते हों प्रोसेस के अंदर कन्वर्ट हो गया ठीक है तो हम यही बोलते हैं कि आ प्रोसेस इज प्रोग्राम अंडर एक्सेक्यूशन ठीक है मेन जो फंक्शन होता है हमारा ओपनिक सिस्टम का वह इन्ही प्रोसेस को हैंडल करने का होता है उनको इसे क्योंकि करने का होता है सीपीउ के द्वारा ठीक है तो जब भी हमारा प्रोग्राम को हम लोड करते हैं मेमोरी स्टैक ही टेक्स्ट और डेटा यह अलग-अलग हमारे तरह आप मान सकते हो यह यह विशेष में विशेष पर बढ़ता है। जब आप अपने विशेष को बढ़ता है, तो विशेष पर बढ़ता है। यह विशेष को बढ़ता है। जब आप अपने विशेष को बढ़ता है, तो विशेष पर बढ़ता है। उसके बाद वो हमारा चला जाता है रणिंग स्टेट के अंदर मतलब कि आपने उसको अब उसके बाद लोड होकर आगे रैम के अंदर वो रैडी क्यों के अंदर आके बैड़ गया अब रैडी क्यों के बाद जब वो चला गया हमारा CPU ने जब उसको कॉल करा कि और फिर वापस से यह चला जाएगा हमारा running state के अंदर और मालो इसका काम पूरा खत्म हो गया उसके बाद ही चला जाएगा हमारा terminate state के अंदर ठीक है तो हमारा जो process जो होता है वो new state, new state से हमारा ready state, ready state से हमारा जाता है यह running state, running से waiting के अंदर, waiting से running मतलब running से waiting और waiting से running हमारा यह loop चलता रहता है जब तक कि सारा उसका input, output को access करने का काम खत्म नहीं हो जाता है फिर उसके बाद वो finally terminate हमारा हो जाता है ठीक है अगला question है हमारा कि difference actions को define कर दो बाही क्या होता है हमारे stack, stack generally अब मतलब जो भी प्रोसेस के हमारे अलग होते हैं तो जैनेली स्टैक हमारा आता ही होता डाटा और कोड होता स्टैक के अंदर जैनेली लोकल वेरियबल्स के जितने भी एड्रेसेस वगैरह को हैंडल करने का काम स्टैक करता ही जो आपको बनाना है एक्सेस करना है वह सारा डाटा वाले सेक्शन के अंदर तक कोडिया टैक्स के अंदर जैनेली जो जो variable बना रखे होंगे अगर आपने dynamic बना रखा तो वो heap के अंदर create होगा अगर आपने local variable बना रखे हो तो वो stack के अंदर चला जाएगा अगर आपने इसके अंदर static variable, global variable बना रखे हो तो वो data वाले section के अंदर चला जाएगा जो एक जॉम्बी process मेरा बिसिकली एक ऐसा process होता है जो की terminate तो हो चुका है लेकिन उसका control जो है ना वो अभी पूरी तरीके से clean नहीं हुआ है मतलब की वो terminate तो हो चुका है लेकिन अभी पूरी main memory से मेरा उसका termination मतलब जो भी आप मन सकते हैं एक signal जाता है कि हाँ ये process मेरा terminate हो चुका तो वो main memory से भी मेरा नहीं निकला है वो हमारा zombie आप मन सकते हैं process होता है ठीक है अगला हमको कुछ ये terms को define करना है जो कि हमारा system call और हमारा process scheduler type preemptive ये सारी चीज़े जो है थोड़ी सी रह गई है मैं बाकी जो अगला part है मेरा उसी के अंदर मैं जो है उन्ही के साथ जो है इन questions को बाकी दो से तीन questions है उन्ही को discuss साथ ही मैं कर दूँआ ठीक है लेकिन उससे पहले मैं यह जो हमारे MCQ questions है उसको discuss कर लेता हूँ तो हमारा पहला question है which of the following is not considered इसमें से कौन सा हमारा OS नहीं है इसमें से हमारा Windows XP OS है Fedora OS है Mac OS है Linux जो हमारा OS नहीं है Linux हमारे kernel होता है what is the use of banker algorithm को क्यों यूज़ करते हैं हम rectify करने के लिए deadlock को prevent करने के लिए solve करने के लिए and on of the basically हम deadlock को prevent करने के लिए banker algorithm को use करते हैं बैंकल अर्गोर्जम क्या होती है या डेडलोक क्या होता है अगली वीडियो के अंदर मैं बता दूँगा इसको डेडलोक को हैंडल करने के लिए कौन सी अपरोज को हम यूज करते हैं इन में कौन सी अपरोज को हम यूज नहीं करते और इसमें से कौन सा प्रोग्राम जाएं? मेरा जस्ट हमारा सिस्टम जैसी ही बूट होता है या GUI लोड होने के बाद सबसे पहला सिस्टम कौन सा चलता है हमारा? विंडर्स एक्सप्लोरर, फाइल मैनेजर, और डेक्स्टर्ब मैनेजर और अधेन्टिकेशन जैसी ही आप अपने सिस्टम को ओपन करते हैं तो अपने पासवर्ड लगा रखा उसके बाद हमको बताना है कि जनरली हमारे को which of the following usually provide the interface to get access to the service of the OS OS की service को access करने के लिए कौन-कौन से चीजें इन में से में को जो है प्रोवाइड करता है एक interface system call library API all of the all इन सारी की सारी चीजें ही हमको जो है एक interface प्रोवाइड करते हैं ताकि हम OS को access कर पाएं ठीक है तो इसका आंसर all of the all है ठीक है नीचे कमेंट करना चैनल को सब्सक्राइब करना अपने दोस्तों के साथ शेयर करना क्योंकि हमारे बाइवा जो पास आ रहे हैं और आपके फ्रेंड्स को काफी उससे हेल्प होगी और इसी तरीके से हम इसके पार्ट टू को भी काफी जल्दी ही लाने वाले हैं ठीक है और इ