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आधुनिक सिंथेटिक थ्योरी का परिचय

May 16, 2025

आधुनिक सिंथेटिक थ्योरी और न्यू डार्विनिज्म

परिचय

  • आधुनिक सिंथेटिक थ्योरी (Modern Synthetic Theory) का विकास डार्विन की सिद्धांतों और समकालीन जेनेटिक्स के संयोजन से हुआ।
  • यह थ्योरी यह समझाने का प्रयास करती है कि जनसंख्या में विविधता कैसे उत्पन्न होती है और विकास कैसे होता है।

आधुनिक सिंथेटिक थ्योरी की विशेषताएँ

  • हक्सले ने "आधुनिक सिंथेटिक थ्योरी" शब्द का परिचय दिया।
  • डोवन स्की डोस्की की 1937 की पुस्तक "Genetics and Origin of Species" में डार्विन के सिद्धांतों और जेनेटिक्स को मिलाकर यह थ्योरी विकसित की गई थी।
  • यह थ्योरी जैविक विकास और समकालीन जेनेटिक्स के बीच संबंध स्थापित करती है।

मुख्य बिंदु

  1. बुनियादी कारक

    • जेनेटिक विविधता
    • विकास की दिशा
  2. सहायक कारक

    • माइग्रेशन
    • हाइब्रिडाइजेशन

बुनियादी कारक

  • जेनेटिक म्यूटेशन
    • अचानक और स्थायी परिवर्तन जो जनसंख्या में नए विविधता लाते हैं।
  • रिकॉमिनेशन
    • माइटोटिक सेल डिवीजन के दौरान जीन का पुनः संयोजन।

सहायक कारक

  • जेनेटिक ड्रिफ्ट

    • छोटे जनसंख्या में आकस्मिक परिवर्तन, जिससे जीन की आवृत्ति प्रभावित होती है।
    • सिविल राइट द्वारा दिया गया।
  • प्रजनन पृथक्करण

    • विभिन्न प्रजातियों के बीच प्रजनन को रोकता है।
    • यह मूल जनसंख्या की प्रजनन क्षमता को बनाए रखने में मदद करता है।
  • हाइब्रिडाइजेशन

    • दो अलग-अलग प्रजातियों के बीच क्रॉसिंग से नए हाइब्रिड उत्पन्न होते हैं।
  • माइग्रेशन

    • व्यक्तियों या समूहों का एक स्थान से दूसरे स्थान में जाना, जिससे जीन का स्थानांतरण होता है।

निष्कर्ष

  • आधुनिक सिंथेटिक थ्योरी जीवों के विकास की प्रक्रिया को समझने में सहायक है।
  • यह सिद्धांत डार्विन के प्राकृतिक चयन के सिद्धांत और समकालीन जेनेटिक्स के सिद्धांतों का एक संयोजन है।

संदर्भ

  • डोस्की की पुस्तक "Genetics and Origin of Species"

  • हक्सले द्वारा दी गई आधुनिक सिंथेटिक थ्योरी

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