Hello everybody, I hope you all are doing good. I am the pick up from LearnoHub, एक ऐसा free learning platform जहां पर आप पढ़ सकते हैं Physics, Chemistry, Maths, Biology and SST absolutely for free only at LearnoHub.com तो बच्चों आज हम चुड़ू करने जा रहे हैं Class 8 Biology का Chapter No. 2 that is Reproduction in Plants यह एक ऐसा चाप्टर है जिसमें हम sexual और asexual दोनों ही तरह की reproductions को cover करेंगे विदाउट वेस्टिंग एनी टाइम लेट्स गेट स्टार्टिव रीप्रोडाक्शन एक ऐसा प्रोसेस है जिससे जितने भी living organisms आप इस earth पर देख रहे हो वो अपने ही जैसे कुछ और individuals को produce करते हैं अपने ही जैसे young ones को इस earth पर लेकर आते हैं तो अपने ही जैसे यंग वन्स को प्रोड्यूस करने के प्रोसेस को हम बुलाते हैं रीप्रोडक्शन अब रीप्रोडक्शन जरूरी क्यों है तो रीप्रोडक्शन इसलिए जरूरी है ताकि अर्थ पर लाइफ कॉंटिन्यू होती रहे तो हम एक एग्जाम्पल लेते हैं जैसे ह्यूमन बींक है हम है तो हमारा एक एवरेज लाइफस्पैन है मतलब मैक्सिमम लोग 70 तो 80 यह तक जीत तो अगर वो अपने reproductive phase में reproduce नहीं करेंगे, अपने ही जैसे कुछ और individuals को इस earth पर नहीं लाएंगे, produce नहीं करेंगे, तो क्या होगा? जितने भी individuals हैं, जब वो मर जाएंगे, तो इस earth से human beings का population खतम हो जाएगा, तो अपनी species को continue करने के लिए reproduction बहुत important. Now, Coming on to the modes of reproduction अब ये जो process है reproduction ये majorly दो तरीकों से होता है Main categories दो हैं सबसे पहली है Asexual reproduction और दूसरी है Sexual reproduction तो Asexual reproduction एक ऐसा process है जिसमें सिर्फ एक ही parent involved है So only one parent is involved ठीक है तो सिर्फ एक ही parent involved है तो यहां पर किसी भी तरह के gametes या किसी भी तरह के sex cells involved नहीं होते हैं clear तो अब अगर हम sexual reproduction की बात करें तो यहां पर दो parents involved हैं so two parents are involved और इस process में यहाँ पर एक male gamete होता है, एक female gamete होता है, दोनों आपस में fuse करकर बना देते हैं एक zygote, और यही zygote develop होता है, और इससे बनते हैं, इससे एक complete individual बनता है, तो अगर हम asexual reproduction की बात करें, तो ये हमें commonly देखने को मिलता है बिक्टीरिया में कुछ एलगे में फिर फंजाये में वही पर अगर sexual reproduction की बात करें तो इसके काफी सारे examples हैं जैसे humans हम we reproduce sexually then dogs then elephants, whales all of us even some of the higher plants they also reproduce sexually तो कैसे होता है plants में ये process asexual और asexual process of reproduction इसी चीज़ को हम discuss करेंगे इस chapter में तो चलिए शुरू करते हैं asexual reproduction के processes के साथ तो the first type of asexual reproduction is binary fission तो binary तो इस word को थोड़ा सा break करके समझते हैं so binary में है एक word है binary और एक word है fission right so binary का मतलब होता है by means to तो यहाँ पर दो हिस्सों में splitting हो रही है किसकी parent cell की ठीक है तो इसका एक बहुत ही simple और बहुत ही famous एक example है which is bacteria clear तो bacteria binary fission के प्रोसेस से रिप्रोड्यूस करता है तो हम यहां पर यह देख रहे हैं पिक्चर एक डाइग्रम से समझ रहे हैं तो यहां पर यह क्या है दिस इज आप पेरेंट सेल यह पेरेंट सेल है तो यह कंप्लीटली ग्रोन पेरेंट सेल है अब धीरे-धीरे क्या होगा यह पेरें आप एक ऐसा सा cell बनाओगे और उसमें एक गोल सा nucleus बना दोगे center में, लेकिन अगर आप इस वाले cell को देखो, एक parent cell को देखो, तो इसमें जो nucleus है न, वो elongate हो चुका है, वो ऐसा लंबा सा हो रहा है, basically यहाँ पर क्या हो रहा है, यहाँ पर nucleus divide करने लगा है, तो यहाँ पर क्या हुआ, यहाँ पर हो गया elongation, आफ न्यूक्लियस ठीक है न्यूक्लियस इलांगेट हुआ अब धीरे-धीरे यह न्यूक्लियस क्या होगा यह दो हिस्सों में डिवाइड हो जाएगा तो इस प्रोसेस को यह जो प्रोसेस है जहां पर न्यूक्लियस डिवाइड होता है इसे हम बुलाते हैं कर्यो काइनेस ठीक है के ए आर वायो काइनेस तो न्यूक्लियस का डिविजियन यहां पर हो गया अ अब आप next picture में क्या देख रहे हो कि यहाँ पर यह जो side की membrane है यह अंदर की तरफ को turn होना शुरू हो गई है मतलब यह अंदर की तरफ को fold होना शुरू हो गई है तो यहाँ पर क्या हो रहा है यहाँ पर nucleus अब nucleus divide हो गया अब यहाँ पर cytoplasm divide हो रहा है तो यहाँ पर क्या हो दो सेल, तो यह जो process है, जहाँ पर cytoplasm divide हो रहा है, यहाँ पर हो रही है invagination of plasma membrane, of cell membrane, ठीक है, तो मैं यहाँ पर लिखूंगी, invagination of cell membrane, तो cell membrane invaginate हो रही है, अंदर की तरफ को दोनों तरफ से turn हो रही है, ठीक है, और finally आपस में वो मिल जाएगी, और दो सेल बन जाएगे, तो इस process को हम बुलाते हैं cytokinesis, clear?
तो cytoplasm के division को हम बुलाते हैं, जब cytoplasm cell के अंदर divide होने लगता है, दो हिस्सों में बंटने लगता है, तो उस process को हम बुलाते हैं cytokinesis, so first nucleus will divide, then cytoplasm will divide, clear? तो अब finally क्या होगा, ये दोनों cells जो हैं, ये एक दूसरे से separate out हो जाएंगे, और हमें मिलेंगे daughter cells, हमें क्या मिलेंगे, almost, almost equal to daughter cells, ठीक है, तो यहाँ पर क्या हुआ, parent था, एक ही parent था, एक ही parent divide हुआ, और दो हमें daughter cells मिल गए, तो यहाँ पर एक cell से दो cell मिले, इसलिए हम क्या बोल रहे हैं, binary fission, splitting of the parent cell into two, almost equal halves, two equal halves, almost equal, clear? So this is the process of binary fission, कहीं पर आप ये भी देखोगे कि कहीं कहीं पर किसी किसी organism में आपको multiple fission भी दिखाई देगी, तो fission का मतलब clear है, fission का मतलब क्या है? fission का मतलब है splitting, binary का मतलब था two और multiple मतलब दो से जादा, बहुत जादा, right? दो से जादा तो मतलब यहाँ पर कई आपको ऐसे organisms मिलेंगे जैसे की chlorella है ठीक है जैसे की chlamydominase है तो ये कुछ ऐसे organisms हैं जो चार हिस्सों में divide हो जाते हैं मतलब जैसे bacteria एक cell से दो बन रहे हैं यहाँ पर एक cell से चार बन जाते हैं so this type of fission is called as multiple fission तो जब जब जहां पर मिलती है तो जल्दी से बताओ क्या यह पूरा प्रोसेस समझ आया तो हमेशा पहले न्यूक्लियस डिवाइड होगा फिर साइटोप्लाजम डिवाइड होगा तो फर्स्ट प्रोसेस विल बी कैरियो काइनेसिस एंड सेकंड विल बी साइटोप्लाजम डिवाइड तो समझ आया ना सबको तो नेक्स्ट टाइप ऑफ एसेक्शुल रिप्रोडक्शन देखें चलो नेक्स्ट टाइप ऑफ एसेक्शुल रिप्रोडक्शन इस बड़िंग, बड़िंग, तो जैसा ये नाम बता रहा है, तो हमें एक चीज समझ आ रही है, कि यहाँ पर ना कहीं बड़ की formation हो रही है, क्या हो रहा है यहाँ पर, बड़ formation हो रही है, clear, तो ये जो बड़िंग का एक process है, it is very common in east, ठीक है तो वही हमने नीचे दिखाने की कोशिश की है तो सबसे पहले आप ये वाला cell देखो तो ये जो हमारा cell है ये एक east cell है एक parent east cell है या आप इसको mother east cell भी बुला सकते हो तो अगर आप इस cell को देखोगे ना तो this is the cytoplasm ये जो बीच में है this is the nucleus और ये क्या है this is vicuole ठीक है अब यहाँ पर भी क्या होगा, हमने binary fusion में क्या देखा था, पहले nucleus divide हो रहा था, फिर cytoplasm divide हो रहा था, तो same ही process यहाँ पर भी होगा, सबसे पहले हमें ऐसे एक outgrowth सी देखने को मिलेगी, और हमें यह देखने को मिलेगा कि nucleus elongate हो गया है, और elongate होने के बाद nucleus अब divide हो गया है, ठीक है, किस से, एक parent cell से, उसके बाद हमें यहाँ पर nucleus elongate होता हुआ दिखाई दिया, ठीक है, and finally यह जो nucleus था, यह क्या हो गया, divide हो गया, तो इस process को, जहाँ पर nucleus divide हुआ है, इसे हमने क्या बुलाये था, karyokinases, clear, तो इतना हो गया, तो देखो, यहाँ पर elongate हुआ था, finally यहाँ पर nucleus divide हो चुका था, और यहाँ पर अब cell membrane भी divide हो गई है, cell membrane invaginate होते होते, आपस में मिल चुकी है, यहाँ पर cell membrane भी divide हो गई है, so the fourth step that will come is invagination, invagination of cell membrane, ठीक है, and तो यहाँ पर दो daughter cells बन चुके हैं, clear?
तो अब आप यहाँ पर देखोगे कि एक parent की body से हमारे पास दो daughter cells आ गए हैं, अब जब यह bud जो है ना, इसमें न्यूक्लियस का भी डिविजिन हो जाता है इसमें मतलब इसमें हर एक कॉमपोनेंट आ जाता है एस द पेरेंट सेल नाओ दिस दिस पर्टिकुलर बड़ विल गेट डिटैश्ट फर्म द पेरेंट बॉडी और अब वह इंडिपेंडेंट लाइफ जीना शुरू कर द उसमें भी outgrowth, उसमें भी bud formation देखने को मिलती है, फिर nucleus divide होता है, फिर cytoplasm divide होता है, and finally that bud will grow up to a certain stage, and then it will get detached from the parent body, तो ये जो process है, ये ऐसा ही चलता है, ठीक है, तो I hope ये भी आपको समझ आया होगा, the process of budding, ठीक है, तो आगे बड़े, next type देखते हैं, now the next type of asexual reproduction is fragmentation, तो जैसा इसका नाम है, मतलब यहाँ पर कोई चीज fragments में तूट रही है, ठीक है, तो यहाँ पर भी कुछ organisms होते हैं, जैसे की spirogyra, right, so this is spirogyra, तो spirogyra क्या है, एक लंबा सा, एक filament structure है, ठीक है, so it is basically a long ribbon like रिबन लाइक फिलामेंट ठीक है अब यह एक लॉन रिबन लाइक फिलामेंट है बीच में ना यह जो आपको स्ट्रक्चर दिखाई दे रहे हैं यहां पर क्या है यहां पर क्लोरोप्लास्ट है जिनमें क्लोरोफिल है तो बेसिकली यह फोटोसिंथेसिस भी परफॉर्म करता तो हमारे पास this is fragment 1, this is fragment 2, this is fragment 3, तो यहाँ पर हर एक fragment जो है, वो finally एक complete individual में बन कर निकल आएगा, ठीक है, तो आप क्या देख रहे हो कि एक Spirogyra है, Spirogyra को आपने 3 parts में break किया, 3 fragments में तोड़ा, हर एक fragment जो है, वो completely grow हो गया, So this is the process of fragmentation. Clear? तो समझ आ गया है? Example याद रखना, किस organism में आपको fragmentation देखने को मिलेगी?
That is Spirogyra. तो बढ़ें फिर आगे हम तो next हमारा आता है spore formation तो देखो ये भी समझना आसान है जैसा कि इसका नाम है वैसे ही ये reproduce करेगा तो ये क्या बनाएगा ये बनाएगा spores तो अब आप यहाँ पर देख रहे हो तो जो spore formation है ना ये usually आपको ऐसे plants में देखने को मिलते हैं जहाँ कि ये एक bulb like structure आप उपर देख रहे हो, तो इसके अंदर ना बड़े सारे छोटे छोटे ऐसे spores होते हैं, ये जो spores होते हैं, so these spores are light, the spores are light, and they can be carried easily by, wind or say insects, ठीक है, तो यहाँ पर spore formation जब होती है, तो जो spores होते हैं, एक particular structure के अंदर, ठीक है, जैसे ये जो structure है, this is, what is this, this is rhizopus, कौन सा है ये, rhizopus, तो rhizopus में आपको ये एक bulb like structure देखने को मिलेगा, इस, इस bulb like structure में spores बनेंगे, तो जो spores होंगे जब ये mature हो जाएंगे favorable conditions आएंगी तो ये जो bulb है न ये क्या हो जाएगा ये एकदम तूट जाएगा तो ये जब burst करके open होगा तो इसके अंदर से ना बहुत सारे spores निकलेंगे अब ये spores होंगे एकदम हलके फुलके और इतने हलके फुलके कि अगर हवा च तो ये कुछ ऐसे spores होते हैं ये हमें देखने को मिलते हैं कुछ ornamental plants में कैसे plants में? ornamental plants में हमें spore formation देखने को मिलती है ornamental plants क्या होते हैं?
मतलब ornaments क्या होते हैं? कुछ ऐसे होते हैं जो दिखाने के लिए सजाने के काम आती हैं कोई चीज़ नहीं ठीक है तो वैसे ही कुछ plants होते हैं जो हम अपने आसपास लगाते हैं या जो हमारे आसपास होते हैं जो देखने में अच्छे लगते हैं, जो हमारी surroundings को beautify करते हैं, तो ऐसे plants, ornamental plants कहलाते हैं, और ऐसे plants spores form करते हैं for reproduction, तो इसके कुछ examples हैं, जैसे की mosses, ठीक है, तो ये वाला आपने काफी देखा होगा, rocks पे वो जो घास जमी रहती है, कहीं कहीं पर तो ये इतनी सुन्दर ल� तो ऐसे पत्तों वाले कुछ आपने plants देखे होंगे अपने आसपास, तो these are the ferns, तो ferns and mosses वो common plants हैं, जिन में spore formation होती है, जिनके spores काफी light होते हैं, और wind और insects से ये easily transfer हो जाते हैं, clear, तो spore formation समझ आया, तो जैसा नाम है बस वैसे ही ये reproduce कर रहे हैं, clear, समझ आगे बात, spore formation, अब जब ये spores उड़के कहीं चले जाएंगे, wind से या insect से, तो होता क्या है कि पहले तो ये उड़के कहीं जाएंगे, कहीं पर land करेंगे, और जब suitable conditions आएंगी growth के लिए, मतलब temperature भी favorable होगा, humidity भी होगी, पानी भी होगा, जब suitable conditions आएंगी, तब spores germinate करते हैं, और ये grow करके क� तो the next type of asexual reproduction method is vegetative propagation and this is very very important ठीक है तो इसको ध्यान से सुनना है ध्यान से समझना है हम इसके बारे में ही काफी अच्छे से in detail discuss करेंगे तो vegetative propagation मतलब यहाँ पर plants जो है usually आप जब भी आप किसी plant को grow करने की बात करें यदि अगर मैं आपको बोलूं कि बच्चों आपको क्या करना है आपको 5 प्लांट उगाने हैं तो आप सबसे पहले सोचोगे कि कौन से सीड्स इजीली अवेलेबल हैं किन से हम इजीली हम एक नया प्लांट उगा सकते हैं ठीक है लेकिन ऐसा नहीं है सिर्फ सीड्स से ही प्लांट को नहीं उगाया जा सकता इवन कुछ ऐसे पार्ट्स होते हैं एक प लीव स्टेम या रूट्स इन पार्ट्स का हम यूज करते हैं इस प्रोसेस को हम बोलते हैं वेजिटेटिव प्रॉपगेशन तो यह जो वेजिटेटिव पार्ट्स होते हैं इन में केपेप्र possibility होती है कि ये नए plants में grow करें और इन vegetative parts को हम बुलाते हैं propagules ठीक है so just remember this term propagules so these are the vegetative parts which are capable of giving rise to a new plant clear यहाँ पर दो तरह के vegetative propagation के methods हम पढ़ेंगे सबसे पहला है natural मतलब जो nature में खुद से चल रहा है और दूसरा है artificial तो दोनों ही तरह के methods को हम detail में discuss करेंगे Now the first type is the natural vegetative propagation जिसमें सबसे पहले हम देखेंगे reproduction by stem तो इसका सबसे easiest example है घास The common grass that we see around us तो अगर आप कहीं से भी ना घास निकालने की कोशिश करो तो आप क्या देखोगे कि जब आप यहां से stem को pull करने की कोशिश करोगे तो यह जो stem है ना यह धीरे धीरे आपको ऐसा लेगा कि यह एक पूरी चेन बनी हुई है, एक जगा से घास खिंच रहे हो, आगे आगे आगे आगे से वो उखड़ती ही जा रही है, मिट्टी से निकलती ही जा रही है, क्यों? क्योंकि घास जो होती है न, उसकी stem बहुत weak होती है, so it is basically, it grows horizontally on the ground, तो जहां पर भी nodes इस soil को touch होते हैं, वहां पर roots की और shoots की formation शुरू हो जाती है, तो मालो यहां पर node है, ये soil से touch हुआ, तो यहाँ पर, नीचे की तरफ को roots develop होना शुरू हो जाएंगी, और उपर की तरफ को shoots develop होना शुरू हो जाएंगी, so this is very common in grasses, ये mint में भी काफी common है, ठीक है, अब हम इसको समझेंगे, थोड़ा सा, एक complicated, not very complicated, but yes, not so simple, so that is ginger, तो ginger जो है, ginger is basically a modified stem, ginger क्या है, ginger एक modified stem है, clear, तो ginger में आपको nodes भी देखने को मिलेंगे, और ginger में आपको inter nodes भी देखने को मिलेंगे, right, तो अब यहाँ पर ना nodes में, आप देखोगे कि अगर ये एक stem है, ठीक है, अगर stem होती है, तो stem में मान लो यहाँ पर एक ये node है जहाँ से leaf arise हो रही है, clear, तो यहाँ पर आउट ग्रोथ आपको देखने को मिलती है या बड़ फॉरमेशन आपको देखने को मिलती है तो यहाँ पर आपको एक एक्जिलरी बड़ देखने को मिलेगा तो यह जो बड़ है ना इसी से रूट और शूट्स डेवलप होते हैं तो जब भी फार्मर्स को जिंजर को ग्रोथ करना होता है तो वो एक छोटा सा पीस ले लेते हैं जिंजर का जिसमें एक्जिलरी बड़ हो और उसको सॉयल में लगा देते हैं सॉयल में लगाने के बाद उसको फ्रीक्वेंट इंटरवल्स पर पानी की सप्लाई दी जाती है उसको मेनियॉर्स दिये जाते हैं और फाइनली इस बड से एक कम्पलीट प्लांट ग्रो हो जाता है अब इसमें एक और चीज अगर आप देखोगे अगर आपने कभी ध्यान से जिंजर को देखा एक अच्छा सा ग्रो हुआ जिंजर अभी मेरे पास है नहीं तो मैं आपको जरूर दिखाती तो अगर आप देखोगे ना तो उसमें आपको ना एक अलग सी डार्क ब्राउन सी लेयर जो उसका छिलका होता है उसके भी उपर एक चोटी चोटी डार्क ब्राउन सी लेयर आपको दिखाई देत इनका size जो है ना वो बहुत reduce हो गया है, so these leaves have reduced their size a lot, right, so this is reproduction by stem जो हमें ginger में देखने को मिलती है, now the next type of reproduction by stem is potato, तो हम potato के example से समझेंगे, तो आलू, सबने देखा है अपने घर में, तो आलू में भी ना आपको कई बार उपर कुछ white colored outgrowth सी दिखाई देती है, right, इसी आलू को जादा दिन गरम और एक humid condition में रहने दो तो आपको ऐसे छोटे छोटे plants grow होते हुए दिखाई देते हैं so this is all this is basically the reproduction by stem तो stem जो है ना वो खुद ही reproduce करने लग जाती है so potato is again a modified stem potato क्या है potato भी एक modified stem है जिसमें हमें ये चोटे चोटे यहाँ पर ये जो eyes दिखाई देते हैं, potato की eyes जिनने हम बोलते हैं, so basically they are the vegetative बड़्स जिनने हम आईज बोलते हैं जो वाइट कलर की हमें आउट ग्रोथ दिखाई देती है राइट तो अगर आप इस आईज वाले पोर्शन को कट करके एक मॉइस्ट सॉयल में डालोगे एक हूमिड कंडिशन में तो वहाँ पर इन ही आईज से इन बड़्ज से ही एक न तो अनियन आप सबने देखा है, तो यह जो अनियन की यह वाली जो चीज है, जो हम सबजी में यूज करते हैं, या फिर हम इसको सैलेड में यूज करते हैं, तो यह जो अनियन है, तो यह जो अनियन है, तो यह जो अनियन है, तो यह जो अनियन है, तो यह जो अनियन है, तो यह जो अनियन है, तो यह जो अनियन है, तो यह जो अनियन है, तो यह जो अनियन है, तो यह जो अनियन है, तो यह जो अनियन है, तो यह जो अनियन है, तो यह देखते हो दीज आट द रूट तो अनियन भी क्या है अनियन भी एक मॉडिफाइड स्टेम है ठीक है तो अनियन भी क्या है एक मॉडिफाइड स्टेम है जिसका काम है फोड की स्टोरेज करना और दूसरा वेजिटेटिव ली प्रोपागेट करना तो दीज है और सर्टन एक्सांपल्स ऑफ री प्रोडक्शन बाय स्टेम अ Let us now talk about the next type of natural vegetative propagation. Now the next is reproduction by leaf.
Leaf, मतलब हमने अब reproduction करानी है through leaves. तो इसका बहुत ही एक famous example है, Brio phylum. तो Brio phylum जो plant है वो हमें कुछ ऐसा दिखाई देता है.
तो इसमें अगर आप ध्यान से देखो ना, तो यहाँ पर कुछ आपको कुछ bud type दिखाई दे रहे हैं, ठीक है, तो और इसको ज़रा detail में देखें, तो आपको एक पत्ते में ना ऐसे buds दिखाई देते हैं, ठीक है, तो यहाँ पर हमें क्या दिखाई दे रहे हैं, ऐसे कुछ buds, अब अगर आप इस bud को यहाँ से निकालते हो, तो इन ही buds से, इन buds को बुलाते हैं हम, adventitious buds, तो ये जो buds होते हैं न, ये जो margins पे होते हैं, लीव की margin पे, ये जब moist soil में गिरते हैं, और favorable conditions आती हैं, तो इन buds से एक complete plant grow हो जाता है, so this is how reproduction by leaves happen, clear, तो ये तो simple था, इसका main जो आप, आपको याद रखना है देट इज एग्जांपल तो ब्रायोफाइलम की जो लीफ है उसके मार्जिन पर छोटे-छोटे एडवेंटिशस बड़ ग्रो होते हैं और यह जो बड़ है वें देफ ऑन द ग्राउंड इन अमॉज़ड सॉयल एंड वें देट द फेबरेबल कंडिशन देग्रो इंटू व कंप्लीट प्लाट नैचरल वेजेटेटिव प्रोपगेशन का थर्ड मेथड द रीप्रोडक्शन बाय रूट रूट हमने स्टेम देखा लीफ देखा अब रूट में क्या होता है कुछ रूट कुछ प्लांट की रूट्स ऐसी होती हैं जैसे कि यह जो पिक्चर आप देख रहे हो स्वीट पोटेटो तो किस-किसने स्वीट पोटेटो आया है स्वीट पोटेटो इस वेरी रिच इन स्टोर्ड फूड ठीक है तो यह जो स्वीट पोटेटो है ना यहां पर क्या होता है इस वेरी-वेरी रिच इन स्टोर्ड फूड एंड इट इस केपेबल ऑफ गिविंग राइस टो अनुव प्लांट तो यहां पर क्या होता है कि डेवल आप से न्यूमरेस लार्ज स्वॉलन फ्लेशी रूट्स अ तो काफी fleshी roots ये develop करते हैं और इन roots में बहुत जादा food होता है इनके अंदर, तो ऐसी जो roots होती हैं ये खुद से ही एक नए plant को grow करने में help करती हैं, वैसे ही इसमें एक बहुत ही अच्छा example है that is carrot, which is basically a bineal plant, कौन सा plant है, by bineal plant, ठीक है, तो ये एक bineal plant है, मतलब कि 2 साल में एक बार हमें इसकी फसल मिलेगी, तो ये जो carrot होता है, carrot भी root से ही grow करता है, तो roots जो होते हैं, वो पहले साल में roots grow होंगी, फिर उन में food store होगा उन roots के अंदर, carrot में, और अगले साल, जो second year आएगा, उसमें flowers आएंगे, seeds आएंगे, और finally, उसके बाद दो साल बाद ये पौधा जो है वो मर जाएगा तो यहाँ पर roots में ही होता है इनका bud और इसी bud से नया plant produce होता है clear तो I hope ये भी आपको clear हुआ है कि कैसे roots से एक नया plant आता है naturally vegetative propagation से ठीक है तो vegetative propagation था क्या recall करें फिर से एक ऐसा method है reproduction का जिसमे plant seed से grow नहीं करता है वो grow करता है कुछ vegetative parts है जिनने हम propagules बुलाते हैं ये vegetative parts है stem, roots and leaves ठीक है तो समझ आ गया तो अब कुछ advantages और कुछ disadvantages देखते है natural vegetative propagation method के now coming on to the advantages of the vegetative propagation now coming on to the advantages of vegetative propagation तो vegetative propagation तो देखो एक ऐसा method है जिससे थोड़े से time में हमें plants मिल जा रहे हैं ठीक है दूसरा जो नए plants हैं वो बहुत फास्ट स्प्रेड हो रहे हैं एक छोटे से एरिया में अब जैसे हमने ग्रास की ही बात की थी तो ग्रास क्या है वह ऑरिजन्टली ग्रो कर रहा था ग्राउंड पर तो जब वह ऑरिजन्टली ग्रो कर रहा था तो जहां पर भी नोड सॉयल से टच हो रही थी वहां पर रूट्स और शूट्स की डेवलपमेंट हो जा रही थी राइट तो मतलब एक छोटे से टाइम एक छोटे से एरिया में फटाफट से क्या हो रहा है नई नई प्लांट आ रहे हैं थर्ड इस शुर्व मेथेड ऑफ प्रोपगेशन क्योंकि नैचुरल है कोई ह्यूमन एफर्ट ऐसे चैनल ही इसमें तो यहाँ पर ना एक ऐसा method है जिससे हमें पता है कि for sure हमें नए plants मिल जाएंगे the fourth is good characters of parent plant are retained मतलब अब एक parent plant है उसी से नए नए नए plants बनते जा रहे हैं तो अब जो खासियत जो अच्छी बाते इस नए plant में है sorry इस mother plant में या parent plant में है वो for sure daughter plants में आएंगी ही आएंगी तो दिजा द सर्टन एडवेंटेजेस ऑफ वेजिटेटिव ट्रॉपगेशन से लेट इस टॉक अबाउट सर्टन डिसएडवेंटेजेस तो लेकिन कुछ कुछ कमियां भी हैं इसमें तो सबसे पहले है कि सारे के सारे प्लांट वह बिल्कुल वैसे होंगे जैसे उनका पेरेंट प्लांट होगा तो अभी हमने बोला कि अगर मान लो कि कोई खासियत है इस प्लांट में से न्यूट्रीशन में ना ये मदर प्लांट बह� आपकर ली ठीक है तो कैरेट है यह बहुत ही न्यूट्रीशियस है तो यह जो न्यूट्रीशियस है ना यह सभी प्लांट में जाएगा यह सभी डॉटर सेल्स में सेम न्यूट्रीशियनल क्वालिटी हमें देखने को मिलेगी लेकिन मान लो कि इस पेरेंट प्लांट में ना कोई डिजीज तो अब मान लो कि यह पेरेंट प्लांट है ना इसको कोई डिजीज है तो अब यह जो डिजीज है ना यह भी साइमल्टेनियसली सारे ही प्लांट को अफेक्ट करेगी या कोई डिजीज फैल जाती है जिससे parent plant susceptible है मतलब वो बहुत easily वो parent plant catch कर ले रहा है वो disease तो अगर वो catch कर ले रहा है तो जितने भी daughter cells हैं सबी के सबी उस disease को उतने ही easily catch कर लेंगे ठीक है so this is one of the disadvantage तो अगर एक plant खराब हुआ ना तो it is like 99% की बाकी सारे भी खराब हो जाएंगे तो basically वो पूरी फसल ही खराब हो जाएगी second daughter plants tend to remain restricted to a particular area leading to competition of resources अब देखो क्योंकि vegetative propagation है naturally हो रही है तो क्या होगा एक ही field है उस field में मतलब एक छोटा सा area है उसी area में आसपास same ही plants grow करेंगे अब क्योंकि same plants grow कर रहे हैं तो यहाँ पर क्या होगा same plants है उनकी सेम रिक्वायरमेंट्स है उनको धूप भी एक बराबर चाहिए उनको पाने भी एक बराबर चाहिए उनको न्यूट्रियंट्स भी एक बराबर चाहिए तो यहां पर इन ही प्लांट्स के अंदर कॉंपेटिशन शुरू हो जाएगा कि मुझे पानी चाहिए मुझे न् तो बढ़े आगे artificial methods की तरफ Now let us start with artificial vegetative propagation तो artificially भी हम कुछ plants को vegetatively propagate कर सकते हैं तो सबसे पहला जो हमारा method है that is cutting तो जैसा इसका नाम है हम कुछ cut कर रहे हैं तो हम यहाँ पर usually क्या cut करते हैं हम stem को cut करते हैं और हम stem में ये ध्यान रखते हैं कि इस stem में क्या होना चाहिए इस stem में होना चाहिए auxiliary buds होने चाहिए, right? तो कुछ ऐसे buds जो axial position पे हो, तो एक बार फिर से मैं explain कर रही हूँ axial position, so if this is the stem and say this is the node जहां से एक leaf arise हो रही है, यहाँ पर, so this position is called as axial, और यहाँ पर कुछ buds होते हैं, so they are the auxiliary buds, तो, यह एक्जिलरी बड होना चाहिए और अब इस एक्जिलरी बड को जब आप किसी मॉइस्ट सॉयल में डालोगे या फिर आप इसको कहीं पर से वाटर में डालोगे तो वहाँ पर रूट्स और शूट्स की डेवलप्मेंट शुरू हो जाएगी तो यह बहुत कॉमली हम करते हैं अपने घरों में मनी प्लांट के साथ वैसे ही और भी बहुत सारे प्लांट्स हैं जैसे कि शुगर केन है रोज चाइना रोज और लेमन इन सब को हम कटिंग के थूँ रीप्रोडूस कर सकते हैं तो लेरिंग में क्या होता है लेरिंग में हम एक स्टेम को खींचते हैं और उसको हम सॉयल के अंदर डाल देते हैं ठीक है तो बेसिकली अगर ये मेरा एक parent plant है तो हम क्या करेंगे हमने इसकी एक ये branch खींची और इस branch को हमने pull किया और हमने इस branch के कुछ portion को हमने सॉयल के नीचे डाल दिया ठीक है तो अब इस सॉयल में भी अब इस ब्रांच में भी एक चीज है जो यहां पर भी होने चाहिए क्या होना चाहिए इस ब्रांच में होना चाहिए auxiliary bud ठीक है तो यहां पर भी auxiliary bud होना चाहिए तभी यहां पर भी roots और shoots का development शुरू होगा clear तो अब जब आप इसको ऐसे खीचोगे से यहां पर था auxiliary bud तो यहां पर roots की development शुरू हो जाएगी और धीरे धीरे अब हमें shoots भी develop होते हुए नजर आएंगे मतलब soil के नी� So this is also one of the method, ये बहुत common हम देखते हैं mint में, rose में और jasmine में, right? तो examples सब के याद रखने हैं, कोई भी ऐसा example आपको, कोई भी ऐसा plant आपको समझ नहीं आता कि इसमें कौन सा artificial propagation का method हम use कर सकते हैं, so you know that you have ask question section to ask your doubts, so please ask your doubts on ask question section, ठीक है?
तो चलो आगे बढ़े, so this is layering, तो basically हमने एक branch को खींचा, मिट्टी के नीचे दबा दिया, और अब यहाँ पर axillary bud होना चाहिए, तो वहाँ से development शुरू हो जाएगी, roots और shoots की, simple था समझने के लिए, now the next one is grafting, it is very interesting, यहाँ पर दो terms है न, उनको आपको बस ध्यान में रखना है, so the third type is grafting, mango और guava में देखने को मिलता है, तो यहाँ पर क्या होगा न, यहाँ पर दो एक तरह से ब्राज, एक तरह से दो स्टेम होती हैं, एक वो स्टेम होती है, जो सॉयल में होती है, मतलब वो पार्ट स्टेम का, जो सॉयल में लगा हुआ होता है, और उसके पास अपनी रूट्स होती है, एक तो वो हो गया, दूसर जिसके उपर हम कुछ और लगा रहे हैं, so that is stalk, ये वाला जो soil से already attached है, so this is stalk, और वो stem का part, जिसे हम उपर से लगाते हैं, दूसरी stem के उपर, उसे हम बोलते हैं, skion, right, तो ये वाला जो part है, this is skion, और skion में ही हमें देखने को मिलते हैं, buds, तो हम यहाँ पर क्या कर रहे हैं, हम इस जगह पर हम इसको अच्छे से टाइ भी कर देते हैं, इसमें वैसलीन की भी एक लेयर लगा देते हैं, ताकि किसी भी तरह का इंफेक्शन जो है, वो इस particular stem में या branch में ना जाए, right? So, दो terms कौन सी याद रखने वाली हैं, एक तो है stock और दूसरी है skyn, तो वो parent plant जो receive कर रहा है दूसरी stem, जो soil से attached है, that is stock. और जो हम एक नया stem उपर से, एक नया branch या stem हम introduce कर रहे हैं, so that is sky n, clear?
तो समझ आ गई ये बात, और इसी में जो उपर वाला portion है, that is sky n, उसी के पास होते हैं, buds, क्या होते हैं उसके पास? buds, clear हो गई बात? तो ये इतनी सी बात समझ आई, now अगर हमें किसी भी किसी भी एक particular plant को अगर हम graft कर रहे हैं, तो उस graft को अगर हमें successful बनाना है, तो हमें कुछ चीज़ों का ध्यान रखना पड़ेगा, उसमें सबसे important है cambium की layers, मतलब ये जो पानी का transport होता है, और खाने का transport होता है, ये जो पूरा system है न, ये जो पूरा layer है न, ये काफी close contact में होना चाहिए एक दूसरे से, अगर ये close contact में नहीं होगा, ट्रांसफर नहीं होगा ना पानी का ट्रांसफर होगा ना खाने का होगा तो यह हमारा ग्राफ्ट सक्सेसफुल नहीं होगा तो इफ यू रीकॉल हमने फर्स्ट चैप्टर में भी पढ़ा था कि कुछ इस तरह होते हैं पूरी पाइपलाइन होती है हमारे प्लांट्स में नी ठीक है तो हमें ये ध्यान रखना है कि ये जो हमारा cambium है तो cambium is basically ये xylem और phloem वाला पूरा एक network ठीक है तो ये जो network है ये एक दूसरे के एकदम ऐसे close contact में आना चाहिए ठीक है अगर ये close contact में होगा तब ही क्या होगा तब ही पानी उपर जाएगा और तब ही जितना भी food वो ऊपर से नीचे की तरफ को transport होगा, so this is very important, अगर plant को grow करना है, तो उसको पानी, और उसको खाना भरपूर चाहिए, और वो भी उसका जो movement है, जो transport है water and food का, वो बहुत smooth होना चाहिए, so this is very important point to take care, while doing all these things, while we are grafting something, ठीक है, तो समझ आ गया तो रोज में भी अगर आपने कहीं कहीं देखा होगा तो ऐसे दो cuttings होती हैं जिनने आपस में जोड़ दिया जाता है तो इसको अच्छे से टेप से जोड़ा जाता है और बाहर वो gel या wax भी लगा दिया जाता है ताकि किसी भी तरह का bacterial infection ना हो तो I hope यह आपको समझ आया है तो बढ़ते हैं आगे let us now talk about micro propagation तो micro propagation जो है ना वो एक plant tissue culture technique है मतलब यहाँ पर ना प्लांट्स के टिशूज को हम कल्चर करते हैं और एक नया प्लांट ग्रो कर देते हैं उगा देते हैं ठीक है तो यहां पर सेल्स को कल्चर करने की एक टेक्निक है यह सोइट इस थे प्रोपगेशन ऑफ प्लांट बाय टिशू कल्चर टेक्निक तो इसमें हम क्या करते हैं हम बनाते हैं एक कल्चर मीडियम तो जैसे हमने यह एक को निकल फ्लास्क लिए है तो यह कौन जैसी होती है तो इसे हम बुलाते हैं को निकल फ्लास्क ठीक है तो यह है को निकल फ्लास्क अ इस कोनिकल फ्लास्क में हम एक न्यूट्रियंट मीडियम डालते हैं मतलब एक ऐसा मीडियम डालेंगे जिसमें हर एक रिक्वायर्ड न्यूट्रियंट हो अब ये हमें कैसे पता चलेगा? ये हमें तब पता चलेगा जब हम अपने प्लांट को स्टडी करेंगे जो सेल्स, जिस प्लांट के सेल्स हम ग्रो करने वाले हैं उन सारी स्टडी करने के बाद हम एक मीडियम बनाते हैं ग्रोथ के लिए उन सेल्स की ग्रोथ के लिए सो देट इज द कल्चर मीडियम ठीक है तो उसको हम बुलाते हैं कल्चर मीडियम तो अब यहां पर हम क्या करेंगे हम एक एक्सप्लांट लेंगे जिसे हम शूट एपिक्स भी बोलते हैं मतलब हम बेसिकली एक ऐसी चीज लेंगे एक ऐसा पार्ट लेंगे अपने प्लांट का जिससे हम अ एक नया प्लांट ग्रो कर सकते हैं एक सूटेबल पार्ट एक डिजाइड प्लांट पार्ट लेंगे अब हम इस पूरे के पूरे सिस्टम को ना टाइटली प्लग कर देंगे कॉटन प्लग लगा देंगे मतलब हमें ना किसी टाइप की कंटाइमिनेशन नहीं चाहिए अपने मीडियम है तो हम इसको प्रॉपरली सील कर देंगे इसके माउथ को अब इसके बाद क्या होगा इसके बाद जब हमने प्रॉपर न्यूट्रेन मीडियम दे दिया पूरी कंडिशन भी थी लाइट हर चीज हमें proper इसका ध्यान रखना पड़ेगा artificial light हम यहाँ पर देंगे तो अब क्या होगा अब ये जो cells थे जो हमने initially as explant डाले थे न now they will start dividing और जब वो divide करते जाएंगे तो अब हमारे पास एक mass बन जाएगा cells का and that mass of cells is called as callous so what is callous so callous is mass of तो एक्स प्लांट जो है वो कैलस बन जाएगा अब उसके बाद क्या होगा अब धीरे धीरे ये ग्रो करता रहेगा ये जो सेल्स हैं अब ये डिफरेंशेट होना शुरू हो जाएगे सो नाओ इट इस दे स्टेज वेन वी कॉल इट अज प्लांट लेट्स अब प्लांट लेट्स के बाद इसको हम थोड़ा सा जिसे 4 to 6 weeks के लिए we will let it inside that culture medium इसको grow होने देंगे and finally after 4 to 6 weeks we will take this plantlet out and we will place it in the soil ठीक है तो इसके बाद जो next step आएगा वो होगा soil में इस plantlet को डालना so plantlet in the सॉइल सब्लाइट लेट इस पूट इन द सॉइल राइट तो अब सॉयल में यह प्लांट जो है यह पूरा ग्रो हो जाएगा लिया सो दिस इज हाउ माइक्रो प्रोपगेशन इस टाइम तो आपको समझ आ गया हम क्या करेंगे हम एक एक्स प्लांट देंगे जिसमें हमारा डिजाइड सूटेबल प्लांट पार्ट है अब हम उसको कल्चर मीडियम में डालेंगे कल्चर मीडियम में डालने के बाद उसको सूटेबल कंडीशन देंगे अब यह सेल्स डिवाइड करते जाएंगे और मास ऑफ सेल्स बना देंगे जिसे हम callus बुला रहे हैं callus further differentiate करेगा और अलग-अलग plant parts अब हमें दिखना शुरू हो जाएंगे तो मतलब अब ये जो cells जो हमने start किया था cells से जो journey start की थी अब वो हमें एक छोटे से plant जैसा दिखना शुरू हो जाएगा so now it is the stage when we call it as plantlet, plantlet को 4-6 हफते के लिए अभी हम इसी medium में रहने देंगे और finally इसको निकाल के हम soil में डाल देंगे तो इस प्लीट टेकनिक एस कॉल्ड एस माइक्रो प्रोपगेशन एंड दिस इस प्लांट टिशू कल्चर टेकनिक बात समझ आ गई तो चलो आगे बढ़ते हैं एक फ्लो चार्ट के थ्रू इस पूरी situation को condition को हम समझते हैं तो let us understand this process of micro propagation using simple steps ठीक है तो micro propagation में हमने सबसे पहले क्या किया हमने एक छोटा सा plant part लिया जिसे हमने बुलाया x plant तो ये क्या था ये एक suitable plant part था जिसमें vegetative buds थे और इस buds से roots और shoots develop हो जाए ठीक है तो यह एक सूटेबल पार्ट है हमारे प्लांट का जिसे हमने एक्स प्लांट बुलाया है अब इस एक्स प्लांट को हम ट्रीट करेंगे कुछ केमिकल्स के साथ कुछ स्टेरलाइजेशन केमिकल्स के साथ मतलब कुछ ऐसे केमिकल्स जिस जो प्रिवेंट करते हैं ग्र को treat करना पड़ता है कोई sterilization chemical से उसके बाद इनको हम culture कर देते हैं कुछ nutrient medium में ठीक है अब हमने क्या किया था हमने proper medium बनाया ठीक है जहां पर हमने अपने इस sample को या इस explant को हमने डाल दिया explant को यहाँ पर डालने के बाद कुछ time बाद हम देखेंगे कि cells grow होना शुरू हो जाएंगे और धीरे धीरे हमें एक mass of cells मिल जाएगा और यह बात करता है कि यह बात करता है कि यह बात करता है कि यह बात करता ���ै कि यह बात करता है कि यह बात करता है कि यह बात करता है कि यह बात करता है कि यह बात करता है कि यह बात करता है कि यह बात करता है कि यह बात करता है कि यह बात करता है कि यह बात करता है कि यह बात करत तो ये जो hormones होते हैं या ये जो growth regulators होते हैं, ये इस callus की growth में help करते हैं, faster growth में help करते हैं, फिर हम देखते जाएंगे कि ये callus जो है, ये जो mass of cells था, जो हमें initially सिर्फ mass of cells लग रहा था, वो grow कर रहा है और differentiate करना शुरू हो गया है, तो हमें इससे different different plant के parts दिखना शुरू हो जाएंगे, जैसे हमें stem अलग दिख रही होगी, buds अलग दिख रहे होगी, leaves अलग grow होती हुई दिख रही होगी, फिर roots अलग दिख रही होगी, तो scalace जो है वो differentiate होना शुरू हो जाता है, into different plant parts, and at this point, we call this as plantlet, ठीक है, एक छोटा सा plant, that is plantlet, clear, अब, इसको हम 4-6 हफ़ते के लिए इन plantlets को वहीं रखते हैं उसी nutrient medium में उसको required conditions और nutrients देते जाते हैं और after 4-6 weeks हम क्या करते हैं उनको निकालते हैं और soil में grow करना शुरू कर देते हैं तो इस पूरे process को हम बुलाते हैं micro propagation और यह काफी important है अगर हमें कोई ऐसा plant grow करना है जो वैसे नाचरली वो किसी disease से affected रहता है ठीक है तो अगर हमें यहाँ पर disease free stock को अगर हमें grow करना है multiply करना है तो उस case में micro propagation एक बहुत ही suitable technique है and this micro propagation is basically an artificial vegetative propagation क्योंकि initially हम start किसे कर रहे हैं nutrient medium से हमने उस nutrient medium में हर एक वो चीज़ डाली है जो plant को चाहिए grow होने के लिए initial time पर, ठीक है, और अब क्योंकि हमने artificially पूरा medium बनाया है, इसलिए हम इसको artificial vegetative propagation बुलाते हैं, clear, तो समझ आ गई सबको, तो ऐसे ही कुछ plants जिनने हम micro propagation की help से propagate करते हैं, वो हैं, कुछ ये, तो सबसे तो और कितने सुन्दर ब्यूटिफुल से जो फूल होते हैं हम इनको माइक्रो प्रोपगेशन से प्रोपगेट कर सकते हैं देखने नेक्स्ट वन इस प्राइस एंटर मम प्राइस एंटर मम ठीक है देखने नेक्स्ट वन ओवर यह देख यू केंसी इस ब्लैडी ऑल इस फ्रेंड प्लांट विच प्रोपगेट यूजिंग माइक्रो प्रोपगेशन मेथड नाओ लेट इस टॉक अबाउट द बेनिफिट्स ऑफ प्लांट टिशू कल्चर टेक्निक तो यह जो अभी हमने माइक्रो प्रॉपर्गेशन टिक्निक पड़ी विच इस बेसिकल प्लांट टिशू कल्चर टेक्निक तो इसकी बेनिफिट्स क्या है सबसे पहला कि यह एक ऐसा प्रॉसेस है जिसमें हमने न्यूट्रेन मेडियम यूज किया है तो हम रैपिडली कुछ आइडेंटिकल इंडिवीजुअल्स बना सकते हैं मतलब फास्ट हम कुछ इंडिवीजुअल्स को प्रोड्यूस कर सकते हैं जो एक जैसे दिखते हो और यह बहुत ही important है या बहुत ही productive technique है superior varieties बनाने के लिए दूसरा यहाँ पर जो भी plants हैं जिनके seeds dormant होते हैं तो इन seeds में ही क्या होता है seeds के अंदर क्या होता है seeds के अंदर होता है embryo तो इस embryo को हम क्या कर सकते हैं इस embryo को हम culture कर सकते हैं और culture करने के बाद हम इसको micro propagate कर सकते हैं तो हमारे पास हम इनको suitable conditions देके इस embryo को suitable conditions देके हम इससे फटा फट से rapidly कुछ identical आइडेंटिकल इंडिवीजुअल्स बना सकते हैं ठीक है समझ आई बात तो हमने बेनिफिट्स ने कि प्लांट टिश्यू कल्चर टेक्निक के अब हम आते हैं लिमिटेशंस पर तो जो भी हमारे पास टेक्निक है या जो भी हमारे पास चीजें हैं उनके बेनिफिट्स है तो उनकी लिमिटेशंस भी है अब जैसे अगर हम इस प्लांट टिश्यू कल्चर टेक्निक की बात करें तो यह एक बहुत ही साइंटिफिक टेक्निक है तो हमने क्या किया था हमने एक मीडियम बनाया अ एक culture medium बनाया, उस medium में हमने cells को grow कराया तो देखो अब जो plant हम grow करें हैं, जिन cells को हमें grow करना है हमें सबसे पहले ये समझना पड़ेगा कि उस particular cell को या उस particular plant को चाहिए क्या, खाना क्या चाहिए तो वो जो खाना है ना, उसकी जो requirements हैं वो हमें समझनी पड़ेगी उसको धूप कितनी चाहिए, उसको पाने कितना चाहिए, उसको nutrients कौन-कौन से चाहिए और कितनी quantity में चाहिए तो अगर हम एक बार recall करें, हमने पढ़ा था macro and micronutrients, कुछ ऐसे nutrients जो एक कम quantity में हमें चाहिए होते हैं, they are the micronutrients, कुछ ऐसे nutrients जो हमें थोड़ी जादा quantity में चाहिए होते हैं, they are the macronutrients, तो यहाँ पर ना एक quick test है आपके लिए, जिसका answer आप मुझे chat box में दोगे, कि macronutrients क तो सब answer देंगे अच्छा तो यहाँ पर क्या था कि अगर यह जो हमारे पास required quantity है अगर इससे जादा nutrients दे दो या इससे कम दो तो दोनों ही चीज प्लांट की growth को affect कर रही थी ऐसा ही हो रहा था न तो यहाँ पर बहुत ही scientific expertise चाहिए मतलब हमें उसको deeply study करना पड़ेगा प्लांट को उसकी requirements को समझना पड़ेगा तभी जाकर हम एक culture medium बना पाएंगे और तभी हम उस plant को successfully grow करा पाएंगे तो सबसे पहली limitation ही तो यही है कि वो scientific expertise चाहिए a lot of scientific expertise is needed the next is it cannot be applied in all the cases तो आप हर एक plant को plant tissue culture से grow नहीं कर सकते हो clear next is it is नोट इजली अवेलेबल इन रिमोट एग्रीकॉल्चरल एरियास अब अगर आप अपने ही कंट्री में ले लो तो कुछ यह आपको स्काफी डेवलप्ट टेक्नीक्स काफी डेवलप्ट शीघ्र या केमिकल्स आपको हर चीज देखने को मिलेगी लेकिन वहीं पर आप कहीं रूरल सी किसी लाब में जाओगे ना वहां पर आपको हर एक चीज इजिल ही नहीं मिलेगी और ना ही ये हर जगा apply होती है ना ही इनको हर जगा apply करना इतना easy होता है so these are certain limitations that we see of plant tissue culture technique ठीक है तो I hope आपको ये बात समझ आई है तो इसके साथ ना एक quick question लेना बहुत important है ताकि आपको ये समझ आए कि कहां पर अभी कमी है और आपको और कितना समझना है तो कोई भी doubts हो, so you all know that you have to ask your doubts on ask question section of learnohub.com.
So now the question is, briefly explain why a gardener prefers to grow certain plants vegetatively. तो जल्दी से मुझे बताओ कि क्यों कुछ-कुछ gardeners या farmers ऐसे सोचते हैं कि हमें ना plants को vegetatively ही propagate कर देना चाहिए. तो specially me being a gardener, मतलब मुझे gardening का बहुत जादा shock है, तो मैं ये इसलिए सोचती हूँ क्योंकि एक तो मुझे यहाँ पर rapid propagation देखने को मिलती है ठीक है तो rapid propagation of plants होता है clear दूसरा मुझे पता है कि यहाँ पर पक्का ही मुझे ये plant जल्दी propagate होता हुआ दिख जाएगा ठीक है तो बहुत सारे मेरे घर में ऐसे ही plants हैं जिनको मैं vegetatively propagate करती हूँ कि कोई cutting से, कोई grafting से कैसे भी करके मैं उन plants को propagate करती हूँ so because I am very sure कि ऐसा हो जाएगा और मुझे एकदम identical plants देखने को मिलते हैं तो basically यहाँ पर वो सारे के सारे जितने भी आपने vegetative propagation के advantages पढ़े थे वो सारी चीज़ें आप यहाँ पर आके लिख दो So that is all about the why gardeners prefer to grow certain plants vegetatively. ठीक है?
So I hope यह आपको clear हुआ है. So I hope जितना भी आज हमने discuss किया है, इस session में वो आपको हुआ होगा crystal clear. तो अब हम मिलेंगे अपने next session में and till then as you know, लर्नोहा मतलब free है पर best है.