कि इस वीडियो में हम डिस्कस करेंगे क्लास नाइन के सब्जेक्ट साइंस का चैप्टर नंबर वन जिसका चैप्टर नंबर वन जिसका पार्ट वन और पार्ट वू पार्ट वन में हम डिसकस करेंगे चेप्टर के सभी कुनसेप्ट यानि की कम्प्लीट चेप्टर और पार्ट वू में डिसकस करेंगे जो भी इंपोर्टेंट कॉशियंस हैं या एक्स्ट्रा थिंक्स हैं इस चेप्टर के वो तो ये पार्ट वन है शुरू करते हैं चेप्टर में सबसे पहले आता है matter matter क्या है इसकी definition क्या है matter को हिंदी में पदार्थ कहा जाता है matter is a substance which have mass and occupies space matter हमारा कोई भी ऐसा substance जिसमें mass हो और जो space उकुपाई करे यानि कि जगह को गहरे उसे कहा जाएगा matter यहाँ पर मैं mass को थोड़ा सा explain कर देता हूँ mass का मतलब होगा कि जो भी हमारा substance है उसमें कितने number of atoms present है और जो भी number of atoms present होंगे यानि कि जो mass है इसको measure किया जाता है kilogram ठीक है basic unit इसकी kilogram में इसे measure किया जाता है और जो mass है वो constant होता है सभी जगह उपर अगर हमें चांद पर किसी, चांद यानि की मून पर किसी चीज़ी का हम mass करेंगे तो वो same रहेगा जितना earth पर होगा ठीक है, या फिर space में भी करेंगे तो same रहेगा हर जगह पर ठीक है, and matter is made up of tiny particles और जो matter है वो tiny यानि की छोटे-छोटे particles से बना है और particles के बारे में हम detail में पढ़ेंगे आने वाले sections में आगे तो matter के कुछ examples लेलते हैं जैसे की notebook पैन, स्टार, सन, प्लानेट, एर इन सभी चीजों में ये सभी चीजे जगहे भी घेरती है स्पेसो कुपाई भी करती है और इनका मास भी होता है तो ये सभी चीजे क्या होंगी? मैटर, ये एग्जाम्पल हो गए मैटर के ठीक है? नेक्स्ट है, करेक्टर स्केट्स ओफ पार्टिकल्स, जो पार्टिकल्स, जिन छोटे पार्टिकल्स से मैटर बना है तो इन पार्टिकल्स के कुछ विशेषताएं, इनके कुछ विशेष गुण क्या होते हैं?
तो first है इसमें सबसे पहला है they are continuously moving जो भी particles होते हैं matter के वो लगातार move करते रहते हैं move motion में रहते हैं ठीक है चलते रहते हैं या फिर गती में रहते हैं कह सकते हैं second है they having space between them जो भी particles हैं उनके बीच में खाली स्थान खाली जगह ब्लैंक स्पेस होता है ठीक है third they attract each other जो भी particles है matter के वो एक दूसरे को attract करते हैं attract करने का मतलब क्या होगा जैसे magnet iron को attract करती है इसी तरह से particles जो है matter के वो एक दूसरे को attract करते हैं लेकिन इसकी force जो है magnet जितनी तो नहीं होगी लेकिन उससे कम होती है तो उसी तरह की force से ये एक दूसरे को attract करते हैं अब next page पर जो ये character skits हैं particles के गुन है जो particles के इनको एक करके detail में पढ़ेंगे example के साथ ठीक है matter के particles का पहला character क्या था particles of matter are continuously moving जो भी matter के particles होते हैं वो लगातार move होते रहते हैं गती में रहते हैं हमेशा ठीक है तो इसको एक example activity से समझ लेते हैं किस तरह से ये moment में रहते हैं तो आपको करना क्या है एक glass water लेना है ठीक है और इस water को बिलकुल table पर रख दीजिए इसे बिलक तब उसमें 2-3 ड्रॉप इंक डाल देनी है कोई भी कलर की इंक को आपको उसमें डाल देनी है आप जब इसमें इंक डालेंगे ठीक है आपको बिलकुल भी हिलाना नहीं है पानी को तो ये इंक जो है वो धीरे अपने आप ही ऐसे धीरे इसमें 2-3 मिनिट में आप देखेंगे कि पानी में पूरे पानी में मिक्स हो गई है तो हमने तो फिर भी इंक इसमें कैसे mix हो गई क्योंकि जो भी water के particles हैं उनमें क्या है kinetic energy है ठीक है वो लगातार movement में रहते हैं तो जो भी particles है particles possess kinetic energy क्योंकि water के जो particles है उसमें kinetic energy है और kinetic energy responsible होती है किसी भी तरह की movement की तो जो भी water के particles हैं वो लगातार move कर रहे हैं ठीक है तो move करने की कारण ही जो इंक है वो इसमें uniformly बराबर हर जगे पर पहुँच जाएगी उसके बाद as the temperature rise particles move faster because kinetic energy increases और जैसे हम किसी भी particle sorry matter का जैसे ही हम temperature increase करेंगे कोई भी हमारे पास substance है उसका temperature increase करेंगे तो उसके particles की जो speed है वो भी increase हो जाएगी ठीक है और अगर हम temperature decrease करेंगे तो उसके particles की speed भी decrease यानि की कम हो जाएगी तो आपने notice किया होगा कि जब हम वोटर में शूगर को मिक्स करते हैं ठीक है वोटर में हम शूगर को मिक्स कर रहे हैं अगर हम होट वाटर गरम पानी में शूगर को मिक्स करते हैं तो वो बहुत जल्दी मिक्स हो जाती है अगर हम ठंडे पानी में मिक्स करते हैं तो वो थोड़ा जादा समय लेती है एस कमप जो भी particles की movement होती है वो minimum in solid solid में बिलकुल कम होती है more in liquid liquid में solid से जादा होती है और maximum in gases और gases में ये बहुत जादा होती है ठीक है तो matter के particles की second character skits क्या था उनकी second विशेष्टा क्या थी कि particles of matter having space between them जो भी matter के particles होते हैं उनके बीच में space यानि कि खाली जगह होती है इसे एक activity से समझते हैं आपको फिर से एक ग्लास पानी लेना है एक ग्लास पानी लेने के बाद आपको sketch pen से mark कर देना है जितना भी आपने पानी लिया है जितना भी उसमें पानी है उस level को mark कर देना है ठीक है उसके बाद आपको 2-3 चमच या तो sugar या फिर mix कर सकते हैं ठीक है जब sugar या salt पूरी तरह से इसमें mix हो जाए तो आपको फिर से water level check करना है तो आप देखेंगे कि water level जितना पहले था sugar add करने से पहले था और sugar पूरी तरह से mix होने के बाद water level उतना ही रहा water level नहीं बड़ा तो हमने तो इसमें sugar भी add की थी water level increase होना चाहिए थ water के जो भी particles हैं उनके बीच में क्या है space खाली जगए है और जो ये sugar थी sugar ने उसी खाली जगए को भर दिया इसलिए water के level में कोई भी increment यानि कि बढ़ोतरी नहीं हुई next है the space between the particles जो भी space होता है particles के बीच में वो minimum in solids solids में वो बहुत कम होता है more in liquids liquids में थोड़ा सा जादा होता है, and maximum in gases, और gases में सबसे जादा होता है, ठीक है, तो matter के particles का third character skits क्या था, third गुण क्या था, कि particles of matter attract each other, जो भी matter के particles होते हैं, वो एक दूसरे को attract, attract याने कि, एक दूसरे को अपनी तरफ खीचते हैं, या फिर कह सकते हैं, water tap यानि की null के पास, null जो होगा आपको इसको own करना है, own करने के बाद जैसे इसमें से पानी आना शुरू हो जाएगा, तो आपको पानी के बीच में आपको अपनी उंगली यानि की finger रखनी है, पानी के बहाव के बीच में, यह आपकी हो गई finger, तो पानी आपकी finger से टकराए� तो ये अलग हो जाएगा ठीक है लेकिन जैसे ही आपकी finger उंगली को ये cross करेगा तो ये वापस एक ही stream में इस तरह से जुड़ जाएगा ठीक है एक ही इसका बहाव एक ही हो जाएगा तो हमने यहाँ पर break किया break करने से पानी का बहाव अलग हो जाना चाहिए था attraction force के कारण यह stream यानि कि इसका बहाव वापस एक ही हो गया ठीक है और सिर्फ water में ही नहीं जो attraction force होती है यह सभी matters में होती है आपको एक और example दे देता हूँ तो आपको क्या करना है iron nail लेनी है ठीक है आपको एक iron nail लेनी है उसको strike करना है strike यानि कि hammer से उसे तोडने की कोशिश करनी है आप इस पर hammer से strike करेंगे तो यह नहीं तूटेगी ठीक है क्यों एक बार में नहीं तूटेगी हो सकता है दूसरी बार में भी ना तूटे ब्रेक ना हो तो ब्रेक ना होने का कारण क्या होगा कि जो भी iron nail में particles हैं iron के वो एक दूसरे को attract कर रहे हैं ठीक है attraction force के कारण ये break नहीं होगी ठीक है तो the force of attraction जो भी ये attraction force होती है ये maximum in solids solid में solids जो भी ठोस पदार्थ होते है ठोस matter होते है उनमें सबसे जादा होती है intermediate in liquids liquids में ये medium यानि कि ना तो कम ना जादा intermediate मतलब बीच में आता है liquid ठीक है तो liquid में ना ही जादा होती है ना ही और नेगलीजिबल इन गैसेज और गैसेज में हम कह सकते हैं कि यह जो अट्रैक्शन फोर्स है यह ना के बराबर होती है ठीक है गैसेज में ना के बराबर होती है इसलिए गैस जो है इजिली उड़ जाती है फ्लो हो जाती है ठीक है तो नेक्स्ट कॉन्सेप्ट आता है इस चैप्टर में हमारा स्टेट्स ओफ मैटर यानि कि मैटर की अवस्थाएं तो मेनली थ्री स्टेट्स ओफ मैटर होती हैं सोलिड लिक्विड और गैस तो इनको एक करके डीटेल में पढ़ते हैं सबसे पहले solid, तो solid का मतलब होता है हिंदी में ठोस, ठीक है, तो solid के जो particles होते हैं, वो कुछ इस तरह से होते हैं, जैसे यह एक blue dot है, उसको एक particle समझे, तो यह particles के बीच में space ना के बराबर है, या फिर कह सकते हैं बहुत कम है, ठीक है, तो इसकी first property आ रही है, इसका पहला ग� एग्जांपल के लिए आप टेबल देख सकते हैं आपके घर में होगा टेबल जो की अपने आप कभी भी अपनी शेप चेंज नहीं कर सकता है ठीक है तो उसकी शेप जो है वो निश्चित होती है इसी तरह से distinct boundaries उसकी boundaries भी निश्चित होती है वो कभी भी अपनी boundaries को आगे cross न जो भी solid होते हैं, वो कठोर होते हैं, ठीक है? थर्ड है, incompressible, solid के particles के बीच में space बहुत कम होता है, अगर space कम है, तो उसे compress नहीं किया जा सकता है, तो यह incompressible होते हैं, यानि कि इने compress दबाया नहीं जा सकता है, लास्ट है, definite volume, इसका आयतन, solid का जो आयतन होता है, वो definite यानि कि निश्चित होता है, निश्चित capacity. capacity इसकी कभी भी change नहीं होगी solid की, ठीक है, अब देखते हैं liquid, liquid के particles आप देख सकते हैं, इन में थोड़ा सा जादा gap होता है as compared to solid, ठीक है, space solid से जादा होगा, तो इसकी properties देख लेते हैं, no definite shape, liquid की कोई भी definite, निश्चित shape नहीं होती है, अगर आपके पास कोई भी liquid, liquid like example ले ल वोटर एक लिक्विड होता है, अगर आप उसे कप में डालोगे तो वो कप की शेप ले लेगा, जग में डालोगे तो जग की शेप ले लेगा, ग्लास में डालोगे तो ग्लास की शेप ले लेगा, तो इसकी कोई भी शेप नहीं होती है, जिस भी कंटेनर में इसे डाला जा� कोई भी लिक्विड है, लाइक वाटर ही एक एजामपल ले लिखते हैं, अगर आप उसको ओपन फ्लोर पर रखोगे लिक्विड को, तो वो क्या करेगा, उसकी कोई भी बाउंडरी हम क्लियरली यही नहीं बता सकते हैं, कि इसकी बाउंडरी क्या होगी, क्योंकि इसे जहां फोर्थ है low compressibility, इसके particles के बीच में space थोड़ा सा जादा होता है solid से, ठीक है, तो थोड़े से space को कम किया जा सकता है उसे compress करके, तो थोड़ा सा इसे compress भी किया जा सकता है liquid को, उसके बाद है definite volume, solid का भी जो आयतन है वो निश्चित होता है, यानि कि capacity उसकी definite होती है, निश्चि निश्चित होता है ठीक है अब देखते हैं गैस के पार्टिकल्स को आप देख सकते हैं इसमें थोड़ा मतलब बहुत जादा गैप है एस कंपेर्ट टू सोलिड और लिक्विड से अगर हम इसकी कंपेर करें तो सबसे जादा गैप किसके पार्टिकल्स में है गैस के पा दालते हैं तो वो balloon की shape ले लेता है अगर किसी भी container में डालेंगे तो वो उसी की shape ले लेता है तो इसकी कोई भी निश्चित shape नहीं होती है नो definite boundaries और इसकी कोई भी definite boundaries नहीं होती है जैसे कि हम एक beaker लेते हैं इसमें हम कोई air gas डालते हैं तो वो gas क्या होगी इस beaker को भी full कर देगी और इसके बाहर भी निकल जाएगी और दूर तक फैल जाएगी तो इसकी कोई भी boundaries नहीं होती है, कोई भी निश्चित इसकी सीमाएं नहीं होती है, कहीं पर भी ये जा सकती है, third है fluidity, जैसे कि liquid में भी fluidity, यानि कि बहाव होता है, इसी तरह से gas भी बहे कर एक जगे से दूसरी जगे पर जा सकती है, ठीक है, fourth है high compressible, high compressible यानि कि इसे compress, प्रेशर अप्लाई करके, क्यों, highly compressible क्यों है ये, क्योंकि इसके particles में जादा space है, जितना जादा space होगा उतनी ही high compressible होगी, ठीक है, last है no definite volume, solid का volume जो है निश्चित होता है, liquid का भी, लेकिन gas का जो volume है वो निश्चित नहीं होता है, ठीक है, अगर हम, मतलब एक हमारे पास छ तो वो गैस क्या करेगी बड़े कंटेनर को भी पूरी तरह से फिल कर देगी ठीक है तो इसका वोल्यूम यहां पर तो इसका वोल्यूम यानि कि आयतन कम था यहां पर आने के बाद जादा हो गया तो गैस का जो है वोल्यूम डेफिनेट नहीं होता है निश्चित नहीं होता ह कि जो भी हमारा matter है उसकी state यानि कि solid, liquid और gas उनमें किस तरह से changes किये जा सकते हैं यानि कि solid से liquid हम किस तरह से बना सकते हैं किसी matter को या liquid से gas या फिर इसे reverse किस तरह से कर सकते हैं तो इसके दो तरीके होते हैं matter की state change करने का फर्स्ट है by changing temperature अगर हम matter का temperature change कर दें तो उसे उसकी state change की जा सकती है और सेकिन्ड है by changing pressure अगर हम pressure apply कर दें या pressure कम कर दें तो भी matter की state change की जा सकती है example देखते हैं एक करके तो सबसे पहले देखते हैं by changing temperature temperature change करने से matter की state किस तरह से change की जा सकती है तो मान लीजिए हमारे पास कोई solid substance है कोई solid matter है अगर हम उस solid matter को heat करेंगे गरम करेंगे तो वो मान लीजिए हमारे पास लिक्विड मिल गया हमें वो, अगर हमने उसको फिर भी लगातार उसे हम हीट कर रहे हैं, तो वो क्या हो जाएगा, लिक्विड से गैस में चेंज हो जाएगा, एग्जाम्पल ले लेते हैं, जिससे आपको आसानी से ये समझ में आ जाएगा, तो हमा चेंज हो जाएगी ठीक है और उसके बाद वोटर क्या है एक लिक्विड और लिक्विड को हम लिक्विड वोटर को हम और हीट करते हैं लगातार हम हीट करते जा रहे हैं उसे तो उसमें से क्या होने लग जाएगा उसमें से वेपर्स निकलने लग जाएगे भाव निकलने ल लिक्विड से गैस में चेंज हो गया और इसी प्रोसेस को रिवर्स भी किया जा सकता है रिवर्स करने का मतलब क्या होगा अगर हमारे पास कोई गैस है उसका हम टेंप्रेचर कम करेंगे यानि कि उसे थंडा करेंगे तो वो लिक्विड में चेंज हो जाएगा अगर ह आप refrigerator के freezer में रखेंगे आप अपने, तो वो क्या हो जाएगा, ice में change हो जाएगा, वापिस यानि कि solid में, तो temperature change करने से हमने देखा कि matter की state किस तरह से change होती है, अब देखते हैं by changing pressure, pressure के change होने से matter की state किस तरह से change होगी, तो मान लेते हैं हमारे पास कोई gas है, ठीक है, अगर ह और जब इतने पास में आ जाएंगे जितना के लिक्विड के पार्टिकल्स होते हैं तो गैस जो है वो लिक्विड में चेंज हो जाएगी ठीक है और लिक्विड पे भी अगर हम प्रेशर अपलाई करते रहेंगे तो वो सोलिड में चेंज हो जाएगा एग्जाम्पल देख लेते हैं तो आपने इस तरह का जो लाइटर जो होता है वो देखा होगा तो इसके अंदर क्या होता है एक लिक्विड होता है जो कि एक गैस ही होती है अगर लिक्विड में होता है वो ठीक है अगर हम इस बटन को प्रेस करते हैं इस बटन को हम प्रेस करेंगे तो यहां से कोई गैस से निकलती हुई हमें दिखाई देती है तो यह लिक्विड जो है वो गैस बन जाता है क्यों? क्योंकि यह अंदर जो है वो लिक्विड गैस ही है इस गैस को पहले प्रेशर अपलाई किया गया है किसी कंटेनर में डाल के इस गैस पर प्रेशर अपलाई किया गया है और यह लिक्विड इस लाइटर के अंदर डाल दिया गया है जब हम इस पटन को प्रेस करेंगे तो इसमें से एक गैस निकलेगी वो वापस लिक्विड जो है वो वापस गैस में चेंज हो जाता है बिकोज प्रेशर जो है वो कम हो जाता है एट्मोस्फेरिक जो हमारे बहार का वो टेंप्रेचर नहीं प्रेशर प्रेशर जो है वो कम है तो जैसे ही लिक्विड को कम प्रेशर होगा इसका प्रेशर कम करेंगे गैस में चेंज हो जाएगा ठीक है इसी तरह से कोई सोलेड हमारे पास कार्बन डायोक्साइड CO2 कार्बन डायोक्साइड हमारे पास गैस होती है CO2 अगर हम यह solid होती है, solid गैस होती है, अगर इसका pressure कम कर दिया जाए, CO2 का pressure कम कर दिया जाए, यह होती है solid, अगर इसका pressure कम कर दिया जाए, तो यह direct gas में change हो जाती है, यह liquid form में नहीं जाती है, ठीक है, तो matter की states हम temperature से और pressure change करने से matter की state भी change कर सकते हैं, अब इनको थोड़ा detail So matter की state का temperature change करके किस तरह से उसकी state को change किया जा सकता है यह हम deeply पढ़ते हैं So by changing temperature change करके हम matter की state को किस तरह से change कर सकते हैं उसमें first है melting point Melting point यानि की the temperature at which a solid melt to form liquid at atmospheric pressure is called its melting point Melting point क्या होता है ऐसा तापमान जिस पर कोई solid melt यानि कि पिंगलना शुरू कर देता है और वो liquid बनने लग जाता है, atmospheric pressure यानि कि हमारा जो वातावरन है, जहां पर आप बैठे होंगे आपके चारो तरफ, जो वातावरन है, जितना pressure वहाँ पर है, उसी pressure पर, तो उसे का जाएगा उस matter का melting point, ठी तो इसे example से समझ लेते हैं, हमें क्या करना है, एक beaker में ice लेनी है, ice यानि की बर्फ, ठीक है, उसे burner के उपर रखना है, और उसमें एक thermometer भी रखना है, और सबसे पहले हमें क्या करना है, thermometer रखने के बाद उसका temperature, तो आप temperature देखेंगे कि ice का temperature जो है, वो 0 degree Celsius होता है, ठीक है, 0 आप देखेंगे कि कुछ देर बाद जो है वो आईस धीरे करके पिंगलना शुरू कर देगी ठीक है जब आईस आधी पिंगल चुकी हो फिर से हमें temperature note करना है तो आप देखेंगे कि temperature जो है वो अभी भी 0 degree ही है आधी बर्फ पिंगल चुकी है आधी आईस मेल्ट होने के बाद भी temperature 0 degree लेकिन हम तो इसे heat दे रहे हैं इसका temperature increase होना चाहिए था heat देने का मतलब क्या होता है जो भी जिस भी चीज़ को हम heat देते हैं उसका temperature increase होता है तो heat के कारण temperature increase नहीं हुआ क्यों नहीं हुआ because of latent heat of fusion और latent heat of fusion क्या होता है the amount of heat required to change 1 kg solid to its liquid state इतनी heat जो की 1 kg solid को उसकी liquid state में change करने के लिए जरूरत होती है उसे का जाता है latent heat of fusion तो यहाँ पर जो हमने heat दी है ice को ice ने उस heat का क्या किया उससे अपनी state change कर ली वो solid से liquid में change होने लग गया और उसका temperature जब तक 0 degree रहेगा जब तक कि last piece of ice आखरी ice का piece जब तक liquid में नहीं change हो जाता जब तक उसका temperature 0 degree ही रहेगा ठीक है matter की state temperature को change करके किस तरह से change की जा सकती है उसमें second है boiling point तो boiling point क्या होता है तो वेपर्स यानि की गैस की फोम में चेंज होने लगे अट्मोस्फेरिक प्रेशर यानि की हमारे नॉर्मल जो वातावरन होता है आपके चारों तरफ उस प्रेशर पर तो उसे कहा जाता है उस मैटर का बोइलिंग पॉइंट ठीक है उस टेंप्रेचर को उस मैटर का बोयलिंग पॉइंट कहा जाता है इसे एग्जांपल से समझते हैं आपको एक बीकर में पानी लेना है वोटर लेना है उसे बर्नर पर सेट करना है इस तरह से और एक थर्मोमेटर भी उसमें रखना है तो बर्नर शुरू कर जब हम इसे heat करें जब ये boil होना शुरू होगा तो हमें इसका temperature note करना है तो water का boiling point कितना होता है 100 degree Celsius जब ये boil होना शुरू हो जाएगा तो इसका temperature होगा 100 degree Celsius और इसमें से vapor भी निकलने लग जाएगे भाफ भी इसमें से निकलने लग जाएगी और हमें फिर भी इसमें लगातार heat देते रहना है ठीक है तो कुछ देर बाद जब इसका 100 degree Celsius temperature बोईल होना शुरू हो चुका होगा उसके कुछ देर बाद हम देखेंगे कि हम इसे लगातार heat दे रहे हैं लेकिन इसका temperature 100 degree Celsius से increase नहीं हो रहा है तो वो क्यों नहीं बढ़ रहा है because of latent heat of vaporization और latent heat of vaporization क्या होता है the amount of heat required to change वन केजी लिक्विड टू इट्स गैसियर स्टेट इतनी हीट का अमाउंट जो की एक केजी लिक्विड को उसकी गैस की स्टेट में चेंज करने के लिए यूज किया जाता है उसे कहा जाता है लेटेंट हीट ओफ वैपराइजेशन तो हंडर डिग्री जब ये बोयल शुरू तो उसी को कहा जाएगा latent heat of vaporization ठीक है matter की state temperature change करके किस तरह से change की जा सकते है उसमें third है sublimation sublimation क्या होता है the change of solid directly to vapor on heating and vapor into solid on cooling without passing through the liquid state called sublimation sublimation एक ऐसा process होता है जिसमें कोई solid जो है वो directly vapor यानि की gas में change हो जाए heat करने पर, यानि कि हम solid को अगर heat करेंगे, तो वो किस में vapor यानि कि gas में change हो जाए, बिना liquid में change हुए, तो उसे का जाएगा sublimation, और सिर्फ इसे ही नहीं, अगर कोई vapor, vapor यानि कि कोई gas, वो direct solid में change हो जाती है, जब हम vapor को थंडा करते हैं, वो solid में change हो जाए, तो उसे भी sublimation ही कहा जाएगा, बिना liquid में change हुए ये process होता है, यानि कि कोई solid, as for solid, चेंज हो जाए डिरेक्ट गैस में तो उसे का जाएगा सब्लीमेशन और कोई गैस यानि कि गैस कोई भी गैस अगर सोलिड में चेंज हो जाए एसफॉर सोलिड में चेंज हो जाए तो इन दोनों प्रोसेस को का जाएगा सब्लीमेशन एग्जांपल देखते हैं इसका एग्� solid ammonium chloride इसमें हमें रखना है और इसे heat करना है burner की सायता से, heat करने से पहले इस पर एक funnel, funnel यानि की keep जो होती है उसको उल्टा करके रख देना है और इसका जो नीचे वाला part होता है उसमें cotton plug, रूई डाल देनी है ताकि इसमें से कुछ भी vapors जो हैं वो बहार ना निकल पाएं, vapor में इसमें से भाफ निकलने लग जाएगी, यह भाफ यानि कि gas में change हो जाएगा, vapor में change हो जाएगा, उसके बाद जब यह vapor में कुछ change हो जाए, उसके बाद हमें burner को कर देना है, बंद, burner जैसे ही हम बंद करेंगे, उसके कुछ देर बाद आप देखेंगे कि जो vapor हैं, वो इ वापस solid form में change हो जाएंगे तो यहाँ पर आपको एक solid substance मिलेगा ठीक है तो यहाँ पर आपने देखा कि ammonium chloride जो कि एक solid होता है direct vapor में change हो जाता है यानि कि gaseous form में और जो gas यानि कि vapors होते हैं जब वो ठंडे surface से तकराते हैं तो वो वापस solid में change हो जाते हैं तो इसी तरह के process को का जाता है sublimation ठीक है और कई ऐसे substance होते हैं कई ऐसे matter होते हैं जो direct solid से gas में या फिर gas से solid में change हो जाते हैं, जैसे इसके examples हैं कुछ camphor, camphor यानि की kapoor, kapoor जो होता है, जो मतलब मंदिर वगैरा, पूजा वगैरा में use किया जाता है, वो direct जो है, solid से gas form में change हो जाता है, कभी भी liquid form में नहीं आता है, अमोनियम क्लोराइड का example आप यहाँ पर देखी चुके हैं, इसी तरह से नैफ्थालीन बोल्स होती हैं, जो कपड़े वगैरा हम रखते हैं अलमारियों में, उसके बीच में नैफ्थालीन बोल्स रखी जाती हैं, वाइट कलर की ऐसी बोल्स होती हैं, जब उन बोल्स को रखा जाता है लंबे समय तक, तो वो धीरे करके ग temperature से matter की state किस तरह से change की जा सकती है अब हम देखेंगे effect of change of pressure matter प्रेशर चेंज करेंगे तो उस पर क्या-क्या अफेक्ट्स यानि की प्रभाव होंगे तो इफी कंप्रेस ए गैस इन एस सिलिंडर द डिस्टेंस बिट्विन द पार्टिकल्स ऑफ गैस इस रिड्यूज़ एंड फाइनली गैस इस लिक्विफाइड अगर हम किसी गैस को सिलिंडर में रखें कुछ इस तरह से यह हमारे पास यहां पर यह सिलिंडर है ठीक है एक मिनट में पैंट का चेन कर लेता हूं इसे ठीक है हमारे पास यह है सिलिंडर इसमें हमने गैस ली और इस पर यह प्रेशर ये piston है इस पर हमें प्रेशर apply किया इसे compress किया तो compress करने से क्या होगा the distance between of particle of gas is reduced जो भी gas के particles थे इनके बीच की दूरी जो है वो कम होगी और बीच की दूरी कम होने से gas जो है वो liquid में change हो जाएगी तो ये gas के particles है जब ये पास में आ जाएगे तो ये liquid में change हो जाएगी यहाँ पर इस तरह से ठीक है और जब ये liquid में change हो जाएगी तब भी हम इस पर और pressure apply करेंगे तो ये जो liquid gas है वो solid में change हो जाएगी ठीक है example ले लेते हैं एक तो example के लिए जो hospitals में यू gas यूज़ की जाती है जिसे का जाता है oxygen तो सबसे पहले oxygen gas जो होती है उसे उस पर pressure apply करके उसे liquid form में change किया जाता है liquid form में change करने के बाद उसे cylinders में pack किया जाता है और hospitals तक पहुचाया जाता है और एक ऐसी solid form होती है CO2 solid form होती है carbon dioxide की solid form से जब pressure कम किया जाता है pressure इस पे से कम कर दिया जब इसका pressure कम होता है तो ये जो है ये direct gas में change हो जाता है ये कभी भी liquid में नहीं आती है CO2 तो इसलिए CO2 को dry ice भी का जाता है ठीक है ये solid form में जब होती है तो ये ice के रूप में होती है जब इसका pressure कम कर दिया जाता है तो ये direct gas में change हो जाती है यानि कि ये कभी भी liquid form में नहीं आती है इसलिए इसे dry ice भी का जाता है तो और भी उधारन ले लेते हैं pressure के तो LPG आपने सुना होगा जो हम घर में gas यूज़ करते हैं cylinders में cooking gas जिसे का जाता है तो इसकी full form होते है liquid petroleum gas तो ये भी एक ऐसी gas होती है जिसे liquefy किया जाता है pressure apply करके इसी process से उसे liquefy किया जाता है ठीक है इसी तरह से C and G यानि compressed natural gas ये भी एक ऐसी gas है जिसे compress किया जाता है pressure apply करके और इसे cylinders यानि कि इसे as a fuel CNG को as a fuel use किया जाता है vehicles में petrol की जगह पर आजकल CNG का बहुत बड़े स्थापर use किया जाता है क्योंकि ये gas ऐसी है natural gas है ये इससे pollution नहीं होता है ठीक है next concept आता है इस chapter में हमारा evaporation क्या होता है इस एक फिनोमिना है जिसमें लिक्विड चेंजेस इंटू वेपर्स एट एनी टेंप्रेचर बिलो इट्स बोयलिंग पॉइंट इस गोल्ड वेपरेशन एक सर्फेस फिनोमिना है यानि कि सतह पर होने वाला प्रोसेस है लिक्विड की सतह पर और इसमें लिक्व लिक्विड से वेपर में यानि की भाव में बदल जाता है तो उसे का जाएगा वेपरेशन एग्जांपल से समझते हैं आप क्या कीजिए एक ग्लास पानी लीजिए एक ग्लास में आपने पानी लेना है उसका वाटर लेवल चेक करना है निशान लगा दीजिए जैसे इसमें चेक कीजिए तो आप देखेंगे कि उसमें से बहुत सारा पानी जो है वो गायब हो चुका है उसका water level चेक करेंगे तो वो कम हो चुका है तो जो water इसमें से गायब हुआ वो कहां गया वो vaporate हो गया यानि कि वो liquid से vapors में यानि कि gas में change होके वो atmosphere में air के साथ ठीक है तो इस process को कहा जाएगा vaporation और इसका temperature क्या होगा, इसका temperature 100 degree से तो कम ही होगा, ठीक है, और इस temperature पर ही यह liquid form से gas form में change हो गया, so, evaporation कहा जाएगा इसे, ठीक है, liquid का evaporation, और इसमें most important चीज आती है, factor affecting evaporation, जो यह evaporation है, इसको प्रभावित करने वाली चीजें क्या हैं, तो first है इसमें exposed surface area, exposed surface area यानि की, सरफेस एरिया यानि कि हम एग्जांपल से समझते हैं इसे हमारे पास एक कप है इसमें हमने वोटर लिया है और हमारे पास एक बड़ी सी प्लेट है इसमें पानी लिया है इसमें हमने 100 ml वोटर लिया है ठीक है 100 ml वोटर इसमें और 100 ml water ही इसमें, दोनों को आप room में रख दीजिये अपने, room में रखने के बाद आप देखेंगे, एक से डेट दिन बाद कि जो plate है, इसमें से बहुत ज़्यादा पानी evaporate हो जाएगा, बहुत जल्दी, लेकिन cup जो है इसमें बहुत ज़्यादा समय लगाएगा, वोही पान उतनी ही Vaporation तेजी के साथ होगी और जितना Surface Area कम होगा उतनी ही Vaporation धीमी होगी ठीक है तो Exposed Surface Area पर Depend करता है Vaporation की Speed इसी तरह Second है Temperature पर भी Depend करता है Vaporation कितनी तेजी के साथ होगा और कितना धीमा होगा इसे भी Example से समझते हैं आप दो Glass ले लीजिए एक Glass में Same Water Level मतलब द ठीक है water लीजिए और एक को आप fridge में रख दीजिए ये जो box बनाया है ये हो गया fridge ठीक है इसको रख दिया हमने fridge में और जो दूसरा glass है इसको रख दिये sunlight में ठीक है जो sunlight वाला glass है इसमें से पानी बहुत जल्दी evaporate हो जाएगा as compared to जिसको हमने fridge में रखा है तो तो जितना temperature जादा होगा उतनी ही vibration तेजी के साथ होगी ठीक है और जितना temperature कम होगा उतनी ही vibration धीमी होगी ठीक है थर्ड है humidity, humidity यानि की आदरता, नमी, वायू में water particles यानि की भाव, vapors की पहले से मोजूदगी कितनी है उसे का जाता है humidity तो humidity यानि की हवा में अगर पहले से ही water particles मोजूद हैं तो वैपरेशन धीमा होगा और अगर ह्यूमिडिटी कम है तो वैपरेशन तेजी के साथ होगा एग्जामपल से समझते हैं इंडिया में समर जो होता है उसमें मेजून समर जो मौसम होता है उसमें मे और जून में बहुत तेज धूप होती है और हवा जो होती है वो बहुत ज इसमें भी temperature इतना ही होता है जितना summer में होता है लगबग ठीक है, अपरोक्स लगबग इतना ही same temperature होता है, लेकिन rainy season में आप देखेंगे कि जो हमारा sweating हो रही है, यानि कि जो हमें पसीना आ रहा है, वो सूखने में जादा समय लेता है, क्योंकि हवा में पहले से ही वेपर पार्टिकल्स पहले से ही जादा मातरा में मौझूद है, इसलिए sweating जो हमें जादा मैसूस होती है, हमें sticky मैसूस होता है, यानि कि चिप-चिपापन मैसूस होता है, ठीक है?
फोर्थ है इसमें विंड, विंड यानि की बहती हुई हवा, ऐसी हवा जो चल रही है, तो इस पर भी वैपरेशन, वैपरेशन तेज या धीमा, इसकी वज़े से होता है, इसकी वज़े से भी होता है, तो हम अगर कपड़े दोते हैं, जब हवा तेज चल रही होती है, तो बह पानी है वो vapor में change होना ठीक है उसी के कारण हमारे कपड़े सूखते हैं तो हवा चल रही है तेज तो vaporization तेजी के साथ होगा अगर हवा धीमे चल रही है तो vaporization भी धीमे गती से होगा तो ये important है चारो factors जो की vaporization को प्रभावित करते हैं affect करते हैं ठीक है पीछे वाले पेज पर पढ़ा हमने vaporization के बारे में अब देखते हैं vaporization का एक गुन जो की है vaporization always goes cooling वैपरेशन के कारण हमेशा क्या होती है cooling यानि कि ठंडक होती है तो ये किस तरह से होती है the cooling caused by vaporization is based on the fact that when a liquid vaporates takes latent heat of vaporization from surroundings which on losing heat gets cool तो जो vaporization के कारण cooling या ठंडक होती है वो किस आधार पर होती है कि जब कोई liquid vaporate होता है यानि कि liquid जो है वो vapor में change होता है वो क्या करता है अपने चारो तरफ से surroundings मतलब अपने चारो तरफ से latent heat of vaporization heat ले लेता है और जो surroundings है उसने heat जो है वो liquid को दे दी तो surroundings जो है heat देने के कारण ठंडी हो जाएंगी ठीक है example से समझ लेते हैं आप अपनी हथेली अपनी palm पर acetone अगर आप अपनी palm पर डालेंगे ठीक है यह acetone है ऐसी टोन को अगर आप अपनी palm यानि कि अपनी हथेली पर डालेंगे, तो ऐसी टोन डालने से, ऐसी टोन जो है आपकी palm, आपकी हथेली से latent heat of vaporization, यानि कि आपकी हथेली की heat को वो ले लेगा और बहुत जल्दी vaporate हो जाएगा, और अगर आपकी हथेली से heat आपने acetone को दे दी तो heat जो हमारी अथेली है वो बिल्कुल ठंडा cool महसूस करेगी ठीक है आप acetone की जगह petrol का भी use कर सकते हैं ठीक है तो यह activity जो है acetone या petrol acetone available होता नहीं है आम तोर पर गरों में और petrol से खेलना अच्छा नहीं होता है तो इस activity को ना करें इसकी जगह पर पैन लेना है आपको पैन या फिर आप तवा भी ले सकते हैं जिस पर रोटी से की जाती है ठीक है फ्राई पैन ले सकते हैं या फिर पैन को ही हिंदी में तवा कहा जाता है तो पैन लेना है आपको इसे गैस पर रखके थोड़ा सा गरम कर लेना है वार्म कर लेना है ठीक वो वेपर में चेंज होने लग जाएगा ठीक है लिक्विड डाला तो इसमें यह बहुत जल्दी वेपर में चेंज हो जाएगा और इसने यह वेपर में चेंज होने का कारण क्या है क्योंकि जो भी पैन गरम था वार्म था जो पैन वाटर ने उसकी हीट को सोक लिया पैन की ह पैन है वो ठंडा हो जाएगा आप महसूस करेंगे इसे ठीक है तो यह activity आपको prefer करता हूं यह आप करके देख सकते हैं ठीक है तो इसी के साथ chapter हो जाता है complete तो उम्मीद करूँगा chapter के सभी concept आपको समझ आए होंगे अगर आपको सभी concept समझ आए हैं तो please अब इस video को अपने classmates और चैनल को सब्सक्राइब कर लीजिए साथ ही इस बेल आइकन को भी प्रेस कर लीजिए ताकि जो भी पार्ट सेकंड की वीडियो आए तो सबसे पहले आपके पास