वेलकम बैक टू आवर चैनल कैची क्लासरूम आज के वीडियो में हम प्रोसेस कॉस्टिंग में इक्विवेलेंट प्रोडक्शन के कांसेप्ट को समझेंगे और साथ ही स्टेटमेंट ऑफ इक्विवेलेंट प्रोडक्शन स्टेटमेंट ऑफ कॉस्ट और स्टेटमेंट ऑफ इवैल्यूएशन कैसे बनाते हैं यह भी कवर करेंगे अगर आपको नहीं पता कि प्रोसेस कॉस्टिंग क्या होता है तो आप हमारे पिछले वीडियो देख सकते हैं जहां हमने डिटेल में बताया है कि प्रोसेस अकाउंट कैसे बनाते नॉर्मल लॉस अब नॉर्मल लॉस और अब नॉर्मल गेन का क्या ट्रीटमेंट होता है तो जरूर देखें डिस्क्रिप्शन और आई बटन में दिए गए लिंक पर क्लिक करके और आगे आने वाली वीडियोस को देखने के लिए आप हमारे चैनल कैची क्लासरूम को सब्सक्राइब करें और बेल आइकन को दबाएं तो चलिए शुरू करते हैं क्वेश्चन में बताया गया है कि मार्च के महीने में 2000 यूनिट्स का मटेरियल इशू हुआ जिसकी कॉस्ट 8000 थी लेबर की कॉस्ट 9000 और ओवरहेड्स की कॉस्ट 6600 थी महीने के अंत तक 1500 यूनिट्स बिल्कुल कंप्लीट थे और दूसरे प्रोसेस में जाने के लिए तैयार थे और 500 यूनिट्स इनकंप्लीट थे जिसमें मटेरियल 100% लग चुका था यानी इन 500 यूनिट्स में जो रॉ मटेरियल लगना चाहिए था वो पूरा ल चुका है लेबर 60 पर का मतलब लेबर ने 500 यूनिट्स को बनाने का 60 पर काम अभी तक किया था और 40 पर काम बाकी है जबकि ओवरहेड्स सिर्फ 30 पर यानी इन यूनिट्स में ओवरहेड्स का 30 पर खर्चा अब तक हो चुका है और 70 पर अभी बाकी है क्वेश्चन में हमें स्टेटमेंट ऑफ इक्विवेलेंट प्रोडक्शन स्टेटमेंट ऑफ कॉस्ट स्टेटमेंट ऑफ इवैल्यूएशन और प्रोसेस अकाउंट बनाने को कहा गया है अब सबसे पहले हम इस प्रोडक्ट का प्रोसेस अकाउंट तैयार कर लेते हैं प्रोसेस ए अकाउंट और प्रोसेस अकाउंट का रूल है कि जो भी हम प्रोसेस में डालते हैं यानी इनपुट उसे हम डेबिट करते हैं और जो भी हम प्रोसेस से निकालते हैं यानी आउटपुट उसे हम क्रेडिट करते हैं तो प्रोसेस अकाउंट के डेबिट साइड पर हम रिकॉर्ड कर सारे इनपुट्स को जैसे टू मटेरियल यूनिट्स 2000 एंड अमाउंट 18000 फिर लेबर का खर्चा टू लेबर 9000 और फिर ओवरहेड्स एज टू ओवरहेड्स 66600 क्रेडिट साइड पर हमारे पास है गुड्स जो इस प्रोसेस में बनकर कंप्लीट हुए हैं यानी आउटपुट 1500 यूनिट्स और और यह यूनिट्स दूसरे प्रोसेस में ट्रांसफर करेंगे सो बाय नेक्स्ट प्रोसेस 1500 यूनिट्स फिर बचे वो यूनिट्स जो इस प्रोसेस में अभी तक इनकंप्लीट हैं यानी वो यूनिट्स जो अभी तक पूरे नहीं बने हैं ऐसे 500 यूनिट्स को हम वर्क इन प्रोग्रेस अकाउंट में ट्रांसफर करेंगे तो बाय वर्क इन प्रोग्रेस 500 यूनिट्स प्रोसेस ए में शुरुआत में यूनिट्स इंट्रोड्यूस किए गए थे 2000 जिसमें से 1500 यूनिट्स को नेक्स्ट प्रोसेस में ट्रांसफर किया और बाकी बचे हुए 500 यूनिट्स को वर्क इन प्रोग्रेस अकाउंट में क्योंकि वह इनकंप्लीट थे मतलब डेबिट साइड पर टोटल यूनिट्स 2000 है और क्रेडिट साइड पर भी टोटल यूनिट्स 2000 है इससे पता लगता है कि इस प्रोसेस में ना कोई एनर्मेक टोटल कॉस्ट है 18000 + 9000 + 6600 च इ इक्वल टू 33600 लेकिन अब हमें यह जानना है कि इन कंप्लीटेड गुड्स और वर्क इन प्रोग्रेस गुड्स की क्या कॉस्ट आएगी जिसके लिए सबसे पहले हमें एक स्टेटमेंट तैयार करनी होगी स्टेटमेंट ऑफ इक्विवेलेंट प्रोडक्शन यह स्टेटमेंट एस्टिमेटर है कि इनकंप्लीट गुड्स में जितना काम हो चुका है उसे अगर फुल्ली कंप्लीटेड यूनिट्स में कन्वर्ट करें तो कितने गुड्स बन सकते हैं यानी कितने पूरे गुड्स बन चुके होते अगर उन अधूरे गुड्स के काम को पहले पूरा किया गया होता चलिए अब इक्विवेलेंट प्रोडक्शन को एक एग्जांपल से समझते हैं मान लो एक स्लिपर की फैक्ट्री है और फैक्ट्री में 10 पेयर्स ऑफ स्लिपर्स बिल्कुल रेडी हैं इसके अलावा चार स्लिप के लेफ्ट फुट तैयार है लेकिन राइट फुट अभी तक तैयार नहीं है तो अगर हम देखते हैं तो हमें यह समझ आता है कि 10 पेयर ऑफ स्लिपर्स तो फिनिश्ड गुड्स हैं मतलब पूरी तरह से तैयार है और चार स्लिपर्स ऐसे हैं जो वर्क इन प्रोग्रेस में है मतलब अभी पूरे तैयार नहीं है यह 10 पेयर ऑफ स्लिपर्स 100% कंप्लीट है मतलब इन पर मटेरियल लेबर और ओवरहेड का पूरा खर्चा लग चुका है अब हम इन चार इनकंप्लीट स्लिपर्स को समझते हैं क्योंकि इनमें सिर्फ लेफ्ट फुट तैयार है और राइट फुट अभी तक बना नहीं है यानी यह चार स्लिपर्स 50 पर कंप्लीट है जिसमें मटेरियल लेबर और ओवरहेड का आधा खर्चा हुआ है मतलब अगर हम ओवरऑल देखें तो चार इनकंप्लीट स्लिपर्स को 50 पर कंप्लीट होने की वजह से हम दो कंप्लीट स्लिपर्स के बराबर मान सकते हैं इसी तरह से अगर हम टोटल स्लिपर्स देखें जो फैक्ट्री में है 10 फिनिश्ड पेयर्स हैं और चार 50 पर कंप्लीट हैं जो दो कंप्लीट स्लिपर्स के बराबर हैं तो टोटल स्लिपर्स हुई 12 पेयर्स इसे हम इक्विवेलेंट प्रोडक्शन कहते हैं इक्विवेलेंट प्रोडक्शन को हम एक फार्मूला से भी कैलकुलेट कर सकते हैं कंप्लीटेड यूनिट्स प्लस नंबर ऑफ यूनिट्स ऑफ वर्क इन प्रोग्रेस मल्टीप्ला बाय डिग्री ऑफ कंप्लीशन इन परसेंटेज तो कंप्लीटेड यूनिट्स है 10 वर्क इन प्रोग्रेस यूनिट्स है चार और डिग्री ऑफ कंप्लीशन है 50 पर तो जिसे सॉल्व करके आता है 12 यूनिट्स चलिए इसे अब एक टेबल से भी समझ लेते हैं कंपनी के पास कंप्लीटेड स्लिपर्स यानी फिनिश्ड गुड्स 10 है और इन कंप्लीटेड स्लिपर्स यानी वर्क इन प्रोग्रेस चार है तो पहले फिनिश्ड गुड्स 10 पेयर्स 100% कंप्लीट है इसका मतलब इन गुड्स में मटेरियल लेबर और ओवरहेड की कॉस्ट 100% लग चुकी है यानी मटेरियल पूरे 10 यूनिट्स का लग चुका है लेबर भी 10 यूनिट्स की लग चुकी है और ओवरहेड्स का खर्चा भी 10 यूनिट्स पर हो चुका है वहीं वर्क इन प्रोग्रेस में चार स्लिपर्स 50 पर कंप्लीट है मतलब मटेरियल लेबर और ओवरहेड पे 50 पर खर्चा हो चुका है यानी मटेरियल सिर्फ दो यूनिट्स का लगा है लेबर भी दो यूनिट्स के लिए ही लगी है और ओवरहेड्स का खर्चा भी दो यूनिट्स पर ही हुआ है तो टोटल इक्विवेलेंट यूनिट्स हुए 10 + 2 = 12 यूनिट्स इससे हमें यह पता चला कि इक्विवेलेंट प्रोडक्शन क्या होती है तो चलिए अब क्वेश्चन में वापस चलते हैं और स्टेटमेंट ऑफ इक्विवेलेंट प्रोडक्शन बना लेते हैं जहां पे हम पहले लिखेंगे इनपुट 2000 यूनिट्स और फिर आउटपुट जहां पहला आउटपुट है फिनिश्ड गुड्स 1500 यूनिट्स और दूसरा आउटपुट है वर्क इन प्रोग्रेस व्हिच इज 500 यूनिट्स सबसे पहले फिनिश्ड गुड्स और फिनिश्ड गुड्स में मटेरियल लेबर और ओवरहेड्स का खर्चा 100% है यानी पूरा हो चुका है मटेरियल में फिनिश्ड गुड्स पर पूरा मटेरियल लग चुका है इसीलिए मटेरियल का डिग्री ऑफ़ कंप्लीशन 100% है तो कंप्लीटेड यूनिट्स ऑफ़ मटेरियल हुए 1500 ल् बा 100% व्हिच इज इक्वल ट 1500 लेबर में गुड्स फुली रेडी होने का मतलब है कि लेबर का काम भी 100% कंप्लीट है यानी लेबर ने 1500 यूनिट्स तैयार किए हैं सो अगेन 1500 * 100% इ इक्व 1500 और और लास्ट में ओवरहेड्स का खर्चा भी 100% हो चुका है तो 1500 * 100% इ इक्वल टू 1500 फिर दूसरा है वर्क इन प्रोग्रेस क्वेश्चन में बताया गया है कि डिग्री ऑफ कंप्लीशन ऑफ इनकंप्लीट यूनिट्स जो मटेरियल के लिए 100% है लेबर के लिए 60 और ओवरहेड्स के लिए 30 तो सबसे पहले मटेरियल का डिग्री ऑफ कंप्लीशन दिया है 100% इसका मतलब भले ही 500 यूनिट्स इनकंप्लीट हैं पर उन पर मटेरियल पूरा लग चुका है तो यूनिट्स ऑफ़ मटेरियल हुए 500 * डिग्री ऑफ़ कंप्लीशन जो है 100% व्च इज इक्वल ट 500 अब दूसरा है लेबर जिसका डिग्री ऑफ़ कंप्लीशन है 60 तो यूनिट्स हुए 500 * 60 = 300 यूनिट्स और आखिर में ओवरहेड्स जहां डिग्री ऑफ़ कंप्लीशन है 30 तो यूनिट्स हुए 500 * 30 इ इक्वल ट 150 यूनिट्स चलिए अब इक्विवेलेंट यूनिट्स निकाल लेते हैं मटेरियल में हुए 1500 + 500 च इज इक्व 2000 यूनिट्स लेबर में 1500 + 300 = 1800 यूनिट्स और ओवरहेड्स में 1500 + 150 = 1650 यूनिट्स तो अगर देखा जाए मटेरियल यूज हुआ है 2000 यूनिट्स के लिए लेबर ने 1800 यूनिट्स तैयार किए हैं और ओवरहेड्स का खर्चा 1650 यूनिट्स को बनाने में लगा है अब नेक्स्ट स्टेप है कि हम कॉस्ट पर यूनिट निकाल ले यानी एक यूनिट को बनाने का कितना खर्चा आया है जिसके लिए हम एक स्टेटमेंट तैयार करते हैं जिसे हम स्टेटमेंट ऑफ कॉस्ट कहते हैं सबसे पहले सारे लिख लेते हैं मटेरियल का खर्चा 8000 लेबर का खर्चा 9000 और ओवरहेड का खर्चा 66600 अब इस खर्चे से कितने इक्विवेलेंट यूनिट्स बने हैं वह लिख लेते हैं मटेरियल से 2000 यूनिट्स लेबर से 1800 यूनिट्स और ओवरहेड से 1650 यूनिट्स अब हमें हर एलिमेंट की कॉस्ट पता है और इस कॉस्ट से कितने यूनिट्स बने हैं यह भी पता है तो चलिए कॉस्ट पर यूनिट निकाल लेते हैं व्हिच इज कॉस्ट डिवाइडेड बाय इक्विवेलेंट यूनिट्स सबसे पहले मटेरियल 18000 / 2000 जो आता है 9 यानी एक यूनिट को बनाने में मटेरियल का खर्चा ₹ है ऐसे ही लेबर का भी निकाल लेते हैं 9000 / बा 1800 च इज इक्वल टू ₹ यानी एक यूनिट को बनाने में लेबर का खर्चा ₹ है और ओवरहेड्स में 6600 / 1650 इ इक्व ट ₹ यानी एक यूनिट को बनाने में ओवरहेड का खर्चा ₹ है तो एक यूनिट को बनाने की टोटल कॉस्ट होगी 9 + 5 + 4 च इज इ ₹1 अब हमें एक यूनिट को बनाने की कॉस्ट पता है तो चलिए फिनिश्ड गुड्स और वर्क इन प्रोग्रेस का कॉस्ट भी निकाल लेते हैं जिसके लिए हम स्टेटमेंट ऑफ इवैल्यूएशन बनाते हैं टोटल फिनिश्ड गुड्स हैं 1500 यूनिट्स और एक यूनिट को बनाने की कॉस्ट है ₹1 तो टोटल कॉस्ट हुई 1500 ल्ड बा 18 व्हिच इज इक्वल टू ₹ 7000 अब वर्क इन प्रोग्रेस में मटेरियल के यूनिट्स हैं 500 लेबर के यूनिट्स 300 हैं और ओवरहेड्स की यूनिट 150 है वहीं एक यूनिट को बनाने का मटेरियल की कॉस्ट 9 है लेबर की ₹5000000 फॉर लेबर 300 * 5 व्च इज इक्ट 1500 और ओवरहेड्स के लिए 150 * 4 वच इज इक्व 600 जिससे टोटल वर्क इन प्रोग्रेस है 4500 + 1500 + 600 च इज = 66600 अब हमारे पास फिनिश्ड गुड्स और वर्क इन प्रोग्रेस की वैल्यू है जिसे हम अपने प्रोसेस ए अकाउंट में डाल देंगे और अपना प्रोसेस अकाउंट बंद कर देंगे अगली वीडियो में हम इक्विवेलेंट प्रोडक्शन में नॉर्मल लॉस और अब नॉर्मल लॉस के ट्रीटमेंट को कवर करेंगे और अगर आपको हमारी यह वीडियो अच्छी लगी तो लाइक करें शेयर करें और हमारे चैनल कैची क्लासरूम को सब्सक्राइब करें थैंक यू