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पश्चिमी राजनीतिक दर्शन का सारांश

एज सकर में आप सभी का स्वागत है वेस्टर्न पोलिटिकल फिलोसोफी के सभी थिंकर्स को इसमें हम कवर करने जा रहे हैं क्योंकि स्टूडेंट की डिमांड आई थी इन थिंकर्स के कांसेप्ट क्लियर ही नहीं हो रहे पढ़ लिया बहुत पढ़ लिया भाई कई बुक से पढ़ लिया मुझे मैसेजेस आ रहे तो यहां पर मैंने कांसेप्ट पर ज्यादा फोकस किया फैक्स के लिए आपको पता है मैंने ई बुक्स लंच कर रखी है उसका डिस्क्रिप्शन लिंक में सीटी पीजी की देख सकते हो एडवांस मॉक टेस्ट सीरीज में फैक्स दे दिए थे आपको फ्री क्विज वाले जो हमारा ग्रुप है उसमें आपको दे दिया उन सबका लिंक आपको मिल जाएगा डिस्क्रिप्शन में तो फैक्ट तो वहां से कवर हो रखे थे यहां पर मैं कांसेप्चुअल चीजें समझाने वाला हूं सुपर 100% क्रिस्टल क्लियर क्लेरिटी के साथ कांसेप्ट समझ होने वाले हैं आज तो चलिए वीडियो को शुरू करते हैं बिना टाइम वेस्ट किए चलिए सबसे पहले शुरू करते हैं प्लेटो से प्लेटो की ब्रीफ बायो जानते हैं कि वो फिलोसॉफिकल आइडियलिज्म के फाउंडर या फादर माने जाते थे यानी आइड इज्म की जो फिलॉसफी है ना वो माना जाता है प्लेटो से शुरू होती है ग्रीक पॉलिटिकल थ्योरी की फाउंडेशन रखने वाले जो थिंकर्स थे ठीक है जो फिलोसोफर थे उनमें नाम आता है प्लेटो का प्लेटो मिलते हैं सोक्रेट से सोक्रेट गुरु बनते हैं उनके कब मिलते हैं प्लेटो 20 साल की उम्र थी 407 बीसी में मिलते हैं लेकिन उनके साथ इतनी वार्तालाप करके डिस्कशन करके बहुत कुछ सोक्रेट से सीखते हैं और फिर 399 बीसी में एक टर्निंग पॉइंट आता है जब सोक्रेट को एग्जीक्यूट किया जाता है सजा सुनाई जाती है और सोक्रेट को मार दिया जाता है तो सोक्रेट जब मरते हैं तो प्लेटो की लाइफ के लिए ये टर्निंग पॉइंट आता है प्लेटो अपनी अकेडमी एस्टेब्लिश करते हैं 387 बीसी में अकेडमी क्या है एक इंस्टीट्यूशन जहां पर क्या करेंगे ब स्टूडेंट आएंगे उन्हें फिलॉसफी सिखाएंगे बहुत चीजें करेंगे अकेडमी खोलते हैं स्टेट इज इंडिविजुअल लिट लार्ज ये प्लेटो की ना एक फेमस सेइंग है जिसमें वो स्टेट को इस तरह से समझते हैं कि इंडिविजुअल को कुल मिलाकर ही स्टेट होती है मतलब जो इंडिविजुअल में क्वालिटी होगी हमें स्टेट में दिखाई देगी तो बेसिकली अगर आप जूम इन करोगे स्टेट में तो आपको इंडिविजुअल दिखाई देंगे जूम आउट करोगे तो स्टेट बन जाएगी स्टेट इज इंडिविजुअल रिट लार्ज का मीनिंग ही यही है प्लेटो डेमोक्रेसी के फेवर में नहीं थे क्योंकि ग्रीक के उस टाइम पर जैसी डेमोक्रेसी चल रही थी लेटो को लगा कि सोक्रेट को देखो इन्होंने इतने अच्छे फिलोसोफर को खत्म कर दिया कैपिटल पनिशमेंट दे दी तो वो कहते हैं कि यह तो डेमोक्रेसी करप्ट होगी है डिग्रेड होगी है कुछ काम करना पड़ेगा कुछ नई फिलॉसफी पर नई स्टेट पर काम करना पड़ेगा नया सिस्टम सोचना पड़ेगा फिर क्या होना चाहिए तो इसलिए प्लेटो के आईडिया आते हैं आपने देखिए कि प्लेटो ने जब ह्यूमन माइंड पर काम करना शुरू किया उसने देखा प्लेटो ने कि ह्यूमन माइंड कैसे नॉलेज एक्वायर करता है तो उस चीज को समझाने के लिए प्लेटो देते हैं तीन मेन फिलॉसफी द एगरी ऑफ द केव द मेटाफर ऑफ द डिवाइडेड लाइन एंड द डॉक्ट्रिन ऑफ फॉर्म्स इन परे काम करते हैं प्लेटो और यहां से बहुत सारी चीजें समझाते हैं लेकिन हमें यह समझना है कि प्लेटो पर फिलॉसफी इनफ्लुएंसेस किन-किन लोगों का था पाइथागोरस का था मैथमेटिक्स की इंपॉर्टेंस वहां से पता चली ये जो प्लेटो की थ्योरी ऑफ थ्री क्लासेस जो हम आगे चलके पढ़ेंगे और आईडिया ऑफ फिलोसोफर रूलर है वो प्लेटो ने पाइथागोरस से ही कहीं ना कहीं से इंस्पायर था हर्कले इटस भी थे वहां से उन्होंने यह सीखा कि चीजें बदलती रहती है इसलिए नई शेप नई फॉर्म बनती रहती है मटेरियल ऑब्जेक्ट्स की चीजों की यहां से उन्होंने आईडिया लिया और यहां से चलते हुए वह सॉकेट से भी एक इंस्पिरेशन लेते हैं इस आईडिया की कि वर्च्यू इज नॉलेज यानी क्वालिटीज ही अपने आप में नॉलेज होती है जो हमें क्वालिटीज होती है ना जैसे करेज को लेकर या ऐसी क्वालिटीज वो क्या है वो नॉलेज है जैसे-जैसे आप अपने अंदर क्वालिटीज डेवलप करते जाओगे वैसे-वैसे आपके अंदर नॉलेज भी बढ़ती जाएगी सो वर्च्यू इज द रियल नॉलेज ये सोक्रेट्स कहते थे ये फिलॉसफी थे ये सुनने में तो एक कांसेप्ट लगता है लेकिन इसकी एक्सप्लेनेशन में गहराई में जाएंगे तो यह बहुत ज्यादा बड़ा होता जाता है और आपको चीजें समझ आने लगेगी तो उम्मीद करता ये सारी चीजें आपको क्लियर हो गई आइडियल वाज रियल यह भी सोक्रेट से लिया था आइडियल वाज रियल मतलब जो आइडियल स्टेट ही है स्टेट मतलब आइडियल स्टेट नहीं मतलब जो आइडियल चीजें होती है परफेक्ट फॉर्म में वही रियल है जो अब तक सारी चीजें दिखाई दे रही है जो समझ आ रही है वो डिस्टोर्टेड फॉर्म में है परफेक्ट फॉर्म में चीजें ऑलरेडी यूनिवर्स में एजिस्ट करती है एब्सलूट ट्रुथ जैसी चीजें एजिस्ट करती है वही आइडियल है वही चीजों को हमने समझना है वो समझ लोगे रियलिटी समझ आएगी डायलेक्टिकल मेथड जो प्लेटो यूज करते थे व्हिच इज द डायलॉग मेथड डायलेक्टिकल का यहां मीनिंग है डायलॉग मेथड ठीक है कोई बात को समझाना है तो डायलॉग करवाए जाते थे दो लोगों के बीच में वैसे समझाया जाता रिपब्लिक भी ऐसे ही लिखा गया है रिपब्लिक की जो किताब है वो डायलॉग्स ही है ठीक है वार्तालाप हो रही है लोगों में तो प्लेटो की थ्योरी ऑफ फॉर्म जो है और सोक्रेट का आईडिया ऑफ जो कांसेप्ट है उसकी ही एक्सटेंशन उसको फर्द एक्सपेंड करते हैं अपने गुरु की या अपने टीचर की जो बात है उसको और समझाते हैं थ्योरी ऑफ फॉर्म में मेजर वर्क्स प्लेटो की बात करें रिपब्लिक नाम आता है रिपब्लिक में मेन थीम जस्टिस का आईडिया है यहां पर प्लेटो जस्टिस के आईडिया को डिटेल में बात करते हैं वह आगे चलकर हम पढ़ने भी वाले हैं लेकिन एरिस्टोटल प्लेटो के रिपब्लिक के साथ एग्री नहीं करते हैं वो अगर कोई उनकी बुक को एक्सेप्ट करते कोई वर्क को एक्सेप्ट करते वो है लॉ तो स्टेट्समैन भी लिखते हैं प्लेटो प्लेटो का आप देखोगे जैसे-जैसे हम बढ़ रहे हैं ना आगे टाइम पीरियड में प्लेटो के आईडिया भी इवॉल्व हो रहे हैं और ज्यादा रिफाइन हो रहे हैं यहां पर आकर वो रूल ऑफ लॉ की बात करते हैं रिपब्लिक में वो रूल ऑफ लॉ की बात नहीं करते हैं रिपब्लिक में वो फिलॉसफी रूलर जैसे बातें करते हैं तो यहां पर आकर वो रूल ऑफ लॉ की बातें करने लगते हैं डिक्टेटरशिप के अगेंस्ट बातें करने लगते हैं ठीक है तो रूल ऑफ लॉ को उस पीरियड बताते हैं जब फिर लॉ को लिखते हैं 350 बीसी में और टाइम पीरियड आगे चलता है ये प्लेटो का सबसे लंबा डायलॉग हो और इसमें वो आते-आते क्या करते हैं मिक्स्ड कॉन्स्टिट्यूशन की बातें करने लगते हैं ठीक है वो कहते हैं डेस्प्रिंग और फ्रीडम के बीच दो ये दोनों एक्सट्रीम है और इसके बीच में जो मॉडरेट चीज आती है मिडल पाथ आता है गोल्डन मीन आता है वो क्या है मिक्स्ड कॉन्स्टिट्यूशन को बेस्ट मानने लगते हैं लॉ में आते-आते उनके और भी इंपोर्टेंट वर्क है जैसे अपोलोजि है क्रिटो है एंथा प्रो है मेनो है गर्जिया है सिंपोजियम है फेडर्स है यह भी आपको पता होने चाहिए नाम यहां से भी रैंडम कुछ पूछ के क्वेश्चन बना दिया जाएगा एक इंटरेस्टिंग फैक्ट है गांधी जी ने भी अपॉलॉजी के टेक्स्ट को गुजराती में ट्रांसलेट किया था जस्टिस के कंसेप्ट की बात करते हैं वो मानते हैं एक आइडियल स्टेट को एस्टेब्लिश करने के लिए ना चार वर्चू होने चाहिए यानी चार उसमें क्वालिटी होनी चाहिए चार फीचर तो होने चाहिए कौन-कौन से होने चाहिए भाई विजडम होना चाहिए करेज होना चाहिए टेंपरे टेंपस का मतलब होता है सेल्फ कंट्रोल और जस्टिस यह चार आइडियाज अगर है ना किसी स्टेट तो वो स्टेट बन सकती है एक आइडल स्टेट बन सकती है अब हम यह देखेंगे कि यह बनेगी कैसे आगे चलकर वो भी समझेंगे कि उन्होंने कैसे यह चार क्वालिटीज पर काम करते हुए एक स्टेट बिल्ड करना चाहते थे प्लेटो स्टेट वाज द आइडियल एंड ऑफ व्हिच जस्टिस वाज द रियलिटी नाउ यह क्या है स्टेट आइडियल है ठीक है मतलब स्टेट जो है एक आइडियल फॉर्म है एक टारगेट है जिसको अचीव करना है जिसको हमने लेकर एक आईडिया है एक आइडियल है ठीक है ना लेकिन इसको लेकर कैसे आया जाए जस्टिस के तरीके से जस्टिस रियलिटी होगी तो जस्टिस का कांसेप्ट समझिए कहते हैं हमसे और उसको रियलिटी बना दीजिए यानी उसको एग्जीक्यूट कर दीजिए स्टेट अपने आप आइडियल हो जाएगी तो कैसे एग्जीक्यूट करें कैसे रियलिटी में लेकर आए तो कहते हैं ऐसे जस्टिस का आईडिया क्या है वो समझ लो पहले जस्टिस यह है वन क्लास वन ड्यूटी वन मैन वन वर्क हमारी जो सोसाइटी होगी प्लेटो कहते उनको कुछ क्लासेस में हम डिवाइड कर देंगे हर क्लास की उसको समझा देंगे उस वो अपनी ड्यूटी के हिसाब से काम करता जाएगा दैट्ची हैं थोड़ा समझते हैं और चीजें अब वो कहते हैं कि कैसे डिवाइडेड होगी चीजें तो कहते ह्यूमन सोल की ना तीन क्वालिटीज होती है रैशनल स्पिरिट एंड एपेटाइट तो यह क्वालिटीज के बेसिस पे ना डिवाइडेड करेंगे क्लासेस जो रैशनल होंगे वो रूलर बनेंगे ठीक है जिनमें स्पिरिट होगी करेज होगी वो वॉरियर क्लास होगी सोल्जर बनेंगे और जिसमें एपेटाइट की क्वालिटी होगी जिसमें यानी अ ग्रीड हो और कंट्रोल्ड वे में ग्रीड है वह बिजनेस करेंगे ठीक है वह बनेगी आर्टिजन क्लास तो यहां पर रूलर और सोल्जर्स को मिलाकर गार्डियन क्लास कहा जाता है यह आपने ध्यान रखना है और यह कहते हैं कि इन तीनों क्लासेस में जॉब्स कभी भी स्विच नहीं होगी रूलर अपना काम करेंगे यह वॉरियर वह अपना काम करेंगे और फिर आर्टिजन अपना काम करेंगे एक दूसरे के काम में इंटरफेयर नहीं करेंगे अगर वह इंटरफेयर करते हैं जॉब्स को इंटरचेंज करते हैं अपनी क्लासेस को चेंज करने की भी कोशिश करते हैं देन आइडल स्टेट नहीं टिक पाएगी ये स्टेट को हाम पंचा जाएगी इसलिए अ ये लेकर आते हैं एक आईडिया जिसे कहते हैं मिथ ऑफ मेटल्स अब मिथ ऑफ मेटल्स क्या है ये कहते हैं हमें ना ये समझाने के लिए ना कि क्यों हम क्लासेस में डिवाइड कर रहे हैं क्यों पहले नंबर पर हम रुलर्स को रख रहे हैं दूसरे नंबर पर हम रख रहे हैं वॉरियर क्लास को तीसरे नंबर पर हम रख रहे हैं आर्टिजन को ऐसा क्यों कर रहे हैं तो प्लेटो कहते हैं इसके लिए मिथ क्रिएट करनी पड़ेगी सोसाइटी में तभी जाकर लोगों को समझ आए तो यह ग्रेडेड जो इन क्वालिटी आने वाली है ना इसको जस्टिफाई करने के लिए मिथ ऑफ मेटल्स के ऐसा कांसेप्ट लेकर आते हैं प्लेटो तो यह कहते हैं कि देखिए आपकी बॉडी जो है ना वो कुछ मेटल से बनी हुई है ठीक है तो आप में एलिमेंट पाए जाते हैं जिसमें गोल्ड ज्यादा पाया जाता है वो फिलोसोफर होते हैं वो रैशनल होते हैं जिसमें सिल्वर ज्यादा पाया जाता है वो स्पिरिटेड होते हैं कर्जज होते हैं इसलिए वो वॉरियर क्लास बनेंगे जिसमें ब्रोंज ज्यादा पाया जाता है ठीक है वो अपिटेटिव हो गए हालांकि कोई इसका कोई प्रूफ प्रमाण नहीं मिलेगा ऐसा नहीं करके कि दिखाया जाएगा कि यह देखो आप में इतना गोल्ड पाया जाता है आप में ऐसे बस सिर्फ ऐसे कहना है यह कहने की बात है ताकि लोग जो है इस चीजों से इस मिथ ऑफ मेटल से समझ जाए जो मासेज है प्रभावित हो जाए और इसी चीज को फॉलो करने लगे और फिर कल को क्वेश्चन ना करें कि यह तीन क्लासेस क्यों बना रखी है अगर यह मिथ ऑफ मेटल सक्सेसफुली एग्जीक्यूट कर दी जाती है तो वर्न सिस्टम जो इंडिया में है वह इसी तरह से जो है हम देख सकते हैं कि एक टाइम पर एग्जीक्यूट किया गया था उसमें उन्होंने चार क्लासेस बनाई है चारों की अपनी-अपनी ड्यूटीज और रिस्पांसिबिलिटी वहां पर भी बता रखी है और उसके रीजन भी दे रखे जस्टिफिकेशन वहां पर भी दे रखी है कि ये चार क्लासेस बनी कैसे क्यों बनी उसको भी जस्टिफाई किया गया है तो मिथ ऑफ मेटल्स भी कहीं ना कहीं उससे मिलती-जुलती चीज है आगे बढ़ते हैं फिलोसोफर रूलर की बात करते हैं फिलोसोफर रूलर क्या है आइडियल स्टेट का मेन क्रक्स है लिंच पिन है ठीक है फिलोसोफर वो है जिसके पास नॉलेज है इंटेलेक्ट है किस चीज का गवर्न करने का कि कैसे राज करना है शासन कैसे चलाना है तो गुड रलर अच्छा शासक वही है जो सिर्फ लोगों की लाइव्स को प्रोटेक्ट नहीं करता इसके साथ बदलता भी है ह्यूमन बीइंग्स को ट्रांसफॉर्म करता है और उसमें पावर को एक्वायर करने की लालच या भूख नहीं होनी चाहिए उसको पावर मिले या ना मिले उसको कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए इन सब चीजों से वह ऊपर उठ चुका हो इन सब चीजों से वह ऊपर उठ चुका हो फिलोसोफर वह है जिसको आईडिया ऑफ गुड का समझ हो आइडिया ऑफ गुड का मतलब है कि व्हाट इज द गुड फॉर द सोसाइटी सोसाइटी के लिए क्या भलाई कैसे की जाएगी ठीक है यह सारी चीजें उसको समझो उसके पास विजडम हो वही रूल कर सकता है और आईडिया ऑफ गुड के एक और मायने यह निकल कर आते हैं कि यह रिप्रेजेंट करती है हाईएस्ट नॉलेज हाईएस्ट नॉलेज वो है फिलोसोफर वो है जो चीजें आम लोगों को दिखाई नहीं देती है ठीक है डिस्टोर्टेड वर्जन ऑफ रियलिटी दिखाई देता है वो रियलिटी को देख सकता है वो देख सकता है कि क्रिएशन कैसे वर्क कर रही है इसका फंक्शंस कैसे चल रहा है जो क्रिएशन बनाई गई है इसमें कौन-कौन सी चीजें चल रही है यह सारी फंक्शनैलिटी को इसकी ऑपरेशंस को समझने लगता है इतनी ज्यादा नॉलेजेबल इंसान जब हो जाता है वही फिलॉसफी रूलर बनता है और वह जब बन जाएगा उसको समझ आ जाएगी कि कैसे बाकियों की हेल्प की जानी चाहिए कैसे मदद कीनी चाहिए कैसे ह्यूमन बीइंग्स ट्रांसफॉर्म किए जा सकते कैसे इन्हीं जिंदगी जो है बेटर बनाई जा सकती है क्योंकि उसमें लालच की भावना नहीं होगी उसमें पावर एक्वायर करने की भावना नहीं हो होगी उसमें इच्छा नहीं होगी कि मेरा रायज कायम रहे या मैं ही बार-बार आता रहूं पावर में ऐसी चीजें नहीं होंगी क्योंकि वह रियलिटी समझ चुका होगा तो ये फिलॉसफी रूलर की बात करते हैं और इसके लिए कहते हैं प्रेटो कहते हैं कि एक चीज हमने और ध्यान रखना होगा कम्युनिटी ऑफ वाइव्स एंड प्रॉपर्टी का आईडिया देते हैं क्या करना होगा हमें यह जो अ रूलर क्लास है ना गार्डियन क्लास जिसमें कौन-कौन आता है गार्डियन क्लास में दो आते हैं एक किंग आते हैं फिलॉसफी रूलर और एक आते हैं वॉरियर ये दोनों आते हैं गार्डियन क्लास के लिए ना प्राइवेट फैमिली नहीं होगी इनके कोई परिवार नहीं हुया करेंगे और ना ही इनके पास कोई प्रॉपर्टी होगी क्यों प्रॉपर्टी का मतलब कोई पर्सनल वेल्थ नहीं होगी क्यों क्योंकि कहते हैं यह सारी चीजें ना करप्ट प्रैक्टिसेस लेकर आती है रूलर में तो यह चीज नहीं होगी तो करप्शन करने के चांसेस कम हो जाएंगे यहां पर एक चीज देखिए पॉजिटिव है काही कि प्लेटो जो है वमन को लेजिस्लेटर बनने के लिए रुलर्स बनने के लिए अलाव करते हैं अलाव करने का मतलब है सपोर्ट करते हैं यहां पर प्लेटो इवन कन्वेंशनल मैरिज में रिफॉर्म लेकर आना चाहते थे और वमन को इनसिपिड करने के चार दीवारी से बाहर रखना चाहते थे तो इस क्योंकि वो प्लेटो जो है प्राइवेट फैमिली को अबॉलिश कर रहे हैं तो वुमन अपने आप ही फ्री हो जाएगी तो ट्रेडिशनल मैरिज के रोल में जो वमन का रोल था ठीक है कि जैसे घर पे रहना बच्चे पालना बड़े करना यह सारी चीजें जो ड्यूटीज उनको दी जाती प्लेटो ऐसे वमन सबोर्डिनेशन रिजेक्ट करते हैं और उससे इ मसिप करना चाहते थे तो प्लेटो देख सकते हैं आप फेमिनिज्म तो अभी चल रही है चीजें तो कितने साल पहले ही उन्हें ये चीजें जो थी वो करने की कोशिश करना चाहते थे थ्रू हिज फिलॉसफी एंड थॉट्स प्लेटो एडवोकेट करते हैं कि टेंपरेरी सेक्सुअल यूनियन होनी चाहिए ठीक है तो ये जो पति परमेश्वर वाला रिश्ता है ना जन्मों-जन्मों का साथ है ऐसा कुछ भी करने की जरूरत नहीं है कहते क्योंकि वो ट्रेडिशनल मैरिज या कन्वेंशनल मैरिज की वैल्यूज और नॉर्म्स के अगेंस्ट है तो वो कहते टेंपरेरी सेक्सुअल यूनियन होनी चाहिए सिर्फ रिप्रोडक्शन के पर्पस के लिए आप आए साथ मिले बच्चा पैदा किया दैट्ची चाहिए कि आपका चाइल्ड कौन है ताकि आप में ममता ना जागे कल को आकर तो इसलिए प्लेटो को कई बार क्रिटिसाइज भी किया जाता है इन सब चीजों के लिए कि कैसा इंसान है यह तो टोटलिटेरियन सोसाइटी बनाई जा रही है जो ह्यूमन वैल्यू होती है ठीक है जो मदरली लव होता है या पेरेंट्स का लव होता है वह आप दिखाना ही नहीं चाहते उसको भी आप स्रेस कर रहे हो खत्म कर रहे हो ठीक है तो ह्यूमन रेस को कंटिन्यू रखने के लिए रिप्रोडक्शन जरूरी है दैट्ची का आपको पता होगा स्टेट को पता होगा कि आपके बच्चे कौन है किस ठीक है लेकिन आपको कभी भी खबर नहीं दी जाएगी आपको नहीं पता होगा तो प्लेटो आइडल में एज मानते हैं मैरिज के लिए कितनी है अ मेन के लिए वो 25 से 55 रिकमेंड करते हैं और वमन के लिए 20 से लेकर 40 रिकमेंड करते हैं ये इसलिए बता रहा हूं ऐसा क्वेश्चन कभी कभी पूछ भी लेते होते हैं अबॉर्शन जो है प्लेटो रिकमेंड करते थे उस टाइम पर अगर चाइल्ड इलेजिटिमेसी प्लेटो कहते थे एजुकेशन एक इंपोर्टेंट टूल है अगर हम ट्रांसफॉर्म करना चाहते हैं सोसाइटी में हम ह्यूमन लाइव्स को ट्रांसफर्ट करना चाहते हैं ह्यूमन को ट्रांसफॉर्म करना चाहते हैं ट्रांसफॉर्म किस चीज के पर्पस है सोसाइटी में अच्छे से वह सर्व कर सके दूसरे लोगों को आइडियल स्टेट में अच्छे से काम कर सके वैसे वाला ट्रांसफॉर्मेशन कब आएगा या उनमें विजडम कैसे आएगी वो नॉलेज कैसे आएगी जो हम सिखाना चाहते हैं तो व इसी वे में आएगी ना अगर एजुकेशन प्रोवाइड कराई जाए तो एजुकेशन उनके लिए वन ग्रेट थिंग थी एक अच्छा इंस्टिट्यूशन है तो वो कौन कर सकता है स्टेट कर सकता है स्टेट इज द क्रुशल एजुकेशनल इंस्टिट्यूशन प्लेटो के लिए तो इसलिए स्टेट की इंपॉर्टेंस बहुत जरूरी है अगर एजुकेशन हम लेकर आना चाहते हैं वो कहते हैं स्टेट कंट्रोल एजुकेशन हो वो एजुकेशन को दो फेसेस में देखते हैं एक एलिमेंट्री एजुकेशन है जो 18 साल की एज तक चलेगी 18 ईयर तक उसके बाद 2 साल जो आने वाले यानी 19 और 20 एज में आप क्या करोगे कंपलसरी मिलिट्री ट्रेनिंग होगी सबके लिए फिर हायर एजुकेशन में आप चले जाओगे जिसमें कुछ मेंबर का टेस्ट होगा सिलेक्ट किए जाएंगे वो रूलिंग क्लास के मेंबर बनने वाले हैं वो 20 से लेकर 35 की एज तक फिर से स्टडी करेंगे तो एलिमेंट्री एजुकेशन जो रहेगी 18 एज तक वो फोकस करेगी म्यूजिक को लेकर जिम्नास्टिक को लेकर ताकि आप में क्वालिटीज आ सके ऐसी आप अपने आप फाइंड आउट कर सको जिसे कहते हैं टिल द एज ऑफ 18 आप में वो क्वालिटीज आ जाएगी जो जरूरी है एक अच्छा इंसान बनने के लिए जहां जिसे कहते हैं सेल्फ रिलाइजेशन की पोजीशन को हासिल करने के लिए 20 की एज में सिलेक्शन प्रोसेस डिटरमिन होगा जैसे मैंने बताया एक टेस्ट होगा वहां पर जो 20 से 35 तक पढ़ने वाले एज तक वो पढ़ाया जाएगा उसमें एडवांस मैथमेटिक्स पढ़ाया जाएगा किसको पढ़ाया जाएगा लीड को पढ़ाया जाएगा लीड कौन है सेकंड डलिंग टायर्स सेकंड लिंग टायर कौन है जो अभी रूलिंग क्लास नहीं है अभी फिलॉसफी रूलर नहीं बने लेकिन बनने वाले हैं आगे चलकर तो यह जो हायर एजुकेशन पहले 10 ता तक चलेगी यानी 30 तक भी चलेगी यहां साइंस पे भी फोकस किया जाएगा मैथमेटिक्स पे भी फोकस किया जाएगा 30 के बाद एक और टेस्ट होगा वहां पर फर्द सिलेक्शन होगी जो पास कर जाएंगे फिर वह आगे स्टडी करेंगे डायलेक्टिक्स को मेटा फिजिक्स को फिलॉसफी को 5 साल तक पढ़ेंगे फिर यही लोग जो 30 से 35 तक पढ़ने वाले हैं इनको आईडिया ऑफ गुड भी एक्सप्लेन किया जाएगा प्रिंसिपल्स ऑफ बीइंग भी एक्सप्लेन कर जाएगी अस्तित्व के मायने क्या है क्यों बनी है यह क्रिएशन क्या काम है क्या करने आए हो धरती पर ह्यूमन लाइफ का पर्पस क्या है यह सारी चीजें उन्हें पहले ही समझा दी जाएगी और उन्हें रूलिंग करने का एक पार्शियल एक्सपीरियंस भी दे दिया जाएगा कि कैसे रूल किया जाता है गवर्नर्स के रूल्स बताए जाएंगे एडमिनिस्ट्रेशन के रूल बताए जाएंगे मैनेजमेंट सिखाई जाएगी ये सारी चीजें उन्हें पहले ही सिखा दी जाएगी पार्शियल लेवल पर जब तक वो 50 एज तक पहुंचेंगे यानी 35 से लेकर 508 तक जब तक पहुंचेंगे वो फुली प्लेटो के अकॉर्डिंग फिलोसोफर रुलर्स बन जाएंगे यानी फिलोसोफर रूलर बनने के लिए किंग बनने के लिए प्लेटो के स्टेट में मिनिमम एज कितनी होनी चाहिए वो 50 इयर्स होनी चाहिए ये प्लेटो कहते हैं प्लेटो की कमेंट्रीज पढ़ते हैं कि प्लेटो पर क्या-क्या कमेंट किए गए हैं स बाइन ने क्या कहा है उन्होंने कहा है सबाइल कहते हैं एरिस्टोटल के लिए जो आइडियल स्टेट है वह प्लेटो की सेकंड बेस्ट है यानी जो प्लेटो रिपब्लिक में आइडल स्टेट का आईडिया देते हैं एरिस्टोटल उसे एक्सेप्ट नहीं करते लेकिन प्लेटो की जो सेकंड बेस्ट स्टेट हमें दिखाई देती है जो बाद में वह उसको ठीक भी करते हैं लेटर स्टेजेस में वो एरिस्टोटल के लिए आइडल स्टेट है वो एरिस्टोटल भी एक्सेप्ट करते हैं स्ट्रॉस कहते हैं रिपब्लिक जो है वह आइडल ज्म पर ग्रेटेस्ट क्रिटिक लिखा गया है वो कहते हैं कटास हमें समझ नहीं आया प्लेटो रिपब्लिक में करके क्या रहे थे वो आइडली ज्म को क्रिटिसाइज कर रहे हैं ना कि आइडल ज्म के स्पॉट में थे तो हमने गलत समझा ये तो कटास लिखा गया स्ट्रॉस का मानना ये है तो कार्ल पोपर कहते हैं वेस्टर्न थॉट अब तक जितना भी लिखा गया है जहां तो वोह प्लेटो के फेवर में लिखा गया है जहां तो वो प्लेटो के एंटी लिखा गया है यहां तो व यहां तो वो प्लाटोनिकली प्लाटोनिकली निक नहीं होता यानी या तो आप प्लेटो के अगेंस्ट लिख रहे होते हैं या प्लेटो के फेवर में लिख रहे होते हो प्लेटो ने ऐसे काम किया तो वेस्टर्न क्रिटिकल थॉट भी उसके अराउंड ही घूमी जा रहा है अभी तक पोपर प्लेटो को क्रिट साइज करते हैं क्या कह करर एंटी इंडिविजुअलिस्ट एंटी ह्यूमरिस्ट एंटी डेमोक्रेटिक जिसका सिर्फ एक ही काम है क्या काम है सोशल चेंज ना आने देना मंडन सोसाइटी बना देना टोटलिटेरियन स्टेट ले आना कि ऐसी स्टेट ले आना कि लोग ज्यादा सोचे ना ज्यादा समझे ना कुछ नया ना लेकर आए जो रूल बना दिए बस वही फॉलो करने पड़ेंगे पोपर यूज करते हैं प्लेटो इसके साथ हीगल एंड मार्क्स को क्या कहकर एनीमीज ऑफ द ओपन सुसाइड यह ओपन सोसाइटी के एनीमीज है ये जब भी स्टेट बनाएंगे या जब भी कोई स्टेट इनके आइडियाज के अकॉर्डिंग इनकी फिलॉसफी के अकॉर्डिंग बनेगी तो क्या बनेगी वो टोटलिटेरियन स्टेट ही बनेगी उसमें ओपन सोसाइटी की कोई जगह नहीं है तो ओपन सोसाइटी के यह दुश्मन है एनिमी है क्रोसमैन ने क्या कंक्लूजन बेसिक प्रेमास होते ना लिबरल डेमोक्रेसी के सबसे पहले अटैक किया था ठीक है चाहे वो इक्वलिटी है फ्रीडम है सेल्फ गवर्नमेंट है तो यह क्रॉस मैन क्रिटिसाइज करते हुए कहते हैं रजो कहते हैं रिपब्लिक की तारीफ में कहते हैं कि रिपब्लिक जो लिखा गया था प्लेटो की तरफ से जो बुक है राइटिंग उनकी वो फाइनेकल गई है रजो के टाइम पर वो कह रहे हैं अपने टाइम पर तो रजो का यह कोर्ट आपने कई बार पी वाई क्यू में देखा होगा ये पूछते रहते हैं तो इसलिए कमेंट्रीज आर आल्सो इंपोर्टेंट चलिए अब समझते हैं एरिस्टोटल के बारे में ब्रीफ बायो की बात करते हैं एरिस्टोटल जो थे अपने आप में एक जीनियस थे किस तरह से क्योंकि बहुत सारे सब्जेक्ट्स पर डिसिप्लिन पर काम कर रखा था उन्होंने एस्थेटिक्स बायोलॉजी एथिक्स लॉजिस फिजिक्स पॉलिटिक्स साइकोलॉजी सब पर मतलब उनकी मास्टरी थी ऐसे नहीं कि कोई एवरेज इंसान थे उस उन सब्जेक्ट में भी तो प्लेटो के वो स्टूडेंट थे और लेकिन प्लेटो के स्टूडेंट होने के बावजूद डिसाइल होने के बावजूद उनके साथ बहुत सारी चीजों के साथ एग्री नहीं करते थे और अपनी नई फिलॉसफी और थ्योरी वो लेकर आते हैं जो प्लेटो से डिफर करती है एरिस्टोटल को फादर ऑफ पोलिटिकल साइंस भी कहा जाता है और फादर ऑफ कंपैरेटिव पॉलिटिक्स भी कहा जाता है क्योंकि इन्होंने सिस्टमिकली स्टडी की थी कंस्ट की भी 158 कॉन्स्टिट्यूशन उस टाइम पर ही इन्होंने स्टडी किए एनालाइज किए क्रिटिकली देखा इसमें क्या चीजें कौन सा कांस्टिट्यूशन बेस्ट हो सकता है इवन आपको पता होगा कि हमारे इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन को भी बनाने के लिए 60 कॉन्स्टिट्यूशन के आसपास स्टडी किए गए थे उनमें से बहुत सारी चीजें जो जो अच्छी लगी इंडिया के नीड्स के हिसाब से फिट बैठी और वहां से उन्होंने उस तरह से बनाया तो लेकिन उससे कितने साल पहले 58 कांस्टिट्यूशन एरिस्टोटल ने स्टडी की उनको क्लासिफाई किया और देखने की कोशिश की कौन सा बेस्ट कांस्टिट्यूशन जो है इस वर्ल्ड के लिए अच्छा हो सकता है तो यह सारी चीजें आपको पता होनी चाहिए इसके साथ यह पता होना चाहिए जैसे प्लेटो ने अकेडमी ओपन किया था अपना इंस्टीट्यूशन एरिस्टोटल ने भी किया था 335 बीसी में उसका नाम रखा था उन्होंने लिसियूक्स की बात करें पॉलिटिक्स उन्होंने लिखा है जिसका सेंट्रल थीम था पॉलिस यानी सिटी स्टेट पे उन्होंने काम किया था निको मैकियन एथिक्स उनके एक वर्क है जिस पर उन्होंने काम किया था ह्यूमन सोल की स्टडी की थी और यूड मिनियन एथिक्स भी है जैसे ऑ सोल भी कहते हैं इसकी डेट डिफाइन नहीं है और मिलती भी नहीं है इन्होंने यहां पर काम किया था आत्मा की अमर होने पर इम्मोर्टालिटी ऑफ सोल तो बहुत साल पहले इन्होंने भी यह सारी चीजें कर रखी है लेकिन हम इनको फिलोसोफर की कैटेगरी में मिलते है यह कोई धार्मिक गुरु या बाबा नहीं बन जाते या हम इसको ऋषि मिन्नी या साधु नहीं कहेंगे जैसे हम इंडिया में कहते हैं जो सोल पर काम करते हैं आत्मा में काम करते हैं हमें लगता है वह सिर्फ धार्मिक होते हैं स्पिरिचुअल लोग होते हैं आप देख सकते हैं फिलोसोफर भी जो है वो भी सोल जैसी चीजों पर काम करते हैं हैं तो ह्यूमन सोल की स्टडी के लिए इन्होंने यह सारी चीजें ऑलरेडी वर्क करी है प्लेटो पर कैसे क्रिटिसाइज करते हैं सबसे पहले यह समझिए कि प्लेटो के साथ कौन-कौन से आइडियाज के साथ एग्री करते थे जैसे कि वो ह्यूमन नेचर में एक रार्ज पाई जाती है ह्यूमन नेचर सबका सेम नहीं होता है ये एग्री करते थे ये जस्टिस के बहुत सारे आईडिया के साथ एग्री करते थे ब्लट के लेकिन ये इसके साथ भी एग्री करते थे कि जो सोशल क्लासेस अ बनती है सोसाइटी में वो बनेगी बनेगी इने एविटेबल है ठीक है क्लासेस के साथ ये अ यरार की के साथ और जस्टिस के साथ एग्री करते थे दूसरी कौन सी चीजों पर एग्री नहीं करते थे आइडियल स्टेट जो प्लेटो की उसके साथ एग्री नहीं करते थे एथिक्स पर कुछ काम है प्लेटो का उस पे एग्री नहीं करते रेवोल्यूशन के जो रीजन बता रखे हैं या रेवोल्यूशन पे जो आइडियाज है प्लेटो के उसके साथ एग्री नहीं करते थे प्लेटो के कम्युनिज्म के आइडिया को भी वह क्रिटिसाइज करते हैं रिजेक्ट कर देते हैं क्योंकि वह कहते हैं कि ऐसा आइडिया इंडिविजुअलिज्म को डिस्ट्रॉय करके रख देगा सो इस तरह से वो प्लेटो को क्रिटिसाइज करते हैं अब बात करते हैं उनके आइडियाज ह्यूमन नेचर और स्टेट के बारे में वो क्या कहते हैं स्टेट उनके लिए हाईएस्ट फॉर्म ऑफ पॉलिटिकल यूनियन है कोई भी अगर धरती सबसे ज्यादा बड़ी पॉलिटिकल एसोसिएशन बनी है पॉलिटिकल यूनियन बनी है अब तक तो वो मानते हैं वो स्टेट ही है स्टेट एक परफेक्ट फॉर्म पर पहुंच चुकी है जो हाईएस्ट फॉर्म है इससे ऊपर और कुछ नहीं हो सकता तो स्टेट एरिस्टोटल के लिए इंडिविजुअल से पहले आती है ठीक है वो स्टेट को इतना मानते हैं कि वो कहते हैं कि मैन बाय नेचर इज पॉलिटिकल एनिमल ठीक है और ऐसे पॉलिटिकल एनिमल के लिए यानी ऐसे पॉलिटिकल एनिमल का मतलब यहां पर क्या होगा पॉलिटिकल एनिमल का मतलब यहां पर यह है कि जो इंसान होता है उसको अपनी लाइफ को ऑर्गेनाइज करने के लिए अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए किसी तरह का सिस्टम किसी तरह की ये चीजें बनानी पड़ेगी उसी का पार्ट ही स्टेट है इसलिए मैन बाय नेचर ही पॉलिटिकल एनिमल है इसलिए उसके लिए स्टेट जो है जरूरी है नेसेसरी है डिजायरेबल है और स्टेट को लेकर एक कोट भी है कि जो मानता है और जो सोचता है कि स्टेट रिक्वायर्ड नहीं है उसके के लिए या डिजायरेबल नहीं है या तो वह भगवान है या फिर वह जानवर है वह इंसान तो नहीं हो सकता ये स्टेट में इतना विश्वास रखते हैं तो यह मानते हैं स्टेट एक इंस्ट्रूमेंट की तरह काम करता है जो इंडिविजुअल की सेल्फ परफेक्शन के लिए काम करता है इंडिविजुअल की ग्रोथ के लिए बेटरमेंट के लिए काम करता है तो स्टेट इसलिए जरूरी है एजुकेशन पे भी इनका अगर बात करें तो वो भी इंपॉर्टेंट मानते हैं स्टेट के जरिए ही चाहे वो हो तो ये एक वे ऑफ लाइफ है ठीक है इंडिविजुअल बहुत सारी चीजें सीखता है इसलिए आप देखते हो प् और एरिस्टोटल एजुकेशन पर बहुत ज्यादा जोर देते हैं आरे उन्होंने प्लेटो ने अकेडमी अपना ओपन किया ठीक है और एरिस्टोटल ने लिसियूक्स को ट्रेन किया और वो स्टूडेंट कोई छोटे-मोटे स्टूडेंट नहीं है उनका भी हिस्ट्री में बहुत बड़ा-बड़ा नाम कमाया है उन्होंने भी तो यह इस तरह से काम किया कोई एक छोटा मोटा स्कूल या ऐसी चीजें ओपन नहीं की थी उन्होंने फिलोसोफर पैदा कर दिए थे और बहुत सारे एरिस्टोटल के भी जो स्टूडेंट है वो अपने आप में जो काम करते थे आप पढ़ोगे कि वोह फर्स्ट थे कि फर्स्ट कौन था वो एरिस्टोटल का जिसने इस फील्ड पर काम किया इस फील्ड पर काम किया तो बहुत सारी नई चीजों पर इन्होंने काम किया था प्राइवेट लाइफ यह मानते हैं यह नेसेसरी है अगर इंडिविजुअल जीना चाहते हैं बट एक सफिशिएंट कंडीशन नहीं है उसको पब्लिक लाइफ में कुछ करना होगा पॉलिटिक्स प काम करना होगा पॉली स्टेट में यानी काम करना होगा स्टेट वोह मानते थे इवॉल्व हुई है लोअर एसोसिएशन थे यह कोई सोशल कांट्रैक्ट जैसे थ्योरी पे विश्वास नहीं रखते ये एवोल्यूशन वाली थ्योरी पर ज्यादा सपोर्ट करते हैं कि स्टेट इवॉल्व हुई है पहले फैमिली आई फिर विलेज आए देन फिर स्टेट बनी तो ऐसे ही आपने ये ऑर्डर में याद रखना है पहले फैमिली आई फैमिली में नीड्स पूरी नहीं हो रही थी इंडिविजुअल की विलेज आई विलेज में भी जब नीड्स पूरी नहीं हो रही थी प्रॉपर्ली तो फिर स्टेट आती है और जब स्टेट आती है स्टेट क्या है हाईएस्ट फॉर्म ऑफ पॉलिटिकल यूनियन बस इससे आगे अब यह खत्म हो गई एवोल्यूशन स्टेट हमने ढूंढ ली है एरिस्टोटल मानते थे एरिस्टोटल ने हैप्पीनेस और यूड मेनिया जिसे कहते हैं उस परे भी काम किया है वो अपनी राइटिंग रिटोरिक्स में भी इसके बारे में बहुत सारी बातें करते हैं जिसमें वह कहते हैं कि हैप्पीनेस को अगर लोग जीना चाहते हैं तो उस में सफिशिएंसी और सेल्फ रिलायंस चीजों पर काम करना होगा उन्हें और उससे हैप्पीनेस उन्हें मिलेगी तो ह्यूमन हैप्पीनेस यह और भी फर्द एक्सप्लेन करते हैं कि आप रीजन या एक्शन के बेसिस पे होते हैं कि आपने क्या सोचा कैसे डिसीजन लिया फिर उस परे क्या एक्शन लिया उसके जो रिजल्ट मिलेंगे वो हैप्पीनेस बनी है ठीक है वोह आप में सुख का कारण बनी है जिंदगी में या दुख का कारण बनी है तो रीजन और एक्शन डिसाइड करने वाले हैं आपके ये कहते ह्यूमन में ना दो सोल के दो पार्ट होते हैं दो एस्पेक्ट होते हैं एक रैशनल होता है एक इ रैशनल होता है इरल को भी वो फर्द डिवाइड करते हैं एक वेजिटेटिव होता है जो प्लांट्स एनिमल ह्यूमंस में पाया जाता है जो सिर्फ उनकी ऑर्गेनिकली ग्रोथ करते हैं ऑर्गेनिस्ट ग्रो होता है ठीक है एक होता है एटिव जो इमोशनल साइड भी होती है तो यह सारी चीजें होगी इरल में रैशनल वो हो गया जो ह्यूमंस को मिला है जिसमें उनके पास सोचने समझने की विचार करने की शक्ति है वो फिलॉसफी कॉम्प्लेक्टेड केमिस्ट्री में और फिलॉसफी जैसी चीजें डिफरेंट डिफिकल्ट सब्जेक्ट्स पर भी काम कर सकते हैं उसके लिए रैशनल थिंकिंग जरूरी थी और यह यूनिक एक्सपेक्ट सिर्फ ह्यूमंस को मिला है हैप्पीनेस कहते हैं कुछ और तरीकों से भी आती है जिसमें एक इंपॉर्टेंट है कि एथिकल और इंटेलेक्चुअल वर्चूज को एक्सरसाइज करना एथिकल को एक्सरसाइज करने का मतलब क्या है वो भी आगे चलकर आपको समझाने वाला हूं लेकिन सबसे पहले यह समझिए कि इंटेलेक्चुअल जो बातें वो करते हैं कहने का मतलब है कि व्हाई द इंटेलेक्ट इज सो मच इंपोर्टेंट उसमें कहते हैं इंटेलेक्चुअल जो है वो फाइनल कॉसेस है नॉलेज का इसका मतलब क्या है इसका मतलब है जब आप चीजें सीखते हो समझते हो जानने लगते हो आप एक लेवल अचीव करने लगते हो मासस की थिंकिंग से थोड़ा ऊपर उठते हो आपके पास एक प्रैक्टिकल विजडम आती है तभी हम कहते हैं ना ऐसे जब लोग होते हैं जो इस लेवल पर पहुंच जाते हैं उनको कोई प्रॉब्लम बताओ तो उनका सलूशन भी यूनिक ही उनके पास होते हैं तो प्रैक्टिकल विजडम होती है ऐसे लोगों के पास वर्चुअल एथिकल उनका बिहेवियर भी होता है क्योंकि उनको दूसरे का पर्सपेक्टिव आराम से समझ जा रहा होता है कि यह किस दुविधा में फंसा हुआ है इसको कैसे यहां से निकल सकता है तो इसलिए उनके बिहेवियर में भी हम देखते हैं एक एथिकल चीजें बिहेवियर आएगी जैसे कि दूसरे के प्रति उनको एंपैथेटिक होंगे जेनरिसिटी शो करेंगे ठीक है तो उनकी वेलफेयर के बारे में भी सोच सकेंगे क्योंकि वो बहुत सारी चीजें जो ज्ञान या नॉलेज लेते हैं उससे ऊपर उठकर ही सोचने लगते हैं उनकी नीड्स और रिक्वायरमेंट वैसी नहीं है जैसे आम लोगों की होती है फिलोसोफी वो ऊपर उठ रखे हैं तो फिलॉसफी ही दुनिया को देख रहे हैं इंटेलेक्ट से देख रहे हैं ठीक है तो दूसरों के दुख दर्द मतलब आप कह सकते हो इजली समझ लेते हैं तो इसलिए इंटेलेक्चुअल पर बहुत ज्यादा जोर देते थे कि इंसान को इंटेलेक्चुअल होना चाहिए प्लेटो ने तो यह कहा था जो इंटेलेक्चुअल बन जाते हैं बहुत अच्छे लेवल के फिलोसोफर ही रूलर बने किंग जो होना चाहिए उसकी मेरिट क्या होनी चाहिए वो फिलोसोफर होना चाहिए इस लेवल पर पहुंचाओ बट एनीवे वो प्रैक्टिकली क्यों पॉसिबल नहीं है वो आप क्रिटिसिजम बाद में देख लेना विजडम को ये सोफिया कहते हैं प्रैक्टिकल विजडम को ये फ्रोनेसिस कहते हैं ठीक है ये वर्ड आपको पता होने चाहिए ऐसे वर्ड पर भी क्वेश्चन जो है नेट जरफ से पूछ ले स्टूडेंट्स को तो पूछे जाते हैं हो सकता है आपको भी पूछे जाए तो एनीवे मैंने थोड़ा सा आपको यहां पर बेसिक बेसिक चीजें समझाई है इंटेलेक्ट के पहले में अब एथिकल वर्चूज क्या होती है कौन सी क्वालिटीज जो है ह्यूमन बीइंग को डेवलप करने चाहिए ताकि वो हैप्पीनेस को भी अचीव करें एक तो इंटेलेक्चुअल वर्च्यू होगी जिसको मैंने आपको एक्सप्लेन कर दिया कि नॉलेज बहुत लेवल की बढ़ जाती है दूसरों के पर्सपेक्टिव तो चुटकियों में समझ आने लगते हैं ठीक है तो इसलिए दूसरों को समझ रहे हो तो आप तो फिर बहुत सारी चीजें समझ रहे हो और एथिकल वर्च्यू होगी करेज आप में साहस जस्टिस का आईडिया आप समझ रहे हो जनरस टी आती है जैसे मैंने ये चीजें समझाई है एरिस्टोटल कहते हैं कि एक गोल्डन मीन को हमें समझने की जरूरत है गोल्डन मीन का मतलब है नथिंग इन एक्सेस कहने का मतलब यह है कि दो एक्सट्रीम साइड का बीच वाला पाथ ठीक है ना मॉडरेशन जिसे कहते हैं ये गोल्डन मीन कहते हैं और गौतम बुद्ध इसको मिडल पाथ कहते हैं बहुत सालों के बाद उन्होंने भी यही चीज फाइंड आउट की कि खुशी कहां पर है हैप्पीनेस कहां पर वो कहते हैं मिडल पाथ में है एरिस्टोटल ने भी कितने साल पहले यही चीज चीज बात की कि अगर आप हैप्पी रहना चाहते हो गोल्डन मीन को फॉलो कीजिए किसी भी एक्सट्रीम साइड में ना जाइए उसके मॉडरेशन में कोशिश कीजिए रहने की तो मॉडरेशन में क्या-क्या चीजें आती है जैसे अब करज है करज है सास दिखाना दो तरह के लोग होंगे एक तो ये बहुत ही ज्यादा डर जाएंगे एक होंगे जो कुछ करेंगे ही नहीं जब सिचुएशन आती है तो सासी लोग होते हैं करज जो सिचुएशन को एनालाइज करते हैं देखते हैं कितनी गंभीर सच सिचुएशन है उसके अकॉर्डिंग फिर एक्शन लेते हैं यह साहस है यह दो एक्सट्रीम का एक मिड है मॉडरेशन है जिसे करज कहते हैं तो सेल्फ कंट्रोल जैसी क्वालिटी जेनरिसिटी जैसी क्वालिटी जो अगर कोई ह्यूमन बीइंग अपने आप में डेवलप करता है तो इसका मतलब वो गोल्डन मीन अपनी लाइफ में अचीव कर रहा है आजकल तो हम भी नॉर्मली बात करते हैं ना वर्क लाइफ बैलेंस होना चाहिए ये चीजें तो तब से वह बात कर रहे हैं इन सब चीजों पर एरिस्टोटल ने सोचा है समझा है काम किया और लोगों को बताया है कि क्या-क्या चीजें कैसे की जा सकती है एक्सटर्नल गुड्स जैसे होती है हेल्थ वेल्थ फ्रेंड्स वो मानते हैं यह सारी चीजें भी जरूरी है हैप्पी लाइफ जीने के लिए इनको भी आप जो है नेगलेक्ट नहीं कर सकते और फ्रेंडशिप को वैसे भी वह एज द नोबलिस्ट एक्सटर्नल गुड मानते हैं हाउसहोल्ड की बात करें स्लेव की बात करें यह सारी चीजों की तो सबसे पहले तो यह समझिए हाउसहोल्ड उनके लिए बहुत ही इंपॉर्टेंट है क्योंकि यह इंडिविजुअल की नीड्स को पूरा करता है सेल्फ प्रिजर्वेशन से लेकर प्रोक्रिएशन से लेकर इकोनॉमिक सेटिस्फैक्ट्रिली कहते हैं ठीक है फादर एज ए हाउसहोल्ड जो हेड है हाउसहोल्ड ल्ट का वो एक तरह से कहते हैं जरूरी है फादर ही हेड होना चाहिए क्योंकि मेल सुप्रीमेसी में तो वैसे भी वह मानते हैं क्यों होना चाहिए क्योंकि फैमिली और पॉलिटिकल कम्युनिटी में क्योंकि रिटोटल पॉलिटिकल कम्युनिटी में ऐसे लोगों को ही पार्टिसिपेट करने देते हैं वमन को तो वैसे भी नहीं करने देते थे पॉलिटिकल कम्युनिटी का मतलब पब्लिक लाइफ में पॉलिटिक्स में डिसीजन लिए जाने लॉ रूल्स रेगुलेशंस बनने हैं उसके लिए पार्टिसिपेट करना तो कहते फादर दोनों का रोल प्ले करता है फैमिली और पॉलिटिकल कम्युनिटी को कनेक्ट करके रखता है तो इस तरह से वो फादर को देखते हैं फादर और प्लेटो जो बात करते हैं अ स्लेवरी के बारे में उनकी तरह नहीं डिफेंड करते हैं वो स्लेवरी को डिफेंड करते हैं प्लेटो के लिए स्लेवरी इंपोर्टेंट नहीं थी वो तो वमन एमांसिपेशन की भी बातें करते हैं और भी बड़ी चीजें उन्होंने बात की जैसे हमने पीछे देखा लेकिन एरिस्टोटल स्लेवरी को डिफेंड करने लगते हैं वो कहते हैं देखिए दो तरह के स्लेव होते हैं कन्वेंशनल और नेचुरल कैसे कन्वेंशनल स्लेव होते हैं जो लॉ के द्वारा या कनक्स के द्वारा स्लेव बनाए जाते हैं जैसे प्रिजनर ऑफ वार नहीं होते कि आपने जीता किसी देश के और वहां के सोल्जर्स को बंदी बना लिया वो स्लेव बन गया अब आपके तो यह हो गया नेचुरल स्लेव वो हो गए जिनकी इरेशनलिटी कम है सोचने समझने की शक्ति कम है या चीजों को अच्छे से समझ नहीं पाते हैं वह नेचुरल स्लेव कहलाए जाते हैं क्योंकि यह मानते हैं एरिस्टोटल कि नेचुरली ही उनके पास ब्रेन या जिसे आप आईक्यू कह सकते हो वो कम है तो इसलिए वो नेचुरल मानते हैं तो एरिस्टोटल के अकॉर्डिंग ऐसे लोगों की जो एबिलिटीज में लैक करते हैं वहां पर वह जस्टिफाई करते हैं स्लेवरी कि ऐसे लोग रदर सीखेंगे ही अपने मास्टर से बहुत सारी चीज तो मास्टर के साथ रहेंगे मास्टर उन्हें मास्टर के साथ रहेंगे मास्टर के माहौल में रहेंगे उस एनवायरमेंट में वह कुछ सीखेंगे ही रदर उनकी रैशनल बढ़ेगी ही कम नहीं होगी इस तरह से बातें करके वह स्लेवरी को जस्टिफाई करते हैं और कहते हैं कि मास्टर को वैसे भी फ्री टाइम मिलना चाहिए बहुत सारी चीजें करने के लिए यह जहां पर मास्टर की बात कर रहे हैं वो मास्टर कोई आम इंसान नहीं है वो मास्टर की बात कर रहे हैं जो इंटेलेक्ट परसु वेट में जाना चाहता है यानी उसे बहुत सारी रिसर्च करनी है बुक्स पढ़नी है या फिर उसने कुछ दुनिया को नया देना है समझना है वर्ल्ड को फिलॉसफी देनी है बहुत सारी प्रॉब्लम्स पर सॉल्यूशंस जो है उसने देने हैं हो सकता है ब फिलॉसफी ना हो वो साइंटिस्ट भी हो सकता है तो ऐसे लोगों को वह कहते हैं हाउसहोल्ड हेल्प की जरूरत है वह अगर अपने कपड़े धोने में खाना बनाने में यह सारी चीजें करता रह गया तो फिर उसको टाइम कब मिलेगा इन सब चीजों को करने के लिए क्योंकि फिलॉसफी जो है उसके लिए काफी ज्यादा लेजर टाइम चाहिए जब आपने सोचना समझना चीजों पर काम करना है यू नीड टाइम तो आपको टाइम वही दे सकते हैं अगर आप के पास स्लेव होंगे हाउसहोल्ड हेल्प होगी इस तरह से वो स्लेवरी को देखते हैं उन्होंने स्लेवरी में जो इन ह्यूमन ट्रीटमेंट दिया जाता है स्लेवरी सिस्टम में उस चीज के वो अगेंस्ट है अगर वो स्लेवरी के फेवर में है वो किस कांटेक्ट में है वो भी मैंने आपको बता दिया अगर कोई मास्टर अपने स्लेव को इन ह्यूमन ट्रीटमेंट देता है तो वो चीज को वो जस्टिफाई बिल्कुल नहीं करते वो कहते ऐसे फिर स्लेव को आजाद करना ही अच्छा है फिर स्लेव नहीं होना चाहिए तो मास्टर में भी वो बताते हैं कि मास्टर कैपेबल है उस स्लेव के लिए य सारी चीजों को इस हिसाब से जस्टिफाई करते हैं एरिस्टोटल कहते हैं वमन को वो सिटी और एजुकेशन जैसी चीजों में तो इंक्लूड करना चाहते हैं लेकिन व पॉलिटिक्स से बाहर रखना चाहते हैं क्योंकि वह मानते हैं वह इनफीरियर एमन से और बहुत ही हार्श वर्ड वो यूज करते हैं वो कहते हैं विमेन एक इनफर्ट इल मेल है वो जेंडर्स के बेसिस पे मानते हैं कि दोनों की एबिलिटीज अलग-अलग होती है और वह मानते हैं कि वन फिट नहीं है पब्लिक लाइफ में आने के लिए पॉलिटिक्स में आने के लिए वमन जो है डिसीजन नहीं अच्छे से ले सकती वह इतनी रैशनल नहीं होती है यह वमन के प्रति उनके विचार थे अब बात करते हैं मैरिज एज की अगर बात करें तो वमन के लिए वोह 18 बताते हैं मैन के लिए 37 रिकमेंड करते हैं प्राइवेट प्रॉपर्टी को वो डिफेंड करते हैं लेकिन इसके साथ वो ग्रेट बिलीवर भी है इसके साथ कि वेल्थ जो है अच्छे से समाज में डिस्ट्रीब्यूटर और पुअर में एक ग्लेयरिंग गैप नहीं होना चाहिए वो गैप मिनिमाइज ही होना चाहिए एरिस्टोटल फ्रीडम बर्थ राइट इंडिपेंडेंस यह सारी चीजें क्रुशल मानते हैं ऐसी क्वालिटी को जस्टिस और इक्वलिटी के लिए अब इन क्वालिटी एरिस्टोटल के लिए क्या थी यह बहुत ही अच्छी स्टेटमेंट है देखिए उन्होंने कहा इक्वल्स जब ट्रीट किए जाते हैं अनइक्वली और अनइक्वल जब इक्वली ट्रीट किए जाते हैं तो मतलब है सोसाइटी में इन इक्वलिटी रहेगी रहेगी अब यह क्या है इक्वल को अनइक्वली ट्रीट कर दिया गया कहने का यहां पर मतलब है मान लीजिए कोई सोल्जर है बहुत फिट है उसमें स्ट्रेंथ अच्छी है स्टैमिना अच्छा है पावर अच्छी है लेकिन उसको काम कैसे दिए जा रहे हैं छोटे-मोटे काम दिए जा रहे हैं चाय बनाने का काम दिया जा रहा है ठीक है दर्जी का काम दिया जा रहा है तो कहते हैं यह उसके साथ गलत है यहां पर जो जहां पर फिट बैठता है उसको वहां के वैसे हिसाब से जॉब मिलनी चाहिए ठीक है ना इक्वल जो है अनट्रीटेड इक्वल जो है ट्रीटेड किए जाते अनइक्वली है तो सभी सोल्जर इक्वल्स है लेकिन अनइक्वली ट्रीट कर दिया ना उसकी वैल्यू कहीं और है तो वो वैल्यू डालो उसकी अब अनइक्वल्स को इक्वली ट्रीट कर दिया जाता है कहते कुछ लोग जो है मैरिड के बेस पर बहुत सारी चीजें की जा सकती है लेकिन उनको अपॉर्चुनिटी देते वक्त उनके बट कहां पर हुआ ठीक है वो किस कास्ट से या किस क्लास से बिलोंग करते हैं यह सारी अगर कंडीशंस आप लगा देते हो तो इसका मतलब क्या हो गया आपने उनको अपॉर्चुनिटी अच्छे से दी नहीं आपने तो कंडीशन लगा दी तो अनइक्वल्स को इक्वली ट्रीट करने लगते हो यह एरिस्टोटल का मानना था अगर ये चीजें होगी तो इनिक्वालिटी समाज में रहेगी रहेगी रूल ऑफ लॉ और कांस्टिट्यूशन की अगर बात करें तो वो सिंगल सिटीजन को ही अ जो रूल करते थे जैसे किंग हो गए या ऐसी चीजें वो चीजों में बिलीव नहीं करते थे वो रूल ऑफ लॉ के फेवर में थे यानी वो मोनार्की के एज सच इतने बड़े फैन भी नहीं थे फिलोसोफर रूलर होना चाहिए एडल स्टेट जैसे प्लेटो कहते ऐसी चीजें नहीं कहते थे वो रूल ऑफ लॉ को फेवर करते थे वो कहते थे इंडिविजुअल्स को ही लॉ गार्डियंस बनना होगा लॉ के मिनिस्टर बनना होगा सीखनी होगी यह सारी चीजें कि कैसे गवर्न किया जाता है कैसे एडमिनिस्टर कर किया जाता है और इसके साथ इक्वलिटी और जस्टिस उनके लिए एक ही चीजें थी और इंडिविजुअल को यह दोनों चीजें समझनी होगी कैसे इक्वलिटी लेकर आई जाती है कैसे जस्टिस की जाती है उस बेसिस पर ही वह लॉ को अच्छी तरह से गार्ड कर पाएंगे अदर वाइज नहीं कर पाएंगे इसलिए वो कहते थे एजुकेशन बहुत इंपॉर्टेंट है कांस्टिट्यूशन बेसिकली वो कहते हैं क्या होता है कि पॉलिटिकल पर बात करते हैं एरिस्टोटल के लिए जो बेसिक क्लासिफिकेशन है स्टेट की वो कहते हैं वो डिपेंड करती है नंबर ऑफ रुलर्स पर और क्वालिटी क्या है उस रूलर की रूलर शिप की देखिए इस चार्ट से वो कहते हैं अगर लोगों के लिए काम करती है कोई भी गवर्नमेंट की फॉर्म कोई भी ठीक है तो वह क्या होगी वह गुड फॉर्म है तो जैसे चाहे वह राजा हो उसमें मोनार्की आ जाएगी गुड फॉर्म है चाहे व कुछ घराना चला रहा हो कुछ लोग कम लोग चला रहे हो मिलकर वो अरिस्टो है लेकिन लोगों के लिए सोचते हैं तो वो अरिस्टो क्रेसी है तो रूल बाय द माइनी बहुत सारे जाने ल रूल कर रहे हैं तो वो पॉलिटी होगी लेकिन लोगों के लिए सोच रहे ये गुड फॉर्म है परवर्ती लोगों का वेलफेयर नहीं सोचते तो वही रूल चाहे राजा करें फिर वो टेरनी बन जाती है वही रूल कोई कम लोग करें कोई घराना करें तो वह ओलिगार्की बन जाती है वही रूल बहुत सारे लोग कर रहे हैं तो वो पॉलिटी नहीं रह जाती है वोह डेमोक्रेसी बन जाती है क्योंकि वो डेमोक्रेसी के अगेंस्ट थे प् भी अगेंस्ट थे वो टाइम ही ग्रीक का ऐसा चल रहा था जिसमें वह डेमोक्रेसी को सिर्फ करप्ट फॉर्म ही देखते हैं पॉलिटी की तो इसलिए एरिस्टोटल इस तरह से कह रहे हैं पॉलिटी उनके लिए एक बेस्ट एवरेज कांस्टिट्यूशन है अगर पूछा जाए एरिस्टोटल का बेस्ट कांस्टिट्यूशन या बेस्ट गवर्नमेंट कौन सी है तो वो पॉलिटी कहलाती है बट इसमें देखना क्वेश्चन का कंटेस्ट देखना क्योंकि एरिस्टोटल इतने सीधे-सीधे स्टेटमेंट देने वाले इंसान नहीं है अच्छे खासे लेवल के फिलोसोफर इसलिए ऐसे को फादर ऑफ पॉलिटिकल साइंस कहा जाता है तो उन्होंने कंडीशंस लगा रखी है कि किस केस में क्या बेस्ट है किस केस में बेस्ट नहीं है तो वह कंडीशंस भी आपको समझनी होगी सो गोल्डन मीन के अकॉर्डिंग वैसे वोह मानते थे पॉलिटी जो है बेस्ट एवरेज कांस्टिट्यूशन है ठीक है पॉलिटी जो क्रिएट की जाएगी उसमें डेमोक्रेसी और ओलिगार्की के दोनों के कंबाइन फीचर होंगे इसलिए वो मिक्स्ड कांस्टिट्यूशन की थ्योरी में बिलीव करते थे सिटीजनशिप उनके लिए सेंट्रल है पॉलिटी चलाने के लिए लेकिन सिटीजनशिप में यह कहते हैं सिटीजन के पास इंटेलिजेंस होनी चाहिए पढ़ा लिखा होना चाहिए एजुकेट होना चाहिए तभी वो रूल कर सकता है और उस परे शासन किया जा सकता है रूल किया जा सकता है अगर सिटीजन ही एजुकेट नहीं है तो वो रूलर भी गलत चूज कर लेंगे और लॉ को भी अच्छे से वह प्रॉपर्ली फॉलो भी नहीं कर पाएंगे जो बना रखे हैं तो इसलिए वह मानते थे सिटीजन के लिए एजुकेशन जरूरी है और उन्होंने बहुत सारे सिटीजनशिप के वो रखे थे अ आप कह सकते हो कि कौन-कौन सिटीजन बन सकता है एलिजिबिलिटी की कंडीशन कौन-कौन नहीं तो वो मानते थे स्लेव्स ओल्ड यंग पीपल वमन और वर्किंग क्लास मेंबर जो है वो सिटीजनशिप के लिए एलिजिबल नहीं है वह सिटीजन नहीं बन सकते उनको सिटीजनशिप एरिस्टोटल बिल्कुल भी चाहते थे ग्रांट नहीं होना चाहिए उसके डिफरेंट डिफरेंट रीजन है वो बता रखे बट आप इतना ही समझ लीजिए एरिस्टोटल जो है वो चेंज को मानते थे कि चेंज तो आएगा ही आएगा अब रेवोल्यूशन के आईडिया समझिए उनके चेंज तो आएगा इनएविटेबल है प्लेटो कहते थे चेंज सही नहीं है यार सोसाइटी में स्टेबिलिटी जरूरी है एरिस्टोटल कहते हैं चेंज आएगा ठीक है और प्रोग्रेस की पॉसिबिलिटी बनेगी लदर हम ग्रो ही करेंगे उस च चेंज आने दो इसलिए स्टेबिलिटी भी जितनी इंपॉर्टेंट है उतनी ही रेवोल्यूशन भी इंपॉर्टेंट है दोनों ही इंपोर्टेंट है सोसाइटी में तो अगर रेवोल्यूशन आ जाती है कुछ उथल-पुथल हो जाता है तो ठीक है होने दो इससे प्रोग्रेस ही होगी फर्द हमें रिजल्ट दिखाई देंगे कि क्या हुआ ठीक है स्टेबिलिटी रेवोल्यूशन आर बहुत इंपोर्टेंट और रेवोल्यूशन के वो कुछ कारण बताते हैं कुछ साइकोलॉजिकल मोटिव भी हो सकते हैं ठीक है ओलिगार्की में जैसे आप डिजायर करते हो इक्वलिटी होनी चाहिए डेमोक्रेसी में आप डिजायर करते हो इनक्व होनी चाहिए ये समझ रहे हो आप क्या कहना चाहते हैं ओलिगार्की का मतलब हो गया एक पवर्ड फॉर्म है अरिस्टो क्रेसी की जैसे मैंने आपको बताया पवर्ड फॉर्म क्या है कि लोगों के लिए काम नहीं किया जा रहा तो व देख रहे हैं यह घराना जो है कर ही नहीं रहा है कुछ तो वह क्या मांगेगी क्वालिटी भाई हमें भी जो है इक्वल की तरह ट्रीट किया जाना चाहिए तो जब इक्वलिटी की डिमांड आएगी तो क्या करेंगे उस घराने के अगेंस्ट क्या कर देंगे रेवोल्यूशन लेकर आएंगे ना प्रोटेस्ट करेंगे तो इस तरह से वो कहते हैं कुछ साइकोलॉजिकल मोटिव्स भी होते हैं सिमिलरली ऐसे डेमोक्रेसी में भी होता है ऑब्जेक्टिव भी हो सकते हैं लोगों के कुछ ठीक है ऑब्जेक्टिव्स क्या हो सकते हैं उनके गोल्स क्या हो सकते हैं प्रॉफिट ऑनर इनसोलेंस फेयर्स प्योरिटी इन सम फॉर्म ये सारी चीजों के साथ भी हम रेवोल्यूशन देख सकते हैं ओकेज हो सकते हैं कुछ ऐसे पॉलिटिकल इवेंट्स हो रहे हैं उस कंट्री में तो वो भी सरकमस्टेंस सिचुएशन ऐसी बनी है कि वह माहौल बनाते हैं रेवोल्यूशन वाला तो यह सारी चीजों की वजह से रेवोल्यूशन आ सकती है ये तीन ही मेजर कारण कहते हैं आपको दिखाई देंगे कहीं पर भी आप दुनिया में रेवोल्यूशन को स्टडी कर लो यह तीन रीजन कहीं ना कहीं पर फिट हो ही जाए आे रिटोटल मानते उनके कुछ कोट देखते हैं वो कहते हैं प्लेटो फ्रेंड थे लेकिन ट्रुथ जो है ग्रेटर फ्रेंड है ठीक है वो प्लेटो और ट्रुथ में अगर किसी को चुनना हो मतलब प्लेटो की थ्योरी फिलॉसफी में से चुनना हो तो किसको चुनेंगे वह सच को चुनेंगे प्लेटो को नहीं चुनेंगे यह यहां तक वह सच को अचीव करना चाहते थे जानना चाहते थे मैन इज बाय नेचर पॉलिटिकल एनिमल जैसे मैंने बता दिया यह दूसरा तीसरा कोट है जो मैंने बताया था कि जो सोचता है कि मैं सोसाइटी में मतलब रह नहीं सकता या मुझे इसकी ज जरूरत नहीं है सोसाइटी का यहां पर मतलब स्टेट ही है यहां तो अपने आप में कहते वो बहुत ही सफिशिएंट हो गया है ठीक है मतलब इतना संतुष्ट उसको कुछ चाहिए नहीं कुछ मांग ही नहीं रहा या फिर वह जानवर है बीस्ट है या फिर वह भगवान है यह चीजें हो सकती है वोह गॉड है क्योंकि स्टेट की सबको जरूरत है यह इस तरीके से व जस्टिफाई कर रहे थे स्टेट वो मानते थे यूनियन ऑफ फैमिलीज है विलेजेस की यूनियन है ठीक है हाईएस्ट फॉर्म ऑफ पॉलिटिकल यूनियन है एसोसिएशन ऑफ एसोसिएशन भी कभी-कभी कहा जाता है तो यह उनके मेजर बट है जो आपको पता होना चाहिए चलिए बात करते हैं मैके वली की इन इनको फर्स्ट मॉडर्न पॉलिटिकल थोरिन जाता है यानी यहां से शुरुआत होती है मॉडर्न पॉलिटिकल थ्योरी की इनको इसलिए फर्स्ट माना जाता है क्यों माना जाता है क्योंकि ये पॉलिटिक्स को इस तरह से समझते कहते हमने आइडल्स पे फोकस नहीं करना है यानी जो नॉर्म्स कंसेप्ट या चीजें बन रखी है ना उन परे फोकस ना करो फोकस करो ह्यूमन कैसे बिहेव कर रहे हैं ह्यूमन बिहेवियर से ही सारी चीजें आपको समझ आने वाली है इसलिए इनकी सारी थ्योरी का जो बिल्ड अप आएगा जो भी आइडियाज आएंगे वो हूमन बिहेवियर से निकल कर आने वाले और इसलिए इनको कहा जाता है वन ऑफ द ग्रेट थ्योरी ऑफ रियल पॉलिटिक इनकी पॉलिटिक्स जो आएगी पॉलिटिक्स पर जो थ्योरी आएगी रियल है रियल का मतलब है काफी प्रैगमेट जम है प्रैक्टिकल काफी ज्यादा है तो ये वेस्ट की फर्स्ट जनरल थ्योरी ऑफ कंस्पिरेशन लेकर आती है यानी कंस्पिरेशन की थ्योरी पर काम करने वाले ये पहले थे जिन्होंने फॉर्मुले किया इनको सरने हेलियो नाम से भी जाना जाता है उसका मतलब होता है मिस्टर नथिंग इसलिए कहा जाता था इनको मिस्टर नथिंग क्योंकि ये जिस लैंड से आते थे वो एक स्टेट जो टुकड़ों में बटी हुई थी कोई अपनी स्ट्रांग स्टेट नहीं थी तो इसलिए यह कह लो एक तरह से उनका मजाक भी उड़ाते थे तो मै केवली जो थे वो क्या करते हैं फिर वो यूनिफिकेशन ऑफ इटली के लिए काम करना शुरू कर देते हैं उनकी थ्योरी फिलासफीज जो भी आइडियाज रहने वाले जो थॉट्स रहने वाले वो इसी चीज को दर्शाते हैं मेजर वर्क्स की बात करें प्रिंस उन्होंने लिखा था 1513 में लेकिन वो पब्लिश होता है उनकी डेथ के बाद 1532 में देन फिर वो इसमें क्या बात करते हैं कि बात करते हैं कि प्रिंस को क्या-क्या करना होना चाहिए उसको गाइडेंस देते हैं उसको एडवाइस देते हैं कि प्रिंस कैसा होना चाहिए तो जैसे वह इसमें एक कह रहे हैं कि प्रिंस के अकाउंट के लिए वह सबसे ज्यादा कहते हैं कि अपने पावर को एक्सरसाइज करने के लिए बहुत ही एक रियलिस्टिक अकाउंट प्रोवाइड कराते हैं वोह बताते हैं कि कैसे प्रिंस जो है अच्छी तरह से राज कर सकता है कौन से वोह वे हो सकते हैं जैसे हमारे इंडिया के केस में चाणक्य नीति आती है कोटलिया की बहुत सारी रियल पॉलिटिक्स में आइडियाज है वो रियल पॉलिटिक्स जब भी कोई बताएगा चीजें वो सिमिलर सी सुनाई देती है वह सिमिलर सी लगने लगती है चाहे वह किसी भी टाइम पीरियड में लिखी जाएंगी तो इसे कहते हैं आर्ट ऑफ स्टेट क्राफ्ट कि शासन कैसे किया जाता है राज कैसे किया जाता है क्या करना चाहिए वो कोटलिया ने जो चीजें समझाई थी उस टाइम पर वही मैक वली भी समझा रहे हैं इसी टाइम पर दोनों अलग-अलग टाइम पीरियड में हुए हैं हो सकता है मै केवली ने कभी कोटलिया को पढ़ा भी ना हो लेकिन हमें बहुत ही सिमिलरिटी मिलती है डिस्कोर्स लिखते हैं फिर अपनी बुक वो पब्लिश होती है 1531 में और रिटन होती है 1513 और 17 के बीच के टाइम इसलिए कंफ्यूज मत होना डेट्स में लिखी कब गई पब्लिश कब हुई अलग-अलग डेट से 1531 1532 ही आपने याद रखनी है मोस्टली एग्जाम में पब्लिकेशन की डेट पूछी जाती है लिखी कब गई है वो कम पूछा जाता है डिस्कोर्स में बेसिकली वो क्या कहते हैं डिस्कोर्स में वो नई बातें करने लगते हैं वह यहां पर जो प्रिंस को एडवाइसेज दे रहे थे द प्रिंस में यहां पर आकर व एक नई रेजीम को एस्टेब्लिश करने के क्या-क्या मेथड हो सक पावर में कैसे रहा जा सकता है वो भी पीपल्स पार्टिसिपेशन के साथ लोग लोगों की हेल्प लेकर यहां पर फिलोसोफर प्रिंस की भी बात करते हैं आर्ट ऑफ वार 1521 में आती है उसमें वह बात करते हैं फैलो सिटीजन कैसे ट्रेन हो सकते हैं आर्म्स में कैसे वो वार में लड़ सकते हैं वॉर का जो है मायने बताते हैं फ्लोरेंस की हिस्ट्री लिखते हैं 1525 में तो इसमें वो फ्लोरेंस में उसको स्टडी करते हैं फ्लोरेंस की हिस्ट्री को और उसमें बताते हैं कि उसमें जो सोशल कंफ्लेक्स रहते हैं वो क्यों रहते हैं वो इसलिए रहते हैं क्योंकि वहां के लोगों में और वहां के जो रूलर थे ठीक है उनमें कंफ्लेक्स को नेचुरल क्लास वार भी कहते थे वो इसी से वजह से फ्लोरेंस में यह कंफ्लेक्स ज्यादा रही है और इसके लिए अ ह्यूमन नेचर की अब हम बात करते हैं ह्यूमन नेचर को यह थोड़ा सा नेगेटिव समझने की कोशिश करते हैं और नेगेटिव नजरिए से देखते हैं जैसे वह कहते हैं वो विकट होते हैं सेल्फिश होते हैं इगो इस्टिक होते हैं और यहां तक वह यह भी कहते हैं कि अगर उनके फादर का कोई मर्डर कर दे वह उसको भी माफ कर देंगे लेकिन कोई उसकी प्रॉपर्टी हथिया लेगा ना वो उसको माफ कभी नहीं करेगा तो इस लेवल में उनमें जो है आप कह सकते हो सेल्फिश एगोइस्ट ग्रीडी या जितने भी आप नेगेटिव क्वालिटीज एक ह्यूमन में होती है वोह सबको देखते हुए ही अपनी थ्योरी देना चाहते थे ही बिलीव्ड ह्यूमन जो है वो पावर के लिए भूखे होते हैं ग्लोरी के लिए भूखे होते हैं उन्हें समाज में एक स्टेटस चाहिए एक पोजीशन चाहिए वह अपनी मटेरियल वेल बीइंग पे बहुत ज्यादा ओवरली फोकस्ड होते हैं तो यहां पर वो करप्शन और सिविक वर्चू का भी एक एनालिसिस देते हैं कि करप्शन क्यों होती है कहते करप्शन का मेनली यही रीजन होता है कि जो वेल्थ बिना वर्थ के कमाई जाती है कहने का मतलब है अनथकल वे में जो वेल्थ कितनी ज्यादा अमास कर ली जाती है अमूलेट कर ली जाती है किसी सोसाइटी में तो वो वेल्थ कहीं ना कहीं पर जब यूज की जाती है अन एथिकल वे वाली वेल्थ को वो करप्शन ही लेकर आएगी या दूसरा रीजन देते हैं सोसाइटल डिसऑर्डर हो सकता है हो सकता है रूल्स एंड रेगुलेशन ही सही तरीके से काम नहीं कर रहे हो और सिविक वर्च्यू की बात करते हुए कहते हैं कि एक रूलर में सिविक वर्च्यू होनी चाहिए ताकि वो स्टेट को डिफेंड कर सके और वहां के इंडिविजुअल में जो है फ्रीडम को इंश्योर कर सके और टेरनी को रोक सके सिविक वर्च्यू का मतलब होता है शासन करने की कला बेसिकली राज कैसे करना है कैसे मैनेज करना है कैसे एडमिनिस्टर करना है कैसे गवर्न करना है ये सारी चीजों की समझ होनी चाहिए ये सिविक वर्चू है रिलीजन की बात करें तो मैके वैली एंटी चर्च थे एंटी क्लर्जी थे लेकिन एंटी रिलीजन नहीं थे ये क्वेश्चन आता होता है कंफ्यूज करने के लिए स्टेटमेंट दे रखी होती है आपने चूज करना है मै कवेली क्या थे तो वो एंटी रिलीजन नहीं थे ये आपने ध्यान रखना है एंटी चर्च थे चर्च के रूल्स रेगुलेशन के अगेंस्ट थे चर्च जो अथॉरिटी बन चुकी थी उस टाइम पर वो चीजें नहीं सही लगती थी उन्हें लगता था स्टेट और चर्च सेपरेट होनी चाहिए एंटी क्लर्जी क्लर्जी का यहां पर मतलब है जो पोप होते हैं बिशप होते हैं वो अपनी अथॉरिटी जताने लगते हैं तो उसके अगेंस्ट थे तो ये इसलिए कहते हैं कि रिलीजन के अगेंस्ट नहीं थे रिलीजन एक अच्छी चीज है वो कहते हैं ये इंपॉर्टेंट है ताकि सोसाइटी में प्रोस्पेरिटी बने रहे क्योंकि रिलीजन में लव का आईडिया आता है दूसरों की भलाई का आईडिया आता है तो यह चीजें जो है सोसाइटी को जोड़ करर रख ती है ना कि तोड़ती है डिवाइन राइट जो किंग की थ्योरी है वह तो बिल्कुल ही रिजेक्ट करती है क्योंकि आपने हमेशा यह सोचना है कि ऐसी थ्योरी में व कैसे ही विश्वास करेंगे क्योंकि वो लाइफ को बहुत ही रियलिज्म के लेंस से देखते हैं काफी प्रैक्टिकल सोचते हैं ऐसी थ्योरी में चीजों में वो वैसे भी नहीं मानते वो मानते थे रजन द दन में वो क्या होता है उसे कहते हैं रीजन ऑफ स्टेट रीजन ऑफ स्टेट क्या होता है इसका मतलब यह होता है कि स्टेट अगर कोई एक्शन लेती है उसके पीछे कोई रीजन होते हैं और उसको बड़ा माना जाता है बड़ा माने का माने का मतलब यह है स्टेट अपने आप सुपीरियर है रिलीजन क्या कह रहा है मोरालिटी क्या कह रही है सोसाइटी के नॉर्म्स क्या कह रहे हैं रूल्स रेगुलेशन क्या है लॉ क्या है उन सबसे ऊपर है स्टेट भाई स्टेट ने अपने आप को प्रिजर्व करना है प्रोटेक्ट करना वो कुछ भी कर ले हर चीज सही है इसलिए कहते हैं पॉलिटिक्स में फेयर वाज फॉल एंड फॉल वास फेयर ठीक है जो बैड आपको चीज लग रही है ज सही चीज भी लग रही है वो गलत भी हो सकती है जो गलत लग रही है वो सही भी हो सकती है क्यों क्योंकि सरकमस्टेंसस और सिचुएशन देखने पड़ेंगे यहां पर कोई हार्ड एंड फास्ट रूल नहीं है कोई फिक्स्ड रूल नहीं है पूरी फ्लेक्सिबल है अगर पॉलिटिक्स में आप सरवाइव करना चाहते हो तो ये कहते हैं मैके वली कि एंड बहुत इंपॉर्टेंट होते हैं एंड इंपॉर्टेंट होने का मतलब क्या है कि आप कोई गोल सेट करते हो अब स्टेट का गोल क्या है सरवाइव करना राजा का गोल क्या है ठीक है अपनी प्रजा को बचाए रखना सिक्योरिटी प्रोवाइड करना ये एंड है अब इसको अटेनोक भी कर लो करप्शन कर लो कुछ भी कर लो किसी को मार दो जो मर्जी कर लो मींस मैटर नहीं करेंगे एंड बड है बट एंड क्या है वह भी इंपॉर्टेंट है ना कि आप अचीव क्या करना चाहते हो एंड में बट एंड इज इंपॉर्टेंट यह याद रखना यहां पर मींस इंपॉर्टेंट नहीं है प्रिंस को एडवाइस देते हुए कहते हैं कि उसे ज्यादा जनरस भी नहीं दिखानी चाहिए एक्सेसिव जनरस उसके लिए ठीक नहीं है रदर उसको स्ट्रिक्ट रहना चाहिए अपनी स्ट्रेंथ दिखानी चाहिए जहां पर जरूरत पड़ती है तो सक्सेसफुल प्रिंस तभी रह सकता है उसमें लोइन और फॉक्स दोनों की क्वालिटी हो यानी लोइन की तरह करज हो बहादुर हो फॉक्स की तरह कनिंग हो क्लेवर हो उसमें पता हो कि उसके आसपास जो लोग हैं वह कभी भी तैयार हैं उसको मारने के लिए उसकी कुर्सी को कभी भी हथ आ सकते हैं तो यह सारी चीजें सोचनी पड़ती है समझनी पड़ती है लॉयन एंड फॉक्स की क्वालिटीज दोनों मिलाकर प्रिंस बनता है अच्छा प्रिंस ठीक है एमफे साइज करते हैं मैके वली और किसी चीजों पर करते हैं कि जो एडवाइजर सेलेक्ट करने हैं प्रिंस ने वो के फुली करें भाई ऐसे ना रखें जिनकी समझ अच्छी नहीं है जो प्रिंस के ही अगेंस्ट चले जाए रिबेल हो जाए वह रखें जिनकी अपनी समझ अच्छी है इंटेलिजेंट है और उसको वैसी ही एडवाइस दे जिससे वह और ग्रो कर सके अपने राज को ना कि उसका जो है खत्म ही ना कर दे क्लैप्स ही ना कर दे उसका डिक्लाइन ही ना आ जाए रिपब्लिकन पॉलिटिक्स एंड नोशन ऑफ लिबर्टी के बारे में क्या कहते हैं देखिए मैवली भी ना अपने डिस्कोर्स में लिबर्टी बातें करने लगते हैं यानी एक दूसरी बुक लिखते हैं दूसरी राइटिंग जिसमें लिबर्टी की बातें करते हैं प्रिंस में तो वो काफी स्ट्रांग प्रिंस की डिमांड करते हैं ना लिबर्टी लिबर्टी की मायने नहीं रखते वहां पर प्रिंस में लेकिन डिस्कोर्स में जब आते हैं हम देखते हैं वो अपना स्टैंड सॉफ्ट करने लगते हैं वहां पर वो लिबर्टी की बातें करने लगते हैं वहां पर बात करने लगते हैं इंडिपेंडेंस की वहां पर फ्री थिंकिंग की बातें करने लगते हैं वहां पर कहते हैं कि लिबर्टी का मतलब यही होता है एक्सटर्नल अग्रेशन से फ्रीडम और इंटरनल टेरनी मतलब अगर कोई किंग या प्रिंस या गवर्नमेंट आपके अगेंस्ट कुछ गलत कर रही है तो ये आपको राइट होने चाहिए उसके अगेंस्ट ने के भी तो सेल्फ गवर्नेंस की बात करने लगते हैं ठीक है तो यह सारी चीजों की बात करने लगते हैं वो कहते हैं ह्यूमन सेल्फिश ही सबसे बड़ा थ्रेट है लिबर्टी में जब ह्यूमन सेल्फिश होने लगते हैं ना यह दूसरों की लिबर्टी की परवाह नहीं करते हैं तो इसलिए कहते हैं कि अच्छे लॉ बनाने चाहिए गुड लॉज आने चाहिए क्या करने के लिए ऐसे उनके बिहेवियर को रेगुलेट करने के लिए वो मिक्स्ड कॉन्स्टिट्यूशन को प्रेफर करते हैं एरिस्टोटल की तरह ठीक है उनका फेथ है इलेक्शंस में भी और वो कंसीडर करते हैं कि लोग जो हैं वह वाइस जज है वह देख सकते हैं कि उनके लिए जो लॉ रेगुलेशंस रूल्स लेकर आए जाएंगे लॉ एंड ऑर्डर बनाया जाएगा उसको अच्छे से वह जज भी कर सकते हैं तो आप देख सकते हो कि मोस्ट केसेस में जैसे प्लेटो भी शुरू करते हैं पहले फिलॉस्फर रूलर से फिर वह अपनी लॉ लेकर आते हैं स्टेट्समैन जैसी बुक लेकर आते हैं उसमें अपना स्टैंड जो है थोड़ा मॉडरेट कर देते हैं यह भी प्रिंस से शुरू करते हैं फिर डिस्कोर्स में आते हैं और डिस्कोर्स में भी अपना स्टैंड वैसे वाला कर देते हैं लेकिन एरिस्टोटल की आपने एक चीज देखी होगी कि वो कं लूजन पर पहुंचते नहीं थे उनके स्टैंड चेंज नहीं हो रहे स्टडी इतनी ज्यादा कर लेते थे 158 कांस्टिट्यूशन को लेकर पढ़ने लगे फिर उससे सारी चीजें निकालने लगे फिर उसके बेसिस पर अपना डिसीजन सुनाते थे कि मुझे लगता है कि बेस्ट फिर यह स्टेट हो सकती है इस तरह की गवर्नमेंट हो सकती है यह चीजें हो सकती है तो इनके विचार जो देखोगे आप एरिस्टोटल के इतनी जल्दी बदल नहीं रहे थे प्रिंस के केस में सॉरी मैकवेल के केस में आप देख सकते हो प्रिंस में कुछ और था डिस्कोर्स में कुछ और आ रहा है तो इसलिए डिस्कोर्स में एक आप कह सकते हैं मॉडरेट यहां पर उनके आई रहते हैं मै केवली बिलीव करते हैं कि लोगों की आवाज जो है वह भगवान की आवाज है इसी डिस्कोर्स में वह बात करते हैं कि लोगों की पार्टिसिपेशन जरूरी है गवर्नमेंट बनाने में ठीक है यहां पर वो प्रिंस को प्रेफर नहीं कर रहे लोगों को ठीक है ना लोगों की लिबर्टी लोगों की फ्रीडम यहां पर लोग पहले होते जा रहे हैं डिस्कोर्स में वहां पर प्रिंस ही सब कुछ था यहां पर लोग सब कुछ हैं इस तरह के आईडिया है वायलेंस एंड नीड ऑफ कॉशन ये समझिए वो मानते थे कंट्रोल्ड वायलेंस जरूरी है हमारी सोसाइटी में क्यों करप्शन को एड्रेस करने के लिए सिविक वर्च्यू जब लोगों की खराब हो जाती है उसको रिवाइटलाइज करने के लिए एक्सेसिव यूज ऑफ वायलेंस अगर आप करोगे ज्यादा ही वायलेंस करने लगोगे तो लोगों में डिस्ट्रस्ट आ जाएगा इसकी वजह से इंस्टेबिलिटी आ जाएगी लोग भड़क जाएंगे प्रोटेस्ट शुरू हो जाएंगे रेवोल्यूशन शुरू हो जाएगी तो फिर तो आपकी स्टेट गई वाइल वार वाज अनअवॉइडेबल यानी वार को कभी खत्म नहीं किया जा सकता इस दुनिया से वार रहेंगे वार होते रहेंगे बट वो यह कहते थे कि इससे जो कंसीक्वेंसेस निकल कर आते हैं वो मिनिमाइज किए जा सकते हैं डिसिप्लिन से स्ट्रेटेजी से तभी उन्होंने आर्ट ऑफ वॉर लिखा अपनी आर्मी को ट्रेन करने के लिए फैलो सिटीजन को ट्रेन करने के लिए आर्ट ऑफ वार में समझाया गया कैसी स्ट्रेटेजी को फॉलो करना है कैसे डिसिप्लिन को फॉलो करना है ताकि वॉर में जो कंसीक्वेंसेस एक्सट्रीम साइड चले जाते हैं वो बैलेंस रह सके नेचर ऑफ स्टेट की बात करते हैं मैवली क्या कहते हैं मैवली कहते हैं कि स्टेट एक सेकुलर एंटिटी है इसकी कोई भी ऑब्लिगेशन नहीं है चर्च को लेकर चर्च कुछ भी करे कहे स्टेट को मानने की जरूरत नहीं है यहां क्लियर कट आईडिया आता है सेपरेशन ऑफ स्टेट और चर्च का इसलिए मॉडर्न पोलिटिकल थ्योरिया की वजह से स्टेट स्टेबल तभी होगी जब एक स्ट्रांग गवर्नमेंट होगी जिसमें पब्लिक अथॉरिटी इंटीग्रेटेड होगी एक सिटीजन आर्मी होगी तो यह सारी चीजें उन्होंने काम किया था क्योंकि वो यूनिफिकेशन ऑफ इटली चाहते थे स्ट्रांग स्टेट कैसे बन सकती है स्टेबल टी कैसे आ सकती है सारी चीजों को उन्होंने समझा था लॉ वर्ड फॉर द सिविलाइज्ड बाय फोर्स वर फॉर द नेसेसिटी एंड डिफेंस यह चीज समझो कानून बनाया जाता है लोगों में सिविल वर्चू भरने के लिए ताकि वह सिविलाइज रहे और फोर्स वहां पर जरूरी होती है जहां पर जरूरत पड़ने पर यूज करो फोर्स या डिफेंस पर्पस के लिए करो तो इस तरह से आप देख सकते हो इनका बैलेंस सा व्यू रहता है बहुत सारी चीजों को लेकर मै कवली पर इसलिए कमेंट्रीज भी हमें अलग-अलग मिलेगी डिपेंड करता है कि मै कवली के प्रिंस को देखते हुए किसी ने कमेंट्री करी थी कि डिस्कोर्स उस के आइडियाज को देखते हुए की थी अब जैसे यह है स्पाइनोरा ये क्या कहते हैं यह कहते हैं मै कवली तो फ्रेंड ऑफ द पीपल है उसने प्रिंस में जो एडवाइस दी है वो एडवाइस थोड़ी ना उसे एक्सपोज कर दिया कि जो प्रिंस होते हैं या जो किंग होते हैं वो कैसे सोचते हैं कैसे राज करते हैं दुनिया पर उनके लिए तो भाई मोरालिटी भी मैटर नहीं करती रिलीजन भी मैटर नहीं करता उनके लिए एंड मैटर करते हैं मींस भी मैटर नहीं करते ये तो एक्सपोज कर रहा है वो प्रिंस में लिखकर ना कि वो चाहता था कि ऐसा आए तो ये उनका व्यू पॉइंट है उन्होंने ऐसे देखा मोंटेस क्यों कहते हैं जो मै कवली वो तो लवर ऑफ लिबर्टी है क्योंकि वो डिस्कोर्स को देखते हुए कमेंट कर रहे हैं नाग प्रिंस को देखते हुए तो म कवली को मैक वेलिनिलवे जम क्या है आप जो जितने भी हो सकते हैं ना इविल थिंग्स या आप कह सकते हो एक बैड नेचर कोई चीज हो उसको उस कैटेगरी में काउंट किया जाता था तो वो अलग कर देते हैं वो तो रदर ये कहते हैं कि पॉलिटिकल सोशलॉजी के पायोनियर है कौन मंट स्क्यू कहते हैं रजो मैवली को रिपब्लिक कहते हैं ठीक है वो कहते हैं वो तो टेन पर एक स्टार इस्ट है यानी वो यह टनी की बातें कर रहे हैं प्रिंस में जो लिख रहे हैं चीजें यह तो सटायम को समझना चाहिए जैसे स्पाइनोरा ने भी कहा है कि वो तो फ्रेंड ऑफ पीपल है वो स्टायर लिखा गया है हमने लगा कि प्रिंस में जो उन्होंने बात की है वो ऐसे ही चाहते वो ऐसे चाहते नहीं वो तो मजाक उड़ा रहे थे उन लोगों का कि देखिए प्रिंस ऐसे करता है तो उसको गुड सिटीजन भी कहते हैं ऑन रेबल मैन भी कहते हैं रोजो विलियम शेक्सपियर देखिए अब क्या कहते हैं वो कहते हैं मर्डर मे केवल वो समझते हैं जो प्रिंस में उन्होंने बातें की है वो सच है वो ऐसे ही करना चाहते हैं ऐसा इंसान जो ऐसे थॉट्स रखता होगा वो मर्डर ही कहलाएगा विलियम शेक्सपियर ऐसे देखते थे लस्की कब से देखते लस्की कहते हैं कि रेनसा जो है वो मैवली ही है आप रेनसा पढ़ लो आपने मैवली को पढ़ लिया आपने मकव पढ़ लिया तो रेनसा पढ़ लिया तो लेस की ये ऑब्जर्वेशन देते हैं स्टोर्स कहते हैं कि वो टीचर ऑफ इविल है वो लोगों को इविल बनने के लिए उकसा रहा है उनमें जो नेगेटिव क्वालिटीज है उसको सही ठहरा रहा है ही इज अ टीचर ऑफ इविल तो कुछ कोर्स की बात करें तो वो बां करते हैं फ्री स्टेट वो स्टेट होती है व्हिच आर फार फ्रॉम ऑल एक्सटर्नल सर्विट्यूड एंड आर एबल टू गवन देम सेल्स अकॉर्डिंग टू देयर ओन विल स्टेट वो होती है ये जो है ना फार फ्रॉम ऑल एक्सटर्नल सर्विट्यूड का मतलब है जो एक्सटर्नल इंटरफेरेंस होगी किसी की या एक्सटर्नल प्रेशर हो ग उससे दूर है उससे फ्री है वो नहीं कोई प्रेशर है किसी स्टेट का वो अपने लॉ खुद बनाएगी और अपने अकॉर्डिंग गवर्न करेगी अपने आप को उसके ऊपर कोई अथॉरिटी नहीं है ये स्टेट की वो डेफिनेशन देते हुए कहते हैं एरिस्टोटल की तरह मैके वाली भी जो है इंडिविजुअल को एज ए पॉलिटिकल एनिमल देखते हैं चलिए अब थॉमस हॉप्स के बारे में समझते हैं उनके ब्रीफ बायो की बात करते हैं तो 1588 में इंग्लैंड में उनका जन्म हुआ है और अपने टाइम पर वो विटनेस करते हैं एक बहुत बड़ा सिविल वॉर जो 1641 में होता है ये सिविल वॉर से उनके बहुत सारे एक्सपीरियंस जुड़े होते हैं बहुत सारी चीजें जो हम पढ़ेंगे जो वो फिलॉसफी देंगे थ्योरी देंगे जैसे स्टेट ऑफ नेचर है वो कहीं ना कहीं सिविल वॉर ने ही उनको इन्फ्लुएंस किया था और एक फेमस स्टेटमेंट भी वो उनकी कही जाती है कई बार कोट की जाती है व है फियर एंड आई वाज बर्न ट्विंस यानी हम जुड़वा पैदा हुए थे डर और मैं डर साथ-साथ रहता है मेरे साथ जिंदगी में तो यह बात करते हैं उनके मेजर वर्क्स की बात कर लें द साइप जो है वो 1642 में पब्लिश होती है लेवाइन जो है 1651 में द कॉर्प जो है वो 1655 में द हो माइन जो है 1658 में द बेमौत जो है 1668 में और अब होप के व्यू समझते हैं फैमिली और जेंडर को लेकर सबसे पहली चीज तो ये कि वो कहते हैं कि ट ऑफ नेचर में जो वमन थे ठीक है वो मदर और लॉर्ड का रोल जो है अजूम करती है और होप की ना एक ऑब्जर्वेशन है वो कहते हैं कि हमें जिस तरह से वमन को देखा ना कि नेचुरली या बायोलॉजिकली ही वो सबोर्डिनेशन में आ जाते है वो वीक है यह है वो ऐसा नहीं कहते कहते ये ह्यूमन क्रिएशन है ये सब कुछ ह्यूमन ने खुद क्रिएट कर रखा है और उसने कंसीडर कर रखा है वो इनफीरियर है इसलिए सबोर्डिनेट है ऐसी चीजें नहीं है तो हॉप्स ये चीजें देखते हैं बट तो इस तरह से फैमिली और स्टेट को जब देखते हैं रैशनल टर्म्स में देखते उसके पीछे लॉजिक है रीजंस है नेचुरल सेंटीमेंट के बेस पर नहीं देखते हैं होप चाहे जेंडर इक्वलिटी की बात को एक्नॉलेज करते हैं बट पैट्रिया की को अपने टाइम पर चैलेंज नहीं करते हैं मे बी क्योंकि उनका फोकस उस टाइम पर कहीं और था तो बात करते हैं उनका सबसे इंपॉर्टेंट ऑब्जर्वेशन ह्यूमन नेचर के बारे में क्योंकि यहां से उनकी सारी थ्योरी निकलने वाली है आगे चलकर वो कहते हैं ह्यूमन जो होते हैं वो प्लेजर सीख करना चाहते ते हैं पेन को अवॉइड करना चाहते हैं उनमें डिजायर है पावर की वह डिजायर पावर में क्यों क्यों पावर के पीछे भाग रहे क्योंकि उनसे उनको खुशी मिलती है ठीक है इसलिए वो भाग रहे हैं उनकी पैशंस और उनकी डिजायर्स यानी उनका जो भी जोश है जज्बा है जनून है ज कोई भी इच्छाएं है लाइफ में लिमिटलेस है कभी खत्म नहीं होने वाली एक पूरी होती है दूसरी बन जाती है उनके अंदर तो यह जो अनलिमिटेड डिजायर की उनमें ड्राइव है यह पावर की पावर को लेकर भी है ठीक है अब यहां से यह समझिए कि ह्यूमन नेचर जो है वो साथ में सेल्फ इंटरेस्टेड है और एंटी सोशल है यह भी ह ऑब्जर्व करते हैं कि वो कभी-कभी सिर्फ अपने बारे में ही सोचता है दूसरों के बारे में नहीं सोचता और एंटी सोशल होने तक जाता है यानी दूसरों का नुकसान कर कर भी अपना फायदा सोच सकता है तो ह्यूमन नेचर में यह भी चीज हॉप्स कहते पाई जाती है इस चीज को इग्नोर हम नहीं कर सकते तो इसलिए हब्स को जब पूछा जाता है या हब्स जब यह चीज समझना चाहते हैं कि स्टेट कहां से आ गई स्टेट की एसिस्टेंसिया हुए लॉ को क्यों माने रूल्स एंड रेगुलेशन को क्यों फॉलो करें तो उस चीज को जस्टिफाई करने के लिए उस चीज को समझाने के लिए होब लेकर आते हैं एक कांसेप्ट जिसे कहते हैं स्टेट ऑफ नेचर स्टेट ऑफ नेचर क्या है स्टेट ऑफ नेचर वह स्टेट है जहां पर स्टेट एजिस्ट नहीं करती थी किसी तरह का लॉ या कोई रूल्स एंड रेगले रिलेशंस नहीं थी पुलिस फोर्स जुडिशरी या ये चीजें नहीं थी उससे पहले जब ह्यूमन जिस सोसाइटी में रहते थे उसको हॉप्स ने नाम दिया है स्टेट ऑफ नेचर और स्टेट ऑफ नेचर में वो बेसिकली क्या थे एंटी सोशल ही थे पावर सीकर थे क्योंकि ह्यूमन का नेचर है वो वहां पर भी वही चीजें करेगा तो वहां पर कोई लॉ नहीं थे तो वोह क्या करने लगे वो क्या करेंगे ऐसी कंडीशन में ह्यूमन क्या करेंगे वो एक दूसरे को डोमिनेट ही करना चाहेंगे अपनी पावर ही दिखाना चाहेंगे ज्यादा से ज्यादा पावर गेन करना चाहेंगे तो दूसरे से पावरफुल ही बनना चाहेंगे दूसरों से वेल्थी ही बनना चाहेंगे ठीक है तो ये चीजें चलने लगी कहते जब ऐसा माहौल है जहां पर कोई लॉ नहीं है कोई स्टेट नहीं है कोई पुलिस नहीं है कोई जुडिशरी नहीं है तो फिर क्या होगा फिर एक डर का माहौल ही पैदा होगा ना कि आपने जो कमाया है वो आपको पता ही नहीं कोई ले जाएगा कोई चोरी कर लेगा डकैती डाल ले हो सकता है आपको मार भी दे क्योंकि वहां पर कोई लॉ नहीं है कुछ भी कोई कर सकता है तो यहां पर आपके मन में डर की भावना है दूसरे को लेकर किसी तरह का विश्वास नहीं कर सकते क्योंकि सब एक दूसरे को यहां पर अगेंस्ट खड़े हो रखे हैं ठीक है ना होप कहते भी है कि स्टेट ऑफ नेचर इज अ वर ऑफ ऑल अगेंस्ट ऑल ठीक है ये कहते हैं कि सब एक दूसरे को वार वाली पोजीशन में आ गए सब एक दूसरे को मारधार कर रहे हैं ये सिचुएशन में आ गए ऐसी सिचुएशन में लाइफ कैसी हो जाएगी सॉलिटर हो जाएगी पुअर हो जाएगी नाटी ब्रूटी शॉर्ट ऐसे वर्ड हॉप्स यूज करते हैं और ये कोड पूछा भी जाता होता है एग्जाम में हॉप्स एक और चीज समझाते हैं कि देखिए स्टेट ऑफ नेचर में ना इंडिविजुअल कंप्लीट लिबर्टी एंजॉय करते हैं कंप्लीट लिबर्टी एंजॉय करने का मतलब है क्योंकि कोई स्टेट नहीं है कोई लॉ नहीं है कोई रूल नहीं है कोई रेगुलेशन नहीं है कोई उन्हें रोकने वाला नहीं है तो कोई रिस्ट्रिक्शन भी नहीं ना होगी इसलिए वहां पर उन्हें लिबर्टी पूरी एंजॉय कर रहे हैं व सो ग्रोट की तरह वह मानते हैं कि लॉ ऑफ नेचर अपने आप में प्रॉपर लॉ है चाहिए कहीं पर लिखे नहीं गए कोई किताब में नहीं लिखे गए लेकिन हमें समझ आ सकते है जब भी हम रैशनल या लॉजिकली चीजों को समझने की कोशिश करते हैं हाउ दिस वर्ल्ड इज बीइंग ऑपरेटेड यह कैसे चल रहा है कैसे फंक्शन कर रहा है ह्यूमन नेचर कैसे काम कर रहा है वहां से हमें यह चीज समझ आती है और फिर समझ आता है यहां तक क्योंकि वो तब रिलीजन का इनफ्लुएंस काफी था उस टाइम प भी तो वो कहते ये जो नेचुरल लॉ है जब हमें समझ आता है तो हमें पता चलता है दीज आर द वर्ड ऑफ गॉड गॉड ने ही ये चीजें जिसने क्रिएट की है यह उसी के तो वर्ड है उसने ही तो बनाए हैं ऐसे नेचुरल लॉ तो कहते ऐसे मोटा मोटी बहुत सारे नेचुरल लॉ हो सकते हैं 19 तो हमें दिखाई देते हैं हॉप्स को और उसमें से तीन वो इंपॉर्टेंट मानते हैं जिसमें है सीक पीस एंड फॉलो इट शांति के पीछे भागो भाई शांति किसी तरह से कायम करो सीक पीस एंड फॉलो इट ठीक है तो यह यहां से यह समझ आता है कि अगर हमें शांति चाहिए क्योंकि सब में डिस्ट्रस्ट की भावना है कोई किसी पर विश्वास नहीं कर रहा कोई किसी को भी मार सकता है तो एट द एंड सॉल्यूशन क्या है भा शांति चाहिए जो कमाया है उसको एंजॉय कैसे करोगे ठीक है कैसे करोगे शांति से शांति से खाने भी दो कैसे खाओगे कैसे उसको कंज्यूम करोगे हंडा कैसे करोगे ये स्टेट से ही होगा ना स्टेट एस्टेब्लिश करोगे तब होगा फिर एक और नेचुरल लॉ समझ आता है अबन द नेचुरल राइट्स टू थिंक हर चीज आप क्लेम नहीं कर सकते हो आप ये नहीं कह सकते हो यह लैंड मेरा है यह मेरा है वो पेड़ मेरा यह फल मेरे हर चीज नहीं ना क्लेम कर सकते हो अगर हर चीज ही आप क्लेम करने लगे बाकियों का क्या हो सो अबन कर दो नेचुरल राइट टूटिंग यह भी चीज समझ आती है कि ह्यूमन को यहां तक पहुंचना पड़ेगा आज नहीं तो कल कभी ना कभी जाकर यह चीज उन्हें समझ आ जाएगी कि यस रिसोर्सेस जो है इस कार से लेस है तो हमें हर चीज पे क्लेम नहीं करना फिर इंडिविजुअल मस्ट ऑनर देयर कांट्रैक्ट मतलब एक बार कोई लॉ एस्टेब्लिश हो गया किसी तरह का तो उन्हें फॉलो करना पड़ेगा अगर वह वायलेट करते तो फिर वापस क्या होगा फिर से वही हालात पैदा हो जाएंगे तो कहते यह लॉजिकल प्रोग्रेशन है अगर देखा जाए ह्यूमन बीइंग ने यहां पहुंचना ही पहुंचना था एट द एंड सो दैट्ची शंस है जहां तक ह्यूमन ने लीड करना ही करना था इसी वजह से स्टेट क्रिएशन में आती है तो यहां पर वो सबसे पहले जो कंडीशन एस्टेब्लिश करते हैं जो भी चीजें करते हैं वो इंडिविजुअल की फुलफिलमेंट यानी उसके हिसाब से ही करते हैं कॉमन गुड का आईडिया तब नहीं आता है ठीक है तो नेचुरल लॉ से मोटी मोटी चीजें इंडिविजुअल को कहीं ना कहीं ये समझ आती है फिर जब स्टेट आती है फिर क्या होता है कांट्रैक्ट होता है कांट्रैक्ट जिसे वो सोशल कांट्रैक्ट कहते हैं सोशल कांट्रैक्ट कैसा होता है परपे चुअल होता है इवोकेटिव ऑफ सोव निटी का होता है मतलब यह कांट्रैक्ट एक बार कर लिया यह कांट्रैक्ट किसमें हो रहा है इंडिविजुअल्स में हो रहा है ठीक है कांट्रैक्ट में क्या टर्म्स एंड कंडीशन है भाई यह कर लो आपके अपने राइट्स जो है त्याग दो आप जो है एक थर्ड पार्टी लेकर आने वाले हो अपने आप में जिसको स्टेट का नाम देंगे उसके पास होगी सोबरे निटी और यह कांट्रैक्ट वायलेट नहीं कर सकते या इसको खत्म नहीं कर सकते इसलिए स्टेट की एक्जिस्टेंस तो रहेगी ही रहेगी अब क्योंकि अगर आपने इसको वायलेट कर दिया रिव क कर दिया रिवॉग कर दिया तो यह होगा कि वापस स्टेट ऑफ नेचर में आ जाओगे वापस वही वार वाली सिचुएशन में आ जाओगे व लाइफ जहां पर लाइफ क्या है नाटी है ब्रूटिश है पुअर है शॉर्ट है तो यहां पर यह चीज कह रहे हो तो स्टेट आ ही नहीं सकती एक्जिस्टेंस में हॉप्स कहते हैं अगर आप अपनी पावर थर्ड पार्टी को सरेंडर नहीं करोगे तो यह भी चीज कहते हैं कि यह भी इनएविटेबल सिचुएशन बननी ही बननी है ठीक है हिस्ट्री में जब मर्जी आपको ले गए या सोचो कि स्टेट खत्म हो चुकी है क्या सिचुएशन आएंगी यही सिचुएशन आने वाली है जिसे वो स्टेट ऑफ नेचर कहते हैं कुल मिलाकर इंडिविजुअल वापस अगर वही स्टेट में आएंगे सोचेंगे तो स्टेट उन्हें एक्जिस्टेंस में लेकर आनी ही पड़ेगी तो यहां पर कह रहे हैं कि अगर उसको एजिस्ट हैंस में लेकर आना है तो उनको जो नेचुरल लॉ के अकॉर्डिंग ली उनको लिबर्टी मिल रखी थी हर थिंग्स पे वो क्लेम कर सकते थे ये सारे पावर्स जो थी छोड़नी होगी किसको देनी होगी स्टेट को देनी होगी स्टेट के अधिकार होंगे स्टेट बताएगी आपको क्या करना है क्या नहीं करना है जो लोग है वोह क्या करेंगे अपनी पावर को सेंडर कर देंगे गवर्नमेंट को और उसके बदले गवर्नमेंट उन्हें क्या देगी सिक्योरिटी प्रोवाइड कराएगी कोई भी उन्हें मार रहा था ना अब वह ऐसे नहीं कर सकते सजा सुनाई जाएगी कोई अगर आपको मारेगा कोई अगर चोरी करेगा डकैती करेगा सजा सुनाई जाएगी रूल्स बनाए जाएंगे प्रॉपर्ली फॉलो किए जाएंगे सिक्योरिटी मिलेगी आपको तो आप कहते हैं ठीक है सिक्योरिटी मिल रही है सिक्योरिटी की ये कोस्ट है कि आपने सारे राइट उनको दे दिए गवर्नमेंट मस्ट हैव एब्सलूट पावर और गवर्नमेंट को एब्सलूट पावर मिलनी चाहिए तभी वह सिक्योरिटी प्रोवाइड करा सकती है आप ऐसे नहीं है कि जब मर्जी आया गवर्नमेंट को उतार दिया नहीं गवर्नमेंट के पास भी एब्सलूट पावर होनी चाहिए यह एब्सलूट पावर का मतलब क्या है कि गवर्नमेंट की अथॉरिटी पर कोई लिमिट नहीं है कोई चेक्स एंड बैलेंस जैसी चीज नहीं है ऐसे नहीं है कि गवर्नमेंट आज कोई लॉ लेकर आए और आप मान नहीं रहे हो मानना पड़ेगा क्योंकि गवर्नमेंट के पास एब्सलूट अथॉरिटी है वह आपकी भलाई के लिए ही लेकर आ रही है तो इसलिए जो गवर्नमेंट के पास पावर आएगी जिसे सोवन पावर हम कहते हैं वो अन डिवाइडेड होगी अनलिमिटेड होगी इन एलियने बल होगी परमानेंट होगी ऐसे वर्ड वो यूज करते हैं सोवन जो भी लॉ बनाएगा ठीक है और उसी लॉ को अपने हिसाब से फिर वो इंटरप्रेट भी करेगा कि इस लॉ के मायने क्या है इसी तरह होता है ना लेजिस्लेटर पार्लियामेंट लॉ बनाता है इंटरप्रिटेड कौन करता है जुडिशरी करता है बट ये क्या है लेजिस्लेटर जुडिशरी क्या है पार्ट ऑफ व्ट पार्ट ऑफ स्टेट है ना स्टेट की तो पार्ट है तो सोवन सोल अथॉरिटी है ऑन डिवाइन एंड नेचुरल लॉ वही इंटरप्रिटेड करेगा सारी चीजें और उसके अकॉर्डिंग ही वो चलेगा तो किसी भी तरह के लॉ में वो बाउंड नहीं है उसे इंफोर्स करता है इसलिए सोवन जो लेकर आएगा वह अपने ही लॉ से ऊपर कहलाएगा ऐसे नहीं कि वो लॉ में बन जाएगा वो लॉ बना रहा है जरूरी नहीं है कि वो लॉ का पार्ट है वो लॉ से ऊपर होकर चीजें भी कर सकता है लिबर्टी एंड राइट ऑफ सेल्फ रिजर्वेशन का भी आईडिया इंपॉर्टेंट है यह समझ लीजिए यह कहते हैं कि फ्रीडम जो है प्राइवेट पर्स ऑफ इंडिविजुअल है कि अपने तक जो करना चाहता है जो मर्जी करे जैसे मिल कहते हैं ना सेल्फ रिगार्डिंग एक्शन पूरी लिबर्टी अपने साथ जो चीजें आपको इफेक्ट करती है ये प्राइवेट पर्ट का भी मतलब यही है हो एक और चीज बात करते होते हैं कहते लिबर्टी इज द एब्सेंट ऑफ लॉ जहां पर लॉ कुछ क ही नहीं रहा वहां पर भी आपको लिबर्टी है जहां पर आपको लॉ ने किसी तरह की कोई रिस्ट्रिक्शन लगाई जो मर्जी करो आप लिब सिग्नीफाइड एब्सेंट ऑफ रिस्ट्रेंट एंड कोरेशन यानी हॉप्स किस लिबर्टी की यहां पर बातें कर रहे हैं यह बातें होती है नेगेटिव लिबर्टी की कि रिस्ट्रेंट्स जो होते हैं जो कशन पावर होती है जिसे रिस्ट्रिक्शंस होती है ऑब्स्ट कल होते हैं बाधाएं होती है किसी लिबर्टी में ठीक है वो रोक टोक ना होना वही लिबर्टी होता है तो होस कहते हैं सेल्फ प्रिजर्वेशन अपने आप में सबसे सुप्रीम और एब्सलूट राइट है कहते दुनिया में कितने भी राइट हो एट द एंड एक चीज ही बचेगी वो है सेल्फ प्रिजर्वेशन आप सरवाइव करना चाहते हो इस दुनिया में ठीक है एट द एंड एक ही चीज इंश्योर करते हो सर्वाइवल मान लो किसी ने अटैक कर दिया आपकी फैमिली में तो आप क्या इंश्योर करोगे भाई तू सब कुछ ले जा हमारा हमारी फैमिली मेंबर को छोड़ दे उनको जीने दे सरवाइव करने दे मत मार सेल्फ प्रिजर्वेशन एट द एंड मोस्ट इंपोर्टेंट चीज हो जाती है आप सारी चीजें त्यागने को तैयार हो जाते हो सैक्रिफाइस करने के लिए तैयार हो जाते हो इसलिए सर्वाइवल जो है इस दुनिया में सबसे इंपॉर्टेंट है सेल्फ प्रिजर्वेशन जो है राइट एज अ सबसे इंपोर्टेंट स्टेट का काम यही है आपकी लाइफ बचाना किसी भी वे में तो अगर सोवन प्रोटेक्ट नहीं कर पा रहा ना आपकी लाइफ को इसका मतलब है उसको सोव निटी में रहने का यानी पावर में रहने का कोई हक नहीं है सबसे पहली चीज ही आपकी लाइफ को प्रोटेक्ट करना है तो थॉमस बब्स ऐसी बातें करते हैं उनके कोर्ट की अगर बात करें एक और इंपॉर्टेंट कोर्ट है वह कहते हैं कि ह्यूमन पावर के लिए इतना भागते हैं और वह कोर्ट यूज करते हैं एक परपे चुअल एंड रेस्टस डिजायर फॉर पावर आफ्टर पावर इसके साथ आगे भी वैसे वो बोलते हैं च सीजस आफ्टर डेथ कि पावर के पीछे पूरी जिंदगी भागते रहेंगे वह और जब तक उनकी डेथ नहीं होती है तब तक वह भागते रहेंगे जब तक जी रहे हैं पावर के पीछे भागते रहेंगे अब आप कहोगे मैं पावर के पीछे कहां भागता हूं होस कैसी ऑब्जर्वेशन कर रहे हैं ह्यूमन नेचर की पावर के पीछे हर एक इंसान भाग रहा है सिर्फ नेता लोग नहीं भाग रहे वो पॉलिटिकल पावर होती है आप किसी और तरह की पावर को पीछे भाग रहे हो सकता है मनी पावर आप जॉब पैसा यह चीजें देख सकते हो ठीक है पोजीशनल पावर सोसाइटी में एक पोजीशन हासिल करना चाहते हो स्टेटस की पावर यह सब पावर की ही फॉर्म है पावर को बहुत ही वाइडल देख रहे हैं हब्स इसलिए वोह कहते हैं ह्यूमन बीइंग जो है पावर के लिए ही भागी जा रहे हैं आप घर में भी अब जैसे पति-पत्नी होते हैं ठीक है वो उनमें भी देख लो पावर का होता है कौन बात मानेगा कौन नहीं मानेगा यह पावर के पीछे ही भागा जा रहा है पावर इज बेसिकली जहां पर आप डोमिनेट कर सको आपने आसपास के इंसानों को ओवरकम कर सको उनसे ऊपर वाली पोजीशन पे आ सको यही पावर है इसी के बीच में ही सारी जिंदगी चल रही है एवरी मैन इज एनिमी टू एवरी मैन इस दुनिया में हर इंसान एक दूसरे का दुश्मन है यह हब्स मानते थे कि ऐसे सोचकर चलना चाहिए क्योंकि हॉब्स सिविल वार जैसी कंडीशंस देख रखी है इसलिए हॉप्स के थॉट्स भी इसी तरह के आते हैं कि एक दूसरे के एनिमी ही है कोई कभी आपका नुकसान भी कर सकता है आपको हाम भी पहुंचा सकता है मार भी सकता है कुछ भी कर सकता है सो यहां तक सोचते थे आप फेयर एंड आई वर बोर्न ट्विंस यह हॉप्स कहते हैं ठीक है यह पहले मैंने समझा दिया लॉज आर द रूल्स ऑफ़ जस्ट एंड अनज इसका मतलब है लॉ डिसाइड करते हैं क्या जस्टिस होगी क्या इंजस्टिस होगी दोनों चीज़ें डिफाइन करती है और दूसरे में आगे बताते हैं नथिंग बीइंग रिप्यूट अन जस्ट दैट इज नॉट कांट्रेरी टू सम लॉ इसका मतलब है जहां पर लॉ एसेंस है जहां पर लॉ किसी चीज की बात नहीं कर रहा है ठीक है वहां पर कुछ भी किया जा सकता है वहां पर इंजस्टिस वाली फिर कोई चीज नहीं आती है तो यह चीज कही जा रही है ऑल एक्जिस्टेंस इ सिंपली अ मैटर इन मोशन यह भी इंपॉर्टेंट है कि एक्जिस्टेंस में जितनी चीजें चल रही है यह मैटर इन मोशन ही है जो भी चल रहा है मैटर मोशन में उनकी मोशन को लेकर थ्योरी भी है फेलिसिटी क्या है हॉप्स के लिए कि वो कामयाबी हासिल करना जिसमें टाइम टू टाइम जो है इंसान चीजें एक्वायर करता जाता है अचीव करता जाता है और फिर एक के बाद एक चीज लेता है दिस इज द फेलिसिटी ये फेलिसिटी को इस तरह से समझते थे होप पे भी कमेंट्री है जैसे टेलर एंड रेंडर क्या कहते हैं ऑब्लिगेशन जो है वो ह्यूमन साइकोलॉजी से ड्राइव की गई है हॉब्स के लिए कि आपको स्टेट को क्यों ओबे करना है क्यों बात माननी है नेचुरल लॉ से नहीं की गई है ये चीज समझना ह्यूमन साइकोलॉजी ह्यूमन नेचर से ये चीज हब्स ड्राइव करते हैं ब्रल कहते हैं कि हॉब्स का जो सेट ऑफ नेचर का आईडिया है ना उसमें लोगों को बहुत ही बुरा दिखाया गया इतना बुरा दिखाया गया है बेयर्स और वल्स से भी बुरा दिखाया गया है मतलब जानवर से भी बुरा दिखाने की कोशिश की है हॉप्स ने मैक फर्सन कहते हैं जो उनकी ह्यूमन नेचर की थ्योरी है ना वह मटेरियल बिहेवियर जो बुर्ज वा सोसाइटी में हमें देखने को मिलता है वो वहां से निकली हुई थ्योरी है जैसे उसने बताया ना पावर के लिए ग्रीड है मटेरियल थिंग्स बहुत एक्वायर करना चाहते हैं तो यह बुर्जुआ सोसाइटी की यही मटेरियल इसिक बिहेवियर है कंज्यूमर बिहेवियर जो आ जाता है तो कहते उनका जो ह्यूमन नेचर का यह कांसेप्ट है ये वहां से ड्राइव यानी एक तरफा ही है इस पूरा अ होल कांसेप्ट नहीं है कंप्लीट नहीं है अपने आप में उन्होंने और चीजें मिस कर दी है कुछ पॉजिटिव चीजें भी होती है वो मिस कर दी है तो इसलिए उनकी थ्योरी यूनिवर्सलीस सोसाइटी में जहां पर ऐसे लोग माने पाए जाते हैं पावर के लिए हंग्री है ठीक है तो वहां पर ग्रीड है उनमें मटेरियल चीजों को लेकर वहां पर वैलिड है वहां पर ह्यूमन नेचर ऐसा दिख सकता है लेकिन कुछ सोसाइटी जो कम्युनिटी बेस्ड होती है कम्युनिटी के लिए सैक्रिफाइस करते हैं लोग ठीक है दूसरों के लिए तो वो चीजें हॉबस ने कवर ही नहीं की तो इसलिए वो यूनिवर्सल वैलिड थ्योरी नहीं है लेवाइन जो उनकी बुक रही है पार्लियामेंट्री कमेटी ऑफ इंग्लैंड 1657 में पता है उसे क्या कहती है मोस्ट पॉइजन अस पीस ऑफ एथीम इसका मतलब है कि नास्तिकता पर सबसे ज्यादा जहर भरी कोई राइटिंग किसी ने लिखी है ना वो यही है चलिए अब जॉन लॉक की बात करते हैं इनके ब्रीफ बाय को समझते हैं लॉक जो है लिबरलिज्म के पॉलिटिकल डॉक्ट्रिन को इनिशिएटिव का भी इन्हें खिताब मिलता है ये इनलाइटनमेंट पीरियड के स्पिरिचुअल फादर माने जाते हैं अर्ली फेमिनिस्ट इनसे इंस्पिरेशन लेते हैं लोक ने कांस्टिट्यूशन इज्म टॉलरेशन नेचुरल राइट्स लिमिटेड कंसेंशुअल लॉ बेस्ड अथॉरिटी प्लूरलिस्ट प्रॉपर्टी जैसी चीजों पर यानी प्रॉपर्टी के राइट्स या प्रॉपर्टी के इशू कोप काम किया है तो ये यहां से लॉक जो है जो आगे चलकर चीजें आने वाली है जैसे आप कह सकते हैं ग्लोरियस रेवोल्यूशन होती है इंग्लैंड में फिर उससे चलते हुए पार्लिमेंट आने वाली है लॉ बनने वाली ऐसी चीजें जो बेस बनाती है इंग्लैंड में आगे चलके पॉलिटिकल सिस्टम का उसका जो बेस है जो क्रक्स है कहां से मिल रहा है इंस्पिरेशन कहां से आ रही है लोग के कंसेप्ट से आ रही लोग ने ऐसी चीजें दी थी तो लोग एक तरह से माने जाते हैं कि वो पैट्रिया केज्म के भी अगेंस्ट थे पैट्रिया की के अगेंस्ट थे और वमन के इक्वल राइट्स के लिए ग्राउंड इनकी ही थ्योरी से प्रिपेयर हो रहा था तो 1688 के ग्लोरियस रेवोल्यूशन के फिलोसोफर माने जाते हैं ग्लोरियस रेवोल्यूशन एक ऐसी रेवोल्यूशन है जो ब्लड शेड नहीं थी हॉप्स ने अपने टाइम में सिविल वॉर देखा है लोक ने अपने टाइम पर पीसफुल टाइम देखा है एक स्मूथ रेवोल्यूशन को होते हुए देखा है तो लोग की जो बेसिस बनते हैं थॉट्स या आईडियाज या उन परे जो इन्फ्लुएंस रहता है वैसे ही हमें दिखाई देने वाले हैं उनके मेजर वर्क्स की बात करते हैं अब टू ट्रीटीज ऑफ गवर्नमेंट 1689 में आती है वो फ्रीडम कंसेंट और प्रॉपर्टी को डिफेंड करते इसमें ठीक है एंड ऐसे कंसर्निंग टॉलरेशन आता है 1667 में फिर ऐसे कंसर्निंग ह्यूमन अंडरस्टैंडिंग आता है 1679 में लेटर ऑन टॉलसन लिखते हैं 1689 में तीन लेटर लिखते हैं ऐसे लेटर ऑन टॉलरेशन उनमें से फर्स्ट लेटर होता है फिर सेकंड लेटर ऑन टॉलरेशन लिखते हैं 690 में थर्ड लेटर ऑन टॉलरेशन लिखते हैं 1692 में याद रखना है एंड ऐसे कंसर्निंग टॉलरेशन अलग है और तीन लेटर ऑन टॉलरेशन अलग है उनकी डेट्स भी अलग है एग्जामिनर कहीं आपको कंफ्यूज ना करे एग्जाम में ये चीजों का आप ध्यान रखना सम थॉट्स ऑन एजुकेशन 1693 में लिख ते हैं जॉन लॉ के कुछ कोर्ट है वेयर देयर इज नो लॉ देयर इज नो फ्रीडम अब देखिए हॉप्स कहते थे वेयर देयर इज एब्सेंट ऑफ लॉ देयर इज अ फ्रीडम लेकिन लॉ कह रहे हैं कि अगर लॉ ही नहीं है तो फ्रीडम कहां पर होगी लॉ होगा कानून होगा तो फ्रीडम प्रोटेक्ट होगी ना फ्रीडम तभी मिलेगी तो इस तरह से सोचते हैं ह्यूमन हैव सॉट टू बिकम द मास्टर्स एंड प्रोसेसर ऑफ नेचर यह कहते थे कि अपने नेचर को कंट्रोल करना सीख लिया यहां तक व पहुंच गया और यही चीजें कर रहा है स्टेट ऑफ नेचर की बात करते हैं कि जब स्टेट नहीं एजिस्ट करती थी तो वो स्टेट ऑफ नेचर को कैसे देखते कहते इसमें पूरी परफेक्ट एंड कंप्लीट लिबर्टी है हब्स के साथ एग्री करते हैं ठीक है हब्स भी कहते पूरी लिबर्टी थी यह भी मानते हैं पूरी लिबर्टी थी किसी तरह की कोई इंटरफेरेंस नहीं थी लेकिन यह कहते हैं स्टेट ऑफ नेचर जो है एक प्री पॉलिटिकल स्टेट है प्री सोशल नहीं है तो यह कोई सोसाइटी बनने से पहले की सिचुएशन है सोसाइटी वहां थी एजिस्ट करती थी सिर्फ स्टेट एजिस्ट नहीं करती थी लेकिन स्टेट ऑफ नेचर में कहते कुछ प्रॉब्लम्स थी जैसे कि कोई लॉ एस्टेब्लिश नहीं था कोई इंपार्शियल जज नहीं था लॉ को इंप्लीमेंट कैसे किया जाएगा इसकी प्रॉब्लम थी ये तीनों प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए ही सोशल कांट्रैक्ट किया जाता है सोशल कांट्रैक्ट दो स्टेजेस में होता है लॉ कहते हैं पहली स्टेज को वो कहते हैं सोशल कांट्रैक्ट जिसमें किसका होता है इंडिविजुअल के बीच में होता है क्या करते हैं वो एक कॉमन सोसाइटी क्रिएट करते हैं ऑन द बेसिस ऑफ म्यूचुअल कंसेंट फिर होता है पॉलिटिकल कांट्रैक्ट ये किसके साथ होता है ये इंडिविजुअल का किसके साथ होता है गवर्नमेंट के साथ होता है जिसमें वोह सोशल कांट्रैक्ट के प्रिंसिपल्स को आप होल्ड करेंगे तो हॉप्स के केस में गवर्नमेंट पार्टी नहीं है कांट्रैक्ट की इसलिए गवर्नमेंट जो है वो कांट्रैक्ट के टर्म्स एंड कंडीशन में नहीं आएगी वो लॉ से ऊपर चली जाएगी लेकिन लॉक ने क्या कहा है क्या जस्टिफिकेशन दी कि गवर्नमेंट भी पार्टी है कांट्रैक्ट की और गवर्नमेंट को कांट्रैक्ट की टर्म्स एंड कंडीशन फॉलो करनी होगी उसी हिसाब से ही काम करना होगा वो इन टर्म्स एंड कंडीशन इस लॉ से ऊपर नहीं जा सकती तो सोशल कांट्रैक्ट को देखते हैं वहां पर वो कहते हैं गवर्नमेंट एक फिडी शरी कि एक्ट करती है एक ट्रस्ट की तरह है उसके पास सिर्फ एक ही काम है लोगों का बेनिफिट करना उसके पास लिमिटेड अथॉरिटी है वो एब्सलूट नहीं बन सकती है और लोगों के पास राइट टू रेजिस्ट होना चाहिए वह गवर्नमेंट को कभी भी ओवरथ्रो कर सकते हैं अगर उन्हें लगता है गवर्नमेंट उनके फेवर में काम नहीं कर रही है यहां पर मैं यह समझा दूं गवर्नमेंट को ओवरथ्रो कर सकते हैं स्टेट को खत्म नहीं कर सकते स्टेट फिर भी एसिस्टेंसिया करने का राइट इंडिविजुअल को मिलना चाहिए लोग मानते थे व सेपरेशन ऑफ पावर्स का आईडिया भी लेकर आते हैं कि यह चीजें होनी चाहिए लेजिस्लेटर लेवल पर एग्जीक्यूटिव लेवल पर फेडरेटिव लेवल यानी जुडिशरी लेवल पर ये जो पावर सेपरेट होनी चाहिए सो दैट चेक एंड बैलेंस बना रहे गवर्नमेंट जो है टेरे निकल ना बन सके रूल ऑफ लॉ की बात करते हैं कि जो स्टेट जो गवर्नमेंट होगी वो लॉ से ऊपर नहीं होगी तो वो भी कांस्टेंट होगी बाय नेचुरल लॉ और कांस्टीट्यूशन जो भी बन रखा होगा उसको उसको भी फॉलो करना पड़ेगा तो लोग तीन तरह के राइट्स को प्रायोरिटी इज करते हैं कि राइट्स टू लाइफ लिबर्टी एंड प्रॉपर्टी पर गवर्नमेंट ने फंक्शन करना होगा इस परे काम करना होगा कहने का मतलब है इन तीन राइट को प्रोटेक्ट करना होगा हर हालत में और इसको वायलेट गवर्नमेंट खुद भी नहीं कर सकती ह्यूमन नेचर की बात करें काफी पॉजिटिवली वो ह्यूमन नेचर को देखते हैं वो कहते हैं क्रिएचर ऑफ गॉड है सब्जेक्ट टू द लॉ ऑफ नेचर है और अगर वो किसी पॉलिटिकल अथॉरिटी को मानते बाय कंसेंट मानेगी मतलब उनकी मर्जी के बिना वो किसी भी पॉलिटिकल अथॉरिटी को उनको ओे करने की जरूरत नहीं है यह कंसेंट हो देंगे वो चाहे वो टेसिट कंसेंट का आईडिया भी देते हैं जॉन लोग आप लोगों को पता होगा टेसिट कंसेंट का मतलब है आप जब दूसरी कंट्री में भी जाओगे तो वहां के रूल्स एंड रेगुलेशन आपको फॉलो करने पते ये आपका टेस्ट सीट कंसेंट होता है क्योंकि आप उनके रोड्स या दूसरी चीजें फॉलो कर रहे हो तो एक कंसेंट चल रहा होता है अगर किसी पॉलिटिकल अथॉरिटी को वो फॉलो करते हैं बाकी ये भी ये चीजें मानते हैं कि ये सेल्फ सेंटर्ड हो सकते हैं प्लेजर सीकर भी हैं हां जी ये पावर भी चाहते हैं दूसरे को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं यह सारी चीजें इसमें एजिस्ट करते हैं तो होप्ली तरह जो है सिर्फ नेगेटिव पॉइंट नहीं देख रहे नेगेटिव एजिस्ट करती है चीजें पॉजिटिव साइड भी देख रहे हैं तो इसलिए बैलेंस हो जाती है पॉपुलर सोबरे निटी की बात करते हैं लॉक पॉपुलर सवरे निटी का मतलब है बेसिकली जब भी पॉपुलर सवरे निटी की बात होती है रुजू का नाम ज्यादा आता है लॉक ने भी लेकिन एक चीज करी है कि उसने गवर्नमेंट को लिमिटेड बना दिया अकाउंटेबल बना दिया यानी लोग जो है गवर्नमेंट को ओवरथ्रो कर सकते हैं हब्स ने जो गवर्नमेंट का आईडिया बनाया था हॉप्स ने कहा है कि फाइनल अथॉरिटी गवर्नमेंट के साथ रहने वाली है लोग कहते नहीं फाइनल अथॉरिटी जो है वो लोगों के पास रहने वाली है हॉब्स एब्सलूट अथॉरिटी की बात करते हैं लॉक जो है लिमिटेड अथॉरिटी की बात करते हैं ये चीजें आपको इस तरह से समझनी होगी कि दोनों में क्या डिफरेंस है प्रॉपर्टी राइट्स की बात करें तो वो लाइफ एंड लिबर्टी की बात करते हैं प्रॉपर्टी की राइट की बात करते हैं गवर्नमेंट का काम है इन राइट्स को प्रोटेक्ट करना ठीक है वो नेचुरल लॉ और नेचुरल राइट्स जैसी चीजों पर डिफरेंस करते हैं वो कहते हैं जहां पर आपको नेचुरल राइट्स मिलते हैं वहां पर नेचुरल लॉ भी साथ-साथ काम करते हैं कहने का मतलब यह है कि नेचुरल राइट्स के साथ किसी तरह के आपको नेचुरल लॉ फॉलो करने होंगे कंस्ट्रेंट जो है वहां पर आपकी लिबर्टीज को लगे लगे गवर्नमेंट को प्रॉपर्टी राइट्स भी सेफगार्ड करना होगा और वेल्थ को अमूलेट यानी वेल्थ को इंक्रीज करने का अमूलेट करने का गेन करने का राइट भी देना होगा लोगों को लोग कहते हैं जब ह्यूमन कोई प्रॉपर्टी एक्वायर करता है प्रॉपर्टी का मतलब यहां पर लैंड नहीं है आप जिंदगी में कुछ भी कमा लो वो प्रॉपर्टी है आपकी ठीक है कुछ भी अर्न कर लो किसी भी चीज में आप लेबर डाल देते हो लोग कहते हैं वो आपकी प्रॉपर्टी बन जाती है जैसे आपने अपने नोट्स बनाए दिस इज योर प्रॉपर्टी ये आपके बन गए तो कहते प्रॉपर्टी के साथ जब आप एक्वायर करते हो आपको प्लेजर आता है इसकी एब्सेंट में आपको पेन आता है इसलिए यह कहीं ना कहीं ह्यूमन के साथ हैप्पीनेस के साथ चीज जुड़ी हुई है गवर्नमेंट को फोकस करना चाहिए तबूला रासा के भी उनकी एक थ्योरी है वो भी समझ लीजिए ऐसे कंसर्निंग ह्यूमन अंडरस्टैंडिंग जो उनका वर्क है उसमें यह समझाते हैं कि हमारा जो माइंड होता है वो जब हम पैदा होता है वो तबूला रासा होता है तबूला रासा का मतलब ये होता है ब्लैंक स्टेट लेकर पैदा होता है हम जितनी भी नॉलेज इस दुनिया में आकर गेन करते हैं वह कोई प्रीवियस बट में नहीं होती है वह यहां आकर ही गेन करते हैं हम अपनी फाइव सेंसेस के जरिए उन नॉलेज को गेन करते हैं तो ये चीजों प बात करते हैं कि हम जितना सीखते हैं एक्सपीरियंस से सीखते हैं किसी तरह की हमारी कोई प्रीवियस नॉलेज या प्रीवियस बर्ड से ली हुई नॉलेज हमारे साथ नहीं आती है यही सीखते हैं तो इसलिए नेचर वर्सेस नर्चर की डिबेट में नर्चर को लोग ज्यादा प्रेफर करते हैं चलिए अब रजो के बारे में समझते हैं देखिए ब्रीफ बायो की अगर बात करें तो फ्रेंड रेवोल्यूशन के स्पिरिचुअल फादर माने जाते हैं फ्रेंच रेवोल्यूशन 1789 में आई ही और यह एक कोट इनका फेमस थिंकिंग मैन इज अ डिप्रेस्ड एनिमल इसका मतलब यह है कि जब इंसान सोचने लगता है तो वह एक तरह से कुछ नहीं बचता उसमें वह सिर्फ जानवर बन जाता है क्योंकि वह इंटेलिजेंस साइंस और रीजन के अगेंस्ट थे वो कहते इन्होंने इंसान की सोल को करप्ट कर दिया मेजर वर्क्स की बात करें डिस्कोर्स ऑन साइंस एंड आर्ट्स पे इन्होंने काम किया 1750 में आती है इसी चीज में वो सारी चीजें बात करते हैं आर्गुमेंट देते हैं ठीक है अपने कि किस तरह से हमारी सोल को करप्ट कर दिया गया है जैसे-जैसे हम प्रोग्रेस कर रहे हैं साइंस एडवांस होती जा रही है हमारी आर्ट्स परफेक्शन की तरफ जा रही है लेकिन हम एक चीज साथ लेकर बोलना भूल गए हैं वह है सोल सोल में मतलब हो गया कि आप जनरस टी करना दूसरों का वेलफेयर देखना यह सारी चीजें भूल गए और सेल्फिश इंटरेस्ट लोगों में ज्यादा आने लगा है डिस्कोर्स ऑन ओरिजंस ऑफ इनिक्वालिटी भी इनका एक राइटिंग है 1755 में आता है जहां पर यह बात करते हैं इन क्वालिटी के इशू पर और बताते हैं कि सोसाइटी के कैसे अब सिविलाइज स्टैंडर्ड्स में नहीं आती है वो उससे गिर चुकी है डिस्कर्सेस ऑन पॉलिटिकल इकॉनमी पे भी इनका काम है 1755 पे करते हैं सोशल कांट्रैक्ट मेन राइटिंग इनके 1762 में आती है जहां पर अपना सोशल कांट्रैक्ट सारा डिस्क्राइब करते हैं अइल 1762 में आता है और यह एजुकेशन पर डिटेल में जो काम किया गया है वो उसमें करते हैं इमाइल में और यह खुद ही भी प्लेटो के एजुकेशन पर आपने देखा होगा कि कमेंट करते हैं कि फाइन ट्रीटीज एवर रिटर्न ऑन एजुकेशन प्लेटो की रिपब्लिक बुक पे तो खुद भी क्योंकि इन्होंने एजुकेशन पर काम किया है तो इसलिए प्लेटो ने कैसा काम किया है किस तरह से सोचा है इसलिए उन्हें अच्छा लगा था तो उन्होंने ऐसे कमेंट किया इक्वलिटी की अगर बात करें ये दो तरह की इक्वलिटी मानते हैं एक होती है मोरल इनिक्वालिटी जिसमें आप वेल्थ नोबिलिटी पावर मेरिट ये सारे जो डिफरेंसेस आते हैं यानी जो मेरिट के बेसिस पे बहुत सारी चीजें आती है जो इंसान यहां आकर एक्शन लेता है डिसीजन लेता है उसके बेसिस पे इन क्वालिटी आ जाती है फिर नेचुरल इनिक्वालिटी होती है जिसका कंट्रोल नहीं है इंसान पर जैसे एज हेल्थ अदर फिजिकल कैरेक्टरिस्टिक ये सारी नेचुरल इनिक्वालिटी है मोरल इनिक्वालिटी पर काम करना चाहिए रजो कहता है नेचुरल इनिक्वालिटी पर हमारा कंट्रोल नहीं है लेकिन मोरल इनिक्वालिटी पर हम काम कर सकते हैं प्राइवेट प्रॉपर्टी के आईडिया की बात करें तो प्रॉपर्टी पर बेसिकली ये कहते हैं आर्टिफिशियल राइट है जैसे लोग बताते हैं ना राइट टू प्राइवेट प्रॉपर्टी या राइट टू प्रॉपर्टी होना चाहिए ये कहते हैं ये आर्टिफिशियल राइट है ये एक प्रिविलेज है जो सोसाइटी में इमर्ज हुई है जो कम ही लोगों के पास है कोई नेचुरल राइट नहीं है जैसे लोग कहते हैं ना नेचुरल राइट है राइट टू प्रॉपर्टी ये कहते हैं नेचुरल नहीं है ये आर्टिफिशियल है आर्टिफिशियल मैन मेड है उन्होंने बना लिया किसी लैंड को ऑक्यूपाइड के आर्गुमेंट दिए जा रहे कुछ नहीं है सिर्फ आर्टिफिशियल लाइट बना रखा है वो कॉमन ओनरशिप ऑफ प्रॉपर्टी की बात तो नहीं करते हैं बट फिर भी वो प्रॉपर्टी को एक इंपॉर्टेंट राइट मानते हैं सिटीजन का होना चाहिए जिन्होंने कुछ कंट्रीब्यूट करके लेबर करके कुछ कमाया लाइफ में तो ट्स बिकम द पार्ट ऑफ देम तो यह चीज में वो भी एग्री करते हैं स्टेट ऑफ नेचर और सोशल कांट्रैक्ट की बात करते हैं यह कहते हैं जो इंडिविजुअल है स्टेट ऑफ नेचर में वो इंस्टिंक्ट के द्वारा गाइड किए जाते हैं ना कि रीजन के द्वारा व सोच नहीं रहे समझ नहीं रहे कैलकुलेटिव नहीं है इंस्टिंक्ट जो अंदर से फील आ रही है जो उनकी कट फीलिंग कह रही है उसके अकॉर्डिंग ली काम कर रहे हैं तो अगर उनको कोई दिखता है कि कोई किसी को मार रहा है अंदर से बुरा लग रहा है तो वह रोकेंगे जाकर वो ऐसा नहीं करेंगे हां इसने कुछ किया होगा मार रहा है अच्छा ही किया होगा सोचने नहीं है ज्यादा नहीं सोचते थे फील कर रहे उसके अकॉर्डिंग एक्शन ले लेते थे तो यह जो पीरियड था ना स्टेट ऑफ नेचर में इसको कहते हैं यहां पर ह्यूमंस जो थे वो नोबल सवेज थे ठीक है इसका मतलब है बड़े ऑनेस्ट भोले भाले लोग थे ठीक है फ्री थे हैप्पी लाइफ जी रहे थे तो स्टेट ऑफ नेचर को इतना पॉजिटिव किसी ने नहीं दिखाया ना हब्स ने ना लोक ने लेकिन रजो इसको बहुत पॉजिटिवली देख रहे हैं तो यहां पर वो स्टेट ऑफ नेचर की तारीफ करते हुए कहते यहां पर ह्यूमंस कैसी लाइफ जी रहे थे आइडल ब्लिस फुलनेस की प्रिमिटिव सि सिंपलीसिटी की ऐसे वर्ड यूज करते हैं हॉप्स कैसे यूज करते हैं पुअर नाटी ब्रूटिश शॉर्ट देख रहे हो तो एक इतना कंट्रास्ट है उनके स्टेट ऑफ नेचर में और रजो के स्टेट ऑफ नेचर में फिर जैसे-जैसे टाइम पास होता है ना तो ह्यूमैनिटी को कहते हैं इंसानों को कुछ सर्टेन च चेंजेज देखने पड़ते हैं कुछ चैलेंज फेस करने पड़ते हैं तो यहां पर आकर उन्हें प्राइवेट प्रॉपर्टी का आईडिया भी इन्वेंट हो जाता है कोई आता है कोई कहता है कि यह जगह मेरी है भाई तू यहां मत आ तू वहां रह ठीक है यह लैंड मेरा है ये पेड़ मेरे हैं यह खेत मेरे हैं ऐसे करके वह बातें करने लगते हैं तो यह जब प्राइवेट प्रॉपर्टी की इन्वेंशन आती है ना यहां से शुरुआत होती है स्टेट ऑफ नेचर में ग्रीड की कंपटीशन की इनक्व की वाइस की ठीक है करप्शन की तो हम एक तरह से देखें ना यह यहां पर यह जो शुरुआत यह कह रहे हैं ना रजो होती है इन सब चीजों की होव सीधा ही स्टेट ऑफ नेचर ऐसा बताने लगते हैं लेकिन रजो उससे भी पहले का स्टेट ऑफ नेचर इसका मतलब बता रहे हैं कि जब प्राइवेट प्रॉपर्टी का आईडिया इन्वेंट ही नहीं हुआ था तब लोग कैसे जी रहे थे क्या चीजें थी क्या पॉसिबिलिटीज हो सकती है तो वो यह पॉसिबिलिटीज के बारे में सोच रहे हैं ठीक है और हॉब्स जब बात करते हैं वो यहां से ही सीधा शुरू करते हैं ग्रेड से कंपटीशन से इन इक्वलिटी से ठीक है तो ये रजो भी कहते हैं कि अब वो फ्रीडम चाहते हैं भाई वो फ्री होना चाहते हैं इन सब चीजों से इक्वलिटी को मांग रहे हैं तो इसलिए वो क्या कहते हैं कि वो अपने राइट्स जो है सारे ही अबन करने हो गिव अप करने होंगे एनटायर कम्युनिटी को करने होंगे ठीक है तो इसलिए स्ट को जन्म देना पड़ता है सो क्रिएटिंग द सेम कंडीशन फॉर ऑल एंड दस इक्वलिटी इसका मतलब यह है कि मैं जो कंडीशंस फॉलो करूंगा वही सबको फॉलो करने पड़ेंगे तो इस तरह से इक्वलिटी आ जाएगी तो रजो पॉपुलर सवरे निटी को एडवोकेट करते हैं जहां हर सिटीजन के पास राइट है ठीक है लेजिसलेशन में पार्टिसिपेट करने का और डिसीजन मेकिंग में पार्ट लेने का तो इस तरह से वो ल का जो कांसेप्ट है ना रिप्रेजेंटेटिव लेजिस्लेटर का उसके अगेंस्ट है और वो जनरल विल का कांसेप्ट लेकर आते हैं जनरल विल का कांसेप्ट क्या है कैसे वो सोर्स ऑफ ऑल लॉज है उसको चलिए समझते हैं जनरल विल जब रजो बात करते हैं वो कहते हैं ये एक तरह से सोवन पावर है जैसे कोई कम्युनिटी लेजिस्लेटिव असेंबली में मिली उन्होंने डिसीजन लिए वो जो लॉ बनाए गए वो किसी तरह से होल कम्युनिटी पर लागू होंगे और वो जनरल विल का पार्ट बनेंगे यहां पर इतना आसान नहीं है क्योंकि रजो जनरल विल के साथ ना एक बढ़िया एंगल जोड़ देते हैं एक क्लॉज फिट करते हैं वो कहते हैं जनरल विल वो विल होती है जहां पर लोगों की भलाई के बारे में सोचा जा रहा है वेलफेयर ऑफ द पीपल के बारे में सोच रहा है जैसे ही लोगों की बलाई के बारे में आप नहीं सोच रहे तो वो फिर जनरल विल नहीं कहलाए गी यहां पर फिर वोह गवर्नमेंट को भी रेफर करते हैं वह जब गवर्नमेंट वर्ड यूज करते हैं तो वो एग्जैक्ट पावर की बात कर रहे होते हैं ठीक है ना तो यहां पर रजो के लिए गवर्नमेंट का मतलब एग्जैक्ट पावर की बात की जा रही है तो गवर्नमेंट उके लिए नेसेसरी है लेकिन वो कहते हैं जैसे ही गवर्नमेंट बनती है वो जनरल विल को भी अंडरमाइंड कर सकती है क्यों क्योंकि गवर्नमेंट की कहते हैं अपनी विल बन जाती है जिसको वह ग्रुप विल कहते हैं वो भी अपनी मनमर्जिया कर सकती है तो तो यहां पर हम देखते हैं गवर्नमेंट क्रिएट होने के बाद जनरल विल को कांस्टेंट थ्रेट आता है खतरा आ जाता है क्योंकि गवर्नमेंट जब अपनी मर्जियां करने लगती लोगों की फिर बुलाई नहीं करती तो उसके लिए कुछ करने की हमें जरूरत है तो इसलिए वो एक और तरीके से समझाने की कोशिश करते हैं कि देखिए दो तरह की विल होती है एक होती है रियल विल एक होती है एक्चुअल विल रियल विल वो है जहां पर आप इंडिविजुअल अपनी कैपेसिटी के हिसाब से इंटेंशन में यानी एक अच्छी भावना के साथ सोच रहा है क्या सोच रहा है कि जनरल वेलफेयर कैसा हो सभी लोगों का बेनिफिट कैसा हो तो ये है रियल विल और इसी का फेवर करते हैं रजो एक विल होती है आप जब सिर्फ अपने इंटरेस्ट के बारे में सोचते हो वो आपकी एक्चुअल विल है तो कहते रियल विल वही है जब आप दूसरों के बारे में सोचते हो दूसरों की बलाई में सोचते हो तो रियल विल ही जनरल विल है यहां पर रजो ये कहते हैं तो जनरल विल का आईडिया ऐसा है उसको उन्होंने अपने हिसाब से एक्सप्लेन करने की कोशिश की समझाने की कोशिश की बट एक मेन क्लॉज जो उन्होंने यहां पर फिट किया है एक कंडीशन लगा दी है कि वही विल सही विल है जो वेलफेयर ऑफ द पीपल सोचे लोगों की भलाई के बारे में सोचे अगर वह नहीं सोच रही है तो जनरल विल क्लैप्स हो चुकी है जनरल विल का आईडिया यानी नहीं रहा नोटेल कोट्स की बात करते हैं कौन-कौन से मैन इज बोर्न फ्री यट वी सी हिम एवरीव्हेयर इन चेंज तो इंसान वैसे पैदा तो फ्री हुआ है कहते लेकिन बहुत सारी चेंज है चेंज से बंधा हुआ है बहुत सारे रिस्ट्रिक्शंस है उसकी लाइफ में बहुत सारी चीजें वह करना चाहता है वह कर भी नहीं सकता क्योंकि कुछ सोसाइटी के नॉर्म्स होते हैं सोसाइटी के ट्रेडीशंस होते हैं जो फॉलो करने पड़ते हैं वो रिस्ट्रिक्शन बन जाती है उसके लिए कुछ हो सकता है लॉ की रिस्ट्रिक्शन ऐसी हो तो एवरी वेयर इन चेंस कुछ धर्म की रिस्ट्रिक्शन होती है यह नहीं करना वो नहीं करना यह नहीं पहनना यह नहीं खाना वो नहीं करना यह कर लो वो कर लो यह सारी जो है ना ये चेंस है रजो कता एवरी वेयर इन चेंस डू एज आई से नॉट एज आई डू ठीक है ना जो मैं करता हूं वो मत करो जो मैं कहता हूं वो करो तो मतलब मेरे पे मत जा मेरी पर्सनल लाइफ ना देखो मैं जो चीजें समझा रहा हूं वो आपकी भलाई के लिए थिंकिंग मैन इज अ डिपेड एनिमल ये मैंने एक्सप्लेन कर दिया सिटीजन जो है वो फोर्स किए जा सकते हैं फ्री होने के लिए तो यहां पर वही ये कह रहे हैं कि जनरल विल का आईडिया जो है वो फोर्सफुली ही अप्लाई किया जाए क्योंकि लोग अपनी-अपनी जैसे मैंने बताया ना रियल विल एक्चुअल विल अपनी अपनी एक्चुअल विल वो छोड़ेंगे नहीं वो अपने सेल्फिश इंटरेस्ट के बारे में ही सोचते रहेंगे तो दूसरों के बारे में सोचे ग्रेटर गुड के लिए सोचे कॉमन गुड के लिए सोचे तो उसके लिए फोर्स करना पड़ेगा भाई थोड़ा सा लॉ जो है वो फोर्सफुल इंप्लीमेंट करने पड़ते हैं तो यहां पर और दो-तीन कोट है जो आप पढ़ सकते हो मैं थोड़ा टाइम जो है बचाने की कोशिश कर रहा हूं ताकि हम अगले थिंकर जल्दी कवर कर ले चलिए अब जेएस मिल के आइडियाज को समझते हैं ब्रीफ बायो से शुरू करते हैं 19 सेंचुरी के इनफ्लुएंशल थिंकर रहते हैं इसलिए रहते हैं क्योंकि ये एक ऐसे थिंकर माने जाते हैं जो कैपिटल स्टेट है और वेलफेयर स्टेट के में एक ब्रिज है ये नेगेटिव एंड पॉजिटिव लिबर्टी के कांसेप्ट में एक ब्रिज है तो मिल अपने आप में ऐसे है डेमोक्रेसी पर काम करते हैं लिबर्टी पर काम करते हैं लेकिन इन्हें कभी कभी-कभी कुछ ऐसे टाइटल भी दिए जाते हैं जैसे वेपर ने उसे कहा था कि यह रिलेक्टो क्रेट है वो मैंने पी वाई क्यू पले भी वीडियो में बता रखा है कि क्यों रिलेक्टो क्रेट कहते हैं प्लूरलिस्ट है कोऑपरेटिव सोशलिस्ट है एलिटस है फेमिनिस्ट है ये सारे उनको टाइटल दिए जाते हैं ये सबसे ज्यादा इन्होंने जिस चीज पे काम किया ना वो है फ्रीडम ऑफ स्पीच पे फ्रीडम ऑफ स्पीच में यह कहते हैं कि हर एक को अपनी ओपिनियन रखने की जो है राइट है वो ओपिनियन चाहे गलत हो चाहे सही हो तो इन्होंने डिफेंड पेश किया है फ्री स्पीच को लेकर और एक कोट है इनका जो काफी फेमस है कहते मैं चाहे डिस अप्रूव करूं जो तुम कह रहे हो मैं चाहे एग्री ना करूं बट मैं मरते दम तक तुम्हारा यह राइट बोलने का अधिकार जो है चाहे वह गलत हो चाहे तुम सही बोल रहे हो वो मैं डिफेंड करता रहूंगा तो आप देख सकते हैं राइट टू स्पीच को कितना ज्यादा वो डिफेंड करते आए हैं तो विमेन क्वेश्चन पे भी इन्होंने काम किया और ऐसे फिलोसोफर थे जिन्होंने पहले फिलोसोफर माने जाते जिन्होंने ऐसा काम करना शुरू कर दिया था क्योंकि आप देखोगे ना हॉप्स इग्नोर कर देता है चाहे वो देख रहा था कि हां प्रॉब्लम है लेकिन पेट्रिया की के अगेंस्ट कुछ खास काम नहीं करता लोक एक बेस बनाने लगता है हमने देखा है ठीक है रजो ने तो बिल्कुल ही छोड़ दिया उसने तो वमन को मतलब कंसीडर ही नहीं किया उसने और ही कह दिया वही सबोर्डिनेशन ही अच्छी है यह चीजें होगी लेकिन जेएस मिलाकर डिटेल में काम करते हैं हम देखेंगे वो सारी चीजें भी कि क्या-क्या बातें करते हैं तो ये पहले थिंकर बनते जिन्होंने प्रिंसिपल्स ऑफ जस्टिस या इक्वलिटी को ना प्राइवेट रेलम में भी लगाया यानी प्राइवेट स्पेस में विद इन द फैमिली भी लगाया जरूरी नहीं पब्लिक स्पेस पे गवर्नमेंट की पॉलिसी रूल्स रेगुलेशन लॉ पे लगाया है प्राइवेट स्पेस पे भी प्रिंसिपल्स ऑफ जस्टिस और इक्वलिटी लगाए थे इनके मेजर वर्क्स की बात करें हिस्ट्री ऑफ ब्रिटिश इंडिया 1817 में यानी इन्होंने इंडिया के कांटेक्ट में जब ईस्ट इंडिया कंपनी आई क्या-क्या किया क्या हुआ वहां पर उस परे भी डिटेल काम कर रखा है इन्होंने सिस्टम ऑफ लॉजिक पे काम किया इन्होंने द कंसंट्रेशन ऑन रिप्रेजेंटेटिव गवर्नमेंट 1961 में आती है एसे ऑन यूटिलिटेरियन जम 18610 18591 69 में आती है अगर इनके कोर्ट की बात करें तो एक कोर्ट है कि पावर वही राइट फुली एक्सरसाइज किया जा सकती है या पावर का एक ही पर्पस होता है कि दूसरों को हाम या नुकसान होने से बचाना यहां पर एक और कोट है जिसमें वह कहते हैं कि अगर कोई इंसान कोई एक इंसान पूरी ह्यूमैनिटी मतलब एक बातें कर रही है और वह एक इंसान कुछ अलग बात कर रहा है तो हम उसको फिर भी साइलेंस नहीं कर सकते उसको चुप नहीं कर सकते उसका भी अधिकार है अपनी ओपिनियन रखने का क्योंकि जो आपको हो सकता है आज गलत लगे वो कल और जाकर उसकी ही बात आपको सच लगने लगे तो यह चीज देख सकते हैं फ्रीडम ऑफ स्पीच को कितना वो डिफेंड करते आए हैं तो यहां पर एक और उनका कोट है बड़ा फेमस कोट है कि ह्यूमन बीइंग को डिस सेटिस्फाइड करना अच्छा है देन पिग सेटिस्फाइड इसका मतलब यह है कि डिस सेटिस्फैक्ट्रिली है पिक तो क्या है खाता पीता है सोता है कंटेंट लाइफ जीता है ठीक है तो डिस सेटिस्फैक्ट्रिली दोबारा से सीखने की कुछ कर दिखाने की कुछ इससे बेटर करने की इंप्रूव करने की स्ट्रगल करने की ठीक है जीतने की तो यह सारी चीजें अच्छी हैं तो इसलिए इसके साथ एक और कहते हैं कि सोक्रेट्स को डिसेटिस्फाइड करना अच्छा है देन ए फूल सेटिस्फाइड क्योंकि फूल के पास कोई नॉलेज नहीं है वो तो इग्नोर एट लाइफ जी रहा है सोक्रेट्स तो फिलोसोफर उसके पास नॉलेज है तो ठीक है तो यहां पर यही कह रहे हैं बेसिकली कि डिसेटिस्फेक्शन की अपनी एक इंपॉर्टेंस रखती है लाइफ में ये इस कोट के जरिए बताना चाहते थे यूटिलिटेरियन जम को क्रिटिसाइज करते हैं बेंथम ने यूटिलिटेरियन ज्म का आईडिया दिया था ठीक है जो उस के फाउंडर और फादर है लेकिन जेएस मिल उसको क्रिटिसाइज करते हैं बहुत सारे फैक्टर से लेकर क्रिटिसाइज करते हैं मोरल मोटिव्स को लेकर ठीक है यूनिवर्सल अल्ट्रोज म के बेस प लेकर सिंपैथी को लेकर बहुत सारे कांसेप्ट से इसको वो क्रिटिसाइज करते हैं लेकिन हमारे लिए जो समझने वाली बात है वो मैं आपको समझाऊं कि आपने क्या याद रखना है किस बेसिस पे क्रिटिसाइज किया था तो मिल बिलीव करते हैं कि जो हैप्पीनेस है वो मोरल करैक्टर और अचीवमेंट से आती है सिर्फ प्लेजर को इंक्रीज करने से नहीं आती तो आपको सारा दिन ड्रग देके रखेंगे तो प्लेजर आपका इंक्रीज होता रहेगा तो क्या यह सही चीज है मिल कहते नहीं मोरल करैक्टर और अचीवमेंट इस चीजों पर काम करके जो हैप्पीनेस आती है वही रियल हैप्पीनेस है ड्रग वाली हैप्पीनेस जो हैप्पीनेस नहीं है आप सारा दिन प्लेजर देते रहोगे उसे कुछ नहीं मिलने वाला तो यही बेसिक प्रेमास जो है यूटिलिटेरियन जम को अटैक करते हैं वोह कहते हैं कि देखिए हाईयर और लोअर प्लेजर होते हैं लाइफ में ठीक है और मिल कहते हैं कि यूटिलिटेरियन जम में जो बेंथम ने काम किया है उसने क्वालिटी पे काम किया एंड उसने उसको लगा कि हैप्पीनेस प्लेजर जहां से वो सब जगह ठीक है कहते हैं लेकिन हमें उसको भी क्वालिटेटिवली डिफाइन करना पड़ेगा ना कौन से प्लेजर हायर प्लेजर होते हैं कौन से प्लेजर लोअर प्लेजर होते हैं जैसे वो कहते हैं कि कुछ प्लेजर जैसे इंटेलेक्चुअल चीजों पर काम करना मोरल प्लेजर हो गए ये हायर लेवल के प्लेजर होते हैं फिजिकल प्लेजर से सुपीरियर होते हैं फिजिकल में आ जाते हैं प्लेजर जैसे आप देख सकते हो खाना पीना कपड़ा ये सारी चीजें फि फिजिकल प्लेजर आते लेकिन मिल मानते थे इंटेलेक्चुअल एंड मोरल प्लेजर जो है ज्यादा है तो ठीक है किसी को पोएट्री बुक लिख या बुक पढ़कर मजा आ रहा है तो यह प्लेजर वो ज्यादा मान रहे इंस्टेड किसी को जो है अपने पैसे खर्च कर कंज्यूमर जम में इवॉल्व होकर वो सारी चीजें करनी है दिखावा करना है शो ऑफ करना है उसमें भी प्लेजर आ ला है बट यह फिजिकल प्लेजर में काउंट करते हैं और इसको लोवर प्लेजर मानते हैं लाइफ का मिल यह सारी चीजें कहते हैं मिल पॉइंट आउट करते हैं कि ह्यूमन एक्शन तीन एस्पेक्ट होते हैं मोटे-मोटे हमें देखने चाहिए एक तो एक्शन लिया जाता है समझा जाता है कि जो मैं डिसीजन ले रहा हूं जो मैं एक्शन लेने जा रहा हूं उसकी मोरल वर्थ देखी जाती है क्या वह सही भी जा रहा है या वो गलत जा रहा है फिर एस्थेटिक एक्सपेक्ट देखा जाता है उसी एक्शन का यहां पर फिजिकल ब्यूटी की बात नहीं की जा रही है उसी एक्शन को देखा जा रहा है क्या ये एक्शन जो है हार्मोनियम है क्या इससे किसी तरह का कोई कनेक्शन बनेगा ये सारी चीजें वो देखेगा ये किस फ्लो में जा रहा है डिसीजन मेरा ये एक्शन क्या करने जा रहा है क्या ये हाम पहुंचाने जा रहा है या किसी को फेवर करने जा रहा है किसी का वेलफेयर करने जा रहा है ये सारे चीजें देखी जाएगी कितना खूबसूरत डिसीजन आपने लिया ये खूबसूरती वाली चीज उसमें देखी जा रही है फिर इसमें लवेबल एंगल देखा जाएगा कि इसमें सिंपैथेटिक एस्पेक्ट है क्या यह किसी के अंदर पॉजिटिव फीलिंग्लेस चीजें करेगा उसकी लाइफ को बेटर बनाएगा यह सारी चीजें एक्शंस में देखी जाती है मिल कते तीन अ एस्पेक्ट्स को देखकर ही हम एक्शन को समझ सकते हैं इंडिविजुअल फ्रीडम और इंडिविजुअलिटी पर तो यह मसीहा है उसपे तो मतलब सबसे ज्यादा जिन्होंने काम किया पकड़ रखी है वो यही है तो यह कहते हैं देखो दो एक्शन होते हैं सेल्फ रिगार्डिंग और अदर रिगार्डिंग एक्शन सेल्फ रिगार्डिंग एक्शन कौन से होते हैं जो आप तक ही सीमित रहते हैं सिर्फ आपको ही इफेक्ट करते हैं तो यहां पर आप कुछ भी कर लो हम नहीं रोकेंगे ठीक है स्टेट नहीं रोकेगी कोई और भी ना ही रोके तो अच्छी बात है तो यहां पर इवन आप अपने कमरे में क्या कर रहे हो डजन मैटर ये आपको ही इफेक्ट कर रही है दूसरों को चीजें इफेक्ट नहीं करेगी यहां पर मिल ड्रग को भी सपोर्ट कर देते हैं कि हां कर लो क्योंकि ये अफेक्ट नहीं करते लेकिन आगे जाके चीजें अगर पेचीदा हो जाती है फॉर एग्जांपल आप इतना ज्यादा एक्सट्रीम में चले जाते हो कि आप तो एक सोल अर्नर थे अपनी लाइफ में और अपनी फैमिली को और डिस्टर्ब कर दिया आपने उनका लाइफ डिस्टर्ब कर दी उनके सिचुएशंस खराब कर दिए तो यहां पर मिल गते फिर एक्शन लेने की जरूरत पड़ जाएगी डिपेंड करता है ना कभी-कभी आपके सेल्फ रिगार्डिंग एक्शन जो है अदर रिगार्डिंग भी बन सकते हैं चांसेस है मिलने ये सारी चीजें पढ़ी है स्टडी की है लेकिन वो डिबेट में मैं चला जाऊंगा तो बहुत ज्यादा डेप्थ में चला जाऊंगा बट आपने मोटा-मोटा समझना है जो एक्शन मेरा जो है मेरे तक सीमित रहता है मैं करता हूं किसी और को इफेक्ट नहीं करता है तो मिल कहते हैं आपको पूरी लिबर्टी है उसमें लेकिन जैसे ही आपका कोई एक्शन दूसरों को इफेक्ट करता है तो आपको लिबर्टी नहीं है फिर हम जो है लिमिटेशन लगाएंगे हम रिस्ट्रिक्शन लगाएंगे स्टेट को कहेंगे रूल रेगुलेशन बनाओ लॉ बनाओ तो ठीक ठीक है फिर लिमिटेशन जस्टिफाइड हो जाती है तो मिल कहते हैं देखिए अपनी सेल्फ डेवलपमेंट के लिए अपनी ऑटोनॉमी के लिए जिसे वो पॉजिटिव लिबर्टी कहते हैं जब भी आप अपनी लाइफ में अपने आप को इंप्रूव करते हो ग्रो करते हो दैट दैट इज अ पार्ट ऑफ ए पॉजिटिव लिबर्टी कहते ये सारी चीजें तभी पॉसिबल हो सकती है जब आपको नेगेटिव फ्रीडम भी तो साथ में मिलनी चाहिए ना तो इस तरह से पॉजिटिव नेगेटिव लिबर्टी के साथ मिल खेलते हुए नजर आते हैं और जब क्वेश्चन आ जाता है ना कि मिलक किसमें कैटेगरी इज किया जाता है पॉजिटिव में या नेगेटिव लिबर्टी के थिंकर है तो कंफ्यूजन हो जाती है बट मिल शुरुआत कर ते हैं अपनी लाइफ में नेगेटिव लिबर्टी से देन वो मूव ऑन करते हैं पॉजिटिव लिबर्टी की तरफ भी तो इसलिए मिल्क को कैटेगरी इज करने वाला यह क्वेश्चन वैसे तो पूछना ही नहीं चाहिए अगर पूछा जाता है तो पॉजिटिव लिबर्टी जो है वो आंसर देना क्योंकि लेटर इन लाइफ में वो पॉजिटिव लिबर्टी की तरफ ही टिल्ट किए थे जितनी मेरी स्टडी है ही स्ट्रंग एडवोकेटेड फ्रीडम ऑफ थॉट एंड एक्सप्रेशन वो हारी सारी चीजें मैंने पढ़ ली है पहले ही शुरू में बता दी अब दोबारा नहीं यहां पर रिपीट करेंगे यहां पर हम कुछ और चीजों की बात करेंगे जैसे कि वो कहते हैं हैप्पीनेस कहां से आती है अपने अंदर बनने से आती है ठीक है अपने थॉट और एक्शन को टोन मली हैंडल करने से आती है जैसे कि आप डिसीजन ले रहे हो इंडिपेंडेंटली ले रहे हो कुछ भी कर सकते हो लाइफ में यह जो फ्रीडम का मजा आता है ना आपको यह है हैप्पीनेस यहां से हैप्पीनेस आती है तो इसलिए वो फ्री सोसाइटी की बात करते हैं कि सोसाइटी में फ्रीडम होनी चाहिए तो यह सारी ऐसी बातें करते हैं दिस इज द बेसिक बेसिक थिंग आपको पता होनी चाहिए एजुकेशन को वो सपोर्ट करते हैं कंपलसरी लेवल पर और एक साथ एक और चीज है चाहे व लिबर्टी की बात करते हैं वह कहीं पर रेगुलेशंस की भी बात करते हैं कि स्टेट की इंटरफेरेंस कहीं जगह पर जरूरत है जैसे बिजनेस को रेगुलेट करना इंडस्ट्री को रेगुलेट करना किसके लिए रेगुलेट इसलिए करना ताकि पब्लिक का वेलफेयर हो सके उनकी भलाई के लिए ही करना तो यहां पर हम देख सकते हैं कहीं ना कहीं पर वो लिबर्टी पर रिस्ट्रिक्शन की भी बात करते हैं वो एक तरह से ऐसे नहीं है कि एक्सट्रीम साइड ही चल जाते हैं कि अगर वो लिबर्टी की बात करें वो कहते पूरी ही फ्रीडम दे दो उनको पता है कहीं पर चेक्स एंड बैलेंस जरूरी है कहां कहीं पर रेगुलेशंस जरूरी है तो यह समझना पड़ता है कि मिल कहां-कहां पर चेक्स एंड बैलेंस या रेगुलेशंस को प्रमोट करते कहां-कहां पर वो फुल फ्रीडम की बात कर रहे हैं जैसे सेल्फ रिगार्डिंग एक्शन पर वो फुल फ्रीडम की ही बात करते हैं लेकिन कुछ एक्शन ऐसे होते हैं जहां पर रेगुलेशन की जरूरत है तो इसलिए वो बिजनेस जैसी चीजों पर रेगुलेशन की बात करते हैं एजुकेशन जो करी जा रही है कंपलसरी करनी है वो मतलब है कि आपके पास फ्रीडम नहीं है कंपलसरी एजुकेशन का मतलब पढ़ना ही पड़ेगा तो यहां पर आप कहोगे ना मेरे पास मुझे फ्रीडम दो भाई मैंने नहीं पढ़ना तो यहां पर एजुकेशन में भी वो रेगुलेशन की बात कर रहे हैं यहां पर आपको वो लिबर्टी नहीं देना चाहते क्योंकि एजुकेशन जब आपको मिलेगी जिस तरह की मिल चाहते हैं वो कहते हैं आपको फ्री ही करेगी घबराओ मत आपको वो बंधक नहीं बनाएगी रिस्ट्रिक्शंस नहीं लगाएगी तो फ्रीडम उनके लिए क्या था एब्सेंट ऑफ रेस्टेंट एंड एबिलिटी टू कल्ट वेट डिजायरेबल क्वालिटीज तो इंसान जो करना चाहता है ठीक है अपने जो क्वालिटीज बनना चाहता है इंप्रूव करना चाहता है कोई स्किल सीखना चाहता है बहुत क्वालिटीज होती है मतलब एंडलेस लिस्ट है कौन सी वो डेवलप करना चाहता है तो धीरे-धीरे वो डेवलप करता है यही उसके लिए फ्रीडम है कि उसको लॉ किया गया है अपने आप को इंप्रूव करने के लिए अब देखते हैं जेंडर इ क्वालिटी पर वह क्या बातें करते हैं न को कहते हैं राइट टू वोट मिलना चाहिए राइट टू एजुकेशन राइट टू एंप्लॉयमेंट एंड वमन के पास राइट होना चाहिए मदरहुड का मैरिज किससे करनी है सारी मिलने चाहिए उनका रोल जो है वह सबोर्डिनेट नहीं है यह जो हमें बताया जाता है कि नेचुरली ही वह सबोर्डिनेट है नेचुरली ही वीक है यह बिल्कुल वो एक्सेप्ट नहीं करते हैं वह कहते हैं कि मैरिज जो है वह उसमें इक्वलिटी होनी चाहिए पार्टनर्स में ठीक है लॉ के सामने राइटर मतलब जो राइट्स एक आदमी को मिलते हैं ठीक है मैरिज में वही एक औरत को मिलने चाहिए तो वमन मैन जो है वो इक्वल पाथ पर लेकर आना चाहिए उन्हें तो मैन के पास ही सिर्फ एब्सलूट पावर नहीं होनी चाहिए फैमिलीज में मैरिजस में ऑन सब्जेक्शन ऑफ वमन में जैसे बताया मैंने इन्होंने काम किया है इकॉनमी और स्टेट की बात करें तो मैंने बताया है कि गवर्नमेंट के इंटरवेंशन को कहीं ना कहीं पर ये सपोर्ट कर जाते हैं ठीक है ये जो लेज स्फेयर की पॉलिसीज होती है ना बिल्कुल ही फ्रीडम दे दो जो बिजनेस कर रहे हैं ट्रेड कर रहे हैं तो यहां पर यह कहते हैं नहीं कहीं ना कहीं पर हमें जो है इंटरवेंशन की जरूरत पड़ती तो लिबर्टेरियन सोशलिज्म को थोड़ा सा यह देखते हैं हम कि एडवोकेट करते हैं अब आप कहोगे मिल जैसा इंसान जो है लिबर्टी की बातें करता है वो सोशलिज्म से कैसे प्रभावित हो सकता है वो सोशलिज्म का ना सभी चीजों के नहीं मानने सिर्फ कुछ एंगल लेते हैं जिसमें सोशलिज्म एक आईडिया है ह्यूमन कोऑपरेशन का पार्टनरशिप का तो यह सारी चीजें उन्हें पसंद है तो कहते यह सारी चीजें सही है जब तक वो इंडिविजुअलिटी और फ्रीडम को प्रिजर्व करती है और इक्वलिटी जो है सोसाइटी में लेकर आती है अदर वाइज इसकी एक्सट्रीम या कुछ और आईडिया मिल उसको सपोर्ट नहीं नहीं करते हैं ट्रेड यूनियंस को भी वो सपोर्ट करते हैं क्योंकि कहते हैं जरूरी है वर्कर्स और एंप्लॉयर में बैलेंस तो आप देख सकते हो कि मिल एक रैशनल थिंकर है ऐसे नहीं एक साइड जा रहे है तो वो कहीं ना कहीं इसमें चीजें देख रहे हैं कि कौन सी सिचुएशन में कहां पर कौन सी फिलॉसफी कौन सा आइडिया कौन सा कांसेप्ट फिट हो रहा है कहां पर हमें क्या करना चाहिए तो इस तरह से आपने जेएस मिलक को समझना है जैसे आप पढ़ते हो इंडिया पर भी इन्होंने काफी काम किया जैसे मैंने कहा इनकी बुक ही है अ इंडिया की ब्रिटिश इंडिया की हिस्ट्री में तो तब उन्होंने कहा इंडियन पैनल कोड जो बनाया वो तो ठीक है लेकिन जो एजुकेशन पॉलिसी बनाई थी 1835 में मकोली ने और बैटिंग ने ये ठीक नहीं है उसके क्रिटिकल थे मिल ने जेंडर इक्वलिटी पर काम करते हुए भी इंडिया पे ब्जर्व रखी उन्होंने कहा कि ज इंडिया की वमन डिस्क्रिमिनेशन या सबजुगेशन फेस कर रही है वो 100 टाइम्स ज्यादा है जो यूरोपियन वमन फेस करती है मतलब बहुत ही वहां पर वो कह रहे थे खराब ला थे जब मिल स्टडी कर रहे थे इंडिया की तो उन्होंने बहुत सारी रिलीजस प्रैक्टिसेस देखी कि इंडिया में चल रही है तो जैसे सती जैसी चीजों को उन्होंने कहा कि ये सही नहीं है तो इवन इंग्लिश लैंग्वेज एंड कल्चर भी जो इंपोज किया जा रहा था इंडियंस उसके अगेंस्ट भी वो बोलते हैं तो काफी रैशनल थिंकर थे और ये जेएस मिल का टाइम ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ ही कंटेंपरेरी में है दोनों ठीक है दोनों का साथ-साथ चल रहा है और क्योंकि जेएस मिलक खुद इंग्लैंड में थे तो ये सारी चीजें वो देख रहे थे कि इंडिया में क्या चल रहा है क्योंकि जो लॉ बनकर आ रहे थे वो इंग्लैंड से बनकर आ रहे थे खुद भी एक पार्ट थे आई थिंक अगर मैं गलत नहीं हूं वहां की पार्लियामेंट का तो ये इसलिए उनकी इंडिया पर ऑब्जर्वेशन भी जरूरी थी उन्होंने खुद भी उस परे लिखा है तो यह सारी चीजें आपको बेसिक बेसिक पता होनी चाहिए चलिए अब समझते हैं कार्ल मार्क्स के आइडियाज को इसके बायो की बात करें तो वेस्टर्न थिंकिंग में बहुत ज्यादा जो इन्फ्लुएंस लेकर आते हैं वह मार्क्स है क्योंकि इन्होंने जैसे स्टडी की जा रही थी पहले जैसे चीजें समझी जा रही थी उस चीजों को ट्रांसफॉर्म कर दिया हिस्ट्री और सोसाइटी अब ऐसे नहीं पढ़ी जाती मार्क्स के बाद जैसे पढ़ी जाती थी आज आप देखते होंगे कि हर चीज में ही हम मार्क्सिस्ट एनालिसिस करने लगे हैं ठीक है वह चाहे हिस्ट्री का हो इकॉनमी का हो फेमिनिज्म का हो कोई भी सब्जेक्ट हो मार्क्सिस्ट एनालिसिस होने लगा है तो इस तरह से मार्क्स ने मतलब इन्फ्लुएंस किया है वेस्टर्न थिंकिंग को मार्क्स की राइटिंग्स की अगर बात करें तो दो मेजर राइटिंग्स मानी जाती है स्कॉलर डिवाइड करते हैं यंग मार्क्स की राइटिंग जिसमें वो एलियने और ह्यूमन नेचर पर काम करते हैं और ओल्डर मार्क्स य लेटर लाइफ में वो लिखते हैं वो कैपिट इज्म में डिटेल में काम करते हैं और इनके बीच में जो लिंक एज अ ब्रिज काम करता है वो भी दो राइटिंग आती है जैसे ग्रंड राइज आती है 1857 के आसपास क्रिटीक ऑफ द पॉलिटिकल इकॉनमी 1959 में आती है चार राइटिंग्स ऐसी है जो फ्रेडरिक एंजल्स के साथ मार्क्स लिखते हैं और आप ऐसे कह सकते हो वो दोनों साथ में दोस्त थे तो एक तरह से साथ मिलकर काम करते थे मार्क्स इनोवेटिव आइडियाज लिखते थे फिलॉसफी लिखते थे थ्योरी लिखते थे कॉम्प्लेक्शन से लेकर सारी चीजें डील करते थे एक तरह से कह सकते थे कि कार्ल मार्क्स के मार्केटर एंजल थे मार्केटिंग करते थे उनकी राइटिंग्स की कि कहां पर कैसे किन लोगों के पास यह सारी चीजें पहुंच चाहिए ठीक है तो सिर्फ आईडिया लिखे रहते किताबों में पढ़े रहते लेकिन उनको पॉपुलर इज नहीं किया तो मार्क्स आज ना होते अगर एंजल ना होते तो मार्क्स ना होते कहा जाता है क्रिटिक ऑफ प्रीवियस सोशलिस्ट भी करते हैं मतलब प्रीवियस सोशलिस्ट जो रहते हैं सोशलिज्म ऐसा नहीं है कि मार्क्स ही बात कर रहे हैं पहले भी सोशलिज्म पर बातें करने वाले स्कॉलर थे तो लेकिन मार्क्स कहते हैं वो ना यूथोपिया है नॉन रेवोल्यूशन है नॉन साइंटिफिक है हम जो सोशलिज्म का आईडिया दे रहे हैं जो हम लेकर आए हैं यानी जो मैं बता रहा हूं वो साइंटिफिक है उनका आईडिया यू तो पियन है प्रैक्टिकल नहीं है प्रैगमेट जम की कमी है उसमें तो बहुत सारी चीजें हैं तीन मेन इन्फ्लुएंस रहते हैं मार्क्स के थॉट्स के ऊपर एक है जर्मन की फिलॉसफी जिसे डायलेक्ट्स कहते हैं फ्रेंच पॉलिटिकल थॉट का प्रभाव रहता है जिसमें रेवोल्यूशन चेंजेज को वो स्टडी करते कि कैसे अ जो है रेवोल्यूशन पॉसिबल है दुनिया में कैसे-कैसे रेवोल्यूशन उस पे उसपे स्टडी करते हैं वो समझते हैं वो इन्फ्लुएंस रहता है फिर इंग्लिश इकोनॉमिक्स को वो जो है अ इन्फ्लुएंस करती है उनके और वहां से वो उस कैपिट इज्म के आईडिया को समझना शुरू करते हैं कम्युनिस्ट लीग मार्क्स और एंजल दोनों मिलकर फाइंड करते हैं ठीक है तो लेकिन ये शॉर्ट लिफ रहती है 1848 से 1850 ही चलती है यहां से हमें इतना ही समझ आता है कि मार्क्स सिर्फ फिलोसोफर नहीं थे वो एक्टिविस्ट भी थे उन्होंने कोशिश भी की है अ कि यह सारी चीजें जो है जो फिलॉसफी हम बातें करते रहते हैं ना कहीं ना कहीं ग्राउंड लेवल पर फील्ड में भी ये चीजें आनी चाहिए सोसाइटी नीड्स टू चेंज जहां पर उन्हें गड़बड़ लग रही थी मेजर वर्क्स की बात करें तो ये एक लंबी लिस्ट है मार्क्स की राइटिंग सी जो आपको पता होनी चाहिए जो मार्क्स और एंजल ने भी मिली लिखी है वो भी आपको पता होनी चाहिए ऑर्डर में इसको याद करना एग्जाम में क्रोनोलॉजिकल ऑर्डर में पूछे जाते हैं एक आईडिया है इनका डायलेक्ट्स का डायलेक्ट्स का आईडिया अब मार्क्स का समझते हैं इसको ना हीगल के साथ कंपेयर करके हमें समझना होगा क्योंकि मार्क्स ने ने इंस्पिरेशन वहां से ली है हीगल ने भी डायलेक्टिकल का आईडिया दिया है डायलेक्ट्स का आईडिया दिया है मार्क्स ने भी दिया है अब समझो दोनों कहां पर एग्री करते थे कहां पे डिसएग्री कर रहे हैं वो मैंने लिख दिया जैसे एग्री कहां पे कर रहे हैं दोनों मानते हैं कि डायलेक्टिकल प्रोसेस होता है कंफ्लेक्स जशन से ही हिस्ट्री बनती है कंफ्लेक्स साइ में जरूरी है दोनों मानते हैं चेंज इज इनएविटेबल दोनों मानते हैं कि चेंज होकर ही रहेगा इसको रोका नहीं जा सकता जैसे सोसाइटी चल रही है ठीक है वो स्टैटिक नहीं है कांस्टेंटली बदलती ी इवॉल्व होती रहेगी उसमें चेंजेज आते रहेंगे दोनों मानते लेकिन दोनों डर्ज कहां पर थे डिफरेंसेस कहां पर आते हैं हीगल कहते हैं आइडियाज डिवेलप हो रहे हैं नॉलेज जो हम समझ रहे हैं जैसी थी वह बढ़ती जा रही है नई चीजें आई जा रही है नई फिलॉसफी आती जाएंगी आइडियाज हमेशा ही डेवलप होते रहेंगे माक्स कहते हैं ये आइडियाज लेवल पर डेवलपमेंट नहीं है मटेरियल लेवल पर भी हमें देखना हो होगा और मटेरियल लेवल पर भी डेवलपमेंट हो रही है मटेरियल डेवलप हो रहा है मटेरियल में चेंजेज आ रहे हैं आईडियाज लेवल पर ही चेंस नहीं आ रहे हैं तो इसलिए कहते हैं यह जो वर्कर क्लास आ जाना या बुर्ज वा क्लास आ जाना प्रोलिटेरियन का आयना कैपिटल क्लास और वर्कर क्लास का आयना ये क्या है ये एक मटेरियल में चेंज आने की वजह से ही तो क्लासेस फॉर्म हो रही है कभी मास्टर थे स्लेव थे फिर एक टाइम पर क्यों लॉर्ड और सर्फ आ गए ये क्लासेस कैसे बदल रही है ये सारी चीजें भी तो समझनी होगी ना तो मटेरियल लेवल पर चेंज आने से ये चीजें चेंज आती है सोसाइटी बदलती है पॉलिटिक्स बदलती है दुनिया बदलती है हमारे आसपास की तो सबसे पहले चेंज कहां पर आता है मटेरियल लेवल पर चेंज आता है मार्क्स ये मानते थे अब इसके एप्लीकेशन की बात करें तो हीगल मानते थे कि हिस्टोरिकल पास्ट इवेंट्स जो हैं उनको अगर हम स्टडी करें हमें समझ आता है कि आइडियाज का क्लैश हो रहा था अब जैसे कैपिट ज्म और कोल्ड वार के टाइम देख सकते हो कौन सी आईडियोलॉजी का क्लैश हो रहा था कैपिट ज्म और सोशलिज्म तो कहते हिस्ट्री में भी ऐसे ही बहुत सारे आइडियाज का ही क्लैश रहता है और उससे फिर जन्म लेता है एक नया आईडिया जो पहले दोनों आइडिया से मिलाकर बेटर होता है ठीक है और फिर उसी आईडिया में से फिर से एक एंटी आईडिया निकलेगा उसको सपोर्ट करने वाले निकलेंगे उसके अगेंस्ट वाले निकलेंगे तो यह चलता रहेगा यह कंटीन्यूअसली एंडलेस प्रोसेस है जब तक हम परफेक्शन की ओर नहीं पहुंच जाते तो हीगल ये कहते हैं मार्क्स कहते हैं कि देखिए ये जो चीजें हैं अ हम आप स्टडी करते हो पास्ट की ही स्टडी कर रहे हो लेकिन आपके आईडियाज वाली यह थ्योरी में डायलेक्ट्स के प्रोसेस में प्रिडिक्टेबल फैक्टर कहां है आगे चलकर क्या होने वाला है प्रिडिक्ट कर सकते हो तो हीगल ने प्रिडिक्ट नहीं किया तो मार्क्स कहते हैं हम करेंगे हम बताते हैं आगे चलकर क्या हो सकता है हम इस तरह से स्टडी करेंगे हम यह बताएंगे कि आगे चलकर कौन सा नया सिस्टम आ सकता है तो इन्होंने यही कहा कि कम्युनिज्म आएगा एक टाइम पर क्लासले सोसाइटी बनने जा रही है दुनिया में कब आने वाला है अब तक तो आया नहीं है यह चीज तो हमने भी देखी है कैसे होगा यह क्या होगा ये मार्क्स की प्रेडिक्शन है एनीवे वो अलग एक डिस्कशन का इशू है उसपे नहीं आते अब हीगल फोकस करते हैं किस चीज पे इंटेलेक्चुअल एंड फिलॉसफी डेवलपमेंट पे करते हैं मार्क्स किस पे करते हैं सोशल एंड इकोनॉमिक कंडीशन पे करते हैं ठीक है तो देख रहे हो एक आईडिया पर फोकस है एक मटेरियल चीजों को लेकर फोकस है मटेरियल जम और हिस्ट्री का जो आईडिया है वो थोड़ा सा हम समझ लेते हैं मार्क्स कहते हैं मटेरियल लेवल पर चेंज आने पर यानी इकोनॉमिक लेवल पर चेंज आएगा इकोनॉमिक प्रोडक्शन में चेंज आएगा इकॉनमी में चेंज आएगा ठीक है और ऊपर की बाकी चीजों में भी चेंज आएगा जैसे बेस और सुपरस्ट्रक्चर के मॉडल में मैं आगे चलकर आपको समझाने वाला हूं ठीक तो ड्राइविंग फोर्स क्या है हिस्ट्री में इकोनॉमिक प्रोडक्शन है वहां पर चेंज आने से ही चेंज आता है आईडियाज में चेंज आने से चेंज नहीं आता है वो कहते हैं सोशल क्लासेस और उनकी जो स्ट्रगल है यही मेन मोटिवेट होता है हिस्टोरिकल चेंज का नेशनल कल्चर जैसी कोई चीज मोटिवेशन नहीं होता है कि नेशनल कल्चर में चेंज आया नेशनलिज्म की भावना है यह चेंजेज हुए यह हुआ नहीं वो कहते समझने की कोशिश कीजिए क्लासेस और उनकी स्ट्रगल से हिस्टोरिकल चेंज आता है दो क्लासेस में कंफ्लेक्स से कुछ ना कुछ निकलेगा जो भी निकलेगा वही चेंज है ऐसे चेंज आते हैं तो मार्क्स क्लास स्ट्रगल में मानते हैं ठीक है क्लासेस में बिलीव करते हैं तो यह सारी चीजें ही उसमें फर्द आपको को बता रखी है एनीवे आई थिंक यह आईडिया जो है मैंने कई बार कार्ल मार्क्स का डिस्कस किया है इसको दोबारा से रिपीट करने की जरूरत नहीं एक चीज लेकिन इसमें जो मेंशन करने वाली है कि रूलिंग क्लास कैसे वर्क करती है वो कैसे वर्क करती है कि अपनी आइडियो जीी को हमेशा ही परपे चुएट करती है यानी किसी तरह से प्रोपेट करते हैं अपने आइडिया से इस वे में करते हैं कि हमेशा डोमिनेंट पोजीशन पे वही रहे पावर में वही रहे और अपने नीचे वाली क्लास से हैव नॉट की क्लास को एक्सप्लोइट करते रहे लोग अनवेयर रहे एक इकोनॉमिक डिटरमिनिज्म का आईडिया यह बहुत इंपोर्टेंट है जानना मार्क्स कहते हैं हमारी सोसाइटी में ना एक बेस है ठीक है ना हमारी सोसाइटी जिस पर बिल्ड हो रखी है ना उसका एक बेस है बेस व बेस क्या है वह इकोनॉमिक है इकोनॉमिक फाउंडेशन है इकॉनमी है कैसे कहते जैसे प्रोडक्शन हो रही है क्या चीजें बन रही है क्या हम जो है प्रोड्यूस कर रहे हैं उसके बेसिस पर वह कैसे बन रही है किस वे में बनर उससे सोशल रिलेशन बन रहे हैं आई थिंक मैंने 2023 की पी वाई क्यू में ये सारी चीजें आपको समझा दी है लेकिन दोबारा हल्की-फुल्की समझाने वाला हूं अगर 2023 के पी वाई क्य वाली वीडियो नहीं देखी देखिए उसमें जाकर ये सब कुछ मैंने समझा रखा है विद एग्जांपल समझा रखा है क्योंकि इससे क्वेश्चन बनकर आए थे आपको इसलिए आपको ये चीजें पता होनी चाहिए दोबारा पूछ सकता है एग्जामिनर तो बेसिकली जब इकॉनमी में चेंज आता है तो हमारी सुपरस्ट्रक्चर में चेंज आता है डिपेंड करता है कि आप कौनसे इकोनॉमिक सिस्टम में काम कर रहे हो जैसे एग्रीकल्चर जब चल रहा था फ्यूड सिस्टम चल रहा था तो दो क्लासेस काम करती थी कौन-कौन सी काम करती थी लॉड होते थे जमीदार होते थे और उस परे काम करने वाले सर्फ होते थे किसान होते थे ये चल रहा था सिस्टम इन दोनों क्लासेस में स्ट्रगल चलती थी क्लैशेस चलते थे क्योंकि दोनों के इंटरेस्ट मैच नहीं करते थे वो चाहते थे कि जमीन हमें मिले लोड जो जमींदार है वो कहते हमारी जमीन है आप काम कीजिए ऐसे इंटरेस्ट के कंफ्लेक्स चते रहते हैं कहते यही कंफ्लेक्स क्या-क्या चीजें निकलती है स्टेट निकलती है लॉ कल्चर निकलते हैं ये सारी चीजें कब बनती है जब इकॉनमी में चेंज आते हैं यह सारी चीजें डेवलप होती है बेस के ऊपर सुपरस्ट्रक्चर है इकॉनमी में चेंज आने से स्टेट कैसी होगी राइट्स वह कैसे देगी आपका कानून कैसे होगा लॉ कैसे होगा आपका कल्चर कैसा होगा रिलीजन कैसे होगा उसमें पॉलिटिकल सिस्टम कैसे होगा कैसे काम करेगा वह सारी चीजें क्या डिसाइडेड करती है इकॉनमी डिसाइड करती है इसकी एक एग्जांपल ले लेते हैं कुछ देशों में आपने देखा होगा जहां पर जैसे हमारे देश में है ना कि हमें कहना पड़ रहा है भाई बेटी पढ़ाओ बे बेटी बचाओ ऐसे जैसे चीजें करनी पड़ रही है क्योंकि सेक्स रेशो में हमें जो लोगों को क्या चाहिए लड़के आए क्यों क्योंकि सिस्टम ऐसा है डोरी सिस्टम यह सारी चीजें वर्क करती है इसलिए लड़की कोई चाहता नहीं है लेकिन कुछ देशों में वैल्यू ज्यादा लड़की की होती है लड़के की नहीं होती है ठीक है तो वहां पर लड़कियां चाहिए उन्हें लड़का नहीं चाहिए तो वो कल्चर कैसा हो गया ठीक है वहां पर रूल्स एंड रेगुलेशन फिर कैसी होगी तो समझ रहे हो वहां पर बेटी बचाओ बेटी बढ़ाओ की जगह बेटा बढ़ाओ बेटा बचाओ वाला नारा आ जाएगा ऐसी कंट्रीज में तो मार्क्सस कह रहे यही तो है इकॉनमी पता चल रहा है ना कि कहां से किसके उसका खर्चा होगा भा बहुत कुछ करना पड़ेगा वो तो दूसरे घर चली जाएगी हमें कौन संभालेगा ठीक है बुढ़ापे में ऐसे आइडियाज आने लगे ना तो ऐसे कल्चर शेप होने लगा कहां से शेप हुआ इकॉनमी से शेप हो रही है ये चीजें तो यह एक मैंने जस्ट रियल लाइफ बेसिक एग्जांपल दे दिया जो हमारे घरबार में आम सुनते हो पढ़ते हो लेकिन मार्क्स थोड़ा और ज्यादा ऊपर लेवल की और डीपर लेवल की बातें कर रहे हैं पॉलिटिकल सिस्टम सोशल सिस्टम रिलीजन कैसे बनता है वो एक अलग चीज है बट फिलहाल के लिए क्विक रिवीजन में आप ये ये चीजें ही समझ लीजिए सो इकॉनमी डिटरमिन करती है कि सुपरस्ट्रक्चर कैसे होगा जैसे हमना डिपेंड करता है इकॉनमी कैसे चल रही है इकोनॉमिक सिस्टम कौन सा चल रहा है उसके ऊपर फिर लॉ स्टेट कल्चर ये सारी चीजें कैसी होगी तो एनीवे इकॉनमी में चेंज आएगा सुपरस्ट्रक्चर में चेंज आएगा और रेवोल्यूशन जो है मार्क्स मानते थे वो जरूरी है जैसे हमने पढ़ा ना एरिस्टोटल भी मानते थे दुनिया में रेवोल्यूशन जरूरी है अदर वाइज स्टैग्नेशन आ जाएगी कुछ नया नहीं होगा इनोवेटिव नहीं होगा रिजल्ट नहीं निकलेंगे दुनिया में नए तो नई चीजें आने के लिए नया चेंज आने के लिए प्रोग्रेस की तरफ मूव करने के लिए रेवोल्यूशन आर इंपोर्टेंट कंट्रक्शन उससे रिजॉल्व होती है मार्क्स ने भी देखा है मार्क्स भी उसी चीज की बात कर रहे हैं तो थीसिस एंटी थीसिस या सिंथेसिस से यह चार चीजें समझाते हैं आप मेरी वीडियो देख लेना कार्ल मार्क्स की उसमें यह सारी चीजें मैंने समझा रखी है पहले हीगल को समझना पड़ता है फिर हम उसमें कार्ल मार्क्स को समझते हैं यह चीजें समझने के लिए कि थीसिस क्या है एंटी थीसिस क्या है सिंथेसिस क्या है स्टेजेस ऑफ डेवलपमेंट यह भी जरूरी है आपको पता होना चाहिए कार्ल मार्क्सस कहते सबसे पहले आती है प्रिमिटिव कम्युनिज्म इसमें किसी तरह की कोई क्लास नहीं एजिस्ट करती थी ये स्टेटलेस्विजेट आता है स्लेवरी का मास्टर होते हैं स्लेव होते हैं दो क्लासेस फ्यूड जम आता है फिर भी दो क्लासेस रहती है कौन सी क्लास रहती है लड रहते हैं सर्फ लेते हैं कैपिट इजम आता फिर भी दो क्लासेस रहती है वर्कर रहती है कैपिट क्लास रहती है यह जब तक क्लासेस रह रही है तब तक स्टेट रहेगी क्योंकि वो इसी स्ट्रगल में किसी ना किसी का फेवर करेगी और हमेशा स्टेट किसका फेवर करेगी मार्क्स मानते हैं हैव क्लास का यानी पहले वो मास्टर्स का फेवर कर रही थी फ्यूड जम में लॉट और सब में से लॉड का फेवर करेगी कैपिट ज्म में से कैपिटिस क्लास का फेवर करेगी वर्कर का नहीं करेगी और कम्युनिज्म फाइनली आएगा जो मार्क्स कहते जल्दी आना चाहिए क्योंकि बहुत ज्यादा एक्सप्लोइटेशन कर रहा है कैपिटल सिस्टम तो कम्युनिज्म फिर से क्या बन जाएगा क्लास लेस सिस्टम बन जाएगा स्टेट लेस बन जाएगा तो इससे साइकल वो कंप्लीट हो जाएगा जो प्रिम प्रिमिटिव कम्युनिज्म से शुरू हुआ था अब वापस कम्युनिज्म आएगा तो यही कह रहे हैं कि कैपिट ज्म में वर्कर का बहुत ज्यादा सफरिंग हो रही है तो कहीं ना कहीं पर पहले सोशलिज्म आएगा सोशलिज्म एक टेंपरेरी स्टेज है जो वर्कर सारी चीजें कंट्रोल करने लगे अल्टीमेटली कम्युनिज्म आएगा तो मार्क्स ने प्रेडिक्शन की है यह प्रेडिक्शन रखी है ऐसी चीजें हमें देखने को मिले भी है कि सोशलिज्म आता है ठीक है रशिया में आया यह चीज देखने को मिली रेवोल्यूशन आई कम्युनिज्म नहीं ना आया कम्युनिज्म कहां चला गया वो अभी तक नहीं आया यही क्रिटिसाइज किया जाता है कार्ल मार्क्सस को क्लास स्ट्रगल की बात करें तो जैसे मैंने बताया हमेशा ही दो क्लासेस रहती है आई थिंक यह सारी चीजें मैंने पहले ही समझा दी इसको दोबारा एक्सप्लेन करने की जरूरत नहीं है कि कैपिट इज्म में कौन सी क्लास थी स्लेवरी सिस्टम में कौन सी थी फ्यूड जम में कौन सी थी एक क्लास डोमिनेंट होती है दूसरी जो है सबमिसिव होती है एक क्लास जिसके पास सारी रिसोर्सेस होती है रिच होती है दूसरी क्लास जो पुअर होती है रिसोर्सेस नहीं होती है हैव एंड हैव नॉट की क्लास करती है इन दोनों में कंफ्लेक्स जो है बहुत सारी चीजें निकल कर आती है स्टेट किसका फेवर करती है वो भी मैंने बता दिया है ये सारी चीजें वो चीजें हैं ठीक है कैपिट इज्म में भी अगर उनका देखें कि क्या व्यू पॉइंट है सबसे पहले कैपिट इज्म में समझिए कि वो दो फैक्टर से काम करता है तो वो दो कौन सी होती है एक होती है वेज लेबर जिसमें वर्कर अपनी लेबर पावर को सेल करते हैं वो किसी तरह का कोई प्रोडक्ट नहीं क्रिएट कर रहे रदर वो अपनी लेबर को सेल कर रहे हैं कैपिटल ज्म में दूसरी चीज होती है प्राइवेट ओनरशिप वो लोग जिनके पास मींस ऑफ रिडक्शन है फैक्ट्रीज है इंडस्ट्रीज है सारा कुछ है ठीक है रिसोर्सेस है वहां पर मासस नहीं आते कैपिटल क्लास आती है तो प्राइवेट ओनरशिप और वेज लेबर से कैपिट ज्म सिस्टम जन्म लेता है तो पीजेंट्स कहते हैं फोर्सेबल लैंड पे जब एविक्ट करवाए गए क्योंकि इंडस्ट्री बन रही थी बड़ी-बड़ी तो ये सारी चीजें आ रही थी पीजेंट्स के लैंड जो है एविक्ट करवाए गए एग्रीकल्चर सिस्टम धीरे-धीरे जो है अ घुटन महसूस करने लगा प्रॉफिट मेकिंग नहीं रहा उनके रिसोर्सेस भी कम होते गए तो थक आर कर जैसे ही उनकी इनकम कम होती गई तो उन्होंने क्या किया कैपिट इज़्म में कहते एक चीज़ की वगा बंड पॉपुलेशन क्रिएट की व्हाट इज़ द वगा बंड पॉपुलेशन व लोग जिनका ना कोई घरबार है ठिकाना है नहीं है जॉब नहीं है इनकम नहीं है ढंग से तो ऐसे पीजन क्या बने इनको फोर्स किया गया सिटीज में जाकर काम करने के लिए क्या काम करने के लिए इंडस्ट्री में काम करने के लिए बहुत चंद पैसों के लिए लो वेजेस में यह बनी क्लास पीजन से बने प्रोलिटेरिएट यही से चीज से मार्क्स ने देखी उनकी पीड़ा देखी कि एक्सप्लोइटेशन बहुत हो रही है क्या करना चाहिए य सारी चीजों के लिए उन्होंने काम किया सिर्फ फिलॉसफी लिखी नहीं खुद एक्टिविस्ट भी रहे और उसके अकॉर्डिंग ली उन्होंने बात भी की कि सरप्लस वैल्यू जो है मतलब जो चीजें प्रॉफिट ज्यादा कमाया जा रहा है वो तो इंडस्ट्रियलिस्ट लगते जा रहे हैं उनको दिया ही नहीं जा रहा वर्कर्स को तो मिनिमम वेज मिल रही है और कुछ मिल नहीं रहा उससे वोह सरवाइव ही कर रहे हैं लिविंग थोड़ी ना जिंदगी थोड़ी ना जी रहे हैं गुडन से जी रहे हैं ठीक है तो ये सारी चीजों पर काम करने की जरूरत है कार्ल मार्क्स ने कहा है कैपिट इज्म में यही सारी चीजें बताते हैं एलियने का कंसेप्ट देते हैं आगे चलकर एलियने का कांसेप्ट में वो बेसिकली वही कहते हैं कि वर्कर किसी तरह से अपने काम के साथ कनेक्ट ही नहीं कर पा रहे ठीक है उनको काम करके किसी तरह की हैप्पीनेस या सेटिस्फैक्ट्रिली फैक्ट्री में काम कर ले मब कार बनाने वाली फैक्ट्री में काम कर रहे हैं कार बन रही है बीएड ठीक है इस लेवल की कार बन रही क्या वो बाय कर सकते हैं वो कर ही नहीं सकते उनकी हैसियत ही नहीं है तो क्या मजा है उस चीज में कहते करने के लिए तो क्या होगा ऐसे केसेस में आती है एलियने वो कनेक्ट नहीं कर पाते वर्क में सो एलियने का कांसेप्ट है डिफरेंट टाइप की एलिशन बता रखी है मैंने पी वाई क्यू की कार्ल मार्क्स की वीडियो में वहां से देख सकते हैं तो ऐसे कहते हैं इन क्वालिटी बढ़ रही है रिच और पुअर का गैप भी बढ़ रहा है ठीक है वाइडन हो रहा है कंज्यूमर जम कल्चर आ रहा है सारा बेनिफिट्स कैपिट इस्ट को मिल रहा है वर्कर को मिल नहीं रहा वर्कर जो अपनी लेबर दे रहे हैं उसकी रियल वैल्यू जो रियल कॉस्ट है वह प्रॉफिट कैपिटिस क्लास खाई जा रही है इससे हो क्या रहा है एक्सप्लोइटेशन हो रही है इस लेवल की एक्सप्लोइटेशन जब बढ़ती जाएगी और वर्कर भी अवेयर हो जाएंगे कि हमारी तो एक्सप्लोइटेशन हो रही है वो भी गंदी वाली ठीक है तो वोह क्या करेंगे वो मोर्चा उठाएंगे किसके अगेंस्ट यही अपनी कैपिट इस्ट क्लास के अगेंस्ट वर्कर यूनाइट होंगे उन्होंने नारा भी लगाया था वर्कर ऑफ ऑल कंट्री शल यूनाइट यह फेमस को ट है उनका तो यह कहते कि यूनाइट हो जाओ भाई अब वक्त आ गया क्या करने का इनको ओवरथ्रो करने का किसको कैपिट क्लास को ओवरथ्रो करने का तो कैपिट क्लास को ओवरथ्रो करेंगे तो क्या करेंगे वर्कर कंट्रोल कर लेंगे इंडस्ट्रीज को यही सोशलिज्म है यही रेवोल्यूशन है जिसकी बात वह कर रहे थे स्टेट के अगर व्यूज की बात करें तो वह जैसे हीगल कहते ना स्टेट टर्नल है यूनिवर्सल इंटरेस्ट को प्रेजेंट करती है कहते दत बकवास है यह सब स्टेट ऐसा कुछ भी नहीं कर रही है स्टेट इंडिविजुअल के लिए नहीं बनी है सभी लोगों के लिए नहीं बनी स्टेट बनी है एजेक्ट कमेटी ऑफ द बुर्ज वाजी है वो कहने का मतलब है कैपिटल क्लास के लिए बनी है तो यह कहते हैं कि सिर्फ उनके लिए काम करने के लिए आई है जब तक उनके लिए काम कर रही है वर्कर को कोई देखेगा नहीं वोह एक्सप्लोइट होते रहेंगे तो इसलिए जरूरी है स्टेट को भी खत्म कर दो भाई वर्कर सोशलिज्म लेकर आएंगे उसके बाद मार्क्स कहते हैं कम्युनिज्म आएगा कम्युनिज्म क्या है स्टेट लेस सोसाइटी आएगी वो कहते जब तक कैपिट क्लास जीवित है या क्लासेस जीवित है तब तक स्टेट जीवित है जब तक क्लास खत्म हो जाएगी स्टेट खत्म हो जाएगी तो यह स्टेट की वजह ही तो क्लासेस जो है वह पनप रही है इनकी स्ट्रगल रह रही है तो क्ले स्टेट के अगेंस्ट इस तरह के स्टेट के अगेंस्ट जो सिर्फ किसी एक क्लास के लिए ज्यादा काम करती है तो मार्क्सस थ्योरी ऑफ स्टेट जो है उसमें कुछ इन एडिक्स भी है मतलब उसका क्रिटिसाइज क्रिटिसिजम मैं बात करूं तो किया जाता है जैसे कहते हैं कि सोशल स्टेट की जो फंक्शनिंग है ना उसकी पिक्चर इनकंप्लीट कंप्लीट थ्योरी नहीं है स्टेट की जो मार्क्स बात करते हैं डेमोक्रेटिक प्रिंसिपल कैसे कंपैटिबल होंगे ऐसी स्टेट में डिबेटेबल है उनके कुछ नोटेल कोट्स की बात करते हैं जैसे कहते अब तक जो भी हमने हिस्ट्री पढ़ी एजिस्टिफाई नहीं वो हिस्ट्री है क्लास स्ट्रगल की सिर्फ क्लास स्ट्रगल चल रही है अगर आप ध्यान से देखोगे आपने देखा नहीं दूसरा पॉइंट कहते हैं कि अभी तक फिलोसोफर इस वर्ल्ड को सिर्फ इंटरप्रेट किया है पॉइंट तो यह था ना उसको चेंज करना है सिर्फ बताना थोड़ी ना क्या-क्या चल रहा है चेंज कौन करेगा तो यह कहते हैं एक्टिविस्ट बनने की जरूरत है आप लोगों को चेंज इट तो प्रॉपर्टी के बारे में बात करते हैं यह थोड़े कोट आप देख सकते हो रिलीजन इज द ओपियम ऑफ द पीपल यह इंपोर्टेंट कोट है यह याद रखना ओपियम ऑफ द पीपल का यहां पर मतलब यही है कि लोग जो है रिलीजन को एक ऐसे तरह से देख रहे हैं ऐसे समझ रहे हैं जैसे ओपियम ले रखी हो उन्हें कोई होशो आवाज ही नहीं है क्या चल रहा है जो कहा गया है धर्म में पाठ पढ़ाया गया है उसी को सच मानी जा रही है उससे बाहर जाकर या उससे आगे बढ़कर सोच नहीं पाते हैं तो व ओपियम ऑफ द प तो ओपीएम ऑफ द पीपल कार्ल मार्क्स इस कांटेक्ट में कहते हैं चलिए अब पढ़ते हैं आइडियाज जॉन रोल्स के ब्रीफ बायो की बात करें तो यह ईगलिटेरियन लिबरल ट्रेडीशन से इंस्पायर होते हैं इनका एक कोर्ट है सोसाइटी इज अ कोऑपरेटिव वेंचर फॉर म्यूचुअल एडवांटेज जेआरएफ नेट में आ रखा है मुझे लगा आपको ना पूछ ले कहीं तो कोऑपरेटिव वेंचर है सोसाइटी मतलब इसमें सभी लोग जो है कोऑपरेट करते हैं ताकि एक दूसरे का फायदा हो सके म्यूचुअल एडवांटेज हो सके सोसाइटी ऐसे ही काम करती है यहां पर कोई इंडिविजुअल अपना फायदा सोचे सब कुछ ही मुझे मिल जाए ऐसे नहीं होने वाला ये सब साथ मिलकर करने वाली चीजें हैं ऐसे ही चलती है मेजर वर्क्स की बात करें थ्योरी ऑफ जस्टिस सबसे पॉपुलर वर्क सबसे पहला वर्क जो तहलका मचाता है अ फिलॉसफी की दुनिया में खासकर कंटेंपरेरी फिलॉसफी की दुनिया में तो 1971 में आता है फिर पॉलिटिकल लिबरलिज्म लिखते हैं 1993 में फिर लॉज ऑफ पीपल आता है 1999 में फिर आता है जस्टिस एस फेयरनेस 2001 में चलिए यूटिलिटेरिएनिज्म के क्रिटिक को समझते हैं क्योंकि यह अपनी फिलॉसफी का बेस यहां से शुरू करते हैं यूटिलिटेरियन जम को क्रिटिसाइज करते हुए कौन से आईडिया को बेंथम और सिड विक में जो दिया था उसको क्रिटिसाइज करते हैं यह कहते हैं इन्होंने ना इंडिविजुअल के जो डिफरेंसेस पाए जाते हैं उनको इग्नोर कर दिया इन्होंने सबको एक जैसा ही ट्रीट करने लगे ठीक है क्योंकि हर इंडिविजुअल की यूनिक नीड्स होती हैं यूनिक इंटरेस्ट होते हैं ये फोकस कर ही नहीं रहे क्योंकि इनका फोकस क्या था इनका है ग्रेटेस्ट हैप्पीनेस ऑफ ग्रेटेस्ट नंबर ये ग्रेटेस्ट नंबर पर फोकस करने के चक्कर में कुछ सेक्शन ऐसा है कुछ इंडिविजुअल ऐसे हैं माइनॉरिटी है ऐसी जिसको पूरा ही इग्नोर कर रहे हैं तो इसलिए कहते हैं कि टोटल हैप्पीनेस पर फोकस अगर करना ही चाहते हो तो लीस्ट एडवांटेज को ओवर लुक नहीं कर सकते जो डिसएडवांटेज सेक्शन है सोसाइटी का जो बॉटम पे आता है जो डाउन ट्रोड लोग हैं जो हैव नॉट कहलाए जाते हैं उन परे भी काम करने की जरूरत होगी उनको भी देखने की जरूरत होगी तो यूटिलिटेरियन ज्म क्या कर रहा है वो प्रायोरिटी इज कर रहा है मैक्सिमाइजिंग ओवरऑल गुड को इंडिविजुअल के राइट्स को सैक्रिफाइस करता जा रहा है इसलिए यूटिलिटेरियन निज्म की फिलॉसफी में कमियां है रोल्स यह कहते हैं वो इंडिविजुअल की फ्रीडम और डिग्निटी को प्रोटेक्ट नहीं कर पा रहा है यूटिलिटेरियन जम इसलिए हमें जरूरत है नई फिलॉसफी लेकर आने की दुनिया में यूटिलिटेरियन ज्म सिर्फ आउटकम पर फोकस कर रहा है टेलियोलॉजिकल थ्योरी है बेस्ट आउटकम क्या रह सकते हैं ठीक है जिसमें सबसे ज्यादा फायदा हो ग्रेटर गुड की बात करता है ठीक है ग्रेटर गुड पे ज्यादा फोकस कर रहा है और जैसे ही ग्रेटर गुड पे फोकस करता है इंडिविजुअल के राइट्स जो है उस पे फोकस नहीं करता है बहुत बार ऐसे होता है कि ग्रेटर गुड के लिए सड़कें बना दिए जाते हैं बहुत बड़े-बड़े प्रोजेक्ट होते हैं लेकिन उसमें कई लोगों के घर तबाह हो जा जाते हैं बहुत ज्यादा जो है अ विक्शन होती है डिस्प्लेसमेंट होती है उनकी लाइफ पहले जैसी नहीं रहती है तो वो सारी चीजों को भी तो समझना पड़ेगा ना कैसे हैंडल करना है एक बैलेंस लेकर आना पड़ेगा आप एक्सट्रीम साइड जा रही है यूटिलिटेरियन ज्म की फिलॉसफी तो रॉल कहते हैं काम करना होगा कुछ प्रिंसिपल्स और राइट्स जैसे मेथड पर जैसे वो कहते हैं यह मेथड होता है डी अटोलॉजिस्ट है ये एक फिलॉसफी का एक पार्ट है इसका मतलब यह हो गया कि आप एंड पे फोकस नहीं कर रहे हो आप प्रिंसिपल और राइट्स ही ऐसे लेकर आओगे एंड रिजल्ट अपने आप ठीक हो जाएंगे यूटिलिटेरियन जम एंड रिजल्ट पे फोकस कर रहा है लेकिन वो मीन पर ज्यादा फोकस ही नहीं कर रहा तो यह सारी चीजों को देखने की जरूरत है इसलिए रोल कहते हैं जो मैंने आईडिया डेवलप किया है वो है जस्टिस एज फेयरनेस वो ऐसी जस्टिस होगी जो फेयर होगी इंपार्शियल होगी सही होगी य टैरिटस म नहीं कर पा रहा है वो उसका अल्टरनेटिव है तो इसलिए वो इंडिविजुअल के राइट्स को भी देखेगा लीस्ट एडवांटेज की वेल बीइंग को भी देखेगा और इसके साथ ओवरऑल सोसाइटी का बेनिफिट भी करेगा तो रोल्स कहते हैं इसलिए जस्टिस फेयरनेस पे काम करने की जरूरत है वो कहते हैं जस्टिस के दो मोटा मटी कांसेप्ट होते हैं एक होता है जनरल जस्टिस जो होता है आइडियल आइडियल मतलब कि यह होना चाहिए जरूरी है लेकिन अची वेबल नहीं है रियल लाइफ में इतना आसान नहीं है करना जिसमें जैसे प्राइमरी गुड्स होती है इनकम होगी अपॉर्चुनिटी होगी सेल्फ रिस्पेक्ट हो गई राइट्स हो गए लिबर्टी हो गई इनको किसी तरह से अच्छे से डिस्ट्रीब्यूटर इस तरह से डिस्ट्रीब्यूटर कि लीस्ट फेवर्ड का भी बेनिफिट हो इसमें ऐसे नहीं एक ही क्लास ग्रो करती जा रही है और आपने नीच ले सतर के लोगों को बॉटम वाले लोग को लीस्ट एडवांटेज को भूल ही गए छोड़ ही दिया उनको अपने हालात में छोड़ दिया तो जनरल जस्टिस यह करना चाहती है बट यह डिफिकल्ट है अचीव करना फिर एक होती है स्पेशल जस्टिस जो नॉन आइडियल है जो नॉन आइडियल सोसाइटीज में लगाई जाती है वो क्या किया जाता है कुछ क्लास को फिर जो नीचे सदर के लोग होते हैं उसको स्पेशल ट्रीटमेंट दिया जाता है स्पेशल प्रिविलेज दे दी जाती है ताकि थोब थोड़ा सा ऊपर उठ सके तो रोल्स कहते हैं ऐसी चीजें की जाती है ये नॉन आइडल के केस में की जाती है बट आइडल प फोकस करने की जरूरत है वहां पर ही हमें जो है एक अच्छा लेवल मिलेगा जस्टिस का तो उसके लिए आईडिया जो लेकर आने वाले हैं वो शुरुआत करते हैं उससे सोशल कांट्रैक्ट से सोशल कांट्रैक्ट का वो आईडिया इंस्पायर तो होते हैं कांति अन के फ्रेमवर्क के यानी मैनुअल कांत के फ्रेमवर्क से इंस्पायर होते हैं लेकिन पूरा टोटली उसको वैसे नहीं अ यूटिलाइज करते हैं अपने हिसाब से उसको मॉडिफाई भी करते हैं चीजें लेकर आते हैं तो वो आईडिया कांति हैन का था स्टेट की ओरिजिन को पढ़ने के लिए बट वो इसको यूज करते हैं जस्टिस के आईडिया में अप्लाई करने के लिए कि जस्ट सोसाइटी कैसे बन सकती है तो कहते हैं शुरुआत करते हैं हम ओरिजिनल पोजीशन से मान लो कहते हाइपोथेटिकल एक कंडीशन लेते हैं कि कुछ लोग हैं जिन्होंने ना जस्टिस के प्रिंसिपल फाइंड आउट करने हैं जिन्होंने यह देखना है कि कौन सा मेथड कौन सा रूल डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ रिसोर्सेस का लेकर आया जाए जो सबके लिए सही हो तो कहते हैं हमें ना एक हाइपोथेटिकल सिचुएशन लेनी होगी ओरिजिनल पोजीशन जिसे वो कहते हैं यहां पर सभी लोग ना वेल ऑफ इग्नोर हैंस के पीछे होंगे ठीक है अज्ञानता के पर्दे के पीछे इसका मतलब क्या है किसी को अपना सोशल स्टेटस नहीं पता टैलेंट नहीं पता फ्यूचर पोजीशन नहीं पता यह नहीं पता अमीर हूं गरीब हूं कौन सी क्लास से कौन सी कास्ट से हूं कौन से बैकग्राउंड से आता हूं फैमिली एफ्लुएंस है नहीं है यह सारी चीजें उसको पता ही नहीं है मतलब जीरो कर दो उसको जीरो करने का मतलब है ओरिजिनल पोजीशन यही है ओरिजिनल पोजीशन के मायने यही है उसको कुछ नहीं पता जैसे इंसान जब जैसा है ज मतलब इन सब चीजों के बगैर वो ओरिजिनल पोजीशन में है ना स्टेटस ना क्लास ना कास्ट ये सारी चीजें नहीं पता अब ऐसे लोगों को कहेंगे कि फाइंड आउट द जस्टिस के प्रिंसिपल्स फाइंड आउट करने तो यह जब सोचेंगे ना यह थोड़ा न्यूट्रल सोचेंगे इंपार्शियल ही सोचेंगे फेयर आईडिया लेकर आएंगे तो ऐसा वो जब सोचेंगे कैसे आईडिया लेकर आएंगे वो बताने वाले हैं उनको सिर्फ मोटा मोटी दो प्रिंसिपल ऑफ जस्टिस दिखाई देने वाले हैं पहले होगा कि बेसिक लिबर्टीज सबको इक्वली मिलनी चाहिए ठीक है जिसमें वोटिंग स्पीच रिलीजन ये जो जो सारे राइट्स होते हैं बेसिक बेसिक लिबर्टीज के ये सबको इक्वल मिलने चाहिए फिर आता है फेयरनेस प्रिंसिपल यह दूसरे प्रिंसिपल पे काम करेंगे इसके फर्द फर्द दो कैटेगरी इशन है पहला इसमें आता है डिफरेंस प्रिंसिपल इसका मतलब क्या होता है कि सोशल और इकोनॉमिक इक्वालिटीज अगर समाज में आती भी है कोई काम करके मेरिट के बेस पर टैलेंट के बेस पर वो दूसरों से ज्यादा कमाने लगता भी है तो कहते हैं यह तभी अल किया जाएगा अगर इसके साथ लीस्ट बेनिफिट का भी फायदा हो जो पीछे रह गए हैं उनको भी किसी ना किसी से बेनिफिट मिले ठीक है तो ये रिच और पुअर में जो गैप बढ़ जाता है सोसाइटी में यह डिफरेंस प्रिंसिपल काम करेगा ये डिफरेंस नहीं आने देगा अपॉर्चुनिटी फेयर इक्वलिटी ऑफ अपॉर्चुनिटी का वो प्रिंसिपल बात करते हैं जो फेयरनेस प्रिंसिपल की एक सब कैटेगरी है तो इसमें कहते हैं सबको इक्वल अपॉर्चुनिटी मिलनी चाहिए सबको इक्वल अपॉर्चुनिटी मिलने का मतलब है कास्ट क्लास रिलीजन बेस्ड के बेसिस पे अपॉर्चुनिटी को ब्लॉक नहीं किया जा सकता है सबको अपॉर्चुनिटी मिलनी चाहिए चाहे वह कोई जॉब में हो कोई करियर को लेकर हो किसी जगह पर एडमिशन को लेकर हो इक्वल अपॉर्चुनिटी मिलनी चाहिए फिर यह कहते हैं ओरिजिनल पोजीशन में जब लोग सोचेंगे ठीक है जस्टिस के आईडिया में वह इसी एग्रीमेंट पर आएंगे कि यही सबसे बढ़िया प्रिंसिपल है ठीक है क्योंकि यही प्रिंसिपल जो है बेनिफिट करने वाले हैं सबको क्योंकि उनको अपनी पोजीशन नहीं पता रोल्स कहते हैं अगर हमने कहा कि आप जो जस्टिस के प्रिंसिपल फाइंड आउट करोगे ना आप पर ही लागू होंगे और आपको मैं बता दूंगा फिर आपकी पोजीशन असली क्या है मान लो मैंने आपको कह दिया आप हो लीस्ट एडवांटेज पोजीशन पर आपके पास घरबार नहीं है आप इस कास्ट से जो लोएस्ट कास्ट है वहां पर कह दूंगा आप बिलोंग करते हो तो फिर फिर आपके पर वो जस्टिस के प्रिंसिपल अप्लाई हो जाएंगे देख लो क्या करना है मान लो आपने कह दिया कि मैंने पैसे कमाए हैं मैं टैक्स नहीं भरना चाहता हूं मेरी मेहनत से भरे हैं ठीक है आपने कहा यही जस्टिस है टैक्सेशन सिस्टम नहीं होना चाहिए अग्रेसिव है फोर्सफुल है आपने कहा ये सही है हां ऐसा सिस्टम ही लेकर आना चाहिए मैंने आपको बना दिया गरीब कास्ट लो कास्ट में रख दिया था ठीक है और अब आप पर वही सिस्टम लगाने वाला हूं जाओ नहीं पैसे मिलेंगे आपको कोई भी प्रिविलेज नहीं मिलेंगी सरकार की वेलफेयर पॉलिसी सब्सिडी जो मिल रही है ना सारी आपसे छीन ली जाएगी क्योंकि आपने तो ये प्रिंसिपल बनाया था ना कि टैक्स नहीं लगना चाहिए टैक्स नहीं लगेगा सरकार के पास पैसे कैसे आएंगे पैसे नहीं आएंगे तो आपकी भी वेलफेयर बंद कर देंगे कर दे बंद तो उसने कहा नहीं नहीं नहीं नहीं भाई यह मत करना मेरे साथ तो वो कैसे प्रिंसिपल सोचेगा वो यही प्रिंसिपल सोचेगा जो सबकी बलाई वाली है तो इसलिए रोल्स ने ना फिलोसॉफिकली इस चीज को इस तरह से लॉजिकली समझाया है कि कहीं ना कहीं पर एक जस्टिस का आईडिया जो बंद पड़ा हुआ था पॉलिटिकल फिलॉसफी में कोई बात ही नहीं कर रहा था दोबारा से 1971 में बुक लेकर आते डिबेट शुरू हो गई अब अब तक इस चीज पर पता नहीं कितनी डिबेट्स हो रखी होंगी कितना काम होगा नोजिक आते हैं नजिक लेकर आते हैं व बताते हैं टैक्सेशन सिस्टम जो है गलत कैसे वो अपने आर्गुमेंट देते हैं बहुत सारे और थिंकर आते हैं कम्युनिटी थिंकर्स कितने आ जाते हैं वाल्जर सैंडल वो सारे रोल्स के अगेंस्ट कहीं ना कहीं खड़े हो जाते हैं चीजें बताने लगते हैं कि कहां पर रोल्स ने गलतियां की है तो रोल्स बेसिकली कुछ नहीं कर रहे थे वो भी यही सोच रहे हैं कि इंडिविजुअल के सरकमस्टेंसस को हम इग्नोर नहीं कर सकते कुछ डिसएडवांटेज पोजीशन पे होते हैं सोसाइटी में हमें उनको भी साथ लेकर कर चलना है तो ये प्रिंसिपल कहां अप्लाई किए जाएंगे मान लो ये फाइंड आउट तो कर लिए कि ये दो मोटे-मोटे प्रिंसिपल है कहां अप्लाई करें बेसिक स्ट्रक्चर पर अप्लाई करो इकोनॉमिक डिस्ट्रीब्यूशन पर अप्लाई करो अपने लीगल सिस्टम में अप्लाई करो लॉ में करो अपॉर्चुनिटी में अप्लाई करो वहां पर अप्लाई करने चाहिए अब कहते हैं इसका ना एक ऑर्डर है लैक्सिकल ऑर्डर उसे कहते हैं लैक्सिकल ऑर्डर होता है कि आपने पहले कौन से प्रिंसिपल को अप्लाई करना है फिर कौन से प्रिंसिपल को करना है फिर कौन से करना है इसका मतलब है सबसे पहले बेसिक लिबर्टीज सबसे प्रायोरिटी में रखना है इसको आप वायलेट कर ही नहीं सकते फिर आते हैं दूसरे नंबर पर इक्वलिटी ऑफ अपॉर्चुनिटी के प्रिंसिपल को रखना है फिर आता है तीसरे नंबर पर मैक्सिमाइजिंग द बेनिफिट्स फॉर द लीस्ट एडवांटेज ठीक है जिसमें लीस्ट एडवांटेज पोजीशन पर है इसको बेसिकली आप समझ रहेते जो ग्रीब है ग्रीब समझ लो आप वैसे डिसएडवांटेज बहुत सारी सोसाइटी में पोजीशन होती है डिसेबल लोग भी हो सकते हैं ठीक है वो लेकिन आप यहां पर समझ लो एक तरह से समझने के लिए लीस्ट एडवांटेज पोजीशन जो पुअर पोजीशन पे है ठीक है तो उनको भी बेनिफिट होना चाहिए ये तीसरे नंबर पर आता है प्रिंसिपल यह जॉन रोल्स कहना चाहते हैं उम्मीद करता हूं आपको जॉन रोल्स का और बाकी थिंकर्स के भी यह आईडिया समझ आए होंगे इस वीडियो को देखने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद जम के तैयारी करो एग्जाम अच्छा करके आना ऑल द बेस्ट थैंक यू