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Introduction to Financial Accounting Basics

हेलो स्टूडेंट आज के इस वीडियो से हम स्टार्ट कर रहे हैं फाइनेंशियल अकाउंटिंग का न्यू बैच और फाइनेंशियल अकाउंटिंग का यह जो कोर्स है जो रिकॉर्ड सेशंस हैं रिकॉर्ड लेक्चरर्स जो हैं जो इस युटुब चैनल पे आएंगे ये बीकॉम के स्टूडेंट या फिर बा के स्टूडेंट के लिए बहुत ज्यादा हेल्पफुल होंगे और उनके बहुत ज्यादा कम भी आएंगे फाइनेंशियल अकाउंटिंग की बात करें तो दो लेवल पे इसको पढ़ सकते हैं बेसिक लेवल पर एक एडवांस लेवल पर बेसिक लेवल में जो है वही आता है जो 11 12th का अकाउंटेंसी होता है खास करके 11th लेवल का जो अकाउंटेंसी होता है वो बेसिक लेवल होता है तो वो भी यहां पर इस सब्जेक्ट के अंदर ही इंक्लूड होता है डायरेक्ट इनडायरेक्ट आपके एग्जाम के अंदर वो चीज आपके कम आई ही आई है जिसके अंदर आपका बेसिक अकाउंटिंग रूल्स हो गए जनरल हो गया लेजर हो गया ट्रायल बैलेंस हो गया और फाइनल अकाउंट हो गया एडजेस्टमेंट हो गए ओके इसके अलावा एडवांस लेवल में फिर आपकी पार्टनरशिप हो गई ब्रांच अकाउंट हो गया डिपार्मेंट गूगल अकाउंट हो गया इंश्योरेंस अकाउंट हो गया हायर परचेज इंस्टॉलमेंट सिस्टम हो गया है ना बहुत सारे और चैप्टर भी आते हैं इसके बड़े में मैंने एक अलग सी वीडियो भी बनाया होगा आपको याद है आज के लेक्चर के अंदर हम बेसिक लेवल से स्टार्ट करेंगे और आज के लेक्चर में मैं बताने वाला हूं आपको फैन इंशाल अकाउंटिंग के अंदर रूल्स ऑफ अकाउंटिंग जो डेबिट और क्रेडिट के रूल्स बोल सकते हैं या इनको गोल्डन रूल्स भी आप बोल सकते हैं सो अकाउंटिंग के जो रूल्स हैं वो दो हैं एक है ट्रेडिशनल रूल्स और ए के मॉडर्न रूल ठीक है ट्रेडिशनल रूल के अंदर वही आएंगे आपके तीन रूल एक पर्सनल अकाउंट वाला पर्सनल अकाउंट ठीक है पर्सनल अकाउंट वाला रूल कौन सा है इसके अंदर पर्सनल के बाद में रियल रियल अकाउंट जो है वह प्रोडक्ट्स वगैरा पर लगता है और यह रूल बोलना है डेबिट व्हाट कम इन और क्रेडिट व्हाट गोस आउट कभी प्रॉब्लम नहीं आएगी बहुत साड़ी इनफॉरमेशन आपको आ नए तरीके से देखने को मिलेगी समझना को मिलेगी नेक्स्ट रूल आता है हमारा नॉमिनल ये रूल हम पहले देख चुके हैं 11th क्लास के अंदर और जो नॉन कॉमर्स स्टूडेंट है वो शायद इसको पहले बार देख रहे होंगे अगर वो बीकॉम कर रहे हैं तो नॉमिनल रोल बोलना है डेबिट जो एक्सपेंस और लॉसेस क्रेडिट जो इनकम और प्रॉफिट तो ये तीन रूल है है ना पर्सनल रियल नॉमिनल सबसे पहले हमें क्या करना होता है इन तीन रूल्स को बहुत अच्छे से याद करना होता है है ना क्योंकि यह रूल याद होंगे तभी आप फाइनेंशियल अकाउंटिंग में आगे बाढ़ पाएंगे और प्रैक्टिकल फाइनेंशियल अकाउंटिंग को आप समझ पाएंगे ओके पर्सनल रूल जो है वो परसंस पे लगता है पर्सनल रूल किस पे लगता है परसों पे एक बिजनेस से बिजनेस जो होता है हम बिजनेस की अकाउंटिंग करेंगे है ना है ना किसी व्यक्ति की तो करेंगे नहीं परसों की तो करेंगे नहीं अकाउंटिंग हमेशा बिजनेस की होती है क्योंकि ट्रांजैक्शन सारे के सारे कहां होते हैं बिजनेस में जिसको हम फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन बोलते हैं ना अकाउंटिंग हमेशा जो बिजनेस के अंदर फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन होते हैं उसकी की जाति है फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन का मतलब हो गया ऐसे ट्रांजैक्शन जिसको मनी में मेजर किया जा सकता हूं अब पैसों में माप जा सकता हूं जैसे सेल करना हो गया परचेज करना हो गया रेंट पे करना हो गया है ना कोई इनकम हो गई कोई प्रॉफिट हो गया किसी से कुछ खरीद लिया बीच लिया ऐसे सारे के सारे ट्रांजिशन जो होते हैं जिनको पैसों में मनी में माप जा सकता है वो मॉनिटरी ट्रांजैक्शन होते हैं तो उनको क्या करना होता है उसकी अकाउंटिंग करनी होती है उसको रिकॉर्ड करना होता है तो उसकी और अकाउंटिंग और रिकॉर्ड करने के कुछ रूल्स होते हैं वो ये तीन रूल है ठीक है तो इसमें सबसे फर्स्ट रूल है पर्सनल अकाउंट यानी की इसको वो ये परसंस पे लगता है अब परसों दो तरीके के हो सकते हैं एक होता है नेचुरल नेचुरल परसों और एक होते हैं आपके आर्टिफिशियल नेचुरल परसों में कौन आगे जैसे राम श्याम मोहन रमेश गणेश रीता सीता सब ठीक है सीता सॉरी रीता सीता तो ये आ सारे के सारे नेचुरल परसों हम लोग और आर्टिफिशियल में कौन ए जाते हैं बिज़नेस है ना जैसे कोई भी बिजनेस है है ना रिलायंस हो गया और या फिर आपके जो बैंक के हो गई इंस्टीट्यूशंस हो गए वो सारे के सारे आर्टिफिशियल में आते हैं तो इन सभी को ही परसों माना जाता है बिजनेस को भी परसों माना जाता है और जो नेचुरल परसों होते हैं उनको भी परसों माना जाता है तो उन पे ये रूल लगता है ये क्या बोलना है डेबिट डी रिसीवर क्रेडिट डी जिवन अब ये डेबिट और क्रेडिट क्या है थोड़ा सा इसके बड़े में मैं आपको बताता हूं देखो जो अकाउंटिंग इनोवेशन है 1494 के अंदर हुआ था और वह किया था लुक्का कैसियो ले और यह इटालियन था इटली का रहने वाला था कौन था इटालियन था इटली का रहने वाला था ठीक है तो लुक पैसे वाली जो था उसका मानना था की कोई भी बिजनेस के अंदर ट्रांजैक्शन होता है ट्रांजैक्शन मतलब कोई भी व्यवहार होता है कोई भी लेन-देन होता है तो उससे हमेशा दो पार्टी प्रभावित होती है दो पार्टी पर उसे ट्रांजैक्शन का इफेक्ट पड़ता है जैसे मैं पढ़ा रहा हूं आप पढ़ रहे हैं ये ट्रांजैक्शन तो नहीं है लेकिन दो पार्टी इनवाल है ना जैसे अगर मैं कोई प्रोडक्ट सेल कर रहा हूं तो आप खरीद रहे हैं अगर मैं परचेज कर रहा हूं तो आप सेल कर रहे हैं मैं पेमेंट कर रहा हूं तो आप रिसीव कर रहे हैं तो दो पार्टी पर हमेशा इफेक्ट पड़ता है तो उसने क्या किया एक पार्टी को बोल दिया मेरे एक को बोल दिया क्रेडिट इटालियन था तो इस लैंग्वेज में उसने बोल दिया बाद में क्या हुआ इसका हुआ इंग्लिश में इसने बुक इसकी बुक का भी नाम है लंबा चौड़ा वो इसने बुक के अंदर ये इनोवेशन किया था है ना ये मैथमेटिशियन था तो उसने उसे बुक के अंदर डिबेट अपनी लैंग्वेज में लिखा लेकिन बाद में जब उसे बुक का इंग्लिश में ट्रांसलेशन हुआ तो उसने देवरे को बोल दिया डेबिट और क्रेडिटर ऑफ बोल दिया क्रेडिट तो डेबिट और क्रेडिट कुछ नहीं है दो पार्टी हैं एक डिबेट है एक लेंडर एक गेंद था एक लेने वाला एक देने वाला दो पार्टी ठीक है क्योंकि कोई देगा तो कोई लगा कोई लगा तो कोई लगा तो दो पार्टी का उसने डिबेट और क्रेडिट नाम दिया इंग्लिश में उसको ट्रांसलेट कर दिया डेबिट और क्रेडिट और डेबिट से फिर इन्होंने शॉर्ट फॉर्म भी बना दिया इसका डिबेट का दी लिया और आर लिया ये बन गया डेबिट डॉ और क्रेडिट का सी लिया और आर लिया ये बन गया कर डेबिट और क्रेडिट तो ये डेबिट और क्रेडिट कुछ नहीं है वो जब भी हम कोई ट्रांजैक्शन करते हैं तो उसमें दो पार्टी इंवॉल्व होती है तो वो दो पार्टी को दिखता है ये डेबिट और क्रेडिट ओके अब प्रश्न कोई प्रश्न इंवॉल्व है कोई व्यक्ति इंवॉल्व है तो उसे पर पर्सनल रूल लगेगा व्यक्ति आर्टिफिशियल हो सकता है और नेचुरल हो सकता है मैंने बताया अब ये क्या बोल रहा है तो उसको क्या कर दो डेबिट कर दो इसको शॉर्ट में हम डॉ भी बोलते हैं डेबिट और अगर कोई परसों गवर है कुछ दे रहा है तो उसको क्या कर दो क्रेडिट तो अगर परसों कोई भी परसों किसी भी ट्रांजैक्शन में कोई भी परसों इवॉल्व है कोई व्यक्ति है और वो अगर रिसीव कर रहा है कुछ तो उसे परसों को डेबिट कर दो जैसे मैंने 5000 दिए राम को तो यहां पर राम मैंने दिए मैं कौन बिजनेस हूं बिजनेस ने राम को ₹5000 दिए तो राम कौन है रिसीवर ₹5000 रिसीव करने वाला तो राम को ऋषि डेबिट कर देंगे अगर मुझे 5000 मिले श्याम से तो श्याम से अगर मुझे ₹5000 मिले हैं तो यहां पर मैं बिजनेस हूं और श्याम कौन है गवर है तो श्याम को क्या कर देंगे क्रेडिट सीधा सा सिंपल रूल है इसको याद रखना और ट्रांजैक्शन करेंगे तो कोई परसों तो आएगा ही आएगा ओके नेक्स्ट आता है आपका रियल अकाउंट रियल अकाउंट क्या बोलना है ये लगता है साड़ी की साड़ी कमोडिटीज पर सारे के सारे प्रोडक्ट्स पर और हिंदी में बोले तो साड़ी की साड़ी वस्तुओं पर साड़ी की साड़ी किस पर लगता है वस्तुओं पे लगता है यह क्या बोलना है डेबिट व्हाट कमसिन क्रेडिट व्हाट गोस आउट अगर कोई भी चीज बिजनेस के अंदर कमसिन यानी की कोई भी चीज बिजनेस में ए रही है तो उसको क्या करो डेबिट जैसे पर एग्जांपल के लिए मैंने ये मोबाइल परचेज किया हमारे बिजनेस में ये मोबाइल परचेज किया तो मोबाइल से तो मोबाइल हो जाएगा डेबिट मां लेते हैं ये मोबाइल मैंने सेल कर दिया बीच दिया है तो मोबाइल गोस आउट तो क्रेडिट कर देंगे अगर कोई भी प्रोडक्ट जैसे ये मार्कर मैंने परचेज किया थे डेबिट अगर मैं इसको भेज दूंगा तो क्रेडिट तो कोई भी प्रोडक्ट अगर कमसिन है तो डेबिट कोई भी प्रोडक्ट गोस आउट है तो क्रेडिट नेक्स्ट आता है नॉमिनल रोल एक बिजनेस में बहुत तरीके के एक्सपेंस भी होते हैं बहुत तरीके के लॉसेस भी होते हैं बहुत सारे के इनकम भी होती है और प्रॉफिट भी होता है तो एक बिजनेस के अंदर होने वाले सभी लॉसेस को नहीं बिजनेस के अंदर होने वाले सभी लॉसेस को सभी एक्सपेंस को डेबिट करो और एक बिजनेस के अंदर होने वाली सभी इनकम और प्रॉफिट को क्या कर दो क्रेडिट कर दो एक्सपेंस कौन-कौन से हो सकते हैं इलेक्ट्रिसिटी बिल पे कर दिया रेंट का बिल पे कर दिया वाटर बिल पे कर दिया ट्रैवलिंग की एक्सपेंस हो गए एडवरटाइजमेंट के एक्सपेंस हो गए वो सैलरी पे कर दी वेजेस पे कर दिया तो ये बहुत इंटरेस्ट पे कर दिया ये बहुत तरीके के एक्सपेंस होते हैं तो एक्सपेंस को क्या करना है डेबिट करना है ओके लॉस हो जाए तो कोई तो उसको क्रेडिट करना है जैसे लॉस तो होगा ही बिजनेस के अंदर गोडाउन में आज ग गई लॉस बाय फायर आ चोरी हो गया कोई समाज तो लॉस बाय थेफ्ट बाढ़ ए गई एकदम से लॉस बाय फ्लड है ना और एकदम से भूकंप ए गया तो लॉस बाय अर्थक्वेक तो लॉस तो होता ही है ना एक बिजनेस के अंदर और भी कई तरीके के लॉसेस होती हैं तो अगर कोई लॉस हो जाए तो उसको हम क्या कर देंगे डेबिट करेंगे एक्सपेंड हो तो भी डेबिट लॉस हो तो भी डेबिट एक्सपेंड के कैसे में और लॉस में एक फर्क है एक्सपेंड में क्या होता है हम कोई खर्चा करते हैं तो कुछ बेनिफिट मिलता है जैसे हमने किसी को रेंट पे किया तो वो बिल्डिंग हमें उसे करने के लिए मिली अगर हमने को सैलरी पे कारी तो उसे बंदे ने हमारे लिए कम किया ये एक्सपेंस होते हैं लेकिन लॉसेस की कैसे मैं बेनिफिट नहीं होता लहसास ही होता है पैसा जाता है चीज भी गई प्रोडक्ट भी गया बदले में कुछ मिला नहीं चोरी हो गया इसमें क्या बेनिफिट मिला आपको ठीक है ओके तो एक्सपेंस और लॉसेस को डेबिट करना है अगर बिजनेस में कोई इनकम हो जाए या कोई प्रॉफिट हो जाए है ना इंटरेस्ट मिल गया कोई हमारा रूम पड़ा था खाली उसको रेंट पे दे दिया हमने ये तो रेंट मिल गया या कोई कमीशन मिल गया या किसी कंपनी के शेर खरीद रखें थे डिविडेंड मिल गया तो ये जितने भी इनकम या प्रॉफिट होते हैं उनको क्या करना है क्रेडिट करना है तो ये तीन अकाउंटिंग रूल है जिसको ट्रेडिशनल रूल बोला जाता है ये अगर रूल आप याद कर लेते हैं तो आपके नेक्स्ट लेक्चर में जो मैं कराऊंगा वो आपको अच्छे से समझ आएगा ओके नेक्स्ट आता है फिर इसके बाद में एक और रूल होते हैं वो होते हैं मॉडर्न रूल मॉडर्न रूल क्या है मॉडर्न रूल समझना से पहले आपको एक चीज अच्छे से समझ आनी चाहिए वो है बैलेंस सीट ठीक है जब तक बैलेंस सीट नहीं आएगी समझ में तब तक मॉडर्न रूल समझ में नहीं आएगा अब बैलेंस सीट क्या होती है एक स्टेटमेंट होता है बैलेंस सीट में मैं आपको थोड़ा सा बैलेंस सीट बना के बताता हूं फिर मॉडर्न रूल भी दिखाऊंगा आई होप आपको दिखे रहा होगा बैलेंस सीट एक स्टेटमेंट होता है इस स्टेटमेंट के अंदर क्या होता है दो साइड होती है है ना एक होता है लायबिलिटी और एक होता है ऐसे लायबिलिटी रुपीस असेट्स रुपीस ठीक है अब देखो इस बैलेंस सीट की शुरुआत कहां से होती है थोड़ा सा नया कोई सी होगी जब भी कोई बिजनेस स्टार्ट होता है ना तो उसको स्टार्ट करने वाला परसों आपको दिखे रहा है हां दिखे रहा है उसको स्टार्ट करने वाला जो परसों होता है वो बिजनेसमैन होता है मां लेते हैं ये स्टार्ट कर रहा है बिजनेस तो अकाउंटिंग एक आ अकाउंटिंग का एक कॉन्सेप्ट है एक अकाउंटिंग कन्वेंशंस है जिसको मैंने एक अलग लेक्चर में बहुत अच्छे से बता भी रखा है वो ये बोलना है की एस अगर आपको अकाउंटिंग करनी है तो अकाउंटिंग का वो कॉन्सेप्ट रूल वो प्रिंसिपल ये बोलना है की बिजनेस और बिजनेसमैन यानी की ये है बिजनेसमैन जिसका नाम है मिस्टर कृष्णा और ये है इसका बिजनेस तो वो कन्वेंशंस वो अकाउंटिंग रूल हमें ये बोलना है की अकाउंटिंग परपज से ये वो था सेपरेट बोथ आर सेपरेट ये दोनों अलग यह बहुत इंपॉर्टेंट रूल है अगर कोई किसी को अगर ये रूल पता नहीं है ना तो वो अकाउंटिंग नहीं कर पाएगा वो कभी अच्छे से अकाउंटिंग सिख ही नहीं सकता वो रूल क्या है देखो वो रूल बोलना है की बिजनेसमैन और बिजनेस बोथ आर सेपरेट दोनों अलग है अलग है मतलब बिजनेस के अपने आप चला है की ये जो चला है ये पैसा लगता है ये मिस्टर कृष्णा ही चलाएगा ना अलग कैसे होगा भैया ये क्या बात हो गई क्या इसको ये बिजनेस नहीं चलाएगा क्या ये मैनेजमेंट नहीं करेगा क्या इसके डिसीजन नहीं चलेंगे क्या ये प्रॉफिट नहीं कमेगा अरे बेटा वैसे नहीं अकाउंटिंग परपज से ये डेबिट क्रेडिट वगैरा करना है ना अकाउंटिंग करनी है ना ट्रांजैक्शंस को रिकॉर्ड करना है ना हां तो इन दोनों को सेपरेट मार यह अलग है ये अलग है और हम अकाउंटेंट है और हम अकाउंटेंट है तो हम अकाउंटिंग किसकी करते हैं इसकी मिस्टर कृष्णा के लिए नहीं हम इस बिजनेस के लिए अकाउंटिंग करेंगे तो अकाउंटिंग करते टाइम अपने आप को अकाउंटेंट समझो किसका बिजनेस समझ लो और अच्छे से अकाउंटिंग होगी आपकी ओके मतलब बोथ आर सेपरेट पर अकाउंटिंग परपज लेखांकन के उद्देश्य से दोनों अलग हैं ओके और हम बिजनेस के लिए अकाउंटिंग करते हैं तो अपने आप को बिजनेस समझ के अकाउंटिंग कर करो ओके बिजनेसमैन जब भी बिजनेस स्टार्ट करता है ना तो कुछ पैसा लगता है कुछ इन्वेस्टमेंट करता है ऐसे तो अपने आप तो बिजनेस स्टार्ट होता नहीं है मां लेते हैं इस मिस्टर कृष्णा नींद यहां पर जो है 10 लाख रुपए लगाएं तो मिस्टर कृष्णा जो ये 10 लाख रुपए से बिजनेस स्टार्ट कर रहा है ना तो अब मैंने बोला अकाउंटिंग परपज से दोनों अलग हैं सबसे पहले इसने जो 10 लाख रुपए से बिजनेस स्टार्ट किया है इसको बोलते हैं कैपिटल हिंदी में बोलते हैं पूंजी मतलब पूंजी लगे व्यापार करने के लिए पूंजी चाहिए नॉर्मल आपने कभी ना कभी सुना होगा की बिजनेस तो कर लेंगे इतिहास तो बहुत है पूंजी कहां से आएगी मतलब कैपिटल कहां से आएगी पैसा कहां से आएगा ओके तो ये बिजनेसमैन जो बिजनेस स्टार्ट करने के लिए जो उसके अंदर इन्वेस्ट करता है उसको कैपिटल बोलते हैं अब ये कैपिटल जो है इस बिजनेस के लिए एक लायबिलिटी है दायित्व है एक लायबिलिटी क्यों लायबिलिटी है क्योंकि बिजनेस और बिजनेस के लिए तो ये बिजनेस बोल रहा है भाई तू पैसे दे रहा है मेरे को तो मेरे में ₹10000 लगा रहा है ये मेरी लायबिलिटी की इस पैसे को मैं एकदम अच्छे से उसे करूंगा और इसके ऊपर तेरे को प्रॉफिट काम कर दूंगा ये बिजनेस के लिए लायबिलिटी है तो ये लायबिलिटी और ऐसेट नाम की चीज यहां पर आई है तो इस बैलेंस सीट की स्टार्टिंग ओके तो ₹10 की लायबिलिटी तो आई आई इसके अलावा और क्या आया ₹10 भी तो आए तो वो रुपीस जो है वो ऐसेट होती है जिसको हम कैश बोलते हैं ये 10 लाख रुपए कैश क्या है दिखे रहा है आपको हां 10 लाख और ये देखिए बैलेंस सीट की टोटल 10 लाख 10 लाख हो गई बराबर हो गया अब यहां पर क्या होता है जैसे उसने क्या किया एक बिल्डिंग खरीदी है ना कोई बिल्डिंग खरीद ली शॉप ली बिल्डिंग खरीद ली कितने की बिल्डिंग उसने परचेज कर ली मां ली है इसने मां लेते हैं इस तरीके से अपने आप इंक्रीज होती जाति है क्योंकि बिजनेस करना है तो बिल्डिंग चाहिए फर्नीचर चाहिए है ना कुछ स्टॉक भी रख लिया उसने गुड्स भी रख लिया तो उसने ₹1 लाख का गुड्स उसके पास हो गया तो यहां पर 450 हो गया इस तरीके से आपकी ऐसेट बढ़नी जाति है और ये जो कैश वाला पैसा ये खर्च होता जाता है और उसके बाद इसके बाद ये अभी भी टोटल करोगे ना तो ये 10 लाख ही आएगा ओके असेट्स और भी होती है लेकिन मेरा तो आपको नॉर्मली यहां पर समझा रहा हूं ठीक है ओके इसके बाद जो भी फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन होता है उसे फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन का इस बैलेंस सीट पे इफेक्ट पड़ता है एक छोटे से छोटे पानी से ट्रांजैक्शन है किसी को पैसा डॉग पैसा जाएगा किसी से पैसा लोग तो प्लस हो जाएगा है ना किसी से उधर अगर आप सेल कर डॉग तो आपकी डेट में बाढ़ जाएंगे और स्टॉक कम हो जाएगा किसी से परचेज करोगे तो स्टॉक बाढ़ जाएगा इधर क्रिएटर बाढ़ जाएंगे तो एवरी सिंगल ट्रांजैक्शन एक सिंगल ट्रांजैक्शन का भी इस बैलेंस सीट पे इफेक्ट पड़ता है और ये मॉडर्न रूल जो है हमारा ये पूरा का पूरा इस बैलेंस सीट के ऊपर ही बेस्ड है वो हम अकाउंटिंग इक्वेशन के अंदर सीखने हैं अकाउंटिंग इक्वेशन हमें अच्छे से यही बताती है की हर ट्रांजैक्शन का बैलेंस सीट पे कैसे प्रभाव पड़ता है ओके अब आते हैं मॉडर्न रूल पे आपको पता चल गया होगा ऐसेट और लायबिलिटी होती है ठीक है है तो यह मॉडर्न रूल क्या बोलना हमको मॉडर्न रूल में दो रूल है एक है ऐसेट का रूल एक है लायबिलिटी का रूट फर्स्ट है ऐसेट का रूल मैं बताता हूं आपको ऐसे ये बोलना है मॉडर्न रूल के ऐसेट ऑलवेज डेबिट ऐसेट हमेशा डेबिट होती है ठीक है अगर ऐसेट इंक्रीज हो रही है इंक्रीज कब होगी जब हम ऐसेट और परचेज करेंगे हमारे पास बिल्डिंग आया फर्नीचर आया हम परचेज करेंगे जब असेट्स को तो ऐसेट इंक्रीज होगी तो ऐसेट को इंक्रीज करना हो तो डेबिट करो ऐसेट को इंक्रीज करना हो तो क्या करो डेबिट करो जैसे बिल्डिंग परचेज कारी तो बिल्डिंग अकाउंट डेबिट फर्नीचर परचेज किया तो फर्नीचर अकाउंट डेबिट मशीन भी परचेज कारी डेबिट लैपटॉप परचेज कर लिया डेबिट कंप्यूटर परचेज कर लिया डेबिट ओके डिक्रीज होने की तो उसको हम क्रेडिट करेंगे अगर सेल कर रहे हैं सेट को तो उसको क्रेडिट कर देंगे क्योंकि उसे ऐसेट कम होगी गैस का किसी को पेमेंट कर दिया तो कैश कम हो गया लायबिलिटी रूल ये बोलना है की लायबिलिटी ऑलवेज क्रेडिट लायबिलिटी हमेशा क्या होती है क्रेडिट होती है अगर लायबिलिटी को आपको इंक्रीज करना हो यानी की और कैपिटल ए रही है है ना तो कैपिटल और बिजनेसमैन लगाएगी तो लायबिलिटी बढ़ेगी बैंक से लोन ले लिया लायबिलिटी बाढ़ गई किसी से कुछ उधर ले लिया लायबिलिटी बाढ़ गई तो लायबिलिटी को इंक्रीज करना है ना तो और क्रेडिट करो देख रहे हो फर्क ऐसे डेबिट होती है ऐसेट को इंक्रीज करने के लिए और डेबिट करो लायबिलिटी क्रेडिट होती है लायबिलिटी को इंक्रीज करने के लिए क्रेडिट करो और लायबिलिटी को अगर डिक्रीज करना हो तो अगर लायबिलिटी को डिक्रीज करना हो कम करना हो तो क्या करूं डेबिट करो तो यह ऐसेट लायबिलिटी करोगे अगर आप चाहते हैं की नहीं मेरे को ट्रेडिशनल रूल नहीं लगाने हैं मैं तो अकाउंटिंग करते टाइम मॉडर्न रूल लगाऊंगा या लगाऊंगी तो आप क्या कीजिए इन मॉडर्न रूल में एक ऐसेट रूल लगा दीजिए एक लायबिलिटी रूल लगा दीजिए और इसके साथ में ये तो लगेगा ही लगेगा नॉमिनल यह रोल नंबर थर्ड मॉडल तो अगर आप ट्रेडिशनल रूल अकाउंटिंग में लगाना चाहते हैं तो आपके पास पर्सनल रियल और नॉमिनल तीनों रूल लगाने पढ़ेंगे आपको अकाउंटिंग करते टाइम अगर आप चाहते नहीं सर मैं तो मॉडर्न रूल उसे करूंगा या करूंगी तो मॉडर्न रूल उसे करने के लिए आप ये ऐसेट वाला रूल लायबिलिटी वाला रूल और फिर नॉमिनल अकाउंट वाला रोल ये तीन रूल एक साथ चलेंगे तब आपका कंप्लीट अकाउंटिंग हो पाएगा ओके फिर आपको अगर मॉडर्न रूल लगा रहे हैं तो पर्सनल और रेल रूल लगाने की जरूर नहीं है लेकिन ये नॉमिनल रोल तो कम आएगा ही आएगा ओके ठीक ये तो हो गया अकाउंटिंग के रूल्स अब मैं आपको यही बोलूंगा एक बार तो सबसे पहले तो आप इसको अच्छे से नोट कर लेना स्क्रीनशॉट लेना है तो वो ले लेना ठीक है इसके अलावा मैं ये बोलूंगा अब हम क्या करने वाले हैं नेक्स्ट लेक्चर के अंदर इन रूल्स की प्रैक्टिस करने वाले हैं तो आप सबसे पहले इन रूल्स को अच्छे से समझ लेना याद कर लेना समझ समझा तो हम नेक्स्ट लेक्चर में प्रैक्टिस करेंगे तो आपको अच्छे से समझ में आएगा लेकिन अभी आप इसको लर्न कर लेना ट्रेडिशनल रूल ये होते हैं मॉडर्न रूल ये होते हैं और कई बार हम क्या करते हैं इन सभी रूल्स को उसे करते हैं जब आपको अच्छे से याद हो यह समझ अकाउंटिंग में आप सारे रूल्स उसे कीजिए कहानी पे कौन से रूल से कॉन्सेप्ट क्लियर हो जाएगा कहानी से कहानी से कौन से रूल से कौन सा हो जाएगा और मजा आएगा आपको अकाउंटिंग करने में सो आई होप आपको ये लेक्चर अच्छा लगा होगा फाइनेंशियल अकाउंटिंग के बेसिक रूल्स का आने वाला लेक्चरर्स के अंदर मैं आपको और भी चीज लेक आऊंगा बेसिक कॉन्सेप्ट्स लेक आऊंगा और फिर हम जनरल एंट्री की और लेजर की और ट्राई बैलेंस की और और फाइनल अकाउंट की और भी बढ़ेंगे फाइनल अकाउंट के कुछ लेक्चर मैंने अपलोड भी कर रखें हैं ठीक है सो आई होप आपको अच्छा लगा होगा मुझे कैसे पता चलेगा आपको अच्छा लगा होगा लाइक बटन जो दे रखा है उसको दबाया तभी मुझे लगेगा की आपको अच्छा लगा आपने लाइक किया शेर कीजिए सब्सक्राइब कीजिए कमेंट कीजिए कुछ पूछना हो तो हम मिलते हैं नेक्स्ट वीडियो में आज के लिए इतना ही तब तक के लिए गुड बाय और थैंक