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Lecture on the Great Pyramids of Giza and Project NEOM

दोस्तों यह तस्वीर है मिस्र में मौजूद पिरामिड की जिसे दुनिया का ग्रेटेस्ट आर्किटेक्चरल मार्बल माना जाता है ऐसा इसलिए क्योंकि आज से करीब 5000 साल पहले बिना किसी मॉडर्न मशीनरी के इस तरह के जागक मॉन्यूमेंट को कल्पना से हकीकत में तब्दील कर पाना किसी करिश्मे से कम नहीं था आज भी जब इस बात पर चर्चा होती है कि ह्यूमंस द्वारा कंस्ट्रक्ट किया गया सबसे एक्स्ट्राऑर्डिनरी पीस ऑफ वर्क कौन सा है तो इसमें गीजा में बने पारो कुफू के इस ट्रायंगल टॉम का ख्याल ही हमारे मन मस्तिष्क में सबसे पहले आता है यही कारण है कि महज लाइमस्टोन मोटार और ग्रेनाइट से बनी ये इमारत दशकों से दुनिया के सात अजूबों में शुमार है और इसे बनाने वाले फैरो हमेशा हमेशा के लिए इतिहास में अमर हो गए हैं अमर होने का ऐसा ही एक सपना सऊदी अरेबिया के क्राउन प्रिंस एमबीएस यानी मोहम्मद बिन सलमान ने भी देखा था सपना था एक ऐसी फ्यूचरिस्टिक सिटी को डेवलप करने का जो 100% पोल्यूशन फ्री हो सपना था एक ऐसे शहर को धरातल पर लाने का जहां ह्यूमंस बिना कार्बन इमिट किए सभी एनर्जी नीड्स को फुलफिल कर सके और जहां टेक्नोलॉजीज को इंटरलिंक करके फ्यूचर ह्यूमन सिविलाइजेशन के लिए अल्ट्रा स्मार्ट लिविंग इकोसिस्टम को डेवलप किया जाए इन शॉर्ट एक ऐसी सिटी जो मॉडर्न आर्किटेक्चरल एक्सीलेंस का वो उदाहरण बने जिसे देखकर लोग गीजा के पिरामिड को भी भूल जाए और यहीं से शुरुआत हुई दोस्तों प्रोजेक्ट नियम की प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने प्रोजेक्ट नियम को 24 अक्टूबर 2017 को रियाद में हुए फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव के दौरान अनाउंस किया था जहां उन्होंने बताया कि सऊदी अरेबिया जल्द ही अपने नॉर्थ वेस्टर्न रीजन में मौजूद तबू प्रोविंस के अंदर एक ऐसी सिटी डेवलप करने वाला है जो ईयर 2040 तक करीब 9 मिलियन लोगों का घर होगी और जहां उन्हें अपनी जरूरत का हर सामान महज 5 मिनट की दूरी पर मिल जाएगा सऊदी अरेबिया का दावा था कि यह सिटी इतनी हाईटेक होगी कि यहां फूड या कार्गो की डिलीवरी से लेकर किसी घर की सफाई या सुरक्षा का काम इंसान नहीं बल्कि एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस क्लाउड कंप्यूटिंग मशीन लर्निंग यूजर इंटरफेस और आईओटी जैसी टेक्नोलॉजीज पर रन करने वाले रोबोट्स करेंगे यहां रहने वाले लोग ना सिर्फ हाइपरलूप ट्रेन से लेकर उड़ने वाली बाइक्स और कार जैसी नेक्स्ट जनरेशन ट्रांसपोर्टेशन सर्विस का इस्तेमाल कर सकेंगे बल्कि इंडोर स्मार्ट फार्मिंग से लेकर जरो वेस्ट मैन्युफैक्चरिंग जैसी टेक्निक्स उनकी लाइफ को सस्टेनेबिलिटी की ओर ले जाएंगी टेक्निकली ये सिटी टोटल 10 कॉम्पोनेंट्स में डिवाइडेड होगी जैसे ऑगन जो ओम इकोसिस्टम में मौजूद एक 7 किमी लॉन्ग ऑक्टग शेप फ्लोटिंग इंडस्ट्रियल कॉम्प्लेक्शन पेनिंस की फर्स्ट आउटडोर स्कीइंग डेस्टिनेशन होगी और जहां सऊदी फ्यूचर में विंटर ओलंपिक्स करवाने का प्लान कर रहा है लेकिन ओम का सब से हाइलाइटेड कंपोनेंट है द लाइन द लाइन एक ऐसा बिल्ट मॉड्यूल है जिसके तहत सीरीज ऑफ स्काईस्क्रैपर्स के बीच एक क्लोज सिटी को डेवलप किया जाना है मैक्सिमम 500 मीटर टॉल और करीब 200 मीटर वाइड यह सीरीज ऑफ स्काई स्क्रपल्स 170 किमी तक रन करेंगी और इन्हीं के बीच मौजूद 34 स् किमी के एरिया में 2040 तक 9 मिलियन रेजिडेंट्स को लोकेट किया जाएगा यानी अगर यह मॉड्यूल इंडिया में होता तो इसकी टोटल लेंथ दिल्ली से मथुरा के बीच एक्सटेंड होती बहरहाल प्रोजेक्ट नियम को लेकर प्रिंस सलमान के क्लेम इतने मैसिव थे कि यह शहर और खास कर के द लाइन रातों-रात सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और कोई इसकी इमेंस कॉस्ट को कैलकुलेट करने लगा तो कुछ लोग इसकी वासने स को गीजा के पिरामिड से कंपेयर करने लगे सऊदी ने पूरे कॉन्फिडेंस के साथ इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की और हर दिन बड़ी बड़ी मशीनों से हजारों टन रेत को बाहर निकालकर इस सिटी का फाउंडेशन बनाया जाने लगा लेकिन धीरे-धीरे प्रिंस सलमान और उनके सलाहकारों की सभी कैलकुलेशंस गलत साबित हो गई और एक-एक करके प्रोजेक्ट नेओम के सभी कॉम्पोनेंट्स अपनी डेडलाइन को एक्सीड करने लगे यही कारण है कि अब साउदी प्रिंस के इस ड्रीम को 2 ट्रिलियन डॉलर का ब्लंडर कहा जाने लगा है ऐसा ब्लंडर जो जल्द ही फंड्स की कमी और दूसरे रीजंस के चलते कोलैक्स कर जाए क्या है यह पूरा मामला और क्या सच में एमबीएस का ड्रीम प्रोजेक्ट कोलैक्स होने वाला है आइए दोस्तों जानते हैं आज के इस वीडियो में नमस्कार दोस्तों मैं हूं शशांक पांडे और आप देख रहे हैं वर्ल्ड अफेयर्स इश्यूज एसोसिएटेड विद प्रोजेक्ट निम दोस्तों निम शब्द ग्रीक वर्ड नियो और अरेबिक वर्ड मुस्तक बाल से मिलकर बना है ग्रीक लैंग्वेज में नियो का मतलब होता है न्यू यानी नया वहीं अरेबिक लैंग्वेज में फ्यूचर को मुस्तक बाल कहा जाता है जो ओम में एम को रिप्रेजेंट करता है यानी निम का मतलब हुआ न्यू फ्यूचर जब जनवरी 2021 में इस प्रोजेक्ट की ऑफिशियल शुरुआत हुई थी तब सऊदी ने नियम को एक ऐसे रेवोल्यूशन अर्बन प्रोजेक्ट की तरह एडवर्टाइज किया था जिसका काम मिड 21 सेंचुरी तक ह्यूमन लिविंग एक्सपीरियंस को पूरी तरीके से बदलना था लेकिन अब ये प्रोजेक्ट मॉडर्न टाइम्स के ग्रेटेस्ट आर्किटेक्चरल मार्वल की बजाय ह्यूमन हिस्ट्री का ग्रेटेस्ट अनमेट डिजास्टर बनता जा रहा है है और दोस्तों इसका सबसे बड़ा कारण है इस प्रोजेक्ट की इमेंस कॉस्ट जिसे मैच करना सऊदी अरेबिया के लिए हेडेक बन गया है जब यह 2021 में इस प्रोजेक्ट को ऑफिशियल इनिशिएटिव इसकी ओवरऑल कॉस्ट करीब 200 बिलियन एस्टीमेट की जा रही थी लेकिन महज 3 सालों में ही ये एस्टीमेट कॉस्ट 10 टाइम्स जंप करके 2 ट्रिलियन डॉलर हो गया है यानी करंट कॉन्टेक्स्ट में यह फिगर सऊदी अरेबिया की नॉमिनल जीडीपी से भी दो गुना ज्यादा है ऊपर से कुछ इंडिपेंडेंट रिसर्च ऑर्गेनाइजेशंस ओम की मैसिव को देखते हुए 2 ट्रिलियन डॉलर के इस एस्टिमेटर कॉस्ट टैग को भी इसकी फाइनल कॉस्ट का एक फ्रैक्शन बता रही है और उनका मानना है कि यह प्रोजेक्ट एंड होते-होते ना सिर्फ सऊदी अरेबिया के बैंक अकाउंट्स को पूरी तरीके से फ्रीज कर देगा बल्कि इसके चलते क्रिएट होने वाली लायबिलिटीज मिडिल ईस्ट में बसे इस किंगडम को डेड ट्रैप में भी फंसा देगी असल में इस प्रोजेक्ट की फंडिंग को फुलफिल करने के लिए सऊदी अरेबिया ने मल्टी बिलियन डॉलर एक सॉवरेन वेल्थ फंड को कॉन्स्टिट्यूशन किया था जिसका काम प्रोजेक्ट की सभी फाइनेंशियल नीड्स को पूरा करना था लेकिन सऊदी लीडरशिप को बड़ा झटका तब लगा जब महज 15 महीनों में ही ये फंड रिड्यूस होकर महज 15 बिलियन डॉलर ही रह गया ऊपर से क्योंकि यह फंड अपने रेवेन्यू के लिए हाईली ऑयल रिलेटेड आउटपुट पर डिपेंडेंट था इसीलिए इसे फ्यूचर के अकॉर्डिंग काफी वोलेटाइल सोर्स ऑफ फंड भी माना जा रहा है यही कारण है कि तब से लेकर अब तक न्यूम रिलेटेड कंस्ट्रक्शन एक्टिविटीज को कंटिन्यू रखने के लिए सऊदी लीडरशिप कई इंटरनेशनल बैंक से लोन ऑप्ट कर चुकी है एग्जांपल के लिए सऊदी अरेबिया ने ओम प्रोजेक्ट के सिंधल कंपोनेंट जो रेड सी के करीब डेवलप होने वाला एक लग्जरी आइलैंड है उसके लिए 3 बिलियन रियाल का लोन उठाया था और वो ऐसे ही कई लोंस एचएसबीसी जैसे इंटरनेशनल बैंक से ऑलरेडी ऑप्ट कर चुका है जो इस बात को साफ दर्शा रहा है कि सऊदी अरेबिया के पास इस जाइगर प्रोजेक्ट को फाइनेंस करने के लिए अपने खुद के कम ही मॉनेटरी सोर्सेस बचे हैं ऊपर से दिन बदन स्काई रॉकेट होती प्रोजेक्ट की एस्टिमेटर कॉस्ट ट्रिन सलमान की इन परेशानियों को और ज्यादा बढ़ा रही है और एक एस्टिमेटर अकॉर्डिंग इस प्रोजेक्ट को कंटीन्यूअसली एक्टिव रखने के लिए सऊदी अरेबिया को एनुअली एटलीस्ट 40 से 50 बिलियन डॉलर चाहिए होंगे जो 2025 के बाद इंफ्लेशन के चलते बढ़कर 70 बिलियन डॉलर हो जाएगा ऑलरेडी इस तरह की कई रिपोर्ट्स मार्केट में सर्कुलेट कर रही है कि कैश रिजर्व की कमी के चलते इस प्रोजेक्ट की बहुत सी साइट्स पर कांट्रैक्टर्स ने अपना काम बंद कर दिया है इस बात को इंडिकेट कर रहा है कि सऊदी के लिए कैश इन फ्लो और कैश आउट फ्लो के बीच बैलेंस बनाना कितना मुश्किल होता जा रहा है डिक्लाइंग कैश रिजर्व्स और इंक्रीजिंग लायबिलिटीज के इसी ड्यूल कमो ने सऊदी जैसे अल्ट्रा वेल्थी नेशन के लिए भी इस प्रोजेक्ट को कंटीन्यूअसली फाइनेंस करना एक हरक्यूलिन टास्क बना दिया है जिसके चलते अब प्रिंस सलमान का यह ड्रीम फेड होता नजर आ रहा है कॉस की तरह ओम से जुड़ी दूसरी बड़ी समस्या इसकी डेडलाइन को माना जा रहा है जो दूर-दूर तक मैचअप होती नजर नहीं आ रही है दरअसल 2021 में इस प्रोजेक्ट को शुरू करते वक्त सऊदी ऑफिशल्स ने बड़े ऑप्टिमिस्टिकली यह प्रोक्लेम किया था कि 2024 के फर्स्ट क्वार्टर तक द लाइन के 170 किमी लेंथ में 16 किमी लेंथ का वर्क कंप्लीट हो जाएगा ताकि कुछ रेजिडेंट्स यहां मूव कर सके साथ ही उस दौरान यह भी क्लेम किया था कि इस डेकेट के एंड तक यानी 2030 तक द लाइन 9 में से 1.5 5 मिलियन लोगों का परमानेंट एड्रेस हो चुकी होगी लेकिन जिस स्पीड से ये प्रोजेक्ट आगे बढ़ रहा है उसे देखते हुए सऊदी गवर्नमेंट साल 2030 तक यहां सिर्फ 2.4 किमी एरिया को ही डेवलप कर पाएगी जहां 1.5 मिलियन नहीं बल्कि 3 लाख यानी 300000 रेजिडेंट्स ही रिसाइट करेंगे और दोस्तों यहीं कंस्ट्रक्शन टर्म्स में सऊदी अरेबिया अब तक अपने इनिशियल टारगेट के महज 15 पर हिस्से को ही कंप्लीट कर पाया है वहीं इस दौरान उसका रेसिडेंट टारगेट भी महज 20 पर ही अचीव हो पाया है दोस्तों इंडल इस के पीछे कई फैक्टर्स जिम्मेदार हैं जै से फंड्स की कमी कांट्रैक्टर्स का बैकआउट कर जाना या नोमेडिक बेडविन टट ट्राइब्स का प्रोटेस्ट दरअसल दोस्तों अपने अनाउंसमेंट के बाद से ही यह मल्टी मिलियन डॉलर मेगा प्रोजेक्ट कई कंट्रोवर्सीज का फोकल पॉइंट बना हुआ है कभी यहां काम कर रहे कंस्ट्रक्शन वर्कर्स की पुअर लिविंग कंडीशंस इन कंट्रोवर्सीज का कारण बनी है तो कभी इंडिजन अस टाइप्स के साथ हुई नाइंसाफी इसकी वजह बनी है इन वीडियोस अपलोडेड ऑन द इंटरनेट ही कंप्लेन दैट ही वाज बीइंग आस्ड टू लीव हिज एंस्टल लैंड दरअसल निम प्रोजेक्ट के लिए सऊदी लीडरशिप ने तबक प्रोविंस में ऐसे कई एरियाज को एक्वायर किया था जहां सदियों से रीजन की इंडिजिनियस ट्राइब्स रह रही थी 13 अप्रैल 2020 को अब्दुल रहीम के नाम से एक ट्राइब्समैन ने एक वीडियो के जरिए सऊदी लीडरशिप पर यह इल्जाम लगाया कि सरकार उन्हें जबरदस्ती अपने घरों से बाहर निकाल रही है एंड सिमिलरली कुछ टाइप्स का यह भी कहना था कि सरकार उन्हें इन इलाकों से जाने के लिए जो कंपनसेशन दे रही है वह पूरी तरीके से इएडिक्ट है सऊदी अरेबिया के एक मोनार्की होने के कारण ये प्रोटेस्ट उतने मैसिव नहीं हुए हैं लेकिन इन प्रोटेस्ट की खबर बाहर आने से कई इंटरनेशनल बॉड बॉडी जो सऊदी अरेबिया को इस जागें टास्क को कंप्लीट करने में मदद कर रही है वह अपना साथ पीछे खींचती नजर आ रही है इसी तरह इस प्रोजेक्ट से जुड़ी एक और बड़ी समस्या यहां इस्तेमाल होने वाली हाई एंड टेक्नोलॉजी है जिसमें से बहुत सी टेक्नोलॉजीज अभी सिर्फ ऑन पेपर डेवलप्ड है और जिन्हें ओवर द इयर्स फेज बाय फेज मैनुअल में डेवलप किया जाएगा द लाइन में इनकॉरपोरेटेड बहुत से एस्पेक्ट्स ऐसे हैं जिनके बारे में सऊदी अरेबिया ने बड़े शान से दुनिया के सामने ढिंढोरा तो पीट दिया है लेकिन उस स् केल की इस टेक्नोलॉजी को डेवलप करना और मेंटेन करना इतना आसान नहीं है एग्जांपल के लिए सऊदी ने यह प्रोक्लेम किया था कि द लाइन 100% कार्बन न्यूट्रल होगी यानी यहां होने वाली किसी भी एक्टिविटी से एटमॉस्फियर में कार्बन पार्टिकल्स का एमिशन नहीं होगा और अगर होगा भी तो उन कार्बंस को डायरेक्टली एटमॉस्फियर में अनलीश नहीं किया जाएगा लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस तरह के 9 मिलियन लोगों की लाइफ को सस्टेनेबल बनाते हुए इस तरह के प्रोजेक्ट के इकोसिस्टम को डेवलप करना फिलहाल प्रैक्टिकली पॉसिबल नजर नहीं आता है साथ ही अगर ऐसा करना पॉसिबल भी है तो इसके लिए कई सालों की रिसर्च एंड डेवलपमेंट लगेगी क्योंकि यहां एक छोटा सा टेक्निकल एरर भी इतने कॉम्पेक्टनेस में डाल सकता है और दोस्तों यही कारण है कि कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि प्रिंस सलमान का ये ड्रीम बस एक ऑब्सेशन है जिसके सहारे वो बस सऊदी अरेबिया को दुनिया की लेटेस्ट डेवलपमेंट का हॉटस्पॉट बनाना चाहते हैं जबकि असल में इस तरह के प्रोजेक्ट को फाइनेंस करना और कंप्लीट करने के बाद इसे सक्सेसफुली रन कर पाना प्रैक्टिकली पॉसिबल नहीं लगता है कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इस प्रोजेक्ट को 2 ट्रिलियन डॉलर का ब्लंडर इसलिए कह रहे हैं क्योंकि उन्हें सउदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की डिसीजन मेकिंग एबिलिटीज पर भरोसा नहीं है दरअसल कुछ लोग का मानना है कि प्रिंस सलमान अक्सर ऐसे डिसीजन लेते आए हैं जो सुनने में तो बड़े फैसटिकट उनका एंड रिजल्ट सऊदी के लिए घाटे का सौदा साबित होता है एग्जांपल के लिए सऊदी के डिफेंस मिनिस्टर रहते हुए प्रिंस सलमान ने साल 2015 में यमन पर एक मैसिव मिलिट्री एक्शन को प्लान किया था ताकि यमन में रहने वाले बूथी रिबेल्स को वाइप आउट किया जा सके जब उनके एडवाइजर्स को पता चला कि बिन सलमान इतने मैसिव स्केल का ऑपरेशन प्लान कर रहे हैं तो उन्होंने उन्हें ऐसा ना करने की सलाह दी लेकिन प्रिंस सलमान ने उनके एडवाइस को नजरअंदाज किया और नतीजा यह हुआ कि प्रिंस बिन सलमान का यह डिसीजन एक बड़ी गलती साबित हुआ जिसके चलते कई सऊदी सोल्जर समेत हजारों यमस विलियंस की जान चली गई जिसने इस मिलिट्री एक्शन को 21 सेंचुरी के टॉप मोस्ट फील्ड एक्ट में से एक बना दिया ऐसा ही कुछ प्रिंस बिन सलमान ने साल 2017 में किया था जब वह पूरा असला बारूद लेकर कतर पर चढ़ गए और उसे चारों ओर से ब्लॉक कर दिया लेकिन 2015 की ही तरह बिन सलमान का यह डिसीजन भी अनदर बिग फेलियर साबित हुआ एक्सपर्ट्स का मानना है कि प्रोजेक्ट नियम भी बिन सलमान का ऐसा ही एक अनरियलिस्टिक डिसीजन है जिसका शॉर्ट और लॉन्ग टर्म कंसीक्वेंस पूरे सऊदी अरेबिया को झेलना पड़ेगा ईयर 2020 तक ये प्रोजेक्ट महज 2.4 किमी तक ही कंप्लीट होगा जबकि इस पूरे प्रोजेक्ट को कंप्लीट करने के लिए सऊदी अरेबिया को 170 किमी और 34 स्क्वायर किमी के एरिया को डेवलप करना है करंट स्पीड को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि ये सिटी कम से कम 100 सालों में पूरी हो पाएगी वो भी अगर सब कुछ ठीक रहा तो ऐसे में इतने लॉन्ग ड्यूरेशन तक सऊदी कैसे और किस तरह इस कंस्ट्रक्शन को फ्यूल करता रहेगा यह अपने आप में एक बड़ी सोचने वाली बात है यही कारण है कि एक्सपर्ट्स नम प्रोजेक्ट को भी प्रिंस बिन सलमान के अनदर फेल्ड वेंचर से ज्यादा और कुछ नहीं मान रहे हैं जो सर और लेटर कोलैब कर जाएगा कंक्लूजन दोस्तों एक्सपर्ट्स और रिसर्च ऑर्गेनाइजेशंस की नेगेटिव स्पेक्युलेटिंग है कि निम एक लॉन्ग टर्म मल्टी टिकट प्रोजेक्ट है जिसे कंप्लीट करने के लिए सऊदी लीडरशिप पूरी तरीके से कमिटेड है वो इस बात को एक्सेप्ट तो करते हैं कि फाइनेंशियल स्ट्रिंग्स के चलते प्रोजेक्ट की इनिशियल डेडलाइन क्रॉस हुई है लेकिन साथ ही उनका यह भी कहना है कि मॉडर्न टाइम्स में सऊदी ने दुनिया में वोह कारनामे किए हैं जिनकी कल्पना किसी ने नहीं की थी और इसीलिए व तमाम सेटबैक्स के बावजूद अब भी इस प्रोजेक्ट की सक्सेस को लेकर पूरी तरीके से शोर है बहरहाल दोस्तों ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि प्रिंस बिन सलमान का ड्रीम प्रोजेक्ट एक रियलिटी बनता है या यट अनदर फेलियर लेकिन इस पर आपके क्या विचार है क्या अगर ये प्रोजेक्ट कंप्लीट होता है तो इसे गिजा के प्रमेट से भी बड़ी अचीवमेंट माना जाएगा जरूर बताइए अपने ओपिनियन कमेंट सेक्शन में और जरूर बताइए इस पर आपकी क्या राय है आपको क्या लगता है कि क्या वजह है जिनके कारण यह प्रोजेक्ट फेल हुआ होगा मिलते हैं आपसे ऐसे ही एक और इंटरेस्टिंग और इनफॉर्मेटिव वीडियो के साथ तब तक के लिए जय हिंद [संगीत]