मनी और बैंकिंग के महत्वपूर्ण पहलू

Nov 20, 2024

मनी और बैंकिंग का अध्याय

परिचय

  • मनी और बैंकिंग को दो अध्यायों में विभाजित किया गया है: मनी और बैंकिंग।
  • अध्ययन का उद्देश्य है कि छात्र मनी और बैंकिंग के सभी पहलुओं को समझें।

बैंकिंग सिस्टम

  • सेंट्रल बैंक:

    • इंडिया में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) है।
    • इंग्लैंड का सेंट्रल बैंक बैंक ऑफ इंग्लैंड और अमेरिका का फेडरल रिजर्व सिस्टम है।
  • कॉमर्शल बैंक:

    • उदाहरण: PNB, SBI, HDFC, ICICI आदि।
    • सेविंग, करंट, रिकरिंग डिपॉजिट और फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट्स प्रदान करते हैं।
  • स्मॉल फाइनेंस बैंक:

    • उदाहरण: इक्विटास बैंक
  • पेमेंट बैंक:

    • उदाहरण: पेटीएम बैंक

बैंक अकाउंट्स के प्रकार

  • सेविंग अकाउंट: नियमित निकासी की सुविधा के साथ।
  • करंट अकाउंट: व्यापारिक उपयोग के लिए, अधिक सुविधाओं के साथ।
  • रिकरिंग डिपॉजिट अकाउंट: नियमित निवेश के लिए।
  • फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट: निश्चित अवधि के लिए जमा जो उच्च ब्याज देता है।

बैंकिंग शर्तें

  • CRR (कैश रिजर्व रेशो): बैंक जमा का हिस्सा जो RBI के पास रखा जाता है।
  • SLR (स्टैचुटरी लिक्विडिटी रेशो): बैंक के पास लिक्विड एसेट्स के रूप में रखा जाने वाला हिस्सा।
  • रेपो रेट: शॉर्ट टर्म लोन के लिए RBI द्वारा चार्ज की जाने वाली दर।
  • बैंक रेट: लंबी अवधि के लोन के लिए दर।
  • ओपन मार्केट ऑपरेशन: सरकारी सिक्योरिटीज की खरीद-बिक्री के माध्यम से मनी सप्लाई का नियंत्रण।

मनी सप्लाई

  • मनी सप्लाई से तात्पर्य है एक देश के पास कुल मनी का स्टॉक।
  • मनी सप्लाई को विभिन्न मापदंडों M1, M2, M3, M4 से मापा जाता है।

मोनेटरी पॉलिसी

  • CRR, SLR, बैंक रेट आदि के माध्यम से मनी सप्लाई का नियंत्रण।
  • उद्देश्य: मनी फ्लो को बढ़ाना या घटाना।

RBI के कार्य

  • करंसी प्रिंट करना: 1 रुपये के नोट को छोड़कर सभी नोट RBI द्वारा प्रिंट किए जाते हैं।
  • बैंकर्स बैंक: कमर्शियल बैंकों को गाइड और सपोर्ट करता है।
  • गवर्नमेंट के एजेंट और एडवाइजर: सरकार को वित्तीय सलाह देता है और उसके लिए एजेंसी सर्विसेस प्रदान करता है।
  • लेंडर ऑफ लास्ट रिजोर्ट: जब बैंकों को जरूरत होती है तो उन्हें उधार देता है।

क्रेडिट क्रिएशन

  • मनी मल्टीप्लायर: यह दिखाता है कि एक बार मनी प्रिंट करने पर उसका प्रभाव कैसे फैलता है।
  • क्रेडिट क्रिएशन की प्रक्रिया: कैसे बैंकों द्वारा लोन देने की प्रक्रिया से मनी सप्लाई बढ़ती है।

बार्टर सिस्टम

  • सीमाएं: डबल कोइंसिडेंस की कमी, डिविजिबिलिटी की कमी आदि।

मनी के प्रकार

  • फ्याट मनी: सरकार द्वारा जारी, लीगल टेंडर मनी।
  • फिड्युशरी मनी: विश्वास पर आधारित मनी, जैसे चेक।
  • फुल बॉर्डिड मनी: जिसकी कमोडिटी वैल्यू मनी वैल्यू के बराबर होती है।
  • क्रेडिट मनी: जिसकी मनी वैल्यू अधिक होती है।

निष्कर्ष

  • मनी और बैंकिंग के सभी पहलू, जैसे मनी सप्लाई, बैंकिंग प्रकार, RBI की भूमिका आदि समझने चाहिए।
  • छात्र को मनी के कार्य और प्रकारों की जानकारी होनी चाहिए।