मनी कंपैरिजन और नेट वर्थ बढ़ाने के तरीके
मनी कंपैरिजन क्यों होता है?
- इनसान की फितरत:
- कई लोग दिखावा करते हैं, कुछ लोग सरलता को मानते हैं।
- पास्ट एक्सपीरियंस:
- पहले पैसे की कमी होने पर अचानक पैसा मिलने पर उसका सही प्रबंधन न होना।
- ईज़ी एक्सेस टू क्रेडिट:
- लोन और क्रेडिट आसान होने से फ्यूचर में कमाई जाने का बेत करीब होता है।
मनी कंपैरिजन के प्रभाव
- क्लोज सर्कल:
- जब लोग कॉलेज या स्कूल में होते हैं, तब लोगों के पास ज़्यादा पैसे कमाने का अनुभव नहीं होता।
- सोशल मीडिया:
- सोशल मीडिया पर दिखावा बढ़ता है।
- क्लास बेसाइज़:
- अलग-अलग एक्सपीरियंस के आधार पर अलग-अलग सोचें बनती हैं।
मनी कंपैरिजन का सही तरीका
- नेट वर्थ को समझना:
- नेट वर्थ की परिभाषा: एसेट्स (वो सारी चीजें जो पैसा बनाती हैं) - लायबिलिटीज (वो चीजें जो पैसा घटाती हैं)।
- मनी कंपैरिजन केवल देखी जा सकती चीजों पर होता है, जैसे गाड़ी, कपड़े, वेकेशन्स, आदि।
- असली दौलत वह होती है जो देखी नहीं जा सकती, जैसे बैंक बैलेंस, इन्वेस्टमेंट्स, एसआईपी।
इस मनी कंपैरिजन के जाल से कैसे निकलें?
- नेट वर्थ को बढ़ाना:
- एसेट्स (वो चीजें जो पैसा बनाती हैं) को इंक्रीज करें।
- लायबिलिटीज (जो पैसा घटाती हैं) को कम करें।
एसेट्स कैसे बढ़ाएं?
- एक मनी सोर्स और एक इन्वेस्टमेंट सोर्स रखें।
- मनी सोर्स: नौकरी, व्यवसाय, आदि।
- इन्वेस्टमेंट सोर्स: स्टॉक्स, म ्यूचुअल फंड्स, डिजिटल गोल्ड, रियल एस्टेट, आदि।
- लार्ज कैप, मिड कैप, स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड्स में इन्वेस्ट करें।
- प्रोविडेंट फंड, नेशनल पेंशन स्कीम, ईएलएसएस, डिजिटल गोल्ड, REITs में निवेश करें।
लायबिलिटीज कैसे कम करें?
- उधार से बचें, क्रेडिट कार्ड के लोन से बचें।
- सिर्फ उन चीजों के लिए लोन लें जिनकी वैल्यू बढ़ती है, जैसे एजुकेशन और होम लोन।
महत्वपूर्ण बातें
- मनी कंपैरिजन करना न करें केवल दिखावे के आधार पर।
- अपनी नेट वर्थ पर फोकस करें ना कि दूसरों के राजसी उत्पादों पर।
- पैसों का सही प्रबंधन लंबी अवधि में करें।
- अनुशासन और धैर्य से निवेश करें।
#### संबंधित पुस्तक:
*मेक एपिक मनी* - एक महीने में 1 लाख से अधिक प्रतियां बिकीं।