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सोलिसिटर्स पर विस्तृत जानकारी

Hello students, हेलो स्टूडेंट्स वेलकम टो नथर लेक्चर फ्लॉव इजली welcome to another lecture of Law with Ali. आज का लेक्चर हमारा आज का lecture हमारा solicitors के बारे में होगा, सोलिस्टर्स के बारे में होगा वे कंटिन्यूइंग द लीगल पर्सनल पहला जो पिछले वाला लेक्चर था वो बेरिस्टिस के बारे में था यह सोलिस्टर्स के बारे में होगा we are continuing the legal personnel. पहला जो पिछला वाला lecture था वो barristers के बारे में था, यह solicitors के बारे में होगा. सोलिस्टर्स भी है जो है यह लॉयर्स ही होते हैं Solicitors भी हैं, जो हैं यह lawyers ही होते हैं, जो अभी जो अभी 147,000, 1,47,000 solicitors जो हैं, वन हंड्रेड एंड फॉर्टी सेवन वो practicing in England and Wales, यह number याद रखना जुरूरी नहीं है आपको. थाउजन्ड ये मैं हमेशा कह देता हूँ यह मैं हमेशा कह देता हूँ और इनकी अपनी एक professional body है जिसको law society कहते हैं और इनकी अपनी एक professional body है जिसको law society कहते हैं ठीक है ये ठीक है यह 75% of the solicitors हैं वो private practice करते हैं 75% of the solicitors हैं वो private practice करते हैं और बाकी employed work भी करते हैं और बाकी employed work भी करते हैं और local government में crown prosecution services में civil service में private businesses भी कर लेते हैं और local government में, crown prosecution services में, civil service में, private businesses भी कर लेते हैं अब qualification and training जहां तक इनका सवाल है तो यह जो mainly इनकी degree entry ही होती है degree based अब qualification और training जहां तक इनका सवाल है, तो ये जो mainly इनकी degree entry ही होती है, degree based, लेकिन जो non degree होते हैं, लेकिन जो non degree होते हैं वो barristers की तरह उनको भी वो barristers की तरह उनको भी GDL करना पड़ता है, GDL करना पड़ता है जिसको graduate diploma है जिसको graduate diploma in law कहते हैं, लॉग कहते हैं लेकिन ग्रेजुएट डिप्लोमा लॉग के बाद लेकिन graduate diploma in law के बाद, जो सलिस्टर का अगला स्टेप होता है जो solicitors का अगला step होता है, वह यह होता है कि लीगल प्रैक्टिस कोर्स करते हैं ठीक है वही होता है कि लीगल प्रैक्टिस कोर्स करते हैं ठीक है और इसके अंदर उनकी स्किल्स की ट्रेनिंग उनकी क्लाउंट क्लाइंट इंटरव्यूइंग नेगोशिएशन और इसके अंदर उनकी स्किल्स की ट्रेनिंग उनकी क्लाउंट क्लाइंट इंटरव्यूइंग उनकी नेगोशियेशन एडवोकेसी एडवोकेसी ड्राफ्टिंग डॉक्यूमेंट्स लीगल रिसर्च यह सारा भी हो सकता है और टू यह ड्राफ्टिंग डॉक्यूमेंट्स लीगल रीसर्च यह सारा कुछ होता करनी होती है और का पार्ट लीगल प्रैक्टिस कोर्स जो है इनका यह वन नियर का फुल टाइम भी हो सकता है और टू टाइम भी हो सकता टू येर का पार्ट टाइम भी हो सकता है, है ठीक है अ ठीक है, इस academic training के बाद, इस एकडामिक ट्रेनिंग के बाद जो स्टूडेंट है उसने टू येर प्रैक्टिकल ट्रेनिंग पीरियोड भी जो student है, उसने two year practical training period भी गुजारना होता है गुजारना होता है, जिसको training contract बोलते हैं, जिसको ट्रेनिंग कॉन्ट्रैक्ट बोलते हैं और डूरिंग दिस कॉन्ट्रैक्ट जो ट्रेनिंग है वो पेड होता है ठीक है और ये अपना काम करता है अंडर सुपरविजिन करता है लेकिन अपना काम करता है उसने अपना काम करता है तो पेड होता है जो प्रोफेशनल स्किल्स कोर्स भी कमप्लीट करना होता है आपने और during this contract, जो training है, वो paid होता है, ठीक है, और यह अपना काम करता है, under supervision करता है, जो professional skills course भी complete करना होता है आपने, और वो बिल्ड अप करता है लीगल प्रैक्टिस कोर्स के उपर और वो बिल्ड अप करता है लीगल प्रैक्टिस कोर्स उसका कंपल्सरी 48 आर्स की ट्यूशन होती है और असेस्मेंट्स होती है के और उसमें फर्दर अगर आपने एलेक्टिव कोई स्पेशलाइजेशन करनी है तो वो फर्दर 24 आर्स की ट्यूशन उसकी होती है उ� एक्टिव कोई स्पेशलाइजेशन करनी है तो फर्थ 24 आर्स की ट्विशन होती है टोटल 24 आर्स हैंगे टोटल मतलब यह नहीं कि कठ्ठाई 24 आर्स और कठ्ठाई 48 आर्स उसके बाद जो ट्रेनिंग उसको उसके बाद जो training है उसको admit कर लिया जाता है law society के अंदर उनका नाम जो वो role के अंदर list के अंदर add कर दिया जाता है और qualifying करने के बाद जो solicitors हैं ये इनको continuing education courses जो हैं ये करते रहने पड़ते हैं to keep their knowledge up to date एडमिट कर लिया जाता उसके बाद एक और रूट भी है जो नॉन ग्रेजुएट्स के लिए है है लॉ सोसाइडी वो क्वालिफाई कर सकते हैं Solicitors by first becoming legal executives ठीक है और वह क्वालिफाई कर सकते हैं सोलिस्टर्स बाय फर्स्ट बिकमिंग लीगल एग्जेक्टिव्स ठीक है और मतलब सोलिस्टर बनने के लिए मतलब Solicitors बनने के लिए लीगल एग्जेक्टिव वाला रूट भी है Legal executive वाला route भी एक है कि आप पहले Legal executive बन जाए और बाद में Solicitors बन जाए कि आप और ये बहुत mature candidates होते हैं सिर्फ उनके लिए available होता है candidates जो होते हैं, सिर्फ उनके लिए available होता है, जो future qualification of training है, जो future qualification of training है वो एक new route आया है Solicitors का वो एक new route आया है solicitors का, जो September 2021 के बाद introduce हुआ था, जो September 2021 के बाद introduce हुआ था और वो current route के साथ चलता है उसमें यह है कि एक two stage solicitors qualifying examination SQE और वो current route के साथ चलता है, उसमें यह है कि एक two stage solicitation स्क्यूई इसको बोलते हैं इसको बोलते हैं वो आपको करना होता है वह आपको करना होता है और और इसको एक इसको एक work experience भी आपने complete करना होता है और SQE जो है जो solicitors qualifying examination है ब्रेड एक्सपीरियंस भी आपने का कंप्लीट करना होता है और एस क्यों जो है जो स्क्यूई एक्जामिनेशन है वह आपकी कोर नॉलेज और स्किल्स को असेस करती हो वो आपकी core knowledge और skills को assess करती है और जो एक solicitor को जिसकी ज़रूरत होती है ठीक हो गया और जो एक सुलिस्टर को जिसकी जरूरत होती है ठीक हो गया जो एरियल फ्लॉ है जो सुलिस्ट्री क्वालिफिकेशन के जो areas of law है जो solicitor qualification के अंदर आते हैं, अंदर आते हैं जरूर क्वालिफिकेशन लाइसेंस qualification licenses जो है practice करने के लिए वो सारा कुछ इसके अंदर involve होता है, जो है अ practice करने के लिए वो सारा कुछ इसके अंदर involve होता है जो role है solicitors का वो यह है कि majority जो qualify करते हैं solicitors वो private practice करते हैं solicitors की firm में जो role है solicitors का, वो यह है कि majority जो qualify करते हैं solicitors, वो private practice करते हैं solicitors की firm में, जैसे chamber होते हैं barristers के इनकी firm होती है ठीक हो गया जैसे chamber होते हैं, barristers के इनकी firm होती है, ठीक हो गया, और और दूसरे careers भी available है इनको यह crown prosecution service में भी जा सकते हैं local authorities में भी काम कर सकते हैं government departments में, दूसरे careers भी available हैं, उनको यह crown prosecution service में भी जा सकते हैं, local authorities में भी काम कर सकते हैं, government departments में, legal advisors में, legal advisors में commercial industrial businesses के अंदर commercial industrial businesses के अंदर, और लेकिन जो प्राइवेट प्रैक्टिस का होता है वह जनरली पार्टनर्शिप के साथ पार्टनर्शिप में काम करते हैं लेकिन जो प्राइवेट प्राक्टिस कारा होता है, वो जनरली पार्टनर्शिप के साथ पार्टनर्शिप में काम करता है, उनकी हाई स्ट्रीट प्रैक्टिस से लेकर बिग सिटी फर्म्स तक ये लेवल है डिफरेंट उनकी हाई स्ट्रीट प्राक्टिस से लेके बिग सिटी फर्म्स तक ये लेवल है डिफरेंट, ठीक है ठीक है, और और जो नंबर of पार्टनर्स हैं जो नंबर पार्टनर्स है वो लिमिटि� बिल्कुल नहीं है एंडर्ड पार्टनर्स तक भी हो सकते हैं और उनके साथ उन्होंने एमप्लॉइ की होते हैं अपने सिस्टेंट सोलिस्टर और लीगल एक्जैकेटिव्स वो लिमिट जो टाइप ऑफ वर्क है जो सिलेक्टर करता है वह लाइट डिपेंड करता मतलब डिफरेंट जो टाइप ऑफ वर्क है जो सेलेक्टर करता है वह लाजली डिपेंड करता है फर्म के ऊपर के फर्म किस लेवल की फर्म है वह हाई स्ट्रीट फर्म होगी तो वह जनरल प्रैक्टिस करेंगे मतलब डिफरेंट टॉपिक्स के ऊपर टॉपिक्स के ऊपर काम करेंगे जैसे काम करेंगे जैसे कन्वेंसिंग इंजरी कन्वेंसिंग हो गई जिसमें बायिंग एंड सेलिंग ऑफ प्रॉपर्टी है बिल्स मेकिंग ऑफ विल्स हो गई कंजूमर प्रॉब्लम्स हो गई बिजनेस मैटर्स हो गए बिजनेस मैटर्स हो गए पर से इंजरी पर से इंजरी हो गई फैमिली मैटर्स हो गए हो गई, family matters हो गई, और इनके काम में जो involve होते हैं, और इनके काम में जो अ इनवॉल्व होते हैं चीजें उसमें इंटरव्यूइंग क्लाइंट्स आती है नेकोसियेटिंग आती है चीजें हैं, उसमें interviewing clients आती है, negotiating आती है, लेटर राइटिंग आती है वहां पर क्लाइंट्स इमेल्स राइटिंग आती है letter writing आती है on the behalf of their clients, emails writing आती है, contracts को draft करना, कॉन्ट्रैक्ट्स को ड्राफ्ट करना लीजिए leases को deal करना, और दूसरे documents वेला draft करना, तो इनकी ज्यादातर जो काम है, इसको डिल करना और वो drafting वाला काम है, documentation वाला काम है इनका ज्यादातर, कुछ solicitors जो होते हैं, दूसरे वो अपने client के behalf पे civil and criminal cases भी डिल करते हैं जिनको लिटिगेशन बोलते हैं ठीक है सिविल केस के अंदर सोलिस्टर जो है वह पहली सोर्स लीगल एडवाइस होता है मेशा भी deal करते हैं, जिनको litigation बोलते हैं. ठीक है, civil case के अंदर solicitor जो है वो पहली source of legal advice होता है हमेशा, solicitor ये evidence collect करता है, होगा तो खुद पेपर प्रिपेर करेगा और और documentary भी और oral भी, अगर case straightforward होगा तो खुदी वो paper prepare करेगा, issue करेगा court papers को, इशू करेगा कोड पेपर को और he may even carry out advocacy as well, और इसके अंदर थी के मतलब वो represent भी खुदी कर देगा straightforward cases के अंदर, इंदर ठीक है, usually in the county court, कांटी कोट लेकिन अगर case ज्यादा complex होगा तो solicitor को फिर instruct करना पड़ेगा barrister को लेकिन अगर case ज़्यादा complex होगा तो solicitor को करना पड़ेगा बैरिस्टर को और बैरिस्टर जो है वह और barrister जो है वो सारा कुछ करेगा सारा कुछ करेगा वजन बैरिस्टर ही पेपर्स को वरले barrister ही papers को draft करेगा और सब कुछ advocacy भी barrister ही करेगा और फिर जो solicitor है ड्राफ्ट करेगा और सब कुछ एडवोकेशन भी बैरिस्टर ही करेगा और फिर जो सोलिस्टर है वो सिर्फ barrister को throughout the case support करता है कोई further evidence obtain करना है जो भी करना है criminal cases के अंदर solicitor जो है वो initially client वह सिर्फ बैरिस्टर को थ्रू आउट केस सपोर्ट करता है कोई फर्थ एविडेंस अप्टेन करना है जो भी करना है क्रिमिल केस के अंदर सोलिस्टर जो इनिश आपको मिलता है जाकर पुलिस स्टेशन में आपने ये पेस में पढ़ा भी था को मिलता है जाकर police station में आपने ये pace में पड़ा भी था के सॉलिस्टर हो सकता है होना चाहिए साथ जब भी इंटरव्यू हो रहा है एक क्वेस्टिनिंग हो रही है सस्पेक्ट की इन पुलिस स्टेशन डिटेइन सस्पेक्ट की कि सुलिस्टर हो सकता है होना चाहिए साथ जब इंट्रेव्यू हो रहे हैं क्वेश्चनिंग हो रही है सस्पेक्ट की इन पुलिस स्टेशन डिटेइंड सस्पेक्ट की तो यह राइट के उसके साथ सुलिस्टर प्रेजेंट होती है वहीं बात वह दोबारा हो रही है तो ही हैसर राइट क कि जो पहले एडवाइस होती जो पहले मीटिंग होती है वह आपकी सेलिस्टर के साथ ही होती है कि जो पहले एडवाइस होती जो पहले मीटिंग होती वह प्रेसिडेंट के साथ ही होती है ठीक हो गया वहीं ठीक हो गया वहीं इंट्रेव्यूस में बैठता है वहीं सब कुछ करता है है वह और जब पुलिस चार्ज लगा देती है बनने पर डिटेल लेता है प्रोसेक्शन केस की तो सेलिस्टर जो है वह डिटेल लेता है प और डिस्क्लोजर disclosure जो क्योंकि वह याद आपने disclosure का भी पड़ा हुआ criminal process के अंदर के disclosure के थ्रू prosecution ने बताना होता है defense को कि मेरे पास क्या-क्या सबूत है और क्या-क्या कुछ है defense ने भी जो क्योंकि वह यहां पर अपने अ डिस्क्लोजर का भी पड़ा हुआ है क्रिमिनल प्रोसेस के अंदर के डिस्क्लोजर के थूब प्रोसेक्शन ने बताना होता है डिफेंस को कि मैं बस क्या सबूत है और क्या कुछ है डिफेंस ने भी सारा कुछ डिस्क्लोज करना होता सारा कुछ disclose करना होता है prosecution के सामने और फिर वह advise करता है client को है प्रोसेक्शन के मैजिस्ट्रेट कोर्ट में वह चल रहा है ट्राइबल आइदरवे और समरी है तो solicitor advocacy कर सकता सामने है tribal either way crown court में चला गया या indictable offense है तो solicitor is likely to brief a barrister उसको barrister की ज़रूरत पड़ेगी और फिर वो ही है कि barrister जो है वो carry out करेगा advocacy को और तो solicitor is likely to brief a barrister उसको barrister की ज़रूरत पड़ेगी और फिर वो ही है कि barrister जो है वो carry out करेगे advocacy को और solicitor उसको throughout the case support करेगा specializing की जातक बात आती है तो और solicitor उसको throughout the case support करेगा specializing की जातक बात आती है तो कुछ solicitor जो है वो variety of work करते हैं लेकिन कुछ solicitor जो है वो specialize कर लेते हैं in one particular field और वो कुछ solicitor जो है वो वाराइटी और वर्क करते हैं लेकिन कुछ सुलिस्टर जैंबर स्पेशलाइज कर लेते हैं वन प्रेटिकुलर फील्ड और वो हो सकता है ऐसा भी कि वो उस फर्म का हिस्सा हो जो फर्म ही उस एक प्रेटिकुलर फील्ड को डील करती है ठीक हो गया और फर्म में स्पेशला हो सकता है ऐसा भी कि वो उस firm का हिस्सा हो जो firm ही उस एक particular field को deal करती है ठीक हो गया और फर्म में specializing family matters as well जो लार्ज सिटी फर्म्स हैं वो specialization ज्यादा करती हैं ठीक है क्योंकि वो जो large city firms हैं वो specialization ज्यादा करती है ठीक है क्योंकि वो ज्यादा तर एक particular clientage होता है उनका particular किस्सम का तो वो उन जिस तरह के उनकी clientage की demand होती है वो उसी तरह की specialization कर लेती है तो पूरी फर्म उसी तरीका का काम करती है वो usual variety of work फिर नहीं करती है ज्यादा तर यह specialization वाला काम है ज्यादा तर एक particular clientage होता है उनका particular किस्सम का तो वो उन जिस तरह के उनकी clientage की demand होती है वो उसी किस्सम की specialization कर लेती है तो वो पूरी firm उसी तरीका का काम करती है वो usual variety of work फिर नहीं करती है और ज्यादा तर यह specialization काम है यह higher level of firms में होता है यह higher level of firms में होता है जो lower level of firm है, जो lower level of firm है high street जिसको high street practice करते हैं उसमें specialization इतनी नहीं होती high street, जो high street practice करते हैं, उसमें specialization इतनी नहीं होती, एडवोकेसी की ज़्यादा के बात करें तो टेक्निकली स्पीकिंग एडवोकेसी जो है वो बैरिस्टर्स का काम है सोलिस्टर्स का काम नहीं है सोलिस्टर्स का काम ड्राफ्टिंग का है लिटिगेशन का है advocacy की जहां तक बात करें, तो technically speaking, advocacy जो है, वो barristers का काम है, solicitors का काम नहीं है, solicitors का काम drafting का है, litigation का है, barristers का काम है, बैरिस्टर्स का काम है कि वो रिपेजेंट करें क्लाइंट को कोड के कि वो represent करें client को court के अंदर, और advocacy carry out करें, लेकिन अब, जितने भी जितने भी solicitors हैं, सोलिस्टर्स हैं उनको rights of audience lower court में है उनको rights of audience lower court में है, मतलब county court civil के लिए और magistrate court criminal के लिए मतलब कि सिविल के लिए और मैजिस्ट्रेट कोट क्रिमिनल के लिए सोलिस्टर्स अब सोलिस्टर्स अब advocacy के right रखता है सोलिस्टर represent कर सकता है अपने client को court के अंदर 2015 से एडवोकेसी के राइट रखता है सोलिस्टर डिप्रेसेंट कर सकता है अपने क्लाइट को कोट के अंदर 2015 से एक नियुक्त सिस्टम आफ एक्रिडिटेशन आया था फॉर क्रिमिनल एडवोकेट्स टू गेइन हाइर राइट्स ऑफ ऑर्डियंस एक नया सिस्टम ऑफ एक्रिडिटेशन आया फॉर क्रिमिनल एडवोकेट्स टू के ना हाइर राइट्स ऑफ ऑडिवेंस ठीक है ठीक है इसमें लेवल लेवल्स बना दी उन्होंने इसमें लेवल लेवल्स बना दी उन्होंने क्रिमिनल कैसे में प्रेजेंट करने के लिए आपके लेवल्स होंगे क्रिमिनल एक्सीज में प्रेजेंट करने के लिए आपके लेवल्स होंगे जो लेवल जो लेवल वन जैसे में बैरिस्टर्स को अनलिमिटेड है ना बड़ा था कि बेरिस्टर्स को तो unlimited है ना rights of advocacy, राइट्स ऑफ एडवोकेसी राइट्स ऑफ ऑडियन्स इनको लिमिटेड है rights of audience, इनको limited है. लेवल वन जो है वह मैजिटेड कोड तक Level one जो है वो magistrate court तक कर सकता है एडवोकेसी कर सकता है advocacy, लिमिटेड टू और क्राउंड कोड तक भी इन लिमिटेड लेवल limited to crown and crown court तक भी in a limited level. फिर progression अगर level two तक हो जाती है, फिर प्रोग्रेशन अगर लेवल टू तक हो जाती है लेस्ट सीरियस ट्रायल असेसमेंट सेंटर less serious trials उस crown court के अंदर भी कर सकता है. ठीक हो गया लेकिन solicitor को इस चीज के लिए assess किया जाता है at an assessment center. ठीक है और सेसमेंट के बाद बाइज जज भी उनको असेस किया जाता है ट्रायल के अंदर ठीक है? और assessment के बाद by judges भी उनको assess किया जाता है. था ट्राइल्स के अंदर अगर वह सक्सेसफल हो जाएं लेवल टू में भी अगर वह सक्सेसफल हो जाए लेवल टू में भी डेन देवल टू यू नो प्रोग्रेस टू हाई लेवल थे बाय फर्थ रेसेसमेंट मतलब उनको देखा जाता है इफ डिकेट प्रॉपरली एडवोकेट और नॉट फिर वह जा सकते वन वह तो वे आपको आज प्रोग्रेस कर ठीक है सकते और दिखना उस भी पॉइंटेड एस जज इस हैं और वे अधिक इनकी जो रेगुलेशन है रेगुलेट क्या करता है इन्हें एक बात आपको बता दूं यहां पर बहुत इंपोर्टेंट के बरिस्टेड और solicitor का एक यह फर्क है कि जो solicitor होता है, जो barrister होता है, वो अपने क्लाइट के साथ in contract नहीं होता, वो अपने client के साथ in contract नहीं होता, उसके खिलाफ आप सिर्फ negligent advocacy का case कर सकते हैं, उसके खिलाफ आप सिर्फ negligent advocacy का case कर सकते हैं, breach of contract का case नहीं कर सकते, breach of contract का case नहीं कर सकते, लेकिन जो एक solicitor होता है, लेकिन जो एक solicitor होता है, वो अपने क्लाइट के साथ contract में होता है. वो अपने client के साथ contract में होता है, ठीक है, क्योंकि Solicitor का काम ऐसा है कि आप उसको एक काम देते हो, क्योंकि solicitor का काम ऐसा है कि आप उसको जब एक काम देते हो, कोई विल बनाने की, कोई will बनाने की, कोई और काम करने की, कोई और काम करने की, कोई documentation करने की, उनके बहाफ़ में कोई letter लिखना है, email लिखना है, तो यह काम है जो in a contract आप उसके साथ कर रहे हो, आम है जो इन एन आप contract आप उसके सथ कर रहे हो तो solicitor के साथ आप इन आप contract होते हो तो Solicitor के साथ आप इन a contract होते हो, तो solicitor को आप दोनों तरीके से sue कर सकते हो तो Solicitor को आप दोनों तरीके से sue कर सकते हो, उसको breach of contract से भी sue कर सकते हो, उसको breach of contract से भी sue कर सकते हो उसको negligent advocacy के थूबी sue किया जा सकता है और even उसको negligent advocacy के थूँ भी sue किया जा सकता है, और even अब सिलेक्टर भी अपने क्लाइट को सूख कर सकता है फॉर आउटस्टेंडिंग फी Solicitor भी अपने client को sue कर सकता है for outstanding fee, ठीक है ठीक है? तो दोने दूसरे को कर सकते हैं दोनों दूसरे को कर सकते हैं पहले यह पहले यह एक रूल था एक रूल था कि कि सॉलिस्टर जो है जो एडवोकेट्स है सॉलिस्टर बेरिस्टर वह सॉलिस्टर जो है जो एडवोकेट्स है सॉलिस्टर बेरिस्टर वह देखना भी सूट फॉर नेगलीजेंस उनके पास इम्यूनिटी थी देखना बिसूट फॉर एलिजेंस उनके बस इम्यूनिटी थी है लेकिन अब वो immunity खतम हो चुकी है लेकिन अब वह इम्यूनिटी खत्म हो चुकी और Hall vs Simmons 2000 के case है उसके अंदर House of Lords ने decide किया था कि advocate जो होगा solicitor हो या barrister हो they could be liable of negligent advocacy है Hall vs Simmons के बाद अब और उनकी जो immunity है वो खतम करेंगे दिगई है ठीक हो गया ठीक हो गया और सलिस्टर जो है देर लाइबल इन नेगलीजेंस एजवेल और स्टेलिस्टर जो है देख लाइबल इन नेगलीजेंस एस वेल वह नेगलीजेंस भी हो सकते हैं ठीक है वह नेगलीजेंस भी हो सकते हैं ठीक है अगर अगर एक लाइट है और वह उनके नेगलीजेंस वर्क से एफेक्ट हुए हैं और इवन वह लोग भी मतलब भी शक्लाइट फैक्ट लाइबल ल नेगलीजेंट की वजह से कोई और बंदा भी एफेक्ट हो गया तो भी वह नेगलीजेंट एडवोकेशी के लिए सूखिए जा सकते हैं फॉर एग्जांपल जैसे वाइट वर्सी जोन्स नहीं ने डिले कर दिया मैटर वह बंदा मर गया अ के अंदर और उस बंदे के मरने की वज़ासे और विल डिले होने की वज़ासे क्योंकि विल नहीं लिखी गई तो उस बंदे की जो प्रॉपर्टी थी जो एसेट्स थे वो उसकी बेटियों को नहीं मिले एक विल नहीं लिखी थी सोलिस्टर तो उनकी बेटियों तो वो क्लाइट नहीं थी सुलिस्टर की लेकिन उनकी बेटियों ने केस कर दिया उस पे सुलिस्टर की फर्म पे की फर्म और सुलिस्टर की फर्म ने फिर वो जितना भी एसेट थे वो जितना भ ने फिर वह जितना भी एसेट थे वह जितना भी प्रॉपरी उसने देनी थी उनको वह सोलिस्टर की फर्म ने उन बेटियों को दी एस डेमिजेज एस कंपनसेशन एक तो रेगुलेशन यह हो गई कि उनके ऊपर केस हो सकता है एक तो regulation यह हो गई कि उनके ऊपर case हो सकता है, breach of contract का भी और negligent advocacy का भी, प्रीच ऑफ कॉंट्रैक्ट का भी सोलिस्टर जो उसके बाद जो regulation दूसरी है, उसकी वो law society है, जो उनकी governing body है, है वह solicitors जो हैं, सोलिस्टर के इंट्रस्ट को प्रोटेक्ट करती है वो solicitor के interest को protect करती है, और almost 200 years परानी यह law society है, और ऑलमोस्ट टू हंड़ येर्स परानी यह लॉस ऑसाइटी है और जितने भी practicing solicitors हैं, और जितने भी प्रैक्टिसिंग सोलिस्टर्स है वह इनके मेंबर होते हैं अ वो इनके member होते हैं, ठीक है और उनकी एक website भी बनी हुई है ठीक है, और उनकी एक website भी बनी हुई है, ये support करते हैं यह support करते हैं, जो solicitors की voice है, जो solicitors की voice है, profession की voice है, profession की voice है उसको they make sure के वो उसको अब दिमेश मेक शूर्ड के वह सुनी जा रही है इन द पार्लिमेंट रेंड गवर्नमेंट ऑफिस ताकि उनके जो भी राइट्स है कोई भी सुनी जा रही है in the parliament or in the government office ताकि उनको भी rights हैं, कोई भी उनका हाथ के वह ने मिले या उनकी प्रॉग्रेस हो या उनका हक है वो ने मिले या उनकी progress हो या ठीक है उसको बद एक सोलिस्टर्स रेगुलेटरी थॉरिटी है जो डिल करती है ठीक है उसके बाद एक solicitors regulatory authority भी है जो deal करती है complaints से, the complaints about professional misconduct of solicitors ठीक है कमप्लेंट से द कमप्लेंट अबाउट अगर कोई professional misconduct है और आप solicitor कोई शिकायत लगाना चाहते हैं तो you can use the solicitor's regulatory authority if there is evidence of serious professional misconduct तो प्रोफेशनल मिसकंडक्ट ऑफिस टेस्टिक एप अगर कोई तो वो सुलिस्टर को सुलिस्टर वो solicitor को solicitor's disciplinary tribunal को refer करते हैं जो tribunal है वो complaint को देखता है सुनता है डिसिप्लिनरी ट्रिबिनल को रेफर करते हैं जो ट्रिबिनल है वो कम्प्लेइन को देखता है सुनता है ठीक है उसके ऊपर अगर वो प्रूव हो जाते है कि कम्प्लेइन सची है तो वो फाइन भी कर सकता है सुलिस्टर को रेप्रिमेंड ठीक है उसके उपर अगर वो prove हो जाते है कि complaint सची है तो वो fine भी कर सकता है solicitor को reprimand भी कर सकता है ज़्यादा serious case हो तो suspend कर सकता है solicitor को from the role और so that they can not practice for a certain time और अगर और भी ज्यादा serious matter हो तो even strike off भी कर सकता है solicitor का नाम from the role so they are prevented from practicing again as a solicitor forever ठीक है so इसके साथ ही मारी solicitor की lecture तो यह प्रेवेंटेड फ्रॉम प्रैक्टिसिंग एगेन एज़ असलेक्टर फॉर एवर ठीक है तो इसके साथ ही मेरी सिलेक्टर की लेक्शन खत्म हो जाता है यह बात याद रखेंगे इससे को शॉट क्वेस्टिंग थोड़ा क्वेस्टिंग आया खतम हो जाता है हाँ यह बात याद रखें कि अगर इससे कोई short question चोटा question आया two marks का तो अकसर वो regulation का पूछ लेते है regulatory एक सेट्सल इस ट्रेड लेटरी अथॉरिटी है और एक लॉ सोसाइटी है और अगर आप बात करें और अगर आप बात करें बैरिस्टर्स की के उनकी दो बैरिस्टर्स की के उनकी रेगुलेटरी थॉरिटीज जो है रेगुलेटरी कौन करता है उनकी रेगुलेशन कौन करता है तो उसकी जो दो रेगुलेशन थी उसकी जो दो रेगुलेशन थी वो एक वो एक जनरल कांसल अपने बार थी और एक बार स्टैंडर्स बोर्ड थी जनरल कांसल अफ द बार थी और एक बार स्टेंडर्स बोर्ड तो यह बरिस्टर और सॉलिस्टर हमारे कंप्लीट हो गई है नेक्स्ट लेक्चर में अपलोड कर दूंगा वह लीगल एक्जेक्टिव के बारे में होगा और उसके बाद हमारा चैप्टर भी खत्म हो जाएगा और फिर वह लास्ट चैप्टर रह जाएगा थी तो ये बैरि अलाफ इस अ