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इलेक्ट्रिसिटी के मूलभूत सिद्धांत

यानि जब चार्ज रेस्ट पर होगा, उसकी स्टडी को कहते हैं static electricity, और जब चार्ज चल रहा होगा, तो कहते है current electricity, current electricity ही आप लोगोंने class 10th के अंदर पढ़ना होता है, कितना electric charge फ्लो कर रहा per unit time, ऐसा भी कह सकते हो कितनी speed से चार्ज दोड़ रहा है, किसी wire में, किसी conductor में, क हलो, क्या हाल, चाल, माइंड मैप, दस्मी क्लास के लिए आप सभी के लिए चली रहा है, ले करके आयें, आज एलेक्टरिसिटी बाई, हेवी डिमांड है आप लोग की यार, हेवी डिमांड है, कि एलेक्टरिसिटी चाहिए, तो ठीक है बाई, फिर से आ गए हम, र यानि सारे के सारे concepts हम लोग बिल्कुल scratch से पढ़ेंगे, सारे formulas देखेंगे, even सबके units भी, जोकी बहुत ज़रूरी होते हैं और बच्चे बहुत गलती करते हैं units के अंदर भी, उन सब चिनों को भी आज हम देखने वाले हैं, तो start करते हैं बिना time waste की हम लोग अपना electricity क सबसे पहले बात करते हैं कि एलेक्ट्रिसिटी होती क्या है, तो भाई एक ब्रांच आफ फिजिक्स की जिसके अंदर हम लोग चार्ज की स्टडी कर रहे होते हैं, लिखा हुआ चार्ज और उसके इफेक्ट की स्टडी करने को ही एलेक्ट्रिसिटी कहते हैं, दो प्रकार की ए static का मतलब होता ही rest है और current का मतलब एक तरीके से होता ही motion है moving चीज को current कहते हैं बाई हैना और static चीज का मतलब क्या हुआ rest यानि जब charge rest पर होगा उसकी study को कहते है static electricity और जब charge चल रहा होगा तो कहते है current electricity current electricity ही आप लोगोंने class 10th के अंदर पढ़ना होता है static electricity पढ़ने के लिए आपको दो साल और wait करना पढ़ेगा पहला ही chapter है electrostatics यानि charge at rest पूरा चप्टर है आराम से पढ़ना, एक नहीं, दो चप्टर हैं बल्कि यहाँ पर, तो स्टार्ट करते हैं अपन, टेंथ क्लास के हमारे चप्टर से, सबसे पहले बात आती है चार्ज की, बच्चा समझता है कि चार्ज क्या है, उसको लगता है कि चार्ज कोई चीज है quality, जैसे अच्छाई क्या है, एक quality है, बुराई क्या है, वो भी एक quality है, बैड quality है, लेकिन है तो quality न, है तो किसी जिसकी property न, समझ गए न, तो ऐसे ही जैसे अच्छाई, बुराई, किसी व्यक्ति की property हो सकती है, इसी प्रकार charge भी matter की property है, लिखा हुआ, it is a physical quantity of matter, देख लो, when placed near other electrically charged matter देखो बाई आपने सुनी होगी ये कहानी के दो charge particles जब एक दूसरे के सामने आते हैं तो या तो वो attraction होती है या फिर वो repulsion होती है सुना है के नहीं सुना 6 class से आते हैं आपने सुनी होगी के बाई charges आते हैं अगर दो तो उनके बीच में attraction या repulsion चलता रहता है ये इसलिए चलता है क्योंकि matter के पास ऐसा गुण है जिसका नाम है charge actually matter पे ही charge होता है जैसे electron क्या एक matter है वो कोई charge नहीं है electron पर चार्ज होता है ऐसा बोलते हैं ऐसी प्रोटॉन क्या है प्रोटॉनिक चार्ज नहीं है प्रोटॉनिक matter है और उस matter पर चार्ज होता है ऐसा बोलते हैं और ऐसे ही नेट्रोन भी कहते हैं कि उस पर कोई भी नेट चार्ज नहीं होता बिल्कुल सही कहते हैं बॉडी पर कोई नेट चार्ज नहीं है चार्ज नहीं है चार्ज हर matter में होता है हर material में होता है बाई क्योंकि सारा का सारा matter जो है वो electron, proton और neutron से मिलके ही बना है यानि आप सोचो के क्या हम भी चार्ज़ड हैं क्या बिलकुल हम चार्ज़ड हैं वाई, क्या ये मेरा हाथ चार्ज़ड हैं क्या बिलकुल, आपका भी हाथ चार्ज़ड है, एक बाल, एक बाल आपके सिरका अपने आप में चार्ज़ड है क्योंकि सबके पास एलेक्� matter का एक गुण है जिसको charge कहते है जिसे matter का एक गुण है mass बाई जहां आपको matter मिलेगा वहाँ आपको उसके साथ जुड़ा mass जरूर मिलेगा जैसे भाई मैं एक matter हूँ हाँ क्योंकि मेरा एक mass है ये panic matter है क्योंकि इसका एक mass है matter exist नहीं कर सकता बिना mass के सही बात है के नहीं ये class 9th कि chemistry का पहला chapter ही था matter in our surroundings, हमारे आसपास का जो पदार्थ है, हमारे आसपास का जो substance है, हमारे आसपास जितनी भी chemical चीज़े है, वो सब की सब atom से मिलके बनी हुई है, और आप ये जानते हो कि atom के पास electron, proton, neutron होते हैं, जो की charged particles हैं जी, यानि charge के बिना matter नहीं exist कर सकता, इस बात symbiotic relation, समझते हो ना भाई, बायो में पढ़ा होगा शायद आपने, symbiotic relation, इसी प्रकार का relation, एक दूसरे के उपर dependent है, SI unit क्या है, इसकी coulomb, ठीक है जी, C से denote करते हैं, और charge को denote किया जाता है, Q से, यहाँ पर एक शब्द लिखा हुआ, quantization, quantization का मतलब होता है, minimum packet जो charge का nature ने आपको दिया है, nature के दोरा जब charge सब जगा पर दिया गया है, फैलाया गया है, हम nature को, देवता जी मान लेते हैं कि वाई ये प्रकृति जो है वो देवी है एक तरीके से तो जब देवी कुछ दे रही है हमको तो उसने हमको चार्ज भी दिया है ये प्रकृति बना के दिया है तो वाई उसके अंदर चार्ज भी दिया है जो चार्ज दिया है ना उसका सबसे स्मॉ यहाँ पर जो शब्द आए हुआ ना quantity से आया है एक fixed quantity कर दिगई है चार्ज की किसने करी nature ने करी कुदरस ने करी और वो कितनी करी वो इतनी कर दी और आप जानते हो यही चार्ज one electron पर exist करता है यानि क्या सर हम यह कह सकते हैं कि जो electron का चार्ज होता है वो smallest available चा scientists लोग ऐसा ही मानते के जो electron का charge है वो smallest charge available है nature में, sir क्या उससे छोटा charge available हो सकता है क्या, बिल्कुल हो सकता है मना कोई नहीं कर रहा है इस बारे में, लेकिन study नहीं किया गया, study नहीं कर पा रहा है उसके उपर, होता है बिल्कुल, up quark down quark नाम की जीज़े आपको सुनने को मिल बारवी क्लास की बातें या फिर हो सकता बी एसी एमेसी की बातें भी जा करके आती हो, बी एसी एमेसी मैंने करी नहीं है वाई, ठीक है, तो इसलिए मैं आपसे कह रहा हूँ कि इलेक्ट्रोन को, इलेक्ट्रोन पर पाए जाने वाले चार्ज को सबसे स्मॉलेस्ट पैकेट मा और यह एक एलेक्ट्रोन का चार्ज है ठीक है न दिखा दिखा यहाँ पर लिखा हुआ दे चार्ज ओन एन एलेक्ट्रोन यानि एक एलेक्ट्रोन एन एलेक्ट्रोन का मतलब क्या हुआ एक एलेक्ट्रोन का जो चार्ज होता है उसी को क्वांटाइजेशन कह सकते हैं छोटा पैकेट कह सकते हैं यह एक स्केलर कॉंटिटी होती है जैसे माइक्रो कूलाम है यह मिली कूलाम है यह और यह है मेगा कूलाम micro और milli तो खासकर लिख लेना वाई, इसको कहते है micro coulomb, इसको कहते है milli coulomb, और ये होता है 10 की power minus 6, और ये होता है 10 की power minus 3, और जो mega coulomb होता है 10 की power plus 6, plus 6 आया हुआ है, ठीक है जी, ध्यान रहेगी ये वाते, आगे चलते हैं फटा फट से, नेक्स सीज जो आती है वो है current, what is current, देखो भी current जिस तरीके से भी बताया गया था, motion की बात हो रही होगी, लेकिन किसके motion की बात हो रही है, तो यहाँ पर बात होती है चार्ज के motion की, जो अभी-अभी हमने चार्ज पढ़ा न, बेटा वो एक जगा पर खड़े रहने के लिए नहीं है, मतलब उसको हम लोग study जो कर रहे हैं, वो खड़े रहने पर study नहीं कर रहे हैं, उसके चाल पर study कर रहे हैं, उसके चलने पर study कर र होता है, देखो rate शब्द कहीं भी आए ना, तो आपके mind में एक बत्ती जगनी चाहिए, एक, एक बलब जगना चाहिए छोटा सा, कि rate शब्द आए, rate का मतलब जरूर time से comparison हो सकता है यहाँ पे, किस से comparison हो सकता है, time से, किस का comparison हो सकता है, electric charge का, तो क्या लिखा हुआ है, rate of flow of electric charge किसी conductor में कितनी speed से charge दोड़ रहा है, ऐसा भी समझ सकते हैं आप current को, ज़ादा असान भाषा में आप इस तरीके से भी समझ सकते होंगे, बाई, एक wire है, समझ लो एक पानी की pipe है, जिसके अंदर धीरे पानी निकल रहा है, और एक पानी की pipe है, जिसमें बहु तो दोनों में से किस में कहोगे कि water current जादा है किस में कहोगे कि water current जादा है जिसमें जादा बौचार से पानी निकल रहा है हम बोलेंगे बाई उसमें water current जादा है इसी प्रकार दो wires imagine करो दो तारे imagine करो पहली वाली तार में एक सकेंड में तीन कुलम का चार्ज निकलता है आप बताओ जादा चार्ज किस में पास हो रहा है per unit time क्योंकि 5 coulomb pass हो रहा है 1 second में, और उसमें 3 coulomb pass हो रहा था 1 second में, तो कहां current जादा हुआ, 5 coulomb वाली wire में जादा हुआ, यानि दूसरी वाली तार में, समझ में आया current क्या होता है, current का meaning, per unit time, कितना जादा charge pass हुआ, इसकी ऐसा unit होती है, ampere, capital A से denote हो रही है, current की, current का formula जादा formula पर focus मत करो, formula पूरी sheet बाद में दी गई है कि बाई हमको formula रट्टा मारना पड़ेगा, नहीं रट्टा नहीं मारना पड़ेगा, समझना है, physics रटने की चीज नहीं होती, physics समझने की चीज होती है बईया, आपने समझ तो लिया ना कि current क्या है, कितना charge flow हो रहा है per unit time, carriers moving in 1 second, 1 second में, 1 coulomb का charge अगर चलेगा, तो उसे 1 ampere का current कहेंगे, इस तरीके से definitions पूछी जाती हैं board के अंदर, कि define 1 ampere, 1 ampere को define करिए, तो 1 ampere कब define होगा, जब charge भी 1 coulomb हो, और pass भी 1 second में हो रहा हो, तो हम बोलेंगे current कितना है, 1 ampere का current है, इस तरीके से current को define कर सकते हैं, 1 ampere के vector quantity नहीं होती, बेशक से current के पास direction भी होती है, जी बिल्कुल, current किसी दिशा में चलता, ऐसे चलेगा, ऐसे, किसी दिशा में तो चलेगा ना current, तो current की दिशा जरूर होती है, लेकिन इसके बावजूद भी वो एक scalar quantity ही है, vector नहीं है, क्योंकि वो vector के अभी तुनी फिजिक्स आप लोगों ने नहीं पढ़ी है, लेकिन 11th में जा करके, 12th में जा करके, आप और फिजिक्स को पढ़ोगे, तब जानोंगे इस बात को, कि खाली, खाली कोई दिशा ले जाने से, कि बाई कोई डिरेक्शन में चल पड़ा, ये हो जाने से कोई वेक् current ऐसा नहीं करता, current vector के algebra के rules follow नहीं करता, इसलिए वो scalar quantity है, बाकी detail 12 में जाकर के आपको मिलेगी, छोटे-छोटे units भी जरा देख लेते हैं, कौन-कौन से, 1 micro ampere, again 10 की power minus 6 ampere, 1 milli ampere, और ये भी mega ampere, 10 की power minus 3 milli के लिए, 10 की power plus 6 mega के लिए, आगे बढ़ते हैं, नेक्स चीज जो आती है वो है बाई डिवाइस जिससे कि आप लोग मेजर करोगे किसको करंट को मेजर करने के लिए जो डिवाइस यूज होता है उसे कहते हैं एमीटर और उसे हमेशा सीरीज में ही करने करते हैं ये एक सीरीज डिवाइस ही है यानि आपने किसी वाय किसी branch में कितना current है ये बताने के लिए कौन responsible होगा, ये भाई responsible होगा, clear है बात, ठीक है न, तो ammeter आपको बता देगा कितना current pass हो रहा है, इस तरीके का दिखता है, ये इसकी शकल है, है न, चलिए, दो प्रकार के circuit होते हैं, एक होता है open circuit, एक होता है closed circuit, open circuit का मतलब और यहाँ पर आपको dot नहीं दिखेगा, बलब आपको भुजावा दिखेगा, बेशक से आपने battery जोड रखी होगी इसके बावजूद भी, लेकिन अगर एक closed circuit है, तो सबसे पहले तो आपको यहाँ पर switch जो है उसके बीच में dot दिखेगा, इसका मतलब होता है closed circuit हो गया है, तो कोई current नहीं चलेगा, बलब भी नहीं चलेगा, लेकिन जैसे ही current चलना चालू हुआ, देखो यहाँ पे current non-zero हो गया, देखो बलब भी चलना चालू हो गया, इस परकार से आप समझ सकते हो, देखो लिखा भी हुआ, अन-closed या open switch का मतलब यह हुआ कि current नहीं फ्लो कर रहा है, closed या continuous path का मतलब यह हुआ कि current फ्लो करेगा, चलते हैं भाई बात करते हैं potential difference पर, यह potential difference क्या होता है, देखो अभी तक हम यह बात कर रहे हैं कि current चलेगा, current नहीं चलेगा, लेकिन यह तो समझ पूछ आपके मन में सवाल भी आएगा, यार current कभी बात कर रहे हो, चल रहा है, कभी बात कर रहा है, नहीं चल रहा है, लेकिन चल ही क्यों रहा है, ये charge motion कर ही क्यों रहा है, charge motion करवाया जा रहा है, अपने आप नहीं कर रहा है, charge कभी अपने आप motion नहीं कर सकता, charge एक random motion जरूर करता है, charge एक यानि electron है अगर एक तो random motion जरूर करता है, ऐसे घूम के वापस आजाएगा अपने जगापर, लेकिन क्या इसको आप motion कहोगे, क्या ये continuous motion है, क्या ये current को जनम दे पाएगा, नहीं बेटा, ये current को जनम नहीं दे पाएगा, current को अगर जनम दिलवाना है, यानि current अगर आपको चलवाना है, तो आपको चाहिए होगा potential का difference, अब ये potential का difference क्या होता है, potential का difference आप इस तरीके समझ सकते हो, potential का difference आप इस तरीके स तो आपको क्या लगता है कहां से कहां current flow करेगा, obviously आपको समझ में आगे बात, कि भाई higher level से lower level की तरफ क्या करेगा, current flow करेगा, सही बात है करेंगे नहीं, higher level से, यहां से current चलके यहां पर आएगा, इसी प्रकार battery का एक terminal जो होता है न, positive वाला, वो higher potential पर होता है, और जो दूसरा terminal होता है न, minus वाला, वो lower potential पर होता है, देखो लिखा हुआ है, positive terminal of the battery is at higher potential, negative terminal of the battery is called lower potential तो similarly जैसे यहाँ पर जादा बड़े level से छोटे level पर पानी आया higher से lower level पर आया ऐसे ही higher से lower potential की तरफ current चलता है तो current की चाल कहां से कहा होगी plus से निकल के minus की तरफ होगी तो battery का battery का एक सिरा positive है और एक सिरा negative है बैटरी का एक सिरा positive है, एक सिरा negative है, तो positive से current चलेगा, और जाएगा, अपना काम करेगा, और वापस आजाएगा, इस तरीके से current चलता है, समझ में आया, current positive से चलके, और negative में आजाएगा, clear बात, तो अब बात यह आती है कि यह potential difference क्या च बैटरी उसको दे रही है, energy और energy work done के form में ही दिया जाता है, direct energy नहीं दे सकते आप, है न, आपने class 9 के अंदर concept पढ़ा होगा, work का भी और energy का भी, और आपने चीज़ देखी थी कि बाई किसी body में अगर energy लेके आनी हो, मेरे को इस pen के अंदर मान लो energy transfer करनी है अपने हाथ से, तो मुझे work done करना पड़ेगा इस पर, बिना work done किये मैं इसमें energy नहीं भर सकता, बिना work done किये मैं इसकी speed को बड़ा घटा नहीं सकता, तो इसी प्रकार charge भी अपने आप नहीं चल सकता, उसे भी energy मिलती है, energy कौन देता है, battery देती है, work done on a unit positive charge from one point to other, एक point से दूसरे point तक charge को ले जाने पर, जो work done उस पर किया जाता है, that is called potential difference, और कोई potential difference कोई नहीं चीज़ नहीं होती, वो वग्द नहीं होता है, अरे भाईया, potential difference और कोई बड़ी चीज़ नहीं है, कोई बहुत पुराने, कहीं आपको पुरानी कितावे खोलके देखनी पड़े, library में जा करके, है न, और जाला वाल potential difference का दूसरा नाम voltage होता है, तो इसको समझना, इसको समझना इतना मुश्किल नहीं है, voltage का मतलब work done है, potential difference का मतलब काम करना है, किस पर, charge पर, करता कौन है, battery, क्यों करती है, उसको चलाने के लिए, अब बोलो कोई सवाल होतो, ठीक है न, तो आप formula भी देख सकते हो क्या है, potential का work done upon me charge, अरे charge पर जो काम हो रहा है, उसी को बोलेंगे, voltage, voltage is work done per unit charge, वोल्टेज इस वर्क डन पर यूनिट चार्ज कितना काम हो रहा है चार्ज पर उसको घुमाने में बस उसी को कहते हैं वोल्टेज ठीक है जी डब्ली बाय की से डिनोट होगा ऐसा यूनिट उसकी है वोल्ट वी से ही डिनोट होती है वोल्टेज यूनिट वोल्टेज कॉंट वोल्ट है उसको भी वी से डिनोट करते हैं और जो पोटेंचल डिफरेंस या वोल्टेज है उसको भी वी से ही डिनोट करते हैं अब ऐसा ही है भाई ऐसा ही है कुछ नहीं कर सकते हैं इन सी लिखा हुआ है बाई 1 volt की definition क्या होगी, तो बाई 1 volt कब आएगा, जब work done भी 1 joule का होगा, बाई work done जूल में होता है, energy भी जूल में होती है, जब work done भी 1 joule का होगा, और 1 coulomb के charge पर ही होगा, तब बोलेंगे के 1 volt का potential difference है, देखो लिखा हुआ है, 1 joule of work is done in bringing 1 coulomb of positive charge from infinity to a point in electric field, then the potential difference at that point is 1 volt, इस तरीके सा आप इसको define करते हो, ये भी एक scalar quantity ही है, आगे चलते हैं वाई, वोल्ट मीटर एक instrument है, जिससे कि आप voltage को measure करते हो, और voltage measure होती है parallel में लग करके, जब volt meter parallel में लगता है, तभी वो voltage को measure कर पाता, यानि ये एक parallel device है, again बिल्कुल same दिखता जैसा ammeter दिखता है, ठीक है नहीं, सुईस के अंदर होगी इस तरीके से, और य एक सिंपल सर्केट डायग्राम आप देख सकते हो मैं इनी सब सिंबल को यूज करते हुए एक सिंपल सर्केट डायग्राम बनाता हूँ देखो यहाँ पर बैटरी का सिंबल क्या है ये वाला तो मुझे बैटरी का सिंबल तो चाहिए होता है कोई भी सर्केट हमेशा ध्यान न जिन पे current दोड़ता हुआ आएगा, बैटरी होगी, जो की energy का source का काम करती है, यानि potential difference देती है, भगाने का काम करती है चार्ज को, और चौती चीज switch, ताकि आप कभी भी on या off कर सको, ये basic चीजे ये तो होनी चाहिए, इसके अलावा भी कुछ चीजे आप चाओ तो जोड़ सकते हो, मैं आपको दिखा देता हूँ, देखो मान लेते हैं कि भाई ये कोई device है, ये device दिखाने का तरीका होता है, आर लिख सकते हो आप उपर यानि resistance, ठीक है जी? यहाँ पर मैंने एक m meter भी लगा दिया, ताकि मैं current नाप सकूँ, तो फिर यह मैंने battery लगा दिया, यह मैंने एक switch लगा दिया, ठीक है जी, switch on कर दिया, plus minus battery, plus minus m meter, और इसके parallel में लगा हुआ volt meter, मैंने कहा था ना आपको कि volt meter एक parallel में लगा हुआ device है, और series में लगने वाले device क वायर आ गई डिवाइस आ गई बिल्कुल आ गई स्विच आ गई वो भी आ गई खतम हो गया एक simple circuit ऐसे बनता है कोई समस्या symbols का use आप कर सकते हो एक cell के लिए आप एक ही दिखाओगे बैटरी के लिए आप multiple cells दिखाओगे अगर plug key open है तो बीच में dot मत लगाना plug key closed है तो बीच में dot दिखाना यानि switch on है वायर का joint इस तरीके से वायर अगर cross नहीं कर रही बिना join किया नहीं, एकदम टप रही है उपर से, तपते हो दिखा दो ऐसे टाप रही है इसके उपर से, है न, टाप मतलब कूद के जाना है, है न, तो कूद के जा रही है, ठीक है न, electric bulb ऐसा symbol आप दिखा सकते हो, resistance ऐसे दिखा सकते हो, variable resistance ऐसे दि� आगे चलते ओम्स लॉ की बात करते हैं, या जी ओम्स लॉ क्या है, ओम्स लॉ relationship है, voltage और current के बीच का, actually में दोनों ही directly proportional होते हैं, इसका meaning क्या, मैं आपको feel के साथ समझाता हूँ, देखो बाई, जितनी ज़्यादा voltage लगाओगे, यानि जितनी ज़्यादा energy वाली battery लगाओगे proportional हो गए, सही बात है कि नहीं, यह कहता है ohms law, यही है ohms law बस, देखो लिखा हुआ है, electric current flowing through a conductor is directly proportional to the potential difference across its ends provided the physical condition like temperature, pressure वगरा change नहीं होने चाहिए है ना भाई, अगर temperature में कोई change आ गया तो ohms law valid नहीं होता, ohms law validity तब ही है, जब आप temperature बराबर रखो, change नहीं, ठीक है, V proportional I, और formula जो बनता है, वो बनता है, V is equal to IR, यह formula है, इसमें R जो है, वो एक constant है, इस formula के लिए R जो है, वो constant है, R मतलब होता है resistance, आइए समस्ते हैं कि resistance क्या चीज़ होती है, next topic आपका यही है, resistance, है न, ओम स्वा समझ में आ गया, V और IR equal होते है, V is equal to IR, यानि voltage, current दोनों क्या है, proportional है, resistance पर आते हैं, resistance किसी भी conductor की property हो सकती है कि वह मूविंग चार्ज को अपोज करें अब आप सोचते होंगे कि अपोज करने वाला कौन आ गया अच्छा वाला चार चल रहा था एक हैपी फैमिली चल रही थी है ना हसी खुशी काम चल रहा था सर यह रुकावट पैदा करने वाला कौन आ गया बाइर रुकावट नेट्रोन्स कड़े हैं, अन्ने एलेक्ट्रोन्स कड़े हैं, जो कहीं रिपल्शन, कहीं अट्रैक्शन, कहीं कोलिजन भी होता है, इस चक्कर में एलेक्ट्रोन अपनी एनरजी टाइम टू टाइम लूज करता जाता है, इसलिए उसको रेजिस्टेंस कह रहे हैं, रुकावट ऐसा unit क्या होती है, ओम होती है, और आप जैसे V is equal to IR लिखते हो, ऐसे यहां से R को V by IB लिख सकते हो, लेकिन यह इसका खुद का formula नहीं है, इसका formula इसकी dependency पर आएगा, बार ने बात करेंगे, फिलाल यह constant है, फिलाल यह जो R है, यह constant है यहां पे, वी is equal to IR में R एक constant है, R यहां ये एक scalar quantity है again ठीक है? ओके देखो बाई एक graph बना हुआ यहाँ पे vi का actually में ये vi नहीं है ये iv का graph है अगर मैं यहाँ पर एक vi का graph भी बना दूँ तो इस पर कुछ समाल आते हैं जैसे की हमेशा ये बात समझना के भाई जो v है और i है इन दोनों आपस में क्या है proportional है तो चाहे iv graph बनाओ चाहे vi graph बनाओ ये आएगा तो हमेशा straight line ही हाँ याना भाई, आएगा तो हमेशा straight line ही न, V proportional I, है न, या फिर I proportional V, कोई फरक नहीं है, एकी बात है, जब दोनों एक दूसरे के proportional हो तो कोई फरक नहीं होता इस बात पे, है न भाई, सही बात है कि नहीं, लेकिन एक जगा पर फरक आएगा, जब आप ऐसे ग्राफ का slope निक और x-axis पर आपने क्या रखा हुआ, i, तो अगर आप इसका slope निकालते हो, पहले मैं काम करता हूँ, slope का meaning आपको समझाता हूँ, slope का meaning होता है बेटा, y में change, divide by x में change, यानि, 2y की value, divide by 2x की value, y2-y1 upon में x2-x1, similar, similar तरीके से आप यह समझ सकते हो, कि भाई अगर हम slope vi का निका जब delta V यानि voltage की दो values आपस में minus होंगी, और current की भी दो कोई values आपस में minus होंगी, बाई, बहुत सारी reading लेंगे न, आप समझ रहे हो, यह graph कैसे बनेगा, यह graph बनेगा जब हम बहुत सारी readings लेंगे, है न, तो हो सकता यहाँ पर, यहाँ पर तो 0,0 है, यहाँ पर कुछ V1, X पहले, Y बाद है, आईवन, V1 आए, I2 V2 आए, समझ पा रहे हो, यह I2, यह I1, यह V1, यह V2, समझ पा रहे हो, बाई कुछ दो voltage की values आ सकती हैं, कोई दो current की values आ सकती हैं, सही बात है के नहीं, तो V2 minus V1 upon में I2 minus I1, है न, क्या यही slope नहीं है क्या, बिल्कुल यही slope है, तो भाई आप एक बार बत अगर delta V और delta I को मैं divide कर दो, तो क्या ये, क्या ये resistance नहीं है क्या? क्या V by I, क्या V by I resistance नहीं होता क्या? बोलो बाई, क्या V by I, voltage upon में current ही तो resistance होता है, तो यानि अगर आप slope निकालोगे, एक V-I graph का अगर आपने slope निकाला, तो आपको क्या मिलती है? ठीक है अपने पास noted रखना इन सब चीज़ों को आगे चलते हैं हम बात करते हैं के जो resistance है अभी तक तो ये constant था लेकिन क्या ये एक universally constant चीज़ है क्या नहीं ये universal constant नहीं है ये कई सारी और चीज़ों पे भी depend करता है उसमें से चार चीज़ें मैं आपको बता रहा हूँ यहा� बाई कौन सी length बढ़ी है, obviously उपर वाली length जब वो बढ़ी है, तो बाई इसकी resistance भी जा इसकी resistance भी ज़्यादा होगी, इसकी resistance क्या होगी? कम होगी, यानि R1 बड़ा होगा, R2 छोटा होगा, तो पहली property क्या है? पहली property है length of the wire, length जितनी लंबी होगी, resistance उतनी ज़्यादा होगी, यानि resistance is proportional to length, ऐसा लिख सकते हैं हम के नहीं, इसका यही तो मतलब होता है, भाई जित area मतलब कौन सा area, इसको बोलते area of cross section, area मतलब तार की मोटाई, ये है तार की लंबाई, length माने तार की लंबाई, और area मतलब तार की मोटाई, तार मोटी कितनी है, अब आप देखो यहाँ पर, ये जो area है ये वाला, ये area, ये चमका रहूं मैं यहाँ पर दे है तो circle का area ही, अरे side से तो wire circle ही होती है, cylinder है ना एक wire, ओ एक wire cylinder है के नहीं, तो side से तो, side से तो circle ही होगी ना, वो इदर से देखो, चलो ये wire समझ लो, इदर से देखो, क्या है, circle नहीं दिखरा क्या, circle है ना, pi r square होती है, जितना area जादा होगा ना, resistance उतनी कम होती है, तो resistance यहाँ क्या होगी बेटा कम होगी और area यहाँ कम है ना तो resistance यहाँ पर क्या होगी जादा होगी समझ गए माने जितनी लंबी तार उतनी जादा रुकावट जितनी पतली तार उतनी जादा रुकावट समझ गए अगर आप चाहते हो कि रुकावट कम से कम हो current ज छुटी मुटी तार का मतलब करंड क्या आएगा, जादा आएगा, ठीक है जी, तो ये तो हो गए दो, इसके अलवा दो हो रहे हैं, एक है nature of the material, इसको resistivity भी कहते हैं विटा, है न, अभी इसके बारे में बताऊंगा मैं आपको, इसको resistivity भी कहते हैं, औ resistivity, resistivity क्या है? row है, कहते हैं कि भाई जो conductors होते हैं न, उनकी resistivity काफी low होती है, जो semiconductors होते हैं, उनकी ठीक होती है और जो insulators होते हैं न, उनकी resistivity बहुत जादा होती है भाई, nature of the material एक बहुती important, एक बहुती important factor है, आप खुद सोचो, हम यहाँ पर लंबाई लंबाई मुटाई छोड़ो अगर मैं आपको एक लकड़ी लाके दे दूँ, क्या उससे करंट पास करवा के दिखा दोगे, अगर मैं आपको काँच की वायर लाके दे दूँ, क्या उससे करंट पास करवा के दिखा दोगे, अरे इंसुलेटर है बाई, कहां से पास करवाए� रेजिस्टिविटी का मतलब होता है ये एक material dependent property है यानि हर material की resistivity अलग-अलग होती है और insulators की सबसे ज़ादा होती है लिखा हुआ है ना insulators की having very large resistance क्यों क्योंकि resistivity ज़ादा है तो current अपने अब क्या निकलेगा बहुत कम निकलेगा इसका medium है और इसकी resistance अगर less है तो वो इसलिए क्योंकि इसकी resistivity less है और current यहाँ पर क्या निकलेगा ज़ादा निकलेगा तभी तो वो conductor कहलाएगा समझे के नहीं समझे, अभी बहुत सरे material का discussion आपके साथ करता हूँ, ठीक है, और चौता है temperature, temperature के लिए कोई formula ऐसा चनी है, पहली बता दू, आप इतना समझ लो, बस temperature अगर जादा होगा, तो रुकावट जादा होगी, इतना समझ लो, बस, इतना काफी है, ठी जॉइन करके ये बन गया R proportional L by A, कोई समस्या? प्रोपोशनलिती का साइन हटाऊंगा, equal to लगाऊंगा, तो एक constant भी add करूँगा यहाँ पे row, row L by A, ये formula है resistance का, row L by A, R बराबर, row L by A, resistance is equal to resistivity times the length divided by area, यानि मोटाई, लंबाई उपर, मोटाई नीचे, आगे बढ़ते हैं, बात करते हैं resistivity की, तो भाई resistivity क्या है, मैंने अभी बताया ये material की property होती है, अलग-अलग material होंगे, तो सबकी अपनी-अपनी अलग-अलग resistivity होगी, कोई material current को जादा रोकने की इच्छा रखता है, तो उसकी resistivity जादा होगी, कोई material current को कम रोकने की इच्छा रखता है, तो उसकी resistivity क्या होगी, कब होगी, basically it is a material dependent property, क्या है ये, क्या है भाई, ये एक material dependent property है, और क्या लिखा हुआ है? It refers to resistance of a conductor of unit length and unit cross sectional area. यानि, R is equal to rho L by A है मान लो. हाँ है. अगर हम put करें, length को 1 meter, और area को 1 meter square. कर दू? कर दू put? कर दू? आजो. R is equal to rho K बराबर हो जाएगा. देख, 1 by 1 कर रहा हूँ इसको, है न? यह लिखा हुआ यहाँ पर कह रहा है इट रेफर्स टू रिजिस्टेंस ऑफ एक अंड टॉप यूनिट लेंथ एंड क्रॉस एक्शन एरियर यानि अगर आपने एक मीटर की तार ले ली और वन मीटर स्क्वेयर एरिया की मोटाई ले ली उस तार है इसको एसआई यूनिट इसकी होती है ओमीटर यह कैसे आई मैं आपको निकालने दिखाऊंगा यह ओमीटर ऐसा यूनिट ओम होती है, resistivity की होती है ओम मीटर, कैसे? समझाऊंगा ये भी nature और temperature पर depend करती है इसकी dependency अलग है लेकिन तो आपको दोनों ध्यान में रखने है resistance चार चीज़ों पर depend करती है length, area material, temperature resistivity दो चीज़ों पर depend करती है, कोई formula नहीं है resistivity दो चिदों पर depend करती है nature of the material और temperature बास आगे चलते हैं resistivity of different materials NCERT के अंदर यह table बनी हुई है आप चाहें तो NCERT के वो पीली वाली table देख सकते हो याद नहीं करनी आप values को देखो एक बार जरा silver की value देखो क्या है 1.5 into 10 की power minus 8 minus 8 10 की power minus 8 यह काफी छोटी है काफी छोटी है और एक बार ज़रा glass देखना glass 10 की power 9, quartz देखना ज़रा 10 की power 17, है न, और ये भाई कौन सा है, ये हाड रबर, रबर तो अच्छा का सा insulator होता, 10 की power 13, तो आप देख रहे हो, सीधी सी बात ये है, कि भाई जो row low होगा, वही low conductors होंगे, हाँ की न, अ या semiconductor का काम कर सकते हैं, अगर rho जादा होगा, तो वो insulator का काम करेंगे, हाँ की ना, समझ में आ रही है यह बात, values देख करके आप analyze भी कर सकते हो, कि कौन सा material हमको as a conductor use करना चाहिए, और कौन सा material हमको as a insulator use करना चाहिए, तो scientists लोग यही करते हैं, scientists लोग इस table की help लेते हैं, और decide करते हैं कि इसको हम insulator की तो यह से प्रयोग करेंगे इसको हम conductor की तरीके से प्रयोग करेंगे अब मैं आपको unit निकालने सिखाता हूँ जो हमने इस row की देखी थी अभी देखो बाई आप ऐसा unit निकालने जा रहे हैं किसका resistivity का तो यह कैसे आएगा आपको formula पता है r is equal to row l by इसी formula में यह row आता है सही है तो आप इसकी unit छोड़ दो नहीं पता ना बाकियों की पता है, हाँ सर इसकी पता है, ओम होती है, ओम, इसकी नहीं पता, ठीक है, छोड़ दो, लेंथ की क्या होती है, मीटर, एरिया की क्या होती है, मीटर स्क्वेर, एक मीटर से एक मीटर कट गया, ये मीटर जाएगा, रोक के साथ ये बन जाएग उसकी लिख दे जिसकी नहीं पता उसकी छोड़ दे क्रिस क्रॉस करके आंसर आप निकाल सकते हो ठीक है न मीटर से एक मीटर कट गया वो मीटर जाके वा मल्टीप्ला हो गया खत्तम जी खत्तम क्लियर है बात समझ में आया इस तरीके से काम करना है ठीक है चलिए अब सिरीज और पैरलल की बाते कर लेते हैं देखो भाई सिरीज और पैरलल की बाते न माइंड मैप के थूँ प्रेक्टिस नहीं हो सकती यू कैन नोट मास्टर इट यूजिंग आ माइड मैप स्पेशिली आपको इसके लिए क्वेश्चन प्रैक्टिस करने पड़ेंगे तो ये एक mind map की सीरीज है यहाँ पे question practice नहीं हो सकते बेटा मैं question नहीं ला सकता है यहाँ पे practice के लिए restrictions है लेकिन आप ये समझ लो कि आप concept यहाँ से सीखो लेकिन practice आपने ज़रूर करनी है तो मैं काम करूँगा अभी सुन लीजिये pause करना मेरी बात मानो इस वीडियो को pause करना description ओपन करना उसमें मैं एक लिंक लगवा दूंगा जहां से आप नुमेरिकल प्रैक्टिस कर सकते हो ठीक है ना नुमेरिकल प्रैक्टिस के लिए वह लिंक एक बार ओपन कर लेना ओपन करके आप देख लेना कि उसके अंदर क्या चल रहा है नुमेरिकल चलेंगे लगातार मैंने डि पूरे mind map को देखने के बाद करना, तो मैं link description में लगवा दूँगा, जरूर ये mind map पूरा हो जाने के बाद, आप उसको bookmark करके रख लेना, या फिर save later करके रख लेना, ताकि आप mind map के बाद, आप numerical भी करो, क्योंकि electricity का मतलब, electricity में से, लगबग 60% का जो भाग आ रहा है, वो numerical based आएगा, केवल 40% ही है जो थिवरी आएगा तो थिवरी पढ़ रहे हो बहुत अच्छी बात है सवाल बनेंगे लेकिन 40% ही बनेंगे 60% सवालों के लिए आपको numerical practice करनी पड़ेगी यह मैं आपको बता देता हूं भाई ठीक है चलिए शुरू करते हैं अपन सीरीज की और parallel की बातें शुरू करते हैं अपन सीरीज की और parallel की ये वाली जो resistance है, है ना, ये वाली, R3, और R2 भी देखो, और R1 भी देखो, ये सब एक ही joint पर जाके connect हो रहे हैं, है ना, joint एक ही है, और वो joint जो है वो battery से जुड़ा हुआ, देखो, है ना, समझ पारे हो, ये दो, ये जो दो joints हैं, ये battery के दो end से जुड़े हुए हैं, यानि battery का जितना भी potential होगा, वो इनको मिलने वाला है, समझ रहे हो के नहीं, तो ये ही parallel की खासियत होती है, series में ऐसा नहीं है, सीरीज में अगर ये दो जॉइंट है, तो ये सीधे जुड़े होई नहीं है वेटरी से, बीच में ये भी आया हुआ है, क्या बात समझ रहे हो? तो यहाँ पर ऐसा नहीं हो सकता, हाँ, लेकिन यहाँ पर एक अडवांटेज है, कि करंट सेम रह सकता है, यहाँ पर करंट सेम नहीं रह सकता, यानि सीधी सी बात समझ लो, कि सीरीज के अंदर, खासियत यह है कि करंट सेम रहता है सभी resistance में, अरे बाई same path पर current चलता है तो सब पर same current जाएगा, current same रहता है लेकिन voltage करती है divide, यहाँ पे उल्टा है बेटा यहाँ पे उल्टा है, यहाँ पे voltage रहती है same क्योंकि सब के सब same potential difference पर जुड़े हुए हैं, लेकिन current यहाँ करता है divide current यहाँ होता है divide क्योंकि same current तो निकला लेकिन path divide हो गए, path divide होंगे तो current divide होई जाएगा, path division होगा तो current का division हो ही जाएगा, सही है maximum effective resistance निकल के आती है जब आप series में connect करते हो तो minimum effective resistance निकल के आती है जब आप parallel में connect करते हो तो यहनी parallel में connection करने पर overall resistance कम हो जाती है circuit की series में जोडने पर overall resistance बढ़ जाती है circuit की ठीक है two or more resistor are connected end to end end to end connect होते हैं यहाँ पर ऐसा नहीं है simultaneously connect होते हैं two points के cross ऐसा लिखा हुआ है connected simultaneously across the two points के cross इकठे ऐसे connection होगा, ऐसे, देखो, यहाँ पर आपको दिख रहा होगा, ऐसे connection होता हुआ, इस प्रकार से आपको connection होता दिखेगा, current remains constant but voltage varies, सही बात है, voltage remains constant बढ़कर, यह मैंने आपको बता दिया, formula आप लोग देख लीजिये बाई इसका, R is equal to R1 plus R2 plus R3, और यहाँ पर 1 by R1 कोई भी formula अगर आप याद करो ना, रट्टा भी मारो ना, बाई आगे से, आगे तुमने science नहीं लेनी हो, 11th पे तुमने physics नहीं पढ़नी हो, तुमने commerce पढ़ना हो, तुमने humanities पढ़ना हो, most welcome, आप कहोगे सर welcome क्यों कहे रहे हो, आप तो physics पढ़ाते हो, अरे भीया, physics वाल welcome to the future भाई अगर आप science नहीं पढ़ना चाते 11-12 में physics नहीं लेना चाते 11-12 में तो भी, रटना भी चाहते हो ना अगर फर्मुलो को, तो LHS समेथ रटना हमेशा, मेरी ये टिप आपको बहुत काम आएगी, क्योंकि फर्मुले आपका पीछा नहीं छोड़ने वाले, आपको क्या लगता है, आप कॉमर्स लोगे तो क्या आपको फर्मु तो आपको क्या लग रहा है, maths आपका पीछा छोड़ देगी, अगर आप maths छोड़ दोगे तो, नहीं, ऐसा नहीं होगा, ठीक है, आपको graphs पढ़ने पढ़ेगे, आपको pie charts पढ़ने पढ़ेगे, आपको averages निकालने पढ़ेगे, आपको standard deviation निकालना पढ़ेगा, maths के साथ आपको deal करना पढ़ेगा, you have to do the math till the very last breath of your life, ठीक है जी, maths आपका पीछा नहीं छोड़ेगी कभी भी, यह बात ध्यान लखना, तो इसलिए LHS के समेथ हमेशा formula याद करना, कोई भी फॉर्म रट भी रहे हो अगर एलेचेस के समेध रखना सही है आगे बढ़ते हैं हीटिंग एफेक्ट ही तिव्य बड़ा ही प्यार टॉपिक जूल साहब ने हीटिंग एफेक्ट का यह लॉ दिया था उन्होंने यह कहा था कि भाई जब एलेक्ट्रोन चलता है तो अपनी पूरी कार्नेटिक एनर्जी के साथ चलता है सोचता है कि भाई मैं जाओंगा मैं पास करूंगा लेकिन होता क्या है टकरा जाता तकरा जाता है तो collision होता है उसकी kinetic energy जाएगी किस form में? heat के form में निकलेगी, समझ गए न? तो kinetic energy किस form में convert होगी? heat के form में convert होगी, यही लिखा हुआ है, when current flows, पढ़ लो, electrons move and when they move collide with each other, when they collide heat is produced, साफ लिखा हुआ है, आया समझ मैं? तो वही जो energy थी अब वो किस में convert होती दिख रही है बेटा? heat में, यह कौन सी energy थी? बैटरी नहीं तो एनरजी किसको दीती, इलेक्ट्रोन को, और वो इलेक्ट्रोन ने खो दी, कैसे, टकरे मार के, टकर खा के, समझ गए न, चलिए, ऐसा यूनिट बेटा, जूल ही होगी क्योंकि आप एनरजी पढ़ रहे हो, चाहिए हीट पढ़ रहे हो, हीट भी एनरजी प्रक्टिकल एप्लिकेशन्स पर आते हैं भाई, है न, तीन एप्लिकेशन्स है, एक है अपना एलेक्ट्रिकल अप्लाइयंसिस के अंदर हीटिंग एलिमेंट होता है, है न, सुनाओगा आपने, एलेक्ट्रिकल अप्लाइयंसिस के अंदर क्या होता है, हीटिंग एलिमेंट ह अलावा इसके अलावा दो और मेटल होते हैं और कुछ ट्रेस भी होते अधर मेटल्स के इतना इंपोर्टेंट नहीं है बात जानना लेकिन इतना जानना आपके लिए जरूरी है जो मैं बता रहा हूं वह जानना बहुत जरूरी है आपके लिए इलेक्ट्रिक अप्लाइंसेस कंडक्टर जैसा बुरा हाल तो नहीं होता मतलब है ना अलाव इसलिए उसकरते के बाई कंडक्ट भी कर ले वह करंट को लेकिन उसकी रिस्टिविटी भी क्या हो ज्यादा हो रिस्टिविटी ज्यादा होगी तो क्या करेंगे अरे भाईया रिस्टिविटी ज्यादा होगी उ समझ गया कि नहीं समझ गया, यानि heating element इन सब चीजों के अंदर होता है, जो चीजें heat के साथ deal कर रही होती है, है न, वो hair dryer देखा होगा आपने, है न, वो एक hair straightener आता है, ladies लोगों का, वो देखा होगा आपने, है न, तो जितनी भी heating वाले devices हैं न, जिनमें भी आपको heat की ये bulb जो है ये incandescent bulb है ये CFL bulb नहीं है जो आजकल आपके घरों में लगा होता है आजकल तो बहुत ही ज़्यादा modern technology लगा ता रही पहले पीछे CFL bulb चल रहे थे लंबे समय तक फिर CFL वाले भी outdated हो गए उसके बाद ये वाले आ गए LED bulbs आ गए कहे बई और सस्ते है ये बढ़ि इन bulb में एक चीज होती जिसे कहते है filament, यहाँ आपको दिख रहा होगा, इस तरीकी तार होती है, इसको कहते है filament, है न, और इस glass की covering के अंदर एक gas होती है, कि कौन सी gas होती है, argan, या nitrogen भी हो सकती है, है न, and for the obvious reasons, क्या होते हैं वो obvious reasons, जरा, पॉज करो वीडियो और कमेंट सेक्षन में लिखो, देखते इतनी दूर तक कौन-कौन बच्चा आ पाया, लगबग 50 मिनट हो चुके हैं इस वीडियो को चलते हुए, देखें कौन-कौन बच्चा यहां तक पहुँचा है, पॉज करें और मुझे कमेंट सेक्षन में लिखक corrosion की चर्चा है, तो ये corrode ना हो जाए, जो अंदर filament है, इसकी life कमजोर ना हो जाए, धीरे करके ये मर ना जाए, ये oxidize ना हो जाए, इसलिए filament को बचाने के लिए nitrogen और argon ले करके आया जाता है, और इसमें भरी जाती है glass के अंदर, समझ के बात को अगर argon नहीं होगी, nitrogen नहीं होगी, oxygen सीधा contact में अगर आएगी तो ये जल जाएगा, yes filament will burn filament burn हो जाएगा, इतना ज़्यादा oxidize हो जाएगा कि ये burn हो जाएगा, तुरंत oxidize होता है, क्योंकि heat बहुत ज़्यादा न, तुरंत oxidize होगा, और ये burn हो जाएगा, आपका bulb खतम, समझ गए न, argan, nitrogen इसके अंदर भरी जाती थी, भरी जाती है, even आज भी ये bulb यूज़ होता है, ठीक है, लेकिन हम यहाँ पर बात कर रहे हैं, tungsten ही क्यों, यह जो bulb का filament होता है, bulb का, filament होता है, इसमें tungsten wire ही क्यों use हो रही है? सुनियेगा, tungsten wire use करने के दो फायदे हैं, फायदा number एक, resistance जादा है, तो, अरे heat जादा होगी न, बहुत बढ़िया, heat जादा होगी, तब ही तो glow होगा, heating effect पढ़ रहे हैं न वाई, current आएगा, heat पैदा होगी, उस उससे क्या फायदा है अरे जल्दी से melt नहीं करेगा ये इना ये जल्दी से melt नहीं करेगा तो अपने अंदर heat को जादा समय तक क्या करेगा retain करके रखेगा यानि heat retention क्या होगी जादा होगी और दोनों की वज़े से ही ये क्या करता है glow glowing effect आएगा बोलो आएगा ये न नेक्स्ट चलते हैं हम लोग फ्यूज पर है ना तो फ्यूज इस प्रकार का शायद आपने देखा होगा इसके अंदर वायर होती है ऐसी एक पतली सी वायर होती है इसके अंदर ऐसे ऐस किस चीज की बनती है अलॉय आफ लेड एंड टिन है ना टिन लेड अलॉय टिन मतलब एसन और लेड मतलब पी बी है ना दोनों को फ्यूज करके फ्यूज एंड फिफ दोनों को फ्यूज करके फ्यूज बनाया जाता है ठीक है खेर छोड़ो ये बात है ना कैसे बनता है वो हम उल्टा हो गया मुझसे, कुछ उल्टा हो गया, पंगस्टन वायर का मेल्टिंग पॉइंट सबसे जादा है, सबसे जादा है, वेरी हाई मेल्टिंग पॉइंट है, वेरी हाई, वेरी हाई, 3380 डिगरी सेलसियस, ठीक है, बहुत जादा मेल्टिंग पॉइंट होता है इसका, फ्यूज वायर में ये टिन लेड अलॉइ इसलिए यूज़ किया जाता है क्योंकि इसका मेल्टिंग पॉइंट लो रखते हैं, लो क्यों रखते हैं, ताकि जादा करंट अगर आ गया, तो ये तुरंत पिगल जाए, करंट अंदर तक ना जा पाए, समझ गए तो एक guard जिस तरीके से एक building के अंदर होता है और जो काम कर रहा होता है अपनी इसी तरीके से ये भी का कर रहा है काम कर रहा है ना कैसे काम कर रहा है कि बाई जब भी कभी ज़ादा current आएगा है ना whenever current overloads जब भी current overload होगा है ना तो एक melting point low होने से क्या शर्केट ब्रेक्स सरकेट तूट जाएगा बस चैनल को लगा दो अगर पर आते हैं व्हाट इस पावर एलेक्ट्रिक पावर है रेट एट विच एलेक्ट्रिक एनर्जी ट्रासफर्ड या फिर वॉक इज डन देखो भी पावर का फॉर्मुला वर्क डन अपन टाइम होता है या फिर एनर्जी अपन में क्लास नाइन्थ के अंदर आपने पावर का फॉर्मुला जो पढ़ा था वो यही था वर्क डन बाई टाइम या एनरजी बाई टाइम ठीक है ना तो देखो लिखा भी हुआ है एलेक्ट्रिक एनरजी किस रेट से कंजिम हो रही है या डिसिपेट और डिसिपेट का मतलब होत हाई या ना कम समय में ज़्यादा heat या ज़्यादा energy या ज़्यादा work done चार्ज पर करवाए तब हम बोलेंगे इस circuit जो है वो ज़्यादा powerful है समझे के नहीं समझे बात को ऐसा unit क्या होती है इसकी watt होती है और power का formula energy by time आपने देखी लिया ये vi, i2r और v2r ये तीन formula भी इसके होते हैं जो की आपने याद करने ही करने है practice again करनी पड़ेगी आपको इन formula की वो मैंने description के अंदर link दिया हुआ है जरा खोली और देखिए लिंक पर आपने जाना है और सीधा प्रक्टिस शुरू कर देनी है ठीक है एक बार यह पूरा हो जाने दो वीडियो है ना पहले इसको पूरा देख लो इसके बाद जाकर आप प्रक्टिस भी कर सकते हैं वन हॉर्सपावर जो होत ठीक है, और ये भी आपको ध्यान में रखना है कि 1 किलो वाट आर जो होता है, वो 3.6 into 10 की power 6 जूल होता है, 3.6 into 10 की power 6 जूल, याद रहेगा, ठीक है, ये 1 किलो वाट आर जो लिखा हुआ ना, इसे कहते है कमर्शियल यूनिट, मतलब जो एनरजी बेची जा रही है, या खरी अरे बिल भरते हो बिजली का कि नहीं, तो वो जो बिल भरते हो, वो इसके हिसाब से ही भरते हैं, वो कमर्शियल यूनिट के हिसाब से ही भरते हैं, कितना कमर्शियल यूनिट बिजली आपने पूरे महिने में खर्चा, उसके हिसाब से आपको पेमेंट करनी पड़ती है, ठी ठीक है ना और नीचे सारे यूनिट्स भी लिखे जितने जरूरी यूनिट्स है वह सब मैंने नीचे लिखे मैं फटाफट सबको पढ़ देता हूं ठीक है ना दो मिनट के अंदर सबसे पहले कॉन्टाइशन का फॉर्मला चार्ज बराबर नंबर ऑफ एलेक्ट्रोन slope की बात हम करते है, vi का जो slope होता है, वो delta v by delta i, ऐसे लिख सकते हैं, और जो vi का slope है, असल में वो r के ही बराबर होता है, आपको पता है delta v by delta i, r के ही बराबर है, फिर series वाला formula आता है, r1 plus r2 plus r3 चलता जाता है, parallel के लिए, 1 by r parallel, बोला मैंने LHS को याद करते, फिर RHS की तरफ आ आते हैं आप ध्यान से देखना पावर का बेसिक फॉर्मुला होता है ई बाई टी एनरजी अपॉर्ड में टाइम और एनरजी को पावर इंटू टाइम भी लिख सकते हैं सही है तो पावर के फिर तीन फॉर्मुले आते हैं इस चेप्टर के अंदर एक आता है पीज इक्वल टी से multiply करते जाओ energy के formula आते जाएंगे, power का तीसरा formula v square by r, तो energy होती है v square by r into t, units देख लें ज़रा ध्यान से हम लोग, current की unit ampere, charge की coulomb, v, voltage की volt, work done या energy, दोनों की ही joule है, power की watt है, resistance की ohm है, resistivity की ohm meter है, length की meter, और मोटाई यानी area की meter square होती है, और commercial unit of energy जो है, वो है kilowatt hour, ठीक ले सकते हैं चीजी बेटा जी इसी के साथ आज के इस माइंड मैप में इतना ही है ना मैं लेता हूं आपसे विदा अगला चेप्टर कौन सा चाहिए, कमेंट सेक्षन भरा हुआ होना चाहिए, जैसे लाइट वाले माइंड मैप के अंदर आप लोगों ने बरा था, बिल्कुल वैसे ही, जरा मुझे बता दो, कि आपकी प्रेपरेशन में अगली माइल स्टोन क्या है, उसी का ही मैं आपको मा� जय हिनमंदे मातरम