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UPSC Answer Writing Series

हिंदी में यूपीएससी की तैयारी से संबंधित प्रोग्राम्स को देखने के लिए सब्सक्राइब करें स्टडी इक इस हिंदी [संगीत] पे आप सबका स्वागत है और आज से हम एक नई सीरीज की शुरुआत करना करने जा रहे हैं मेंस आंसर राइटिंग ठीक है सबसे बड़ी चुनौती स्टूडेंट के सामने ये रहती है की हम क्वेश्चन की डिमांड को कैसे समझे हम क्वेश्चन को स्ट्रक्चर कैसे करें है ना हम क्वेश्चन में क्या कैसे उसको डील करें की हमें अच्छे नंबर ए जाए है ना तो आंसर राइटिंग यूजुअली हिंदी मध्य के स्टूडेंट के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती रहती है आपकी इसी चुनौती का समाधान इस सीरीज में होने वाला है मैं पहले थोड़ी सी विशेषताएं बता डन इस सीरीज की डेली एक क्वेश्चन सॉल्व करेंगे हम कोई भी पॉलीटिकल किसी भी सेगमेंट से उठा के मेरा ये टारगेट रहेगा की आपको कम से कम हफ्ते में पांच क्वेश्चन में कर डन इसके बाद आपको क्या करना है आप क्वेश्चन को फिर से स्वयं लिखने का प्रयास करें समझना के बाद जिससे डेली आपकी आंसर राइटिंग इंप्रूव होती जाएगी ठीक है तो शुरू करते हैं इस सीरीज को उससे पहले यदि आप को पीएफ चाहिए इस आंसर की तो आपको जुड़ना है लाली भैया अकादमी टेलीग्राम चैनल से मेरी साड़ी क्लासेस की जो पीएफ है लिंक है टाइमिंग है वो सब इस टेलीग्राम चैनल पे मिल जाएगा और डेली जो क्वेश्चन होगा उसका पीएफ भी आपको यही पे मिल जाएगा इसके साथ ही आप मुझे ललित से दहिया अकादमी टेलीग्राम और इंस्टाग्राम पे भी फॉलो कर सकते हैं तो आई क्वेश्चन की शुरुआत करते हैं ठीक है तो पहले क्वेश्चन हमने लिया है उद्देशिका से उद्देश्य का मतलब प्रस्तावना है ना तो प्रस्तावना में प्रयुक्त न्याय यानी जस्टिस शब्द से जुड़े प्रत्येक विशेषण की विवेचना कीजिए ठीक है यानी जो प्रस्तावना में न्याय शब्द दिया गया है उसके कितने विशेषण है प्रत्येक विशेषण की चर्चा करनी है क्वेश्चन का पहले पार्ट हुआ है ये यानी न्याय तीन प्रकार का है सामाजिक आर्थिक राजनीतिक न्याय तो इन्हीं विशेश्यों की बात हो रही है सबसे पहले हम भूमिका में बता देंगे न्याय के बड़े में कुछ और फिर डायरेक्ट हम ए जाएंगे सामाजिक न्याय क्या है आर्थिक न्याय क्या है राजनीतिक न्याय क्या है तो इतना करने से हमारे क्वेश्चन का तो पहले पार्ट है वह कंप्लीट हो जाएगा बात समझ में आई अब आते हैं सेकंड पार्ट पे सेकंड पार्ट में पूछा है की भारत में ये जो न्याय के प्रत्येक विशेषण की अवधारणा है उनमें से प्रत्येक की दिशा में प्रत्येक का मतलब तीनों के बड़े में बताना होगा की सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक तीनों के लिए क्या-क्या संवैधानिक प्रयास किया गए हैं यानी कांस्टीट्यूशनल प्रयास कौन-कौन से हैं और वैधानिक कम यानी वैधानिक कम कौन-कौन से हैं याद रखिएगा ये क्वेश्चन अपने आप में काफी बेहतरीन है क्योंकि अगर आप न्याय की पुरी अवधारणा लिखा है ना और केवल आपने संवैधानिक प्रावधान बताया तो और विधि प्रावधान नहीं बताए तो आपका एक दो नंबर कट जाएगा और यूपीएससी में एक-एक नंबर कट होने का मतलब समझते हो रेस से बाहर होना या इस ना बन पन ध्यान रखिएगा इसलिए क्वेश्चन की डिमांड को बहुत ज्यादा जरूरी है समझना और उसके लिए मैंने आंसर राइटिंग पर डिटेल वीडियो बनाई है उसको जरूर देखना क्योंकि आज हमारा फर्स्ट लेक्चर है तो इसमें कुछ बातें आएंगे पुरानी भी क्वेश्चन को कम से कम दो-तीन बार पढ़ना है आपको अब आपके दिमाग में एक फ्रेमवर्क बैठ गया होगा यानी हम क्या क्या लिखेंगे सबसे पहले हम इस क्वेश्चन की भूमिका लिखेंगे ठीक है अभी मैं पूरा ड्राफ्ट बताऊंगी आप लोगों को भूमिका लिखने के बाद हम जो क्वेश्चन का पार्ट वन है यानी न्याय कितने प्रकार का है तो तीन प्रकार के न्याय की अवधारणा है सामाजिक न्याय राज्य नैतिक न्याय और आर्थिक अब सामाजिक न्याय क्या होता है राजनीतिक न्याय क्या होता है आर्थिक न्याय क्या होता है इन तीनों को हमें बताना पड़ेगा एक्सप्लेन करना पड़ेगा फर्स्ट पार्ट कंप्लीट हो जाएगा जो सेकंड पार्ट होगा इस क्वेश्चन का वो होगा की क्या क्या प्रयास किया गए हैं तो इन प्रयासों में हमें दोनों प्रयास बताने पढ़ेंगे बच्चे यानी संविधानिक प्रयास क्या-क्या किया गए हैं और वैधानिक प्रयास क्या-क्या किया गए हैं इस संवैधानिक और वैधानिक में भी हमें अलग-अलग बताना पड़ेगा की सामाजिक न्याय के लिए संवैधानिक प्रयास किया है और वैधानिक प्रयास क्या है आर्थिक न्याय के लिए संवैधानिक क्या है वैधानिक क्या है राजनीतिक न्याय के लिए संवैधानिक क्या है और वैधानिक क्या है इतना लिखोगे तब आपका सेकंड पार्ट कंप्लीट होगा ये ओवरऑल स्ट्रक्चर होगा हमारे आंसर का आई शुरू कर लेते हैं यदि मैं इसकी भूमिका की बात करूं तो हम यह बोल सकते हैं की न्याय के विचार में सभी व्यक्तियों को महत्व देना उचित है की भाई प्रत्येक व्यक्ति को महत्व देना पड़ेगा एक लोक कल्याणकारी राज्य में और न्याय की अवधारणा हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है हमारी प्रस्तावना में इस न्याय की अवधारणा का जिक्र है और तीन प्रकार के न्याय की बात की गई है यह साड़ी बातें जस्ट आपने बता दिया की भाई न्याय शब्द को तीन विभिन्न रूपन में हमने अपने प्रस्तावना में एड किया है अब एक-एक करके हमें बताना पड़ेगा की भाई सामाजिक न्याय का क्या मतलब है तो सामाजिक न्याय का मतलब है की समाज में किसी भी व्यक्ति के साथ जाति धर्म लिंग क्षेत्र भाषा निर्जातीयता धर्म इत्यादि किसी भी आधार पे किसी भी प्रकार का विभेद ना किया जाए यानी प्रत्येक व्यक्ति के साथ बिना विभेद के व्यवहार करना ही सामाजिक न्याय को स्थापित करेगा जब सभी व्यक्तियों को सामान्य का दर्ज प्राप्त होगा यह है सामाजिक न्याय यानी यह समाज सामाजिक स्थिति के आधार पे अधिक न्याय संगत समाज के सृजन का प्रयास करता है यानी समाज सामाजिक स्थिति बनाने का प्रयास किया जाए जब समाज सामाजिक स्थिति बनेगी तभी जाके एक न्याय संगत समाज की स्थापना हम कर पाएंगे और तभी हम का पाएंगे की हां सामाजिक न्याय स्थापित हो चुका है ठीक है तो सामाजिक न्याय समझ में ए गया अगला मुद्दा है आर्थिक न्याय तो आर्थिक न्याय का मतलब ये है की जो हमारी राष्ट्रीय संपत्ति है और संपदा है उसका न्याय संगत वितरण करके गरीबी उन्मूलन का प्रयास किया जाना यानी आर्थिक आधार पे एक तो किसी भी प्रकार का विभेद ना हो और दूसरा गरीबी उन्मूलन के लिए अतिरिक्त प्रयास किया जैन ताकि प्रत्येक व्यक्ति की आर्थिक ज़रूरतें पुरी हो सके आर्थिक न्याय को स्थापित किया जा सके यही है आर्थिक न्याय यानी हम ये का सकते हैं की जब आर्थिक न्याय स्थापित होगा ये जो आर्थिक लोकतंत्र स्थापित करने का भी आधार सिद्ध होगा और कल्याणकारी राज्य बनाने का प्रयास करेगा राज्य को क्योंकि यदि आर्थिक न्याय स्थापित करना है गरीब तबले के लिए पिछड़ी तबले के लिए वंचित तब के लिए के लिए कम करना है तो कुछ एक्स्ट्रा एफर्ट करने पढ़ेंगे राज्य के द्वारा और इसी एक्स्ट्रा एफर्ट की अवधारणा से जो कॉन्सेप्ट निकाला है वही है लोक कल्याणकारी राज्य का कॉन्सेप्ट है कल्याणकारी राज्य का कॉन्सेप्ट तो आर्थिक न्याय से सीधा जुड़ा हुआ है आर्थिक न्याय क्या है इसे एक्सप्लेन कर दिया हमने अगला मुद्दा हमारे सामने यह होगा की राजनीतिक न्याय राजनीतिक न्याय का मतलब क्या होता है की देश के सभी नागरिकों को समाज और देश की शासन भीम में सहभागिता के मामले में समाज राजनीतिक अधिकार प्राप्त होने चाहिए यानी राजनीतिक सहभागिता के मामले में प्रत्येक व्यक्ति को समाज अधिकार हो किसी व्यक्ति के साथ आर्थिक व्यवस्था उसके धर्म जाति लिंग क्षेत्र आदि के आधार पे विभेद ना हो राजनीतिक सहभागिता के मामले में तो यह है सामाजिक आर्थिक राजनीतिक न्याय की अवधारणा और जब ये सामाजिक आर्थिक राजनीतिक न्याय हम प्राप्त करेंगे तभी हम जो प्रस्तावना की न्याय की अवधारणा है उसको पूरा कर पाएंगे तभी हम एक बेहतर समाज बना पाएंगे इतनी बात समझ में आई तो क्वेश्चन का फर्स्ट हाफ में कुछ था हमने एक भूमिका लिख दी और हमने तीनों जो न्याय के विशेषण है उनको एक्सप्लेन कर दिया अब अगला पार्ट आएगा की क्या-क्या हमने कम उठा हैं तो इसके लिए हम एक-एक करके बताएंगे जैसे हमने सबसे पहले सामाजिक न्याय की बात करें की भाई सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करने ये इतना लिखने की जरूर नहीं है आप कौन सर में सीधा लिख सकते हो की सामाजिक न्याय को प्राप्त करने के लिए उठा गए कम और सीधा शुरू कर सकते हो सबसे पहले आपको लिखना पड़ेगा संवैधानिक कम क्या-क्या है जी और वैधानिक कम क्या-क्या है तो सबसे पहले हम यदि संवैधानिक को एक्सप्लेन करें तो संविधानिक कदमों में सबसे पहले हैं सामाजिक न्याय को स्थापित करने के लिए फंडामेंटल राइट यानी हमारे मौलिक अधिकार और मौलिक अधिकारों में भी सामाजिक न्याय से कौन-कौन से जुड़े हुए हैं तो आर्टिकल 14 विधि के समक्ष सामान्य की बात करता है की प्रत्येक व्यक्ति विधि के समक्ष समाज होगा कोई भी व्यक्ति छोटा या बड़ा नहीं होगा विधि के सामने आर्टिकल 14 ए जाएगा आर्टिकल 15 ए जाएगा ये सब पता हनी चाहिए आपको है ना की राज्य किसी भी व्यक्ति के साथ जाति धर्म क्षेत्र लिंग जन्म स्थान इत्यादि के आधार पर किसी भी प्रकार का विभेद नहीं करेगा और ना ही नागरिक नागरिक के साथ विभेद करेंगे इन आधारों पे है ना तो आर्टिकल 15 भी सामाजिक न्याय की स्थापना करता है आर्टिकल 16 अवसर की संता देता है प्रत्येक व्यक्ति को बिना किसी विभेद के तो सामाजिक न्याय की स्थापना करता है आर्टिकल 17 अस्पृश्यता के उन्मूलन की बात करता है की भाई छुआछूत नहीं होगा जाति व्यवस्था के आधार पे तो अस्पृश्यता उन्मूलन भी तो सामाजिक न्याय की अवधारणा से जुड़ा हुआ है और आर्टिकल 18 उपाधियां का अंत यानी आप विभेद नहीं कर सकते हो किसी भी आधार पे ठीक है तो ध्यान रखिएगा तो आर्टिकल 14 15 16 17 18 ये सामाजिक न्याय की अवधारणा से जुड़े हुए हैं यदि इसके साथ हम देखें तो आर्टिकल 23 और 24 को देख लीजिए आर्टिकल 23 भी एक तरीके से शोषण के खात्मे की बात करता है इसके साथ आर्टिकल 24 तो विशेष तोर पे बच्चों से जुड़ा हुआ है की भाई 14 वर्ष से कम आयु के बच्चे किसी भी कारखाने या कार्य में नियोजित होने के लिए अलाउड नहीं होंगे है ना यानी कहानी ना कहानी यह सामाजिक न्याय भाई बच्चों को उनके शोषण से रोकना ना ये भी तो सामाजिक न्याय की अवधारणा से जडेजा यानी हमारे फंडामेंटल राइट्स आपको अगर दो-दो तीन-तीन एग्जांपल भी याद है ना तो आपका कम चल जाएगा ये नहीं है की फिर आप पूरे संविधान के सारे की साड़ी चीज आप सामाजिक न्याय में बस एग्जामिनर को ये समझ में आना चाहिए की आपने क्वेश्चन की डिमांड को समझो और आपने दो दो तीन तीन सूटेबल एग्जांपल दे दिए आपका कम हो जाएगा क्योंकि लिखने की भी सीमा है ना सीमित शब्द है 200 शब्दों में लिखना है 250 शब्दों में लिखना है ठीक है तो मौलिक अधिकार संवैधानिक प्रावधान हो गया इसके तहत सामाजिक न्याय को स्थापित करने के लिए डीपीएसपी की व्यवस्था है जो की सामाजिक और जो लोकतंत्र का आधार है हमारे राज्य की नीति निर्देशक तत्व और उसमें भी विशेष तोर पे यदि हम बात करें तो आर्टिकल 39a निशुल्क विधिक सहायता भाई गरीब व्यक्ति को भी तो न्याय का अधिकार है न्याय अपने का अधिकार है तो आर्टिकल 39a निशुल्क विधिक सहायता की बात करता है आर्टिकल 41 कर तरीके की बात करता है की बेकरी यानी बेरोजगारी बुढ़ापा बीमारी और निशक्तता दिव्यांगता की स्थिति में क्या करेगा लोक सहायता की बात करता है की इन कर स्थितियां में राज्य को लोक सहायता करनी चाहिए यानी कहानी ना कहानी सामाजिक न्याय को स्थापित करने के प्रयास की बात कर रहा है यह दिव्यांगों के लिए बीमारी के लिए वृद्धो के लिए और जो बेरोजगार है उनके लिए तो ये क्या है सामाजिक न्याय के संवैधानिक प्रयास है तो हमारा एक पॉइंट क्लियर हुआ अब हमें बताना पड़ेगा अच्छा उससे पहले मैं आप लोगों को बता डन वैधानिक प्रयास पे आने से पहले 31 जुलाई लास्ट डेट है जो नया पितुई बैच आया है जिसकी शुरुआत 22 जुलाई से हुई है यदि आप 10 से 12 से 13 महीने में पूरे सिलेबस को कंप्लीट करना चाहते हैं आंसर राइटिंग अच्छा करना चाहते हैं डेली आंसर राइटिंग वीकली टेस्ट सीरीज और बेहतरीन टीम के साथ ग के एक सही दिशा में मेहनत करना चाहते हैं तो निश्चित तोर पे आप इस बात से जुड़ सकते हैं p2i बैच है यानी ट से लेक इंटरव्यू तक की ट मेंस इंटरव्यू तीनों लेवल की प्रिपरेशन कराई जाएगी अगर एडमिशन लेना चाहते हैं तो स्टडी वेबसाइट या इस वीडियो के डिस्क्रिप्शन बॉक्स में लिंक दिया होगा वहां जाकर एडमिशन ले सकते हैं एडमिशन लेने से पहले कोड उसे करना है ल दी लाइन ल दी ल आई बी आई हेल्दी लाइफ कोड के साथ आपको ये कंप्लीट बैच मंत्र 2999 में मिल जाएगा 2 साल की वैलिडिटी होगी आप दो साल तक जितनी बार भी चाहे वीडियो को देख सकते हैं सुन सकते हैं ठीक है तो ध्यान रखिएगा ओल्ड लाइन कोड एवं अब हम आते हैं सामाजिक जो न्याय को प्राप्त करने के संवैधानिक कम हमने देख लिए अब हम विधि कदमों को देखेंगे की भाई कौन-कौन से विधि कम उठा हैं सामाजिक न्याय को स्थापित करने तो दो-तीन एग्जांपल इसके लिख दो आप तो भाई पहले विधि कम हमने अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम है 1989 का अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम जो अनुसूचित जातियां हैं जनजातीय हैं उनके खिलाफ हो रहे अन्य को दूर करने का एक बहुत ही महत्वपूर्ण साधन है है ना तो ध्यान रखिएगा हम ये एक्ट लेकर आए इसके साथ ही दिव्यांग व्यक्तियों के लिए हमने अधिकार अधिनियम 2019 यानी दिव्यांगों के अधिकारों को पहचानते हुए हम एक्ट लेकर आए हैं इसमें आप एक एक्ट 2015 का ट्रांसजेंडर अधिकार अधिनियम की आप बात कर सकते हैं तो ट्रांसजेंडर को कुछ तो सामाजिक न्याय प्राप्त होना चाहिए तो इस तरीके के अधिनियम के तहत हम प्रयास कर सकते हैं वन अधिकार अधिनियम लेकर आए हैं ताकि जनजातीय के अधिकारों का संरक्षण हो सके यानी सामाजिक न्याय प्राप्त करने के लिए हमने संवैधानिक प्रयस्कों कौन कौन से किया वैधानिक प्रयास कौन-कौन से किया एक पॉइंट हमारा यहां तक आते आते क्लियर हो गया अब हम दूसरे पे आएंगे अच्छा यहां पर मैं एक बात और बता डन यदि हमने शुरू में एक्सप्लेन कर दिया है आर्थिक न्याय को तो आर्थिक न्याय को या सामाजिक न्याय या राजनीतिक न्याय को दोबारा एक्सप्लेन करने की जरूर नहीं है है ना दो-दो बार फिर रिपीटेशन दिखेगा एग्जामिनर को ये सब चीज अच्छी नहीं लगती और समय भी वेस्ट होगा कुछ नया नहीं बता पाओगे तो सीधा हम लिख सकते हैं की भाई आर्थिक न्याय प्राप्त करने के लिए क्या-क्या कम है तो ध्यान रखिएगा सबसे पहले हम यदि संवैधानिक कदमों की बात करें तो मूल अधिकारों में कुछ प्रयास किया गए हैं जिससे आर्थिक न्याय स्थापित हो जैसे 156 हाल ही में जोड़ा है जनरल कैटिगरी का जो एक तरीके से गरीब टपके के लोग हैं उनको रिजर्वेशन की बात की गई है तो यह क्या है यह आर्थिक न्याय ही है है ना तो ध्यान रखिएगा आर्टिकल 15 छह हो गया 16 छह हो गया ये आर्थिक न्याय को प्रमोट करने के लिए संवैधानिक प्रयास है इसके साथ ही राज्य के नीति निर्देशक तत्वों में आर्थिक न्याय को स्थापित करने की भरसक प्रयासों की बात की गई है जैसे यदि आप आर्टिकल 39 को पढ़ोगे छह उसके पैरामीटर हैं समाज कार्य के लिए समाज वेतन पुरुष और महिला को तो आर्थिक न्याय है ना पुरुष और महिला का समाज कार्य के लिए समाज वेतन होना चाहिए 39 बी कहता है देश के संसाधनों का देश हिट में प्रयोग होना चाहिए किसी एक व्यक्ति के हिट में नहीं आर्टिकल 39 सी कहता है धन के संकेंद्रीकरण पर रॉक हनी चाहिए सेंट्रलाइज है धन का उसके ऊपर रॉक हनी चाहिए इसी तरीके से अन्य प्रयास है तो कहानी ना कहानी आर्टिकल 39 आर्थिक न्याय को स्थापित करने का एक संवैधानिक प्रयास है आर्टिकल 39 के साथ-साथ आर्टिकल 42 को देखिए यदि हम आर्टिकल 42 की बात करें तो कम की उचित और मन्वोचित दशाओं की बात की गई है की भाई प्रत्येक व्यक्ति को कम की उचित और मनवाचित दशाएं हनी चाहिए उनको छुट्टी का भी अधिकार होना चाहिए वो एक बेहतर एटमॉस्फेयर में कम करें इस तरीके की दशैन निर्मित हनी चाहिए तो ये भी तो आर्थिक न्याय को बताता है इसके साथ यदि हम आर्टिकल 43 की बात करें तो एक एक उचित निर्वाह मजदूरी हनी चाहिए ये नहीं है की हमने किसी से दिन भर कम करवाया और हम उसे जो है बाद में कहानी ये लोग ₹20 एक उचित निर्वाह मजदूरी सुनिश्चित हनी चाहिए प्रत्येक व्यक्ति के लिए तो आपने देखा होगा की सरकार के द्वारा न्यूनतम मजदूरिया अधिनियम इत्यादि के मध्य से एक न्यूनतम मजदूरी निश्चित कर दी जाति है की भाई इस मजदूरी से नीचे नहीं दिया जाएगा किसी को भी ठीक है तो ये संविधानिक प्रयास है तो आर्टिकल 39 है 42 है 43 है डीसी में फंडामेंटल राइट में 156 है 166 है तो ये सब क्या है आर्थिक न्याय को प्राप्त करने की कम है तो ये हो गए संवैधानिक कम अब यदि हम कुछ विधि कदमों को देखें तो भाई विधि कम में सबसे पहले हम देखेंगे की जो प्रत्येक वर्ष जो बजट पारित किया जाता है सांसद में अलग-अलग राज्यों की विधानसभाओं में इस बजट का को समझो जो ज्यादा पैसा काम रहा है उसे पे ज्यादा टैक्स लगाएंगे जो कम पैसा काम रहा है उसे पर कम टैक्स लगाएंगे है ना तो इस तरीके से बजट के मध्य से क्रमिक जो टैक्सेशन की व्यवस्था है वहां से भी आर्थिक न्याय स्थापित करने का प्रयास किया जाता है यानी जिन लोगों का वेतन कम है उन पे कम टैक्स जिनका ज्यादा है उन पे ज्यादा टैक्स इसके साथ ही हम बहुत साड़ी रोजगार इत्यादि की परियोजनाओं को भी सरकार के द्वारा संचालित किया जाता है जैसे मनरेगा का एग्जांपल आप लिख सकते हो तो मनरेगा क्या है आर्थिक न्याय स्थापित करने का मध्य है ना ताकि प्रत्येक व्यक्ति को रोजगार की गारंटी मिल जाए है ना तो ध्यान रखिएगा संविधानिक कम और वैधानिक कम आर्थिक न्याय की स्थापना की अब हम यदि राजनीतिक न्याय की बात करें तो राजनीतिक न्याय की स्थापना के लिए क्या-क्या कम उठा गए हैं तो सबसे पहले हम संवैधानिक कदमों को देखेंगे तो भाई सबसे पहले बात है आर्टिकल 326 में संघ और राज्य विधानसभाओं के लिए निर्वाचन वयस्क मताधिकार के आधार पे सबसे बड़ा आधार है हमारे लोकतंत्र का और हमारे लोकतंत्र में भी राजनीतिक न्याय को स्थापित करने का एक बहुत बड़ा जरिया है आर्टिकल का मतलब क्या है की एक निश्चित आयु से ऊपर का प्रत्येक व्यक्ति चाहे वो महिला है पुरुष है अमीर है गरीब है किसी भी जाति से संबंध रखना है किसी भी धर्म से संबंध रखना है किसी भी क्षेत्र से संबंध रखना है प्रत्येक व्यक्ति को बिना किसी विभेद के मत देने का अधिकार होगा ठीक है तो मत देने का अधिकार होगा आर्टिकल 326 के तहत वयस्क मताधिकार की बात कर दी गई तो ये क्या है यह राजनीतिक न्याय को स्थापित करने की परिकल्पना है ना यदि हम यहां पे कहते सीमित मताधिकार है जी यानी केवल धर्म के आधार पे जाति के आधार पे धन के आधार पर शिक्षा के आधार पर ही यदि हम मतदान देते तो समाज के कुछ ही लोगों को मतदान का अधिकार होता बाकी को नहीं होता तो ऐसी व्यवस्था में क्या राजनीतिक न्याय स्थापित हो सकता था नहीं हो सकता था तो राजनीतिक न्याय स्थापित करने का एक बहुत बड़ा मध्य है 326 है ना ध्यान रखिएगा अगला यदि हम राजनीतिक न्याय की बात करें तो हमने रिजर्वेशन दिया है है ना जैसे आप पंचायत में देखोगे 243 दी है 243 नगर पालिका में है 330 है 332 है जिसके तहत क्रमशः यदि बात करें तो ये पंचायत में ये नगरपालिकाओं में ये लोकसभा में और ये राज्य विधानसभा में अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए सीटों के आरक्षण की व्यवस्था है हमें समाज के एक ऐसे तबले को जिसका समाज में ज्यादा प्रतिनिधित्व नहीं रहा है ऐसे तबले को आगे लाने के लिए कुछ विशेष एक्स्ट्रा एफर्ट करने पढ़ेंगे और हमारे संविधान ऐसे एक्स्ट्रा फैट कर रहा है ताकि क्यों कर रहा है भाई इसका सीधा सा लॉजिक क्या है ताकि समाज में न्याय स्थापित हो और न्याय में भी यहां पे राजनीतिक न्याय की बात हो रही है क्योंकि ये डायरेक्टली जुड़े हुए हैं की से राजनीतिक सहभागिता से जुड़े हुए मुद्दे है ना तो राजनीतिक न्याय की स्थापना करने के लिए आपको 326 और ये साड़ी बातें पता हनी चाहिए जो हमने की है इसके साथ ही राजनीतिक न्याय की स्थापना करने के लिए कुछ विधि कम भी उठा गए हैं यदि विधि कम की बात करें तो जनप्रतिनिधित्व अधिनियम है 1950 का भी है 1951 का भी है ये जनप्रतिनिधित्व अधिनियम आपके सिलेबस का टॉपिक भी है मैं इसी आंसर सीरीज का एक अगर आप लोगों की तरफ से अच्छा रिस्पांस रहा अच्छा रहना चाहिए भाई ये रामबन होगा आप लोगों के आंसर राइटिंग को ठीक करने का और ध्यान रखना यदि आपका बेहतरीन रिस्पांस रहा तो ना केवल पालिटी पालिटी के साथ यर सोसाइटी इंटरनल सिक्योरिटी जैसे कई सारे जो मुद्दे हैं उनके क्वेश्चंस में डिस्कस करती रहूंगी लेकिन रिस्पांस अच्छा आना चाहिए जितनी मेहनत आप पे की जा रही है उसका प्रत्युत्तर भी तो मुझे ठीक-ठाक मिलन चाहिए ना तो उसके लिए आपको वीडियो को शेर करना पड़ेगा जितना ज्यादा शेर कर सकते हो अगर ये कंटेंट रेगुलर चाहते हो तो एवं विधि कम में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 केयवान हो गया इसके साथ ही जो योग्य उम्मीदवार है उनको निशुल्क विधि सहायता इत्यादि की व्यवस्था की है हमने इस तरीके से अब जाके आपका आंसर के दोनों जो पार्ट की डिमांड थी वो कंप्लीट हुई तीनों प्रकार के न्याय की एक्सप्लेनेशन तीनों प्रकार के न्याय के लिए संवैधानिक क्या वैधानिक किया ठीक है और फाइनली आप एक कंक्लुजन लिख डॉग की न्याय की स्थापना करने के लिए यह जो संविधानिक और वैधानिक कम है इनको केवल लिखा ही नहीं गया है बल्कि इनको व्यवहारिक तोर पर लागू करने के लिए भी व्यवस्था की गई है और वो व्यवस्था की गई है आर्टिकल 32 और आर्टिकल 226 के तहत है ना आर्टिकल 32 के तहत यदि फंडामेंटल राइट का उलझन होता है तो सीधे जा सकते हैं सुप्रीम कोर्ट आर्टिकल 226 में हम फंडामेंटल राइट के साथ-साथ यदि वैधानिक अधिकारों का भी उलझन होता है तो भी हम आर्टिकल 226 के तहत जा सकते हैं है ना तो ध्यान रखिएगा तो इनकी भी व्यवस्था की गई है ये प्रावधान समाज के सभी वर्गों के हितों को समायोजित करने और सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करने के मामले में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और ये महत्वपूर्ण भूमिका निभाना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि न्याय स्थापित करना हमारे संविधान निर्माता का सपना था ठीक है तो यहां पर आप अगर इस तरीके से कंक्लुजन लिखने हैं तो फिर आप बेहतर तरीके से कम कर सकते हैं मतलब आपका आंसर बहुत ही बेहतरीन हो जाएगा ये कंक्लुजन लिखने से की भाई बच्चे ने केवल व्यवहारिक उपाय ही नहीं बताई मतलब लिखे हुए उपाय नहीं बताए उनको लागू करने के विकल्प भी बता दिए की भाई आर्टिकल 32 है 226 है इस तरीके से आपका आंसर कंप्लीट होता है ठीक है ध्यान रखना अब आगे जब हम बढ़ते चलेंगे इसी आंसर को आप थोड़ा सा और इंप्रूव कर सकते हो जो आपने ऐसे लिखने के कम में मैंने लिखा है ना क्योंकि उसका पीपीटी बनाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है तो इसमें अपना ग्राफ का प्रयोग भी कर सकते हो जैसे आपने बीच में अगर सामाजिक आर्थिक न्याय है तो आप इस तरीके का कोई चार्ट बनाकर बता सकते हो भाई सामाजिक आर्थिक राजनीतिक फिर यदि आपके पास समय कम है तो सामाजिक न्याय जब आप नीचे बताओगे तो इसके संवैधानिक प्रयास क्या-क्या हैं इसके वैधानिक प्रयास क्या-क्या है इसी तरीके से एक बड़ा चार्ट बना सकते हो ठीक है आर्टिकल का उसे आपने इसमें कर ही दिया तो अपने आंसर को आप और क्वालिटेटिव धीरे-धीरे जब आप प्रैक्टिस करोगे तो साड़ी चीज मैं सिखाऊंगी आप लोगों को और आपको भी सीखना पड़ेगा ठीक है तो लास्ट में जाते-जाते मैं बता डन अगर एडमिशन लेना है तो लड लाइव कोड का प्रयोग करना है और 31 जुलाई अंतिम तिथि है बाकी ये सीरीज कंटिन्यू चलती रहेगी आप लोगों के सपोर्ट और आप लोगों के सहयोग की जरूर है यदि आपको सही ग रहा है यह आइडिया याद रखना अगर यह प्रोग्राम 6 महीने तक चल गया अच्छे से तो आप सोचो 6 महीने में आप कितना ज्यादा आंसर राइटिंग को इंप्रूव कर चुके होंगे और इंग्लिश मीडियम के स्टूडेंट को बराबर की टक्कर देने में सक्षम हो चुके होंगे ठीक है तो होप आपको वीडियो अच्छी लगी होगी यदि आपको वीडियो अच्छी लगी हो तो वीडियो को लाइक जरूर करें शेर जरूर करें कमेंट जरूर करें और साथ ही इस वीडियो के क्वेश्चन के पीएफ को यदि आपको फॉलो करना है तो पीएफ के लिए आपको जाना पड़ेगा ललिता दहिया अकादमी टेलीग्राम चैनल पे ठीक है तो दोस्तों मिलेंगे कल की क्लास में तब तक के लिए जय हिंद जय भारत जो डी बेस्ट हिंदी में यूपीएससी की तैयारी से संबंधित प्रोग्राम्स को देखने के लिए टाइप करें स्टडी इक इस हिंदी [संगीत]