C भाषा का परिचय
प्रोग्राम क्या है?
- प्रोग्राम एक निर्देशों का संग्रह है।
- सेट ऑफ लॉजिकल्ली ग्रुप्ड इंस्ट्रक्शन ही प्रोग्राम है।
C भाषा का इतिहास
- C भाषा का विकास कैसे हुआ।
- प्रोग्रामिंग भाषाओं का विकास।
- विभिन्न प्रकार की भाषाएँ:
- लो-लेवल भाषाएँ: मशीन भाषा, असेंबली भाषा।
- हाई-लेवल भाषाएँ: उपयोगकर्ता के लिए आसान, मशीन से दूर।
बाइनरी भाषा
- कंप्यूटर केवल बाइनरी भाषा समझता है।
- बाइनरी में प्रोग्राम लिखना कठिन।
परीक्षण और डिबगिंग
- परीक्षण (Testing): प्रोग्राम की गलतियों को खोजने की प्रक्रिया।
- डिबगिंग (Debugging): प्रोग्राम की गलतियों को हटाना।
- इनपुट के माध्यम से विभिन्न स्थिति यों की जांच करना।
भाषा के प्रकार
- लो-लेवल भाषा
- हाई-लेवल भाषा
- उपयोगकर्ता के निकट।
- उदाहरण: BASIC, COBOL।
- मिडल-लेवल भाषा
- C भाषा इसी श्रेणी में आती है।
C भाषा के लाभ
- C भाषा को "मदर ऑफ ऑल लैंग्वेजेज" के रूप में जाना जाता है।
- सभी प्रकार के एप्लिकेशन बनाए जा सकते हैं।
- यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम भी C में लिखा गया है।
कंपाइलर और इंटरप्रेटर
- कंपाइलर: पूरा प्रोग्राम एक बार में संसाधित करता है।
- इंटरप्रेटर: लाइन बाय लाइन प्रोग्राम को पढ़ता है।
- कंपाइलर तेज होता है, जबकि इंटरप्रेटर धीमा होता है।
चौथी और पांचवी पीढ़ी की भाषाएँ
- चौथी पीढ़ी की भाषाएँ: SQL, Visual Basic।
- पाँचवीं पीढ़ी की भाषाएँ: नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग।
निष्कर्ष
- C प्रोग्रामिंग में अगले पाठों में बुनियादी शर्तों को स्पष्ट किया जाएगा।
- C प्रोग्रामिंग की शुरुआत की जाएगी।
ध्यान दें: यह नोट्स C भाषा के मूलभूत सिद्धांतों और उसके ऐतिहासिक संदर्भ पर केंद्रित हैं।