Overview
इस लेक्चर में हमने स्पेक्ट्रोस्कोपिक तकनीकों (UV, IR, NMR) व उनके सिद्धांत, ऑप्टिकल और ज्यामितीय समावयवता, तथा चाइरल ड्रग्स के बारे में चर्चा की।
स्पेक्ट्रोस्कोपी का परिचय
- स्पेक्ट्रोस्कोपी वह अध्ययन है जिसमें पदार्थ व विद्युतचुंबकीय विकिरण के बीच अंतःक्रिया को मापा जाता है।
- इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन में इलेक्ट्रिक व मैग्नेटिक फील्ड एक-दूसरे के लंबर रहती हैं।
- दो प्रकार की स्पेक्ट्रोस्कोपी: एटॉमिक (परमाणु स्तर) और मोलेक्यूलर (अणु स्तर)।
UV स्पेक्ट्रोस्कोपी
- यह तकनीक पदार्थ द्वारा अल्ट्रावायलेट या दृश्य प्रकाश के अवशोषण का अध्ययन करती है।
- जब UV प्रकाश अणु पर पड़ती है, तो इलेक्ट्रॉन ऊँचे ऊर्जा स्तर में चले जाते हैं, जिसे इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजिशन कहते हैं।
- केवल डबल बॉन्ड या कॉन्जुगेटेड सिस्टम वाले अणु UV लाइट को अवशोषित करते हैं।
IR स्पेक्ट्रोस्कोपी
- IR स्पेक्ट्रोस्कोपी अणुओं में बंधनों के कंपन (vibration) का अध्ययन करती है।
- अलग-अलग बंध अलग-अलग वेवलेंथ पर इन्फ्रारेड लाइट को अवशोषित करते हैं।
- इसका स्पेक्ट्रम 'फिंगरप्रिंट' के समान होता है, जिससे अणु की पहचान होती है।
- रेंज: 12500 cm⁻¹ से 100 cm⁻¹ तक।
NMR स्पेक्ट्रोस्कोपी
- NMR (Nuclear Magnetic Resonance) अणु के संरचना अध्ययन हेतु शक्तिशाली उपकरण है।
- इसमें न्यूक्लियस को मजबूत चुंबकीय क्षेत्र में रखकर रेडियो वेव्स भेजी जाती हैं।
- हाइड्रोजन व कार्बन के परमाणु मुख्य रूप से अध्ययन किए जाते हैं।
- NMR स्पेक्ट्रम विभिन्न पिक्स के रूप में जानकारी प्रस्तुत करता है।
ऑप्टिकल व ज्यामितीय समावयवता
- ऑप्टिकल आइसोमेरिज्म: वे अणु जो एक–दूसरे की non-superimposable मिरर इमेज होते हैं (enantiomers)।
- ज्यामितीय आइसोमेरिज्म: डबल बॉन्ड के कारण सम समूहों की स्थिति भिन्न (cis/trans) हो।
- ऑप्टिकल आइसोमेरिज्म चाइरल कार्बन के बिना भी हो सकता है (जैसे एलिन्स, बायफिनाइल, हीलीसीन आदि)।
- काइरल ड्रग्स की मिरर इमेज शरीर में अलग-अलग तरह कार्य करती हैं।
प्रमुख उदाहरण
- बिना चाइरल कार्बन वाले ऑप्टिकल आइसोमर: एलिन, बायफिनाइल, ट्रांस-साइक्लो-ऑक्टीन, हीलीसीन, स्पाइरो कमपाउंड्स।
- क्रोमोफोर (Chromophore) वह अणु का भाग है जो UV/Vis लाइट को अवशोषित करता है।
महत्वपूर्ण प्रश्न व उत्तर संक्षेप
- UV शिफ्ट: लाइट के अवशोषण के बाद वेवलेंथ में परिवर्तन (ब्लू शिफ्ट = कम वेवलेंथ, रेड शिफ्ट = ज्यादा वेवलेंथ)।
- IR के अनुप्रयोग: गुणवत्ता नियंत्रण, अनुसंधान, अज्ञात पदार्थ की पहचान।
- मॉलिक्यूलर वाइब्रेशन: स्ट्रेचिंग, बेंडिंग, वैगिंग, ट्विस्टिंग।
- इवन नंबर क्यूम्युलेटिव डबल बॉन्ड पर ऑप्टिकल, ऑड नंबर पर ज्यामितीय आइसोमर्स बनते हैं।
Key Terms & Definitions
- स्पेक्ट्रोस्कोपी — पदार्थ और विद्युतचुम्बकीय विकिरण की परस्पर क्रिया का अध्ययन।
- इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजिशन — इलेक्ट्रॉन का ऊर्जा स्त र बदलना।
- फिंगरप्रिंट रीजन — IR स्पेक्ट्रा का अनूठा भाग जो अणु की पहचान करता है।
- काइरलिटी — मिरर इमेज जो आपस में superimpose न हो सकें।
- क्रोमोफोर — अणु का भाग जो UV या विजिबल लाइट को absorb करता है।
Action Items / Next Steps
- PYQ में दिए गए कोई भी दो टॉपिक (UV शिफ्ट, IR अनुप्रयोग, मॉलिक्यूलर वाइब्रेशन) पर शॉर्ट नोट तैयार करें।
- Spectroscopy के रेंज व प्रमुख उदाहरणों को याद करें।
- अगले अध्याय के लिए Stereochemistry की परिभाषाएँ दोहराएँ।