स्पेक्ट्रोस्कोपी का परिचय

Jul 8, 2025

Overview

इस लेक्चर में हमने स्पेक्ट्रोस्कोपिक तकनीकों (UV, IR, NMR) व उनके सिद्धांत, ऑप्टिकल और ज्यामितीय समावयवता, तथा चाइरल ड्रग्स के बारे में चर्चा की।

स्पेक्ट्रोस्कोपी का परिचय

  • स्पेक्ट्रोस्कोपी वह अध्ययन है जिसमें पदार्थ व विद्युतचुंबकीय विकिरण के बीच अंतःक्रिया को मापा जाता है।
  • इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन में इलेक्ट्रिक व मैग्नेटिक फील्ड एक-दूसरे के लंबर रहती हैं।
  • दो प्रकार की स्पेक्ट्रोस्कोपी: एटॉमिक (परमाणु स्तर) और मोलेक्यूलर (अणु स्तर)।

UV स्पेक्ट्रोस्कोपी

  • यह तकनीक पदार्थ द्वारा अल्ट्रावायलेट या दृश्य प्रकाश के अवशोषण का अध्ययन करती है।
  • जब UV प्रकाश अणु पर पड़ती है, तो इलेक्ट्रॉन ऊँचे ऊर्जा स्तर में चले जाते हैं, जिसे इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजिशन कहते हैं।
  • केवल डबल बॉन्ड या कॉन्जुगेटेड सिस्टम वाले अणु UV लाइट को अवशोषित करते हैं।

IR स्पेक्ट्रोस्कोपी

  • IR स्पेक्ट्रोस्कोपी अणुओं में बंधनों के कंपन (vibration) का अध्ययन करती है।
  • अलग-अलग बंध अलग-अलग वेवलेंथ पर इन्फ्रारेड लाइट को अवशोषित करते हैं।
  • इसका स्पेक्ट्रम 'फिंगरप्रिंट' के समान होता है, जिससे अणु की पहचान होती है।
  • रेंज: 12500 cm⁻¹ से 100 cm⁻¹ तक।

NMR स्पेक्ट्रोस्कोपी

  • NMR (Nuclear Magnetic Resonance) अणु के संरचना अध्ययन हेतु शक्तिशाली उपकरण है।
  • इसमें न्यूक्लियस को मजबूत चुंबकीय क्षेत्र में रखकर रेडियो वेव्स भेजी जाती हैं।
  • हाइड्रोजन व कार्बन के परमाणु मुख्य रूप से अध्ययन किए जाते हैं।
  • NMR स्पेक्ट्रम विभिन्न पिक्स के रूप में जानकारी प्रस्तुत करता है।

ऑप्टिकल व ज्यामितीय समावयवता

  • ऑप्टिकल आइसोमेरिज्म: वे अणु जो एक–दूसरे की non-superimposable मिरर इमेज होते हैं (enantiomers)।
  • ज्यामितीय आइसोमेरिज्म: डबल बॉन्ड के कारण सम समूहों की स्थिति भिन्न (cis/trans) हो।
  • ऑप्टिकल आइसोमेरिज्म चाइरल कार्बन के बिना भी हो सकता है (जैसे एलिन्स, बायफिनाइल, हीलीसीन आदि)।
  • काइरल ड्रग्स की मिरर इमेज शरीर में अलग-अलग तरह कार्य करती हैं।

प्रमुख उदाहरण

  • बिना चाइरल कार्बन वाले ऑप्टिकल आइसोमर: एलिन, बायफिनाइल, ट्रांस-साइक्लो-ऑक्टीन, हीलीसीन, स्पाइरो कमपाउंड्स।
  • क्रोमोफोर (Chromophore) वह अणु का भाग है जो UV/Vis लाइट को अवशोषित करता है।

महत्वपूर्ण प्रश्न व उत्तर संक्षेप

  • UV शिफ्ट: लाइट के अवशोषण के बाद वेवलेंथ में परिवर्तन (ब्लू शिफ्ट = कम वेवलेंथ, रेड शिफ्ट = ज्यादा वेवलेंथ)।
  • IR के अनुप्रयोग: गुणवत्ता नियंत्रण, अनुसंधान, अज्ञात पदार्थ की पहचान।
  • मॉलिक्यूलर वाइब्रेशन: स्ट्रेचिंग, बेंडिंग, वैगिंग, ट्विस्टिंग।
  • इवन नंबर क्यूम्युलेटिव डबल बॉन्ड पर ऑप्टिकल, ऑड नंबर पर ज्यामितीय आइसोमर्स बनते हैं।

Key Terms & Definitions

  • स्पेक्ट्रोस्कोपी — पदार्थ और विद्युतचुम्बकीय विकिरण की परस्पर क्रिया का अध्ययन।
  • इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजिशन — इलेक्ट्रॉन का ऊर्जा स्तर बदलना।
  • फिंगरप्रिंट रीजन — IR स्पेक्ट्रा का अनूठा भाग जो अणु की पहचान करता है।
  • काइरलिटी — मिरर इमेज जो आपस में superimpose न हो सकें।
  • क्रोमोफोर — अणु का भाग जो UV या विजिबल लाइट को absorb करता है।

Action Items / Next Steps

  • PYQ में दिए गए कोई भी दो टॉपिक (UV शिफ्ट, IR अनुप्रयोग, मॉलिक्यूलर वाइब्रेशन) पर शॉर्ट नोट तैयार करें।
  • Spectroscopy के रेंज व प्रमुख उदाहरणों को याद करें।
  • अगले अध्याय के लिए Stereochemistry की परिभाषाएँ दोहराएँ।