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Diverse Perspectives on Poverty

कि हमारा आज टॉपिक है यह चैप्टर फाइव का ही पॉवर्टी एंड डिप्रीवेशन मल्टिपल पर्स्पेक्टिव देखेंगे और यह काफी बड़ा टॉपिक बन जाता है क्योंकि पेपर में बार-बार पूछा जाता है इसमें ज्यादा तरह जो चीजें पूछा जाता है यहां पर आप डिफरेंट करेंगे इंडियन पर्स्पेक्टिव डालने की उसके बाद एक पॉवर्टी पूछा जाता है उसके बारे में बात की है हमने एंड कि क्या वॉलेंटरी हो सकती पॉवर्टी में जानबूज के चुनू पॉवर्टी यह वाले टॉपिक कुछ लेती क्लिक करते पहले डिफाइन करते हैं और हर एक बिस हर एक चीज को मैंने बताया था कि डेफिनेशनल तरह से प्रिप और उसके बाद आसान हो जाता है आपका introduction लिखना, और अपने असान हो जाता है उसको criticize करना, सबसे पहले शुरुबात करो, कि सर जॉन सिंकलेर और एफ़ एडन ने, एक अठारवी सदी में, एटीन सेंचुरी में एक स्टडी की थी, और जब नई नई शहर बन रहे थे, Industrial Revolution चल रहा था, कि poverty social problem है, उसके पहले poverty को natural माना गया था, लेकिन उन्होंने देखा कि जैसे जैसे urbanization हो रही है, रहे हैं नहीं नहीं वहां पर गरीबी भी साथ-साथ में आ रही है सिलाम जा रहे हैं एंड ऑल तो वह सिस्टम सबसे पहले सर्वेट कोट करते होते हैं जॉन सिंक्लेर एफ़ेमीडियन का यह आप चैप्टर वान में पढ़ोगे एमर्जेंस ऑफ एक प्रूव कर दिया गया था तब आपकी बात में दम आ जाता है ओके देन पॉवर्टी को थोड़ा डिफाइन करते हैं कि components कुछ चीजें जो आपको चाहिए वह आपको नहीं मिलती अभी आगे इसको एक्सप्लेन करेंगे और बढ़ाते हैं एक ऑनलिट सेंस में पॉवर्टी का यूज वह बहुत ही नारो सेंस है एकॉनोमिक सेंस में ही बताया गया कि अगर आपको धन बात नहीं है तो आप पूर्व कहलाते हो पॉवर्टी आपके यहां पर ठीक है बट लेकिन ग्राज भी पता लग रहा है कि वाइटल सोर्स की बात हो रही है नॉट ओनली एजूकेशन नॉट एकॉनोमी तो वाइटल सोर्स की बात है तो यह दो तरह से सकती है रिलेटिव एंड अब थोड़ा हम जीएस पॉइंट से चल रहे हैं, ग्राजूरी देखना, थिंकर्स ही थिंकर्स हो जाएंगे हमारे पास, अब relative and absolute हो सकती है, इसका मतलब क्या हुआ, absolute का मतलब है कि रोटी कपड़ा मकानी नहीं है आपके पास, जो basic necessity हैं आपके पास, वो ही नहीं मिल रही है आप रिपेट टू देखते हो कि अगर आप लेट से अगर हो सकता है अमेरिकन सोसाइटी में सबके यहां गाड़ी है आपके पास गाड़ी नहीं है तो आप रिलेटिवली पूर्व इंडिया के परस्टेक्टिव में देखेंगे तो जिसको गाड़ी बहुत अमीर कहलाएगा लेकिन यूएस के पॉइंट व्यू से वह गरीब कहलाएगा तो रिलेटिव इस कि बाकी लोगों के लिए मोस्ट बाकी लोगों के परस्टेक्टिव देखेंगे ऐसी ऐसी चीजें जो बाकी सब लोगों के पास है मोस्ट पीपल इन सोसाइटी पोजेस बस आपके पास नहीं है वह ठीक है जी आप अब यहां पर डिबेट क्या है हमारा कि poverty social divisions या hierarchy की कारण होती है कि समाज का structure ऐसा है कि top class, middle class, lower class जो lower class में रह गया है और lower class का ही रह जाता है हमेशा उसके पास हमने पहले जैसे बात की थी एक basic idea था पेर बॉर्दू का कि culture of excellence नहीं होता lower class में तो वो हमेशा ही lower class रह जाते हैं तो कहते हैं कि poverty से poverty किसका result है hierarchies का या उल्टा कि hierarchies के कारण poverty, hierarchies के कारण poverty है या फिर poverty पॉवर्टी के गारण है तो यह मैटर आफ डिवेट रहता है हमेशा ही ओके आगे अब अमरतय सेंड का आईडीवी आता है मुल्टी डामेंशनल पॉवर्टी वह कैसे डिफाइन करते हैं कि पॉवर्टी की बहुत सारी डामेंशन है अगर आपके पास आएगा आपको पागल बनाकर चला जाएगा ठीक है इनफॉर्मेशन होना जैसे हम देखते हैं नए तरह के जो देश में हमारे गॉर्डमेन वगर आते रहते हैं वह भी इसी कारण से आते हैं क्योंकि लोगों के पास इनफॉर्मेशन ही होती कि एंड लॉट क्योंकि हेल्थ करना आपने एक आस्पेक्ट कहां जोड़ना है मेंटल वेल बिंग से कि अगर आपके पास अगर आपकी हेल्थ अच्छी नहीं है तो आपका दिमागी ग्रोथ नहीं हो पाती आड अकॉर्डिंग लिए आपके कॉग्नेटिव एबिलिटीज डेवल नहीं हो पाती आप यह जो एजुकेशन की बात हो रही है इंफोर्मेशन प्रोसेस करने की बात कि टेल एंड यह कॉग्निटिव एबिलिटीज हेल्थ से ही जुड़ी है सोशल कैपिटल सोशल कैपिटल वैसे रॉबर्ड पटनाम का आईडिया है लेकिन वहां पर इतना भी डिप में नहीं जा रहे सोशल कैपिटल मतलब आप सिंपल भाषा में समझो सोशल कैपिटल क्या हो कि आपकी बात पर कितना लोग विश्वास करते हैं या फिर आपके पास एक्सेस कितना नेटवर्क का जैसे अगर मैं बोलूं कि लेट्स ए अगर मैं वेल कनेक्टेड आदमी हूं और मैं अमीर हूं तो मेरा सोशल कैपिटल हाई हो जाता है जनरली तो यह मेरे को अग क्योंकि social capital हाई है, network कह सकते हैं, उसको basic crude शब्दों में कहें तो, ठीक है, तो अगर आपके बास social capital नहीं है, आपको अगर access नहीं मिल पाता, resources का, क्योंकि आपके जान पेचान network नहीं है, तो आप गरीब हो आज के एरा में, and then political power, political power में हमें कौन सी बात जानेंगे, ज़रूरी बात, कि आपकी आवाज कितनी सुनी जाती है, voice, voice की बात होगी, and multi-dimensional देखेंगे आप poor हो, और, इन टेंजिबल एसेट्स की बात हो रही इन टेंजिबल जो टेंजिबल एसेट्स क्या थे यह रोटी-कपड़ा-मकान वह नहीं है तब भी आप पूर्व अगर इन टेंजिबल एसेट्स असेट भी नहीं है आप पॉवर्टी कॉज हो रहेगा उससे कैसे आपको अगर उधार नहीं ले स तो आप अपना business plan कर सकते हो, आप और अमीर हो सकते हो, Karl Marx का यही idea था, Karl Marx यही कहते थे कि जिनके पास धन दौलत है वो और अमीर होते रहेंगे, जिनके पास नहीं है वो कभी factories वगरा लगा ही नहीं पाएंगे, accordingly वो गरीब रह जाएंगे, तो यही बात कर रहे हैं कि आपक प्रिट का एक्सेस नहीं है तो आप गरीब रह जाओगे तो इन सोशल कापिटल जब बात की समाज में आपके कितनी इज्जत है आपके बाद कोई कितना मानता है एंड एन कल्चल कापिटल सोशल कापिटल जनरली गरीब लोगों के पास नहीं होता क्योंकि हैं शायद कि जो बैंक वगैरह में जो जॉब करते हैं लोग जो लेट से लोग वगैरह डिपार्टमेंट काम करते हैं वह महंगी महंगी घड़ी बहनते हैं डॉल ताकि वह लगे कि वह बड़ा काम करते हैं जो कंपनी में आप जाकर आप जाकर देखना है कंपनी में जो फानास डिपार्टमेंट में लोग हैं जो पर्टिकुलर लीजिए बांक के साथ डिल करते हैं तो बांक में जाते हैं कंपनी के लोन मांगने कि हमें हमारी कंपनी को लोन चाहिए तो वह जनरली उनके पास महंगी घड़ी अच्छे कपड़े होते हैं ताकि लगे कि वह अमीर कंपनी से आया उनको लोन पास कराना असान हो जाए अगर वह फटे यह कपड़े बहन कर जाओगे आप तो लोन पास करवाना मुश्किल है कि सोशल का पेटर लोग जाता है वहां पर ओके कल्चरल कैपिटल कि आप जिस कल्चर से आते हो अकॉर्डिंग लिए आपको जज किया जाता है अगर लेट से आप बॉंबई से आ रहे हो और लेट से या फिर आप डेली या फिर मुंबई क्यों मैं बोल रहा हूं क्योंकि फिनांचल कैपिटल है वहां से आते हो आप को बोल लेटरल कैपिटल यहां पर जज करवा रहा है आपको कि आप किस तरह की कल्चर से आते हो ठीक है आगे पॉलिटिकल कैपिटल कि कितना पॉलिटिकल यह आप जोड़े हुए हो आपकी आवाज कितनी सुनी जाती है एंड एन ह्यूमन कैपिटल अच्छे वर्ड सिंपल वर्ड है अभी आगे हम नए थिंकर का नाम जोड़ते हैं ओके मैक्स वेबर क्या कहते हैं प्रोटेस्टेंट एक धरम है क्रिस्चानिटी का, क्रिस्चानिटी में जो सबसे जो स्टार्डर्ड क्रिस्चानिटी में लोग थे उनको कैथलिक कहा गया, कैथलिक लेकिन जो लोग थे उनसे किसी जो एक पर्टिकुलर तरह के गुरुप को प्रॉबलम हुई, जो कैथलिक ह आपको मैं बता रहा हूँ, हम उसको discuss करेंगे detail में, Max Weber ने एक theory दी थी, Protestant ethics ने किस तरहां से spirit of capitalism को, किस तरहां से capitalism को बढ़ावा दिया, वो कह रहा था कि बहुत सारे धरम हैं दुनिया में, लेकिन ऐसा देखा गया कि जो capitalism है, जो industrial revolution शुरू हुआ जब, तब capitalism and Protestantism में, सारे Protestant थे, तो इसने research करी क्या कोई तालू कात है, नहीं बता रहा कि जहां पर कैपिटलिजम को बड़ाबा मिलता हो तो उसने इसके कुछ पॉइंट्स निकाले इसके कुछ कैपिटलिजम के कुछ पॉइंट निकाले उसने वन टू वन कंपेयर किया उसने बताया यह तो बहुत ही ज़्यादा रिलेशन है कि प्रोटेस्टिनि तो वह जोड़ाइजम जूस वगैरह को कंपेयर करता है और फाइनली बोलता सिर्फ प्रोटेस्टेंट में ही था वह स्पेरिट जो कैपिटलिजम को ले जाएगा आगे तो वह किससे जोड़ता है कल्चर से मैं अपने बड़ कहते हैं कि कल्चर वाले मिकली अमीर नहीं होना अपनी होगी नहीं कभी ठीक है तो यह प्रोटेस्टेंट एथिक्स एंड स्पिरिट ऑफ कैपिटलिजम ने इसमें बताया आपने थिवरी पड़ी हुई है जो अगर में चिख रहे हैं तो थिवरी पड़ी है अगर आपने तो इसको इंप्लीमेंट करो यूज करो यहाँ पर और फिर उसके बाद बट यह इसकी बात चालेंज की गई एक एक टर्डी हुई ग्रेट स्मोकी माउंटेन चली चली चली चल कि अगर एकानोमिक ऑप्चुनिटी आएंगी तो लोग अमीर हो जाएंगे कल्चर से कोई इसका तालूखात नहीं है वेबर को काउंटर करता है यहां पर हम ग्रेड स्मोकी माउंटेन स्टेडी से ठीक है तो वह कहा अपने पास ऑसकर लोइस नाम के एक थेंकर हुए ऑसकर लोइस आखिर बोलते हैं इनका एक आईडिया है कल्चर पॉवर्टी वह कहते हैं कि एक आपका कल्चर ही ऐसा होता है सोसाइटी का जो पॉवर्टी को परपेशर पर्पेट्वेट करता है पॉवर्टी को चलाता रहता है कि आपका कल्चर करता है यह बड़ा से एग्जांपल लेते हैं इंडिया में भी बात की बहुत ज्यादा वह कहें कि पूर्व के पास ऐसा नहीं है कि सेटर से रिसोर्स नहीं है इसकी रिसोर्स नहीं है उनके पास क्या है पॉवर्टी परपेट्वेटिंग वैल्यू सिस्टम है तो वह जिस तरह से जीते हैं जो पूर्व वह इस तरह को वैल्यू सिस्टम वह जीने का ढंग ऐसा है कि पॉवर्टी चलती ही रहेगी कैसे वह बोलते हैं कि इसका बात है क्योंकि कि वर्ल्ड व्यूज़ व्यू जिस तरह से दुनिया को देखते हैं वह बहुत ही नेरो है आप इमाजिन करो लेट्स एक जो रिक्शा वाले जो एक लेट्स ए जो भाई होंगे हमारे और लेट्स ए माजिन करो एक कोई अमीर कोई आदमी तो वर्ल्ड व्यू कितना डिफरेंट जो बच्चे पैदा होंगे उनका वर्ल्डव्यू कितना डिफरेंट हो जाएगा ठीक है वर्ल्डव्यू डिफरेंट है अस्पीरेशन कितने डिफरेंट है एक सर रोटी कमाने में लगा हुए और वही उसमें बच्चे भी वही सीखते रहते हैं बस रोटी कमाना जिस सिंदगी का एक मकसद है और देन उसके बाद जो करेक्टर चिल्दर हूं ग्रो अपने वर्ल्डव्यू एंड एसपीरेशन कल्चर पॉवर्टी के आप एक्सप्लेट कर सकते हो कि यह इस तरह से कल्चर ही परपेचुएट होता रहता है गरीब गरीब ही रह जाता है ओके अब दो तीन इंपोर्टेंट प्रेस्टेक्टिव सबसे पहले मर्टन का जो मर्टन भी हमारे पार्ट ऑफ स्लेबर्स है मर्टन कंपेयर करते हैं रिलेटिव पॉवर्टी की बात करते हैं मर्टन मर्टन की स्टेडी है एक अमेरिकन सोल्डर्स है दोनों को सेम तनकखा मिलती है लेकिन अनमारिड मैरिड वालों को लगता है कि अनमारिड वाले ज्यादा अच्छा जैसे भी वालों के कंपारेजन में अच्छा टाइम करते हुए उनके पास उनको अपना पैसा भी किसी और पर खर्च करना नहीं बढ़ता अकॉर्डिंग लिए मर्टर ने बताया कि पॉवर्टी इसलिए हमेशा ही रिलेटिव ही होती है और रिलेशनल जो प्रतियां किसी के आप रिलेशन में देखते हो कि उसकी कंपारेजन में तो मैं थोड़ा गरीब हूं ठीक है इन मॉडर्न पॉवर्टी जनरली रिलेशनल आफ विच टॉक्स बॉट इन इस रेफरेंस ग्रुप थ्यूरी जो एक मैरिएड ग्रुप ने अन्मारिए� बात बताई ठीक है जी मैंने अन्मारिट सोल्डर्स आप करके लिख सकते हो अमेरिकन सोल्डर्स स्टडी ठीक है जी बिन मार्क्स मार्क्स आईडिया देता है पॉपर आईजेशन का पॉपर पॉपर किसको बोलते हैं गरीब को बिखारी को बिल्कुल बात की थोड़ी हम सडी करेंगे पॉपर आईजेशन की होता है तो मार्क्स बोलता है कि इंक्रीजिंगली मिस मैच हो रहा है इंक्रीजिंगली किस चीज का दो चीजों का लेबर है लेबर कोई इंसान मेहनत कर रहा है मेहनत करने की बाता एक तो एकानोमिक वैल्यू होती है कि इसके एक घंटा काम करने कितने मैसेज मिलेंगे आफ देना एक यूज वैल्यू होती है यूज वैल्यू मतलब कि इस पर्टिकुलर चीज का कितना यूज हो सकता है कि लेबर को मैंने एक घंटा काम करने सबसे और पर दिए लेकिन मेरा उसने एक हजार रुपए का काम कर दिया यूज वैल्यू थी एक हजार एकानोमिक यूज वैल्यू सिर्फ मैंने उसको कि जितना यह मिस्मैच बढ़ता रहेगा उतनी गरीबी बढ़ती रहेगी उतने उतना यह जो इंसान देखो मैंने तो नौसर पर जेम में डाल लिए मैं तो अमीर हो गया ठीक है मालों मैं कुछ टाइम बाद को सौख देना शुरू कर दो मस तो आई नाइंटी में जिम्मेन शुरू हो गए मैं कितना मेर बोलते हैं कि एक्सचेंज वैल्यू ऑफ लेवर लेवर एंड यूज वैल्यू ऑफ लेवर तो यूज वैल्यू तो बढ़ती तो जमान लो जाएगा इसलिए बोलता है कि अमीर अमीर हो जाएगा गरीब बहुत गरीब हो जाएगा पोलराइजेशन बोलता है वह पोलराइजेशन भी हो जाएगी ठीक है ऐसे बनाता है वह चार्ट कि टॉप पर सारे अमीर टॉप पर रहेंगे एंड सारे गरीब नीचे रह जाएंगे तो यह क्या बोलता है पर यह जो होंगे यह देविल भी लंपन लंपन प्रोलेटेरियट लंपन का मतलब जो अभी अगर जो पर फर्स्ट टाइम पढ़ रहें लंपन प्रोटो पूर्व यह बहुत अल्ट्रा गरीम है ओके अ फंक्शनल परस्पेक्टिव डालना हमने मॉर्टर बात कर दिमार्क फंक्शनल परस्पेक्टिव फंक्शनल वाले क्या बोलते हैं फंक्शनल वाले मैं आपको क्या बताया था एक विशेष में फंक्शनल वाले लोग आपके क्या बोलते हैं कि हर एक पॉवर्टी हटा देंगे तो जो मीनियल जॉब्स है या फिर लो पे वाली जो जॉब्स है वह कौन करेगा इसलिए बोते सोसाइटी में इसलिए इसलिए इनिकॉलिटी को एंडॉर्स करते हैं जी कोई रीजन है इसलिए एक्सेस्ट करती है अदरवाइस सोसाइटी में अभी गरीबी ना होती एंड इसको सोशल निसेसिटी बोलकर वह कह देते हैं जस्टिफाई कर देते हैं तो फंक्शनल इफेक्टिव वाले अब पॉवर्टी में जनरली क्या क्या आएगा आपने दो बातें पक्का ही पक्का लिखने पॉवर्टी क्या लीर हो जाएंगे आप देने मोबिलिटी की कमी मोबिलिटी का मतलब कि आप इसको escape कर सकते हो कि नहीं, अगर escape कर सकते हो अपनी poverty को, तो हम बोलेंगे कि system बड़ा mobile है, कि आपको mobility provide करता है, अगर आप escape नहीं कर सकते हो, तो system की mobility को हम बोलते हैं नहीं है, exist नहीं करती है, तो वह कहा रहा है, अगर जो सबसे अपने सुसाइटीज हैं, अपने का मतलब क्या है, जहां पर mobility बहुत high है, जहां पर high mobility है, जहां पर escape करने के chances बहुत high है, वह कहा रहा है, अगर उन सुसाइटीज में भी देखा गया कि mobility कई बार challenge हो जाती है, जो गरीब है, वो escape नहीं कर तो हम इसलिए वे पर्स्टेपिट देखेंगे आज फिर मिनट इशन की यह डाइन यह डायन डियान आफ नोएडिया है प्रोडक्ट प्रोडक्ट प्रोडक्ट प्रोडक्ट मान लो मैं सौ गरीब अगर दुनिया में सौ लोग है जो जिनको मैं गरीब मानता हूं उसमें देखा जाए तो और तें ज्यादा होंगी मैंन से ठीक है तो दाट इस फेमिनाइजेशन की पॉवर्टी में भी और तो की संक्या ज्यादा हो गई है ठीक है आगे यह बोलते कि सिर्फ ऐसा नहीं है कि सिर्फ इंकम की कमी है उसके करण ऐसा हो रहा है नो वह बोलते टिकरी स्किल्स नहीं दिए गए आप जेंडर बायर्स भी है सोसाइटी में एक टो जेंडर बायर्स भी है सोसाइटी में एक्सिस करते हैं कि जेंडर बायर्स का मतलब क्या हुआ जेंडर की आप भेदभाव करते हो कि लड़का है यह लड़की है लड़की को सैलरी कम मिलती है लड़की को आपने टॉप की पोजीशन पर भी जाने नहीं दिया अब इसको आगे मैं आपको दो तीन अच्छे वर्ड बताऊंगा आप जगह जगह ड्रॉफ कर सकते हो ठीक है तो पहला वर्ड जो फेमिनाइजर पॉवर्टी वह बोलते हैं कि ना कि जो हमने पीछे भी वर्ड देखा भी कि ऑप्ट्यूनिटीज नहीं मिलती वहां पर आपने दो तीन वर्ड में आपको बता रहा हूं कि एक तो वह बोलती है कि ग्लास सीलिंग एक्जिस्ट करती है अपने वर्ड पहले अगर सुना होगा ग्लास सीलिंग का मतलब क्यों होता है कि आप हद से हद के देखा जाए मान लो कि अगर एक कंपनी लेवर नीचे आकर रुक जाएगी कभी वो ऊपर तक नहीं जा पाएगी आज इफ जैसे ऊपर बढ़ रही है वो रैंक में यह टॉप पोजीशन थी बस कहते हैं यहां पर आकर कहीं पर ऐसे रुक जाएगी बस वो इसके ऊपर जाने पाएगी वो तब भी आप उगलियों पर गिन सकते हो कि आप नाम लेते हो इंदरानूई है लेट से आईसी आईसी आईसी आई बैंक की शिखा शर्मा थी एक चंदा कोचर एंड आल यू के नुई पॉइंट देम ऑन यू फिंगर्स इतनी हजारों कंपनी है लेकिन गिनके आप सिर्फ कितनी बात करत जो चाहिए तो यह बोलते हैं कि कोई शीषे की कोई ऊपर चट्टा जिसके ऊपर जा ही नहीं पा रही और तें यह चट्ट रोकर चेंग ऊपर जाने से ग्लास सीलिंग दिखती नहीं है लेकिन एक्जेस्ट करती है वह बहुत ही अच्छा वर्ड अच्छा अंदिन उसक उसके बाद एक नई जो चीज आ रही है, वो बोल रहे हैं, Pink Collarization, कि Jobs में Pink Collarization हो रही है, Pink Collarization का मतलब क्या हुआ, कि आपको यह पता है, White Collar Jobs नाम की कोई चीज होती है, White Collar कौन सी होती है, जो अच्छी Jobs होती है, जैसे जिसमें AC के कमरें बैठो, Manager की Job, ठीक है दी, या फिर Administ चलाना है पसीना बहाना है उनको ब्लू कॉलर जॉब्स कहा गया फैक्टरी वाली जॉब्स अब कैसे नई तरह के जॉब्स आ रही हैं पिंक कॉलर जॉब्स पिंक कॉलर जॉब्स कौन सी है जो रिजर्व कर दी गई है जो औरतों के लिए औरतों के लिए रिजर्व कर दी गई है फॉर एग्जांपल जैसे पिंक कॉलर जॉब्स का मतलब क्या हो और दो आस्पेक्ट इनके स्टेटस लो एंड एक वेजेस लो लो स्टेटस लो वेजेस या लो सालरी ठीक है लो से टस लो सालरी वाली जॉब्स को पिंक के टीचर प्राइमरी टीचर्स नानी यह सब लड़कियों के लिए जॉब रिजर्व कर दी गई है इसमें इसमें मैंन पार्टिसिपेट नहीं करते क्योंकि इसमें यह एक तो स्टेटस कमेंट का एंड सैलरी कमेंट की यह इसको इसलिए पिंक कॉलर जॉब्स कहा गया ठीक है आप यह दो फ्रंस मेंचन करो तो फेमिनाइजेशन आफ पॉवर्टी को काफी हद तक आप एक्सप् अब इसके reasons देखते हैं हम इनके words के एलाबा पहला, labor market inequality, ठीक है जी कि labor market में औरतों को और men को equal compare नहीं किया गया and then income की कमी, औरतों को salary ही नहीं मिलती बहुत बहुत जगहों पर इंकम मिलती है तो इसमें गैप है देखा भी हमने इंकम में गैप है सेम सैलरी आप वरकर लेबर इंप्लोइ करते हो उसमें अगर फीमिल लेबर इंप्लोइ करी है फीमिल लेबर को सैलरी कम मिलती है या फिर जो डेली वेज कम मिलती है कंपेर्ट टू मेन आण्ड अब जो अब बढ़ रही है तो मैं दे माइग्रेट मैं चले जाते हैं और सिंगल विमेन हाउस होल्ड सिंगल वुमन हाउस होल्ड पीछे रह जाता है ठीक है तो बचारी और अकेले पीछे रहते रहती हैं उसको सारा कुजारा करना पड़ता है तो इस ठीक है तो फिजिकल रिस्पॉंसिबिलिटी और एक बच्चों की फिस्कल रिस्पॉंसिबिलिटी की बच्चों की खर्चे-खुर्चे मैनेज करना मम्मी पर डाल दिया गया ठीक है थी सिंगल वुमन हाउसफॉल्ड पर हाउसफॉल्ड पर आप यह बैलों को लिख सकते हो कि चिल्डरन की फिजिकल आंड फिस्कल दोनों रिस्पॉंसिबिलिटी और पर आ गई है तो इस है तो उसके बाद पब्लिक सर्विस जो सरकार जो सर्विस दे रही है उसको उसको अवेल करने में भी देखा गया उसको अवेल करने में भी इनिकॉलिटी है कैसे और तो को और तो को वह इल ट्रीट करते हैं जो ऑफिसर्स जैसे आप इमेजिन करो कि पीडीएस शॉप है जो जहां राशन मिलेगा राशन वाली शॉप में एक एक नहीं है हेल्थ केयर सर्विस नहीं पहुंचती है उन तक औरतों की के पास औरतों की एक और बात हम आगे पढ़ेंगे अभी जो रिटा वॉल्ड सोहन का आईडिया है कि औरतों की स्पेशल हेल्थ केयर नीड्स भी है और आड्यू कि देखो आप इमेजिन है कि औरतों के पास मेंस्ट्रूअल जो साइकल हर 28 डेज में आएगा या आएगा आंड अकॉर्डिंग जो से बीमारीयां हो रही है जो और तो कि जो इसलिए हेल्थ केयर रिक्वायरमेंट्स ज्यादा है इस कारण से इंक्रीजिंगली और तो यह चर्चे बढ़ जाता है एंड देविकम पूर्व ओके एंड देन पॉलिटिकल इसके लिए उनकी को पार्टिसिबेशन नहीं है पॉलिसी में पार्टिसिबेशन नहीं कर पाओगे अगर आप तो इंक्रीजिंगली पॉलिसी पॉलिसी में अभी भी नहीं निजर आता और उसके गारण सिंगल पेरेंट हुड आ रहा है सिंगल पेरेंट हुड के गारण यही वाली दो बात हैं, बच्चों की physical and fiscal responsibility बढ़ रही है, यह हमारी Anthony Giddens करके book है, Anthony Giddens में point दिखा हुआ है वाला, कि single parenthood के कारण increasingly UK में देखा गया कि औरतें ज़्यादा गरीब हो रही हैं और फिर, लीगल और कल्चरल रिस्ट्रेंट्स, लीगल रिस्ट्रेंट्स, अभी बहुत रीसेंटली भारत सरकार ने लॉपास किये, जहां नाइट शिफ्ट में कहीं कहीं जगा पर, कहीं सी किसी जगा पर औरतों को अलाउ किया गया, उसके पहले लीगल कंस्ट्रेंट था नाइट शिफ्ट में बहुत सारी फैक्टरीज में और तो को इंप्लॉय ही नहीं कर सकते थे आप क्योंकि ऐसा क्यों माना गया देखो अगेंड कितनी पेट्री आकर सुसाइटी है कि और तो कि रात को एक बच्चे को मां की जरूरत है तो पास किया जो मेटरनिटी बिल में हमने हमने मम्मी को छुट्टी दिए छह महीने की जितने छह हफ्ते छह महीने जितने नहीं तो फादर के लिए भी होनी चाहिए थी परली इक्वल अभी आपने देखाओगा मार्क सकरबर्ग उसने छुट्टी लिया 6 मीने की अपने बच्चों को बच्चे को पालने के लिए तो यह इक्वालिटी के थोड़े-थोड़े सिंपल्स आएंगे और इन नया टॉपिक है हमारे पास यह रिटा वॉल्ड्स ऑन का आईडिया है वह करें विमेन है यूनिक हेल्थकेयर प्रॉब्लम पॉलिम्स तो इसका रंग से इनकी हायर कॉस्ट अफेल्ट हो जाती है फेमोनॉमिक्स कम अपने आपकी आता है कि और तो पर फोकस्ट एकॉनोमी जिसको जो बताए कि और तेरा गरीब क्यों होती है ठीक है डिफिकल एंड फिजिकल रिस्पॉंसिबिलिटी और चिल्डर बच्चों की ठीक है और एडुकेशन नहीं होती इनके पास इसका मतलब मनी मैनेजिंग कैपिबिलिटी कम हो जाती है यह ऐसा आप घर से अपना कंप्यूम करना कि घर में सारे पैसे मम्मी संभालते हैं नहीं ऐसा नहीं चार पचा भी लिए इंक्रीजिंग आप देखोगी और तें अपने पैसे क्या पर्स में बंद करके रुमाल में बांध के कहीं अंदर देती हैं दाट सेट ऐसा नहीं है कि जाकर बैंक में जमा करें वह वाली मनी मैचिंग मैनेजिंग कैपिबिलिटीज वह पूर्व जाती है तो पैसा ग्रो नहीं करेगा तो हाउ विल टैकल इनफ्लेशन तो अकॉर्डिंग लिए यह वाली इंडिया में तो काफी ज्यादा लो है एंड विडो होट बढ़ रहा है विडो बढ़ने के रीजन इन बहुत ही historical है, लेकिन यह ऐसा नहीं है कि आज कल widowhood बुटना शुरू हो गए, widowhood historical है, widowhood क्यों बढ़ता है, क्योंकि अगर आप average life देखो, अगर मानलो आज के दिन एक आजमी पैदा हो और एक औरत, तो औरत will outlive, average देखें तो औरत will outlive the man, ठीक है जी, average age अभी भी औरतों की 3, है तो इस कारण से जो वाइफ है वह काफी हाई चांस है कि विडो बनेगी बनेगी वाइफ विकंब विडो इसलिए विडो हो तो हमेशा से रहा है यह सोशल अब लेकिन इंडिया जैसे जगह में क्या हुआ कि विडो होना पाप हो गया आप देखो जैसे कौन से बनारस में ब्रिंदाबन में बहुत सारे जगह में ऐसा है जहां विडो आश्रम बनाए हुए बहुत सारे इंडिया में विडो होना एक पाप समझा गया आप इमेजिन विडो हुड में पहले ही और तो के इसके बाद समाज ने भी उनको बहुत बहुत कर दिया यहां पर उन पर ब्लो हुआ और इंक्रीजिंगली विडियो सब अल्ट्रा पूर कैटेगरी बनकर निकलती हैं इंडिया में विमेन में ठीक है आगे लाइफ एक्सपेक्टेंसी यहां लाइट खराब हो जाती है कैसे अब सिंपल इमाजिन करो कि अभी लातूर में पिक्चर जा रही थी एक दो साल पहले राशुर में बहुत भयंकर सुखा पड़ा और वह सुखा पड़ा उसके करण क्या हुआ कि पानी लाने की रिस्पॉंसिबिलिटी पापा की मम्मी की तो पानी लेने जो पहले जाना पड़ता है कि लोगों को अब जाना पड़ रहा है 568 किलोमेटर और वह जो एक्स्ट जो इसका हम तो से पानी लेकर आना लेकिन कितना टाइम जा रहा है कौन करेगा इसके साथ और जो उनकी डॉटर या बेटा ना बेटा नहीं जाता या पापा नहीं जाते आप सिंपल इस देश तो एंवार्मेंट जब शुरू हुई थी तो उनको प्यार पेड़ों से ऐसा नहीं है चिपको मुमेंट को एक फेमिनिजम चिपको मुमेंट इस एंड एंड एजांपल ऑफ इको फेमिनिजम इसका मतलब क्या हुआ कि भी फ्यूल वूड फ्यूल वूड अगर यह पेड़ काटकर साइड कर दिए गए तो और तो बगल खाना बनाना है तो वो खाना कैसे बनाएं कहां से आएगी? तो वो और तो का को लाइबली हुड बचाने के लिए अपनी जिंदगी चलाने के लिए वह पेड़ से चिपक गई थी क्योंकि यह फ्यूल वूट से जुड़ी हुई कहानी उसके बाद ग्राजुली मूमेंट फैलती गई अपिको मूमेंट आती है करनाटका में वगैरह तो अब सुनवाद कहां पर है वह सारी के सारी फेमिनिजम में ठीक है इन्वायमेंटल जब भी डिग्रेड होगा और तो नुकसान एक स्मोकलेस चूला पर बहुत ही अच्छा एक्सांपल है वहां पर चूले में तो फ्यूल की खपत बढ़ जाती थी और तो कि भी हेल्थ बहुत हुआ है तो हुआ कि उसके बाद कि स्मोकलेट चूला एंड्रेडूस किया गया स्मोकलेट चूला से क्या होता है कि उस लंबी चिमनी होती है और वह स्मोक को बाहर निकाल देता है एंड जो लकड़ है जो भी है अंदर वह अराम से अलजलती है इसकी कारण हु बचना शुरू हुआ उसके बाद धुआ बाहर निकल जाता है स्मोक घर में स्मोक नहीं है तो देखा गया हेल्थ इंडिकेटर्स इंप्रूव न शुरू हो गए आंड देखो इसका आउटकम क्या हुआ कितने सोचा नहीं गया था ऐसा होगा लेकिन हुआ क्या जहां स्मोकले चूला लगाया गया वहां पर और तो का एजुकेशनल लेवल रापिडली राइज हो गया हेल्थ बेटर हुई टाइम से रोका और तो को डायरेक्ट इंपैक्ट दिखता है और तें की हालात बेटर हो जाती है ठीक है तो एक फेमिनाइजेशन की बात करनी है अपनी आप पर आंचिपको मूवमेंट के बारे में बात कर दो यहां पर स्मोकला चुला की बात कर दो आपका अंसर बहुत दमदार हो जाएगा ठीक है री एंड देन सोशलाइजेशन चैलेंस लास्ट हमारे पास ही है कि और तो प्रचर्चर इंडिया ए दो होजार दस या ग्यारा की बात है और उन्होंने देट राइड स्पेंडिंग लाइफ आफ अस वह इनिशियल तो कहते हुए वह उनको समझ नहीं है क्या करें कि देन लेटली बाइट टाइम देवर इंटू द स्टेडी वह स्लम ड्वेलर की जिन्दगी जीना शुरू कि उन्होंने दसी वह ग्यारमें दिन पहुंचे कहते सारा का सारा दिन से वह पर पास दिमाग में सब एक ही की चीज क्या चलती थी कि शाम का खाना कैसे खाएंगे खाना कैसे खाएंगे का आपको दिमाजिन करो कि आप जब घर जाते हो यह आपको घर में अभी कोई टेंशन है किसी को कि भी शाम का खाना कहां से आएगा अगर आपको एजुकेशन यह नहीं कर सकते तो इसलिए अगर जैसे अगर हमारी भारत सरकार ने जैसे ही जब नाशनल फूड सेक्यूरिटी आक्ट लागू किया इसके तहट सस्ता आनाज मिलेगा तो बहुत लोगों ने क्रिटसाइज किया इससे लोग हमारे देश की जनता सुस्त हो रहे आपके घर में जब हम अब नहीं बात करें हमारे घर में हमें खाना अशूड है पेरेंट्स ने कमा के रखा हुए तो क्या हम सुस्त हो गए हम राधर हम और एमबीशियस हो गए हमने खाने की चिंता छोड़कर हायर ओर्डर नीड्स की बात करी कि हमें और अपने अपने को कैस गवर्नमेंट सर्विसेस पर जो कंस्ट्रेंट लगा हुआ है गरीब एक्सेस नहीं कर पाता गवर्नमेंट सर्विसेस की और उसको वहां पर समान नहीं मिल पाता उस पर एक्सेस पर थोड़ा कंस्ट्रेंट कम किया रहा है तो जैसे पॉलिटिकल करप्शन टैक्स एवन क्यों आता है कि जो आपने पैसा ऐसे जगह ट्रांसवर कर दिया जहां पर फॉरन किसी ऐसी नहीं आता तो हमें टेंशन होती है तो फुकुयामा को कोट करेंगे यहां पर लिखा हुआ है फुकुयामा को तक फुकुयामा क्या बोलता है कि टाक्स जब यूज होता नजर नहीं आएगा लोग टाक्स पर पे करना बंद कर देंगे फुकुयामा पर इस की स्टेट कपासिटी इंक्रीज करने की जरूरत है कि स्टेट पहले अपनी कपासिटी बिल्ड करें कि अगर कल चार जाते हैं ट्रांसफर मिस्प्राइसिंग यह सब छोटे-छोटे पॉइंट्स है लेकिन आपके अंसर बहुत चाहिए बना सकते हैं डेवलॉपिंग कंट्री डेट में ही डूबी रहती है और उसके बाद जहां से पैसा आता है डेवलॉपिंग कंट्री के लिए है अगर हम कंडीशन आलिटी वगैरह हटा दें तो पॉवर्टी खत्म हो सकती है ऐसा हमारे पास रिसर्च कहती है आगे रिवर्सिंग ब्रेड भी ब्रेन ब्रेन को वापस लाए रहे हैं कोई ट्रेन ट्रेन चलाई जाए जिसको ब्रेन ट्रेन कहा जाए ठीक है वह ट्रेन वापस लेकर लोगों को ठीक है बहुत काम करना पड़ेगा लेकिन तो आईडिया है मारे पास ठीक है ओवर पॉपॉलेशन रोकी जाए हमको जीए स्वामा लिखा हुआ पड़ सकते हैं उसको राम हो जाकर अगर किताब आपके पास तो ठीक है और उसके बाद मिनिमम इंकम गैरंटी प्रेंटर नहीं इतनी तो मुझे इंकम मिलेगी मिलेगी बाकी मेरा खाना चलता रहेगा सोचल सेक्योरियोटी वेलफेयर ठीक है पॉइंट अच्छे हमारे पास एंड लास्ट पॉइंट बिजनेस ऑफ पॉवर्टी जो हम यहां स्लीपी क्लासेस में करने की चाहिए कर रहे हैं कि अगर हम लोग कॉस्ट में गुड क्वालिटी प्रोडक्ट दे सकते हैं तो हमारे पास इन फाइन नाइट जी हाइदरबाद अपने सीके परलाद ने उसको इस्टाब्लिश करने में मदद की थी चलो कि तीनी पजा नहीं यह में बढ़ाते थे हमें तो सीके परलाद ने आईडिया था बिजनेस ऑफ पॉवर्टी कि आप ऐसी आईडिया जो पूर को को लाइवलीहुड बेटर यह बहुत सारे ठीक है तो यह पिरामित के दौरान देखो पिरामित का यह बॉटम है यह बॉटम बहुत ही बड़ा है, तो बहुत चोटा सा है, पिरामिड का बॉटम देखो, आप इसको बोलता है, fortune is at the bottom of पिरामिड, ठीक है डी, तो idea of business serving the world's poorest 4 billion or so people has been popular since C.K. Parlahat introduced the idea through in his book fortune at the bottom of पिरामिड के बॉटम में ही खजाना शुपा हुआ है, उसके लिए कुछ करो and you will become rich and you will take care of poor as well, अब last topic, voluntary poverty, क्या कोई poverty जान बुच के भी चूज करता है, हाँ जी कर सकते हैं, ठीक है री, क्योंकि क्यों कर सकते हैं, religious कारणों के लिए, ठीक है री, spiritual, moral, intellectual, बहुत सारे, यह देखते हो काल माक्स इतना पढ़ा लिखा अदमी, कैसे गरीबों को जिंदगी मरा हुआ, ठीक है, क्योंकि voluntary, he chose to be like that, अन्ना हजारे, कोई पैसे की कमी तो नहीं हो सकती न, कि पैसे की कमी है, ओके, आगे, यहाँ पर, इसको renunciation बोलते हैं न, कि छोड़ दिया आपने सारे के सारे मोहमाया, Buddhism, Jainism, Catholicism, सब में है, यह प्राइसम है, प्राक्टिस और लास्ट में हम बोलेंगे इसको कहते हैं सेल्फ इनवाइटेड पॉवर्टी कहते हैं लेकिन हमारे जो अभी पोप हैं जो पोप फ्रांसेस उसके पहले पोप थे बेनेडिक्ट तो उसको कोट किया हमने पोप बेनेडिक्ट 16 ने बोला डिफरेंशेट करना ज आता है इस गरीबी से तो पॉवर टू टू फॉर्ट इसके बीच में इससे हमें जंग लड़नी है और इसको हराना है आप सब यूपीएस क्रैक करेंगे जब आइएस बन जाएंगे तो आप प्लीज इस बात को भूलना मत दाट दे रहा लॉट आफ पूर्ड लुकिंग फॉर्वर्ड टू इंडिया अभी भी एक डेवलपिंग नेशन है एंड डेवलपिंग नेशन में बहुत सारे हमारे देश में गरीब है तो स्टेट का रोल तो बहुत ज्यादा हाई है हमारे देश में तो आप इनको अबेंडन मत करना इनके किसको होना चाहिए, poor को, because वो खुद अपनी मदद अभी नहीं कर सकते, आपको उनकी थोड़ी मदद करनी है, ठीक है जी, तो यह था आपने पास आज का lecture, बाकि stay tuned and keep donating, बहुत सारे लोग donate कर रहे हैं, I am thankful to you all.