Hello everyone, आज के English Literature के इस वीडियो में हम लोग डिस्कस करेंगे Literary Criticism के बारे में इससे पहले हम लोगों ने Literary Theory को डिस्कस किया था अब काफी सारे कैंडिज्जेस को लगता होगा कि Literary Criticism या फिर Literary Theory दोनों में आपस में बहुत जादा relation है जी हाँ relation तो है बट Literary Criticism और Literary Theory दोनों में बहुत जादा difference भी है तो ये differences के बारे में बात हम लोग किसी आगे के वीडियो में डिस्कस करेंगे literary criticism के बारे में है, तो इस video को start कर इससे पहले, मैं आपको बता देता हूँ कि, जो students, जो candidates, UGC net की preparation कर रहे हैं, set exam की preparation कर रहे हैं, या फिर gate exam की preparation कर रहे हैं, या फिर TGT, PGT, जो की KVS, DSSB, EMRS, NVS, या फिर state level के English teacher की preparation कर रहे हैं, assistant professor की preparation कर रहे हैं through state PSC, तो उस सभी candidates के लिए ये video बहुत helpful होने जा रहा है, इस video को आप end तक देखियेगा, और अगर अभी तक आपने इस channel को subscribe नहीं किया है subscribe इस channel like this video and share this video तो आज के इस video में हम लोग जो जिन questions को आपको बताएंगे जो highlight करेंगे उनमें सबसे पहले है what is literary criticism ये literary criticism क्या होता है then what is the importance of literary criticism ये क्यों ज़रूरी है literary criticism then what are the characteristic of literary criticism and what is the relationship between the two लेक्ट्रेचर एंग वाट आर द इंपोर्टेंट टाइप्स आफ लेक्ट्रेचर एंग तो इनको मैं आपको डिस्कस करूंगा इस वीडियो को आप एंग तक देखते रहिएगा तो सबसे पहले हमारा जो कोशिशन आता है वाट इस लेक्ट्रेचर एं कि literary criticism is the practical application of the literary theory or the methods to particular work of literature यानि literary criticism जो है literary theory का practical application है तो literary theory अब आपने literary theory के बारे में अगर आपको नहीं पता है तो उस वीडियो के description में मैंने literary theory का वीडियो link कर दिया है उसको आप लाके देख लीजियेगा तो literary criticism जो है लिटरी थिओरी का प्रैक्टिकल एप्लिकेशन है तो लिटरी थिओरी जो है वो थिओरी है यानि वहाँ पर हम लोग कॉनसेप्स को डबलब करते हैं मैथेट्स डिसकस करते हैं आइडियस डिसकस करते हैं बट जब बात आती है प्रैक्टिकल की तो हम लोग जो है लिटरी क् आप कार्यक्टिस्टिक है फीचर से लिटरी क्रिटिजिजम के वह मैं अभी आपको आगे बताऊंगा तो एक्ट्रल यूज ऑफ द ना फर्ट टू अंडर्स्टेंड द एक्ट्रल रियल टेक्स्ट मीनिंग इज वॉट वी कॉल एज अ लिटरी क्रिटिजिजिजम तो जब भी हम लोग जो है जो लिटरी थ्यूरी के जो मैथड्स है उनको एंप्लीमेंट करते हुए जब अपने लिटरीचर के एक्जेक्ट मीनिंग की बात करते हैं उसको जब हम लोग एनलिसिस करते हैं उस टेक्स्ट को पढ़ते हैं उसी method को हम लोग जो है literary criticism कहते हैं और जो ये literary criticism जो करता है मतलब जो उसको text को पढ़ता है और literature को उसे हम लोग critiques कहते हैं और जो process है उसे हम लोग जो है literary criticism कहते हैं अब इसमें आगे आता है कि literary criticism is the study, analysis, evaluation and the interpretation of the literature तो criticism के अंदर जो process आती है वो आपको उस literature को study करना होता है उसे analysis करना होता है उसे evaluation करना होता है और उसको interpretation करना होता है उस literature का अब literature क्या हो सकता है literature आपका novel हो सकता है literature आपका short story हो सकता है literature आपका drama हो सकता है literature maybe your piece of articles also so literature जो है उसकी जो वो जो काफी wide है so literary criticism is the study analysis evaluation and the interpretation of the real literature अब बात आती है कि जो literary criticism का जो work है इसके अंदर हम लोग जो है किसी भी person का वो work जो है वो कुछ भी हो सकता है वो person जो है वो author होगा तो literary criticism जो है दूसरे के work को judge करने के तरीके को हम लोग जो है literary criticism कहते हैं ये बहुत brief में मैंने इसका literary तो literally criticism को generally हम लोग जो है essay के format में, book के format में publish करते हैं, या फिर जो है इनको magazine के अंदर articles के लिए, अंदर, न्यूसपेपर के अंदर जो है, इनको हम लोग जो है, पब्लिश कराते हैं, तो आपने देखा होगा कि जब भी कोई बुक जो है, लॉंच होती है, मार्केट के अंदर, तो उसके बारे में काफी सारे लोग जो है, रिव्यू करते हैं, तो रिलेक्टरी क्रिटिसिज रिव्यू तो लेक्ट्रिचर क्रिटिजम जो है लेक्ट्रिट क्रिटिजम जो है आप इसको लेक्ट्रिचर रिव्यू भी कह सकते हैं या फिर बुक रिव्यू भी कह सकते हैं अब लेक्ट्रिट क्रिटिजम का जो हिस्ट्री है वो बहुत ओल्ड हिस्ट्री है जो कि प्लैक् human origin हुआ है तब से जो है हम लोग literature को कहीं न कहीं किसी format में पढ़ते हुए आ रहे हैं then इसी में आता है कि जब भी हम लोग जो है किसी भी person के work को evaluate करते हैं अब वो work का जो evaluation है वो किस format में हो सकता है उसकी literature की aesthetic value यानि उस literature का जो value है वो क्या है then उस literature का जो historical, cultural, social significance है उसके work का उसका कह सकते हैं तो उस लिटरेचर के अंदर किस तरह की भाषा, use of language, या फिर किस तरह के work को insight किया गया, यानि उस work का deep meaning क्या है, उस work के अंदर क्या लिखा गया है, real text क्या है, उसको जब हम लोग analysis करते हैं, तो हम लोग जो हैं, उसे literary criticism के concept में, literary criticism के अंदर रखते हैं. Then, अब बात आती है, what is the importance of literary criticism? अब ये जो literary criticism है, इसका क्या meaning है, इसका क्या importance है, यह हम लोग देखते हैं, तो literary criticism की अगर हम लोग importance की बात करें, तो literary criticism का जो concept है, इसका मतलब आप कह सकते हैं, कि जब भी हम लोग किसी के literature को study करते हैं, या फिर किसी भी work, किसी भी topic के बारे में research करते हैं, तो यह जब भी research, reading, writing work of literary criticism है, तो literary criticism की बात करते हैं, और judgment के बारे में judgment करते हैं, लिट्रेचर तो जब हम लोग जो है लिट्रेचर को स्टडी करते हैं अब लिट्रेचर को स्टडी हम लोग जो है वो काफी तरीके से कर सकते हैं काफी मेथड से कर सकते हैं उसके लिए हम लोग आगे के किसी वीडियो में देखेंगे बट लिट्रेचर जो है उसका हमारा जो प्रोसेस को फॉलो कर रहे हैं, क्या कर रहे हैं, उस लिटरिचर क्रिटिजम को फॉलो कर रहे हैं, तो यहाँ पर जो है, हम लोग जो एक तरह से बोला जाए, कि कभी जो लिटरिचर क्रिटिजम जो है, एक वर्क को समझने के लिए, किसी भी वर्क को समझने के लिए, अब वर लिटरी क्रिटिजम कहते हैं और यह इसका importance है और लिटरी क्रिटिजम जो है किसी भी idea को किसी भी idea को यानि उस idea को जो literature के अंदर use हुआ है उस idea को different point of view से परखने के लिए समझने के लिए जो है लिटरी क्रिटिजम जो है वो implement होता है और यही जो है उसका सबसे बड़ा importance है इस दुनिया में आया है उस वाके में उस लिटेरेचर को पढ़ना चाहिए या नहीं चाहिए कहीं ऐसा तो नहीं है वो एक क्रैप है एक सिंपल क्रैप है वो जब कुछ नहीं है कि वन आउथर ने अपनी बातों को दूसरी की बातों से एक तरह से इंस्पायर होकर इस नॉव literary criticism जो है इस process को बताता है तो literary criticism जो है एक complete process है literary criticism जो है एक process है और उस process को करने वाला जो person है उससे हम लोग क्या कहते हैं उससे हम लोग जो है critics कहते हैं उससे critics कहते हैं then what are the characteristic or the feature of literary criticism ये feature क्या है literary criticism के क्या characteristic है जब देख लेते हैं तो जैसा कि मैंने बताया लिटरी क्रिटिजम जो है एक तरह की opinion है एक review है review opinion करने वाले को हम लोग critics करते हैं अब वो जो review और critics करेगा अपनी opinion देगा वो अपने evidence देगा वो अपने जो भी बातों को रखेगा उसका evidence देगा अब वो evidence किसके लिए देगा, किसके संधर्मे देगा, किसको relate करते हो देगा, वो उस literature के theme पे, उसके style पर, उस literature के setting पे, उसके historical background पर, या फिर उसके political context के लिए, वो अपने evidence prove करेगा, लोगों के सामने रखेगा, तो literary criticism जो है, ये simple task नहीं है, ये बहुत बड़ा work है, और कु यानि वर्क करते प्रोसेस करते हैं और उनी के ऊपर जो बुक को पब्लिश करते हैं और ये जो जनरली जो है यानि एक तरह से दूसरे के वर्क को प्रॉपरली दुबारा से रिसर्च करना उस वर्क के कॉंटेंट को प्रिजेंट करना और उसके अंदर अपनी आइडियास को प्रिजेंट करना जो है हम लोग जो है यह जो है लिटरी क्रिटिजम के अंदर आता है तो हम लोग यहाँ पर उस लिटरीचर के कॉंटेंट को रीड कर रहे हैं और उसके आइडिया को यानि जो उसने वर्क प्रिजेंट किया आथर ने उसके अंदर हम अपने आइडियाज भी जो है रख रहे हैं बाई यूजिंग वो negative bias ने सब्सक्राइब नहीं होता यह सब्जेक्टिव प्रोसेस है जो कि पर सब्सक्राइब करता है क्योंकि वर्क पर सब्सक्राइब करता है एक तरह से आप किसी बुक के बारे में बहुत अच्छा बोल रहे हैं मैं उस बुक के बारे में बहुत हम जो है उस सबजेक्ट के बारे में कितना चाहते हैं, कितना जानते हैं, ओके, तो बात आती है next, what is the relationship between the literature and the literary criticism, इन दोनों में आपस में क्या relation है, दोनों में, यह तो देखे, तो literary criticism जो है, वो comparison होता है, analysis होता है, interpretation होता है, और evaluation होता है, किसका, literature का, अब literature का, यह भी हम लोग दूसरे के book के form में हम लोग compare भी कर सकते हैं, दोनों को analysis भी कर सकते हैं, या फिर उनके उस particular book को, उस literature को जब हम लोग जो है, interpretate करते हैं, उसके work को evaluate करते हैं, यही होता है आपस में, एक तरह का दोनों का आपस में bonding, यही होता है relationship, यानि literature जो है, आपका क्या है, वो real text है, वो text है, और आपके जो process है, उस work को research करने की, यानि, ये जो देखो, literature जो है, ये author लिखता है, ये literature जो है, वो author करता है, और जो literary criticism है, ये दूसरे लोग करते हैं, यानि आपने एक article लिखा, अब article आपने लिखा, अब वो article के बारे में लोगों के क्या view है, क्या review है, वो ही जो है, इन दोनों में आपस में relation बताता है, तो literary criticism is a study of an individual piece of literature or an author body of work, यानि किसी भी author या group of author के वर्प को जाचने पर रखने की जो process है वो ही literary criticism की process कहलाती है ओके तो students हमारे BSI Academy के courses run हो रहे हैं English Literature में जिसमें UGC Net Course, Set Exam के course KVS TGT PGT जिसमें DSB TGT PGT, EMRS TGT PGT, NVS TGT PGT या फिर Assistant Professor के जो की state PSC के तुरूँ बनते हैं और PSG Entrance Exam के जो courses available हैं उसके लिए आप हमारे WhatsApp पर हमसे contact कर सकते हैं हमारा WhatsApp number जो है, आपके screen पे available है, अब हम बात आते हैं, कि what are the types of literary criticism, ये types कितने है literary criticism के, तो देखे, last lecture में हम लोगों ने literary theory के बारे में discuss किया था, तो अगर अभी तक आपने literary theory वाले वीडियो को नहीं देखा है, उसका link मैंने वीडियो के description में mention कर दिया है, तो literary criticism के जो types हैं, जिसमें, अब देखो, आपका biographical literary criticism हो सकता है, comparative हो सकता है, ethical हो सकता है, expressive हो सकता है, हो सकता है, या फिर feminist हो सकता है, या फिर historical भी literary criticism हो सकता है, तो ये कुछ types है, तो लिटरिक लिटरिक थिवरी दोनों के types में बहुत ज़्यादा अंतर है, तो जब हम लोग उसके real text के, देखो आपका text जो है, आपका literature जो है, वो biographical हो सकता है, आपने comparative study भी कर सकते हैं, तो literary criticism is nothing but a study, इस एक प्रदेशन लिटरेचर है। यह एक प्रदेशन लिटरेचर हो सकता है, वह फेमिनिस्ट हो सकता है, वह इस्तोरिकल हो सकता है। यह एक प्रदेशन लिटरेचर हो सकता है, वह फेमिनिस्ट हो सकता है, वह इस्तोरिकल हो सकता है। यह एक प्रदेशन लिटरेचर है। यह एक प्रदेशन लिटरेचर है। यह एक प्रदेशन लिटरेचर है। यह एक प्रदेशन लिटरेचर है। यह एक प्रदेशन लिटरेचर है। लाइक करना मत भूलियेगा, शेयर करना मत भूलियेगा, और अगर अभी तक आपने इस चैनल को सब्सक्राइब नहीं किया है, सब्सक्राइब इस चैनल, लाइक इस वीडियो और प्लीज शेयर इस वीडियो, तो मिलते हैं आपसे नेक्स्ट वीडियो में, बट उससे पहले ह