अस्सलामु अलेकुम, वेलकम टू अनेदर बियोलिजी लेक्चर और आज के इस लेक्चर के अंदर हम वाइरेसेस का चेप्टर स्टार्ट कर रहे हैं, यानि एसेलूलर लाइफ वाला चेप्टर स्टार्ट कर रहे हैं, इस लेक्चर के अंदर हम थो यहां पर मैंने organism का word use नहीं किया, आप use कर सकते हैं, but contradiction है, इने organism, यानि living organism माना भी जाता है, और living organism नहीं भी माना जाता, क्योंकि इसमें दोनों characters होती हैं, इसलिए best word use किया गया है, यहां पर living entities और living particles, यह ऐसे smallest living particles हैं, जो बहुत simple type of macro molecules बहुत सर्या के कंबिनेशन वाइरस न्यूक्लिक एसड और प्रोटीन का कंबिनेशन होते हैं न्यूक्लिक एसड में डिएन और आरेन दोनों आ जाते हैं तो प्रोटीन और यह न्यूक्लिक एसड आपस मिलता है तो वाइरस बन जाता है किस कोई सेलुलार लाइफ नहीं होती यह बहुत सिंपलेस्ट फार्म आफ लाइफ है वाइडस ठीक है sometime glycoprotein and lipoprotein are also present कभी कबार कुछ viruses के अंदर glycoprotein के molecules भी present होते हैं यानि carbohydrate plus protein and sometime lipoprotein के molecules भी आपको नजर आएंगे viruses में यानि lipid और protein के combination को viruses are obligate parasite viruses क्या है? obligate parasite है obligate parasite का मतलब यह है कि यह ऐसे infectious agent है जो टोटली अपने होस्ट पर डिपेंड करते हैं यानि विदाउट होस्ट यह ना तो रैप्लिकेट कर सकते हैं और ना हम बोल ऐसे बोल सकते हैं कि यह ना तो सर्वाइब कर सकते हैं और ना रैप्लिकेट कर सकते हैं इसके बाराक्स एक और टर्मिनालॉजी यूज़ की जाती है जिसे facultative parasite वालते हैं यानि ऐसा parasite जो के living organism की बाड़ी के अंदर भी survive कर सकता है और living organism की बाड़ी के बाहर निकाल दे तो वहां पर भी वो अपनी सारी cellular activity या सारी लिविंग एक्टिविटीज परफॉर्म कर सकता है वाइरसेज क्या हैं ओब्लिगेट पेरसाइड हैं वारसेस क्या है? ये सबी टाइप की फॉर्म को इंफेक्ट कर सकते हैं और यह सभी टाइप के ऑर्गेनिजम पर इंफेक्शन काज करते हैं इनक्लूडिंग बैक्टेरिया इन्होंने बैक्टेरिया को भी नहीं छोड़ा बैक्टेरिया को भी इनफेक्ट करते हैं ठीक है वाइरिसेस लिविंग और नॉन लि� यानि ये लिविंग औरगनिजम की क्रेक्टर्स भी रखते हैं और ना लिविंग औरगनिजम की क्रेक्टर रखते हैं लिविंग औरगनिजम की क्रेक्टर स्टिक्स कौन-कौन सी हैं इनके अंदर they possess DNA and RNA इनमें DNA and RNA होता है या तो DNA होगा या RNA होगा so मैं कह सकता हूँ they possess nucleic acid जो के living organism की character है they have ability for reproduction ये reproduction की ability रखते हैं यानि replicate करते हैं जो के living organism की character है देखिए इन कॉज इनफेक्शन यह इनफेक्शन काज कर सकते हैं जो के लिविंग ऑर्गेजम की क्रैक्टर है देखिए पर म्यूटेशन एंड जेनेटिक रिकम्बिनेशन जाहिरी बात है डीएनए या आरेने होता है तो इनमें म्यूटेशन भी होती है डीएनए में और जेनेटिक रिकम्बिनेशन भी होती है जो के लिविंग ऑर्गेनिजम की क्रैक्टर है इसके non-living characters इन में क्या हैं वो देखते हैं they are sub-cellular ये cellular life से नीचे वाली life है और हम मानते हैं कि smallest life existence इस सेलूलर लाइफ सिंगल सेल कम से कम जो है वह स्मालेस्ट लाइफ है जैसे कि बैक्टेरियों गया तो यह सब सेलूलर है यह सेल नहीं है या नोन सेलूलर भी आप इसे कह सकते हैं या एसेलूलर भी कह सकते हैं ठीक है यह क्रिस्टलाइज किया जा सकते हैं जैसे कि साल्ट और शुगर के क्रिस्टल आप देख पा रहे टुबैको मुजैक डिजीज टुबैको मुजैक डिजीज एक ऐसी डिजीज है जो तमबाकू के पौधों के अंदर काज होती है टुबैको के पौधों के अंदर काज होती है और इसमें क्या होता है कि टुबैको के जो पत्ते हैं उनके ऊपर स्पाट से, धबे से, मोजैक से पड़ जाते हैं और जिसकी वाज़ा से टुबैको के प्लांट की क्रोथ रुक जाती है इसी वाज़ा से इस डिजीज को टुबैको, मोजैक डिजीज कहा जाता है यह disease काज होती है वाइरस की वाज़ा से लेकिन इसके agent को discover करने के लिए scientist ने history में बहुत सारे experiment परफार्म किये यानि viruses तक पौचने के लिए scientist ने बहुत सारे experiment परफार्म किये जिसके बाद उन्हें पता चला कि ये disease किसी virus की वज़ा से काज हो रही है तो देखते हैं कि discovery of virus कैसे हुई 1838 के अंदर Adolf Mayer नामी scientist जो के एक German scientist था उसने क्या किया उसने discover किया के वो टोबैको मुजैक डिजीज को एक प्लांट से दूसरे प्लांट में ट्रांस्मिट कर सकता है, ट्रांस्फर कर सकता है, कैसे ट्रांस्फर कर सकता है, जस्ट बाय रबिंग दा एक्स्ट्रेक्ट फ्राम डिजीज प्लांट, यानि ड और देखता है कि हेल्दी पौधों के अंदर भी वह डिजीज ट्रांसफर हो रही है ठीक है सो इस डिस्कवरी से उसने क्या इन्क्लूड किया देट दिस डिजीज कॉस्ट बाइट अंजूज़ूल बैक्टेरिया जो के इनविजिवल है अंडर माइक्रोस्कॉप यानी जो disease इस तरीके से cause हो रही है, ये कोई unusual bacteria की वाज़ा से cause हो रही है, unusual bacteria उसने इसलिए कहा कि ये microscope के अंदर ये bacteria नजर नहीं आ रहा, ठीक है?
उस टाइम पर लाइट माइक्रोस्कॉप इनवेंट हुआ था जिसकी इतनी कैपिबिलिटी नहीं थी कि इतनी चोटे स्माल एंटिटी को देख सके उसने इस experiment को proceed किया आगे लेकर गया उसने ऐसा किया कि tobacco mosaic disease पोधों से extract किया सैब को सैब यानि रस को निकाला और उस सेब को फिर पॉर्सलीन फिल्टर से पास किया पॉर्सलीन फिल्टर एक ऐसा फिल्टर होता है जिससे बैक्टेरिया पास नहीं हो सकता यानि इसके बहुत समाल हॉल्स होते हैं जिससे बैक्टेरिया नहीं पास हो सकता और बैक्टेरिया ट्रैप हो जाता तो बैक्टेरिया तो ट्रैप हो चुका है फिल्टर के अंदर बट क्या हुआ कि वह जो हेल्दी प्लांट था उसके अंदर डिजीज शो हो ठीक है उस प्लांट के अंदर डिजीज शो हो गए और सेम टाइप की डिजीज थी तो इससे उसने क्या कंक्लूड किया कि बैक्टेरिया वार समाल एनफटू पास फिल्टर, या तो बैक्टेरिया बहुत छोटा है कि वो फिल्टर से पास हो गया, या फिर बैक्टेरिया प्रोडूस पर, टॉक्सिन विच मैं इनफेक्शन या फिर बेक्टेरिया ऐसा कोई टॉक्सिन प्रोडूस कर रहा है जो कि इनफेक्शन काज कर रहा यानि कोई poison या toxin produce कर रहा है विक्टेरिया जो के फिर further infection कास कर रहा है मार्टिनस बीजरनेक ने और एवानो स्काई के दोनों conclusion को इसने घलत साबद कर दिया through experiments यह जो second conclusion था इवानुस का एक experiment का के यह डिजीज टॉक्सिन की वज़ा से हो रही है इसको कैसे गलत करार दिया बीजरनेग ने कि उसने जो सैप है उसे एक प्लांट से दूसरे फिर तीसरे चोथे पांच में बहुत सारे पौदों के ऊपर राब करना शुरू किया उससे फिर next पौदे से extract करता था फिर next पौदे में rub करता था फिर next पौदे से extract करता था फिर next पौदे के अंदर rub करता था तो और साथ वो देखता गया कि हर पौदे के अंदर सैमनोईयत की disease का आज हो रही है ठीक है जबकि अगर ये disease टॉक्सिन की वज़ा से काज हो रही होती, तो जैसे ���म आगे proceed करते जाते next पौधों के अंदर, तो toxin की toxicity कम होनी चाहिए थी, next plant के अंदर disease कम होनी चाहिए थी, बट इसके बराक्स हुआ क्या कि हर प्लांट के अंदर सैम नोईयत की डिजीज काज हो रही है यानि यह जो infectious agent filtrate के अंदर है यह replicate कर सकता है सकता है यह टॉक्सिन नहीं है क्योंकि टॉक्सिन रेप्लिकेट नहीं कर सकता बल्कि बट यह जो इनफेक्शन एजेंट है यह रेप्लिकेट कर सकता है यह सेम टाइप की सेम नोईयत की डिजीज हर बार कास कर रहा है उसी मिगदार में quantity में disease कास कर रहा है so ये replicate करने की सलायत रखता है so ये toxin तो नहीं है और second possibility क्या थी कि bacteria were small enough to pass the filter यानि bacteria तना चोड़ा है कि filter को pass कर सकता है इस line को उसने कैसे गलत साबद किया उसने जो सैब के अंदर infectious agent है उनको nutrient media पर grow करने कोशिश की और nutrient media पर bacteria growth करता है और colonies देता है जबकि वो सैब के अंदर infectious agent है उसने growth नहीं दी colonies नहीं दी So इससे क्या साबध हुआ कि यह जो agent है it replicate only within the host यानि यह सिर्फ लिविंग ऑर्गेनिज्म की बाड़ी अंदर सर्वाइब कर सकता है आउटसाइड लिविंग ऑर्गेनिज्म न्यूट्रियंट मेडिया पर हमेशा ग्रोथ नहीं करवा सकते तो यह बैक्टेरिया तो नहीं हो सकता क्योंकि बैक्टेरिया जो है वह प्रोथ करता है न्यूट्रियंट मेडिया के ऊपर और हेंस बीजर ने कंक्लूडेड द कंसेप्ट ऑफ वायरस बीजर ने फिर वायरस का कॉनसेप्ट दिया कि यह कोई ऐसा इनफिक्शियस एजेंट है जो रेप्लिकेट करने की सलायियत रखता है बट ये रेप्लिकेट सिर्फ लिविंग ओरगनिजम की बाड़ी के अंदर कर सकता है सो इस तरीके से वाइरस का कॉंसेप्ट पहली बार एराइज हुआ फिर 1935 के अंदर स्टेनले साइंटिस्ट ने क्या किया first time tobacco mosaic virus को crystallize किया crystallize का मतलब यह है कि बहुत सारे viruses को इकठा किया crystal form में लेकर आया है जैसे salt के crystals होते हैं sugar के crystals होते हैं कि क्रिस्टलाइज का फायदा क्या होता है कि क्रिस्टल के अंदर सेंखों हजारों करोड़ों की तदाद में वायरसेस होते हैं अब उसको हम अच्छे तरीके से स्टडी कर पाते हैं कि वह इंटिटीज वह क्रिस्टल किस चीज से मिलकर बनें उनकी कंपोजीशन क्या है ठीक है सो क्रिस्टेलाइजेशन के लिए क्रिस्टेलोग्राफी की टेक्निक यूज की जाती है और इसकी जरिए उसने क्या फाइंड आउट किया कि जो वाइरसेस है यह डीएन और प्रोटीन का कंबिनेशन और यह बहुत सिंपलेस्ट फार्म आफ लाइफ है फिर उसके बाद इन्वेंशन आफ एलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कॉप हो गई एलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कॉप इन्वेंट किया गया और electron microscope के अंदर फिर viruses को देखा भी जाने लगा so यह एक सफर था जिसके जरिये viruses को discover किया गया next lecture में हम classification of viruses को study करेंगे