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Chhatra Galla Tunnel's Strategic Importance

[संगीत] स्टडी आईक्यू आईएस अब तैयारी हुई अफोर्डेबल कश्मीर घाटी जन्नते कश्मीर कहा जाने वाला यह पैराडाइज आज एडवर्सरी से घिरा हुआ नजर आता है चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर से तो निकलता ही है लेकिन चाइना और पाकिस्तान की आर्मी इस रोड की मदद से अपने सैनिकों को क्विकली इस रीजन में मूव कर सकती हैं वहीं दूसरी ओर सक्ष घम वैली से भी चाइनीज कंस्ट्रक्शन की आवाज इस घाटी में गूंजती सुनाई पड़ती है ज कश्मीर को आज भारत से चार मेन रूट्स जोड़ते हैं पहला और सबसे मेन रूट है एन 44 का जहां पठानकोट से जम्मू जम्मू से बानी हाल और जवाहर टनल से काजीगुंड और काजीगुंड से श्रीनगर पहुंचा जा सकता है जब ये रूट्स लैंड स्लाइड्स और वेदर प्रॉब्लम से बंद हो जाते हैं तो पुराना मुगल रोड रूट इस्तेमाल में लिया जाता है जो जम्मू से रजो रजौरी से पुंज और पुंज से शोपिया और शोपिया को श्रीनगर से कनेक्ट करता है तीसरा रूट जो बहुत कम यूज में आता है वो है पठान कोट से जम्मू जम्मू से उधमपुर उधमपुर से डोडा और डोडा से किश्तवार और किश्तवार से सिंथन टॉप को क्रॉस करते हुए अनंतनाग और यहां से श्रीनगर लेकिन दोस्तों ये तीनों ही रूट्स जम्मू से होकर गुजरते हैं और जम्मू एलओसी से सिर्फ 16 किमी दूर है इसीलिए ये तीनों ही रूट्स पाकिस्तान द्वारा डिसर पट किए जा सकते हैं और यही रीजन है कि आनन फानन में र 4000 करोड़ की छत्र गला टनल को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है छत्र गला टनल 6.2 2 किमी लंगे टनल पठानकोट से कश्मीर का एक नया रूट ओपन करेगी और कथुवा एंड डोडा डिस्ट्रिक्ट को कनेक्ट करेगी यह टनल पठानकोट को लखनपुर लखनपुर से बनी और बनी को छत्र गला टनल से भादरवा और यहां से किश्तवार और किश्तवार को श्रीनगर से कनेक्ट करेगी देखिए आज बनी और भदरवा के बीच ट्रेवल करने में ढाई से ती घंटे का समय लगता है साथ ही ये रूट 3200 मीटर हाई छत्र गला पास से होकर गुजरता है जो सर्दियों में स्नोफॉल के कारण कंप्लीट ब्लॉक हो जाता है और यह 6.2 किमी टनल इसी माउंटेन पास को बाईपास करेगी और इस रूट को ऑल वेदर और रिलायबल बना देगी जो इंडिया के लिए एक स्ट्रेटेजिक गेम चेंजर बन सकती है जब पाकिस्तान और चाइना अपने इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स जैसे कि चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर को एग्रेसिवली डेवलप कर रहे हैं तब यह टनल हमारे लिए क्रिटिकल अल्टरनेटिव रूट बन जाती है यह टनल ना सिर्फ जल्दी और सुरक्षित ट्रूप मूवमेंट को फैसिलिटेट करेगी बल्कि यह भी इंश्योर करेगी कि अगर दूसरे रूट्स डिस्टर्ब हो जाएं तो भी हमारे पास कश्मीर वैली तक एक रिलायबल पाथवे हमेशा रहे चाइना की सक्ष कम वैली में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और पाकिस्तान के गिलगित बल दिस्तान में सीपक प्रोजेक्ट से हमारी सिक्योरिटी को जो डायरेक्ट थ्रेट है उसको काउंटर करने में ये टनल बहुत ही इफेक्टिव होगी लेकिन दोस्तों आगे पढ़ने से पहले आपको बता दूं कि अगर आप यूपीएससी सिविल सर्विसेस एग्जाम का एक अटेंप्ट सीरियसली देना चाहते हैं तो स्टडी आईक्यू का फाउंडेशन पीट आई बैच आपके लिए है इस बैच में थ्री स्टेजेस में आपकी प्रिपरेशन करवाई जाएगी फर्स्ट स्टेज होगी फाउंडेशन स्टेज जहां पर यूपीएससी का पूरा सिलेबस सही तरीके से आपको कवर करवाया जाएगा इसी स्टेज में आपको आंसर राइटिंग प्रैक्टिस एमसीक्यू प्रैक्टिस करवाई जाएगी और आपको मेंटरशिप द्वारा मोटिवेटेड रखा जाएगा सेकंड स्टेज होगी मेन स्टेज जिसको हम एमआरपी यानी कि मेंस रेजिडेंशियल प्रोग्राम कहते हैं इस स्टेज में आपको डेल्ली बुलवाकर रुकवाया जाएगा और उसके बाद आपको फैकल्टीज वन ऑन वन प्रिपेयर करेंगे फॉर दी मेंस प्रोग्राम इस स्टेज में आंसर राइटिंग पर बहुत फोकस होने वाला है दोस्तों थर्ड स्टेज होगी इंटरव्यू स्टेज जिसमें एक्स ब्यूरोक्रेट्स आपको डायरेक्टली कम्युनिकेशन स्किल्स इंपार्ट करेंगे हेंस अगर आप इन तीनों स्टेजेस को सक्सेसफुली कर लेते हैं तो आपके इस एग्जाम को क्रैक करने के चांसेस बहुत हाई हो जाएंगे तो दोस्तों इस बैच में एडमिशन लेने के लिए आप यूज कर सकते हैं कोड आरटी लाइफ का तो दोस्तों मैं आशा करता हूं कि हमारी मुलाकात होगी इस बैच की लाइव क्लासेस में तो चलिए इस वीडियो पर वापस आते हैं लेकिन इतनी इंपॉर्टेंट होने के बावजूद छ गला टनल प्रोजेक्ट्स में हमें 6 साल से भी ज्यादा डिलेज देखने को मिले जब 2018 में ही बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन ने डीपीआर यानी कि गवर्नमेंट को डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट सबमिट करी लेकिन इसके बावजूद फंडिंग इश्यूज के चलते इस टनल पर काम शुरू नहीं हो पाया साथ ही माउंटेनस टरेन और एनवायरमेंटल इंपैक्ट असेसमेंट ने इस प्रोजेक्ट को और स्लो कर दिया और लास्टली ब्यूरोक्रेटिक और एडमिनिस्ट्रेटिव हर्डल्स ने इस प्रोजेक्ट को डिले किया क्योंकि गवर्नमेंट और एनवायरमेंटल अप्रूवल में टाइम तो लगा ही लेकिन साथ ही साथ डिफरेंट एजेंसीज के बीच कोऑर्डिनेशन की कमी भी रही अब गवर्नमेंट ऑफ इंडिया ने इन सब हर्डल्स को टैकल करते हुए प्रोजेक्ट को फास्ट ट्रैक पर डाल दिया है और आने वाले कुछ सालों में यह टनल बनकर तैयार हो जाएगी और बनने के बाद यह टनल इंडिया के डिफेंस आर्किटेक्चर में एक गेम चेंजर साबित हो सकती है क्योंकि जब एजिस्टिफाई कर सकेगी और इंडिया को स्ट्रेटेजिक डेप्थ प्रोवाइड करेगी फॉर एग्जांपल इसी साल अप्रैल में लैंड स्लाइड के चलते श्रीनगर को कनेक्ट करने वाला मेन रोड nh44 को बंद करना पड़ा वहीं श्रीनगर अल्टरनेटिव रूट मुगल रोड पर भी हैवी स्नोफॉल की वजह से ट्रैफिक को रोकना पड़ा और ऐसे ही सिनेरियो में यह ऑल वेदर छतर गला नल गेम चेंजर साबित हो सकती है और इस एनहांस कनेक्टिविटी का मतलब होगा कि मिलिट्री पर्सनल्स और इक्विपमेंट्स को इस टनल का यूज करते हुए जल्दी से मोबिलाइज किया जा सकता है जो इस रीजन में नेशनल सिक्योरिटी को बूस्ट देगा ही लेकिन साथ ही साथ मिलिट्री लॉजिस्टिक्स को स्ट्रीमलाइन भी करेगा और इंश्योर करेगा कि हमारी फोर्सेस हर वक्त तैयार रह और एमिनेंट 2 पॉट फाइव फ्रंट वॉर के केस में हमें मल्टीपल रूट्स की भी जरूरत पड़ेगी साथ ही साथ छत्र गला चैनल ना सिर्फ मिलिट्री बल्कि सिविलियन मूवमेंट के लिए भी एक रिलायबल और सिक्योर पाथवे साबित होगी ये ऑल वेदर कनेक्टिविटी रीजन के इकोनॉमिक डेवलपमेंट को भी बूस्ट करेगी और क्रुशल ट्रेड रूट्स को ट्रेड के लिए 12 महीने ओपन रखेगी जिसकी वजह से यहां की रीजनल डेवलपमेंट को एक नया बूस्ट मिल सकेगा तेर गला टनल से की टाउंस के बीच ट्रैवल टाइम कंसीडरेबली रिड्यूस हो जाएगा जिससे इकोनॉमिक एक्टिविटीज तो एनहांस होंगी ही लेकिन इमरजेंसी सर्विसेस को क्विकर एक्सेस मिलेगा यह टनल बसौली और बनी जैसे टूरिस्ट डेस्टिनेशंस को बेहतर एक्सेस भी प्रोवाइड करेंगी जिससे इस रीजन में टूरिस्ट फुट फॉल इंक्रीज होगा और साथ ही साथ यह प्रोजेक्ट लोकल एंप्लॉयमेंट भी जनरेट करेगा दोस्तों यह टनल रीजन में एक लार्जर इंफ्रास्ट्रक्चर पुश का पार्ट है जिसमें न्यू हाईवेज एंड अंडर पासेस की कंस्ट्रक्शन शामिल है जैसे कि 9 किमी लंबी श्यामा प्रसाद मुखर्जी टनल इंडिया की सबसे लंबी हाईवे टनल है जो उधमपुर को रामबंध से कनेक्ट कर ी वहीं 88.5 किमी लंबी बानी हाल काजीगुंड टनल जो बानी हाल और काजी गुंड को कनेक्ट करती है साथ ही 1.4 किमी लंबी नंदी टनल जो नंदी वाइल्डलाइफ सेंचुरी के नीचे से जम्मू श्रीनगर नेशनल हाईवे पर उधमपुर डिस्ट्रिक्ट में बिल्ट है नेक्स्ट है 11.2 किमी लॉन्ग पीर पंजाल रेलवे टनल जो पीर पंजाल माउंटेन रेंज के थ्रू काजी गंज और बारामुला को कनेक्ट करती है और यह उधमपुर श्रीनगर बारामुला रे लिंक प्रोजेक्ट का पार्ट है इस इसके अलावा 6.5 किमी जमोर टनल 1.95 किमी लॉन्ग निल गराज टनल और 14.2 किमी लंग जोजिला टनल लद्दाख और कारगिल की कश्मीर से कनेक्टिविटी को बूस्ट करती हैं दोस्तों वैसे तो जब जागो तब सवेरा लेकिन क्वेश्चन करने वाली बात यह है कि आजादी के 75 सालों बाद क्यों हम इं टनल्स को बनाने में लगे हैं क्या पहले चाइना और पाकिस्तान का थ्रेट नहीं था क्या हमारे पास पहले फंडिंग की कमी थी और अगर फंडिंग की ही कमी थी तो हम सब्सिडीज इतनी ज्यादा क्यों देते थे थे या फिर दोस्तों पॉलिटिकल विल की कमी थी या फिर कुछ पॉलिटिशियन ने इन टनल्स को बनने नहीं दिया यह चीजें मेरे समझ से बाहर है आप ही मुझे कमेंट्स में जरूर बताएं स्टडी आईक्यू आईएस अब तैयारी हुई अफोर्डेबल