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पानी की कमी और सीडीए की नीतियाँ
Jul 30, 2024
पानी की कमी का मुद्दा
मुख्य बिंदु
बच्चों को बारिश का पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
कौमी असेंबली के सदस्यों का प्रदर्शन और उन्हें सीडीए पर आरोप।
रावलपिंडी और इस्लामाबाद के सदस्यों की संदर्भ में चर्चा।
स्थिति का विवरण
**खन्ना, गौरी टाउन और आसपास के क्षेत्रों में:
सीडीए की नीतियों के कारण पानी की गंभीर कमी।
लाखों की आबादी पानी को तरस रही है।
लोग छतों के नीचे बहते पानी को इकट्ठा करते हुए नज़र आ रहे हैं।**
प्रदर्शनों का असर
बच्चे और स्थानीय लोग "अला ताश अला ताश" की आवाज़ें कर रहे हैं।
सरकार पर जल संकट के मुद्दों को नजरअंदाज करने का आरोप।
सीडीए की नीति याँ
सीडीए और पीडीएम के बीच समझौते:
नवंबर 2022 में सीडीए ने उपयुक्त ऐतिहाद से ग्रीन पट्टी पर ट्यूबवेल स्थापित करने का वादा किया था।
25 ट्यूबवेल की इंस्टॉलेशन का वादा।
समस्या की जड़
टैंकर माफिया का प्रभाव:
बढ़ी हुई दरें: पहले टैंकर सेवा के लिए 000 रुपये वसूले जा रहे थे, अब 3000 रुपये तक बढ़ गए हैं।
स्थानीय जनसंख्या को आर्थिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
डेटा और आर्थिकी
खाने की आबादी में पानी की आपूर्ति:
करीब 7 लाख रुपये प्रतिमाह का बिल कलेक्शन और प्रति परिवार 6 से 7 बाल्टियाँ पानी।
2 ट्यूबवेल पर 6 से 7000 कनेक्शन मौजूद हैं।
सीडीए की लापरवाही:
बोरिंग की तारीखें बदलने और आवश्यक ट्यूबवेल की संख्या से संबंधित ब्रीच।
स्थानीय जनसंख्या को पानी की आपूर्ति के लिए आसान रास्तों का ना होना।
जुड़ा व और अपील
स्थानीय आबादी की अपील:
सीडीए के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जरूरत।
लोगों को अपने अधिकारों के लिए उठने का आग्रह।
निष्कर्ष
पानी की कमी की स्थिति गंभीर है।
आम लोगों की आवाज़ सुनाई देनी चाहिए।
समाधान के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।
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