वकार सबसे पहले आपकी जानिब आते हैं बताइएगा आपके पास पास क्या इतरात पहुंची हैं पीटीआई जराय की जानिब से किन-किन लोगों ने पार्टी से जो वा बसगी के सर्टिफिकेट्स हैं वो जमा करवाए हैं अभी तक अ जी बिल्कुल जैसे ही सुप्रीम कोर्ट ऑफ पाकिस्तान के ऑर्डर्स हैं उसके मुताबिक पाकिस्तान तहरीक इंसाफ के जो हिमायत याफ्ता 41 यकीनी कौमी असेंबली थे जिन्होंने यह वा बस्त कीी का सर्टिफिकेट जमा कराना था जिसमें से जो पीटी के जराए हैं वो यह बता रहे हैं कि 35 अराकी कौमी असेंबली ने अब तक जो है वह वाबस्ता कीी का सर्टिफिकेट जमा कराया है इसी तरह पंजाब असेंबली में 100 से जयद अराकी की तादाद बताई जा रही है जिन्होंने वाबस्ता कीी सर्टिफिकेट जमा कराया है जबकि खैबर पख्तून खा असेंबली में भी तकरीबन 75 से जयद जो अराकी है उनकी जानिब से अब तक की वा बस्त कीी सर्टिफिकेट जो है व जमा कराया जा चुका है ताहम जो सिंध असेंबली के नौ अराकी हैं उनकी वाबस्ता कीी की सर्टिफिकेट ट भी जो है वो बजरिया यानी खुद आकर जो पाकिस्तान से पीटीआई का जो मरकज सेक्रेट है वहां पर जमा कराए गए हैं जबकि जो इसमें एक मुख्तलिफ पहलू है जिस पर सबसे ज्यादा गौर किया जा रहा है वो अली अमीन गंडापुर है क्योंकि वह आजाद हैसियत से वो आजाद रुक नियत में रहे थे उन्होंने किसी यानी सुन्नी इतहाद कांसिल में शमू इख्तियार नहीं की थी इसी तरह वफा में जो बैरिस्टर गोहर हैं उमर अयूब है इसके अलावा अ जो रुकने कौमी असेंबली अली असगर हैं जो खैबर पख्तून खवा में पाकिस्तान तहरीक इंसाफ के सेक्रेटरी जनरल हैं उन्होंने ताहा जो है वो वाबस्ता ग के सर्टिफिकेट जमा नहीं कराए आठ अराकी ऐसे हैं जिनको कौमी असेंबली ने जो है वो आजाद डिक्लेयर किया था उन्होंने किसी सियासी जमात से वाबस्ता कीी का सर्टिफिकेट जमा नहीं कराया था और इस वक्त यही कंफ्यूजन है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक तो 39 अराकी को इब्तिदा तौर पर पीटीआई का डिक्लेयर कर दिया गया था बाकी जो 41 अराकी हैं वो वाबस्ता कीी के सर्टिफिकेट जमा करा रहे हैं जबकि आठ राकी कौमी असेंबली ऐसे हैं जिनका ताल्लुक जो है व पाकिस्तान तहरीक इंसाफ से है ताम उनकी जानिब से सुन्नी इतहाद कौंसिल में इस वजह से शमू इख्तियार नहीं की गई थी क्योंकि वो जो है वह पाकिस्तान तहरीक इंसाफ के ओहदे दार थे तो यूं अब पाकिस्तान देख ठीक है अभी मुशा हो रही है आप हमारे साथ ही मौजूद रहेगा