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कंपिटिशन की तैयारी और टिप्स

हेलो एवरीवन मेरा नाम आशीष एंड वेलकम बैक टू मोमेंटम पॉडकास्ट आज का हमारा टॉपिक जो रिवॉल्व करेगा वह कंपिटिशन के अराउंड होगा और इसका सबसे बड़ा रीजन यह है कि सारे कमेंट्स को पढ़ने के बाद जो कि तुम्हें पता होना चाहिए कि मैं कमेंट्स को बहुत ही सीरियसली लेता हूं सारे कमेंट्स को पढ़ने के बाद मुझे यह समझ में आया कि 80 टू 90 पर लोग मेरे चैनल में कंपटिंग एग्जामिनेशन के रिलेटेड ही क्वेश्चंस पूछ रहे हैं तो मैंने सोचा कि क्यों ना इंपॉर्टेंट एसेंशियल चीजों को एक ही पॉडकास्ट में डिस्कस कर ले क्योंकि जिन्हें इंपॉर्टेंट लगता ही यह वह सुन ले जिन्हें नहीं लगता व इसे सुने ही ना लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि सब कोई को कुछ ना कुछ कंपट एग्जामिनेशंस की तैयारी से सीखने जरूर मिलता है और इवन अगर तुम्हारा है कि मैं शायद कभी तैयारी करूं भी ना किसी एग्जाम की तो तुम्हें यह पता होना चाहिए कि क्यों ना करो और क्यों लोग जो कर रहे हैं वह क्यों कर रहे हैं और तु रे लिए यह फिट क्यों नहीं है मैं इन सब चीजों के बारे में इसलिए डिस्कस कर सकता हूं क्योंकि मैंने तीन से चार साल करीब पांच सीरियसली तैयारी किया है कंपीटेटिव एग्जामिनेशंस का मैंने 20166 20177 20188 इन तीनों इयर्स में गवर्नमेंट जॉब्स के सारे एग्जाम्स दिए हैं इंजीनियरिंग लेवल में और उसके पहले मैंने 2 साल तैयारी भी किया था जब मैं कॉलेज में था तो अंडर ग्रेजुएशन में ही मेरा यह एम था कि ग्रेजुएशन के साथ मेरा गेट एग्जाम यह सब भी निकल जाए ताकि मैं अच्छा मास्टर्स कर पाऊं क्योंकि मैं किसी आईआईटी एनआईटी में नहीं पढ़ रहा था एक एवरेज कॉलेज में पढ़ रहा था तो मेरा एम था कि मेरा मास्टर्स अच्छा हो जाए किसी आईआईटी से तो मैंने 2014 में यह समझ लिया था कि मेरे कॉलेज में प्लेसमेंट तो होगा नहीं तो मैंने गेट ये सब एग्जाम का तैयारी करना स्टार्ट कर दिया था और 2016 में ही मैंने गेट का अटेंप्ट दिया था जो कि मेरा ग्रेजुएट ईयर था गेट क्वालीफाई तो हो गया था लेकिन ऐसा कोई परफॉर्मेंस नहीं था जिससे मुझे आईआईटी ये सब में मास्टर्स में पाए मिल भी जाता तो अच्छा ब्रांच नहीं मिलता तो इसीलिए मैंने एक साल फिर से ड्रॉप लेके 2017 में फिर से सारे एग्जाम्स दिए उस साल मेरा भाबा एटॉमिक रिसर्च सेंटर में साइंटिस्ट पोजीशन के लिए सिलेक्शन हुआ था इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन में उस साल नहीं हुआ था उसके अगले साल हुआ था अ इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी बॉम्बे में उस साल सिलेक्शन हुआ था मेरा मास्टर्स के लिए 2017 की बात है लेकिन 2012 में मेरे कॉलेज में घुसने से पहले मैंने सारे इंजीनियरिंग एंट्रेंस लेवल के भी एग्जाम्स की तैयारी करी है उस टाइम पे आईआईटी मेंस और एडवांस नहीं होता था उसके जस्ट अगले साल 2013 में यह एप्लीकेबल हुआ उस साल ईई जो कि तुम अभी मेंस के इक्विवेलेंट समझ सकते हो और आईटी जेई जिसे हम बस बोलते थे वह अभी तुम एडवांस के इक्विवेलेंट मान सकते हो क्योंकि एनआईटी एई के थ्रू होता था और आईआईटी जो थे वह आईटी के थ्रू होते थे सिंपल था तो अभी आईटी के थ्रू एनआईटी मिल रहा है जो भी है सिस्टम चेंज हो गया लेकिन बात वही है और उस टाइम पर बोट्स का ऐसा कुछ चक्कर नहीं था कि बोट्स में तुम्हें इतने परसेंटेज लाने तो अच्छा था स्टूडेंट्स के लिए बहुत हद तक लेकिन हां मैं दोनों साइड इसलिए समझ सकता हूं क्योंकि आईआईटी जेई के टाइम पर मैं सीरियस नहीं था और गेट के टाइम पर बहुत ज्यादा सीरियस था और सीरियस नहीं होने और सीरियस होने के बीच में बस एक चीज का डिफरेंस है तो अगर आज तुम तैयारी कर रहे हो और तुम सीरियसनेस नहीं फाइंड कर कर पा रहे हो अपने लाइफ में मोटिवेशन नहीं फाइंड कर पा रहे हो कंसिस्टेंसी नहीं फाइंड कर पा रहे हो एग्जाम के लिए तो वो सारे चीज काफी क्लियर होने वाले हैं यह पॉडकास्ट इसलिए इंपॉर्टेंट होगा क्योंकि मेरा फर्स्ट हैंड एक्सपीरियंस एक स्टूडेंट का पर्सपेक्टिव है एक एस्परेंस का पर्सपेक्टिव है बट उससे भी इंपॉर्टेंट क्या है कि आज के डे एंड एज में मैक्सिमम जो ज्ञान बट रहा है कंपटिंग एग्जामिनेशन के रिलेटेड उसका सोर्स कोई ना कोई कोचिंग इंस्टिट्यूट होता है नाउ दिस इज नॉट करेक्ट क्योंकि कोचिंग इंस्टिट्यूट का एक एजेंडा होता है उनका एक ऑब्जेक्टिव है जो है उनका सीट सेल करना या फिर कोस सेल करना लेकिन अगर वो तुम्हें एक आइडिया दे रहे हैं तो वो हमेशा बायड होगा चाहे कुछ भी कर लो बिजनेस का हमेशा एक ऑब्जेक्टिव होता है और उस ऑब्जेक्टिव से तुम्हारा सारा आउटपुट जितना भी मीडियम है वोह अलाइन करना चाहिए इतना तो तुम समझते होगे लेकिन आज तुम्हें पता नहीं हो तो यह मैं क् क्लियर कर दूं कंफर्म कर दूं मैं किसी कोचिंग इंस्टिट्यूट में नहीं पढ़ा था मैंने कभी भी कोचिंग इंस्टिट्यूट स्टार्ट नहीं किया मेरा कोई भी पेड कोर्स नहीं है किसी भी कंपट एग्जाम एग्जामिनेशन के रिलेटेड तो मैं जस्ट एज अ पर्सन हु जज एक्सपीरियंस बातें कर रहा हूं आज इसीलिए बहुत ही ज्यादा अनफिल्टर्ड टॉपिक्स पे डिस्कशन चलेगा टॉपिक्स के बारे में हम बात कर लेते हैं आज हम बात करेंगे किसे स्टार्ट करना चाहिए किसे नहीं स्टार्ट करना चाहिए अगर स्टार्ट कर लिया तो कैसे स्टार्ट करना चाहिए एसेंशियल क्या रेसिपी होते हैं किसी भी कंपटिंग एग्जामिनेशन में एक्सेल करने के लिए और उससे ठीक जुड़ा हुआ किसका एग्जामिनेशन कभी नहीं निकलने वाला मैंने बहुत लोगों को ठीक है 5 साल तो मेरा एक्सपीरियंस है खुद तैयारी करने का सीरियसली लेकिन उसके अलावा पांच से छ साल मुझे बस स्टूडेंट्स को गाइड करने का एक्सपीरियंस है मैंने कोचिंग इंस्टिट्यूट नहीं चलाया लेकिन 2018 से लेकर आज तक मेरा youtube4 712 हाईली फोकस था कॉम्पिटेटिव एग्जामिनेशन के डोमेन में मैंने पर्सनली स्टूडेंट से बात किया है हजारों हजार स्टूडेंट से बात किया है इन द पास्ट लाइक फाइव टू सिक्स इयर्स और सो अ तो उससे मुझे जो समझ में आया लाइव सेमिनार्स किए इन पर्सन सेमिनार्स किए कितने कम से कम 12 से 13 तो शायद 15 इन पर्सन सेमिनार ऑल अक्रॉस द इंडिया किया है मैंने तो मैंने फेस टू फेस भी स्टूडेंट से बात किया है तो मुझे एक आईडिया है कि स्टूडेंट्स को क्या प्रॉब्लम होता है क्या मिसकनसेप्शन होता है और उन सबको जोड़ के मैंने आज का यह टॉपिक जो बनाया है और एक स्ट्रक्चर बनाया पॉडकास्ट का वह है आज सोच समझ के इतना बनाया गया है तो इसलिए ध्यान से सुन लेना और पसंद आया तो अपने दोस्तों को भी शेयर कर लेना जो इसी सारे समस्याओं में फंसे हुए हैं चलो स्टार्ट करने से पहले मेरा बुक द बॉय ड डिड नॉट साइन इज बेस्ड ऑन माय एक्सपीरियंस ऑफ वर्किंग इन न्यूक्लियर प्रोग्राम ऑफ इंडिया बेस्ड ऑन माय एक्सपीरियंस ऑफ व्हेन आवर साइंटिफिक ऑफिसर एट भाब एटॉमिक रिसर्च सेंटर एंड माय जर्नी टुवर्ड्स इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन उससे इंस्पायर होके एक स्टोरी लिखा है इट इज अ फिक्शन नोवल जिन्होंने पढ़ा उन्हें बहुत पसंद आया तो में भी अगर टाइम मिले तो पढ़ लेना आई विल पुट ऑल द लिंक्स डाउन इन द डिस्क्रिप्शन बॉक्स सो स्टार्ट करते हैं फाइनली स्टार्टिंग से कि मेरे कंपटिंग एग्जामिनेशंस का स्टार्टिंग कैसे हुआ था और जनरली लोगों को किन लोगों को कंपटिंग एग्जामिनेशन का तैयारी स्टार्ट करना चाहिए अगर करते हैं तो कैसे स्टार्ट करना चाहिए तो अभी कुछ मिनट पहले मैंने तुम्हें एक क्वेश्चन पे छोड़ा था कि क्यों मेरा आईआईटी जेई के टाइम पे सीरियसनेस नहीं था और इसरो बार्क और गेट के टाइम पे बहुत ज्यादा सीरियसनेस था एज एन ऑथर मेरा ये जॉब है अपने पास्ट को एनालाइज करने का क्योंकि मैं मोस्टली कंपट एग्जामिनेशन से रिलेटेड स्टोरीज लिखता हूं तो मुझे एनालाइज करना पड़ता है कि ऐसा क्यों हुआ व्हाट वाज द डिफरेंस तो कई सालों तक एनालाइज करने में तुम्हें पता होगा यह बुक भी लिखने में मुझे पा साल लगे हैं तो कई सालों तक एनालाइज करने के बाद मुझे यह समझ में आया कि एक ही डिफरेंस है और वह है ऑब्जेक्टिव का लोगों को यह नहीं समझ में आता कि ऑब्जेक्टिव क्या है और वह इसलिए नहीं समझ में आता क्योंकि उन्हें नहीं पता कि यह ऑब्जेक्टिव क्यों है तो आईईटी जेई के टाइम पर मैं रांची में छोटे से शहर के छोटे से कोने में बैठ के पढ़ाई कर रहा हूं ठीक है मैंने आज तक आईआईटी नहीं देखा आज तक कोई अच्छे कॉलेज को नहीं देखा बीआईटी मेसरा जो रांची में ही है थोड़ा सा आउटस्कर्ट में पड़ता है लेकिन टेक्निकली वह रांची में ही है वहां भी कभी नहीं गया मैं अंदर तक और कोई भी बड़े को मैंने नहीं देखा बीआईटी सिंदरी नहीं देखा कुछ भी नहीं देखा बल्कि मैंने किसी इंजीनियरिंग कॉलेज को ही नहीं देखा था आज मुझे रिलाइज हुआ कि मैंने किसी इंजीनियरिंग कॉलेज को देखा ही नहीं आज तक लेकिन मुझे सबको ही बोल रहे हैं कि आईटी जेई का तैयारी करो और वह तो छोड़ो मैंने तो किसी ऐसे इंसान को भी नहीं देखा जिसने आईआईटी में पढ़ाई किया है फिर भी लोग मुझे यही बोल रहे हैं कि आईआईटी का तैयारी करो आज अगर मैं 10 12 साल पीछे जाकर 2010 में मैं अपने आप बता पाता कि आईटी का तैयारी क्यों करना है तो मैं जरूर अपने आप समझाने की कोशिश करता क्योंकि अल्टीमेटली मुझे यह समझ में आया कि मुझे इंजीनियरिंग में बहुत ज्यादा इंटरेस्ट है और व करियर और भी अच्छा परसू हो पाता अगर मैं किसी आईआईटी से पढ़ लेता वो तो डामा और क्वेश्चन चलते रहता है कि मतलब क्या पता मुझे यह कभी इंटरेस्ट ही नहीं पता चलता या फिर कुछ समझ में ही नहीं आता या फिर मेरा इतना मोटिवेशन कभी नहीं होता अगर मैं आईआईटी में पढ़ लेता तो लेकिन अगर मैं किसी ऐसे स्टूडेंट से मिलता हूं जिसे इंजीनियरिंग में बहुत ही अच्छा करियर बनाना है तो ऑब् वियस सी बात है मैं उसे यह सजेस्ट करूंगा कि आईआईटी का तैयारी करो लेकिन क्यों करो वो मैं तुम्हें समझाता हूं मुझे बाद में समझ में आया कि आईटी में माहौल तो बहुत अच्छा होता ही है उनका कैंपस बहुत अच्छा होता है मतलब एक नॉर्मल एवरेज कॉलेज आईआईटी कैंपस के साइज में 10 पर भी नहीं होता यह सार चीज मुझे बाद में समझ में आया जब मैं गेट का एग्जाम दे चुका था और मैंने एमटेक के एडमिशन के लिए बहुत सारे एंट्रेंस एग्जाम्स और इंटरव्यूज होते रहते हैं जिससे तुम्हें आईटी जाके ही देना पड़ता है तो जब मैं एंटर किया आईआईटी में तब मुझे दिखा कि ओके ये तो बहुत ही डे एंड नाइट डिफरेंस है यह बहुत ही बड़ा कैंपस है बहुत ही वेल मेंटेंड है बहुत ही अच्छा लग रहा था सब कुछ लेकिन उससे भी ज्यादा इंपॉर्टेंट चीज यह है वो मुझे करीब थर्ड फोर्थ ईयर में ही समझ में आने लगा था जब मैंने एनपी टेल के लेक्चर देखने स्टार्ट किए थे तो अगर तुम इंजीनियरिंग डोमेन से नहीं हो तो ये समझ लो कि एमएचआरडी शायद मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स एंड डेवलपमेंट लेकिन बेसिकली इसका एजुकेशन काफी बड़ा ऑब्जेक्टिव होता है अभी खोजते खोजते मुझे यह भी समझ में आ गया कि एन पीटेल का क्या फुल फॉर्म है दैट इज नेशनल प्रोग्राम ऑन टेक्निकल टेक्नोलॉजी एनहैंस्ड लर्निंग यह हमने कभी नहीं सीखा लेकिन हम सबको ई एनपी टल के लेक्चर जरूर देखते थे मैकेनिकल इंजीनियरिंग में हीट ट्रांसफर थर्मोडायनेमिक्स फ्लूइड डायनेमिक्स ये सबके लेक्चर बहुत ही अच्छे हैं एन पीटल के तो हमें यह समझ में आया सबसे पहले कि हमारे कॉलेज में टीचर्स को ज्यादा कुछ पढ़ाना नहीं आता यहां तक कि टीचर्स भी बस ऐसे ही किसी कॉलेज से एमटेक करके पहुंच गए और वह खुद ही गेट और यूपीएससी के एग्जाम्स की तैयारी कर रहे हैं उन्हें मैं ज्यादा ब्लेम नहीं करता उन टीचर्स ने मेरी बहुत ज्यादा हेल्प करी है गेट के एग्जाम की तैयारी के लिए और फिर स्ट्रगल वो भी समझते थे कि कॉलेज की क्लासेस भी करने हैं और फिर य बच्चे तैयारी भी कर रहे हैं तो सपोर्ट बहुत किया उन लोगों ने लेकिन हां उनका पीएचडी करके आ रहे हैं फिर यहां पर प्रोफेसर बन रहे हैं पोस्ट ॉक ये सब सब कुछ कर चुके हैं तो एक्सपीरियंस काफी अच्छा होता है और इवन तुम अगर एनपी टेल के लेक्चर ही देख लोगे तो तुम्हें समझ में आ जाएगा कि वो अच्छा से पढ़ाते हैं अब मैंने कभी आईआईटी में पढ़ाई किया नहीं इवन दो मेरा मास्टर्स में सिलेक्शन हो गया था मैंने एडमिशन नहीं लिया था लेकिन अब वैसे टीचर्स अगर पढ़ा रहे हैं तो कुछ तो मैं समझ सकता हूं कि एजुकेशन का लेवल थोड़ा अच्छा होगा और दूसरा चीज ये होता है कि तुम्हारे सराउंडिंग में भी थोड़े कंप्ले फिजिक्स मैथमेटिक्स अच्छे से पढ़े हुए लोग आ रहे हैं तो उनसे सीखने को ज्यादा मिलता है अब यह सारा चीज देख के कई लोग ओवर वेलम हो जाते हैं और फिर और भी चौपट कर लेते हैं अपना परफॉर्मेंस और पूरा करियर दैट इज पॉसिबल बट यू विल गेट द बेस्ट रिसोर्सेस इन दीज यूनिवर्सिटीज यह सारे चीज मुझे नहीं बताए गए थे अभी गेट का एग्जाम का तैयारी जब मैं कर रहा था या फिर ग्रेजुएट लेवल नेशनल लेवल एग्जाम्स का मैं तैयारी जब कर रहा था गेट इंजीनियरिंग सर्विसेस इसरो बार्क सीआईएल वाइजक ये सारे एग्जाम्स का जब मैं तैयारी कर रहा था तब मेरा ऑब्जेक्टिव बहुत ही क्लियर था कि मैंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग किया है मुझे बेस्ट फील्ड में अपना करियर बनाना है और उसके लिए ज्यादा मुझे सोचना नहीं था क्योंकि मुझे अपना इंटरेस्ट एरो स्पेस में पता था मुझे यह भी पता था कि इसरो का बहुत नाम है इसरो इज मेकिंग देर नेम इंटरनेशनली तो मेरा ऑब्जेक्टिव काफी क्लियर हो गया कि मुझे इसरो के लिए तैयारी करना है यह समझ में आ रहा है तुम्हें डिफरेंस एक क्यों ऑब्जेक्टिव क्यों करना है यह लोगों को नहीं समझ में आता तो अगर तुम्हें मोटिवेशन नहीं आ रहा तो तुम्हें यह समझना बहुत ज्यादा जरूरी है कि तुम्हें क्यों करना है यह और वह जब तक तुम्हें समझ में नहीं आएगा तुम्हें मोटिवेशन नहीं आने वाला यह तुम गारंटी ले लो क्योंकि जभी भी तुम पढ़ने बैठोगे ना तुम्हारा दिमाग बहुत और सारे चीजों के बारे में तुम्हें डेविट करेगा जिसके लिए तुम्हारा ऑब्जेक्टिव बहुत ही क्लियर है कि अगर मान लो वीडियो गेम खेलना है तो ऑब्जेक्टिव बहुत ही क्लियर है कि उससे तुम्हें एक डोपामिन हिट मिलेगा एक एड्रीनलिन रश मिलेगा जिससे तुम्हें बहुत ज्यादा मजा आएगा अगर तुम्हें टेक्स्ट करना है किसी और को और फिर उससे चाटे करने हैं बहुत सारे तो उसके लिए भी ऑब्जेक्टिव बहुत ही क्लियर है कि तुम्हें बहुत ही मजा आएगा अगर दोस्तों के साथ घूमने जाना है तो उसमें भी तुम्हारा ऑब्जेक्टिव बहुत ही क्लियर है क्यों करना है वो बहुत ही क्लियर है लेकिन तुम्हें पढ़ाई करना है तो वो क्यों करना है ये बहुत ज्यादा क्लियर होना चाहिए क्योंकि बहुत लोग जैसे ऐसे भी क्वेश्चंस पूछते हैं ना कि पैसे बनाने हैं तो उनका वो ऑब्जेक्टिव बहुत ही क्लियर है कि हां मुझे पैसे बनाने हैं लेकिन उनका यह कभी भी क्लियर नहीं हो पा रहा है कि पैसे कैसे बनाने हैं तो अगर तुम उनसे पूछोगे कि पैसे कैसे बनाने हैं इसका क्यों कहां है तो वो बोले क्यों तो यही है कि मुझे पैसे बनाने हैं लेकिन वैसे लोग जनरली कभी कुछ पैसे बना नहीं पाते क्योंकि पैसा इज सेकेंडरी पहले करियर बनता है ऑब्जेक्टिव क्लियर होना बहुत ही ज्यादा जरूरी है और इसीलिए तुम्हें आज उतना मोटिवेशन नहीं आ पा रहा क्योंकि क्यों ही आया वो क्यों बहुत इंपॉर्टेंट है और उसके लिए थोड़ा रिसर्च करना होता है जैसे मैंने इंजीनियरिंग में 4 साल बहुत मेहनत किया तो मुझे उस फील्ड के बारे में बहुत कुछ समझ में आने लगा और फिर मुझे यह समझ में आने लगा कि मुझे कहां पे इंटरेस्ट है और कौन-कौन से फील्ड बूमिंग है मेरे करियर ट्रेजे क्ट्री के हिसाब से और मुझे क्या पसू करना चाहिए यह सारी चीज बहुत ही क्लियर हो गए तो फिर तुम्हारा बस एक ही क्वेश्चन होता है कि कैसे करें तो पहले क्यों होता है और फिर कैसे होता है तो अब वो कैसे में मैं आता हूं तो मैं अपना आईटी जेई का तैयारी के बारे में ज्यादा डिस्कस करूंगा नहीं यहां पे वो तो मैंने कर ही लिया पहले और तुम्हें पता ही है कि मैंने कभी भी बहुत ज्यादा सीरियसली नहीं किया और सीरियसली अगर किसी एग्जाम के लिए तैयारी नहीं किया तो उसका डिस्कशन करना कोई सेंस नहीं बनता यहां पे लेकिन जिस एग्जाम के लिए मैंने सीरियसली तैयारी किया उसके बारे में डिस्कशन करते हैं तो 2014 में मेरा ऑब्जेक्टिव क्यों काफी क्लियर हो गया था और वो यह था कि मेरे कॉलेज का तो प्लेसमेंट बहुत अच्छा है यानी है भी तो मेरा कोर कंपनीज नहीं आता बिल्कुल और यह अभी भी ट्रू है कि मेरे फाइनल ईयर में एक भी कोर कंपनी नहीं आया था कैंपस प्लेसमेंट के लिए आईटी कंपनी जैसे टीसीएस वेपो कैप जमिनी ये सब आए थे लेकिन उसमें ना ही मेरा इंटरेस्ट था और ना ही मेरा सिलेक्शन हुआ उसमें क्योंकि मैंने अपना परफॉर्मेंस बहुत ही अच्छा कर लिया था 9.57 सीजीपीए बन गया था मेरा थर्ड पोजीशन मेरा कॉलेज में था और फिर सारे यह 3 लाख पर एनम पैकेज वाले मुझसे पूछ रहे थे कि यहां क्यों हो तुम तो चले जाओगे और इसके वजह से मेरा एक लाइन से सब में रिजेक्शन होते रहा लेकिन कुछ खास फर्क नहीं पड़ता क्योंकि मुझे उसमें ऐसे भी नहीं जाना था लेकिन यह सारी चीज मुझे पता थे कि कोर कंपनीज भी नहीं आएंगे तो मैंने अपना क्लियर रख लिया था उस टाइम प मेरा ऑब्जेक्टिव था कि आईआईटी बॉम्बे से मास्टर्स कर लू जो कि एक नोबल ऑब्जेक्टिव है कई लोगों का होता है जो आईआईटी में बीटेक नहीं कर पाए उनका है कि आईआईटी में मास्टर्स कर ले वो एक से दो साल में तुम्हारा मास्टर्स हो जाएगा और उसके बाद तुम्हारा कैंपस प्लेसमेंट भी आईटी से हो जाएगा टैग भी लग गया तो बढ़िया है उसके बाद मुझे जाकर पता चला कि ओके इसरो भी एक एग्जामिनेशन है जो मैं दे सकता हूं स्टार्टिंग में नहीं पता था मुझे व वही बात है लैक ऑफ इंफॉर्मेशन आज तुम शायद समझ भी ना पाओ कि कितना ज्यादा लैक ऑफ इंफॉर्मेशन होता था उस टाइम पे उस टाइम पे मुझे अभी भी याद है मैं बस गेट सर्च करता था youtube1 पेज नेक्स्ट पेज में जा मतलब स्क्रॉल कर कर के य में जितने वीडियोस होते थे सारे देख लेता था आज तो तुम सारे वीडियोस देख ही नहीं सकते हजारों हजार वीडियोस शायद उससे भी ज्यादा तो उस टाइम पर वीडियोस ऐसे लिमिटेड 50 60 वीडियोस तुम्हारे आईटी के उसी में कई कोई कई वीडियो को तो बारबार बारबार करके देखते रहता था तो अभी इतना सारा इंफॉर्मेशन हो गया है उससे कैसे डील करें और वो कैसे ओवर वेलम करता है उसके बारे में भी हम बात करेंगे लेकिन अब हम फिर से आते हैं कि स्टार्टिंग कैसे कर तो स्टार्टिंग कोई भी कंपीटेटिव एग्जामिनेशन का काफी सिंपल होता है और उसका स्टार्टिंग होता है एग्जाम को अच्छा से समझ के तो तुम अगर एग्जाम को समझ चुके हो तो फिर तुम्हारा आधे से ज्यादा स्ट्रेटजी वहीं पर बन जाता है लेकिन मैक्सिमम लोगों का यही दिक्कत होता है कि वह एक लेटस से बोर्ड्स का तैयारी कर रहे हैं या फिर स्कूल के एग्जाम्स का तैयारी कर चुके हैं अभी तक या फिर कॉलेज में सेमेस्टर एग्जाम्स का तैयारी कर चुके हैं तो उन्हें लगता है कि कंपट एग्जामिनेशंस भी ऐसा ही होता है बल्कि कंपट एग्जामिनेशन इसका ठीक उल्टा होता है जैसे कोई भी कंपट एग्जामिनेशन अदर देन मेंस एग्जामिनेशन सिविल सर्विसेस और इंजीनियरिंग सर्विसेस सबको छोड़ के तुम्हें उसमें लिखना नहीं पड़ता बैठ के पैराग्राफ उसमें ऑब्जेक्टिव टाइप क्वेश्चंस आते हैं तो या तो आता है तुम्हें या तो नहीं आता ऑब्जेक्टिव का यही होता है कि वहां पर या तो तुमने सही मार्क किया या फिर गलत मार्क किया तुम्हें ग्रेस मार्ग या सब कुछ नहीं मिलता तो इसीलिए कंपट एग्जामिनेशन का तैयारी डिफरेंट हो जाता है क्योंकि उसमें तुम कुछ भी ऐसे लिख नहीं सकते और पेजेस को भर नहीं सकते दूसरा चीज जो कंपट एग्जामिनेशन को सेपरेट करता है बाकी सारे एग्जामिनेशन से वह यह है कि बाकी सारे एग्जाम का एक लिमिटेड सिलेबस होता है जैसे कि तुम अपने कॉलेज के सेमेस्टर एग्जाम्स भी देते हो तो के एक पर्टिकुलर सब्जेक्ट है उसे दे दिया और फिर भूल गया इसके वजह से तुम्हारा यह प्रैक्टिस नहीं होता कि मैं पूरे एक से 2 साल के सीनियर सेकेंडरी को कैसे एक दिन उतारूं या फिर 4 साल के इंजीनियरिंग को कैसे मैं एक दिन में परफॉर्म करूं और वो सारे चीज मुझे याद कैसे रहे और यहीं पे लोग तीसरा गलती करते हैं लोग सारे चीज याद करने की कोशिश करते हैं लेकिन कंपटिंग एग्जामिनेशन में चीजों को अप्लाई किया जाता है और अप्लाई याद किया हुआ चीज नहीं होता अप्लाई वो होता है जो तुम्हें आता है जो तुम्हें समझ में आ गया कांसेप्चुअली अंडरस्टैंड हो गया चीज जैसे तुम किसी चीज को असेंबल करोगे लेट अस से तुम्हें यह फोन को असेंबल करना सीखना है इसके बहुत सारे पाठ पुर्जे हैं तो तुम उसे याद करके नहीं कर सकते तुम उसे समझ के कर सकते हो कोई भी काम जो एक्चुअल रियल वर्ल्ड में होता है जैसे आज भी अगर मैं यह पॉडकास्ट कर रहा हूं तो मैं यह याद करके नहीं कर रहा हूं मैं समझता हूं कि पॉडकास्ट कैसे किया जाता है लोगों के क्वेश्चंस कैसे आंसर किए जाते हैं तो इसीलिए कंपट एग्जाम एग्जामिनेशन में भी लोगों का समझ और अंडरस्टैंडिंग टेस्ट होता है और बाकी सारे एग्जाम में उनका याद करने का एबिलिटी टेस्ट होता है और यह एक तरह से इंडियन एजुकेशन सिस्टम का ही प्रॉब्लम है क्योंकि बहुत सारे कंट्रीज में ऐसा नहीं होता यूएस का भी एजुकेशन सिस्टम ऐसा नहीं होता कि तुमने कुछ पढ़ा वह कितने अच्छे तरीके से तुम्हें याद है वह टेस्ट हो रहा है जनरली एप्लीकेशन बेस्ड टेस्टिंग होता है लेकिन इंडिया का पॉपुलेशन इतना ज्यादा है कि ऐसे हर एक पर्सन को उस तरह से टेस्ट करना शायद पॉसिबल भी नहीं है चेंजेज हो सकते हैं पता नहीं कब होगा तो कंपीटेटिव एग्जामिनेशन तुम्हारा बाकी सारे एग्जामिनेशन से डिफरेंट होता है क्योंकि यहां पे कांसेप्चुअल अंडरस्टैंडिंग टेस्ट होता है याद करने का एबिलिटी टेस्ट नहीं होता कितना ज्यादा तुम रट पा रहे हो कितने अच्छी तरीके से तुम्हें सारी चीज याद है ये टेस्ट नहीं होता यहीं पे मैक्सिमम लोग गलती कर देते हैं और उनका पूरा तैयारी ये रहता है कि मुझे सब कुछ याद रहे जैसे मैंने गेट एग्जामिनेशन में भी बहुत लोगों को गलती करते हुए देखा है और उनका पूरा छ महीना पार हो जाता है शो कम रहे हैं दिन रात पढ़ रहे हैं लेकिन रिजल्ट नहीं आया क्योंकि उनका पूरा अप्रोच ही गलत था दूसरा तुम्हारा बहुत ही शॉर्ट टर्म अंडरस्टैंडिंग या फिर बहुत ही शॉर्ट सिलेबस यहां पे टेस्ट नहीं होता आईटी जेई में भी तुम्हारा दो साल का सिलेबस टेस्ट होता है गेट इंजीनियरिंग सर्विसेस ये सारी जगह तुम्हारे 4 साल के इंजीनियरिंग का अंडर ग्रेजुएशन पूरा टेस्ट होता है तो यहां पे तुम कुछ भी शॉर्ट टर्म मेमोराइज करके नहीं जा सकते या या फिर तुरंत पढ़ा और तुरंत भूल गया यह जो जनरली बाकी सारे एग्जामिनेशंस में सेमेस्टर एग्जामिनेशंस में कॉलेज के एग्जामिनेशंस में स्कूल के एग्जामिनेशंस में यह सारे जो रहते हैं आदत लोगों के कि हां यह पढ़ना है इतना ही पढ़ना है इतना जाके वहां लिखना है फिर भूल जाना है ये नहीं रहता कंपटिंग एग्जामिनेशन में जनरली जो लोग कंपटिंग एग्जामिनेशन का बहुत ही अच्छा से तैयारी करते हैं उनका लाइफ टाइम तक वो सारे चीज याद रहते हैं मैंने हीट ट्रांसफर अभी से करीब 6 सा साल पहले पढ़ा था और वो अभी तक मुझे समझ में आता है कि कंडक्शन यह है कन्वे क्शन यह है रेडिएशन यह क्योंकि वह तुम्हें समझ में आ गया क्यों है यह क्या है रीजन यह सारे चीज तुमने बहुत ज्यादा सोचा है इसे कांसेप्चुअल अंडरस्टैंडिंग बोलते हैं और तीसरा एप्लीकेशन बेस्ड यह एग्जामिनेशन होता है जैसे यहां पे तुम्हें लिखना नहीं है लंबा-लंबा कि ओके ऐसे है उसमें तुम्हें यहां पे ग्रेस मार्क मिल जाएगा ऐसा कुछ भी नहीं है मैक्सिमम कंपटिंग एग्जामिनेशन अदर दन सिविल सर्विसेस के मेंस इंजीनियरिंग सर्विसेस के मेंस डीआरडीओ का भी एक मेंस होता है बट वह सारे सेकंड राउंड फाइनल राउंड्स होते हैं लेकिन 90 पर कंपट एग्जामिनेशंस तुम्हारे ऑब्जेक्टिव टाइप होते हैं और ऑब्जेक्टिव टाइप में या तो तुम्हें आता है या तो तुम्हें सही आता है या तो तुम्हें नहीं आता है तो अगर आता है तो तुम्हें वहां मार्क्स मिल जाएगा और नहीं आता तो मैक्सिमम एग्जाम्स में तुम्हारे नेगेटिव मार्किंग होते हैं तो तुम्हारे मार्क्स कटेंगे इसलिए तुम्हारा सही होना और उस परे कॉन्फिडेंस होना बहुत ज्यादा जरूरी होता है तो यह सारे चीज समझ लो अगर तुम किसी भी कंपटिंग एग्जामिनेशन का तैयारी करने वाले हो यह सार चीज काफी डिफरेंट होते हैं जैसे जब मैं कॉलेज घुसा था तो मेरा भी ऑब्जेक्टिव यही था कि सीजीपीए बहुत ही अच्छा करना है और उसके लिए मैंने सेमेस्टर एग्जामिनेशंस पे बहुत ज्यादा फोकस किया था क्लास में जो पढ़ाया जाता था वह अच्छे से पढ़ता था बुक्स पढ़ता था लंबे-लंबे नोट्स बनाता था उसके बाद एग्जाम के पहले मैं लिख लिख के प्रैक्टिस भी करता था कि हां मुझे अच्छा जीपीए लाना है अच्छा मार्क्स लाना है तो यह सारी चीज मेरे भी ऑब्जेक्टिव्स थे लेकिन फोर्थ ईयर फिफ्थ ईयर तक जब मुझे समझ में आने लगा ओके अब तो कंपटिंग एग्जामिनेशन का तैयारी करना है और जब मैं उनके क्वेश्चंस उठा के सॉल्व करने की कोशिश कर रहा था तो मुझे समझ में आया ओके जो मैं तीन सेमेस्टर पहले पढ़ रहा था वो तो मैं पूरी तरह भूल चुका हूं पर ऐसा तो नहीं चलेगा क्योंकि जो मैं तीन सेमेस्टर पहले पढ़ रहा था और जो मैं आज पढ़ रहा हूं वो मुझे एक से दो साल बाद भी एक तीन घंटे के पेपर में एक्सप्रेस करना है जो भी क्वेश्चंस आ रहा है वहां पे अप्लाई करना है तो ये सारी चीज से मुझे ये समझ में आया कि ओके तुम्हारा अंडरस्टैंडिंग ऐसा होना चाहिए कि वो तुम्हारे मेमोरी में नहीं वह तुम्हारे कांसेप्चुअल बैंक में आ चुका है अब कि हां कुछ चीज तो मुझे आता है और वो कैसे होता है तो जिस तरह से यह एग्जाम तुम्हारा एप्लीकेशन टेस्ट करता है ना तुम्हारा तैयारी भी एप्लीकेशन बेस्ड होना चाहिए तो तुम कुछ भी समझ रहे हो कुछ भी लेट अस से अभी मैं कंडक्शन समझ रहा हूं तो उसका एप्लीकेशन क्या है वो मेटल्स में हो रहा है तो कैसे हो रहा है वो अगर तुम्हारा इंसुलेटर्स में हो रहा है तो कैसे हो रहा है क्यों कुछ मटेरियल अलग होते हैं यह सारी चीज तुम्हें अपने सराउंडिंग में दिखना चाहिए एवरी इंजीनियरिंग फिजिक्स और साइंस कैन बी अप्लाइड टू एक्सप्लेन थिंग्स अराउंड यू और इस तरह से तुम्हें चीजों को अच्छे से समझना होता है जब तुम चीजों को अगल-बगल अपना अप्लाई करने लगोगे डिस्कशन करोगे लोगों से कि ओके कैसे हो रहा है टीचर से डिस्कशन करोगे क्यों हो रहा है तो वह भूलना बहुत ही ज्यादा मुश्किल होता है और भूलना इसलिए मुश्किल होता है क्योंकि अब तुम्हें समझ में आ गया अब वह तुम्हारा कांसेप्ट बन चुका है यह सारे डिफरेंसेस होते हैं पढ़ने में और समझने में तो अगर तुम्हें कंपटिंग एग्जामिनेशन का तैयारी करना है तो तुम्हें इस तरह से अपना अप्रोच रखना होगा नहीं तो तुम्हें बस डिग्री लेना है तो फिर भाई पढ़ो और भूलो पढ़ो और भूलो क्योंकि अल्टीमेटली तो तुम कोई ऐसे नॉर्मल से जॉब कर रहे होगे जहां पर तुम्हें वहीं पर सिखाया जाएगा कि तुम्हें क्या करना है लेकिन अगर तुम प्रॉपर अगर चीजों को समझना चाहते हो अपने ट्रेड में एक्सपर्ट बनना चाहते हो तो तुम्हें इस तरह से पढ़ाई करना पड़ेगा क्वेश्चंस पूछने पड़ेंगे एप्लीकेशंस खोजने पड़ेंगे अपने से एफर्ट डालना पड़ेगा कि ऐसा क्यों हो रहा है और इसके थोड़े अगल-बगल भी हम देख ले कि ओके जायरोस्कोप ऐसा है तो थोड़ा अच्छा से समझ ले कि इसका रियल लाइफ में क्या एप्लीकेशन है रॉकेट के नेविगेशन और गाइडेंस में भी इसका एप्लीकेशन होता है मुझे नहीं पता था प्लेन में भी ये यूज होता है मुझे नहीं पता था अभी तुम youtube1 बार तुम सर्च करो करोगे कि जायरोस्कोप इन एयरोस्पेस तुम्हें कुछ ना कुछ वीडियो जरूर मिल जाएगा और भी अच्छा से समझने के लिए पहले लोगों को बस बुक में पांच-छह लाइन मिल जाता था एक दो पेज पढ़ लिया उससे उन्हें समझना पड़ता था लेकिन अभी के जो रिसोर्सेस हैं उसे तुम यूज कर सकते हो चीजों को और भी अच्छे से समझने के लिए तो अभी थोड़ी देर पहले जब मैंने यह बोलना स्टार्ट किया कि तुम्हें अगर कंपटिंग एग्जामिनेशन का तैयारी करना है तो कैसे स्टार्ट करना है उसमें मैंने तुम्हें एक बार भी यह बोला कि टेस्ट सीरीज कौन से लेने हैं क्या मैंने तुम्हें यह बोला कि प्रीवियस ईयर क्वेश्चन कितने सॉल्व करने हैं कितना सफिशिएंट होता है सॉल्व करना यह सारी चीज नहीं बोले ना मैंने तुम्हें एग्जाम का प्रीवियस ईयर क्वेश्चन भी उठाने नहीं बोलना मैंने मोस्टली यह फोकस किया कि यह एग्जाम जिस भी चीज को टेस्ट कर रहा है उसमें तुम्हारा अंडरस्टैंडिंग बहुत ही अच्छा होना चाहिए यह चीज को उठा के लोग टस्ट बिन में फेंक देते हैं और लोगों से पूछने लगते हैं कि मैं कौन सा प्रीवियस ईयर क्वेश्चन सॉल्व करूं कौन सा कोचिंग इंस्टिट्यूट में जॉइन करूं और कौन सा टेस्ट सीरीज दूं ये सारी चीज पूछने लगते हैं कितने पैसे लगेंगे कहां से डाउनलोड कर सकते हैं यही सारे क्वेश्चन पूछते रहते हैं इसीलिए उनका कभी भी बेस ही नहीं बनता और अगर बेस ही नहीं बन रहा देखो कॉम्पिटेटिव एग्जामिनेशन कोई भी अगर उठाओगे ये छ महीने वाले बकवास बात मेरे से मत करना ये सब कोई बोलते हैं छ महीना में ये एग्जाम निकल जाएगा ऐसा कभी भी नहीं होता कोई भी एग्जाम निकालने में एक से दो साल लगता है दिस इज द रियलिटी अगर तुम्हें दर्द हो रहा है तो एग्जाम का तैयारी मत करो तुम्हारा जेई का तैयारी करना है एक से दो साल से भी ज्यादा लगता है तुम्हारा अगर गेट एग्जामिनेशन का तैयारी करना है तो मैंने तुम्हें बता दिया तीन से चार साल के तैयारी के बाद भी बहुत लोगों का अच्छा से परफॉर्मेंस नहीं हो पा रहा क्योंकि तुम्हारा एक लेवल है वहां से ग्रो करने में कुछ टाइम लगेगा तुम्हें अब तुम आईटी ऑलरेडी क्रैक कर चुके हो तुम आईटी बम्बे से मैकेनिकल इंजीनियरिंग पढ़ के निकल रहे हो तुमने ऑलरेडी आईआईटी जे में इतना अच्छा परफॉर्म कर लिया हो सकता है तुम्हारा गेट अच्छा से निकल जाए हो सकता है लेकिन ऐसे भी आईआईटी के लोग को मैंने घूमते हुए देखा है जो गेट का एग्जाम का तैयारी एक दो साल से कर रहे उनका नहीं हुआ सब कुछ होता है ठीक लेकिन इन जनरल जो मैंने देखा है कोई भी कंपट एग्जामिनेशन का तैयारी करने में एक से दो साल लगता है एक से दो अटेंप्ट लग जाता है तो अगर तुम इतना लंबा तैयारी कर रहे हो किसी भी चीज का तो वहां पे तुम्हारा अगर बेस ही खराब था तुम बिल्ड किस पे करोगे मतलब वो एक से दो साल तुम क्या कर रहे हो तुम अपना एक्सपर्टीज उस फील्ड में डेवलप कर रहे हो उस फील्ड में अपना न्यूमेरिकल सॉल्विंग एबिलिटी डेवलप कर रहे हो वो सब चीज तभी डेवलप होगा अगर तुम्हारा कांसेप्ट बहुत अच्छे से डेवलप है अगर कांसेप्ट डेवलप नहीं है अगर तुम्हारा रूट में ही प्रॉब्लम है तो कभी भी ग्रो नहीं कर पाएगा डेवलप नहीं कर पाएगा तो इसीलिए कई लोग लगे रहते हैं चार पा साल में और उसके बाद उन्हें समझ में आता है कि मेरे से नहीं होगा लेकिन उसका प्रॉब्लम यहां पर था तो गेट का एग्जामिनेशन का भी तैयारी करने के लिए बहुत लोग आते हैं जो अंडर ग्रेजुएट्स रहते हैं वो मुझसे क्वेश्चंस पूछते रहते हैं अभी मैं सेकंड ईयर में हूं अभी मैं फर्स्ट ईयर में हूं अभी तो मैं कॉलेज भी नहीं घुसा लेकिन मुझे करना है यह क्योंकि मेरे को अच्छा कॉलेज चाहिए मास्टर्स के लिए लेकिन उन सबको मैं यही बोलता हूं कि पहले एक से दो साल तो कुछ भी नहीं करना है अदर देन इंजीनियरिंग बहुत अच्छा से सीखो क्योंकि यह ग्रेजुएट एप्टीट्यूड एग्जामिनेशन इन इंजीनियरिंग है टेस्ट इन इंजीनियरिंग तो इंजीनियरिंग बहुत अच्छे से समझ में आना चाहिए और यह गेट का पेपर भी शायद तुम्हें ना पता हो आईटी ही बनाता है वहां पर आईटी के प्रोफेसर ही बनाते हैं तो वह तुम्हारा क्या टेस्ट करना चाहते तुम्हें क्या लगता है व तुम्हें एमटेक के लिए क्यों लेना चाहते हैं अगर तुम्हारा कांसेप्चुअल अंडरस्टैंडिंग अच्छा है तो तो इसीलिए तुम आईटी जेई का तैयारी करो वहां तुम्हारा फिजिक्स केमिस्ट्री मैथ्स का अंडरस्टैंडिंग बहुत ही अच्छा होना चाहिए जेई का तैयारी गेट का तैयारी करो वहां पर तुम्हारा इंजीनियरिंग का अंडरस्टैंडिंग बहुत ही अच्छा होना चाहिए दैट इज योर फर्स्ट स्टेप सेकंड स्टेप आता है कि ओके अब तुम एग्जाम के बारे में भी थोड़ा समझना स्टार्ट करो कि ये एग्जाम का क्या पैटर्न है और इसके लिए क्या-क्या सब्जेक्ट्स इंपॉर्टेंट है क्या-क्या सब्जेक्ट्स इंपॉर्टेंट नहीं है तो कई लोग बोलते हैं कि ओके इस एग्जाम में तो 10 सब्जेक्ट इंपॉर्टेंट होता है यह एक दो सब्जेक्ट से तो एक-दो क्वेश्चंस आते हैं कभी-कभी इसे छोड़ दो इसलिए मैंने बोला कि पहले तुम्हारा पूरा अंडरस्टैंडिंग उस फील्ड में बहुत अच्छा होना चाहिए 100% ऐसा नहीं कि कुछ छोड़ दिया कुछ पकड़ लिया ऐसे शॉर्टकट और बैडेट मार के यह सारे एग्जाम्स नहीं निकलने वाले हैं जो भी यह एग्जाम निकाल रहे हैं वह पूरा 100% अंडरस्टैंडिंग लेके चल रहे हैं और उसके बाद उसे फोकस कर रहे हैं एक पर्टिकुलर एग्जाम के पैटर्न में जब तुमने 100% पढ़ लिया उसके बाद तुम्हें पता चला कि ओके 60 पर ही ज्यादा इंपॉर्टेंट है तो 60 पर पे तुम रिवीजन में ज्यादा एफर्ट दोगे उसके क्वेश्चंस ज्यादा से ज्यादा खोजो ग उसमें प्रैक्टिस ज्यादा करोगे तब तुम्हारा फोकस बन जाएगा कि ओके यह सारे इस एग्जाम का डिमांड है तो यह सारे चीज मेरे बहुत ही स्ट्रांग है ताकि मैं 90 पर एग्जामिनेशंस अच्छे से दे पाऊं और देखोगे वहां पे भी जाके 10 पर में कुछ ना कुछ क्वेश्चन वो ऐसा घुसाए जो आउट ऑफ पैटर्न है और वो वहां से आ रहा है जो कि शायद कई लोग छोड़ने का सोच रहे थे तो अगर तुम कंपीटेटिव एग्जामिनेशन का तैयारी कर रहे हो तो स्टेप वन कांसेप्चुअल अंडरस्टैंडिंग बहुत ही अच्छा रखो 100% ऑफ द ट्रेड अगर तुम मैकेनिकल इंजीनियरिंग पढ़ रहे हो फॉर एग्जांपल तो ऐसा नहीं कि मैं टॉम सॉम और थर्मो बहुत अच्छे से करके जाऊंगा और इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग तो मुझे अच्छा नहीं लगता आरएसी से तो ज्यादा क्वेश्चन नहीं आता तो वो मैं नहीं पढ़ूंगा ऐसा नहीं होता जिनका एग्जाम निकल रहा है इस एग्जाम में जहां पे 200000 2 लाख से ऊपर लोग एग्जामिनेशन दे रहे हैं और लेस दन 300 का कुछ हो रहा है वहां पे जो क जहां पे कंपटीशन का लेवल इतना ज्यादा है वहां पे तुम्हें 100% चीज को कवर करना ही पड़ेगा यहां पे मैं आईटी जेई का तैयारी के बारे में नहीं बात कर रहा क्योंकि वहां पे क्या होता है कि तुम्हारा 100% मार्क्स नहीं लाना पड़ता परफॉर्मेंस और आउटपुट के लिए गेट में क्या हो रहा है कि कई बार 1999 भी जा चुका है अभी पिछले दो-तीन साल से थोड़ा कम जा रहा है टॉपर्स के मार्क्स लेकिन ऐसा नहीं है कि वह वापस घूम के नहीं आ सकता जैसे आईएससी बैंगलोर ने 2008 का पेपर सेट किया था उसमें ऐसे कुछ 40 मार्क्स या कुछ गए थे टॉपर के उसके बाद 2015 में जाकर देखो तो टॉपर के 99 मार्क्स थे वो भी इसीलिए क्योंकि नॉर्मलाइजेशन होके उसके कुछ मार्क्स घट गए थे अशोक बंसल उसका नाम है अभी भी मुझे याद है क्योंकि उसका मेरे अपीयरेंस जस्ट एक साल पहले ही रिजल्ट आया था और हम सब शॉक में कि यह क्या हो गया अब हम क्या करेंगे तो एग्जामिनेशन का ऐसा रहता है कि जो तुम सोचोगे और जब तुम सोचोगे कि ऐसा कुछ हो सकता है तभी उसका उल्टा कुछ होगा एग्जामिनेशन में कभी भी प्री कंसेप्ट नोशन के साथ मत घुसना कि ये एग्जाम तो इजी है ये एग्जाम में तो ऐसे क्वेश्चंस आते हैं ऐसा मेरे साथ जब इसरो में दो-तीन बार हुआ ना तब मुझे समझ में आ गई कि किसी भी एग्जाम को तुम प्रिडिक्ट नहीं कर सकते इसरो का भी ऐसा ही था एक फिक्स्ड पैटर्न है कुछ क्वेश्चंस इंजीनियरिंग सर्विसेस के टाइप के आएंगे कुछ क्वेश्चन गेट के टाइप के आएंगे और उसको मिलाजुला के कट ऑफ करीब इतना जाएगा और करीब तुम्हें 60 क्वेश्चन अटेंप्ट करने हैं उसके बाद 2017 के दिसंबर में एक एग्जामिनेशन हुआ पैटर्न पलट गया 60 क्वेश्चन क्या जिन्होंने 50 क्वेश्चन अटेंप्ट किए उन्हीं के क्वालीफाई हुए जिनके 60 क्वेश्चन अटेंप्ट हुए उनके ज्यादा मिस्टेक हो गए क्योंकि क्वेश्चन पेपर था ही नहीं उतना ज्यादा अटेंप्ट करने वाला उसके बाद एक और अप्रैल में एग्जामिनेशन हुआ 2018 में और उसमें क्वेश्चन पेपर थोड़ा इजी आ गया मतलब इंजीनियरिंग सर्विसेस टाइप के क्वेश्चन ज्यादा हो गए और उसमें लोगों को 100% अटेंप्ट मारना पड़ा मैं मैं खुद ही 76 क्वेश्चन अटेंप्ट मार के आया था 80 क्वेश्चन में तो कंपटिंग एग्जामिनेशन को ऐसे जज मत कर लो कि यह एग्जाम इजी है इतना पढ़ना होगा यह इंपॉर्टेंट है यह नहीं इंपॉर्टेंट है यह पढ़ूंगा यह नहीं पढ़ूंगा ऐसे करोगे तुम शॉर्टकट मार रहे हो तो यह एग्जामिनेशन नहीं निकलेगा और फिर तुम बोलोगे कि मेरा किस्मत खराब है तुम्हारा किस्मत खराब नहीं है तुमने बस यह एग्जाम का एक शॉर्टकट खोजने की कोशिश करी वह शॉर्टकट भेड़ा नहीं तुम्हारा तो तुम बोल रहे हो कि तुम्हारा किस्मत खराब था एक्चुअल में जो एग्जाम को निकालने वाले हैं वो पूरी तरह विदाउट कंप्रोमाइज 100% सिलेबस जरूर कवर करेंगे उसके बाद उसे फोकस कर लेंगे अपना एग्जाम के पैटर्न के हिसाब से कक गेट एग्जामिनेशन है तो ये सारे सब्जेक्ट्स इंपॉर्टेंट है बार्क एग्जामिनेशन है मैथ्स उतना ज्यादा इंपॉर्टेंट नहीं है इसरो एग्जामिनेशन ओके इंडस्ट्रियल उतना ज्यादा इंपॉर्टेंट नहीं है आरएसी से कम क्वेश्चन आएंगे यह सारी चीज एग्जामिनेशन को समझने से पता चल जाता है लेकिन इसके वजह से वो जो बेस का है तुम्हारा जो तैयारी जो एक तुम्हारा स्टैंडर्ड एज एन इंजीनियर और सीनियर सेकेंडरी स्टूडेंट तुम्हें समझ में आना चाहिए उसके साथ कंप्रोमाइज मत कर लेना नहीं तो कहीं ना कहीं जाके वो जरूर तुम्हें डसेगा और फिर तुम्हें समझ में आएगा कि ओके इसके वजह से मेरा पूरा एक साल बराबर हो गया चलो बहुत ज्यादा फोकस मैंने इसलिए दिया क्योंकि यह सारी चीज लोग नहीं समझते पैटर्न बता दो ट्रिक बता दो स्ट्रेटेजी बता दो कैसे मेरा कम पढ़ के ज्यादा मार्क्स आ जाएगा भाई वो तो सबको ही कर लेंगे ना इजी रास्ता अगर होता तो वह तो कोई भी पढ़ तुम्हें ऐसा तो नहीं है ना कि कोई तुम्हें कान में आगे कुछ बता रहा है और किसी और को पता ही नहीं है ऐसा तो नहीं है तो ऐसा अगर होता तो बहुत हाई चांसेस है कि किसी और के कान में जाकर किसी ने बताया और तुम्हें भी नहीं पता वो सीक्रेट लेकिन रियलिटी यही है कि एक स्टैंडर्ड एग्जामिनेशन है एक स्टैंडर्ड पैटर्न है एक स्टैंडर्ड सिलेबस है वो सिलेबस प्राइमरी होता है तुम्हारा वो सिलेबस को तुम्हें कवर करना ही है उसके बाद आता है पैटर्न कि ओके मेरे 12 सब्जेक्ट हैं ये सारे 12 सब्जेक्ट में इक्वल डिस्ट्रीब्यूशन नहीं है क्वेश्चन का जैसे मैकेनिकल इंजीनियरिंग का एग्जांपल लूं तो पांच सब्जेक्ट है जिससे करीब 50 से 60 पर के क्वेश्चंस आ जाते हैं गेट में फ्लूइड मैकेनिक्स हीट ट्रांसफर थर्मोडायनेमिक्स स्ट्रेंथ ऑफ मटेरियल और कभी-कभी प्रोडक्शन से भी ज्यादा ही क्वेश्चंस आते हैं तो यह सारी चीज मिला के तुम्हारे 50 से 60 पर के आ जाते हैं आरएसी हो गया आईसी इंजन हो गया टर्बो मशीनरी पावर प्लांट ये सब फिर से चार पांच सब्जेक्ट्स मैंने बता दिया लेकिन इससे कम आता है और उसके बाद मैथ्स है जो कि एक मेजर सब्जेक्ट में ही आता है तो मेजर सब्जेक्ट होते हैं माइनर सब्जेक्ट्स होते हैं मेजर सब्जेक्ट पांच से छह ही होते हैं लेकिन उससे तुम्हारा आ जाता है करीब ऐसे 60 से 70 पर के क्वेश्चंस तो ओबवियस सी बात है कि यह मेजर सब्जेक्ट में तुम्हें ज्यादा एफर्ट देना है कब एग्जाम के प्रैक्टिस में और रिवीजन में तो देखो बहुत ही सिंपल है अगर इससे ज्यादा क्वेश्चंस आते हैं तो अगर तुम पिछले 20 साल के प्रीवियस ईयर क्वेश्चंस उठाओगे तो ज्यादा क्वेश्चन मिलेंगे ना उससे सिंपल सी बात है ना कि अगर तुम्हें इससे 60 पर के क्वेश्चंस आते हैं तो तुम पिछले 20 साल के क्वेश्चंस को अगर देखो तो उसमें 60 पर ऑफ क्वेश्चन इसी से आएंगे तो ओबवियस सी बात है कि प्रीवियस ईयर से क्वेश्चन सॉल्व करने में तुम्हें ज्यादा टाइम लगेगा इन सब्जेक्ट्स के लिए जो कि तुम्हारे लिए फायदेमंद भी है क्योंकि तुम्हें इसी में ज्यादा टाइम स्पेंड करना था व्हेन इट कम्स टू फोकस टू दिस एग्जामिनेशन हां रिवीजन में तुम्हें थोड़ा चेंज करना पड़ेगा क्योंकि तुम्हारा मटेरियल जो होगा इन मेजर सब्जेक्ट्स का वो भी थोड़ा ज्यादा होगा यह भी काफी ओबवियस ही है अगर ज्यादा क्वेश्चंस आए हुए हैं उससे तो ज्यादा टॉपिक्स टच हुआ है अगर ज्यादा टॉपिक्स टच हुआ है तो ज्यादा चीज तुम्हें पढ़ना पड़ेगा कि ओके ये भी टॉपिक इंपॉर्टेंट है ये भी टॉपिक इंपॉर्टेंट है तुम्हारा जो क्लास नोट्स बना हुआ है उन सब्जेक्ट से वो थोड़ा मोटा होगा क्योंकि ज्यादा चीज कवर है तो उसे रिवाइज करने में भी ज्यादा टाइम लगेगा सिंपल सी बात है हां बस इसे यहां पर ट्रांसलेट करना कि ओके टेस्ट सीरीज भी इससे थोड़ा ज्यादा देना है और इसके माइक्रो नोट्स यह सब भी थोड़ा रेगुलरली रिवाइज करते रहना यह इसलिए है क्योंकि जब तुम मेजर सब्जेक्ट्स को स्ट्रंग कर लेते हो और जब तुम एग्जाम में जाते हो और तुम्हें मेजॉरिटी ऑफ क्वेश्चंस वहां से दिख रहे हैं और तुम्हारे मेजर सब्जेक्ट बहुत ही स्ट्रंग है बुलेट प्रूफ तो तुम्हें बहुत ज्यादा कॉन्फिडेंस आता है क्योंकि ज्यादा क्वेश्चन जो तुम्हारे हैं वो तुम्हें ओके हां यह मुझे पता है कैसे करना है मैं कंफर्टेबल हूं तो वो कंफर्ट के लिए हम अपना फोकस उस डायरेक्शन में कर लेते हैं अब ये एग्जाम टू एग्जाम चेंज हो जाता है जैसे मैंने बताया बार्क एग्जाम गेट एग्जामिनेशन और इसरो एग्जामिनेशन में ये सब में मेजर सब्जेक्ट्स अलग-अलग हैं कुछ-कुछ डिफरेंसेस सब में है लेकिन वह एक दो महीना में एडजस्ट हो जाता है क्योंकि एक महीना बाद मेरा एरो है तो मैं इस पर फोकस करूंगा ऐसे-ऐसे वो तुम प्रीवियस ईयर क्वेश्चन उस पर्टिकुलर एग्जाम का सॉल्व करोगे तो उससे ही तुम्हें समझ में आ जाएगा कि इसमें क्या इंपॉर्टेंट है क्या नहीं है लेकिन हां अब हम अगर पैटर्न में आ ही गए तो एक प्रॉपर कैलकुलेशन बहुत इंपॉर्टेंट है जैसे कि मैं तुम्हें एग्जांपल देता हूं जब मैं पहली बार एसरो एग्जामिनेशन का तैयारी कर रहा था 2017 में 7 मई 2017 को मेरा एग्जाम था मैंने प्रॉपर्ली तैयारी स्टार्ट कर दिया था जैसे ही मेरा मेरा बाकी के रिटन टेस्ट हो गए थे जो कि मार्च के एंड तक हुए थे तो मुझे करीब एक से दो महीना अच्छा सा टाइम मिल गया था तो मैंने सबसे पहले उठा के जितने भी प्रीवियस ईयर क्वेश्चंस हैं इसरो के सारे उठा लिए बहुत ही सिंपल है तो मुझे पता चला इसरो का ये जो आईसीआरबी एग्जाम नेशन है जो मुझे देना है जो साइंटिस्ट पोजीशन के लिए यह 2006 से हो रहा है और अभी मैंने बताया मैं 2017 का एग्जाम का तैयारी कर रहा हूं तो 2006 से लेकर 2016 तक मेरे पास अवेलेबल है सारे के प्रीवियस ईयर क्वेश्चन हर साल 80 क्वेश्चन आए हैं ओके 80 क्वेश्चन आए हैं मैकेनिकल इंजीनियरिंग से लेकिन मुझे यह कौन बताएगा कि थर्मोडायनेमिक्स से कितने क्वेश्चन आए स्ट्रेंथ ऑफ मटेरियल से कितने क्वेश्चन आए फ्लूइड मैकेनिक्स से कितने क्वेश्चन आए यहां पे आता है कि तुम कितना मेहनत कर रहे हो इस पैटर्न को ब्रेक कर करने के लिए अब तुम्हें कोई परोस के नहीं देगा कके यह है यह है यह है कई कई बार तुम्हें मिल भी जाता है जैसे गेट में जो बड़े एग्जाम्स है उसमें तुम्हें मिल भी जाएगा ओके इतने क्वेश्चंस आए हैं इस साल आए हैं लेकिन बहुत सारे एग्जाम्स होते हैं तुम्हें नहीं मिलते तो मैंने खुद से जाके ओबवियस सी बात है कि मैं हर साल का क्वेश्चन पेपर सॉल्व कर रहा हूं जब मैंने सॉल्व कर लिया उसके बाद मैं एनालाइज कर रहा हूं ओके सोम से कितने क्वेश्चन आए थर्मो से कितने क्वेश्चन आए इससे कितने क्वेश्चन आए तब मुझे पता चला ओके इसरो एग्जाम के मेजर सब्जेक्ट्स सॉम है थर्मो है फ्लूइड मैकेनिक्स है और प्रोडक्शन है और मैथमेटिक्स का काफी इंपॉर्टेंट होता है इस इस टॉपिक से 14-15 क्वेश्चन आते हैं 80 में से इस टॉपिक से दो क्वेश्चन आते हैं तब मुझे पता चल गया कि ओके यह ज्यादा इंपॉर्टेंट है यह कम इंपॉर्टेंट है यह तो इंपॉर्टेंट ही नहीं है यह तो आता ही नहीं है आज तक यहां से क्वेश्चन ही नहीं आया तो मैं अगर इस एग्जाम का तैयारी कर रहा हूं जैसे बार के एग्जामिनेशन में मैथ्स के क्वेश्चन ही नहीं आते बहुत रेयरली एक दो आ गया तो उसके लिए मैं थोड़ी तैयारी करूंगा क्योंकि बार्क एग्जामिनेशन 100 क्वेश्चन का होता है और तुम्हें बस 120 मिनट मिलते हैं और क्वेश्चन हर क्वेश्चन करीब दो से 3 मिनट लेता है काफी डिफिकल्ट एग्जाम होता है तो जनरली लोग 60-70 क्वेश्चन ही बना पाते हैं मैक्सिमम टू मैक्सिमम तो मतलब 30 पर क्वेश्चन तुम्हें छोड़ने ही है तो वैसे एग्जाम में मैं ऐसा सब्जेक्ट क्यों पढ़ के जाऊंगा जहां बस एक दो क्वेश्चन आ रहे हैं जहां मुझे 30 क्वेश्चन छोड़ना है तो यह सारे चीज समझ में आता है जब तुम एग्जामिनेशन को स्टडी करते हो एनालाइज करते हो तो बेस लेवल में मैंने बताया कि पूरा सिलेबस स्ट्रांग होना चाहिए एक बार पूरा कांसेप्चुअल अंडरस्टैंडिंग होना चाहिए उसके बाद फोकस करो और वहां प तुम्हारा रिवर्स इंजीनियरिंग आता है कि तुम पैटर्न को कितने अच्छे तरीके से समझ रहे हो और क्या स्ट्रेटेजी डेवलप कर रहे हो और यह याद रखना यह इंडिविजुअल होता है और यही सारी चीज है जो बहुत सारे कोचिंग इंस्टीट्यूट्स तुम्हें नहीं बताते कोचिंग इंस्टीट्यूट्स में मैं भी जा चुका हूं कोचिंग मैंने भी लिया है आईटी जेई के लिए भी और गेट के लिए भी और यह सारी चीज मुझे उस टाइ पे भी नहीं पता था कि कोचिंग इंस्टिट्यूट का कितना कम हाथ होता है किसी भी अच्छे परफॉर्मेंस में अच्छा परफॉर्मेंस एक इंडिविजुअल अगर देता है रैंक लेके आता है तो उसमें मेजॉरिटी हाथ उसका खुद का होता है कि क्या स्ट्रेटजी बनाया उसने किस तरह से उसने डेली बेसिस में रिवीजन किया प्रैक्टिस किया किस तरह से उसने अपना सिलेबस कंप्लीशन किया किस तरह से उसने इस एग्जाम के पैटर्न को समझा और उसके हिसाब से अपने आप को ढाला कितना टेस्ट सीरीज दिया यह सब मॉनिटर इंडिविजुअली ही करते हैं कोई भी कोचिंग इंस्टिट्यूट कहीं भी चले जाओ यह सारे चीज तुम्हें इंडिविजुअली नहीं बताने वाला दिस इज नॉट पॉसिबल क्योंकि उनके पास इतने सारे स्टूडेंट्स आते हैं वो हर एक के लिए कैसे भाई 20 स्टूडेंट भी आया किसी कोचिंग इंस्टिट्यूट में हर एक के लिए कैसे अगर मेरे पास कोई 20 स्टूडेंट भेज देता कि हां इन्हें इन्हें पढ़ाओ गेट एग्जामिनेशन के लिए मैं हर एक के लिए तो कभी भी नहीं कर पाता सबका पैटर्न डिफरेंट सबका रूटीन डिफरेंट है सबके लाइफ में कुछ और चल रहा है सबका स्ट्रेंथ और वीकनेसेस अलग है तो इसीलिए यह समझ लो कि कंपटिंग एग्जामिनेशंस आर वेरी इंडिविजुअलिस्टिक यहां पर तुम्हें खुद का प्लसेज और माइनस को ध्यान में रख के उसके हिसाब से अपना तैयारी करना पड़ता है तो यह सारी चीज इसीलिए इंपॉर्टेंट है क्योंकि एक एग्जाम का पैटर्न है और फिर तुम्हारा एक पैटर्न है और ऑब्जेक्टिव तुम्हारे और पैटर्न से और एग्जाम के पैटर्न से चेंज नहीं होता ऑब्जेक्टिव यही है कि एग्जाम क्रैक हो जाना चाहिए कि तो तो फिर तुम अपने हिसाब को कैसे उस एग्जाम की तरफ ढालो ग यह तुम पे डिपेंड करता है और यह सारे चीज तुम्हारे एग्जाम के एनालिसिस से और खुद के एनालिसिस से क्लियर होता है समझ गए तो इस तरह से कोई कंपटिंग एग्जामिनेशन का तैयारी स्टार्ट होता है पहले उसका सिलेबस समझ के सिलेबस का अंडरस्टैंडिंग अच्छा से कांसेप्चुअल करके और फिर अपना फोकस जो प्रिपरेशन का है वो पैटर्न की तरफ करके इसका अगला लेवल जो है वो है प्रैक्टिस और टेस्ट सीरीज और इसी में मैं आता हूं टेस्ट सीरीज के क्या प्रॉब्लम्स हैं और क्यों टेस्ट सीरीज में कई लोगों का अच्छा परफॉर्मेंस होता है और फाइनल एग्जाम में अच्छा परफॉर्मेंस नहीं होता तो इन सब सारे चीजों के बारे में हम बात करते हैं तो एक बार समरी में हाउ टू स्टार्ट कंपटिंग एग्जामिनेशन फर्स्ट तुम्हारा सिलेबस बहुत ही स्ट्रांग होना चाहिए कांसेप्चुअल अंडरस्टैंडिंग होना चाहिए 100% ऑफ सिलेबस तुम जब स्टार्टिंग में पढ़ रहे हो उस टाइम पे तुम यह नहीं बोल सकते कि हां यह छोड़ दूंगा यह छोड़ दूंगा यह छोड़ दूंगा वैसे माइंडसेट से तुम्हारा कोई भी एग्जाम क्रैक नहीं होने वाला इतना स्ट्रांग कंपटीशन है तुम्हें 100% ऑफ सिलेबस कवर करना ही पड़ेगा उसके बाद सेकंड स्टेप आता है तुम्हारा पैटर्न समझना है एग्जामिनेशन का उसे रिगर असली स्टडी करो हर साल के प्रीवियस ईयर क्वेश्चन उठाओ और समझ में आना चाहिए तुम्हें कि ओके इस साल इतने क्वेश्चंस यहां से आए इतने क्वेश्चन यहां से आए पाछ साल का देखोगे तो तुम्हें खुद ही पैटर्न समझ में आ जाएगा ओ ये पा सब्जेक्ट है यह पांच टॉपिक है इससे ज्यादा क्वेश्चंस आ रहे हैं यह 10 टॉपिक को मिला के तो 70 पर ऑफ क्वेश्चंस आ जा रहे हैं एग्जाम्स में तो मैं इस पे ज्यादा फोकस करूंगा इसके ज्यादा मटेरियल प्रीवियस ईयर क्वेश्चंस मिलेंगे ओबवियसली क्योंकि ज्यादा क्वेश्चंस वहीं से आए हैं तो तुम ज्यादा उससे प्रैक्टिस करोगे ज्यादा रिवीजन होना चाहिए तुम्हारे क्लास नोट्स उन टॉपिक से ज्यादा होंगे क्योंकि ज्यादा टॉपिक्स कवर्ड है प्रीवियस ईयर में वो सारे तुम्हारे कांसेप्चुअल अंडरस्टैंडिंग कवर्ड होना चाहिए तुम्हारे क्लास नोट्स में भी उसका रिवीजन का नंबर फ्रीक्वेंसी सब ज्यादा होना चाहिए साइक्लिक रिवीजन पैरेलल रिवीजन पर मैंने वीडियोस बना रखा है ऑलरेडी अगर अभी भी समझ में नहीं आया तुम्हें तो सर्च कर लो तुम्हें मिल जाएगा पैरेलल रिवीजन टॉक 4712 तुम्हें तुरंत वीडियो मिल जाएगा तो दिस इज हाउ यू स्टार्ट अंडरस्टैंड द सिलेबस एंड देन अंडरस्टैंड द एग्जामिनेशन दूसरा चीज मत करना मैक्सिमम लोग यह करने लगते हैं कि बस पूछ रहे हैं लोगों से कि क्या सॉल्व करें कहां से पढ़े और कौन सा कोचिंग इंस्टिट्यूट सबसे अच्छा है जबकि उनका जो बेस है जो कि सिलेबस कंप्लीशन जिसे बोल बोलते हैं वही गोल है जिसकी वजह से उनका कभी भी परफॉर्मेंस नहीं होता भले वह सालों साल लगे रहे उसमें इसके बाद हम बात करेंगे टेस्ट सीरीज के बारे में बट उससे पहले मेरे जो एक्सपीरियंस हैं जो इस बुक में शेयर्ड है उसके कुछ लाइंस मैं उठा रहा हूं और तुम्हें समझाने की कोशिश करता हूं कि कंपटिंग एग्जामिनेशंस ने मुझे क्या सिखाया और उन सबके एक्सपीरियंस के बेसिस पे यह बुक लिखा है जैसे अभी तुम्हें मैं बता रहा था कि दिसंबर 20177 के श्रो एग्जामिनेशन में अचानक से पैटर्न चेंज हो गया था तो उसके बेसिस पे ही मैंने यह सीन लिखा है पेज 116 में पढ़ लेता हूं थोड़ा ताकि तुम्हें समझ में आ जाए तो फॉलोइंग वास द क्लासिक पैटर्न ऑफ एसरो आईसीआरबी रिटन एग्जाम्स टोटल नंबर ऑफ क्वेश्चंस 80 मार्क्स अवार्डेड फॉर एवरी करेक्ट आंसर प्लस थ मार्क्स अवार्डेड फॉर एवरी रॉन्ग आंसर -1 एंड फॉर अनअटेम्प्टेड क्वेश्चन जीरो टाइम अटेड 90 मिनट्स एक्सपेक्टेड कट ऑफ फॉर 40 सीट्स इज 140 नाउ यहां पर क्या होता है कि इज लुकिंग एट अ क्वेश्चन पेपर वेयर ही हैज सम प्री कंसीव आइडियाज कि यहां पे कुछ ऐसे क्वेश्चंस आने चाहिए जो गेट के पैटर्न के हिसाब से हैं कुछ सिंपल क्वेश्चंस आने चाहिए और यहां पे तुम्हारा अटेंप्ट करीब 130 140 मार्क्स का होना चाहिए तो इसका एक आईडिया था एग्जाम में घुसने से पहले और उसके बाद इससे पता चलता है कि एगजैक्टली एट 2 पीएम वी र अलाउड टू ओपन द सील ऑफ द क्वेश्चन पेपर द थ्री क्वेश्चंस ऑन द फर्स्ट पेज वेर सरप्राइजिंगली डिफिकल्ट इसरो एग्जाम्स हैड टेकन प्लेस 12 टाइम्स वन आई हैड अपीयर्ड इन आई हैड नेवर सीन क्वेश्चंस लाइक दिस अजूम मिंग आई गट अ क्रिकेट सेट विद द डिफिकल्ट क्वेश्चंस पाइल इन द बिगिनिंग आई टर्न द पेज अमंग द क्वेश्चंस इन द फर्स्ट टू पेजेस सिक्स आउट ऑफ़ दी एट वेर अनसोल्वेबल स्वेटिंग इन दिसंबर आई टर्न्ड अ कपल ऑफ मोर पेजेस स्लाइस थ्रू कपल ऑफ़ सॉम क्वेश्चंस देन गट अ स्पीड बंप अगेन देयर वेर प्लेंटी ऑफ मटेरियल साइंस एंड ग्राफिकल क्वेश्चंस द लाइक्स ऑफ वच वेंट इवन सीन इन इंजीनियरिंग सर्विसेस एग्जामिनेशन प्रीलिम्स ऑन टॉप ऑफ दैट सम बर्बेक नेवर सीन बिफोर क्वेश्चंस ऑफ ऑपरेशनल रिसर्च प्रोडक्शन एंड इवन एप्लीकेशन बेस्ड क्वेश्चंस वेर प्रेजेंट इन द फर्स्ट 20 मिनट्स आई हैड रीच द 48th क्वेश्चन आड ऑफ व्हिच आई वाज एबल टू सॉल्व जस्ट 19 तो दिस इज़ व्हाट आई वाज टॉकिंग अबाउट कि एक आइडिया लोग बना के जाते हैं कि यह एग्जामिनेशन ऐसा हो सकता है और इसका ऐसा ऐसा तैयारी करके जाना है और ऐसे-ऐसे सब्जेक्ट्स बस पढ़ने तो कभी भी वह पलट सकता है और तुम्हें किसी भी एग्जामिनेशन का एक ही अपॉर्चुनिटी मिलता है ऐसा नहीं है कि तुम्हें तीन-चार अटेंप्ट मिल जाएगा आज नहीं तो परसों आके फिर से दे देना कई सारे एग्जाम्स ऐसे होते हैं जैसे टोफिल एग्जामिनेशन है तो आज नहीं हुआ तो फिर से एक स्लॉट बुक करो और ₹ 77000 डालो या कुछ भी होता है ऐसा मुझे याद नहीं है और और फिर परसों फिर से आ जाओ लेकिन यह वैसा एग्जाम नहीं है यहां पे अगर तुमने कुछ सोच लिया कि हां मैं इसके लिए तैयार हूं और वो नहीं हुआ तो फिर तुम्हारा एग्जाम भी नहीं होगा और फिर तुम्हें फिर से एक साल रुकना पड़ेगा और सारी की सारी मेहनत पानी में इसीलिए किसी भी एग्जाम का तैयारी कर रहे हो तो ऑलवेज रिमेंबर तुम्हें सब चीज के लिए रेडी रहना है बाद में जाकर यह मत बोलना कि मेरा किस्मत खराब था जिस तरह से मैंने तैयारी किया तो एकदम उसी तरह का पेपर नहीं आ गया वैसे लोगों का एग्जाम नहीं निकलता निकलता भी है तो आगे कुछ ना कुछ प्रॉब्लम होता है क्योंकि वो वो शायद और भी बड़ा प्रॉब्लम हो जाता है कि अगर तुम्हारा गलती से कुछ कु अच्छा हो गया तुम्हारे साथ तो तुम्हें लगता है कि ओके अब तो मुझे पता है कैसे करना है चीजों को चलो ठीक है तो फिर से बता रहा हूं कि दिस बुक इज हाईली इंस्पायर्ड बाय कंपट एग्जामिनेशन बल्कि इस बंदे का जो इसका लीड कैरेक्टर है उसका पूरे बुक में ऑब्जेक्टिव ही एक कंपट एग्जामिनेशन है तो तुम अगर कंपट एग्जामिनेशन का तैयारी करो तो जरूर पढ़ो यह मत बोलना कि एग्जाम के बाद पढ़ूंगा क्योंकि उससे बड़ा बेवकूफी कुछ नहीं हो सकता ये तुम्हारे एग्जाम में ही हेल्प करेगा एग्जाम के बाद तो सब कुछ सॉर्टेड होता ही है भले निकले ना निकले लेकिन उसके बाद तो या तो नहीं निकला तो चले आगे अगर निकल गया तो भी आगे चले लेकिन एग्जाम की तैयारी में यह भुक्त में सबसे ज्यादा हेल्प करेगा चलो आगे आते हैं टेस्ट सीरीज के टॉपिक पे तो इससे रिलेटेड एक क्वेश्चन भी था टेस्ट सीरीज का किसी स्टूडेंट का ही है तो मैं वह पहले पढ़ लेता हूं ताकि और भी समझ में आ जाए कि मैं क्या बोलना चाहता हूं और मेरे ऑडियंस क्या सुनना चाहते हैं सो हिमांशु शेखर 8736 पूछता है आई वांट टू आस्क सिंपल क्वेश्चन आई हैड सर्च एवरी वेयर बट कैनॉट गेट अ डेफिनेट आंसर आई एम आस्किंग इफ प्रीवियस ईयर क्वेश्चंस एंड टेस्ट सीरीज आर इनफ फॉर अंडर एआईआर 100 और आई नीड क्वेश्चन बैंक वैलिड क्वेश्चन ऐसे मजाक नहीं उड़ा रहा किसी का आई बट तुम्हें समझ में आ जाएगा मुझे क्यों हंसी आ रही है इस पर आई कांट फाइंड अ डेफिनेट आंसर टू इट आई वुड वांट टू रिग्रेट लेटर और आई वुडन वांट टू रिग्रेट लेटर मुझे ज्यादा अच्छा पढ़ना नहीं आता कोई बात नहीं दैट आई डिड नॉट स्टडी मटेरियल प्रॉपर्ली ओके मैं एग्जांपल लेके यही चलूंगा कि यह नेशनल लेवल गवर्नमेंट जॉब्स या फिर ग्रेजुएट लेवल एग्जाम्स की बात कर रहा है लेकिन क्वेश्चन बैंक का जो क्वेश्चन है यह काफी लोगों को परेशान करता है जो कंपटिंग एग्जामिनेशन का तैयारी कर रहे हैं अ मैं तुम्हें बताना चाहता हूं कि 3 साल की तैयारी में मैंने कोई भी क्वेश्चन बैंक सॉल्व नहीं किया था मैंने बस प्रीवियस ईयर क्वेश्च ही सॉल्व किए थे और टेस्ट सीरीज दिए थे तो इसका कांसेप्ट काफी सिंपल सा है कि यहां पर क्वेश्चन सॉल्व करने वाले का एग्जाम नहीं निकल रहा क्वेश्चंस तो दुनिया में कितने टाइप के हैं इनफिट बुक्स तुम उठाते हो टेक्स्ट बुक्स तो उसके भी हर चैप्टर के पीछे क्वेश्चंस है ना तो उसको सॉल्व करने में तुम अगर मास्टर बन जा जाओगे तो इसका मतलब यह नहीं है कि तुम्हारा यह कंपटिंग एग्जामिनेशन निकल जाएगा इस चीज को समझना बहुत ही ज्यादा इंपॉर्टेंट है कंपट एग्जामिनेशन एस्परेंस का मैक्सिमम लोग यहीं पे गलती कर जाते हैं कि यह एग्जाम तुम्हारे क्वेश्चन सॉल्व करने के एबिलिटी में जो परफेक्ट है उसको टॉपर नहीं बना रहा यह एग्जाम इस एग्जाम में जैसे क्वेश्चंस आते हैं उसे सॉल्व करने में जो परफेक्ट है उसे टॉपर बना रहा है तो तुम्हें इस एग्जाम के टाइप ऑफ क्वेश्चंस नॉट टॉकिंग अबाउट द इंफिनिट डिफरेंट टाइप्स ऑफ क्वेश्चंस इन दिस वर्ल्ड इस एग्जाम में जैसे क्वेश्चंस आते हैं उस टाइप के क्वेश्चंस को सॉल्व करने में तुम्हें मास्टरी लेना है अब तुम बोलोगे कि क्वेश्चन बैंक्स जो आते हैं वोह भी तो इस एग्जाम के लिए ही आते हैं और इस एग्जाम के फोकस ही बनाते हैं लोग भाई फिर से बात वही आता है कि तुम्हें नहीं पता कि यह क्वेश्चंस कौन बना रहा है तुम्हें पता है कौन बनाते हैं य हमारे टाइम पे 00300 दिए जाते थे स्टूडेंट्स को क्वेश्चन बनाने के लिए यह कंटेंट क्रिएटर का जॉब बोला जाता था और यह बहुत बाद तक भी चलता था और अभी भी चल रहा है कोचिंग इंस्टीट्यूट्स में कि वो आउटसोर्स करते हैं इन सब सारे चीजों को कि क्वेश्चंस बना बना के मुझे दिया जाए और क्या कोचिंग इंस्टिट्यूट के टीचर्स बनाते हैं ये सारे क्वेश्चंस बहुत रेयरली यानी कि यहां तक कि मैंने खुद ही जब मैं कोचिंग इंस्टिट्यूट में पढ़ाई कर रहा था और वहां के टीचर्स आके क्लासेस लेते थे उनके क्वेश्चंस वो खुद ही बोलते थे कि यह मैंने नहीं बनाया तो कुछ टीचर्स का काम होता है क्वेश्चन बनाना और कुछ टीचर्स का काम नहीं होता जो तुम टॉप के टीचर्स देख रहे हो जिन्हें इतना ज्यादा पे किया जाता है घंटे के बेसिस में पढ़ाने के लिए वह बैठ के क्वेश्चन पेपर नहीं बना रहे तुम्हारे 100 00 के लिए पर क्वेश्चन ओबवियस सी बात है तो कई बार ऐसा होता है कि क्वेश्चन पेपर तुम्हारे स्टूडेंट्स ही बना रहे हैं और स्पेशली वो स्टूडेंट्स जो एग्जाम में ऑलरेडी अच्छा परफॉर्म नहीं किए हैं मैं यह नहीं बोल रहा कि उनमें क्रेडिबिलिटी नहीं है लेकिन क्या उनका एक से दो साल का एग्जाम का तैयारी करना इज गुड एनफ फॉर देम टू बी मेकिंग क्वेश्चंस तैयारी करने के लिए वई कंपटिंग एग्जामिनेशन में बहुत सारी चीज साइकल में आ जाते हैं ना कई बार तो ऐसा भी जनरली जब कोविड के टाइम पे ऑनलाइन कोचिंग इंस्टिट्यूट सब खोले जा रहे थे इधर-उधर यह काफी चल रहा था कि जिनका कहीं भी नहीं हुआ तो अब तो उनके पास जॉब भी नहीं है तो वही उठा के कोचिंग इंस्टीट्यूट्स में पढ़ाने लगे थे कितने सारे यूपीएससी के एस्परेंस थे जो दो-तीन साल से लगे हुए थे एग्जाम निकला नहीं लेकिन अभी यूपीएससी के एग्जाम निकालने के लिए पढ़ा रहे हैं कौन पढ़ा रहे हैं जिनका एग्जाम नहीं निकला तो ऐसा किसी को डिग्रेड नहीं कर रहा लेकिन ओबवियस सी बात है इतना तो मैं एक्सपेक्ट करूंगा कि जो मुझे पढ़ा रहा है ये एग्जाम के लिए या फिर जो मुझे दे रहा है इस क्वेश्चन को एग्जाम में अच्छा परफॉर्म करने के लिए उसका खुद तो ये एग्जाम निकला होगा इतना तो मैं एक्सपेक्ट करूंगा क्या मैं मैं अगर इसरो एग्जाम का तैयारी कर रहा हूं तो मैं किसी वैसे से सजेशन मांगूंगा या फिर वैसे से पढ़ूंगा जिसका इसरो का एग्जाम निकला ही नहीं है ऐसा तो नहीं हो सकता ना मैं उससे तो इसरो एग्जाम के लिए नहीं पूछूंगा तो क्रेडिबिलिटी कुछ होना चाहिए जो भी तुम्हारा सोर्स है तो जो भी तुम्हारे क्वेश्चन बैंक्स बनते हैं ओबवियस सी बात है अगर कोई क्वेश्चन बैंक बनाया किसी कोचिंग इंस्टिट्यूट ने तो वह चैरिटी के लिए नहीं बनाया वह क्वेश्चन बैंक के पीछे देखोगे तो उसका कॉस्ट दिखेगा और वह कॉस्ट जो है वो उन्हें प्रॉफिट दे रहा है तो उसे सेल करने के लिए बनाया गया है सिंपल सी बात है ना यार कुछ भी प्रोडक्ट क्यों बनता है प्रॉफिट जनरेट करने के लिए कोचिंग इंस्टिट्यूट क्या है एक बिजनेस है तो उसमें तुम्हें बोल दिया गया कि कुछ 5600 क्वेश्चंस हैं ठीक है तो तुम्हें क्या लगता है वह हर एक टॉप के टीचर्स को पकड़ पकड़ के अपने 56 टॉप के टीचर पकड़ पकड़ के 100 10000 क्वेश्चंस बनवाया सबसे ऐसा नहीं होता ना तो अगर तुम थोड़ा सा भी लॉजिकली सोचोगे तो तुम्हें यह समझ में आएगा कि क्वेश्चन बैंक के मैक्सिमम क्वेश्चंस गार्बेज होते हैं वो ऐसे इतना सोच के नहीं बनाया होता कि हां यह इस एग्जाम का पैटर्न है कि नहीं इतने क्वेश्चन तो उ एग्जाम में ही नहीं आया आज तक अगर तुम सारे प्रीवियस गेट के 65 क्वेश्चन उठाओ पिछले 10 साल के क्वेश्चन उठा लो 650 ही बने है ना और 20 साल के उठा लो तो तुम्हारे 130 ही बने तो इसीलिए मतलब 1300 ही बने समझ लो थोड़ा-थोड़ा भावनाओं को तो इसीलिए तुम्हें समझ में आना चाहिए कि यह जो 2700 क्वेश्चंस और ये सारे क्वेश्चंस के तुम्हारे बैंक्स बन रहे हैं तो बहुत सारे क्वेश्चंस बस ऐसे ही बन गए क्या वो तुम्हें फायदा देगा हां भाई तुम अगर तुम डेली डेली 300 क्वेश्चन सॉल्व करोगे तो कुछ ना कुछ तो तुम्हारे आ ही जाएंगे फॉर्मूला कुछ ना कुछ रटा ही जाएंगे लेकिन क्या वोह मोस्ट एफिशिएंट वे है सोचना पड़ेगा चलो तुम मेरे आंसर्स दो अगर तुम गेट एग्जामिनेशन का तैयारी कर रहे हो मैकेनिकल इंजीनियरिंग में होतो हेयर आर योर प्रीवियस ईयर क्वेश्चंस जो किसी कोचिंग इंस्टिट्यूट ने नहीं बनाया किसी कंटेंट क्रिएटर ने नहीं बनाया उसे एग्जाम के बोर्ड ने बनाया गेट एग्जामिनेशन का तुम्हें 19934 से लेके अभी तक 2022 तक लेके जितना भी यर्स बनता है उसके सारे क्वेश्चंस मैकेनिकल इंजीनियर हो तो सिविल इंजीनियर के थोड़े बहुत सॉम के क्वेश्चंस देख सकते हो जो पैटर्न अलाइन कर रहा है एरो स्पेस के कुछ-कुछ देख सकते हो जो पैटर्न अलाइन कर रहा है उसके अलावा इंजीनियरिंग सर्विसेस जिसमें और भी ज्यादा क्वेश्चंस हैं मुझे ठीक से याद नहीं है लेकिन कुछ 100 के ऊपर शायद 200 क्वेश्चंस होते थे मैं कन्फर्म करके यहां पे लिख दूंगा कितने प्रीलिम्स में कितने होते थे और वो उतने ही टाइम से हो रहा है तो उतने ज्यादा क्वेश्चन के रिसोर्सेस हैं मैंने दो अटेंप्ट दिया था 2016 और 2017 2017 में मैंने सीरियसली सारे इंजीनियरिंग सर्विसेस के क्वेश्चन सॉल्व करने स्टार्ट किए थे सारे नहीं हुए थे और मैंने बहुत ज्यादा मेहनत किया था फिर भी मुझसे सारे क्वेश्चन सॉल्व नहीं हो पाए थे 2018 के अटेंप्ट में एक साल और देने के बाद मेरे से इंजीनियरिंग सर्विसेस के सारे क्वेश्चन सॉल्व हुए अभी भी मैं स्टूडेंट से बात करता हूं तो वो यही बोलते हैं कि मैंने इंजीनियरिंग सर्विसेस के क्वेश्चन अभी तक सॉल्व ही नहीं किए तो मैंने बोला फिर क्या चीज का तुम गेट एग्जामिनेशन का तैयारी कर रहे हो वो छोड़ो इसरो के एग्जाम के क्वेश्चंस फिर से बचे तुम्हारे यह भी तुम सॉल्व कर सकते हो और भी बहुत सारे फिर तुम्हारे पीएसयू आ गए बहुत सारे वाइजक हो गए ओएनजीसी का भी क्वेश्चंस आता था पहले तुम्हारे सिविल सर्विसेस के भी प्रीलिम्स में कभी-कभी तुम्हारे मैकेनिकल इंजीनियरिंग के कुछ क्वेश्चंस रहते थे तो यह सारे तुम्हारे सोर्सेस एंडेंजर है उसके बाद थोड़ा दूर उसके बाद थोड़ा दूर लास्ट प्रायोरिटी तुम्हारा बनता है टेस्ट सीरीज ओबवियस सी बात है टेस्ट सीरीज में तुम्हारा यही क्वेश्चन बैंक की कंटेंट क्रिएटर के कोचिंग इंस्टिट्यूट के बनाए हुए ही क्वेश्चन होते हैं लेकिन उसमें एक फायदा है उसमें तुम्हारा लिमिटेड टाइम रहता है एक लिमिटेड टाइम में तुम्हें इतना क्वेश्चन को सॉल्व करना है तो उससे तुम्हारा एक दूसरा स्किल डेवलप हो रहा है टाइम मैनेजमेंट और एग्जाम के लिए कैसे स्ट्रेटेजी बनाना है टाइम के हिसाब से तो वोह तुम्हारा दूसरा स्किल पॉलिश हो रहा है वहां पे तो क्वेश्चन बैंक के टाइप के क्वेश्चंस तो टेस्ट सीरीज में सॉल्व हो जा रहे हैं तो हां अगर तुम टेक्निकली देखो तो प्रीवियस ईयर क्वेश्चन एंड टेस्ट सीरीज इज इनफ फॉर यू टू गेट एन एआईआर अंडर 100 और यह मैं इसलिए बोल रहा हूं क्योंकि मेरा एआर चार था तो ऐसा पॉसिबल है और बार्क में भी बस 35 लोगों का ही सिलेक्शन हुआ था उसमें से मैं एक था तो ओबवियस सी बात है मैं अंडर 50 अंडर 10 भी आ चुका हूं लेकिन बात यह है कि फॉर मी प्रीवियस ईयर क्वेश्चंस एंड टेस्ट सीरीज वेर एनफ अब टेस्ट सीरीज मैंने दो डिफरेंट हर साल दिए थे क्योंकि एक ही कोचिंग इंस्टीट्यूट का फिर सेम होता है वो रिपीटेड क्वेश्चन देते रहते हैं सेम क्वेश्चन को दोबारा डाल दिया वो तुम सॉल्व होके खुश होने लगे वहां पे अच्छा रैंक ले आया तो यह बात है तो इसीलिए मैं यहां पे कंफर्म कर रहा हूं अकॉर्डिंग टू माय अंडरस्टैंडिंग और मेरा एक्सपीरियंस के हिसाब से कि टेस्ट सीरीज एंड प्रीवियस ईयर क्वेश्चंस आर गुड एनफ उसके बाद अगर तुम्हें टाइम मिलता है तो सॉल्व करो भाई जितना लेकिन मेरे एक्सपीरियंस से मुझे यह पता है कि तुम यह सारी चीज करोगे तो तुम्हारे पास टाइम नहीं बचेगा कोई भी एग्जाम एस्परेंस का सबसे बड़ा प्रॉब्लम टाइम ही होता है और इसीलिए उन्हें सिलेक्टिव होना होता है इसीलिए उन्हें स्ट्रेटेजी खोजना पड़ता है कि क्या ज्यादा इंपॉर्टेंट है क्या कम और इसीलिए उन्हें थोड़ा लॉजिक लगाना होता है कि क्या ज्यादा सेंसिबल है मेरे टाइम इन्वेस्टमेंट के लिए और क्या कम जैसे कि मैंने बोला अभी तुम क्वेश्चन बैंक उठा के तुम डेली डेली 300 क्वेश्चन लगाओगे उसके तो तुम इंप्रूव नहीं हो क्या हो लेकिन फिर भी हो सकता है तुम एग्जाम में लटक जाओ क्यों क्योंकि तुमने प्रीवियस ईयर क्वेश्चन ही सॉल्व नहीं किया है तो तुम बहुत सारे क्वेश्चन सॉल्व कर रहे थे इस एग्जाम में जैसा क्वेश्चन आता है उसे तुम जितना कर सकते थे वोह तुमने नहीं किया और मेरे जैसा कोई बैठा हुआ होगा जिसने उसी को मल्टीपल टाइम्स कर लिया मल्टीपल टाइम्स मतलब यह नहीं मैं बोल रहा हूं कि रट लो क्योंकि मैक्सिमम लोग बहुत जल्दी कंक्लूजन पे आते हैं बिना ज्यादा सुने हुए स्टार मार्क क्वेश्चन पे एक मैंने अलग वीडियो बना रखा है उसे देख लेना कि मल्टीपल टाइम्स कैसे सॉल्व करते हैं तुम सेम क्वेश्चन को आज सॉल्व करोगे सेम 20 क्वेश्चन को सॉल्व किया है दो महीना बाद तुम वही 20 क्वेश्चन को देखोगे तो कुछ क्वेश्चन तुम्हें नए-नए से दिखेंगे क्योंकि तुम्हें तुमने उसके बीच में हज क्वेश्चन और सॉल्व कर लिए तो ज्यादा मैं डिटेल में अभी नहीं घुसना चाह रहा अगर तुम डिटेल में चाहते हो कि मैं फिर से बात करूं तो नीचे कमेंट सेक्शन में लिख लो कि स्टार मार्क क्वेश्चन क्या होता है टेस्ट सीरीज एनालिसिस क्या होता है वो भी जरा देख लो मेरे पुराने वीडियोस को प्लट के अच्छा तुम्हें यह पता है कि नहीं मेरा एक पूरा का पूरा फ्री कोर्स है कंपट एग्जामिनेशन पे फ्री 100% फ्री मजाक नहीं कर रहा मैं जिसमें तुम्हारा जीरो से लेकर 100 तक फर्स्ट डे से लेक लास्ट डे तक एग्जाम के रिजल्ट आने के बाद तक क्या-क्या करना है वो सब कुछ एक लाइन से उस परे वीडियोस बने हुए हैं और एक्चुअली मैंने जो 400 500 वीडियोस तो कल ही मैं एक आटो स्पीकिंग के स्टूडेंट से बात कर रहा था जो कि एंड में बहुत ही झिझक झिझक मुझे 8 मिनट बचा हु था उसके सेशन में तो पूछ रहा था सर मैं एक पर्सनल क्वेश्चन पूछ लू क्या कंपट एग्जामिनेशन से रिलेटेड पूछो बोला मैं जेई एग्जाम का तीन साल से तैयारी कर रहा हूं और मेरा निकल ही नहीं रहा कट ऑफ के बहुत पास पहुंच जाता हूं निकल ही नहीं रहा मैंने बोला कि तीन साल भी नहीं 4 साल से शायद 2020 से 4 साल हो गए तो मैंने बोला कि भाई देखो क्या है ना कि एक तो होता है कि तुम तैयारी किए जा रहे हो किए जा रहे हो और प्रोग्रेस हुए जा रहा है मतलब एक बार तुम्हारे 50 नंबर आए अगली बार 60 नंबर आए अगली बार 70 नंबर आए 80 नंबर आए और फाइनली कट ऑफ क्रॉस कर दिया 90 नंबर लाके और दूसरा होता है तुम्हारा हर बार कभी 50 आ रहे कभी 55 आ रहे है कभी 45 आ रहे हैं कभी 52 आ रहे हैं कभी तुम्हारे 47 आ रहे हैं ऐसे ऊपर नीचे होते जा रहा है वहीं पर घूम रहे हो तुम ठीक है तो यह समझना बहुत ज्यादा जरूरी कि कंपट एग्जामिनेशन में रज के तुम्हें एक से दो साल तैयारी करना पड़ता है बहुत ही जान लगा के अगर तुम वह आज तक नहीं किए हो उसका भी क्वेश्चन यही था एक साल और करूं क्या तो मैंने बोला अगर आज तक नहीं किए हो तो तुम मुझे बता दो कि ऐसा क्या बदल जाएगा जो तुम अगले साल वैसे तुम जम के मेहनत करने वाले हो क्या बदल जाएगा तु मुझे बताओ अगर कुछ नहीं बदलेगा तो वही होगा जो आज तक हुआ है फिर तुम ऐसे ऊपर नीचे ऊपर नीचे घूमो ग कट ऑफ के आगे आगे पीछे तुम्हारा बहुत ही अच्छा कुछ चमक गया तो शायद निकल जाए और नहीं तो मोस्ट लाइक यही होगा कि तुम्हारा एक साल और बर्बाद तो ये तो उसका क्वेश्चन था दूसरा क्वेश्चन उसका यह था जब मैंने उसे ये बोला कि हां क्या बदल जाएगा अगर ऐसा है तो मुझे बताओ समझाओ कि ऐसा क्या तुम कुछ चेंज करोगे बोलोगे नहीं मैं घर छोड़ के जा रहा हूं मैं एक जगह पीजी में रहूंगा और वहीं पे मैं दाल रोटी खाऊंगा और मैं दिन भर यही पढ़ाई करूंगा अब मुझे अचानक से यह समझ में आया है कि मेरे लाइफ का ऑब्जेक्टिव ही यही है और यह सारी चीज बदल जाएंगे यह मेरी गलतियां थी तुम्हें यह नहीं पता तो फिर बताओ कि क्या फायदा फिर से तैयारी करने का और एक साल और बर्बाद करने का उसके पास अल्टरनेटिव ऑप्शन भी था कि मैं यहां पर एडमिशन ले सकता हूं इसलिए मैं यह सारी चीज बता रहा था उसे तो उसने एक आर्गुमेंट रखा कि टेस्ट सीरीज में मेरा बहुत ही अच्छा परफॉर्मेंस आता है अंडर 10 अंडर फव आ जाता हूं मैं कभी-कभी तो मैंने बोला भाई कितने लोग दे रहे थे वो टेस्ट सीरीज तो उसने बोला हां 50 से 100 लोग बो अबे 50 से 100 लोग तुम्हारे फाइनली एग्जाम में तो नहीं बैठेंगे ना और यह चीज समझो कि मैक्सिमम एग्जाम का बहुत अच्छा टेस्ट सीरीज नहीं होता मैं समझ सकता हूं आईटी जेई का बहुत अच्छा टेस्ट सीरीज होगा क्योंकि डिमांड में है तो उसमें बहुत ज्यादा बिजनेसेस एफर्ट डालते हैं कोचिंग इंस्टिट्यूट डालते हैं कि यहां अच्छा बना ले गेट का ठीक-ठाक होता है उसमें भी मुझे बहुत ही अच्छा कभी भी कोचिंग इंस्टिट्यूट नहीं मिला जो बहुत ही अच्छा टेस्ट सीरीज बना रहा है बिल्कुल गेट के पैटर्न के हिसाब से इधर-उधर अनाड़ी क्वेश्चन डालते रहते हैं जो स्टूडेंट का टाइम बर्बाद ज्यादा करता है और फिर उनका फ्रस्ट्रेशन भी होता है कि भाई से क्वेश्चन तो आते ही नहीं है गेट में तो ये क्यों डाल रहे हो वो इसलिए डाल रहे हैं क्योंकि वो कंटेंट क्रिएटर को 00 देके क्वेश्चंस बना रहे हैं समझ में आया इंडस्ट्री को जब अंदर से देखोगे तब तुम्हें समझ में आएगा ये सार चीज इसीलिए यह इंपॉर्टेंट है कि कोई ऐसा इंसान बात करे जिसका खुद का कोचिंग इंस्टिट्यूट नहीं है चलो ठीक है फिर आते हैं अ टॉपिक पे क्या बात कर रहा था मैं टेस्ट सीरीज के बारे में है ना तो टेस्ट सीरीज में क्या होता है कि कुछ-कुछ जैसा मैंने बताया कि एग्जाम्स होते हैं जिसके टेस्ट सीरीज काफी फोकस्ड बन रहे हैं वो भी 60 टू 70 पर ही इफेक्टिव होते हैं ऐसे गेट के भी टेस्ट सीरीज में मेरा भी अंडर 10 ऐसे कुछ रैंक आ रहा था मेरे तीसरे अटेंप्ट में फाइनली रैंक आया 2000 के ऊपर ठीक है तो यह मेरे इसरो के एग्जाम फाइनल अटेंप्ट में के करीब दो-तीन महीने पहले की बात है तो टेस्ट सीरीज में तो कभी-कभी अच्छा परफॉर्मेंस हो जाता है कभी-कभी ऊपर हो जाता है कभी-कभी नीचे हो जाता है लेकिन टेस्ट सीरीज कभी भी तुम्हें कोई गारंटी नहीं दे सकता टेस्ट सीरीज से तुम्हें बस दो ही ऑब्जेक्टिव है एक कि तुम्हारा लिमिटेड टाइम में क्वेश्चंस को सॉल्व करना है मतलब तुम्हारा यह पता होना चाहिए कि ओके यह क्वेश्चन में मुझे 5 मिनट लग रहा है तो दिस इज नॉट वर्थ इट क्योंकि मुझे पता है 65 क्वेश्चन थ आवर्स तो एक क्वेश्चन में 3 मिनट से ज्यादा नहीं लगना चाहिए ऑन एन एवरेज 5छ मिनट लग रहा है तो छोड़ो और निकलो यह सारी अंडरस्टैंडिंग और दूसरा कि क्या स्ट्रेटजी होना चाहिए मुझे क्वेश्चन अटेंप्ट करने के लिए पहला क्या अटेंप्ट करूं बाद में क्या अटेंप्ट करूं कैसे फ्लकचुएट करूं बबल्स कब भरूं यह सारे चीज तुम्हें पहले से ही डिसाइडेड होना चाहिए ब्रेन को एक स्ट्रक्चर पता होना चाहिए कि वहां पे इप्रोम टू जाके एग्जाम में नहीं सोच रहे यह सारी चीज तो यह ऑब्जेक्टिव होता है टेस्ट सीरीज का और इससे ज्यादा मुझे कोई एक्सपेक्टेशन भी नहीं है किसी भी टेस्ट सीरीज से तो इसीलिए ज्यादा सोचने से कुछ नहीं होगा कि कौन सा टेस्ट सीरीज लू कौन सा नहीं लूं सिंपल सी बात है जो भी टेस्ट सीरीज कोई ऑथेंटिक कोचिंग इंस्टिट्यूट का है जिसमें मैक्सिमम स्टूडेंट्स अपीयर कर रहे हैं उसे ले लो और ज्यादा उम्मीद मत रखो टेस्ट सीरीज से तो इसीलिए प्रॉब्लम कोचिंग इंस्टीट्यूट्स का क्या है यह मुझे पता नहीं लेकिन 2016 से तो मैं देख रहा हूं और कि कोई भी कोचिंग इंस्टिट्यूट बहुत ही अच्छा बिल्कुल एग्जाम पैटर्न के हिसाब से क्वेश्चंस नहीं बनाते और सबसे बड़ी प्रॉब्लम यह है यह तुम भी देख रहे होगे अग टेस्ट सीरीज दे रहे हो कि नहीं बहुत सारे क्वेश्चंस गलत होते हैं बहुत सारे क्वेश्चंस के आंसर गलत होते हैं और यह स्टूडेंट्स को बहुत ज्यादा फ्रस्ट्रेट करते हैं और इसलिए मतलब क्वालिटी हमें कभी भी नहीं दिख रहा तो दिस इज द ट्रुथ और इसे एक्सेप्ट करके यह ऑब्जेक्टिव क्लियर करो कि अपना कोचिंग इंस्टिट्यूट से मुझे क्या चाहिए और टेस्ट सीरीज से मुझे क्या चाहिए कोचिंग इंस्टिट्यूट ले या ना ले आज के ऑनलाइन की दुनिया में क्या है और क्या लेना चाहिए फ्री का कैसे पढ़े यह सब अगर जानना है तो कमेंट करो मैं किसी और दि डिस्कस कर लूंगा ओके चलो यह सब चीज तो हो गया और कोई क्वेश्चन है हम बहुत सारी चीज मुझे डिस्कस करने थे बट बिकॉज ऑफ लिमिटेशन ऑफ टाइम आज ना हो पाए शायद बट दो टॉपिक काफी इंपॉर्टेंट है जो करना ही करना है और ये दोनों कंपटिंग एग्जामिनेशन स्टूडेंट्स के लिए काफी इंपॉर्टेंट है तो इसे हम यहां डिस्कस कर लेते हैं टॉपिक नंबर वन ऑनलाइन डिस्ट्रक्शन जो आजकल क्रिएट हो गया है और सेकंड स्मार्ट वर्क वर्सेस हार्ड वर्क वर्क तो एक-एक करके हम इसे डिस्कस करते हैं ऑनलाइन डिस्ट्रक्शन एक टाइम पे लैक ऑफ रिसोर्स वाज अ प्रॉब्लम फॉर एग्जाम एस् पेंट्स एंड स्टूडेंट्स और आज एंडेंजर्मेंट इज अ प्रॉब्लम तो ऐसे सिचुएशन में व्हाट वी आर गेटिंग इज अ फॉग ऑफ वॉर तो यहां पे क्या सही है क्या गलत है कौन सच बोल रहा है किसका ऑब्जेक्टिव और एजेंडा नहीं है यह समझ में ही नहीं आ रहा कौन पेड है दिस कोचिंग इंस्टिट्यूट से कौन इसके अगेंस्ट है इसीलिए कुछ भी बोल रहा है यह कुछ समझ में ही नहीं आ रहा मतलब ये इतना तो तुम भी लॉजिकली समझ रहे होगे और इतना तो आजकल स्टूडेंट्स भी समझने लगे हैं स्पेशली जब से दो-तीन लोग कोचिंग इंस्टिट्यूट के आपस में लड़ने बड़ने लगे हैं और फिर कुछ कुछ कर रहे हैं उसके बाद आगे चलके पता चला कि दोनों मिल गए और दोस्त बन गए और यह सारे चीज जो चल रहे हैं youtube4 इंस्टिट्यूट के आउ लेट्स आ रहा है वो एजेंडा से बचा हुआ नहीं है कुछ तो ऑब्जेक्टिव है तो अगर तुम कहीं भी देख रहे हो बाय दिस कोर्स गेट दिस डिस्काउंट और ये सब सब कुछ तो वहां का एडवाइस टेक इट विथ अ ग्रेन ऑफ सॉल्ट अगर कुछ टेक्नीक ट्रिप ट्रिक और यह सब कुछ पता चल रहा है तो उसे ले लो डू नॉट बिलीव एनीथिंग कमिंग आउट स्ट्रेट फ्रॉम अ कोचिंग इंस्टिट्यूट जभी भी तुम्हें दिखे कि इतना परसेंट सेल है एक नया बैच स्टार्ट हो रहा है ये ये हमारे टॉपर्स हैं ये ये हमारे एआईआर हैं क्योंकि एक सिंपल सा लॉजिकल ब्रेन तुम लगाओगे तो इट इज अ बिजनेस व्हिच इज लुकिंग फॉर अ प्रॉफिट और उनका कुछ ऑब्जेक्टिव है कुछ एजेंडा है सिंपल सी बात है तो अगर ऐसा है तो वो हमेशा बायड ही रहेगा तो इसीलिए कोचिंग इंस्टिट्यूट में अगर तुम्हारा कोई टॉपर का भी इंटरव्यू हो रहा है तो वो भी बहुत सोच समझ के सुनना क्योंकि उनका ऑब्जेक्टिव यहां पर सबसे बड़ा है व्यूज ज्यादा से ज्यादा लेना सिंपल सी बात है तो बहुत सारा चीज वहां पे यह सरा चीज क्वेश्चंस भी डाला होगा यह सारी चीज को कट करके निकाला होगा जैसे मेरा भी कोचिंग इंस्टीट्यूट्स ने इंटरव्यू लिया है तो ऐसा नहीं है कि जो भी मैंने बोला वह सब कुछ उन्होंने पब्लिश कर दिया उसे बहुत ही काट पीट के छोटा बना के उसे पब्लिश किया तो उनका ऑब्जेक्टिव ही यह चल रहा है कि जिसमें ज्यादा व्यूज आए तो ऑब्स सी बात है कि एक बिजनेस को सरवाइव करने के लिए या फिर थ्राइव करने के लिए व्यूज मिलेंगे उसमें से कुछ तुम्हारा परसेंटेज रिटर्न होगा कुछ एनरोलमेंट होगा ऑब् वियस सी बात है यह सारी चीज लेकिन स्टूडेंट करें तो क्या करें सिंपल रास्ता मत पकड़ो कि हां मैंने गेट सर्च किया स्ट्रेटजी फॉर दिस टॉप में जो भी वीडियो आया वह देख लिया उसके बाद लिंक पे क्लिक किया यहां जाके यह कोचिंग इंस्टिट्यूट खरीद लिया कभी भी कोई भी कंपटिंग एग्जामिनेशन का तैयारी सिंपल नहीं हो सकता तो उसका स्ट्रेटेजी खोजना उसका पैटर्न खोजना उसके लिए स्ट्रेटेजी खुद का बनाना यह सिंपल कैसे हो सकता है उसका इंफॉर्मेशन लेना यह सिंपल कैसे हो सकता है 10 10 साल पहले भी ये डिफिकल्ट था क्योंकि इंफॉर्मेशन youtube's इंफॉर्मेशन भर गए हैं कि सही क्या है और गलत क्या है ये भी नहीं समझ में आ रहा लोगों को तो ये मेरा टिप है तुम्हारे लिए कि रीच आउट टू पीपल हु आर नॉट एसोसिएटेड विद कोचिंग इंस्टीट्यूट पीपल हु हैव गॉट देयर रैंक्स एंड दे आर ऑन सोशल मीडिया सोशल मीडिया में सबको ही है linked-list नहीं था तो आज भी तुम्हें यह करना है लेकिन हां आज तुम्हारे लिए पॉसिबल भी है और बहुत ज्यादा एक्सेसिबल भी है कल हम शायद बस दो से तीन ऐसे लोगों से हम मिल सकते थे जिनका कुछ कनेक्शन कहीं-कहीं से बन गया आज तुम एटलीस्ट 12 से 13 ऐसे लोगों से कनेक्ट कर सकते हो तुम 50 ऐसे लोगों को मैसेज ड्रॉप कर सकते हो कुछ लोग तुम्हें इग्नोर करेंगे कुछ लोग तुम्हें हेल्प करेंगे क्योंकि अनलाइक द पीपल हु आर रनिंग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स इनके पास सच में टाइम है क्योंकि इन्होंने अभी जस्ट परफॉर्म किया इस एग्जाम में दे आर फ्री दे वांट टू हेल्प दे वांट टू रीच आउट टू मोर पीपल टू अ लॉट ऑफ टाइम्स एक्चुअली मेरा सोशल मीडिया प्लेटफार्म ऐसे ही बढ़ा है मैंने सबसे पहले कोरा में अपना इंटरव्यू एक्सपीरियंस शेयर किया था वो ज्यादा लोगों ने पढ़ा तो फिर उन लोगों ने youtube0 में था तो इसरो में मेरे कितने सारे कॉलीग साइंटिस्ट थे वहां पे पर फिर भी स्टूडेंट्स का हेल्प करते रहते थे बहुत लोग होते हैं ऐसे तुम बस मेहनत नहीं करना चाहते तो तुम्हें लोगों को पर्सनली खोजना है रीच आउट करना है सिंपल किसी भी करियर में ऐसे ही होता है प्राइवेट फील्ड में भी जो लोग करियर बना रहे हैं वो कांटेक्ट बनाते हैं लोगों को रीच आउट करते हैं उनसे बात करते हैं एडवाइसेज लेते हैं अपना सीवी रिज्यूमे इंप्रूव करते हैं यही मेथड होता है तुम्हें अगर कंपीटेटिव एग्जामिनेशन का तैयारी करना है तो उनसे पूछो ना यार फर्स्ट हैंड एक्सपीरियंस तुम वैसे फिल्टर्ड लोगों की बातें क्यों सुन रहे हो जो एक प्लेटफार्म से एक मीडिया आउटलेट से आ रहे हैं तो काफी सिंपल है काफी पॉसिबल है तुम कर सकते हो और फाइनली एक बार तुम्हें एक सेट ऑफ एडवाइस मिल जाता है तो यह मत करो कि हर स्टेप में उसी इंसान से मैं पूछ रहा हूं बार-बार क्लियर कर रहा हूं ये क्वेश्चन आया ये भी पूछ लेता हूं हां यू कैन थ्रो दैट क्वेश्चन बट ये चीज याद रखना कि अल्टीमेटली डिसीजन मेरा ही होगा ये चीज नहीं समझते लोग इसीलिए वो ऑनलाइन मेरे कमेंट सेक्शन में पूछेंगे कई एग्जाम्स में स्ट्रेटजी फेल हुआ उससे मैंने सीखा फिर वो एग्जाम क्रैक किया इसरो एग्जामिनेशन खुद ही मैंने दो फेल्ड अटेम्प्ट के बाद तीसरे अटेंप्ट में क्रैक किया लेकिन अगर खुद का स्ट्रेटेजी नहीं होता तो पांच अटेंप्ट के बाद भी वो क्लियर नहीं होता क्योंकि तुम्हारा खुद का स्ट्रेटेजी है तो तुम उसे मॉडिफाई कर सकते हो इंप्रूव कर सकते हो किसी और ने तुम्हें स्ट्रैटेजी दिया तो वह तुम्हारे सिचुएशन तुम्हारे पॉजिटिव्स और नेगेटिव्स को समझ के कभी भी नहीं दे पाएगा तो इसीलिए एज एन एग्जाम एस्पें हमेशा ये याद रखना कि दिस इज एन इंडिविजुअलिस्टिक स्पोर्ट तुम्हें खुद से स्ट्रेटेजी बनाना पड़ेगा तुम्हें खुद से मेथड बनाना होगा खुद का स्ट्रेंथ खोजना होगा वीकनेसेस खोजना होगा सराउंडिंग से एक्सपीरियंस लोगों से तुम बस इनपुट ले सकते हो ताकि तुम उनकी गलतियों को एज मच एज पॉसिबल अवॉइड करो कुछ ऐसे चीज जो तुम्हें समझ में नहीं आता अंट्स तुम अटेंप्ट देते तो उन्होंने अटेंप्ट दिया तो उन्हें पता है कुछ ऐसे सोर्सेस हैं जो काफी यूजफुल है जो तुम्हें पता चल जाए तो तुम्हारा टाइम सेव हो जाएगा ये इंफॉर्मेशन ले लो प्रोसेस खुद करो और डिसीजन का आउटपुट खुद से बनाओ स्ट्रक्चर और स्ट्रेटेजी खुद से बनाओ तो ऑनलाइन डिस्ट्रक्शन का यह प्रॉब्लम है कि लोग 100% रेडी मेड आंसर्स खोजना चाहते हैं और यह आज का प्रॉब्लम नहीं है कल का प्रॉब्लम नहीं है इस जनरेशन का प्रॉब्लम नहीं है यह ह्यूमैनिटी का ही मैक्सिमम लोगों का यह प्रॉब्लम है कि मुझे परोस के दे दो 100% सॉल्यूशन जो कि रियल लाइफ में कभी भी तुम्हें एक रिजल्ट नहीं दे पाएगा तो इसीलिए यह सिंपल सा कांसेप्ट अगर तुम्हें समझ में आ जाए तो तुम्हें कोई भी ऑनलाइन डिस्ट्रक्ट नहीं कर सकता क्योंकि फिर तुम ऑनलाइन बस एक सिंगल रीजन के लिए हो इंफॉर्मेशन गैदर करने के लिए उसे प्रोसेस करने के लिए या डिसीजन लेने के लिए वहां नहीं घूम रहे वहां पे अगर तुम यह दोनों चीज करने के लिए घूमो ग तो घूमते ही रह जाओगे क्योंकि कोई भी तुम्हें वो नहीं दे सकता लेकिन बहुत लोग व्यूज लाने के लिए वीडियोस बनाते रहेंगे टॉपर के इंटरव्यू लेते रहेंगे और फिर तुम्हें लगेगा कि इससे मुझे समझ में आ जाएगा कि क्योंकि स्टॉपर ने जो किया है मैं भी एगजैक्टली वही कर लूंगा तो इससे डिस्ट्रक्शन आता है तुम्हारे माइंडसेट से डिस्ट्रक्शन आता है एक बार तुम्हें समझ में आ गया जैसे अभी मैं करीब एक साल पहले जब मैं अपना बिजनेस प्रॉपर्ली एस्टेब्लिश करना चाह रहा था हायर फर्स्ट टाइम प्रॉपर्ली करना चाह रहा था टीम एस्टेब्लिश करना चाह रहा था तो उस टाइम पे मैंने वीडियो सर्च किए कि हां भाई टीम कैसे बनाते है बिजनेस कैसे बनाते हैं कुछ छह सात वीडियो मैंने देखे बहुत ही कुछ समझ में आया जो कि मुझे कभी भी नहीं पता था पहले उसके बाद मेरा youtube0 जीरो से मिलियन डॉलर कैसे बनाए यह वीडियोस इतना ज्यादा आने लगे और मैंने सोचा कि इसमें कुछ इंफॉर्मेशन होगा शायद खोल के देखे नहीं कुछ नहीं बकवास चल रहा है कुछ भी समझ में नहीं आया बस जल्दी-जल्दी कुछ-कुछ करके सीन विन चेंज करके व्यूज लाने के लिए कुछ भी कर दिया लेकिन अल्टीमेटली मैं सोच रहा हूं मुझे क्या समझ में आया तो कुछ भी नहीं समझ में आया यह तुम्हारे साथ भी काफी होता होगा वह तभी होता है जब तुम्हें ऑब्जेक्टिव नहीं पता तो मैं वैसे वीडियोस को छोड़ने लगा क्योंकि मुझे पता है इससे मुझे कुछ इंफॉर्मेशन नहीं मिल रहा जिसे मैं प्रोसेस नहीं कर सकता क्योंकि अल्टीमेटली बिजनेस का स्ट्रक्चर मुझे खुद बनाना है अल्टीमेटली एंप्लॉयज को कैसे ट्रेन करना है हायर करना है मुझे खुद से सोचना है तो इंफॉर्मेशन ले लिया अब जरूरत नहीं है तो तुम जब यह समझने लगोगे कि ऑब्जेक्टिव क्या है तब तुम ऑनलाइन दुनिया में घुसो ग भी तो तुम्हें समझ में आएगा ये इंपॉर्टेंट नहीं है ये इंपॉर्टेंट है इसे ये ये सीखा उसके बाद उसे स्ट्रक्चर आउट किया ओके यह मेरा स्ट्रेटजी है और इससे मैं प्रॉब्लम सॉल्व करूंगा इसे मैं इटरेट करूंगा इसे मैं इंप्रूव करूंगा और दिस विल गिव मी माय सॉल्यूशन तो यह सारी चीज याद रखना अगर याद नहीं रहा तो फिर डिस्ट्रक्शन डिस्ट्रक्शन रोते रहोगे चलो ठीक है फाइनली आते हैं स्मार्ट वर्क वर्सेस हार्ड वर्क इसका क्या चक्कर है कुछ लोग तो बोलते हैं कि भाई कितना भी हार्ड वर्क करते रहो उससे कोई फायदा नहीं है तुम्हें स्मार्ट वर्क करना पड़ेगा और कुछ लोग बोलते हैं कि भाई चार घंटा सोना है है और फिर बहुत ज्यादा मेहनत करना है इसी से हमारा लाइफ बनेगा आई विल स्लीप व्हेन आई एम डेड और इस टाइप का पूरा हसल कल्चर वाला माइंडसेट है और दूसरा तो लोग बोलेंगे कि तुम मेहनत करोगे तो भी कुछ नहीं होगा अ जो बहुत ज्यादा मेहनत करते हो वोह ज्यादा नहीं कमा पाते और यह वो तो मैं तुम्हें समझाता हूं मेरे स्टेजेस ग्रोथ के तो जब मैं कॉलेज में घुसा पहली बार 2012 में तो उस टाइम तक मेरा कुछ भी एकेडमिक परफॉर्मेंस नहीं था फिजिक्स में मेरे 61 मार्क्स आए थे मैथ में 53 मार्क्स आए थे पीसीएम में 65 पर और मैं इंजीनियरिंग करने चला था तो मैंने कभी भी लाइफ में ढंग से पढ़ाई नहीं किया लेकिन अब मैंने सोचा कि अब मैं अच्छे से पढ़ाई करता हूं तो पहला स्टेप मेरा यही था कि बहुत मेहनत करो बिकॉज दिस इज अ क्रूड शोर शॉर्ट वे फॉर इंप्रूवमेंट ये पहला स्टेप था हार्ड वर्क ये सबका पहला स्टेप हमेशा होता है पहला स्टेप कभी भी स्मार्ट वर्क नहीं होता क्योंकि हार्ड वर्क से ही तुम्हें समझ में आता कि हार्ड वर्क का एक लिमिट होता है कि कुछ भी कर लो तुम्हारे पास दिन में 24 घंटा से ज्यादा नहीं है तो फिर आता है तुम्हारा स्मार्ट वर्क व्हिच इज इंक्रीजिंग योर एफिशिएंसी और उसके लिए तुम ट्रिक्स खोजते हो तुम ट्रिक्स खोजते हो जैसे पोमोडोरो टेक्निक तुम ट्रिक्स खोजते हो जैसे मेमोरी पैलेस तुम ट्रिक्स खोजते हो जैसे कि मैं शेड्यूल चेंज कर सकता हूं अपना सुबह उठ सकता हूं इसमें मेरा ज्यादा प्रोडक्टिव टाइम होता है ओके मैं न्यूट्रिशन ले सकता हूं डाइट इंप्रूव कर सकता हूं यह सारी चीज करके तुम अपना एफिशिएंसी इंक्रीज कर कर सकते हो तो दिस इज द डिफरेंस बिटवीन स्मार्ट वर्क एंड हार्ड वर्क तो स्मार्ट वर्क इज नॉट अ रिप्लेसमेंट ऑफ हार्ड वर्क बट इट कैटालाइज हार्ड वर्क ये चीजों को फास्ट कर देता है चीजों को इंप्रूव कर देता है बस हार्ड वर्क करते रहोगे तो एक जगह जाके बर्न आउट कर जाओगे क्योंकि तुमने उठाया दो घंटे काम करने को उठा के 12 घंटे काम करने पे ले गए तो तुम्हारा बहुत ज्यादा ग्रोथ हुआ लेकिन 12 घंटे से ज्यादा तुम काम ही नहीं कर सकते तो तुम्हारा ग्रोथ स्टेल कर जाएगा फिर तुम 12 घंटा ही काम करते जा रहे हो ग्रोथ देख नहीं रहे हो तो बर्न आउट कर जाओगे तो तब तुम्हें जाके अपना एफिशिएंसी इंक्रीज करना पड़ेगा लेकिन हां एक चीज मैं खुद के एक्सपीरियंस से बताना चाहता हूं तुम्हें कि हार्ड वर्क क्यों इंपॉर्टेंट होता है जैसे लेट अस से कि तुम्हें तो तुम्हें youtube0 से जोड़ देता हूं तो तुमने बोला अच्छा ठीक है स्पंस भी कोई और कर रहा है मेरा ओके तुम्हारे पैसे आ रहे हैं तुम्हारा कोई सीए है क्या टैक्सेस कैसे करते हो चलो तुम्हें एक सीए दे देता हूं तुमने बोला हां ठीक है सीए दे देता हूं तो तुमने पूछा कि क्या मैं खुद से अकाउंटिंग कर सकता हूं तुम्हें बोला जाएगा क्या तुमने अकाउंटिंग चार्टर्ड अकाउंटिंग कोर्स किया है एग्जाम्स दिए हैं तुम बोलोगे नहीं मैं तो इंजीनियर हूं तो तुमने बो नहीं तो फिर तुम्हें सीए चाहिए फिर तुम ऐसे बोलोगे कि मुझे अब एक खुद का कोर्स बनाना है तो अ तुम्हें बोला जाएगा कि क्या तुम्हें वेबसाइट बनाना आता है तो तुम बोलोगे कि नहीं मुझे वेबसाइट बनाना नहीं आता तो चलो तुम्हें एक वेब डेवलपर देते हैं फिर तुम बोलोगे कि मेरा एक लोगो चाहिए तो तुम्हें बोला जाएगा क्या तुम्हें ग्राफिक डिजाइनिंग एक फोटोशॉप का एक्सपर्ट एक ग्राफिक डिजाइनर दिया जाए तो एक एक बंदा तुम्हें पूरी तरह मैनेज कर रहा है तुम्हारा सारा एंप्लॉई तुम्हारे लिए खोज के ला रहा है और तुम्हारा सीख के थंबनेल बनाना सीखा उसके बाद मैंने कैमरा ऑपरेट करना खुद से सीखा और मैंने कलर ग्रेड करना खुद से सीखा वेबसाइट बनाना मैंने खुद से सीखा टैक्सेस भरना मैंने खुद से सीखा और बिजनेस को ग्रो करना भी खुद से सीखा हायरिंग करना मैंने खुद से सीखा तो अब मैं अगर यह सारी चीज को आउटसोर्स कर दूं तो उसे उन लोगों को संभालना मॉनिटर करना और मैनेज करना मेरे लिए पॉसिबल है क्योंकि मुझे वह सारे चीज कुछ हद तक तो आते हैं तो यहां आता है कि स्मार्ट वर्क इज किलिंग यू तो हार्ड वर्क बस तुम अगर करते रहोगे तो बहुत सारी गलतियां करोगे जैसे मैंने बहुत सारी गलतियां करी कि मैंने वीडियो एडिटर हायर नहीं किया तो जिसकी वजह से मैं 10 122 घंटे काम कर रहा हूं और मुझे रिजल्ट उतना ज्यादा नहीं मिल रहा तो ठीक है लेकिन उसके वजह से मेरा वीडियो एडिटिंग भी तो इंप्रूव हुआ मैंने ग्राफिक डिजाइनर को नहीं हायर किया मैंने वेब वेब डेवलपर को नहीं हायर किया मैंने खुद से किया बहुत ज्यादा एफर्ट लगा कुछ भी हो जाए मैं एक कंप्यूटर साइंस ग्रेजुएट जो वेब डेवलपिंग में ही एक्सपर्ट है उससे अच्छा वेबसाइट नहीं बना सकता लेकिन फिर भी मैंने अगर वोह खुद से किया तो वो स्किल मेरा डेवलप हुआ क्या वो ऑप्टिमम था बेस्ट था आउटपुट के लिए नहीं नहीं था लेकिन क्या इन सब की वजह से मैं ज्यादा चीज सीख पाया हां यहां पे हार्ड वर्क बीट्स स्मार्ट वर्क जहां तुम जस्ट पुश करते हो और एक्स्ट्रा एफर्ट देते हो और चीजों को आसान नहीं करके डिफिकल्ट चीजों को पसू करते हो वहां तुम ज्यादा से ज्यादा चीजों को सीख पाते हो और तुम्हारा डेवलपमेंट ज्यादा होता है कभी-कभी हार्ड वर्क ज्यादा इंपॉर्टेंट हो जाता है स्मार्ट वर्क से कई बार स्मार्ट वर्क इंसान को खत्म कर देता है क्योंकि वह सिर्फ आसान चीजों को तुम्हें दिखाता है तो तुम्हें एक बहुत ही आसान लाइफ दिखा रहा ओ तुम्हें बस 5 घंटा पढ़ना है स्मार्ट वर्क करके और तुम्हें बस दो एक घंटा ऐसे जिम चले जाना है उसके बाद यह सारे खाना है ठन घंटे आराम से सोना है दैट इज गुड दैट इज आइडियल लेकिन कभी अगर तुम 12 घंटा पढ़ना पड़ा 4 घंटे बस सो के और उसके बाद वर्कआउट भी उसमें करना पड़ा तो क्या तुम कर पाओगे क्या तुम्हारा बॉडी में कभी भी वह कैपेबिलिटी डेवलप हुआ नहीं तो इसी में तुम्हारा एक बॉडी को पुश करना जहां पर तुम्हें कोई रिजल्ट भी नहीं मिल रहा कभी-कभी दुर्गति भी हो रहा है तुम्हारा फिर भी अगर तुम बस पुश कर सकते हो अपने आप को तो दैट इज अ डिफरेंट लेवल ऑफ स्किल और उसमें तुम्हारा जो डेवलपमेंट होता है बहुत ही डिफरेंट फील्ड में कुछ तो होता है अगर गलत भी हुआ कुछ उससे रिजल्ट नहीं भी आया फिर भी तुम्हारा डेवलपमेंट है क्योंकि तुमने उन चीजों को एसा चैलेंज लिया तो स्मार्ट वर्क जरूरी है एक पॉइंट के बाद बट पहले स्मार्ट वर्क से पहले थोड़ा सा हार्ड वर्क भी जरूरी है मैं यह बोलना चाह रहा हूं जैसे मैंने बोला कि पहला स्टेप मेरा हार्ड वर्क था उसके बाद स्मार्ट वर्क था जैसे स्टूडेंट जि जिन्होंने अभी तक पढ़ाई नहीं किया कभी भी सीरियसली वो मुझसे स्मार्ट वर्क के बारे में पूछते हैं कि मैं इजली चीजों को कैसे समझ लूं लेकिन पहले वह अगर एक साल बहुत ही रगड़ के मेहनत करेंगे और फिर भी उन्हें रिजल्ट नहीं मिल रहा फिर वह मुझसे अगर स्मार्ट वर्क के बारे में पूछेंगे तो मैं बताऊंगा तुम यह गलती कर रहे हो तो उनका हार्ड वर्क करने का एबिलिटी ऑलरेडी बन चुका है डेवलप हो चुका है ऑल दे हैव टू नाउ डू इज ऐड अ कैटालिस्ट और उसकी वजह से उनका ग्रोथ बहुत ही फास्ट होगा तो स्मार्ट वर्क इज गुड बट अगर वो क्वांटिटी नहीं नहीं रहेगा तो क्वालिटी डाल के तुम क्या करोगे मतलब अगर तुम पांच ही घंटा पढ़ने के यूज टू हो और मैंने तुम्हें एफिशिएंसी दे दिया और एफिशिएंसी तुम्हारा कैटालाइज करके उसे 20 पर इंक्रीज कर दिया तो 5 घंटा का 20 पर क्या होता है अरे यार ज्यादा कैलकुलेशन करने के मूड में नहीं हूं मैं अभी हां भाई आज भी मैं गेट के ही कैलकुलेटर को उठाता हूं अगर मुझे कुछ कैलकुलेशन करना होता है तो क्योंकि वो मेरे जहन में घुस चुका है ओके 5 * 60 तुम्हारा हो गया ये और उसका तुम्हारा कितना 10 पर बोला था 5 पर बोला था 20 पर बलाता हूं चलो ठीक है कितना हो गया भाई 60 मतलब कि एक घंटा और तो तुम आज तक 5 घंटा पढ़ रहे हो मैंने तुम्हें स्मार्ट वर्क बताया तो तुम अब से 6 घंटा पढ़ने लगे ठीक है आज तक तुम अगर 10 घंटा पढ़ रहे हो और मैंने तुम्हें स्मार्ट वर्क बताया और उससे तुम्हारा 20 पर और भी ग्रो कर गया तो तुम अब 12 घंटा के बराबर काम कर रहे हो तो समझ रहे हो वैसे मैं ऐसे इनटू भी कर देता हूं क्योंकि पाच का मैंने 10 कर दिया तो एक घंटे का दो घंटे हो जाता पर इसरो एग्जाम दिए हुए कुछ टाइम हो गया तुम देख सकते हो तो इस तरह से तुम्हारा हार्डवर्क का सप्लीमेंट होता है स्मार्ट वर्क हार्ड वर्क का रिप्लेसमेंट नहीं होता आई थिंक ट क्लेरिफाई थिंग्स तो इस तरह से ग्रोथ और भी अच्छा हो सकता है तुम्हारा चलो ठीक है बहुत सारी चीजों के बारे में बात कर लिया आज हमने उम्मीद है तुम्हें पसंद आया हो इसे यहीं पे खत्म करते हैं यह बैकग्राउंड म्यूजिक कौन डाल रहा है मेरे पॉडकास्ट के एंड होने वाला अच्छा तुम्हें बताऊं अगर तुम सुन पा रहे होगे तो यह आइसक्रीम ट्रक का म्यूजिक है तो तुमने बचपन में ऑस्व देखा होगा या फिर नहीं देखा होगा क्योंकि आजकल छोटा भीम देखने वाले बच्चे बड़े हो रहे हैं लेकिन यहां पे यूएस में आइसक्रीम ट्रक शायद सैटरडे को आता है मुझे पता नहीं है लेकिन जनरली तो वेडनेसडे को भी आता है लेकिन अभी मुझे आइसक्रीम ट्रक का आवाज आ रहा है तो शायद सैटरडे को भी आता हो य मुझे लगे कि यार पॉडकास्ट खत्म करते करते ऑटोमेटिक भगवान जी ने म्यूजिक ऐसे चला दिया चलो ठीक है इस पॉडकास्ट को हम यही खत्म करते हैं भैया जी बुक पढ़ लीजिए मेरा क्या मतलब इतना देर अगर तुम मुझे सुन सकते हो तो मेरे 5 साल की मेहनत को जिसमें मैंने बहुत सोच समझ के एक-एक वर्ड लिखा है और बहुत सोच समझ के 15 बार उसे एडिट रीएडिशन रिवाइज किया है उसके बाद जाके इसे पब्लिश किया है एक ऐसा जर्नी जहां पे एक बंदा एक बहुत ही बिलो एवरेज स्टूडेंट रह चुका है और वो सपने देखता है इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन में काम करने का फेल हो रहा है बार-बार हर चीज में लड़कियां उसे ना बोल रही है फिर भी उसे लगता है कि मैं कुछ तो तोडूंगा फिर भी उसने जाके इसरो एग्जामिनेशन बार-बार दिया और फाइनली इसरो का साइंटिस्ट बन गया अगर तुम ऐसे स्टोरी को नहीं देखना चाहते नहीं पढ़ना चाहते तो तुम क्या करना चाहते हो बताओ तुम यूटर बनके मिलियंस ऑफ डॉलर्स बनाना चाहते हो करना क्या चाहते हो चलो ठीक है इसे हम खत्म करते हैं पढ़ना होगा तो पढ़ लेना अगर नहीं भी अभी श्यर हो कि तुम्हें पढ़ना चाहिए कि नहीं पढ़ना चाहिए तो इसका एक सैंपल पढ़ सकते हो जिसमें मुझे लगता है 10 से 15 पेज शायद 50 पेज भी पढ़ सकते हो फर्स्ट चैप्टर के अंदर तक घुस जाओगे कर सकते हो अ फ्री है और फिर खुद ही डिसाइड कर लो और बाकी लोगों का ओपिनियन सुनना है तो नीचे जाके रिव्यू देख लेना वैसे youtube1 एपिसोड में तब तक के लिए बाय [संगीत] [संगीत]