अध्याय 3: उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण (एलपीजी)

Jul 8, 2024

अध्याय 3: उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण (एलपीजी)

भूमिका

  • नई आर्थिक नीति 1991: देश गंभीर आर्थिक संकट से गुज़र रहा था
  • डॉ. मनमोहन सिंह की नीतियां लागू की गईं

उदारीकरण (Liberalization)

  • परिभाषा: सरकारी नियंत्रण कम कर निजी क्षेत्र को अधिक स्वतंत्रता देना
  • मुख्य उद्देश्य:
    • आर्थिक क्षमता को अनलॉक करना
    • मल्टीनेशनल कॉर्पोरेशंस को निवेश के अवसर देना
    • कम्पटीशन बढ़ाना

सुधार

  • वित्तीय क्षेत्र सुधार
    • आरबीआई का भूमिका कम की गई
    • निजी बैंकों की स्थापना और विदेशी निवेश को अनुमति
  • टैक्स सुधार
    • डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स में कमी
    • जीएसटी लागू
  • विदेशी मुद्रा सुधार
    • रुपया का अवमूल्यन
    • व्यापार और निवेश में प्रोत्साहन

निजीकरण (Privatization)

  • परिभाषा: निजी क्षेत्र का विस्तार और सार्वजनिक क्षेत्र का संकुचन
  • मुख्य उद्देश्य:
    • वित्तीय अनुशासन बढ़ाना
    • मॉडर्नाइजेशन में मदद करना

प्रमुख बिंदु

  • निजी क्षेत्र को निवेश और विकास के अधिक अवसर
  • सार्वजनिक क्षेत्र की इक्विटी बेचना

वैश्वीकरण (Globalization)

  • परिभाषा: दुनिया के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था का एकीकरण
  • मुख्य उद्देश्य:
    • अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश बढ़ाना
    • अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहन

प्रमुख सुधार

  • इन्वेस्टमेंट लिमिट बढ़ाई गई
  • आंशिक कन्वर्टिबिलिटी
  • आयात-निर्यात प्रतिबंध कम किए गए

नोटबंदी (Demonetization)

  • विवरण: 8 नवंबर 2016 को 500 और 1000 के नोट बंद
  • मुख्य उद्देश्य:
    • भ्रष्टाचार और काले धन पर रोक
    • डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ाना

वस्तु एवं सेवा कर (GST)

  • परिचय
    • एक राष्ट्र, एक कर
    • 1 जुलाई 2017 से प्रभाव में
  • प्रमुख विशेषताएँ
    • बहुत सारे टैक्स खत्म कर एक टैक्स लागू
    • दो प्रकार: CGST, SGST
  • लाभ
    • कर बोझ में कमी
    • राष्ट्रीय बाजार का विकास