Transcript for:
Managing Earth's Water Resources Crisis

[संगीत] हेलो एवरीवन आज हम पढ़ेंगे क्लास 10 ज्योग्राफी का चैप्टर नंबर 3 जिसका नाम है वाटर रिसोर्सेस दोस्तों आपने चीज नोटिस की होगी की जो हमारी पृथ्वी है वह हमें नीली दिखाई देती है यह हमें नीली इसलिए दिखाई देती है क्योंकि हमारी पृथ्वी के ऊपर सबसे ज्यादा पानी है लेकिन इतना पानी होने के बावजूद भी हमें वाटर स्कार्सिटी देखने को मिलती है मतलब पानी कमी देखने को मिलती है तो इस चैप्टर में हम इसी वाटर स्कार्सिटी के बड़े में पढ़ेंगे की वाटर कैसे की क्या होती है और पृथ्वी पर इतना पानी होने के बावजूद भी ये हमें क्यों देखने को मिलती है इसके साथ-साथ हम वाटर कंजर्वेशन और मैनेजमेंट के बड़े में पढ़ेंगे मल्टीपरपज प्रोजेक्ट्स के बड़े में पढ़ेंगे रेन वाटर हार्वेस्टिंग के बड़े में पढ़ेंगे और भी कई सारे टॉपिक के बड़े में पढ़ेंगे जो की वाटर रिसोर्सेस से रिलेटेड है तो चलिए स्टार्ट करते हैं इस चैप्टर को तो यह है हमारी अर्थ अर्थ का थ्री फोर पोर्शन वाटर से कवर्ड है यानी की पृथ्वी पर बहुत पानी है लेकिन प्रॉब्लम यह है की हम इस पूरे वाटर को उसे नहीं कर सकते क्योंकि अर्थ के टोटल वाटर में से 96.5% जो वाटर है वो ओसियन वाटर है और आपको पता है की ओसियन वाटर काफी ज्यादा साल्टी होते हैं मतलब उनमें काफी ज्यादा नमक होता है इसलिए फिलहाल तो हम उसे उसे नहीं कर सकते क्योंकि हमारे पास इतना इन्वेस्टमेंट नहीं है की हम उसे फिल्टर कर सकें लेकिन टोटल वाटर मैसेज 2.5% वाटर ऐसा है जो की फ्रेश वाटर है मतलब हम इसका उसे कर सकते हैं लेकिन यहां पर भी प्रॉब्लम है की हमारे पास जितना भी फ्रेश वाटर है उसका 70% फ्रेश वाटर आई सीड्स और ग्लेशियर की फॉर्म में है और बच्चा मंत्र थर्टी परसेंट फेस पाउडर ही ऐसा है क्योंकि सरफेस रन ऑफ और ग्राउंड वाटर की फॉर्म में है और केवल इसी वाटर को हम उसे कर सकते हैं तो देखा आपने की हमारे पास पानी तो बहुत है लेकिन यूजुअल वाटर बहुत कम है अब आप सोच रहे होंगे की क्या यह पानी हमारे लिए एन है हां यह पानी हमारे लिए नफ है बल्कि मोर दें एन है क्योंकि वाटर एक रेनवाल रिसोर्स है रेनवाल रिसोर्स मतलब वाटर समय के साथ-साथ रिन्यू होता राहत है मतलब नया बंता राहत है और ये प्रोसेस होती है हाइड्रोजन साइकिल की मदद से अब आप में से कई सारे लोग ये भी सोच रहे होंगे की अगर इतना ही पानी हमारे लिए पर्याप्त है फिर हमें अलग-अलग देश में पानी कमी क्यों देखने को मिलती है और जहां तक की कई साड़ी साइंटिस्ट जी भी प्रिडिक्ट करते हैं की 2025 तक आते-आते दुनिया के दो बिलियन लोग यानी की 20 करोड़ लोग वाटर स्कार्सिटी से पीड़ित रहेंगे मतलब पानी की कमी को झेलेंगे तो ऐसा क्यों है तो देखो मैंने आपको पिछले चैप्टर में बताया था की अगर हम नेचर की किसी भी चीज को अपनी नीड के लिए उसे करते हैं मतलब जरूर के लिए उसे करते हैं तो वह हमारे लिए पर्याप्त मंत्र में है लेकिन अगर हम किसी चीज को ग्रिड के लिए उसे करते हैं मतलब लालच के लिए उसे करते हैं तो भले वह रेनवाल रिसोर्सेस क्यों ना हो उसकी का मैं जरूर महसूस होती है यही सीन वाटर कैसे में है वाटर है तो रेनवाल रिसोर्स लेकिन फिर भी उसकी कमी देखने को मिलती है क्योंकि लोग अपने लालच के लिए उसका ओवर उसे करते हैं और उसे एक्सप्लॉयड करते हैं इसी चीज को हम डिटेल में डिस्कस करते हैं इस टॉपिक में वाटर स्कार्सिटी और डी नीड पर वाटर कंजर्वेशन और मैनेजमेंट सबसे पहले हम समझते हैं की वाटर स्कार्सिटी क्या होती है तो वाटर स्कार्सिटी का सिंपल सा मतलब होता है पानी की कमी होना इस को हम वाटर स्कार्सिटी कहते हैं जैसे की मैं आपको एग्जांपल देता हूं आप देखते होंगे की राजस्थान की महिलाएं अपने सर पर कई सारे मटके रखकर काफी लंबी-लंबी डिस्टेंस ट्रैवल करती हैं पानी भरने के लिए क्योंकि राजस्थान में बहुत कम बारिश होती है और राजस्थानी ड्रॉट प्रोन एरिया है तो यह एग्जांपल है वाटर स्कार्सिटी का अब दोस्तों जरूरी नहीं है की राजस्थान जैसी सुखी जगह पर ही पानी कमी देखने को मिले बल्कि पानी की कमी हमें ऐसी जगह पर भी देखने को मिल शक्ति है जहां पर बहुत पानी हो जैसे ही कोलकाता कोलकाता में कभी-कभी इतना पानी बरसाता है की वहां पर बाढ़ ए जाति है जैसे की आप इस इमेज को देखो इसमें जो बच्चा है वो का रहा है की वाटर वाटर एवरीव्हेयर बट नोट एन ड्रॉप तू ड्रिंक मतलब पानी चारों तरफ है लेकिन पीने लायक नहीं है तो ये भी एग्जांपल है वाटर स्कार्सिटी का तो वाटर स्कार्सिटी हमें मोस्ट ऑफ डी केसेस में देखने को मिलती है पानी की ओवर एक्सप्लोइटेशन की वजह से पानी का एक्सेसिव अमाउंट में उसे करने की वजह से और पानी के अनइक्वल तरीके से प्रेजेंट होने की वजह से इसी चीज को हम डिटेल में डिस्कस करते हैं की पानी की कमी आखिर हमें क्यों देखने को मिलती है रीजंस पर वाटर स्कार्सिटी मतलब वाटर स्कार्सिटी होने के पीछे कौन-कौन से करण है तो पहले रीजन है बड़े और ग्रोइंग पापुलेशन और कंसीक्वेंट ग्रेटर डिमांड्स पर वाटर और इक्वल एक्सेस तू आईटी मतलब लोगों की पापुलेशन तेजी से बाढ़ रही है और हमें पता है की जितनी ज्यादा पापुलेशन होगी पानी की डिमांड भी उतनी ज्यादा बढ़ेगी बट पानी तो लिमिटेड है वह पानी को एक्सेस कर पाते है और जो गरीब लोग होते हैं वह पानी को जरूर के लिए भी एक्सेस नहीं कर पाते हम देखते हैं ना की जो अमीर लोग होते हैं उनके घरों में तो स्विमिंग ताल देखने को मिलते हैं और वहीं गरीब लोग बूंद-बूंद के लिए तस्ते हैं तो पहले रीजन यही है की पापुलेशन बाढ़ रही है और पानी की डिमांड भी बाढ़ रही है जी वजह से ज्यादातर पानी अमीरों तक ही पहुंच पता है गरीबों को वाटर कैसे दी का सामना करना पड़ता है यानी की वाटर का अनइक्वल एक्सिस देखने को मिलता है वाटर स्कार्सिटी का दूसरा रीजन है वाटर रिसोर्सेस आर बीइंग ओवर एक्सप्लोइटेड तू एक्सपेंड एग्रीकल्चर मतलब आप खुद सोचो की अगर पापुलेशन बढ़ेगी तो फूड ग्रेस का प्रोडक्शन भी बढ़ेगा क्योंकि जितने ज्यादा लोग होंगे लोगों को उतना ही ज्यादा खाना चाहिए तो जो किसान होते हैं वो फूड ग्रेस के प्रोडक्शन के लिए एग्रीकल्चर एक्टिविटी परफॉर्म करते हैं जिसके लिए वह वेल्स और ट्यूबवेल्स का इस्तेमाल करते हैं ऐसे होता क्या है काफी सारे ग्राउंड वाटर को निकाला जाता है जी वजह से ग्राउंड वाटर लेवल में काफी गिरावट आई है मतलब जमीन के नीचे का जो पानी बहुत धीरे-धीरे कम होता जा रहा है तो यह भी एक रीजन है वाटर स्कार्सिटी का थर्ड रीजन है इंक्रीजिंग इंडस्ट्रीज हेज मेड मटर ऑन एक्जिस्टिंग फ्रेश वाटर मतलब जैसे-जैसे समय निकाल रहा है वैसे-वैसे इंडस्ट्रीज भी डेवलप हो रही है जी वजह से इंडस्ट्रीज को रन करने के लिए भी काफी एक्सेसिव अमाउंट में पानी का उसे किया जाता है और ना केवल पानी का उसे किया जाता है बल्कि इंडस्ट्रीज का जो वेस्ट वाटर निकलता है उसे भी रिवर्स में छोड़ दिया जाता है जिससे जो फ्रेश वाटर होता है वो भी इफेक्ट होता है तुझे इंडस्ट्रीज होती है वो बहुत बड़ा प्रेशर एक्सर्ट करती है फ्रेश वाटर के ऊपर केवल इतना ही नहीं बल्कि इंडस्ट्रीज को रन करने के लिए जो हैवी इलेक्ट्रिसिटी चाहिए होती है वो हाइड्रो इलेक्ट्रिसिटी होती है जो की फ्रेश वाटर से ही डेवलप की जाति है इन फैक्ट इंडिया में टोटल इलेक्ट्रिसिटी में से 22% इलेक्ट्रिसिटी हाइड्रो इलेक्ट्रिसिटी होती है तो इंडस्ट्रीज का होना भी एक मेजर रीजन है वाटर स्कार्सिटी के पीछे चौथ रीजन है रियास मतलब अर्बन एरियाज में यानी की शहरी इलाकों में पानी का ओवर एक्सप्लोइटेशन होता है जिसकी वजह से शेरों में भी वाटर स्कार्सिटी देखने को मिलती है अब शेरों में वाटर स्कार्सिटी क्यों देखने को मिलती है इसे हम थोड़ा डिटेल में पढ़ने हैं देखो यह समस्या हमें इसलिए देखने को मिलती है क्योंकि अर्बनाइजेशन हो रहा है अर्बनाइजेशन मतलब जो गांव के लोग हैं वो धीरे-धीरे शेरों की तरफ बढ़ाने लगे हैं जैसे शेरों की पापुलेशन बाढ़ रही है और ओवैसी बात है की जब शेरों की पापुलेशन बढ़ेगी तो पानी की डिमांड भी बढ़ेगी तो पानी की जरूर को पूरा करने के लिए लोगों ने क्या किया की खुद के ग्राउंड वाटर पंपिंग डिवाइस लगाना शुरू कर दिया मतलब बोरवेल वगैरा करवाना शुरू कर दिया अब इसे हुआ क्या की लोगों की कुछ हद तक पानी की जरूर तो पुरी हो गई लेकिन जैसे ही लोगों ने एक्सेसिव अमाउंट पे ग्राउंड वाटर निकालना शुरू किया तो जो ग्राउंड वाटर लेवल था वह डिक्रीज हो गया जिससे हमें शेरों में भी वाटर स्कार्सिटी देखने को मिली हम देखते हैं ना की कई सारे घरों में जो पानी की मोटर होती है वह बहुत जल्दी पानी छोड़ जाति है तो यह ग्राउंड वाटर लेवल की डिक्रीज होने की वजह से ही होता है तो अर्बनाइजेशन भी एक मेजर रीजन है वाटर स्कार्सिटी का तो अभी तक हमने वाटर स्कार्सिटी के जितने भी रीजन डिस्कस किया वो क्वानटेटिव रीजन थे मतलब पानी की अवेलेबिलिटी ही नहीं थी लेकिन अब हम जो रीजन डिस्कस करेंगे वो क्वालिटेटिव रीजंस होंगे मतलब पानी अवेलेबल तो होगा बट वो पीने लायक नहीं होगा तो वायरस कैसे ठीक है पांचवा रीजन है एरिया वेयर वाटर इस सफिशिएंटली अवेलेबल तू मीत डी नीड्स ऑफ डी पीपल पढ़ना है एरिया स्टील सफर फ्रॉम वाटर स्कार्सिटी दिउ तू डी बेड क्वालिटी ऑफ वाटर मतलब लोगों की जरूर के लिए पानी कई जगह पर सफिशिएंटली अवेलेबल होता है लेकिन फिर भी वाटर स्कार्सिटी देखने को मिलती है तो ऐसे इसलिए होता है क्योंकि पानी अवेलेबल तो है बट वो पानी बेड क्वालिटी ऑफ वाटर है मतलब वह पानी पीने लायक नहीं अब वो पानी पीने लायक क्यों नहीं है तो ऐसा इसलिए है क्योंकि घरों से और इंडस्ट्री से जो वेस्टेज निकलता है उसे सीधा पानी में छोड़ दिया जाता है जिससे सलूट हो जाता है दूसरा हम एग्रीकल्चर के लिए कई सारे केमिकल्स पेस्टिसाइड्स और फर्टिलाइजर्स का उसे करते हैं तो यह साड़ी चीज जब लैंड से वाटर तक पहुंचती है तो जो वाटर होता है वो काफी नुकसानदायक हो जाता है लोगों के उसे के लिए तो यहां तक हमने कई सारे रीजंस डिस्कस किया जो की रिस्पांसिबल है वाटर स्कार्सिटी के पीछे चलो साड़ी रीजंस को एक बार सनराइज करते हैं तो पहले रीजन है ग्रोइंग पापुलेशन दूसरा इंटेंस एग्रीकल्चर तीसरा इंडस्ट्रियलिज्म चौथ है अर्बनाइजेशन और पांचवा वाटर पॉल्यूशन सो आई होप आप लोग समझ गए होंगे की वाटर स्कार्सिटी के पीछे कौन-कौन से रीजन होते हैं तो इस पानी कमी को देखकर गवर्नमेंट ऑफ इंडिया ने एक कम उठाया मतलब एक मिशन लॉन्च किया जिसको बोला गया जलजीवन मिशन जेएम इसे शुरू किया गया था तू इंप्रूव डी क्वालिटी ऑफ लाइफ और एनहांस इस ऑफ लिविंग ऑफ पीपल स्पेशली दो-तीन और एरिया मतलब और एरियाज में जो लोग रहते हैं उनकी लाइफ को बेहतर बनाने के लिए इस मिशन को लॉन्च किया गया था इस मिशन का जो ऑब्जेक्टिव था यानी की गोल था वो ये सुनिश्चित करना था की हर एक ग्रामीण परिवार को पोर्टेबल पी वाटर सप्लाई मिल रही है या नहीं इस मिशन के मुताबिक हर एक व्यक्ति को प्रतिदिन 55 लीटर पानी रेगुलर बेसिस पर मिलन चाहिए ये इस मिशन का ऑब्जेक्टिव था अब एक सवाल आता है वही डू वे नीड पर कंजर्वेशन और मैनेजमेंट मतलब पानियों कंजर्व मैनेज करने की क्या जरूर है तो ऐसा इसलिए है क्योंकि अगर हम पानी को बचाएंगे नहीं और मैनेज नहीं करेंगे तो हमें कई साड़ी प्रॉब्लम्स देखने को मिल शक्ति हैं जैसे की हेल्थ सीखने को मिल शक्ति है यानी बीमारियां देखने को मिल शक्ति हैं दूसरा फूड सिक्योरिटी देखने को मिल शक्ति है यानी की खाने की कमी देखने को मिल शक्ति है क्योंकि अगर हम पानी को मैनेज नहीं करेंगे तो क्रॉप्स भी नहीं हो पाएंगे जिसके चलते फूड सिक्योरिटी देखने को मिलेगी तीसरा अगर हमने पानी को कंजर्व मैनेज नहीं किया तो जो पूरा नेचुरल इकोसिस्टम है वो डिग्रेड कर जाएगा यानी की बर्बाद हो जाएगा इतना ही नहीं अगर इसी तरीके से पानी का ओवर एक्सप्लोइटेशन और मिस मैनेजमेंट होता रहा तो हमें इकोलॉजिकल क्राइसिस भी देखने को मिल सकते हैं तो इतनी साड़ी प्रॉब्लम्स हमें फेस करनी पद शक्ति हैं अगर हमने पानी को कंजर्व मैनेज नहीं किया इसलिए अच्छा है की हम पानी को कंसर्ट करें और मैनेज करें ताकि हमें समस्याओं से बैक पे नेक्स्ट टॉपिक है हमारा मल्टीपरपज रिवर प्रोजेक्ट और इंटीग्रेटेड वाटर रिसोर्सेस मैनेजमेंट तो जैसा की मैंने आपको बताया की हमें पानी का कंजर्वेशन और मैनेजमेंट करना चाहिए लेकिन अब सवाल ये आता है की हम पानी को कंजर्व और मैनेज करें कैसे हो डू वे कंजर्व और मैनेज वाटर तो पानी को कंजर्व और मैनेज करने का एक बहुत अच्छा तरीका है जो की है हाइड्रोलिक स्ट्रक्चर बनाना हाइड्रोजन स्ट्रक्चर मतलब पानी के ऊपर या पानी के अंदर ऐसी स्ट्रक्चर बनाना जिनकी मदद से हम पानी को स्टोर कर पे और उसके फलों को मैनेज कर पे जैसे की दम बनाना रिजर्वस बनाना चैनल बनाना आर्टिफिशियल लेग बनाना यह सभी हाइड्रोलिक स्ट्रक्चर्स होते हैं और दूसरे ऐसा नहीं है की हम केवल अभी से ही हाइड्रोलिक स्ट्रक्चर बनाना सीखे बल्कि इंडिया में कई सर पहले से ही हाइड्रोलिक स्ट्रक्चर बन्ना शुरू हो गए थे पानी को कंजर्व और मैनेज करने से हाइड्रोलिक स्ट्रक्चर बनाए गए थे हाइड्रोलिक स्ट्रक्चर इन असिएंट इंडिया तो शुरुआत में यानी की फर्स्ट सेंचुरी पीसी में इंडिया में श्रमवीर पर नाम की जगह पर जो की इलाहाबाद के पास स्थित है वहां पर गंगा नदी के बाढ़ के पानी को चैनेलाइज करने के लिए एक स्पष्टिएटिड वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाया गया था ताकि गंगा नदी के बाढ़ के पानी को चैनेलाइज करके उसे इरिगेशन के लिए उसे किया जा सके जैसे की आप इस इमेज को देख सकते हो ये इंडिया का सबसे ओल्डेस्ट हाइड्राइड स्ट्रक्चर था इसी तरीके से चंद्रगुप्त मौर्य के टाइम पर काफी बड़ी इस खेल में डम्स लेग्स और इरिगेशन सिस्टम बनाए गए थे इसके अलावा हमें आज के समय पर कलिंगा नागार्जुन कोंडा बेगम और कोल्हापुर जैसी जगह पर भी कई सारे एविडेंस देखने को मिलते हैं जो की यह दर्शाते हैं की पहले भी सपोसेडिकेटेड इरिगेशन क होता था सिमिलरली 11 सेंचुरी में भोपाल लेकर निर्माण कराया गया था जो की अपने समय की लार्जेस्ट आर्टिफिशियल लेग्स में से एक थी इसके बाद 14 सेंचुरी में हाउस खास दिल्ली के अंदर एक तन निर्माण कराया गया था इल्तुतमिश के द्वारा ताकि सिर्फ एरिया में पानी की सप्लाई होती रहे तो देखा आपने की पुराने समय पर भी कई सारे हाइड्रोलिक स्ट्रक्चर बनाए जाते थे पानी को कंजर्व और मैनेज करने के लिए इसी तरीके से आज के समय पर भी कई सारे हाइड्रोलिक स्ट्रक्चर बनाए जाते हैं लेकिन हमें इस चैप्टर में एक ही तरीके के हाइड्रोलिक स्ट्रक्चर के बड़े में पढ़ना है जो की है डम्स की डम्स क्या होते हैं और ये हमारी कैसे मदद करते हैं पानी को कंजर्व और मैनेज करने में तो सबसे पहले हम पढ़ने हैं व्हाट इसे डेम की दम क्या होता है तो दम इसे एन वारियर एक्रॉस फ्लाइंग वाटर डेट ऑब्स्ट्रक्ट्स डायरेक्ट और रेटर्ड्स डी फ्लो ऑफ क्रिएटिंग ए रिजर्वेशन होता है जो की फ्लाइंग वाटर को रोकना है इसकी मदद से हम पानी के फ्लो को दिशा दे सकते हैं और पानी की फ्लो की स्पीड को धीम कर सकते हैं मैनेज कर सकते हैं जैसा की आप इस इमेज में देख सकते हो अब हमसे कुछ भी बन सकता है रिजर्व एयर भी बन सकता है लेख भी बन सकता है इंपाउंडमेंट यानी की छोटा लेग भी बन सकता है डिपेंड करता है दम के साइज के ऊपर तो आया समझ में की दम क्या होता है अब हम देखते हैं क्लासिफिकेशन ऑफ डम्स मतलब डेम को किस तरीके से क्लासीफाइड किया गया है तो दम को दो त्रिकोण से क्लासीफाइड किया गया है पहले है ऑन डी बेसिस ऑफ मटेरियल और दूसरा है ऑन डी बेसिस ऑफ हाइट तो अंदर बेसिस ऑफ मटेरियल मतलब किस मटेरियल से दम बने हैं तो मटेरियल के बेसिस पर दम मिली तीन प्रकार के होते हैं पहले टिंबर डम्स जो की केवल लड़कियों से बने होते हैं दूसरे होते हैं मिशनरीज डम्स मतलब ऐसे दम जो की पत्थर ईट या कांग्रेस से बने होते हैं और तीसरी होते हैं एवं जो की एडवांस तरीके के डेम होते हैं इसमें सॉइल रॉक बोर्ड मेटल प्लास्टिक मॉडल हर तरीके की चीजों का उसे होता है सिमिलरली डांस को हाइट के बेसिस पर भी तीन टाइप में बंता गया है पहले हाय हैटिन जो की बड़े दम होते हैं और दूसरे होते हैं मीडियम हाईटेक दम जो की मीडियम साइज के होते हैं और तीसरी होते दम जो की छोटे दम होते हैं अब हम पढ़ने हैं यूजेस ऑफ दम मतलब दम के क्या-क्या यूजेस होते हैं तो ट्रेडिशनल अगर हम देखें तो पुराने समय में दम का इतना ज्यादा उसे नहीं होता था पहले के टाइम पर डांस केवल इसलिए बनाया जाते थे ताकि नदियों के पानी को और बरसात के पानी को इकट्ठा किया जा सके और आगे उसे परी को इरिगेशन के लिए उसे किया जा सके लेकिन आज के समय में हम दम को कई सारे परपोज के लिए उसे करते हैं हम उसे इरिगेशन के लिए उसे तो करते ही करते हैं साथ में हम इलेक्ट्रिसिटी जेनरेशन के लिए डोमेस्टिक और इंडस्ट्रियल यूजेस के लिए जहां तक यह दम का उसे फ्लर्ट कंट्रोल करने के लिए भी किया जाता है और तो और दम का उसे रीक्रिएशन आईलैंड नेवीगेशन और फिश ब्रीडिंग के लिए भी किया जाता है तो दम का उसे काफी सारे परपोज के लिए होता है इसलिए डम्स को मल्टीपरपज प्रोजेक्ट भी बोला जाता है जैसे की मैं आपको कुछ डम्स के एग्जांपल देता हूं व्यास रिवर बेसिन के ऊपर जो मल्टीपरपज प्रोजेक्ट लॉन्च किया गया था मतलब दम बनाया गया था वो था भाखड़ा नांगल दम इसका में परपज था हाइड्रोइलेक्ट्रिक जेनरेट करना और लोगों को इरिगेशन के लिए पानी प्रोवाइड करना सिमिलरली महानदी बेसन की ऊपर भी एक दम बनाया गया था हीराकुंड दम इसका में ऑब्जेक्टिव था पानी को कंजर्व करना और फ्लैट को कंट्रोल करना तो इस तरीके से इंडिया में कई सारे मल्टीपरपज प्रोजेक्ट लॉन्च किया गए ताकि पानी को कंजर्व और मैनेज किया जा सके दम की इतनी साड़ी अच्छाइयां देखकर जवाहरलाल नेहरू ने कहा था की जो दम होते हैं वो टेंपल होते हैं मॉडर्न इंडिया के उन्होंने ऐसे इसलिए कहा था क्योंकि दम के काफी सारे एडवांटेज होते हैं लेकिन दोस्तों दम बनाने के पीछे इतने सारे फायदे तो हैं लेकिन फिर भी लॉज नंबर ऑफ पीपल मल्टीपरपज प्रोजेक्ट और डम्स का विरोध करते हैं तो ऐसा क्यों है की कई सारे लोग इनका विरोध करते हैं इसके पीछे कौन कौन से रीजन है चलिए जानते हैं रीजन बिहाइंड डी पोजीशन ऑफ परपज प्रोजेक्ट्स तो पहले रीजन है रेगुलेटिंग और डेमिंग ऑफ वाटर अफेक्ट थे नेचुरल फ्लो ऑफ रिवर्स मतलब पहले रीजन ये है की अगर हम दम बनाते हैं तो उसे रिवर का नेचुरल फ्लो इफेक्ट होता है मतलब नेचुरल जो रिवर फ्लो होकर ए रही होती है उसके ऊपर दम बनाने की वजह से उसका नेचुरल फ्लो डिस्टर्ब हो जाता है अब इसे प्रॉब्लम क्या आई है हमें पोर्श एडिएंट फ्लो देखने को मिलता है और जितने भी सेडिमेंट्स होते हैं वो धीरे-धीरे रिजर्वॉयर के बॉटम पर कठे होने लगता हैं इसी में आपको थोड़ा अच्छे से समझता हूं जैसे मां लो यह रिवर है और इस रिवर के ऊपर दम बना हुआ है अब जो वाटर फ्लो करेगा वो यहां से आसानी से निकाल जाएगा बट जो वाटर के सेडिमेंट्स होंगे यानी की छोटे-छोटे कान होंगे वो दम की वजह से आगे नहीं जा पाएंगे और वो वहीं पर बॉटम पर कठे होने लगेंगे तो जिन सद्दिमेंट्स को आगे जाना चाहिए था वह दम की वजह से रिजर्वेशन पर कठे होने लगता हैं जिससे क्या होता है पुर सेडिमेंट फ्लो देखने को मिलता है रॉकी और सरिता बेड फॉर्म हो जाता है यानी की पत्थर वाली सरफेस क्रिएट हो जाति है प्लस जो एक्वेटिक लाइफ होती है उसका हैबिटेट यानी की जीवन भी कमजोर पढ़ने लगता है दम बने की वजह से एक्वेटिक फौना का यानी की जीव-जंतुओं का माइग्रेटोस्प्लानिंग करना डिफिकल्ट हो जाता है इसके अलावा जब रिजर्वस क्रिएट होते हैं तो आसपास के कई सारे पेड़-पौधे और जो मिट्टी होती है वो पानी में समर्थ हो जाति है यानी की डब जाति है जिससे दी कंपोजिशन होता है यानी की वे पेड़-पौधे और मिट्टी सड़ने लगती है यानी की खराब हो जाति है दूसरा रीजन है मल्टीपरपज प्रोजेक्ट्स और बड़े डम्स हैव अलसो बिन कैसे ऑफ में सोशल मूवमेंट्स लाइक नर्मदा बचाओ आंदोलन मतलब मल्टीपरपज प्रोजेक्ट या बड़े-बड़े दम जब बनते हैं तो इसकी विरोध में कई साड़ी सोशल मूवमेंट्स देखने को मिलते हैं यानी की सामाजिक आंदोलन देखने को मिलते हैं जैसे की नर्मदा बचाओ आंदोलन और तहरी दम आंदोलन तो ऐसा क्यों होता है तो ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बड़े सका प्लीज प्लेसमेंट होता है लोकल कम्युनिटी का मतलब जी जगह पर दम बन्ना होता है उसके आसपास के लोगों को यानी की वहां की लोकल कम्युनिटी को वहां से हटाए जाता है और वही लोग आंदोलन करते हैं क्योंकि लोकल लोगों को अपनी लैंड और अपना लाइवलीहुड छोड़ना पड़ता है इतना सैक्रिफिस करने के बावजूद भी इन लोकल कम्युनिटी को दम बने का उतना फायदा नहीं मिलता जितना बाकियों को मिलता है असली फायदा मिलता है बड़े-बड़े किसने को इंडस्ट्रियलिस्ट को और शहरी लोगों को तो देख रहे हो की प्रॉब्लम इन लोगों को फेस करनी पद रही है मतलब इन्हें अपनी जगह छोड़ कर जानी पद रही है और बेनिफिट अमीर लोगों को मिल रहा है इसलिए लोकल लोग इसका विरोध करते हैं और आंदोलन करते हैं तीसरा रीजन है तू वाटर इंटेंसिव और कमर्शियल क्रॉप देखो दम बने की वजह से किसने को आसानी से पानी मिल जाता है इरिगेशन के लिए [संगीत] प्रॉफिट भी बहुत ज्यादा होता है यानी की किसान वाटर इंटेंसिव और कमर्शियल क्रॉप्स उगने ग गए हैं अब इससे हो क्या रहा है की जो सॉइल है वो सलाइन होती जा रही है यानी की मिट्टी नमकीन होती जा रही है क्योंकि खेतों में ज्यादा पानी दिया जा रहा है भाई दूसरी और दम बने की वजह से सोसाइटी में सोशल गैप बाढ़ रहा है रिचफॉर्म्स के बीच में और पुर फरमास के बीच में कैसे देखो मां लो दो किसान हैं एक किसान दम के पास है और दूसरा दम से दूर है अब आप खुद सोचो किसको अच्छी वाटर सप्लाई मिलेगी ऑब्वियसली इसको क्योंकि यह दम की पास है तो अच्छी वाटर सप्लाई की वजह से ये किसान ज्यादा अच्छी क्रॉप होगा पाएगा और धीरे-धीरे यह अमीर हो जाएगा भैंस वाले किसान को बॉर्डर की उतनी अच्छी सप्लाई नहीं मिल पाएगी क्योंकि ये दम से दूर है तो यह किसान वही का वही र जाएगा इतना ही नहीं बल्कि परिसर भी देखने को मिलते हैं इस बात को लेकर की पानी का बेनिफिट कुछ लोगों को मिलता है कुछ लोगों को नहीं मिलता जैसे की मैं आपको एक एग्जांपल देता हूं गुजरात में साबरमती किसने ने को नंगा कर दिया था इस बात को लेकर की आसपास के शेरों में बहुत अच्छी वाटर सप्लाई मिल रही थी लेकिन इनके गांव को बिल्कुल भी वाटर सप्लाई नहीं मिल रही थी जबकि इन्हें पानी की बहुत जरूर थी क्योंकि इनके गांव में सुख पड़ा हुआ था तो देखा आपने की दम बने की वजह से कैसे सोशल गैप बाढ़ रहा है लोगों के बीच में चौथ रीजन है इंटरस्टेट वाटर डिस्प्यूट आर अलसो बीकमिंग आम विद रेटर्ड तू शेयरिंग डी कॉस्ट और बेनिफिट्स ऑफ डी मल्टीपरपज प्रोजेक्ट मतलब मल्टीपरपज प्रोजेक्ट्स का क्वेश्चन बेनिफिट किसको मिलेगा इस बात को लेकर भी कई सारे स्टेटस के बीच में डिस्प्यूट होता है यानी की विवाद देखने को मिलता है जैसे की मैं आपको एक एग्जांपल से समझता हूं एग्जांपल है कृष्णा गोदावरी डिस्प्यूट का तो हुआ क्या की महाराष्ट्र गवर्नमेंट ने कृष्णा रबर पर दम बना दिया अब इससे क्या हुआ की कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में जो पानी आता था कृष्णा रिवर का वो आना कम हो जाता है इन स्टेट में एग्रीकल्चर और इंडस्ट्रीज के ऊपर बहुत बड़ा इंपैक्ट पड़ता है तो जो आंध्र प्रदेश कर्नाटक गवर्नमेंट थी वह परेशान होकर ऑब्जेक्शन उठाती है महाराष्ट्र गवर्नमेंट के अगेंस्ट में यानी की पानी के लिए स्टेटस के बीच में डिस्प्यूट देखने को मिला यानी की विवाद देखने को मिला तो इससे हमें पता चला की दम से या मल्टीपरपज प्रोजेक्ट की वजह से इंटरेस्टेड डिस्प्यूट भी देखने को मिलते हैं पांचवा रीजन है मोस्ट टॉप ऑब्जेक्टिव ऑफ डी प्रोजेक्ट आर फील्ड तू अचीव डी परपज फोर तू विच दे आर वर्ल्ड मतलब जी उद्देश्य के लिए डम जाते हैं अक्सर ऐसा होता है की दम इस परपज को पूरा नहीं कर पाते देखो दम बनाने का एक मेजर ऑब्जेक्टिव यह होता है की दम बनाने से फ्लर्ट को कंट्रोल किया जा सकता है बट ज्यादातर केसेस में बाढ़ आने का करण दम ही होते हैं कैसे देखो मैंने आपको बताया था की दम बने की वजह से जो सेडिमेंट्स होते हैं वह फ्लो नहीं कर पाते और वह बॉटम में कठे जाते हैं एक टाइम ऐसा आता है की बॉटम में बहुत सारे सेडिमेंट जमा हो जाता है तो ऐसे सिचुएशन में जब थोड़ी ही ज्यादा बारिश होती है तो दम का पानी और फ्लो कर जाता है और बाढ़ ए जाति है जो लाइन समझ में जी परपज के लिए बनाए जाते हैं अक्सर ऐसा होता है की हम इस परपज को पूरा करने में फूल हो जाते हैं जैसे की दम इसलिए बनाए जाते हैं ताकि फ्लर्ट को कंट्रोल किया जा सके बट डम्स फ्लड को कंट्रोल करने की बजे और ज्यादा ट्रिगर कर देते हैं क्योंकि रिजर्व एयर के अंदर सेडिमेंटेशन होता है यानी की सेडिमेंट कठे हो जाते हैं बॉटम में इसलिए जो बड़े-बड़े दम होते हैं वो अनसक्सेसफुल हो जाते हैं फ्लैट को कंट्रोल करने में जब एक्सेस रेनफॉल होती है और बाढ़ आने की वजह से काफी ज्यादा लाइफ और प्रॉपर्टी का नुकसान होता है यानी की जान माल का नुकसान होता है तो ये कुछ रीजंस है जिनकी वजह से लोग डांस का और मल्टीपरपज प्रोजेक्ट का विरोध करते हैं तो एक बार मैं इन सारे रीजंस को समारीज करके लिख देता हूं आप चाहे तो इनका स्क्रीनशॉट ले सकते हो या फिर लिख सकते हो तो यह साड़ी रीजंस देखने के बाद हमें ये पता चला है की वाटर को कंजर्व मैनेज करने के लिए दम बनाने के अच्छा ऑप्शन हो सकता है बट सबके लिए अच्छा ऑप्शन नहीं हो सकता क्योंकि दम बनाने के फायदे तो है बट नुकसान भी कई सारे हैं नेक्स्ट टॉपिक हमारा रेन वाटर हार्वेस्टिंग अब देखो दम बनाने होते हैं इसलिए दम बनाने का अच्छा ऑप्शन नहीं हो सकता इसलिए दम का एक अल्टरनेटिव है जो की है रेन वाटर हार्वेस्टिंग करना मतलब पानी को कंजर्व मैनेज करने के लिए हम दम बनाने की बजे रेनवाटर हार्वेस्टिंग कर सकते हैं तो रेन वाटर हार्वेस्टिंग क्या होती है तो रेन वाटर हार्वेस्टिंग इसे डी कलेक्शन और स्टोरेज ऑफ रेन वाटर मतलब बरसात के पानी को कलेक्ट करना और उसे स्टोर करना ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग होती है आप रेन वाटर हार्वेस्टिंग को इस पिक्चर के मध्य से बहुत अच्छे समझ सकते हो की रेन वाटर हार्वेस्टिंग का सिस्टम कैसा होता है तो अब हम देखते हैं की इंडिया में रेन वाटर हार्वेस्टिंग कैसे की जाति है तो काफी पुराने समय से ही इंडिया में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की जाति है जैसे की ट्रेडिशनल इंडिया की हिल्स और माउंटेनस रीजंस में यानी की पहाड़ी वाले इलाकों में लोग क्या करते हैं डायवर्जेंस चैनल बनाते हैं जिन्हें वेस्टर्न हिमालय में गुलशन कहा जाता है इन्हीं चैनल की मदद से बरसात के पानी को एकत दिया जाता है ऑपरेशन एग्रीकल्चर के लिए उसे किया जाता है सिंपली क्या होता है पहाड़ों वाले रीजन में पानी को इकट्ठा करने के लिए नीचे गद्दा कोड दिया जाता है जिसमें जब बारिश होती है तो डायवर्जेंट चैनल की मदद से पानी भाखड़ा उसे गद्दे में भर जाता है और फिर उसे गद्दे के पानी को बाद में जरूर पढ़ने पर एग्रीकल्चर के लिए उसे कर लिया जाता है इसी तरीके से राजस्थान वाले रीजन में रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग देखने को मिलती है जैसे कॉमनली उसे किया जाता है ड्रिंकिंग वाटर को स्टोर करने के लिए इसमें क्या होता है जब बारिश होती है तो जो छठ पर पानी आता है उसे पाइप के थ्रू स्टोर कर लिया जाता है और फिर उसे पानी को जरूर पढ़ने पर बाद में उसे कर लिया जाता है यह सिस्टम मेली हमें राजस्थान में देखने को मिलता है की किसी प्रकार से बंगाल आने का खतरा ज्यादा राहत है बाकी लोग क्या करते हैं इऊंडेशन चैनल बनाते हैं फील्ड्स को इरिगेट करने के लिए मतलब जो रिवर्स होती है उनमें से चैनल बना दिए जाते हैं जिन्हें जेनरेशन चैनल बोला जाता है और जब रिवर का वाटर ओवरफ्लो करता है तो इन्हीं इऊंडेशन चैनल की मदद से पानी को उसे कर लिया जाता है इरिगेशन के लिए इसके बाद हमारी इंडिया के रीजन में एग्रीकल्चर फील्ड्स को कन्वर्ट कर दिया जाता है रेनफीड स्टोरेज स्ट्रक्चर्स में ताकि बरसात के समय पर उसे मिट्टी में पानी को रॉक जा सके और मिट्टी में नामी बनी रहे जैसे की हम एग्जांपल लेते हैं कड़े और जोहड़ का इसमें क्या होता है जो ढलान वाली जगह होती है वहां पर हम कुछ इस तरीके का बैरियर टाइप का बना देते हैं इससे क्या होता है जब बारिश होती है तो जो पानी होता है वो बैरियर की वजह से यहां रुक जाता है जैसे सॉइल में मौस्चर बना राहत है और सॉइल की फर्टिलिटी अच्छी हो जाति है और फिर जब बारिश नहीं होती है तब इस मौस्चर जमीन को उसे कर लिया जाता है एग्रीकल्चर के लिए इस तरह के मेथड को खदान बोला जाता है जैसलमेर में और अलग-अलग जगह पर इसे जुहड्स भी बोला जाता है इसी तरीके से सब राजस्थान दो रीजन में ऑलमोस्ट हर घर में अंडरग्राउंड टैंकर्स और टैंक्स देखने को मिलते हैं ड्रिंकिंग वाटर को स्टोर करने के लिए जैसा की आप इस इमेज में देख सकते हो इस तरीके के अंडरग्राउंड टैंकर्स देखने को मिलते हैं और यह टैंकर्स काफी बड़े-बड़े होते हैं लगभग एक कमरे जितने साइज के होते हैं इसमें क्या होता है छठ से पाइप कनेक्ट राहत है और जब बारिश होती है तब पानी पाइप के थ्रू टंकज में स्टोर हो जाता है और फिर उसे पानी को बाद में उसे कर लिया जाता है जरूर पढ़ने पर अब हम देखते हैं की जो ये अंडरग्राउंड टैंकर्स बनाए जाते हैं उसमें पानी स्टोर करने के फायदे क्या होते हैं एडवांटेज ऑफ वाटर स्टोरेज इन टैंकर तो देखो टंकज का पहले फायदा ये है की टैंकर जो है वह काफी रिलायबल सोर्स मैन जाते हैं ड्रिंकिंग वाटर को स्टोर करने के लिए आदर्श के कंपैरिजन में क्योंकि आदर्श फोर्सेस के अंदर पानी बहुत जल्दी सुख जाता है वही टांकस के अंदर पानी जल्दी नहीं सूखता क्योंकि टैंकर जमीन के नीचे होते हैं और जो वाटर होता है वो लंबे समय तक स्टोर राहत है यह है की जमीन के नीचे बनाया जाते हैं इसलिए यह पूरे रूम को ठंडा रखते हैं अच्छा एक पॉइंट याद रखना की जो रेन वाटर होता है यानी की बरसात का पानी होता है इस राजस्थान में पालर पानी बोला जाता है दोस्तों आज के समय की अगर हम बात करें तो जो रूफटॉप हार्वेस्टिंग सिस्टम है वो इतना उसे नहीं हो रहा है जितना पहले होता था इसकी पीछे करण ये है की जो इंदिरा गांधी कैनाल का निर्माण कराया गया था उससे पूरे राजस्थान में अच्छी वाटर सप्लाई हो रही है लेकिन फिर भी कई सारे घरों में अभी भी लोग टंकज का उसे करते हैं क्योंकि उन्हें तब बॉर्डर का टेस्ट पसंद नहीं आता अब हम एक गांव की स्टोरी पढ़ने हैं जो की हमारे इस टॉपिक से रिलेटेड है गांव का नाम है गंदा थोर जो की कर्नाटक का एक गांव है वहां क्या था पानी की बहुत ज्यादा कमी थी तो उन्होंने अपनी समस्याओं को खुद से समझा और खुद से स्टेप लेना शुरू कर दिया उन्होंने क्या किया अपने पूरे गांव में यानी की लगभग 200 घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम खुद से इंस्टॉल कर दिया इस समय मैं इस गांव के 200 घर साल भर में एक लाख लीटर इन वाटर हार्वेस्ट करते हैं यानी की स्टोर करते हैं और उसे करते हैं इसी टॉपिक से रिलेटेड फैक्ट है की जो तमिलनाडु गवर्नमेंट है उसने रूफटी ऑफ रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर बनाना कंपलसरी कर दिया है और जो भी इसका उलझन करेगा उसको पनिश करने के लिए गवर्नमेंट के द्वारा कई सारे लीगल प्रोविजंस भी बनाए गए हैं ऐसा करने वाला तमिलनाडु एक पहले स्टेट है लास्ट टॉपिक है हमारा बंबू ड्रिप इरिगेशन सिस्टम तो यह जो सिस्टम है वो 200 साल पुराना सिस्टम है जो की मेघालय में सबसे ज्यादा प्रचलित है इसमें क्या होता है सरिता और झरने के पानी को बंबू यानी की बस से बने हुए पाइप की मदद से घरों तक और खेतों तक पहुंचा जाता है जैसे की आप इन पिक्चर्स में देख सकते हो और आप अच्छे से समझ सकते हो की बंबू ड्रिप इरिगेशन सिस्टम कैसा होता है इस सिस्टम की मदद से एक बार में लगभग 18 से 20 लीटर पानी से बना हुआ होता है इसलिए इसमें 20 पानी की बंदे कम हो जाति है तो यहां पर हमारे चैप्टर खत्म होता है अगर आपको ये वीडियो पसंद आई तो आप इस वीडियो को लाइक कर सकते हो और आप इस चैनल को सब्सक्राइब कर सकते हो [संगीत] मैं आपके सिलेबस को कंप्लीट करने की पुरी कोशिश कर रहा हूं थैंक यू