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आइडियोलॉजी का महत्व और अध्ययन

बिस्मिल्लाह रहमान रहीम अस्सलाम वालेकुम मैं हूं डॉक्टर बशारत और आज हम पढ़ रहे हैं आइडल जीी को आईडियोलॉजी का कांसेप्ट समझने की कोशिश करेंगे उसके डेफिनेशन समझने की कोशिश करेंगे टाइप्स और उसके सिग्निफिकेंट को भी सबसे पहले हम इंट्रोडक्शन पर आते हैं डियर स्टूडेंट्स आप जानते हैं कि आईडियोलॉजी यानी यह कोई नया लफ्ज नहीं है आपने बहरहाल कई मर्तबा आईडियोलॉजी या उर्दू में जिसको नजरिया बोलते हैं य लफ्ज आपने बरहाल सुना होगा आइडियो जीी ह्यूमन सोसाइटीज को डेवलप करने में उनको शेप करने में बहुत अहम किरदार अदा करता है आइडियो जीी का कांसेप्ट हम आगे बयान करेंगे लेकिन यहां पर भी समझ लीजिए कि ये सेट ऑफ आइडियाज या सेट ऑफ बिलीव्स या सेट ऑफ वैल्यूज होते हैं जो कि किसी इंडिविजुअल को गाइड करते हैं या किसी ग्रुप को या किसी नेशन को जो है उनके सोशल पॉलिटिकल और इकोनॉमिक लाइव्स में उनको गाइड करते हैं मींस के ये वो आइडियाज होते हैं जो किसी इंसान इंडिविजुअल या किसी ग्रुप या किसी नेशन के सोशल पॉलिटिकल और इकोनॉमिक जो उनका सिस्टम होता है उनको शेप करने में मदद देता है यह तो है किताबी डेफिनेशन मैं आपको एक सिंपल डेफिनेशन बता दूं आपको बेहतर तौर पर समझ में आ जाएगा देखें आइडियो एक इंसान की भी हो सकती है किसी ग्रुप की भी हो सकती है किसी कौम की भी हो सकती है मैं आपको मिसाल देता हूं देखिए हर इंसान की जिंदगी का एक मकसद होता है स्टूडेंट्स आप जानते हैं हर इंसान हर इंडिविजुअल का एक मकसद होता है वो किसी मकसद को अचीव करना चाहता है उस मकसद को हासिल करने के लिए वह कोशिश करता है उस कोशिश के पीछे जो जो कार फार्मा सोच होती है उसको कहते हैं नजरिया या आइडियो जीी मिसाल के तौर पर कोई स्टूडेंट है जो पहले से सोचता है कि मैंने डॉक्टर बनना है ये उसका एक ऑब्जेक्टिव है उसका एक गोल है इंडिविजुअल गोल ठीक है उसके लिए वो मेहनत करता है डेफिनेटली वो उसने कहीं प दाखला लिया होगा वो सुबह सवेरे उठेगा अपना बैग लेगा यूनिफॉर्म तब्दील करेगा जाएगा सारा दिन पढ़ेगा टीवीज के लिए भी जाएगा और मुख्तलिफ कोशिश में वो स्ट्रगल करता है उसके लिए अब ये स्ट्रगल इंसान क्यों करता है सुबह सवेरे उठना फिर नाश्ता करके निकलना सारा दिन किताबें पढ़ना यह बहुत सख्त काम होता है लेकिन इस सख्त काम के लिए किस चीज ने उसको तैयार किया है नजरिए ने एक सोच ने एक सेट ऑफ आइडियाज ने एक सेट ऑफ बिलीफ ने कुछ वैल्यूज ने उसको इस सख्त काम करने पर आमादा किया है गोया के यह वो सोच है जो उसको इस बात पर आमादा करता है कि तुमने यह सख्त काम करना है ताकि तुम अपने गोल तक पहुंच सको तो लिहाजा यह जो सेट ऑफ बिलीव्स है उसका जो सोच कार फरमा है उस काम के पीछे वो उसका नजरिया कहलाता है जिस तरह एक इंसान का एक नजरिया होता है एक इंडिविजुअल का एक नजरिया होता है और उसको बुनियाद बनाकर वह जद्दोजहद करता है और फिर वह अपने मकसद तक हासिल करने के लिए कोशिश करता है इस तरह कुछ ऑब्जेक्टिव्स ऐसे होते हैं जो किसी कौम के होते हैं जो किसी कौम में होते हैं वह कलेक्टिव ऑब्जेक्टिव्स होते हैं मिसाल के तौर पर एक कौम को आजादी पसंद है कौम गुलाम नहीं रहना चाहती यह आजादी हासिल करना उस कौम का एक कलेक्टिव ऑब्जेक्टिव है जिसके लिए व फिर कोशिश कर करते हैं आप देखते हैं कलेक्टिवली वो स्ट्रगल करते हैं वो एहतेजाज करते हैं वो अ जो है वो एजिटेटर हैं और डिफरेंट तरीके से वो देखें ना वो क दो बन की सोहबत बर्दाश्त करते हैं ये तकलीफें क्यों बर्दाश्त होती हैं लोग क्यों करते हैं अपने खानदान को छोड़कर जाते हैं कई-कई दिनों में वो जो है वो जिस तरह रनों में लोग बैठते हैं तेजाज जात में जाते हैं वहां पर आंसु गैस की शेलिंग होती है उनके लिए वो तैयार होते हैं दरअसल वो कौन सी चीज है जो इन सबको उन कामों पर तैयार करने के लिए मजबूर करते हैं ये वो सोच होती है उनकी उनकी आइडियो होती है जो उसको अपने मकसद तक हासिल करने के लिए जो रास्ते में जो जद्दोजहद का उनको सामना करना पड़ता है उ उनके लिए वो रेडी करते हैं तो इन सिंपल वर्ड्स हम यह कह सकते हैं मैं रिपीट कर देता हूं कि आईडियोलॉजी जो है वो एक सेट ऑफ आइडियाज जिस तरह गुजर चुका है सेट ऑफ बिलीव्स और वैल्यूज होते हैं जो किसी इंडिविजुअल को या किसी ग्रुप को या किसी नेशन को उनके जाहिरी बातें सोशल पॉलिटिकल और इकोनॉमिक लाइव्स में उनकी उनकी गाइडेंस करते हैं री बात है ये लफ्ज जो इस्तेमाल हुआ सोशल पॉलिटिकल और इकोनॉमिक दरअसल ये काइंस है मिसाल के तौर पर आइडियो पॉलिटिकल भी हो सकती है आइडियो इकोनॉमिक भी हो सकती है आइडियो जीी सोशल भी हो सकती है और आप देखते हैं मैं आगे जाकर मिसाले जरूर दूंगा अ डियर स्टूडेंट्स आप फिर देखें अगर थ्रू ऑ द हिस्ट्री अगर आप नजर दौड़ा ए अपनी हिस्ट्री के ऊपर तो आपको लगेगा कि जितने भी सिविलाइजेशंस बने हैं जितने भी रेवोल्यूशन आए हैं मिसाल के तौर पर बहुत सारे रेवोल्यूशन जिस तरह फ्रेंच रेवोल्यूशन आया जिस तरह दीगर दुनिया की तारीख में बहुत सारे रेवोल्यूशन आए तो ये रिवोल्यूशन क्यों आए इनके पीछे क्या था इनके पीछे आइडियो जीी थी मिसाल के तौर पर फ्रेंच रिवोल्यूशन आया तो फ्रेंच फ्रांस में मोनार्की थी और एक कुछ लोग आए जिन्होंने कहा ये मोनार्की हमें नहीं पसंद हमें डेमोक्रेटिक वैल्यूज चाहिए हमें डेमोक्रेसी चाहिए हम अपनी मर्जी के कानून बनाना चाहते हैं देखिए ना ये एक सोच थी लेकिन ये कौन सी आइडियो जीी थी ये पॉलिटिकल आइडियो जीी थी क्योंकि ये पॉलिटिकल ग्राउंड्स के ऊपर थी तो लिहाजा उन्होंने रेवोल्यूशन लाए और उन्होंने तेजाज जात और उन्होंने जंगे की और उन्होंने शिकस्त दी और उन्होंने जो है वो खून बहाया और उसके बदले में वो एक रिवोल्यूशन ले आए तो वो क्या था वो जो रिवोल्यूशन के पीछे चीज थी वो आइडियो जीी थी लेकिन कौन सी आइडियो जीी डेफिनेटली पॉलिटिकल आइडियो जीी और इस तरह गवर्नमेंट सिस्टम और इस तरह इवन कॉन्फ्लेट्स भी देखें कॉन्फ्लेट्स किस तरह कॉन्फ्लेट्स इस तरह कि आपने देखा कि 1945 में जब दूसरी जंगे अजम का खात्मा हुआ तब से लेकर अमेरिका और रशिया दो ब्लॉक सामने आए अमेरिका और रशिया आपस में तकरीबन 1991 तक अगर आप हिस्ट्री पढ़ें तो वहां तक उनकी आपस में कोल्ड वॉर हुई ये कोल्ड वॉर ये कॉन्फ्लेट मैंने यहां पर जिक्र किया कॉन्फ्लेट ये कॉन्फ्लेट क्यों था ये कॉन्फ्लेट आइडियो जीी के बेस पे था क्योंकि एक तरफ अमेरिका था जो प्रो कैपिटिस थे और एक तरफ रशिया था जो प्रो कम्युनिस्ट थे यानी वो कमल कम्युनिज्म के आइडियो जीी को फॉलो करते थे दूसरी तरफ अमेरिका जो था वो कैपिटल ज्म को फॉलो करता था और उनका उन्होंने दोन दोनों ने आपस में एक ब्लॉक्स बनाए अपने-अपने और उन ब्लॉक्स ने ने आपस में जंगे की और मुख्तलिफ किस्म के अमेरिका और रशिया कोल्ड वॉर में रहा तो आइडियो जीी सम टाइम्स कॉन्फ्लेट को भी जन्म देता है जै सर आपने देखा तो कम्युनिज्म क्या है यह एक इकोनॉमिक आइडियो जीी है कैपिटल जम क्या है यह भी एक इकोनॉमिक आइडियो जीी है तो जिस तरह मैंने कहा कि आइडियो जीी जो है वो बड़ा क्रुशल रोल प्ले करते हैं सिविलाइजेशंस को बनाने में रेवोल्यूशन के आने में गवर्नमेंट सिस्टम के तब्दील होने में कॉन्फ्लेट्स को भी जन्म देता है तो इसीलिए अ सोसाइटी किस तरह फंक्शन करती है और लोग दुनिया को कैसे देखते हैं किस नजर से देखते हैं इसके लिए हमें जरूरत है कि हम आइडियो जीी को अंडरस्टैंड करें आइडियल जीी के कांसेप्ट को समझे कि आइडियो जीी क्या है दरअसल ये कैसे काम करती है इसके काइंस क्या है इसका कांसेप्ट क्या है वैसे तो ये बहुत तवील टॉपिक होगा अगर हम इस पर सही तौर पर बात करें करीबन एक घंटे से ज्यादा होगा लेकिन मैं कोशिश करता हूं मैं उसको बहुत ही सिंपल रखता हूं ताकि किसी भी किस्म की वो जाहिरी बात है स्टूडेंट्स के लिए हैं तो स्टूडेंट्स के लिए थोड़ा सा आसान हमने करना है अदर वाइज तो अगर इसके हम क्रिटिसिजम पे जाएं और फिर जितना पॉलिटिकल साइंटिस्ट ने इनकी डेफिनेशंस की वगैरह डि ट्रेसी ने की और कार्ल मार्क्स ने की और दीगर लोगों ने की उनको अगर हम जांच पड़ताल एनालिसिस करें तो बहुत टाइम लेगा हमसे तो इसलिए मैं इनको जो है वो शॉर्ट करता हूं तो इब्तिदा में ये इंट्रोडक्शन है उम्मीद करता हूं इससे आपको थोड़ा बहुत आईडिया हुआ होगा जी तो स्टूडेंट्स अब हम आते हैं आइडियल जीी के कांसेप्ट के ऊपर आईडियोलॉजी जो है दरअसल ये एक ग्रीक वर्ड है और ये आईडिया और लोगो से निकला है आइडिया का मतलब है थॉट या कांसेप्ट और लोगो का मतलब है स्टडी और डिस्कोर्स ठीक है ये लफ्ज पहले दफा इस्तेमाल हुआ था एक फ्रेंच फिलोसोफर था जिसका नाम था डिस्ट डी ट्रेसी डी ट्रेसी ने सबसे पहले इसको 18 सेंचुरी में इस्तेमाल किया था यह जब फ्रेंच रेवोल्यूशन आ रहा था यह उस जमाने की बात है लिहाजा अ योलॉजी को जब पहली दफा इस्तेमाल किया गया तो उसका मतलब यह था कि लोग कैसे सोचते हैं द इनफ्लुएंसेस हाउ पीपल थिंक एक्ट एंड ऑर्गेनाइज देयर सोसाइटी इसका मतलब ये लिया गया कि लोग कैसे सोचते हैं लोग कैसे एक्ट करते हैं और किस तरह अपनी और सोसाइटी को ऑर्गेनाइज करते हैं जाहिरी बात है हर बंदा अपनी सोच को लेकर अपनी सोच उनकी होती है और उसी को लेकर वो एक ऑर्गेनाइजेशन बनाता है वो एक सोसाइटी बनाता है वो उस एंगल से चीजों को देखता है और उस एंगल से वो सोचता है तो लिहाजा इब्तिदा में इसको ये कहा गया ठीक है तो यहां पर सिर्फ इतना जान लीजिए कि कांसेप्ट आइडियो का यह है कि यह दो अल्फाज का मजमुआ है ग्रीक वर्ड है और डी ट्रेसी ने इसको 18 सेंचुरी में डेवलप किया और इब्तिदा में उसका मतलब ये करार पाया गोया कि हम ये कह सकते हैं कि ये एक फ्रेमवर्क है जो कि सोशल पॉलिटिकल और इकोनॉमिक रियलिटीज को इंटरप्रेट करता है यानी ये फ्रेमवर्क है जिसकी वजह से कोई शख्स जो है वो दुनिया की इकॉनमी को और पॉलिटिक्स को और सोसाइटी को सोशल वैल्यूज को उस निगाह से देखता है उस तरह इंटरप्रेट करता है मिसाल के तौर पर अगर कोई शख्स है वो कम्युनिज्म का बंदा है तो वह वर्ल्ड इकॉनमी को इकोनॉमिक पर्सपेक्टिव से देखेगा और वो कहेगा कि इकोनॉमिक जो है इकॉनमी जो है वो कम्युनिज्म का कांसेप्ट जो है वो ठीक है कि जहां पर व कहता है कि जी गवर्नमेंट को चाहिए कि वो ओवरऑल चीजों को एक मुल्क की जितनी भी प्रोडक्शन होती है जितने भी उसके इदार उसके काम करते हैं वह सारे के सारे गवर्नमेंटल होने चाहिए और गवर्नमेंट ही लोगों के अंदर इसको डिस्ट्रीब्यूटर तभी जाकर इकॉनमी बेहतर होगी और तभी जाकर लोगों को इंसाफ मिलेगा लेकिन दूसरी तरफ से अगर किसी कैपिट लेवल का बंदा है जो कैपिट ज्म उसकी इकोनॉमिक आइडियल जीी है तो वो कहेगा नहीं जी कैपिटल ज्म अच्छी चीज है और गवर्नमेंट को इसमें अमल दखल नहीं देना चाहिए गवर्नमेंट को चाहिए कि वो कारोबार को ट्रेड को लोगों के हवाले करें और लोग जो हैं उसको रन करें ताकि कंपटीशन की फिजा पैदा हो और एक दूसरे से आगे बढ़ने और सकत हासिल करने के लिए इकॉनमी तरक्की करें तो जाहिरी बात है कि यहां पर आपने देखा कि दो आइडियो जीी हैं कम्युनिज्म और कैपिटल ज्म और हर बंदा इकोनॉमिक रियलिटी को उस पर्सपेक्टिव से देखता है गोया कि आइडल जीी एक फ्रेमवर्क के तौर पर काम कर रही है जहां पर मुख्तलिफ किस्म की जितनी भी रियलिटीज हैं फॉर एग्जांपल पॉलिटिक्स में अगर कोई शख्स डेमोक्रेटिक वैल्यूज का बंदा है तो वो कहेगा डेमोक्रेसी अच्छी चीज है लेकिन अगर एक शख्स जो है वो मतलब है कि एक मोनार्क है और एक मोनार्की सिस्टम को फॉलो करने वाला है किंगशिप को फॉलो करने वाला है या किसी और और पॉलिटिकल गवर्नमेंट सिस्टम को फॉलो करने वाला है तो वो कहेगा नहीं जी डेमोक्रेसी में ये ये खामियां है तो दुनिया में यह निजाम होना चाहिए किंगशिप होना चाहिए सल्तनत होनी चाहिए या डिक्टेटरशिप होनी चाहिए या मुख्तलिफ किस्म का जो भी उसका पॉलिटिकल आइडियो जीी है तो गोया के यह जो आइडल जीी है ये एक फ्रेमवर्क के तौर पर काम करती है जो कि इन चीजों को इंटरप्रेट करती है यहां पर स्टूडेंट्स चंद डेफिनेशंस दिए गए हैं कार्ल मार्क्स की डेफिनेशन है एडवर्ड शेल्स की डेफिनेशन है अ मेकलेले की डेफिनेशन है और रसल की डेफिनेशन है ये चार डेफिनेशंस है जो बड़े नोटेल की बड़े नोटेल पॉलिटिकल फिगर्स या जो अ सोशल साइंटिस्ट हैं उनकी तरफ से जो डेफिनेशन दी गई है आइडियो जीी की लेकिन इब्तिदा में मैं आपको अर्ज कर दूं कि आप इन तमाम डेफिनेशंस को देखें तो आपको वही बात सामने आएगी जो मैंने आपको इब्तिदा में जिक्र की यानी उन उन्होंने कोई नई बात नहीं की लेकिन उनके अल्फाज एक दूसरे से जुदा है जैसे कि कार्ल मार्क्स ने डिफाइन किया आइडियो रिप्रेजेंट्स द इंटरेस्ट ऑफ अ पर्टिकुलर क्लास एंड सर्वस एज अ टूल ऑफ द डोमिनेंस इंपोज बाय द रूलिंग क्लास कार्ल मार्क्स ने तो इसको इन अल्फाज में डिफाइन किया कि आइडियो जीी क्या है उसने कहा आइडियो जीी दरअसल एक पर्टिकुलर क्लास की अ के इंटरेस्ट का नाम है यानी एक पर्टिकुलर क्लास जो कि आपकी नेशन पर हावी है वो इलीट क्लास है वो गवर्नमेंट में है वो जो है व रूलिंग क्लास है जिसकी हुकूमत है तो उसकी जो इंटरेस्ट होती है वो उस मुल्क की आइडियो बन जाती है मिसाल के तौर पर कहीं पर अगर रिपब्लिकन पार्टी का कोई शख्स आ गया अमेरिका में तो जाहिरी बात है उस उसका जो मेनिफेस्टो होगा उसकी जो सियासी सोच होगी वो पूरे अमेरिका की आइडियो जीी कहलाए गी ठीक है वो उस तरह हो जाएगी जिस तरह अगर कोई डेमोक्रेटिक वैल्यू का बंदा है तो वो अपनी वो रूलिंग में आएगा तो जाहिरी बात है उनकी जो अपनी इंटरेस्ट होगी वो उस कौम की एक आइडल बन जाएगी मिसाल के तौर पर पाकिस्तान में है तो पाकिस्तान में अगर फॉर एग्जांपल एक पार्टी की हुकूमत आई लेट्स सपोज जे यूआई की हुकूमत आ गई तो जे यूआई की जो पॉलिटिकल या रिलीजस सोच होगी वो पूरे मुल्क में रिफ्लेक्ट करेगी यानी उसकी रिफ्लेक्ट रिफ्लेक्शन होगी गोया कि वो अपनी मेनिफेस्टो को अपने इंटरेस्ट को जो रूलिंग क्लास है वो अपने इंटरेस्ट को मुल्क के कानून के तौर पर लागू करके वो उसको बना दगी ये मुल्की आइडियो जीी है ठीक है इस तरह की अगर कोई सेकुलर पार्टी की हुकूमत आ आएगी या आती है तो वो अपनी अ जो उनकी रूलिंग क्लास की जो अपने इंटरेस्ट के जो पर्टिकुलर क्लास की जो इंटरेस्ट होते हैं उनकी जो आइडियो जीी होगी उनकी जो पॉलिटिकल मेनिफेस्टो होगा वो पूरे मुल्क में और उनके कानून में रिफ्लेक्ट करेगा और फिर जाकर वो लगेगा ऐसे कि जी यह तो पूरे मुल्क की आइडियो जीी है तो कार्ल मार्क्स उसको इस निगाह से देखता है एडवर्ड शेल्स ने जिन अल्फाज में डिफाइन किया आईडियोलॉजी को उसने कहा आइडियो इज अ सिस्टम ऑफ इंटरकनेक्टेड बिलीव्स दैट शेप ह्यूमन एटीट्यूड एंड एक्शंस उसने कहा कि आइडियो जीी दरअसल अ वो सिस्टम है जिसमें इंसानों के बिलीव्स और एटीट्यूड एटीट्यूड जो होते हैं वो इंटरकनेक्टेड होते हैं इंटरकनेक्टेड का मतलब यह है कि आइडियो जो है वो साथ होकर चलती है मिसाल के तौर पर अगर कोई बंदा लिबरल है तो लिबरल वो सिर्फ रिलीजस लिहाज से नहीं होगा वो इकोनॉमिक भी लिबरल होगा वो रिलीजस भी लिबरल होगा वो सोशल भी लिबरल होगा अगर एक शख्स कंजरवेटिव है तो वो जाहिरी बात है कि उसका कंजरवेटिव कंजरवेटिज्म जो उसकी होगी वो जाहिरी बात है उसके पॉलिटिकल बिलीव्स पर भी अफेक्ट होगा उसके अ रिलीजस बिलीव्स के ऊपर भी होगा और सोशल बिलीव्स के ऊपर भी होगा मिसाल के तौर पर अगर कोई मजहबी सियासी पार्टी का बंदा है तो वो इस्लामिक इकोनॉमिक सिस्टम की भी बात करेगा इस्लामिक पॉलिटिक्स की भी बात करेगा इस्लामिक सो वैल्यूज की भी बात करेगा एक शख्स सेकुलर है तो वो इन तमाम चीजों को अपनी निगाह से देखेगा तो एडवर्ड शेल्क का मानना है कि आइडियो जो है वो एक इंटरकनेक्टेड बिलीव्स का नाम है जो ह्यूमन एटीट्यूड होते हैं और जो उनके एक्शंस होते हैं तो कुछ इंटरकनेक्टेड चीजें होती हैं यानी एक दूसरे के साथ वो मिली हुई होती है वो कोई अलहदा अलहदा उसको आप डिस्कस नहीं कर सकते ऐसा नहीं हो सकता कि एक शख्स जो है वो सोशली लिहाज से तो सेकुलर हो लेकिन अ पॉलिटिकली या इकोनॉमिक लिहाज से वो रिलीजियस हो ऐसा तो नहीं हो सकता ना जाहिरी बात है एक वक्त एक एक ही वक्त में एक शख्स या तो सेकुलर होगा या फिर वो रिलीजस होगा मैं आपको एग्जांपल दे रहा हूं इसके अलावा मैक्लेन ने कहा कि आइडियो जीी कंसिस्ट ऑफ आइडियाज एंड बिलीव देर डायरेक्ट इंडिविजुअल्स एंड नेशन टुवर्ड्स स्पेसिफिक गोल्स ये तो वही डेफिनेशन है जो मैंने ऊपर बयान किया उसने कहा जी आईडियोलॉजी दरअसल उन आइडियाज का नाम है उन बिलीव्स का नाम है जो कि एक इंडिविजुअल को यानी एक फर्द को यानी एक फर्द की है तो फिर वो इंडिविजुअल होगा यानी अगर और किसी नेशन की है तो वो जाहिरी बात है कि नेशन आइडियो जीी कहलाई जाएगी यानी वो बिलीव्स और वो आइडियाज जो जो कि किसी इंडिविजुअल को या फिर किसी नेशन को किसी स्पेसिफिक ऑब्जेक्टिव्स किसी स्पेसिफिक गोल्स की तरफ डायरेक्ट करते हैं उनको गाइड करते हैं ये डेफिनेशन ऊपर गुजर चुकी है फिर र रसल की डेफिनेशन है और वो भी तकरीबन सेम ही है उसने कहा आइडियो जीी इज अ कांसेप्चुअल फ्रेमवर्क दैट डिफाइंस द सोशल पॉलिटिकल एंड रिलीजस पर्सपेक्टिव्स ऑफ इंडिविजुअल एंड ग्रुप्स वो ये वही बात है जो पहले गुजर चुकी है यह तकरीबन दूसरे पॉइंट में तकरीबन वही बात है यानी अ रसल कहता है कि आइडियो जीी जो है वो एक कांसेप्चुअल फ्रेमवर्क है ये फ्रेमवर्क का जिक्र ऊपर भी गुजर चुका है वहां पर मैंने पूरी बात की है फ्रेमवर्क है कैसा फ्रेमवर्क दैट डिफाइंस द सोशल पॉलिटिकल एंड रिलीजस पर्सपेक्टिव ऑफ इंडिविजुअल एंड ग्रुप किसी ग्रुप या किसी इंडिविजुअल के पॉलिटिकल रिलीजस और सोशल जो पर्सपेक्टिव होते हैं उनको डिफाइन करते हैं तो ये रसल का कहना है अगर बुनियादी तौर पर ओवरऑल आप इन पर नजर दौड़ा एं तो आपको लगेगा कि तमाम की तमाम बातें तकरीबन एक ही हैं और उनमें से कोई बात नहीं नहीं है यानी सिर्फ अल्फाज का चुनाव तब्दील है बाकी अगर आप गौर करें इसके ऊपर तो आपको लगेगा कि हां यह तमाम डेफिनेशंस तकरीबन तकरीबन एक जैसे ही लगते हैं जी स्टूडेंट्स तो अब हम बात करते हैं आइडियो जीी के टाइप्स के ऊपर आईडियोलॉजी के डिफरेंट टाइप्स होते हैं उनके अपने-अपने फीचर्स होते हैं उनके अपने-अपने प्रिंसिपल्स होते हैं यहां पर हम चन डिस्कस करते हैं सबसे पहले हम बात करते हैं पॉलिटिकल आइडियो की लफ से ही साबित है पॉलिटिकल आइडल से मुराद वो आइडल जीी है जो यह डिफाइन करती है कि गवर्नमेंट का सिस्टम कैसे होगा गवर्नमेंट कैसे फंक्शन करेगी और पॉलिटिकल प्रिंसिपल्स क्या होंगे य यहां पर चंद एग्जांपल्स मैंने दिए हैं जैसे कि डेमोक्रेसी है फॉर एग्जांपल डेमोक्रेसी है तो डेमोक्रेसी जो है अ सब मैं उसको हाईलाइट करता हूं ताकि वाज तौर पर आपको नजर आए जी डेमोक्रेसी जो है वो सिस्टम है जहां पर आप जानते हैं कि लोग वोट के जरिए इंतिखाब करते हैं और इंतिखाब के जरिए अपने रिप्रेजेंटेटिव्स को असेंबली में भेजते हैं और वो फिर हुकूमत में आते हैं तो ये दरअसल डेमोक्रेसी वो हुकूमत होती है जहां पर हुक्मरानों का इंतखाब आवाम खुद अपनी मर्जी से करते हैं और 5 साल के लिए अपने मनपसंद रिप्रेजेंटेटिव्स को अ असेंबली में भेजते हैं ताकि वो उन पर हुकूमत करें यह बहुत ही मशहूर किस्म है और आप जानते हैं सोशलिज्म कम्युनिज्म फासिज्म मोनार्की ये भी पॉलिटिकल सिस्टम्स हैं यहां पर मैंने चंद मिसाले दी हैं सोशलिज्म और कम्युनिज्म सोशलिज्म और कम्युनिज्म तकरीबन एक ही चीज है लेकिन इन दोन दोनों में एक वाजिब फर्क ये है कि सोशलिज्म जो है उसमें यह कहा जाता है कि स्टेट का कंट्रोल जो है वो रिसोर्सेस के ऊपर हो और स्टेट खुद जो है वो इन रिसोर्सेस को सो सोसाइटी के अंदर और इकोनॉमिक इक्वलिटी के प्रिंसिपल के तौर पे सोसाइटी में पेश करें यानी फॉर एग्जांपल कोई फैक्ट्री है जहां पर प्रोडक्शन होती है तो हुकूमत को चाहिए उस पर कंट्रोल रखें यानी कुछ कंट्रोल मतलब है कि लोगों के हवाले करें लेकिन कुछ कंट्रोल उस पर खुद रखें जबकि कम्युनिज्म ये कहता है कि नहीं जी टोटली कंट्रोल हुकूमत करें ठीक है तो कम्युनिज्म जो है वो किस्म का आप कह सकते हैं सोशलिज्म का बिल्कुल एक्सट्रीम लेवल है तो सोशलिज्म और कम्युनिज्म दोनों सोसाइटी से निकला है एक कम्युनिज्म कम्युनिटी से निकला है तो तकरीबन एक ही चीज है लेकिन सोशलिज्म में यह है कि हुकूमत को कुछ इख्तियार देकर यानी 50 पर ऑलमोस्ट आप कह सक सकते हैं कि हुकूमत को इख्तियार कंट्रोल जो है रिसोर्सेस के ऊपर दी जाए लेकिन कम्युनिज्म कहता है नहीं जी अ क्लास सोसाइटी वेर ऑल मींस ऑफ प्रोडक्शन और ओन कलेक्टिवली कि तमाम हुकूमत तमाम चीजें बिल्कुल कलेक्टिवली बुनियाद पे ये जो है इसकी प्रोडक्शन भी हो चीजों की और हुकूमत जो है वो उनको इकोनॉमिक इक्वलिटी के प्रिंसिपल के अंदर रहते हुए लोगों के अंदर प्रोडक्शन तकसीम भी करें तो सोशलिज्म और कम्युनिज्म तकरीबन एक ही चीज है फासिज्म भी एक हुकूमत का की किस्म है पॉलिटिकल आइडल है जिस तरह नाजी गवर्नमेंट थी सेकंड वर्ल्ड वॉर में एडोल्फ हिटलर के अंडर जो काम कर रही थी ये एक सेंट्रलाइज्ड गवर्नमेंट होती है और अथॉरिटेरियन सिस्टम होता है जहां पर हुकूमत इख्तियार जो है वो एक शख्स के अंडर होता है जिस तरह डिक्टेटरशिप होती है तो बिल्कुल इसी तरह फासिज्म जो है वो एक पॉलिटिकल आइडियो जीी है जहां पर अथॉरिटी एक शख्स के हाथ में होती है और वो क्लियर कट अपनी नेशनलिज्म को प्रमोट करते हैं यानी जो नेशनलिज्म है जिस तरह सेकंड वर्ल्ड वॉर में जर्मनी ने अपनी जर्मन नेशनलिज्म के बेस पर जंगे लड़ी पूरे यूरोप के साथ और अ एड हेटलर जो थे उसके बानी थे और एक और आइडियो जीी जिस तरह मोनार्की है अ सिस्टम वेयर पावर इज इन्हेरिटेंस सिस्टम जिसमें कोई इंतखाब ना हो बल्कि वहां पर एक मरूसी सियासत हो और वहां पर एक वालिद मरता है तो उसका बेटा वली अहद जो है वो हुक्मरान बन जाता है जिस तरह सऊदिया में है या जिस तरह ओमान में है या जिस तरह इस तरह के मुल्कों में है जहां पर किंग होते हैं या सुल्तान होते हैं वहां पर कोई इलेक्शंस नहीं होते वहां पर मोनार्की है एक शख्स की हुकूमत होती है और यही हुकूमत जो है वो इन्हेरिटेंस के जरिए यानी मीरास के जरिए वो एक दूसरे को मुंत किल होती रहती है तो ये जो है वो आइडियो की कुछ अक्साम है जाहिरी बात है फॉर एग्जांपल अगर मैं मैं आपको यहां पर मिसाल देता हूं यहां पर मजीद आपको समझ आ जाएगी फॉर एग्जांपल एक जगह पर मोनार्की है ठीक है एक शख्स की हुकूमत है लेकिन वहां के लोग इस मुनार की सिस्टम से खुश नहीं है और वो कहते हैं कि नहीं जी इस मुल्क में डेमोक्रेसी होनी चाहिए तो जाहिरी बात है वो जो लोग कहते हैं डेमोक्रेसी होनी चाहिए वो वो रेवोल्यूशन लाएंगे ना वो हुकूमत के खिलाफ एहतिजाज करेंगे वो जल से जुलूस निकालेंगे वो जो है वो लड़ाई लड़ेंगे वो कुछ भी कर सकते हैं तो जाहिरी बात है यह जो काम हो रहा है य ये जो लड़ाइयां हो रही है या यह मोनार्की सिस्टम को खत्म करने के लिए जो डेमोक्रेट्स आगे निकलकर वो एहतेजाज कर रहे हैं कि जी ये मुनार की सिस्टम ठीक नहीं है और यह हुक्मरान जो है वो आवाम की मर्जी के मुताबिक होनी चाहिए तो अगर वो कामयाब होते हैं या नहीं होते वो अलग बात है लेकिन हम इसको कहते हैं ये पॉलिटिकल आइडियो के तहत ये इंतखाब या ये जो एहतेजाज जात का सिलसिला है ये पॉलिटिकल आईडियोलॉजी है जाहिरी बात है मोनार्की एक पॉलिटिकल सिस्टम है और डेमोक्रेसी एक पॉलिटिकल सिस्टम है एक पॉलिटिकल सिस्टम को आप नहीं मानते और दूसरा पॉलिटिकल सिस्टम लाने के लिए आप जब कोशिश करेंगे उसमें कुर्बानियां देंगे लड़ाइयां लड़ेंगे उसमें खून बहेगा उसमें रेवोल्यूशन होगा तो जाहिरी बात है ये एक पॉलिटिकल आइडियो के तहत होगा ऐसा तो नहीं होगा ना यानी व इन लोगों का डेमोक्रेट्स का दिमाग तो नहीं खराब कि वो अपने बीवी बच्चों को छोड़कर अपनी आसाय जिंदगी को छोड़कर वो एवी हुकूमत के सामने आए और वो हुकूमत के सामने एतजाज करें और हुकूमत की गोलियों का सामना करें ऐसा तो नहीं हो सकता लिहाजा ये एक सोच होती है एक पॉलिटिकल सोच थी उनकी एक पॉलिटिकल आइडल जीी थी जो उनको इस मोनार्की सिस्टम के अगेंस्ट लाकर डेमोक्रेटिक सिस्टम के लिए कोशिशों करने पर मजबूर कर दिया स्टूडेंट्स दूसरा है सोशल आइडियो जीी सोशल आइडियो जीी नाम से ही सब वाज है सोसाइटी से निकला है सोशल वैल्यूज से निकला है सोशल नॉर्म से निकला है तो जाहिरी बात है एक सोसाइटी में रहते हुए बहुत सारे आप पॉइंट ऑफ व्यूज देखते हैं लोगों के सोशल आइडियो देखते हैं देखें एक बंदा है लिबरलिज्म बंदा है वो लिबरल सोच रखता है वो कहता है जी हर इंसान आजाद है हर इंसान को इक्वल राइट्स हासिल है हर इंसान का जो अपने हुकूक है और अपने एक्सप्रेशंस को कर सकता है ये लिबरलिज्म है कंजरवेटिज्म कहता है नहीं जी ट्रेडिशनल वैल्यूज से आप आगे नहीं जा सकते ये कंजरवेटिव सोच होती है सोसाइटी के अंदर आप जान जानते हैं कि कुछ लोगों का कंजरवेटिव सोच वो रखते हैं वो कहते हैं नहीं जी हर किसी को आजादी इजहार ख्याल का हक नहीं है अगर आपके सारे ख्याल किसी की तौहीन में आती है तो वो सोशल ट्रेडीशन के खिलाफ है आपकी वैल्यूज के खिलाफ है तो ये भी एक सोच है फेमिनिज्म भी एक सोच है जो जेंडर इक्वलिटी की बात करते हैं वमन राइट्स की बात करते हैं ये फेमिनिज्म की सोच है ये सोशल आइडियो है इसके अलावा कुछ लोग नेशनलिटी पर बड़ा एमफसा इज करते हैं तो वो नेशनलिज्म की बात करते हैं जिस तरह आप जानते हैं एनपी का अपना एक है कि पुख्तून के हवाले से वो बड़ा नेशनलिज्म का पॉलिटिकल वो कर रहे हैं लेकिन ये उनका सोशल आइडियो भी है इसके अलावा कुछ लोग ह्यूमन राइट्स के हवाले से बात करते हैं ह्यूमन राइट्स को लेकर उनकी एक आइडियो जीी होती है फॉर एग्जांपल अभी मतलब रिसेंटली मैंने रिसर्च की पीएचडी मेरी इस्लामिक क्रिमिनोलॉजी पे थी क्रिमिनल लॉ पे थी तो वहां पर मैंने देखा ह्यूमन राइट्स के बड़े कंसर्न्स थे वो कहते हैं जी ये जो हाथ काटना है इस्लाम में यह जो सजा है बदी तौर पर ये ह्यूमन राइट्स के खिलाफ है बाज लोगों ने कहा जी कोड़े मारना इंसानी हुकूक के खिलाफ है बाज लोगों ने कहा जी फलां है तो वो ह्यूमन राइट्स को बड़ा तरजीह देते हैं तो इसीलिए वो सोशल आइडल जो है वो डिफरेंट टाइप्स की होती है लेकिन नॉर्मली आप इतना समझ लीजिए कि ये सोशल आइडियो सोसाइटी से निकला है सोशल लव्ज इसमें शामिल है तो ये अ सोशल नॉर्म्स और सोशल स्ट्रक्चर और सोशल वैल्यूज की बिना पर जो आइडियो किसी की कौम के अंदर बनती है जाहिरी बात है वो तमाम की तमाम सोशल आइडल के डोमेन में आती है तो यह बड़ा वाज ये लफ्ज़ है मेरे ख्याल में इसमें कोई टेक्निकल बात नहीं है ये लोग आपस में अपने इर्दगिर्द देखते भी हैं जानते भी हैं समझते भी हैं तो यह बहुत ही अ अहम चीज है तो यह सेकंड पार्ट है आइडियो जीी का सोशल आइडियो जीी के नाम से स्टूडेंट्स अ एक और अहम चीज और मेरे ख्याल में जो सबसे ज्यादा जंगो की बाइस बनी वो इकोनॉमिक आइडियो जीी है अ जिस तरह पहले मैंने अर्ज किया कि ये जो कोल्ड वॉर का एरा है फ्रॉम 1945 से लेकर 1991 तक एंड देन उसके बाद भी 2001 तक और शायद अभी भी ये बेसिकली इकोनॉमिक वॉर है जिसको इकोनॉमिक वॉर्स का नाम ये आप ये टर्मिनोलॉजी आपने सुनी होगी या नहीं सुनी तो आप देख लें इकोनॉमिक वॉर्स बड़े बड़ी अहम टर्मिनोलॉजी है जो कि पॉलिटिकल साइंस में बड़ी यूज होती है इकोनॉमिक आइडियो जीी जो है वो दो किस्म की है ब्रॉडली तो वैसे दो किस्म के है वैसे तो और भी उसके अक्साम हो सकती है लेकिन ब्रॉडली दो किस्म के कैपिटल ज्म और सोशलिज्म तो कैपिट ज्म जो है एक इकोनॉमिक आइडियो जीी है जो कि ये कहती है कि जी जो ओनरशिप है और जो मार्केट्स है उनको फ्री किया जाए और उनको प्राइवेट ओनरशिप को को इनकरेज किया जाए यानी गवर्नमेंट को चाहिए कि वो अ मार्केट्स के अंदर और ट्रेड के अंदर और इकॉनमी के अंदर इंटरफेरेंस ना करें और ये जितना भी मार्केट्स हैं जितनी भी इकॉनमी है गवर्नमेंट को चाहिए कि लेजस फेयर उनके हां एक फ्रेंच टर्मिनोलॉजी है लेजस फेयर लेजस फेयर का मतलब लेट देम डू यानी लेट द कंज्यूमर्स व्हाट दे वांट टू कंज्यूम एंड लेट द द बायर्स व्हाट दे वांट टू बाय तो ये लेट द प्रोड्यूसर्स व्हाट दे वांट टू प्रोड्यूस तो ये लेजस फेयर का कांसेप्ट उनमें पाया जाता है फ्रेंच वर्ड है लेजिस फेयर ठीक है आप चाहे तो इसको सर्च कर सकते हैं तो ये कैपिटल ज्म का बहुत बड़ा की टूल है ये इकोनॉमिक लिबरलिज्म में बड़ा पाया जाता है तो कैपिट इज्म जो है इसको तरजीह देता है और वो इसलिए देता है क्योंकि वो कहता है कि जब अ लोगों के दरमियान खुद ही यानी मतलब ट्रेड की फिजा होगी तो वो एक दूसरे आगे बढ़ने की कोशिश करेंगे मिसाल के तौर पर दो फैक्ट्रियां हैं एक को मिस्टर ए कंट्रोल करते है दूसरे को मिस्टर बी कंट्रोल करते हैं तो ये दोनों आपस में कंपटीशन में करेंगे लेकिन अगर ये दोनों कंपनियां गवर्नमेंट की हो तो फिर ये कि उनमें सुस्ती पैदा हो जाएगी और वो इस तरह परफॉर्म नहीं करेंगे तो उनका ये एक आर्गुमेंट है इसके बदले में सोशलिज्म कहता है कि नहीं जी पब्लिक कंट्रोल जो है वो रिसोर्सेस के ऊपर होना चाहिए यानी हुकूमत का कंट्रोल जो है वो पब्लिक रिसोर्सेस के ऊपर होना चाहिए जितनी भी फैक्ट्रीज हैं जितने भी प्रोडक्शन होती है हुकूमत उसको अपनी तहवील में ले ले ताकि हुकूमत एक खास कीमत पर उसकी प्रोडक्शन करें और उस कीमत पर फिर जो जो आवाम की कुती खरीद है उसके मुताबिक उसकी कीमत लगाएं उसके बदले में आप देखें कैपिट इजम में अगर एक आम इंसान प्रोडक्शन करता है तो फिर वो अपनी मर्जी की कीमत उसकी लगा देता है फिर गरीब तबका उसको नहीं खरीद सकता जाहिरी बात है लेकिन सोशलिज्म में हम ये देखते हैं कि चूंकि प्रोडक्शन हुकूमत खुद करती है हुकूमत के कंट्रोल में होती है तो हुकूमत फिर जाहिरी बात है उसको अपनी अ कीमत जो है वो दे देते हैं जो आसान कीमत होती है ठीक है और उसमें सब्सिडी भी सम टाइम्स दे देती है हुकूमत अपनी तरफ से अपनी जेब से भी लगाती है ये दो बड़े सिस्टम है इकनॉमिक सिस्टम इकोनॉमिक आइडियो के एक और चीज जो इस वक्त पाई जाती है दुनिया में वो मिक्स इकॉनमी है यानी एक मुल्क है जहां पर कैपिटल ज्म भी है और सोशलिज्म भी है और ये दोनों आपस में एक साथ चलती हैं जैसे कि चाइना में भी अभी कैपिट ज्म आ गई है तो अभी दुनिया में शायद ककई खास जगह पे कैपिटल जम या कम्युनिज्म कोई अपनी सूरत में मौजूद नहीं है लेकिन ये दोनों इकोनॉमिक आइडियाज हैं आईडियोलॉजी हैं जो मैंने आपके सामने पढ़ ली एक और चीज है स्टूडेंट्स वो है रिलीजस आइडल नाम से ही बड़ा वाज लफ्ज है रिलीजस आइडल जीी यानी वो आइडल जीी जिसकी बुनियाद रिलीजन हो कोई भी रिलीजन हो सकता है मिसाल के तौर पर यहां पर जिक्र है इस्लामिक आइडियो आप देखते हैं इस्लामिक आइडल जो है वो एमफे साइज करता है मोनेट जम के ऊपर वहदा नियत के ऊपर बेस करता है वो एक इस्लामिक अपना सोशल जस्टिस रखता है सोशल वेलफेयर पे यकीन रखता है तो जाहिरी बात है इस्लामिक आइड भी एक एक आइडियो जीी है मिसाल के तौर पर अगर कोई मुल्क जो है वो इसलिए जद्दोजहद करता है ताकि वह अपने लिए इस्लाम की बुनियाद पर कोई मुल्क बना दें कोई इलाका हासिल करें तो उसको हम कहते हैं इस्लामिक आइडियो उसमें शामिल थी ठीक है जिस तरह पाकिस्तान का बनना में कहा जाता है इस्लामिक आइडियो लद कि वो सिर्फ इस्लामिक आइडियो नहीं थी वो इकोनॉमिक आइडल भी थी वो पॉलिटिकल आइडल जीी भी थी वो सोशल आइडल भी थी लेकिन सम बहुत स उसका जो प्रॉमिनेंट रोल पाकिस्तान के ऊपर है वो इस्लामिक आइडियो जीी है नो डाउट कि इस्लामिक आइडियो जीी वहां पर पाई जाती थी लेकिन अभी भी जो मुमा ऐसे हैं जो इस्लाम की बुनियाद पर कोशिश करते हैं अपने लिए आजादी हासिल करते हैं जिस तरह फॉर एग्जांपल आप देखते हैं जी अफगानिस्तान में जो कुछ हुआ तो अफगानिस्तान में अमेरिका के खिलाफ जितनी भी रेजिस्टेंस हुई तो वो किस बुनियाद पर थी वो इस्लामिक आइडल जीी थी वो उन्होंने जिहाद को डिक्लेयर किया हुआ था वो बाकायदा उसमें हिस्सा लेते थे वो उसमें सुसाइड अटैक्स करते थे तो इस तरह की चीजें जो वो करते थे तो वो इन सब के लिए किसने उसको तैयार किया था पॉलिटिक्स के लिए तो कम से कम कोई य ये नहीं करता ना ही इकॉनमी के लिए करता है जाहिरी बात उनकी अपनी इस्लामिक आइडियो थी वो मोनिज्म पर यकीन रखते थे वो शहादत पर यकीन रखते थे वो जन्नत पर यकीन रखते थे और इसीलिए उनका उनका जो ये तस था वो जारी था तो इस तरह क्रिश्चियन क्रिश्चियन आइडियो जीी भी है अ जैसे कि क्रिश्चियनिटी को दुनिया में जो है वो एक सुप्रीम लॉ की हैसियत से उसको बरकरार रखना जिसको जायो निस्ट कहते हैं जायो निस्ट याद रखिए जायो निस्ट का लब्ज जो है सहय के लिए इस्तेमाल होता है उर्दू में सहनी कहते हैं इंग्लिश में जायो निस्ट कहते हैं जि तरह क्रिश्चन योनि है या इस तरह जू जायो निस्ट है तो जो जानिस्टो बुनियादी तौर पर वो क्रिश्चियन आइडियो जीी या जूस आइडल जजम आइडियो को लेकर काम करते हैं जो कि व चाहते हैं दुनिया में यहूदी का राज हो चाहते हैं दुनिया में ईसाइयत का राज हो वो इस किस्म की चीजों को लेकर काम करते हैं जिस तरह इजराइल की आइडियो जीी है तो जाहिरी बात है वो जानिस्टो जायो निज्म उनकी एक फिलॉसफी है और वो जूडी जम को जो है सुप्रीम लॉ और सुप्रीम मतलब है कि कांस्टिट्यूशन के तौर पर दुनिया में और उन पर अपना तसत कायम करने के लिए वो सब कुछ कर रहे हैं तो रिलीजस आइडल जीी जो है बुनियादी तौर पर वो आइडियो जीी है वो वो वैल्यूज हैं वो वो बिलीव्स हैं वो कॉन्सेप्ट्स हैं जो कि रिलीजन पर बेस करते हो वो किसी भी रिलीजन पर बेस करते हो वो उसकी आइडियो जीी बन जाएगी जिस तरह मैंने यहां पर चंद एग्जांपल्स दिए हैं इस्लामिक आइडल क्रिश्चियन आइडल हिंदू आइडियो जीी ये चंद आइडल जीी का मैंने एग्जांपल देकर आपको बुनियादी तौर पर ये समझाने की कोशिश की कि आइडल जीी जो है वो रिलीजस भी होती है और वो अ मतलब है डिपेंड करती है कि वो कहां पर है और इसके एग्जांपल्स मैंने चना आपको दिए भी तो यह होप फुली कि बड़ा इजी होगा यह इतनी ज्यादा मुश्किल चीज नहीं है जी स्टूडेंट्स तो अब हम बात करते हैं इसके सिग्निफिकेंट की आइडियो जीी क्यों अहम है अपनी इफिरा दी जिंदगी में भी और इजतिमा जिंदगी में भी इफिरा दी जिंदगी के लिए तो मैंने स्टार्ट में एग्जांपल दिया कि आपका अगर कोई इंडिविजुअल गोल है और उस तक आप हासिल उसको आप हासिल करना चाहते हैं तो जाहिरी बात है कि उसके लिए फिर आप अ तग उद करेंगे और एक आईडियोलॉजी आपकी इंडिविजुअल आइडियो जीी आपको उसमें मदद देगी और वो तमाम तकलीफें जो आप उस गोल हासिल करने के लिए करते हैं बुनियादी तौर पर उसको आपको सहना आसान हो जाएगा लेकिन नेशनल लाइफ में इसकी अहमियत क्यों अहम है इसकी अहमियत को हमने पांच पॉइंट्स में यहां पर जिक्र किया सबसे पहला जो है वो है आइडेंटिटी फॉर्मेशन यानी आइडल जीी आपको आइडेंटिटी देती है आइडेंटिटी ऐसी देती है कि मिसाल के तौर पर जो आइडल कली नेश होती हैं तो वो लोगों को मुतह करती हैं क्योंकि वो समझती हैं कि हमें एक आइडल जीी हमारी है वो आइडल जीी किसी भी बेस पर हो सकती हैन लिंग्विस्टिक भी हो सकती है वो एक मजहब की बुनियाद पर भी हो हो सकती है वो किसी खास एथनी सिटी की बुनियाद पर भी हो सकती है जिस तरह जर्मन नेशनलिज्म नेशनलिज्म की मैंने बात की एक एग्जांपल दिया कि पूरी जर्मन नेशन को किसने डेवलप किया उसने कहा कि हम यूरोप में एक मुमताज हैसियत रखते हैं हम जर्मन कौम हैं हम दुनिया में पहले उरूज पर थे अभी जवाल में क्यों आ गए हैं पहली जंगे अजम में हम पर पाबंदियां आयद कर दी गई वहां पर हमें जुर्माना कर दिया गया क्यों कर दिया गया तो वहां पर इस कांसेप्ट ने उनको इकट्ठा करके नेशन में डेवलप किया और उन्होंने फिर जाकर जंगे लड़ी तो एक शेड आइडेंटिटी होती है कि जो पूरे कौम के जितने भी अफराद है उनकी शेड आइडेंटिटी होती है और यह उनको उनकी मतलब है कि एक कलेक्टिव आइडेंटिटी के तौर पर काम करती है और उनको एक शेप देती है एज अ नेशन उनको शेप करती है तो उनको एक आइडेंटिटी मिल जाती है तो सबसे पहले तो जो आइडियो है वो किसी कौम को शना कत देती है ठीक है इसके अलावा सोशल एंड पॉलिटिकल स्टेबिलिटी सोशल और पॉलिटिकल स्टेबिलिटी से मुराद यह है कि जो मु मालिक जो अ कौम यानी आइडियो कल हो और उनकी एक आइडियो हो क्योंकि आइडल जीी इंसान को और किसी कौम को बा मकसद जिंदगी की तरफ लेकर जाता है तो जिनकी आइडल जीी होती है वो एक बामक सद जिंदगी गुजारते हैं जो कौम आइडल जिकल होती हैं वो बा मकसद जिंदगी गुजारती हैं और यही वजह से उनमें डिसिप्लिन ज्यादा होगा वह ज्यादा वेल डिसिप्लिन होंगे व ज्यादा ऑर्गेनाइज्ड होंगे वहां पर स्टेबिलिटी ज्यादा होगी उनको पता होगा हमने आगे क्या करना है हमने उसके बाद क्या करना है हमने अपने सोसाइटी को अपनी गवर्नमेंट को कैसे रखना है ठीक है जिस तरह दुनिया की बहुत बड़ी-बड़ी नेशन जिस तरह जापान है वहां पर लोग कितने ऑर्गेनाइज हैं क्योंकि उनका पॉलिटिकल गोल बड़ा वाज है उनको पता है कि हमने मुल्क को तरक्की देनी है और हमारा गोल एक है तो सबके सबके दिमाग में आइडियो जीी घुस चुकी है और सब उसके लिए काम कर रहे हैं ठीक है तो ये एग्जांपल बेहतर तौर पर आप इसको समझ सकते हैं तो बुनियादी तौर पर अगर आइडियो जीी है और सबकी है यानी सबके माइंड में आइडियो उतर आई है कौम के हर फर्द में तो फिर जाहिरी बात है कि वो नेशन जो है वो ज्यादा स्टेबल हो वो ज्यादा पॉलिटिकली और सोशली दोनों तरीके से वो स्टेबल होगी और जहां पर अ जो है कंफ्यूजन होगा जहां पर आईडियोलॉजिकल कंफ्यूजन होगा वहां पर क्राइसिस होंगे वहां पर फिर लोग एक दूसरे से बढ़ने की कोशिश करेंगे फिर यह है कि जिस तरह एक जंग होती है और जो जिसको जो हाथ लगता है वो उसको उठा लेता है फिर उस तरह हर बंदा जो है अपनी मर्जी के मुताबिक और अपने फायदे के मुताबिक वो चीज उठाएगा कहते हैं कि वैसे भी अफरातफरी है तो बस इस अफरातफरी में जो भी आप उठा सकते हैं उठा लें और अपना अपनी जिंदगी बनाएं अपना फ्यूचर बनाएं चाहे बाहर रहे चाहे पाकिस्तान में रहे अपना सही तौर पर अपना बिजनेस सेटअप और सारा कुछ बना के वैसे भी अफराद अफ्रीका जमाना है तो यह तब होता है जब आइडियो जिकल कंफ्यूजन हो तो आइडियो जिकल कंफ्यूजन जो है वो क्राइसिस को जन्म देता है जबकि जो आइडल जिकल नेशंस होती हैं उनमें पॉलिटिकल और सोशल स्टेबिलिटी ज्यादा होती है तीसरे नंबर पर रिफॉर्म्स एंड रिवोल्यूशन की बात है रिफॉर्म्स एंड रिवोल्यूशन से मुराद यह है कि आइडियो जीी जो है वो रेवोल्यूशन को और रिफॉर्म्स को जन्म देती है जैसे कि मैंने एग्जांपल में भी दिया और यहां पर भी मैंने जिक्र किया कि रशियन रिवोल्यूशन आया या फिर इसके अच्छी मिसाल और यह समझ ले कि इस्लामिक आइडियो जीी का मैंने जिक्र किया जिसने पाकिस्तान के बनने में जो है बड़ा की रोल जो है वो प्ले किया तो यहां पर आप देखें रेवोल्यूशन आया यूनाइटेड इंडिया के अंदर मुसलमानों के अंदर और मुसलमानों ने अपने लिए पाकिस्तान बनाया तो उसके पीछे जो सोच थी वो एक आइडल थी और वो आइडल जीी इस्लाम के बेस पर थी जाहिरी बात है टू नेशन थ्योरी क्या था थ ू टूथ टू थ्योरी सॉरी टू थ्योरी अ जो अ थ्योरी थी टू नेशन थ्योरी की वह यह थी कि मुसलमान और हिंदू दो अलग-अलग कौम हैं तो इसकी बुनियाद जो थी वह इस्लाम इस्लाम था इसकी बुनियाद तो जाहिरी बात है वो एक इस्लामिक आइडल जीी थी और इस इस्लामिक आइडल जीी ने पाकिस्तान की क्रिएशन की राह को हमर किया तो गोया के हम यह कह सकते हैं कि आइडियो जीी की सिग्निफिकेंट में कि आइडल जो है वह रिवोल्यूशन को और रिफॉर्म्स को जन्म देती है इसके अलावा नेशनल यूनिटी एंड कोहेजिया वाला पॉइंट और नीचे वाला पॉइंट बिल्कुल सेम है कि जिन अकवाले हो तो ये शेड आइडल ये एक ही आइडल जीी जो है बुनियादी तौर पर उनके अंदर एक नेशनलिटी को डेवलप करेगी नेशनल यूनिटी उनके दरमियान होगा या मिसाल के तौर पर अगर मैं आपको सिंपल बात बता दूं अच्छा यह नेशनलिटी जो है यह किसी जबान एथनी सिटी और लैंग्वेज की बुनियाद पर नहीं होगी मिसाल के तौर पर देखें पाकिस्तान में रहने वाले इस्लामिक आइडल जीी को फॉलो करने वाले हैं तो जाहिरी बात है अगर ये आइडल जीी तमाम तमाम कौम की डेफिनेशन तमाम कौम की के माइंड में आ जाए तो फिर जाहिरी बात है कि इस मुल्क में हिंदू भी सॉरी इस मुल्क में पंजाबी भी रहते हैं जो है पख्तून भी रहते हैं बलोची भी रहते हैं जिनकी जबान एक दूसरे से मुख्तलिफ है जिनके कल्चरस एक दूसरे से मुख्तलिफ हैं लेकिन उनकी आईडियोलॉजी सेम है वो है इस्लाम इस्लामिक आइडियो तो ये उनको यूनाइट रखेगी ब हैसियत कौम हम पाकिस्तानी कौम होंगे हम पंजाबी पख्तून बलोची और सिंधी नहीं होंगे तो अगर आईडियोलॉजी आप में है तो आइडल जीी दरअसल हमारी नेशनल यूनिटी को बेहतर बनाएगी और उनको मेंटेन रखे ठीक है और इसके अलावा ये बड़ी अंडरस्टूड बात है कि जाहिरी बात है ये सारी बातें होंगी तो फिर उनमें प्रोग्रेस भी होगा डेवलपमेंट भी होगी जाहिरी बात है अगर वेल डिफाइंड आइडल जीी बड़े होगी तो किसी मुल्क में वो अपने लिए बड़े वाज गोल्स जो है वो ताय आत करेंगे मोयन करेंगे उसका तायन करेंगे और जाहिरी बात है कि फिर उनको हासिल करने के लिए उनकी इकोनॉमिक पॉलिटिकल और सोशल प्रोग्रेस जो है अ उनकी तरफ वो कौम जो है वो काम करेगी तो जाहिरी बात है ये सारी चीजें इंटरकनेक्टेड है यानी एक दूसरे से कोई जुदा नहीं है अगर इन तमाम पॉइंट्स को आप देख लें तो आपको लगेगा कि तमाम के तमाम पॉइंट्स बुनियादी तौर पर एक दूसरे के साथ इंटरकनेक्टेड है यानी आइडेंटिटी होगी तो हमारी सोशल स्टेबिलिटी होगी सोशल स्टेबिलिटी होगी तो हम रेवोल्यूशन भी ला सकते हैं रेवोल्यूशन लाने के बाद हम जो है वो एक साथ रहेंगे कौम की हैसियत से रहेंगे और फिर उस कम को आगे ले जाने के लिए उसको प्रोग्रेस देने के लिए डेवलपमेंट देने के लिए हम काम भी कर सकेंगे तो ये सारी चीजें बेसिकली एक लाइन में है बुनियादी तौर पर अगर आप उसको देखें तो ये था जो स्टूडेंट्स हमारा टॉपिक जिसमें हमने आइडियो जीी के कांसेप्ट को समझा डेफिनेशन टाइप्स को और उसके सिग्निफिकेंट शुक्रिया अल्ला हाफिज