ऑर्गेनिक केमिस्ट्री में मैकेनिज्म
मुख्य बिंदु
- फ्री रेडिकल सब्सीट्यूशन
- SN1 और SN2 सब्सीट्यूशन: बाय मॉलेक्युलर और यूनि मॉलेक्युलर न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन
- इलेक्ट्रोफिलिक सब्सीट्यूशन और एडिशन
SN2 मैकेनिज्म
- स्थान: हैलोजन अल्केन और अल्कोहल में
- प्रकार: प्राइमरी हैलोजन अल्केन में सबसे ज़्यादा होता है
- प्रक्रिया:
- न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन द्वारा हैलोजन अल्केन को अल्कोहल में परिवर्तित करना
- SN2 का अर्थ है बाय मॉलेक्युलर न्यूक्लियोफिलिक सब्सीट्यूशन
- चार्ज: ब्रोमीन पर डेल्टा माइनस, कार्बन पर डेल्टा प्लस
- अटैक: ओह- अपोजिट साइड से अटैक करता है
SN1 मैकेनिज्म
- स्थान: टर्शियरी हैलोजन अल्केन में
- प्रक्रिया:
- ब्रोमीन खुद से छोड़ता है
- कार्बो कटायन इंटरमीडिएट बनता है
- ओह- अब कहीं से भी अटैक कर सकता है
- चार्ज: कार्बन पर पॉजिटिव चार्ज
ऑप्टिकल आइसोमरिज्म
- SN2: ऑप्टिकल आइसोमरिज्म नहीं संभव
- SN1: ऑप्टिकल आइस ोमरिज्म संभव
रेट इक्वेशन
- SN2: दो मॉलिक्यूल्स रेट डिटरमिनिंग स्टेप में
- SN1: सिर्फ एक मॉलिक्यूल रेट डिटरमिनिंग स्टेप में
समापन
- SN2 और SN1 में अंतर: स्टेरिक हिंड्रेंस, पॉजिटिव इंडक्टिव इफेक्ट
- SN1 में पॉजिटिव इंडक्टिव इफेक्ट से स्टेबिलिटी बढ़ती है
- SN2 में ओह- सिर्फ अपोजिट साइड से अटैक कर सकता है
यह सभी बातें एग्जाम में महत्वपूर्ण हो सकती हैं, विशेष रूप से रेट इक्वेशन और मैकेनिज्म के अंतर को ध्यान से समझना होगा।