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दा लास्ट सपर्ट पेंटिंग का रहस्य

मोना लिसा के बाद दुनिया की जो दूसरी सबसे फेमस पेंटिंग है वो है दा लास्ट सपर्ट ये दुनिया की सबसे ज्यादा अडमाइर की जाने वाली और सबसे ज्यादा स्टडी की जाने वाली पेंटिंग है इसे भी इटली के महान आर्टिस्ट लियोनार्डो ताविंची ने ही बनाया था इस वीडियो में आप इस पेंटिंग से जुड़ी उननीस ऐसी बाते जानोगे जो शायद ही आपने पहले कभी सुनी होंगी नमबर 19 आप इस पेंटिंग को किसी म्यूजियम में नहीं पाओगे इटली के मिलेन शहर के एक कोन्वेंट में इसका परमनेंट घर है मिलेन शहर में सेंटा मारिया डेल ग्रेजी नाम से एक चर्च और कोन्वेंट है दविंची ने वहां के डाइनिंग होल की दिवार पर इस पेंटिंग को बनाया था नमबर 18 लास्ट सपर का मतलब है अंतिम भोजन इस पेंटिंग में जिसस को रोमनों दुआरा पकड़ लिये जाने और सूली दिये जाने से पहले उनको उनके बारा शिश्यों के साथ आखरी भोजन करते हुए दिखाया गया है अब ये तो सभी जानते हैं कि इस पेंटिंग में जीजस को आखरी भोजन करते हुए दिखाया गया है लेकिन सही माइनों में देखें तो लियोनार्डो दविंची पेंटिंग में उस पल को कैद करना चाहते थे जब जीजस भोजन के दोरान अपने शिश्यों को ये बात कहते हैं तुम में से एक मेरे साथ विश्वाश कहाद करेगा और ये सुनकर सभी शिश्यों को धक्का लगता है सभी अचंभित रह जाते हैं इसी पल को दाविंची अपनी पेंटिंग में कैद करना चाहते थे नमबर 16 दाविंची ने दिखाया है कि जीजस की स्टेट्मेंट का एकदम से सभी पर कितना गहरा आसर होता है सभी के बीच इमोशन्स की लहर दोड़ पड़ती है उन सभी के चेहरों के रियक्शन्स और इमोशन्स ने दाविंची की इस पेंटिंग को और भी मनोहर बना दिया नमबर 15 बाइबल के अनुसार जब जीजस कहते हैं कि तुम में से एक मेरे साथ विश्वाशखात करेगा तो इस बात पर उनके एक शिष्य फिलीब पूछते हैं भगवान क्या वो मैं हूँ जीजस भविश्यावानी करते हैं कि उनका विश्वाशखाती उनके साथ ब्रेड क डर से अपने हाथों को पीछे करता है वहीं दूसरे शिष्य जूडस का ध्यान पीटर और जोन की बातों से डिस्ट्रैक्ट हो जाता है और वो ब्रेड उठाने के लिए प्लेट की तरफ हाथ बढ़ाता है और उसी वक्त जीजस भी अपना हाथ ब्रेड को उठाने के लिए बढ़ाते हैं जूडस ही वो इनसान था जिसने जीजस के साथ विश्वाशगात किया था और रोमनों द्वारा जीजस को पकड़वाया था पेंटिंग में दाविंची ने इन द्रिश्यों को बड़ी खूबसूर्ती से दिखाया है पेंटिंग में जूडस ही अगेला ऐसा व्यक्ति है जिसे दाविंची ने डार्क स्किन के साथ बनाया है और उसके राइट हैंड में पैसों से भरा पाउच है जो उसे एज़ा पेमन्ट दिये गए थे जीज़स के साथ विश्वाशगात करने के लिए नमबर 13 ये कहा जाता है कि जब पेंटिंग में जूडस का चेहरा बनाने का वक्त आया तो दविंची मिलेन शहर की जेलों में ऐसे क्रिमिनल को ढूंढने गए जो चेहरे से ही वाकई में किसी दूष्ट जैसा लगता हो। और जब उनको कोई ऐसा क्रिमिनल मिला तो उसी के चेहरे पर उनोंने जूडस का चेहरा बनाया था। और एक और बात जिसस के साथ किये गए विश्वासखात की वज़ा से आज जूडस का नाम गद्दार का सिनेनिम बन चुका है। नमबर 12 जितना आप सोचते हैं ये पेंटिंग उससे काफी बड़ी है इसका साइज 180 बाय 350 इंच है और इसने दिवार के दोनों कोनों को आखिर तक कवर किया हुआ है नमबर 11 दालास सपर के सामने वाली दिवार पर एक दूसरी पेंटिंग बनी हुई है इस पेंटिंग में जीजस को सूली दिये जाने वाली घटना दिखाई गई है। इसे इटली के ही एक पेंटर जियोवानी दोनातो दा मौन्तर फानो ने 1495 में बनाया था। ये पेंटिंग इतिहासकारों के बीच काफी विचार का विश्य रह चुकी है। इसने इतिहासकारों और लेखकों को काफी सोचने पर मजबूर किया है। क्योंकि दाविंची ने पेंटिंग में कई रहस्यमई मैसेजिस को चिपाया है नमबर नाइन सब्रीना स्फोर्जा गेलिजिया एक इटालियन आर्ट एक्सपर्ट है 2010 में उन्होंने इस पेंटिंग में चिपे रहस्यों को समझने की कोशिश की उन्होंने पेंटिंग में कुछ मैथेमैटिकल और एस्ट्रोलोजिकल संकेतों को देखा उन्होंने बताया की दाविंची ने पेंटिंग में दुनिया के अंत की तारीख के बारे में एक मैसेज छिपाया है सब्रीना के अनुसार दविंची ने पेंटिंग में ऐसे संकेत दिये हैं कि सन चार हजार छे में दुनिया का अंत होगा इसाई होली ट्रिनिटी पर विश्वास रखते हैं ट्रिनिटी को हिंदी में त्रिये कहते हैं ट्रिनिटी का मतलब है कि परमेश्वर तीन से मिलकर बना है पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा इसी वज़ा से दाविंची ने पेंटिंग में नमबर तीन की और कईं बार इशारा किया है जो इसाईयों के होली ट्रिनिटी पर विश्वाश को दिखाता है जैसे शिष्य तीन के गुरूप में बैठे हैं जीसस के पीछे तीन खिड़किया हैं और जीसस के शरीर की शेप को ट्रायंगल जैसा बनाया है दाविंची ने पेंटिंग में ये जो एक शक्स को बेहोशी की हालत में दिखाया है ये आदमी है या औरत इस बात पर काफी भैस होती रही है क्योंकि पेंटिंग में बनाए गए सभी लोगों में सिर्फ यही शक्स औरत जैसी दिख रही है बहुत से इतिहासकारों का मानना है कि ये जीजस का शिष्य जोन है लेकिन बहुत से इतिहासकार ये कहते हैं कि ये मैरी मैगडलन है जो जीजस की एक शिष्य ही थी और जीजस को सूली दिये जाने उनको दफनाने और उनके फिर से जिन्दा हो उठने की गवाब भी थी नमबर 6 दा लास्ट सबर पेंटिंग में एक छोटी सी गलती है गोर से देखने पर पता चलता है कि भोजन में इयल के साथ ओरेंज स्लाइसीज रखी हैं लेकिन जीजस को सूली दिये जाने के कई सदियों बाद तक भी मीडल इस्ट में संत्रे नहीं आये थे जो चीज जीजस के टाइम में थी ही नहीं उसे वो भला कैसे खा सकते हैं दरसल दाविंची के टाइम में इयल के साथ ओरेंज खाना इटली में एक बेहद कॉमन डिश थी और इसलिए इस पेंटिंग में भी दाविंची ने इसे बना दिया था क्योंकि पेंटिंग थिन एक्स्टीरियर वाल पर बनाई गई थी इसलिए इस पर नमी का काफी परभाव पड़ा और दिवार पेंट को अच्छे से नहीं सोख पाई और जैसे ही 1498 में ये पेंटिंग बन कर तैयार हुई तब ही से ये खराब होना शुरू हो गई थी 1796 में फ्रेंच रेवोलूशनरी सोल्जर्स दुआरा पेंटिंग को काफी नुकसान पहुँचाया गया सन 1948 में दूसरे विश्व यूद के दोरान पडोसी देशों की बंबारी ने कोन्वेंट के पूरे डाइनिंग होल को काफी नुकसान पहुँचाया तस्वीर में आप देख सकते हैं ताकि पेंटिंग सुरक्षित रहे जैसा कि आप जानते हैं 1692 में इसी दिवार के निशले हिस्से को तोड़ कर वहां दर्वाजा बना दिया गया बाद में फिर से उसे भर कर वहां दिवार बना दी गई जैसा कि आप पेंटिंग के बीच में निशले हिस्से पर इरेगिलर सा स्ट्रक्चर देख सकते हैं नमबर टू दालास सपर की तीन कोपीज भी मौजूद हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि इन्हें दाविंची के ही स्टूडंट्स दुआरा बनाया गया था। इन में से एक लंडन की रोयल आर्ट अकाडमी में रखी है। जिसे इटली के पेंटर और लियोनार्डो के स्टूडंट जाम पियत्रीनो ने 1520 में बनाया था। जब 1978 और 1998 में लियोनार्डो की दालास सपर को रिस्टोर किया गया तो ये पेंटिंग ही में सोर्स थी। जो डिटेल्स खो चुकी थी इस पेंटिंग ने उन सभी को जिन्दा रखा है जैसे जीजस के पैर अब लियोनार्डो की पेंटिंग में आप जीजस के पैरों वाला हिसा नहीं देख पाओगे लेकिन उनके स्टुडेंट्स द्वारा बनाई गई कोपीज में देख कर आप ये अंदाजा लगा सकते हो कि दाविंची की पेंटिंग में पहले ऐसा दिखता होगा आज जो पेंटिंग इटली के चर्च में है वो दाविंची की बनाई गई पेंटिंग नहीं है मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि कई environmental factors की वज़ा से और कुछ intentional damage की वज़ा से ये लगातार नष्ट होती रही और 15th century से लेकर 1999 तक painting को 7 बार restore किया जा चुका है इसे restore करने का पहला परियास 1726 में किया गया था और 1999 में इसे आखरी बार restore किया गया इसलिए दाविंची के बनाए गए master piece का आज कुछ ही हिस्सा शेष बचा है सो इस वीडियो के लिए इतना ही अगर आपको वीडियो अच्छी लगी हो तो लाइक और शेर ज़रूर करना और अगर आप हिस्टरी से जुड़ी ऐसी ही अमेजिंग वीडियो देखना चाहते हो तो चैनल को सब्सक्राइब करके