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आरक्षण और सामाजिक न्याय की बहस

अगर एनटीएल हुआ है तो जिम्मेदारी एनटी की भी है सरकार की भी है और उन्हीं को एड्रेस करना पड़ेगा कोई और कैसे करेगा एंड स्टूडेंट्स ये इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को लेकर भी दे हैव बीन वेरी एंग्री यू नो पीजी स्टूडेंट्स हो जाए अ इट्स बीन अ कंटीन्यूअस प्रोसेस ये नहीं कि वो नई बात है काफी देर से पीपल हैव बीन कंप्लेनिंग अबाउट इट अनदर थिंग व्हिच जज कम इन द न्यूज़ कैन यू जस्ट पुट दैट थिंग जनरल कैटेगरी रिजर्व कैटेगरी उसको लेकर जो न्यूज़ में अब आया है दिस इज रिगार्डिंग यूपीएससी दिस इज द ट्वीट यह जो आईएएस ऑफिसर का है पूजा खेड़कर अ गेटिंग इन टू अ रिजर्व्ड कैटेगरी व्हेन शी इज पार्ट ऑफ द हैविंग अ नॉन क्रीमी लेयर सर्टिफिकेट पोसेस प्रॉपर्टी अब दिस बिकम द होल कंट्रोवर्सी अबाउट रिजर्व नॉन रिजर्व्ड व्हेन यू हैव अ सो मच ऑफ वेल्थ हम आप क्या यह सही है गलत है आप बताइए बिकॉज यू हैव टेकन द यूपीएससी एग्जाम आल्सो आप जनरल कैटेगरी के स् जनरल में था मेरा रैंक 384 था और मेरे हॉस्टल के मेरे दोस्त जिनका रैंक 415 20 था वो सब आईपीएस आईएस बनके अभी बहुत सीनियर पोजीशन में है और मैं ग्रुप बी सर्विस मुझे मिली थी लास्ट में सीएसएस सो इन ए वे आई कैन से आई हैव सीन दिस हम इसके बाद भी मैं रिजर्वेशन के फेवर में रहता हूं इन एस फर एज द पॉलिसी इ कंसर्न इंप्लीमेंटेशन की दिक्कतें बहु बहुत सारी जैसे कि यह मैं बहुत ध्यान से पढ़ नहीं पा रहा हूं लेकिन मैं समझ पा रहा हूं आप क्या कहना चाह रही देखिए रिजर्वेशन एस ए पॉलिसी है टू बी देर ऑन कास्ट की इकोनॉमिक बेसिस प इस पर भी डिबेट होता है व्ट ड यू फेवर इस पर हम लोग कई घंटे बात कर सकते हैं क्योंकि बहुत लंबा टॉपिक है और मुझे नहीं पता कि कितनी मर्यादा है हमें कहां तक बात करनी है इस टॉपिक प आप जो मर्जी कहना चाहे य पर देखिए रिजर्वेशन कास्ट प भी होना इकॉनम क्राइटेरिया कुछ एक्सटेंट तक उसम हो तो अच्छा है लेकिन यह बात सही है कि रिजर्वेशन सिस्टम जो हमने रखा है पिछले कई सालों में उसमें लूप होल्स बहुत ज्यादा है जैसे कि यह मामला हा आप बता रही है मैं आपको कुछ एग्जांपल देके समझाता हूं इस पर अप्लाई हुआ या नहीं मुझे नहीं पता पर आप समझ पाएंगे कि क्या मसले हैं और मैं यूपीएससी को ध्यान रख के बात करता हूं जी एससी एसटी कैटेगरी में रिजर्वेशन मिलता है उसमें फी मिलियर नहीं है सुप्रीम कोर्ट ने 2000 च पाच में एक फैसला दिया था एम नागराज के मामले में जिसमें यह कहा था कि जब प्रमोशन हम देंगे एससीएसटी में तब हम इस बात को इंश्योर करेंगे कि प्रमोशन क्यों दे रहे हैं सो इन ए वे दे इंट्रोड्यूस द कांसेप्ट ऑफ क्रीम लेयर इन प्रमोशंस इन एससी एसटी अदर वाइज वहां अभी क्रीमर नहीं है इसका मतलब क्या है मैं एससी एसटी आरक्षण का समर्थक क्योंकि मैं जब ये बात बोलूंगा तो फिर बहुत क्लिप्स कटगी और लोग गालियां भी देंगे मुझे इसके बाद पर मैं उन सब लिए तैयार रहता हूं अब मैं इतना अभ्यस्त हो चुका हूं कि मुझे फर्क पड़ना बंद हो गया उसका द ट्रुथ है टू बी देर एब्सली मैं एक ऐसी फैमिली को जानता हूं पर्सनली जी जिसमें फादर आईएस थे मदर भी एक बहुत बड़ी पोजीशन पर थी तीन बच्चे तीनों सिविल सर्वेंट्स हैं याय आईस है या आईपीएस है उनके स्पाउसेस भी आईएस आईपीएस हैं हां कन्वेनिएंट अब मैं यह नहीं समझ पा रहा कि इस फैमिली को अगली जनरेशन को एससी एसटी का रिजर्वेशन क्यों मिलना चाहिए मैं नहीं समझ सकता इनको मैं हमेशा कहती थी ये जेनेटिक सिविल सर्वेंट्स होते हैं हो सकता है मतलब यहां तक कि जो हमारे कुछ दोस्त एससी एससी रिजर्वेशन के बहुत समर्थक हैं भी बहुत पॉपुलर लोग हैं अच्छे चिंतक हैं जब बंद कमरे में मेरी उनसे बात होती है और मैं उनसे पूछता हूं कि मुझे आर्गुमेंट दो अगर आपके आर्गुमेंट में दम है तो मान लूंगा मुझे कोई दिक्कत नहीं है क्योंकि पब्लिक डोमेन में आर्गुमेंट ये चलता है कि कई हजार साल का पिछड़ापन है कई पीढ़ियां लगेंगी बराबर करने में तो मैंने उनसे पूछा मैंने कहा देश में 8 पर करीब एसटी है 16 पर एससी है 8 पर का मोटा मोटा मतलब होता है लगभग आप मान लीजिए 11 करोड़ के आसपास और 22 करोड़ ऐसी है 33 करोड़ की आबादी है सरकारी नौकरियां साल भर में कितनी निकलती होंगी मेरे ख्याल से सब भी म पूरे देश की सारी नौकरी मिलाएंगे तो भी शायद दो करोड़ के आसपास होंगी सब नौकरिया मिलाकर भी इनमें से एससी एसटी की जो भागीदारी है अगर हम 24 पर मान्य दोनों मिला के वैसे तो 25 पर अभी है तो भी ये 40 45 लाख होगी मैक्सिमम इस 45 लाख में 33 करोड़ में से कौन लोग आए कौन ना आए यह हमें सोचना होगा जब हम रिजर्वेशन दे रहे हैं तो साइंटिफिक होना चाहिए लॉजिकल होना चाहिए एक फैमिली जिसमें आईएस कुछ लोग बन चुके हैं अगली पीढ़ी में बन चुके हैं उसकी अगली पीढ़ी को भी आईएस का आरक्षण मिले क्या इससे अच्छा यह नहीं है कि उसी समाज के वह लोग जो दूर गांव में हैं स्कूल नहीं मिला जिनको बड़ी मुश्किल से पढ़े उनको फायदा मिले हमें कम्युनिटी को सेंटर मिलाना चाहते हैं एक कम्युनिटी को अपलिफ्ट करना चाहते हैं मेन स्ट्रीम मिलाना चाहते हैं या उसके कुछ परिवारों को बार-बार पावर देना चाहते हैं पर एक लिटम है जैसे हिंदू समाज में पहले था कि भाई कुछ वर्ण या जातियां सेंटर में है बाकियों को पीछे रखा गया तो उनको आरक्षण दो अब उन समुदायों में कुछ परिवार ऐसे हो गए हैं वो लीट्स है और वो लीट्स कभी नहीं चाहेंगे कि आरक्षण उ के हाथ से निकले तो उन्होंने अपनी पूरी कम्युनिटी को फील भी करवा दिया समझा भी दिया किय आरक्षण छीनना चाहते हैं जबकि सच यह है मैं तो बहुत मुखर तरीके से बात कहता हूं कि एससी एसटी में भी क्लासिफिकेशन होना चाहिए जैसे ओबीसी में होता है हम अभी सुप्रीम कोर्ट में शायद कोई फैसला ऐसा है या आपने शायद सुना होगा कि एक कमीशन है रोहिणी कमीशन उसकी रिपोर्ट सबमिट हुई है अभी हाल ही में अभी आई नहीं है सामने पब्लिक डोमेन में मेरा ख्याल है कि रोहिणी कमीशन की रिपोर्ट आने के बाद सब क्लासिफिकेशन इन एससी एसटी जो कि सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया है कई मामलों में हम सरकार शायद उसको लाएगी इस तीसरे टर्म में मेरे ख्याल से सरकार का इरादा य होगा आरक्षण कम तो कर नहीं सकते हैं सोचना भी मेरे ख्याल संभव नहीं होगा शायद जरूरत भी नहीं है उसकी पर आरक्षण रशन हो उसमें रीजनेबिलिटी हो यह जरूरी है और य होगा अब यह जो केस आप बता रही है यह ओबीसी आरक्षण का है ओबीसी और ईडब्ल्यूएस के आरक्षण में कितने बारीक पेच है अगर आप सुनेंगे तो आप दंग रह जाएंगे इस देश में ईडब्ल्यूएस का आरक्षण कोई भी ले सकता है आप भी ले सकती है मैं भी ले सकता हूं ओबीसी में क्या पेच है कि ओबीसी में एक क्रीम लेर का कांसेप्ट है इंद्र साहनी केस 93 मे जजमेंट आया था उसमें इंट्रोड्यूस हुआ था अब नियम यह है कि अगर आप ओबीसी से हैं पर क्रीम लेयर में तो यू विल बी ट्रीटेड एस जनरल हम इससे बचना होता है मैं ऐसे बचना होता है हां सही बात है देखिए इतना डिफरेंस है इफ यू आर इन जनरल कैटेगरी यू हैव टू बी इन फर्स्ट 75 रैंक्स टू बी आईएएस हां इफ यू आर इन ओबीसी यू कैन बिकम आईएएस ऑन 400 रैंक ऑलमोस्ट सो देयर इज अ ह्यूज डिफरेंस इसलिए अगर किसी के पास स्कोप होता है तो वो कोशिश करता है जी कि मैं बन ही जाऊं जी मैं पिछले 25 साल में केवल एक ऐसे दोस्त को जानता हूं जो ओबीसी में था पर उसने ओबीसी एरक्शन लेने से मना कर दिया हम यह कहेगी कि मुझे बचपन ठीक मिला पढ़ाई ठीक मिली वई शड आई टेक रिजर्वेशन ऐसे भी लोग है जैसे एक रूल यह है कि अगर आपके फादर या मदर क्लास वन जॉब में है तो आप ओबीसी नहीं हो सकते यू गेट इनटू क्रीमर आपके दोनों पेरेंट्स ग्रुप बी में है तो भी नहीं हो सकते हैं लेकिन ग्रुप सी ग्रुप डी में है इनकम चाहे 8 लाख से ज्यादा हो तो भी ओबीसी में रहते हैं अब सरकारी नौकरी वालों ने मेरे ख्याल से खेल खेला होगा कि भाई उनकी इनकम ज्यादा है उनके बच्चे ओबीसी में क्यों ना आए तो एक नियम बनाया गया कि जो बी और सी कैटेगरी में है सी और डी में उनके बच्चों को हम ओबीसी में रखेंगे चाहे इनकम ज्यादा हो जाए आ लाख किलोमीटर भी है वैसे फिर एक और खेल खेला गया एग्रीकल्चरल इनकम विल नॉट बी काउंटेड टू सी वेदर दिस पर्सन कम्स एन क्रम र नॉट बहुत सारे सिविल सर्वेंट्स जो करप्शन का रास्ता चुनते हैं वो एग्रीकल्चरल इनकम शो करते हैं बड़े पैमाने पर बिल्कुल अब देखिए पेज क्या है ओबीसी में जो कैंडिडेट है उसकी अपनी इनकम काउंट नहीं होती है केवल पेरेंट्स इनकम काउंट होती है ईडब्ल्यूएस में सबकी इनकम काउंट होती है अंतर इस में एक एग्जांपल लेते हैं मान लीजिए कि मेरे फादर आईएस ऑफिसर है और रिटायर होने वाले दो साल बाद मैं ओबीसी में आता हूं लेकिन मुझे मिलेगा नहीं आरक्षण क्योंकि मेरे फादर क्लास वन जॉब में है उन्होंने खूब पैसा कमा लिया है इतना पैसा उनके पास है कि मैं उस इनकम से अपना काम चला सकता हूं जिंदगी भर बहुत सारी बिल्डिंग्स खरीद ली उनका रेंट आता है कई लाख रुपए मान लीजिए महीने का 50 लाख रेंट आता है एग्रीकल्चर से नहीं बिल्डिंग से अब मुझे आईएएस बनना है और मुझे ओबीसी का आरक्षण चाहिए जब आप उसका मतलब है वो दिख रहा है मतलब उस आप टैक्स भी दे रहे हैं वो सबल है उतना उसको आप फ्रड नहीं कर सकते जो आईटीआर में है उसी की बात कर रहा हूं होगा तो 10 टाइम ज्यादा जो आईटीआर में है मैं उसकी बात कर कर सकते मैं उसी की बात कर रहा अब मान लीज आईएस बनना है तो मैं अपने फादर से कह पापा आईएस बनना है जनरल से नहीं बन पाऊंगा ओबीसी से बनना है तो आप सपोर्ट करो बोलेंगे कैसे मैं क रिजाइन कर दो आप रिजाइन कर दिया उन्होंने दो साल की सर्विस बची हुई थी पैसा अकूत कमा चुके हैं अब दो साल की सर्विस है रिजाइन कर दिया जैसे रिजाइन किया अब मुझ पर यह सीमा लागू नहीं होती कि मेरे फादर ग्रुप वन जॉब में है लेकिन अब क्या लागू होता है आईटीआर कि मेरे फादर के पास पैसे बहुत ज्यादा है क्योंकि वो नौकरी में नहीं है अगर उनके पास 8 लाख से ऊपर की इनकम है तो मैं ओबीसी में नहीं आ सकता तो वो क्या कर सकते हैं मेरे फादर और मेरी मदर अपनी सारी प्रॉपर्टीज मेरे नाम कर देंगे गिफ्ट डीड कर देंगे हम अब उन दोनों की इनकम रह गई ₹ लाख साल की मेरी हो गई 60 लाख महीने की हम पर ओबीसी होने के लिए मेरी इनकम क्राइटेरिया नहीं है सिर्फ पेरेंट्स इनकम सिर्फ पेरेंट्स की फैमिली नहीं सिर्फ पेरेंट्स हम मेरी नहीं सो इवन इफ आई एम अर्निंग 50 लाख पर मंथ व्हेन आई एम अपीयरिंग फॉर यूपीएससी एग्जाम बीइंग इन ओबीसी आई एम स्टिल एलिजिबल टू बी ओबीसी पेरेंट्स य कर देंगे अपना इनकम बेटे के नाम कर दे या बेटी के नाम कर द रिजाइन भी कर द पेंशन भी गवा दे ये सब कर पशन क्यों गंगे पेंशन तो मिलेगी उनको नहीं टू यर्स नहीं वो डिपेंड करता कितने स और जो इस रास्ते पर चलते हैं उनको पेंशन की चिंता नहीं होती वो अपनी पेंशन पहले बना चुके होते उनको पेंशन से चिंता नहीं होती ल् वो सोचते हैं कि मतलब बेटा अगर यह नौकरी ले रहा है इट न एज इफ वो 00 की तनख्वाह पे निर्भर होगा वो तो है ही और फिर दूसरी बात ये भी है ना कि जब करप्शन जेनेटिक भी हो गया ना उस जब वो आईएस बन गया तो प्रॉपर्टी वापस गिफ्ट डीट कर देगा पापा को इससे क्या फर्क पड़ता है और इस पे देयर इज नो देर इज नो स्क्रूटनी कि ये ऐसे किया फर उ ट्रांसफर और मैं जितने गिफ ड आप बारबार चेंज कर सकते हैं कर सकते हैं गिफ्ट डीड इज एज गुड एज सेल डीड ओके कितनी बार भी कर लीजिए सवाल ये है ऐसा बहुत कम कम केसेस हैं बट आई रियली नो सच केसेस या कम केसेस इज नॉट द पॉइंट द पॉइंट इज इट इज लीगली पॉस जब ये पॉडकास्ट खत्म होगा मैं आपको नाम बता दूंगा कुछ लोगों के जिन्होंने किया है यस दे डू इट हां अब ईडब्ल्यूएस प देखिए पर अब गवर्नमेंट क्या करे मतलब आपने विद अ गुड इंटेंशन आई एम प्रिज्यूमिंग विद द गुड इंटेंशन आपने रिजर्वेशन किया कि हां पॉजिटिव एक्शन होना चाहिए डिस्क्रिमिनेशन हटना चाहिए जो जनरेशन से जो डिप्रेस्ड कम्युनिटीज हैं उनको आप उठाना चाहते हैं तो रिजर्वेशन के पीछे कोई पॉजिटिव थॉट था यस लेकिन यह घुमा फिरा के दिस मलब मुझे इस पर डाउट है कि सरकार के इंटेंशन हमेशा अच्छी ही रही होंगी कभी तो अच्छी थी आजकल यह भी कहना मुश्किल है कई बार पॉलिटिकल कंपल्शन में हम आरक्षण देते हैं जैसे आजकल यह बड़ा खेल है कि एक समुदाय के लोगों ने धरना दिया प्रदर्शन दिया ट्र की हम हमने उनको ओबीसी डिक्लेयर कर दिया हां वो भी है ये तो गलत बात है ना भाई आप सोशल जस्टिस केवल पॉलिटिकल प्रेशर में कैसे किसी कास्ट को य मराठा जाट्स एंड ल जो लैंड ओनिंग कोई भी कम्युनिटी है अगर वो उन पैरामीटर्स पर नहीं आती कि उनको आरक्षण मिले तो क्यों मिलना चाहिए हम और डेमोक्रेसी में कई बार ये दिक्कतें आती हैं कि पॉलिटिकल प्रेशर पब्लिक प्रेशर ऐसी स्कीम्स बनवाते है ये तो ओबीसी है ईडब्ल्यूएस में तो खेल और अलग तरह चलता है उसमें नियम यह है कि पूरी फैमिली की इनकम काउंट होती है हम लेकिन सिर्फ पिछले एक साल ही काउंट होती है ईडब्ल्यूएस में तो रिजाइन करने की जरूरत भी नहीं होती है हां ईडब्ल्यूएस में तो और आसान है उसमें सिंपल सी बात है कि आपकी एग्रीकल्चर लैंड पा एकड़ से ज्यादा ना हो घर 1000 फीट फ्लैट अगर है तो 1000 फीट से ज्यादा बड़ा ना हो अगर प्लॉट है नोटिफाइड में तो 100 गज अन नोटिफाइड में है तो 200 गज से ऊपर ना हो प्लस 8 लाख से ऊपर फैमिली इनकम ना हो फैमिली मींस माय पेरेंट्स हम माय सिब्लिंग्स अप टू 18 इयर्स ऑफ एज एंड माय स्पाउस एंड माय चिल्ड्रन अप टू 18 इयर्स ऑफ एज ये पूरा मिला के फैमिली है हम अब मैं कई केसेस जानता हूं इस तरह के अगर किसी के पेरेंट्स खेती करते हैं फिर तो कोई दिक्कत है ही नहीं हम हमारे देश में मेरे ख्याल से 90 पर के आसपास लोग अन ऑर्गेनाइज सेक्टर में काम करते हैं हां 80 से ऊपर तो है ही अन ऑर्गेनाइज सेक्टर में किसी की क्या इनकम है अब बहुत मुश्किल है तय करना वो अपनी इनकम कम दिखा सकते हैं और जिस साल आपने इनकम 8 लाख से कम दिखा दी आपके बच्चे अगले साल एलिजिबल है ईडब्ल्यूएस के लिए ईडब्ल्यूएस को लेकर सबसे बड़ी डिबेट यही थी कि डिसाइड कैसे होगा बड़ा मुश्किल है मान लीजिए कि मेरे पेरेंट सरकारी नौकरी में है अब क्लास वन क्लास टू से दिक्कत नहीं है ईडब्ल्यूएस में सिर्फ गरीबी का मामला है ना बस पैसे नहीं होने चाहिए आई नो सच फैमिलीज के पास जमीन थी बहुत ज्यादा 4.9 एकड़ छोड़ के बाकी सब बेच द है या किसी और के नाम पर कर दी है क्योंकि पा एकड़ की क्लॉज है 1000 फीट का फ्लैट है तो 990 फीट का फ्लैट में रहते हैं या रजिस्ट्री ऐसे करवा ली कि 990 फीट्स है अब 8 लाख की इनकम नहीं होनी चाहिए तो क्या करते हैं मान लीजिए हस्बैंड दोनों कमाते हैं दोनों की इनकम लेटस अजूम की महीने की एक लाख रप है या दोनों को मिला के एक लाख है साल की 12 लाख इनकम है बच्चे को एग्जाम देना है इनमें से एक मेंबर आठ या 9 महीने के लिए मेडिकल लीव ले लेगा लीव विदाउट पे अब साल भर की इनकम जो है दोनों के मिला के उस इनकम टैक्स रिटर्न में आईटीआर में 79000 अंडर सो द चाइल्ड इज एलिजिबल टू बी ईडब्ल्यूएस इन द नेक्स्ट अटेम्प्ट हम यहां तक केसेस हैं कि जो बच्चे सिविल सर्वेंट्स हैं खुद भी हैं वो भी ईडब्ल्यूएस में आते हैं कैसे आते हैं कि मान लीजिए फैमिली इनकम दो लाख र की है यह बच्चा किसी सर्विस में आ गया मान लीजिए कि डक्स में आ गया डक्स आई होप यू अंडर जॉइन भी कर लिया है इसकी सैलरी महीने की मान लेते हैं कि 7000 है चच कम्स टू 840000 इन ए ईयर दो लाख घर से भी है अब कैसे मैनेज करेगा अब यह खुद चार महीने की छुट्टी लेगा और जैसे चार महीने की छुट्टी ली इसकी इनकम और पेरेंट्स की इनकम मिलाकर कितनी बनी 79 हज बनी जस्ट ऑन द बेसिस ऑफ आईटीआर इट डिसाइडेड एंड ट टू ऑफ द लास्ट ईयर यानी जब भी जिंदगी में ईडब्ल्यूएस बनना हो आपको सिर्फ उससे पिछले एक साल में अपनी इनकम 8 लाख से कम करनी है एंड यू गेट रिजर्वेशन आईम नॉट क्वेश्चनिंग द इंटेंशन ऑफ द गवर्नमेंट पर मुझे नहीं पता य लोग कैसे काम करते हैं मैं हसी मजाक बच्चों को समझाता हूं कि सरकार बहुत क्यूट है हमारी इतने क्यूट लोग हैं मतलब लोग मजाक बना के चल रहे हैं आपकी पॉलिसी का आपने बड़ी अनुमान कर सकते हैं कि एक अच्छी नियत से आपने पॉलिसी बनाई कि समाज में लेवलिंग होनी चाहिए जो कि ठीक बात है पर फायदा उठा कौन रहा है एंड आई एम सॉरी टू से इन माय ओपिनियन जितने लोगों को आरक्ष का फायदा मिल रहा है सिविल सर्विसेस में मुझे नहीं लगता कि 10 20 पर से ज्यादा सच में में ऐसी कंडीशन से आ रहे हैं जो बहुत डिजर्विंग है वो ठीक कंडीशंस में है और जब आप यह परसेंटेज कहते हैं क्योंकि आप एजुकेटर हैं आप इतने स् जंग ऑन द बेसिस ऑफ माय एक्सपीरियंस या ट्स व्हाट आई वाज सेइंग आप ये कह सकते हैं बट नो स्टडी हैज बीन डन ऑन ऑन द पीपल हु आर ट्विस्टिंग द सिस्टम यस है ना टू बेनिफिट और इसमें कुछ इंस्टीट्यूट्स के जो एडवाइजर्स होंगे वो भी बताते होंगे कि यह लूप होल्स है जैसे जब बच्चा बाहर पढ़ने जाना चाहता है ट्रेवलिंग अब्रॉड ही वांट्स टू ट्रैवल स्टडी अब्रॉड तो उसमें भी होते हैं कि हां आप इस कॉलेज में आप अपने इंटेंशन में यह लिखिए आप यह कहिए कि आपने मदर टेरीज फाउंडेशन में आपने ये काम किया आपने फ्लड विक्टिम्स के साथ फला काम किया प्रोफाइलिंग जिसको प्रोफाइलिंग जो होती है आप ये सब लिखेंगे तो मतलब अगर आप सिर्फ ये कहे कि आप डिबेटर हैं तो आपको कुछ नहीं मिलने वाला तो आप यू राइट ऑल दिस तो आई हैव सीन चिल्ड्रन जो बहुत ही वेल ऑफ फैमिली से हैं वो 11 12थ स्टैंडर्ड में जाके सोशल सर्विस जरूर करते हैं जो दोज हु वांट टू स्टडी अब्रॉड क्योंकि यहां पे आप आप अगर 60 टू 90 पर आइल में हो तो आप उसी पे हो चाहे आप 65 पर लेके आओ आप 85 पर लेके आओ उसी पे हो दे वांट टू स्टडी अब्रॉड राइट तो उसके लिए यह प्रोफाइलिंग करते हैं तो दे मस्ट बी दिस इन यूपीएससी आल्सो दस पीपल हु टेल यू कि कैसे आप इन लूप होल्स का फायदा उठा सकते हैं यह किसी इंस्टीट्यूशन को बताने की जरूरत नहीं पड़ती है बच्चों के आपस में ग्रुप्स बने हुए हैं उन सबको आपस में आइडिया हो जाता है जो सीनियर्स है वो जूनियर्स को बता कम्युनिटीज के ग्रुप्स बने होते हैं आपस में हां एक कास्ट ग्रुप है हम उसमें एक एजेंसी एक संस्था है जो अपने समुदाय के बच्चों को बता रही है कि ऐसे ऐसे करना है हम तो ये चीजें जस्ट सेक्स एजुकेशन कोई देता नहीं फॉर्मली लोगों को मिल जाती है तो ठीक वैसे ही ये सब चीजें पता लग जाती है मेरी जमाने में आई स्टिल रिमेंबर आई वाज सीइंग वन ऑफ योर इंटरव्यूज तो आपने कहा था कि वो आप एमए के एग्जाम में हिंदू कॉलेज में एनरोल हुए थे तो आई आल्सो अप्लाइड फॉर एमए वेटिंग फॉर माय रिजल्ट्स फॉर जर्नलिज्म टू कम आउट तो उस टाइम मेरे साथ भी वही हुआ जो आपके साथ हुआ कि सब बच्चे ले रहे थे यूपीएससी एग्जाम सब लोग ले रहे हैं और हर कम्युनिटी के उस टाइम अलग ग्रुप था यूपी वालों का एक अलग ग्रुप था हरियाणा का एक ग्रुप था एंड वो लोग सब किताबें एक्सचेंज कर रहे थे एंड आई वाज लाइक वेर विल आई गो ये तो इनफॉर्मल स्ट्रक्चर है फॉर्मली भी बहुत सारे कॉलेजेस में कुछ स्कॉलरशिप्स होती थी जैसे ये स्कॉलरशिप राजपूत बच्चे को मिलेगी ये स्कॉलरशिप ब्राह्मण बच्चे को मिलेगी क्योंकि देने वाला उसकी कंडीशन है कि हमारी कम्युनिटी में मिलनी चाहिए तो ये उस समय देख इलीगल मतलब ऐसे कम्युनिटी के इलीगल शायद इसलिए नहीं है कि वो प्राइवेट फेलोशिप है एंड प्राइवेट फेलोशिप मे बी दे कैन प्रोवाइड टू समवन फ्रॉम देर कम्युनिटी आई डोंट थिंक दिस इ इलीगल हा सरकार करे तो इलीगल है