अगर आप [संगीत] स्टोरी अ दानी इज द स्टोरी ऑफ द वर्ल्ड इंडस्ट्रियलिस्ट हु हैज बीन फेवर्ड बाय मिस्टर मोदी द दानी स्कंडल इज अ वेकअप कॉल टू द इंडियन गवर्नमेंट दैट वी नीड अ कंप्लीट ओवर हॉल ऑफ आवर रेगुलेटरी [संगीत] सिस्टम अपने हम भारतीयों के खिलाफ भेदभाव के बहुत सारे इंसीडेंट्स देखे होंगे आपने विटनेस भी किया होगा भले ही हम कितना भी सक्सेसफुल क्यों ना हो जाए हमारे पास कितना भी टैलेंट क्यों ना हो वेस्टर्न कंट्रीज हमें नीचा दिखाने की पूरी कोशिश करते हैं और कोई भी मौका नहीं छड़ते हैं उन्हें हजम नहीं होता है कि कोई बिना गोड़ी चमड़ी वाला कैसे हमसे आगे निकल जा रहा है वो कैसे हमें बीट कर दे रहा है अब अगर आप खुद को सबसे ऊपर रखना चाहते हैं तो उसके लिए दो रास्ते होते हैं या तो आप खुद इतना मेहनत करो कि आपसे कोई आगे ना निकल पाए या फिर जो आपके सामने में जो आपके बराबरी का है जो आपसे कंपीट कर रहा है उसको नीचे गिरा दो और आप लोगों को क्या लगता है अमेरिका और वेस्टर्न कंट्रीज जो हमें न्यूक्लियर पावर नहीं बनने देना चाहते थे लेकिन खुद न्यूक्लियर पावर्ड थे वो कौन सा रास्ता अपनाएंगे जाहिर सी बात है सेकंड वाला रास्ता इजी वाला रास्ता सामने वाले को नीचे गिराने वाला रास्ता अब यहां से जो मैं बोलने वाला हूं उसका हर एक बात आपको एक-एक करके अच्छे से समझ में आएगा और क्लियर समझ में आएगा हमारा प्यारा भारत देश अगर विश्व गुरु बनता है तो उससे सबसे ज्यादा प्रॉब्लम किसको होगा जो अभी विश्व गुरु है उसे राइट हमारे देश का नेता सबसे ज्यादा फेमस होगा तो उससे सबसे ज्यादा दिक्कत किसको होगी जो पहले से फेमस है उसे हमारे देश का बिजनेसमैन अगर सबसे ज्यादा अमीर बनता है तो उससे सबसे ज्यादा नुकसान किसको होगा सबसे ज्यादा तकलीफ किसको होगी जो पहले अमीर बिजनेसमैन है उसको राइट जिन्होंने कल हम पे राज किया था हमें गुलाम बनाया था आज अगर हमारे लोग उन्हें अपना गुलाम बना ले रहे हैं उनको अपने अंदर काम करवा रहे हैं तो क्या वो इस चीज को बर्दाश्त कर पाएंगे मेरे हिसाब से तो मुझे नहीं लगता है फाइनेंशियल टाइम्स एक ब्रिटिश न्यूज़पेपर है जो ऑनलाइन और ऑफलाइन न्यूज़ पब्लिश करता है अब किसी भी न्यूज़पेपर को पैसे चाहिए ताकि वह अपनी न्यूज़ एजेंसी को सही तरीके से चला सके फाइनेंशियल टाइम्स को पैसे देता है जॉर्ज सोरस और इस जॉर्ज सोरस ने हजारों करोड़ रुपए भारत में सिर्फ इस इसलिए खर्च किए हैं ताकि वह मोदी को गद्दी से हटा सके अब यह फाइनेंशियल टाइम्स ने पिछले साल अडानी पे एक डॉक्यूमेंट्री निकाला था और उस डॉक्यूमेंट्री में इसने जो चीजें दिखाई थी उसको मैं आपको एक-एक पॉइंट करके बताता हूं और फिर उसके ऊपर हम लोग बात करेंगे सबसे पहला हिंडन बर्ग रिपोर्ट ने अडानी को मार्केट मैनिपुलेशन करने का इल्जाम लगाया जिसके कारण अडानी को 100 बिलियन डॉलर्स का लॉस हुआ दूसरा आपको इंडिया में इन्वेस्ट करने से पहले सोचना चाहिए क्योंकि यहां ठीक से इन्वेस्टिगेशन नहीं होता है इसलिए आपका जो पैसा है व डूब सकता है है तीसरा मोदी अडानी की हेल्प करता है इसलिए अडानी अपना बिजनेस चला पा रहा है और इतना ग्रो हो रहा है चौथा बहुत सारे इंडियन जर्नलिस्ट ने भी अड़ने के ऊपर सवाल उठाया है और पांचवां यह महुआ मोइत्रा जैसे लोगों के स्टेटमेंट्स को बेस बनाते हैं और डॉक्यूमेंट्री बनाते हैं तो चलिए इस डॉक्यूमेंट्री में जो कुछ भी फाइनेंशियल टाइम्स ने कहा है उसको एक-एक करके देखते हैं सबसे पहला हिंडन बर्ग ने जो इल्जाम लगाया वो सब कुछ फेक निकले और इसका इस्तेमाल उन्होंने शॉर्ट सेलिंग करके ढेर सारा प्रॉफिट बनाने के लिए किया सेबी और सुप्रीम कोर्ट ने अडानी को क्लीन शट दिया मतलब सारे आरोप सिर्फ खुद के फायदे के लिए थे और अडानी को नीचे गिराने के लिए था इन लोगों ने हिंडन बर्ग से एक रिपोर्ट पब्लिश करवाया जिसमें हिंडन बर्ग ने बहुत सारे एलिगेशंस लगाए अडानी के ऊपर कि अडानी मार्केट मैनिपुलेशन करता है और इस कारण से हुआ ये कि अडानी के स्टॉक्स नीचे गिरने शुरू हो गए और इनको ये चीज पहले से पता था इसलिए इन्होंने अपने क्लाइंट्स को पहले ही बता दिया था कि हमारे रिपोर्ट पब्लिश होने के पहले ही आप अपने जो अडानी के शेयर्स है उसको बेच देना और उसके बाद जैसे ही अडानी के शेयर्स नीचे गिरेंगे तो आप खरीद लेना क्योंकि वापस उसके बाद अडानी के जो शेयर्स हैं वो ऊपर आएंगे और यही सेम चीज होता भी है हिंडन बर्ग का रिपोर्ट पब्लिश होने के बाद अडानी के स्टॉक्स नीचे गिरते हैं फिर उन शेयर्स की शॉर्ट सेलिंग करके बहुत मोटी रकम बनाई जाती है और इसके कारण अडानी को तो लॉश होता ही है हमारे देश के अंदर जो स्टॉक मार्केट में लोग इन्वेस्ट करते हैं उनको भी बहुत भारी रकम चुकानी पड़ती है तो कुछ इस तरह से हिंडन बग ने फेक रिपोर्ट पब्लिश करके अडानी को नीचे गिराने की कोशिश की और अपना फायदा किया और अब आते हैं हमारे दूसरे पॉइंट पे हिन बग और फाइनेंशियल टाइम्स ने इंडिया को एक स्कैम मार्केट वाला कंट्री दिखाया जहां के स्टॉक मार्केट में लोगों को अपना पैसा इन्वेस्ट नहीं करना चाहिए और ऐसा नहीं है कि फाइनेंशियल टाइम्स ने यह बातें पहली बार कही है या ऐसी चीजें उन्होंने पहली बार की है इनकी बहुत लंबी लिस्ट है और इसको मैं आपको आगे बताऊंगा तो फाइनेंशियल टाइम्स ने एक ऐसा नैरेटिव बनाया कि इंडिया के स्टॉक मार्केट के अंदर बहुत ज्यादा मैनिपुलेशन होता है इंडिया के जो स्टॉक मार्केट है उसमें ढंग से इन्वेस्टिगेशन नहीं होता है और इसलिए जो बाहर के लोग हैं आपको अपना पैसा इंडियन स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट नहीं करना चाहिए क्योंकि आपके पैसे डूब सकते हैं और इसके कारण हुआ यह कि हमारा जो स्टॉक मार्केट है हमारे देश का स्टॉक मार्केट उसमें बाहर के जो इ वेस्टर्स थे उन्होंने अपने पैसे निकालने शुरू किए जिसके कारण हमारे देश को तो नुकसान हुआ ही साथ में जो हमारे बिजनेसमैन थे जिनके स्टॉक्स थे उनको भी नुकसान हुआ और इस तरीके से फाइनेंशियल टाइम्स ने इंडिया को नीचे गिराने की पूरी कोशिश की पूरी कोशिश की कि हमारा जो इंडियन इकॉनमी है उसको डगमगा दे उसको बहुत सारा लॉस पहुंचाए और इन सब का बेस क्या था इन सब का बेस था फेक एलिगेशंस सेवी जो कि ऐसे मामलों की छानबीन करती उन्होंने जब छानबीन किया तो उनको ऐसा कुछ भी नहीं मिला और इस कारण से जो रिपोर्ट था इसको एकदम बेबुनियाद बताया गया था सबको पता चल गया था बाद में कि ये रिपोर्ट सिर्फ और सिर्फ इसलिए पब्लिश किया गया था ताकि इंडिया के इमेज को खराब किया जाए हमारे स्टॉक मार्केट को मैनिपुलेट किया जाए और अडानी को नीचे गिराया जाए ताकि अडानी को बहुत भारी नुकसान पहुंचे और यह जो सबसे अमीर व्यक्ति बनने वाली जो रेस है इसमें अडानी और पीछे हो जाए और इनकी कंट्री के जो बिलियनर्स हैं इनकी कंट्री के जो बिजनेसमैन है वो अडानी से हमेशा आगे रहे इन्होंने तीसरा पॉइंट ये बताया कि मोदी अडानी की हेल्प करता है और मोदी के अडानी की हेल्प करने के कारण ही अडानी इतना अमीर बन पाया है जबकि इसकी असलियत यह है कि कांग्रेस भी अडानी की हेल्प करता है और जब कांग्रेस की गवर्नमेंट थी उस समय पर में भी अडानी का अच्छा खासा ग्रोथ हो रहा था इनफैक्ट बहुत सारी चीजों में तो मोदी गवर्नमेंट से ज्यादा जो ग्रोथ था वो कांग्रेस की गवर्नमेंट में अडानी का हुआ था इसके साथ-साथ जो कांग्रेस की गवर्नमेंट है वो खुद अडानी के कर्ज के तले दबी हुई है राजस्थान में जब कांग्रेस की गवर्नमेंट थी तो उनके ऊपर अडानी का कर्ज था अडानी को उनको हजारों करोड़ रुपए देने थे क्यों क्योंकि जो इलेक्ट्रिसिटी उन्होंने अडानी से खरीदा था उसका पेमेंट उन्होंने नहीं किया था इसके साथ-साथ जहां पे भी कांग्रेस गवर्न स्टेट है वहां पे वो लोग अडानी के साथ काम करते हैं उनके बहुत बड़े-बड़े कांट्रैक्ट्स हैं उनके साथ मिलकर वो काम करते हैं लेकिन वो लोग पब्लिकली ये कभी नहीं कहते कि हम लोग भी अडानी के साथ काम कर रहे हैं सिर्फ और सिर्फ वो लोग एलिगेशन लगाते हैं मोदी के ऊपर चौथे पॉइंट में ये लोग बहुत सारे जर्नलिस्ट के बारे में बताते हैं कि बहुत सारे इंडिया के जर्नलिस्ट है जिन्होंने अडानी के इस चीज के ऊपर सवाल उठाया था और इसलिए ये जो अडानी है वो स्कैम कर रहा है लोगों के साथ अब ये जिन जर्नलिस्ट की बात कर रहे हैं जिन न्यूज़ पोर्टल्स की ये फाइनेंशियल टाइम्स वाले बात कर रहे हैं वो न्यूज़ पोर्टल्स वो जर्नलिस्ट खुद पैसे लेते हैं कांग्रेस से और उनसे पैसे लेके उनके कहे के मुताबिक आर्टिकल्स छापते हैं को ऐसा एक भी आर्टिकल इनके पोर्टल पे नहीं मिल जाएगा इनके द्वारा कवरेज किया हुआ न्यूज़ आर्टिकल नहीं मिल जाएगा जिसमें ये लोग कांग्रेस के अगेंस्ट बात कर रहे हैं या अपोजिशन के अगेंस्ट में बात कर रहे हैं ये लोग सिर्फ अगेंस्ट में बात करते हैं करंट रूलिंग गवर्नमेंट के आपको एक पैटर्न नजर आएगा कि ये लोग सिलेक्टिवली उसी न्यूज़ को कवर करते हैं जो एंटी बीजेपी हो या फिर एंटी मोदी हो या एंटी हिंदू हो ये जो जर्नलिस्ट है इनके बहुत सारे कनेक्शंस आपको निकल के आ जाएंगे जो कि अपोजिशन पार्टी के मिनिस्टर्स हैं उनके साथ उनके साथ उठना बैठना होता है इनका उनके साथ घूमना फिरना होता है इनका और उनका ही इन्फ्लुएंस होता है और इसलिए ये उनके कहने के मुताबिक ही जिस तरीके से अपोजिशन बात करती है उनका लैंग्वेज आपको इनके न्यू न्यूज़ आर्टिकल्स में दिखाई पड़ जाएगा पांचवें पॉइंट में ये लोग महुआ मोइत्रा को लेकर आते हैं और महुआ मोइत्रा के स्टेटमेंट्स को बेस बनाकर बताते हैं बताइए यह वही महुआ मोइत्रा है जिन्होंने गिफ्ट्स लिए थे एक बिजनेसमैन से और इस गिफ्ट के बदले उन्होंने अडानी को टारगेट किया था और उस बिजनेसमैन को इन्होंने अपने पार्लियामेंट लॉग इन डिटेल जो होते हैं वो शेयर किए थे जो कि नियम कानून के एकदम सख्त खिलाफ है और इस चीज के कारण महुआ महित्रा को बाहर का रास्ता दिखाया गया था पार्लियामेंट से और गिफ्ट के बदले में महुआ मोहिता ने जो अडानी को अटैक किया था इसकी जो पुष्टि है वो खुद गिफ्ट देने वाले व्यक्ति ने की थी तो इस बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि महुआ महित्रा ने जो चीजें कही है उसकी जो क्रेडिबिलिटी है वो कितनी होगी ये जो सारे पॉइंट्स मैंने आपको बताए इसके ऊपर हमने पहले भी वीडियो बनाया है एकदम डिटेल में वीडियो बनाया है अगर आप लोग चाहो तो उसको चेक आउट कर सकते हो अब आते हैं फाइनेंशियल टाइम्स के ऊपर फाइनेंशियल टाइम्स शुरुआत से ही एंटी इंडिया रहा है इनके कुछ एग्जांपल्स मैं आपके साथ शेयर करता हूं फाइनेंशियल टाइम्स ने 2019 में हमारा फ्लैग को टूटा हुआ दिखाया था कोरोना के टाइम पे फाइनेंशियल टाइम्स ने हमारे स्वदेशी वैक्सीन को नीचा दिखाया और फेक न्यूज़ फैला आया था फाइनेंशियल टाइम्स आतंकवादियों के सपोर्ट में न्यूज़ छाप आता है और हमारे देश के ऊपर ब्लेम डाल देता है फाइनेंशियल टाइम्स स्क्वाड ग्रुप में इंडिया को सबसे ज्यादा कमजोर दिखाता है फाइनेंशियल टाइम्स इसरो के अचीवमेंट को भी नीचा दिखाने की कोशिश करता है और ऐसे कई सारे इंसीडेंट्स हैं जब फाइनेंशियल टाइम्स ने हमारे देश को नीचा दिखाने की कोशिश की है और इस डॉक्यूमेंट्री से भी फाइनेंशियल टाइम्स ने यह नैरेटिव फैलाया कि लोगों को इंडियन स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट नहीं करना चाहिए ताकि इंडियन इकॉनमी को लॉस हो अडानी पे झूठे इल्जाम लगाकर फेक न्यूज़ फैलाया गया फेक नैरेटिव फैलाया गया कि अडानी मार्केट मैनिपुलेशन करता है जबकि अडानी को इनके फेक न्यूज़ से जो लॉस हुआ था उसको अडानी ने कपका रिकवर कर लिया है तो मैंने स्टार्टिंग में आपको जो कहा था कि यह लोग हजम नहीं कर पाते हैं कि बिना गोड़ी चमरे वाली ये जो लोग है वो हमें कैसे बीट कर रहे हैं हमसे कैसे आगे निकल जा रहे हैं तो ये सभी जो एक्शंस है ना ये इसी चीज का नतीजा है कुछ भी करके बस हमारे देश को हमारे देश के बिजनेसमैन को ये लोग नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं नीचे गिराने की कोशिश करते हैं और इस प्रोपेगेंडा में हमारा देश के बिकाऊ जर्नलिस्ट और नेता भी साथ दे देते हैं यहां पे ये देखिए कि ये कितनी कमाल की बात है कि सारी कंट्री अपने देश के बिजनेसमैन की हेल्प करती है लेकिन हमारे देश में कुछ लोग और कुछ बिकाऊ जर्नलिस्ट अपने देश को और अपने देश के बिजनेसमैन को नीचा गिराने की कोशिश करते हैं शायद इसीलिए लेट सीडीओ जनरल विपिन रावत सर ने कहा था कि हमें 2.5 फ्रंट वॉर के लिए रेडी रहना चाहिए बाकी इस फाइनेंशियल टाइम्स के डॉक्यूमेंट्री के बारे में आप लोग क्या सोचते हैं और वेस्टर्न कंट्रीज जो हमारे देश को हमेशा नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं यूरोप के लोग यह बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं कि एक इंडियन हमसे आगे कैसे निकल रहा है और नीचा दिखाने की हर एक प्रयास करते हैं इसके ऊपर आप अपना ओपिनियन कमेंट करके जरूर बताइएगा और हो सके तो लोगों के साथ शेयर भी करें ताकि उनको भी पता चले कि अमेरिका और यूरोप के जो लोग हैं वह हमारे देश को लगातार टारगेट क्यों करते रहते हैं