व्हाट्स अप एवरीवन वेलकम बैक टू द चैनल गाइज आज से हम लोग शुरू करने जा रहे हैं हमारी इकोनॉमिक्स बिज़नेस स्टडीज कल थर्सडे था बट कल छुट्टी थी ईद की वजह से तो हम इस वीक नहीं स्टार्ट कर पाए आने वाले वीक में हम लोग बिज़नेस स्टडी स्टार्ट करेंगे और बहुत अच्छे तरीके से आपको बीएसटी भी मैं कवर कराऊंगा आज का यह वीडियो बहुत बेसिक रहने वाला है छोटा सा वीडियो होगा क्योंकि आप लोग पहली बार इस तरीके की इकोनॉमिक्स पढ़ने वाले हो तो आज मैं सिर्फ एक इंट्रोडक्शन रखूंगा कि क्या किस तरीके से क्यों पढ़ते हैं क्या-क्या अपॉर्चुनिटी है इकोनॉमिक्स में आगे वो सब डिस्कस करेंगे और बहुत अच्छे तरीके से आपके चैप्टर को शुरू करेंगे तो चलिए जल्दी से शुरू करते हैं हम लोग इकोनॉमिक्स को और मैं वादा करता हूं आप सबसे आपकी इकोनॉमिक्स में फुल मार्क्स लाने की रिस्पांसिबिलिटी मेरी है चलिए जल्दी से लेट्स [संगीत] [संगीत] बिगन तो शुरू करते हैं बेटा जी देखो हमारे पास चैप्टर नंबर वन इंट्रोडक्शन टू माइक्रो इकोनॉमिक्स अब सबसे पहले तो यह समझ लो बच्चे कि हमारे पास इकोनॉमिक्स की दो ब्रांचेस होती हैं एक होता है माइक्रो इकोनॉमिक्स एक होता है मैक्रो इकोनॉमिक्स उस पे भी जाने से पहले यह इकोनॉमिक्स कहां से आया राइट तो सबसे पहले हम देखते हैं सर व्हाट इज एन इकॉनमी एक इकॉनमी क्या होता है तो देखो जैसे हम लोग इंडिया में रहते हैं तो हम लोग लोग बोलते हैं इंडियन इकॉनमी कोई चाइना में रहता है तो चाइनीज इकॉनमी कोई ऑस्ट्रेलिया में रहता है तो ऑस्ट्रेलियन इकॉनमी पाकिस्तान में रहता है तो पाकिस्तानी इकॉनमी है ना तो इकॉनमी का मतलब होता है कि एक पूरा का पूरा कल्चर एक पूरा का पूरा इकोसिस्टम जिसके अंदर सब लोग आ जाते हैं सारे रिसोर्सेस आ जाते हैं सारे बिजनेसेस आ जाते हैं सारे प्रोफेशनल्स आ जाते हैं सभी लोग आ जाते हैं किस तरीके से वो लेनदेन करते हैं किस तरीके से वो ट्रांजैक्शंस करते हैं किस तरीके से डिमांड पे इंपैक्ट आता है सप्लाई पे इंपैक्ट आता है प्रोडक्शन पे इंपैक्ट आता है खर्चा कॉस्ट ऑफ प्रोडक्शन मार्केट किस तरीके से काम करता है जब हम इन सबको जोड़ देते हैं तो इकॉनमी बनता है बेटा तो क्या है इकॉनमी देखो क्या लिखा हुआ है यू हैव ऑब्जर्व्ड मेनी एक्टिविटीज हैपनिंग अराउंड अस इन आवर डेली लाइफ जैसे फैक्ट्रीज माइंस शॉप पैसा कमाते हैं प्रोडक्शन करते हैं सर्विसेस देते हैं तो इकॉनमी बेसिकली एक सिस्टम है व्हिच प्रोवाइड्स पीपल द मींस टू वर्क एंड अर्न अ लिविंग इकॉनमी एक अरेंजमेंट है एक सिस्टम है एक स्पेस है जहां पे लोगों को क्या मिलता है काम मिलता है जॉब्स की फॉर्म में काम मिलता है बिजनेसेस की फॉर्म में इकॉनमी में बहुत सारे लोग एज अ कंज्यूमर आते हैं इकॉनमी में बहुत सारे लोग एज अ प्रोड्यूसर आते हैं तो सब लोग मिलजुल के एक इकॉनमी को ऑपरेट करते हैं तो इकॉनमी इज अ सिस्टम व्हिच प्रोवाइड्स पीपल द मींस टू वर्क काम करने के साधन और पैसा कमाने के साधन इसके बाद आता है बच्चों अब इकॉनमी में कौन-कौन सी सबसे इंपॉर्टेंट एक्टिविटीज होती है तो देखो एक इकॉनमी में सबसे इंपॉर्टेंट एक्टिविटी होती है प्रोडक्शन देखो अगर आपको पढ़ना है तो पढ़ाने वाला चाहिए प्रोडक्शन ऑफ सर्विसेस आपको कोई सामान चाहिए मुझे शर्ट चाहिए तो शर्ट बनाने वाला चाहिए ये माइक चाहिए तो माइक बनाने वाला चाहिए कुछ भी हो प्रोड्यूसर बहुत इंपॉर्टेंट है इकॉनमी के लिए सबसे इंपॉर्टेंट एलिमेंट होता है प्रोडक्शन किसी भी चीज का प्रोडक्शन सारे गुड्स सारे सर्विसेस इसी तरीके से चलेगा अब सिर्फ बनाने वाले हो कोई खरीदने वाला ना हो फिर खरीदने वाले भी चाहिए तो प्रोडक्शन के बाद दूसरे नंबर पे आता है कंजमेट्स भी तो चाहिए ना जो इस वीडियो को देखें कि हां भैया 11थ में बच्चे आएंगे इकोनॉमिक्स पढ़ेंगे तो मैं बेस्ट पढ़ाऊंगा अपनी तरफ से बहुत अच्छा दूंगा प्रोडक्शन तो हो गया कंज्यूम करने वाले भी तो चाहिए बच्चे को भी तो लगे हां यार यह सर बेस्ट है यह टीचर हमारे बढ़िया हैं इनके साथ पढ़ने में मजा आता है एक अपना हाउस वाली फीलिंग आती है कि यार हमारे कोई अपना है है ना तो प्रोडक्शन कंसंट तीसरा होता है बच्चों इन्वेस्टमेंट बिना पैसे के कैसे काम चलेगा इकॉनमी में अगर इन्वेस्टमेंट नहीं होगा हॉस्पिटल पे रोड्स पे डम्स पे फ्लाई ओवर्स पे ब्रिजे पे स्कूल्स पे कॉलेजेस पे बिजनेसेस में एट्स एटस एटस कैसे फिर इकॉनमी ग्रो करेगी तो सबसे पहले प्रोडक्शन चाहिए कंजमेट मेंट चाहिए उसके बाद फोर्थ में हमारे पास क्या आ जाता है ये सबका सम इन सब को जोड़ दो यानी तीन ही मेन चीजें हैं उन सबको जोड़ दोगे तो इकॉनमी बन जाएगी तो क्या लिखा है दीज इकोनॉमिक एक्टिविटीज आर नोन एज सेंशियल्स और द वाइटल प्रोसेस ऑफ एन इकॉनमी समझे इकॉनमी क्या है इकॉनमी में कौन-कौन से इंपोर्टेंट एलिमेंट्स हैं कंजंक्शन कैपिटल फॉर्मेशन ठीक है अब हम इकोनॉमिक्स पढ़ क्यों रहे हैं व्हाई आर वी स्टडिंग इकोनॉमिक्स क्यों पढ़ रहे हैं देखो मैंने बहुत सारी यहां पे एग्जांपल्स लिखे हुए हैं और इन सब एग्जाम पल्स का एक ही क्रक्स है हम इकोनॉमिक्स क्यों पढ़ते हैं बिकॉज ऑफ स्कर सिटी सर व्हाट इज स्कर्स स्कर्स का मतलब होता है बेटा कमी सर कमी किस चीज की है हर चीज की कमी है बेटा जी हमारे पास सारे ही रिसोर्सेस लिमिटेड है और जो वांट्स है वो अनलिमिटेड है जैसे फॉर एग्जांपल मैं बोलता हूं कि आप चिंटू हो आपका बर्थडे है ठीक है अब आपका बर्थडे है आपने अपने पापा को बोला कि यार मुझे ना पार्टी देनी है फ्रेंड्स को मुझे कपड़े भी लेने हैं मुझे शूज भी लेने हैं मुझे नया स्कूल बैग भी लेना था मैंने सोचा था कि मैं अपने बर्थडे पर नई साइकिल लूंगा स्पोर्ट्स साइकिल मजेदार या फिर मैं कोई स्कूटी लूंगा है ना या फिर कोई मोबाइल फोन लूंगा आपके पास बहुत सारी चीजें हैं आपके डिमांड बहुत सारी हैं लेकिन आपके पापा के पास जो रिसोर्स हैं जो पैसे हैं शायद इस टाइम पर लिमिटेड हो है ना अंबानी को भी एक बार को सोचना पड़ता होगा कि यार इतना सब कुछ करोड़ों का सामान खरीदना है अभी रुक जा यार पैसे इतने ही है तो रिसोर्सेस आर लिमिट टेड हमारे पास जो पैसा है वो लिमिटेड है और जो ह्यूमन की वांट्स है जो हमारी जरूरतें हैं मुझे यह भी चाहिए ये भी चाहिए ये भी चाहिए ये भी चाहिए अनलिमिटेड है तो अब हमें क्या करना पड़ता है हमें सेलेक्ट करना पड़ता है कि हमारे लिमिटेड रिसोर्स के साथ कौन सी चीज हमें अनलिमिटेड बेनिफिट देगी या क्या ऐसी चीज है जो मैं कम से कम खर्चे में ज्यादा से ज्यादा सेटिस्फैक्ट्रिली या अगले बर्थडे पे मैं एक्टिवा लूंगा या अगले बर्थडे पे मैं कुछ भी ड़ी लूंगा कुछ भी तो मुझे अपने लिमिटेड रिसोर्सेस के साथ ही सेटिस्फैक्ट्रिली रिसोर्सेस के साथ अनलिमिटेड वांट्स को सेटिस्फाई करें और हमें अच्छा भी लगे सही है तो देखो क्या लिखा हुआ है वी गो टू सिनेमा हॉल टू वच अ मूवी और गो टू अ रेस्टोरेंट टू ईट स्कूल टू गेट एजुकेटेड और टू अर्न अ लिविंग इट मींस एवरी एक्टिविटीज कंडक्टेड फॉर अ स्पेसिफिक रीज़न इकोनॉमिक्स इज स्टडीड बिकॉज़ इट इनेबल्स अस अंडरस्टैंड डिफरेंट एस्पेक्ट्स ऑफ द इकॉनमी आप इकोनॉमिक्स पढ़ते हो क्योंकि आपको समझ में आता है कि कौन सी चीज आप क्यों कर रहे हो राइट उसके बाद देखो द मेन रीजन फॉर स्टडी ऑफ इकोनॉमिक्स इज स्कर्स स्कर्स क्या है कमी है क्योंकि ह्यूमन वांट्स अनलिमिटेड है और रिसोर्सेस लिमिटेड है सो देयर इज ऑलवेज अ नीड टू एलोकेट द रिसोर्सेस हमें रिसोर्सेस को इस तरीके से लगाना है कि बेस्ट पॉसिबल वे में हम अपने रिसोर्सेस को यूज़ कर पाए समझ गए अब देखो स्कर सिटी क्या है इट रेफर्स टू द लिमिटेशन ऑफ सप्लाई इन रिलेशन टू डिमांड डिमांड बहुत ज्यादा है सप्लाई बहुत कम है डिमांड का मतलब लोगों की लोग मांग बहुत कुछ रहे हैं लेकिन अवेलेबिलिटी बहुत कम है उसके बाद इट रेफर्स टू अ सिचुएशन व्हेन वांट्स एक्सीड्स द रिसोर्सेस इच्छाएं बहुत ज्यादा है रिसोर्सेस बहुत कम है स्कार्सिटी कॉल्स फॉर इकॉनमाइजिंग ऑफ रिसोर्सेस इकॉनमाइजिंग का मतलब बेस्ट वे में यूटिलाइज करना इकॉनमाइजिंग रेफर्स टू मेकिंग ऑप्टिमम यूज़ ऑफ अवेलेबल रिसोर्सेस तो स्कार्सिटी अगर आएगा तो आपको यही लिख के बेसिक समझ में आ र है इकॉनमी क्या इकोनॉमिक्स क्या क्यों पढ़ रहे हैं व्हाट इज स्कर सिटी है ना सारी चीजें एकदम बेसिक के साथ चलेंगे बच्चों अब आ रहा है इकोनॉमिक प्रॉब्लम सर इकोनॉमिक प्रॉब्लम क्या है बच्चों इकोनॉमिक प्रॉब्लम एक ही है कि मेरे पास पैसा लिमिटेड है और मुझे चाहिए सब कुछ तो मुझे अभी मेरे पैसे में क्या आ जाएगा बेस्ट वे में मुझे किससे सबसे ज्यादा खुशी मिलेगी वो सेलेक्ट करना है वही इकोनॉमिक प्रॉब्लम है क्या है सर इकोनॉमिक प्रॉब्लम इकोनॉमिक प्रॉब्लम इज अ प्रॉब्लम ऑफ चॉइस इवॉल्विंग सेटिस्फैक्ट्रिली है लेकिन उस रिसोर्स के अल्टरनेटिव यूज हो सकते हैं अलग-अलग यूसेज जरूर हो सकता है अगर मैं एक बिजनेसमैन हूं मुझे देखना है यार रॉ मटेरियल लाना है रॉ मटेरियल 10 तरीके का है मुझे देखना है ना कि मेरी कितनी अफॉर्डेबिलिटी है मेरे लिए क्या बेस्ट है गाड़ियां 600 तरीके की है मुझे देखना है कि मेरे लिए क्या बेस्ट है मेरे रिसोर्सेस में क्या आ जाएगा तो यही तो इकोनॉमिक प्रॉब्लम है द प्रॉब्लम ऑफ चॉइस ठीक है इसके बाद क्या आता है हमारे पास बस रीजंस फॉर इकोनॉमिक प्रॉब्लम मुझे सर चॉइस करनी ही क्यों पड़ रही है मैं क्यों चूज करूं मैं तो सब कुछ खरीदना चाहता हूं क्या मैं सब कुछ खरीद सकता हूं द आंसर इज नो सर क्यों क्योंकि स्कर्स है ना हमारे पास रिसोर्सेस है ही लिमिटेड अंबानी भी सोचता है कि भैया यह चीज लू या ना लू उसके वैसे ही खर्चे तो इसीलिए हम बोलते हैं सबसे पहले इकोनॉमिक प्रॉब्लम क्यों होती है क्योंकि स्कर्स है कमी है दूसरा बच्चों अनलिमिटेड ह्यूमन वांड्स हम सब सबके वांट्स अनलिमिटेड हैं हम कभी सेटिस्फाई नहीं हो सकते हम एक चीज पूरी करते हैं फिर दूसरे के पीछे चल पड़ते हैं दूसरी पूरी करते हैं फिर तीसरे के पीछे चल पड़ते हैं आवर ह्यूमन वांट्स आर नेवर एंडिंग कभी खत्म हो ही नहीं सकती उसके बाद क्या आ रहा है अल्टरनेटिव यूसेज हर चीज के अल्टरनेटिव यूज हैं जैसे पेट्रोल देखो व्हीकल्स में भी चलेगा मशीनस में भी चलेगा जनरेटर में भी चलेगा तो हमें देखना होता है कि हमारे लिए क्या बेस्ट है क्या हमारे लिए बढ़िया है तो इकोनॉमिक प्रॉब्लम क्यों आती है क्योंकि स्कर्स है अनलिमिटेड ह्यूमन वांट्स हैं और हर चीज अल्टरनेटिव यूसेज हैं नोट्स के आप बच्चे स्क्रीनशॉट लेते चलना ठीक है डन सर इसके बाद अब आ गया बच्चों हमारे पास इकोनॉमिक्स इकोनॉमिक्स क्या है इकोनॉमिक्स एक सोशल साइंस है सोशल साइंस का मतलब प्योर साइंस नहीं है क्योंकि इसके अंदर सारी चीजें रिजडन होती थोड़ी बहुत चेंज करनी पड़ती है साइंस में तो रिजडन ही नहीं है यहां पे अंश होते हैं तो एक सोशल साइंस है जिसमें हम स्टडी करते हैं कि सोसाइटी कैसे अपने लिमिटेड रिसोर्सेस को यूज कर रहा है अपनी अनलिमिटेड को कंप्लीट करने के लिए गुड्स और सर्विसेस बनाने के लिए और क्या-क्या चीजें कैसे-कैसे चलेंगी इसी को हम लोग इकोनॉमिक्स बोलते हैं बच्चों अब इकोनॉमिक्स के आगे दो पार्ट्स लिखे हुए हैं पॉजिटिव और नॉर्मेटिव इसको मैं अगली क्लास में कराऊंगा आपको आज बस मुझे बेसिक बेसिक कराने हैं तो मैं आपको बस ब्रांचेस पे ही आज समाप्त करूंगा ताकि आपको एक इंट्रो हो जाए है ना ब्रांच कौन-कौन सी होते हैं इकोनॉमिक्स की दो माइक्रो इकोनॉमिक्स मैक्रो इकोनॉमिक्स सर माइक्रो नाम में ही है स्मॉल मैक्रो नाम में ही है लार्ज तो अगर आप सीबीएससी बोर्ड में हो तो आपके पास माइक्रो 11थ में आती है मैक्रो 12थ में आती है अगर आप आईएससी में हो तो आप माइक्रो मैक्रो दोनों ही 12थ में पढ़ रहे हो बहुत सारे स्टेट बोर्ड्स में भी माइक्रो मैक्रो दोनों ही 12थ में चलती है तो बात एक ही है सेम सिलेबस है बस अलग-अलग बोर्ड्स ने उसको अलग-अलग डाला है किसी ने 11थ में किसी ने 12थ में माइक्रो का मतलब है जो छोटे से लेवल पे आप स्टडी करते हो मैक्रो का मतलब है जो पूरे बड़े लेवल पे आप स्टडी करते हो है ना पहले मैं माइक्रो लेवल पे पढ़ाता था एक आधा बच्चा दो बच्चे चार बच्चे आज मैं मैक्रो लेवल पर पढ़ाता हूं पूरे देश को कॉमर्स पढ़ाता हूं इनफैक्ट इंडिया से बाहर भी बच्चे पढ़ते हैं तो जब भी आप किसी चीज की स्टडी एक बहुत छोटे लेवल पर करते हो उसको माइक्रो बोलते हैं जो बहुत बड़े लेवल पे करते हो तो मैक्रो बोलते हैं ऐसे ही इकोनॉमिक्स में होता है जितनी भी चीजें आप इकोनॉमिक्स में पढ़ोगे अगर आप बहुत स्मॉल लेवल प पढ़ोगे तो वो माइक्रो होगा लार्ज लेवल प पढ़ोगे तो वो मैक्रो होगा यहां तक ही बच्चों आज रखेंगे माइक्रो मैक्रो के भी पूरा बेसिक डिफरेंस है जिसको हम डिटेल में कवर करेंगे आई गेस आप लोगों को इंट्रोडक्शन अच्छे से समझ समझ में आ गया होगा कल इसी चैप्टर का एक पार्ट और बनाऊंगा और थर्ड पार्ट में चैप्टर खत्म हो जाएगा तो बहुत जल्दी बहुत अच्छे तरीके से आपका सिलेबस एकएक छोटे से छोटा टॉपिक अच्छे एग्जांपल्स के साथ समझाऊ एक-एक चीज कवर करेंगे नोट्स बनाते चलना नोटबुक्स बना के रखना और फोड़ भाई पूरे नंबर लेके ही आएंगे ठीक है थैंक यू सो मच गाइस फॉर जॉइनिंग इन आई एम गोना सी यू ऑल वेरी सून टिल देन सीया टेक केयर बा बाय हे