नेशनलिज़्म इन इंडिया – मल्टीपरपज़ प्रोजेक्ट पर लेक्चर

Jul 9, 2024

नेशनलिज़्म इन इंडिया – मल्टीपरपज़ प्रोजेक्ट पर लेक्चर

मल्टीपरपज प्रोजेक्ट और नेशनलिज़्म

  • मल्टीपरपज प्रोजेक्ट: बांध का पानी केवल सिंचाई के लिए नहीं, बल्कि बिजली उत्पादन, कृषि के लिए नहरों में पानी की आपूर्ति, और मनोरंजन गतिविधियों के लिए भी उपयोग होता है।
  • नेशनलिज़्म: प्रभुषक्तियों के विरुद्ध एक साथ खड़े हो कर संघर्ष करना जब दूसरे लोग देश पर हावी होने लगे।

विभिन्न पर्पोसिज़ और उनकी व्यापकता

  • ग्रास इनरोलमेंट रेशो: प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और उच्च शिक्षा स्तर पर विद्यार्थियों के भर्ती होने की दर।
  • नेट अटेंडेंस रेशो: 14-15 वर्ष की उम्र के बच्चों के स्कूल जाने की दर।

नेशनलिज़्म इन इंडिया और यूरोप

  • समानता: दोनों में ही राष्ट्रवाद का उदय हुआ जिसमें लोगों ने एकजुटता दिखायी।
  • अंतर: यूरोप में स्वतंत्रता और समानता के लिए राष्ट्रवाद विकसित हुआ जबकि भारत में औपनिवेशिक प्रदर्भाव के विरोध में।

महात्मा गांधी और सत्याग्रह

  • सत्य और अहिंसा: अन्याय के विरुद्ध खड़ा होना, सत्य का साथ, अहिंसा का पालन करना।
  • प्रयोग: चंपारण, खेड़ा और अहमदाबाद में सत्याग्रह का प्रयोग।

पहला विश्व युद्ध और भारतीय स्थिति

  • अर्थव्यवस्था और राजनीति: ब्रिटिश साम्राज्य ने भारतीय संसाधनों का शोषण किया, जिससे कर और कीमतों में वृद्धि हुई।
  • परिणाम: नाराजगी, गरीबी और महामारियों के बढ़ते प्रभाव के कारण लोगों में असंतोष और एकजुटता की भावना बढ़ी।

नेशनल लेवल पर मोमेंट्स

  • रौलट एक्ट: 1919, बिना ट्रायल 2 साल तक जेल में रखने का अधिकार।
  • जलियांवाला बाग हत्याकांड: विरोध के दौरान हुई गोलीबारी में कई मारे गए।
  • खिलाफत मूवमेंट: तुर्की के खलीफा की सम्मान की रक्षा के लिए आंदोलन।
  • नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट (1920): महात्मा गांधी द्वारा ब्रिटिश शासन के विरोध में सहयोग न करने का आंदोलन।

काउंसिल इलेक्शंस और पार्टिसिपेशन

  • विभाजन: कांग्रेस पार्टी में काउंसिल इलेक्शंस के बॉयकॉट के मुद्दे पर विभाजन।
  • स्वराज पार्टी: लीडरों के दल ने काउंसिल इलेक्शंस में भाग लिया।

रिच पिजेंस और पूर पिजेंस का पार्टिसिपेशन

  • रिच पिजेंस: भूमि कर व्यवस्थित कराना छाया और कांग्रेस को समर्थन दिया।
  • पूर पिजेंस: लैंडलॉर्ड्स के खिलाफ संघर्ष।
  • अमनगर किसान सभा: पंजीकरण की भूमि अधीकरण और संरचनात्मक आंदोलन।

इंडस्ट्रियल ऑनर्स और वर्कर्स का पार्टिसिपेशन

  • इंडस्ट्रियल ऑनर्स: व्यापार के विस्तार की मांग और कांग्रेस को आर्थिक समर्थन।
  • वर्कर्स: सीमित सहभागिता, कांग्रेस और इंडस्ट्रियल ऑनर्स में विभाजन।

सिविल डिसऑबेडिएंस मूवमेंट

  • साल्ट मार्च: महात्मा गांधी द्वारा नमक कानून तोड़ने की शुरुआत।
  • महिलाओं की भागीदारी: पुरुषों के साथ आंदोलन में सक्रिय भूमिका।
  • गांधी-इरविन पैक्ट: सीमित सफलता, नेताओं की गिरफ्तारी।

कास्ट और रिलिजियस इश्यू

  • अनटचेबल्स: गांधीजी का समर्थन और महात्मा गांधी-अंबेडकर के बीच पूना पैक्ट।
  • हिंदू-मुस्लिम: कम्युनल क्लैशेस और सीपरेट इलेक्ट्रॉरेट मुद्दा।

यूनाइटेड स्ट्रगल, कल्चरल प्रोसेस और कलेक्टिव बिलॉन्गिंगनेस

  • साठगांठ: एकजुट होकर संघर्ष करना।
  • कल्चरल प्रोसेस: इमेजेस, गीत, लोककथाएं और सिंबल्स का उपयोग।
  • फ्लैग्स: स्वदेशी और स्वराज फ्लैग्स का महत्व।
  • री-इंटरप्रिटेशन ऑफ हिस्ट्री: भारतीय इतिहास की गौरव गाथाओं को पुनः विवेचन।

क्विट इंडिया मूवमेंट

  • 1942 का आंदोलन: भारत छोड़ो आंदोलन ब्रिटिश शासन को चुनौती देता था।
  • प्रमुख नेता: अरुणा आसफ अली और जयप्रकाश नारायण।