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Excretory Products and Their Processes
Aug 4, 2024
Lecture Notes on Excretory Products and their Elimination
Introduction
गुड आफ्टरनून सभी को।
आज हम नया चैप्टर पढ़ेंगे:
Excretory Products and their Elimination
।
यह चैप्टर बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे बहुत सारे अच्छे प्रश्न बनते हैं।
Excretion Overview
Excretion
: शरीर में उत्पन्न होने वाले अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने की प्रक्रिया।
अपशिष्ट पदार्थ:
अमोनिया
,
यूरिया
,
यूरिक एसिड
,
CO2
, और
पानी
।
Excretory Products
अमोनिया (NH3)
: सबसे विषैला, जल में घुलने वाला।
यूरिया (NH2CO.NH2)
: कम विषैला, पानी की कमी में बनता है।
यूरिक एसिड
: सबसे कम विषैला, कम पानी में भी निकलता है।
शरीर को इन उत्पादों को बाहर निकालने के लिए उचित तरीका अपनाना होता है।
Excretory Organs
किडनी
: मुख्य अंग जो नाइट्रोजन आधारित अपशिष्ट को बाहर निकालता है।
ब्लैडर
: यूरिन का संग्रहण।
यूरेटर
: किडनी से ब्लैडर तक यूरिन ले जाने वाला नलिका।
Chapter Focus
आज हम नेफ्रॉन की संरचना और इसमें होने वाली प्रक्रियाओं पर ध्यान देंगे।
प्रत्येक किडनी में लगभग
10 लाख
नेफ्रॉन होते हैं।
नेफ्रॉन का कार्य
: अपशिष्ट उत्पादों को फ़िल्टर करना और आवश्यक पदार्थों को पुनः अवशोषित करना।
Nephrons Structure
ग्लोमेरुलस
: रक्त के फ़िल्टर करने वाला भाग।
बोमन कैप्सूल
: फ़िल्टर्ड पदार्थों को संग्रहित करता है।
प्रॉक्सिमल कन्भॉल्यूटेड ट्यूब्यूल (PCT)
: यहाँ से अधिकांश पानी और पोषक तत्व पुनः अवशोषित होते हैं।
लूप ऑफ हेनले
: पानी का अवशोषण और सोडियम का संतुलन बनाता है।
डिस्टल कन्भॉल्यूटेड ट्यूब्यूल (DCT)
: यहाँ पर भी सोडियम का पुनः अवशोषण होता है।
Urine Formation Process
फिल्ट्रेशन
: रक्त से अपशिष्ट का फ़िल्टर होना।
रीएब्जॉर्प्शन
: आवश्यक पदार्थों का पुनः अवशोषण।
सेक्रेशन
: अतिरिक्त अपशिष्ट का यूरिन में डाला जाना।
Counter Current Mechanism
काउंटर करंट मेकैनिज्म
: यह सुनिश्चित करता है कि अधिकतम पानी पुनः अवशोषित किया जा सके।
यह प्रक्रिया लूप ऑफ हेनले में होती है।
यह प्रक्रिया शरीर के अंदर पानी की मात्रा को नियंत्रण में रखती है।
Regulation of Kidney Function
हाइपोथैलेमस
: पानी की कमी या अधिकता पर प्रतिक्रिया देता है।
एड्रिनल ग्रंथियाँ
: हार्मोन जैसे एल्डोस्टेरोन secretes करती है जो सोडियम का पुनः अवशोषण करती है।
Disorders of Excretion
किडनी स्टोन
: कैल्शियम ऑक्सलेट के क्रिस्टल बनते हैं।
डायलिसिस
: जब किडनी काम नहीं करती, तो आर्टिफिशियल किडन ी का उपयोग किया जाता है।
किडनी ट्रांसप्लांट
: अंतिम उपाय, जहाँ एक स्वस्थ किडनी लगाई जाती है।
Conclusion
आज का लेक्चर बहुत महत्वपूर्ण था।
सभी छात्रों को इस विषय में ध्यान देने की आवश्यकता है।
अगले कक्ष में हम मोशन और मूवमेंट के बारे में पढ़ेंगे।
धन्यवाद और गॉड ब्लेस यू!
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