Study IQ IAS अब तयारी हुई Affordable Drainage System of India इस वीडियो में हम भारत की सभी रिवर्स को इन डिटेल कवर करेंगे लेकिन शुरू करने से पहले जानते हैं कि एक रिवर यानि की नदी होती क्या है रिवर एक Natural Water Stream है जो सर्फेस पर फ्लो करती है या ओशन में जा गिरती है एक मिजर रिवर में काफी सारी छोटी बड़ी नदियां आकर गिरती है जिन्हें हम ट्रिब्यूटरी कहते हैं और बहुत बार एक नदी कई ब्रांचिस में भी डिवाइड हो सकती है जिसे हम डिस्ट्रिब्यूटरी कहते हैं तो नदी के सोर्स से लेकर उसके सिंख तक के एरिया भारत में 12 major basins हैं जिनका total area 20,000 square kilometers से ज्यादा है वही 46 river basins को medium river basins कहा जाता है जिनका area 2000 से लेकर 20,000 square kilometers के बीच है 2000 square kilometers से कम के river basins को minor river basin कहा जाता है इंडिया में आप river को उनके source के according भी classify कर सकते हैं जैसे कि Himalayan river systems और Peninsular river systems For example, Ganga, Himalayan river system का part है वही नर्मदा पेनेंचुलर रिवर सिस्टम का पार्ट है या फिर आप इन रिवर्स को सिंख के अकॉर्डिंग क्लासिफाई कर सकते हैं जैसे की अरेबियन सी में ड्रेन होने वाली रिवर्स और बेय अफ बेंगॉल में ड्रेन होने वाली रिवर्स फ़ॉर एक्जांपल निर्मदा इंडस अरेवियन सी में ड्रेन होती है साथ ही एक रिवर में वाटर फ्लो के अनुसार भी आप रिवर्स तो क्लासिफाई कर सकते हैं जिसे की perennial rivers और non-perennial rivers perennial rivers में पूरे साल पानी का अच्छा फ्लो बना रहता है यानि कि ये नदियां पूरी तरह से rain water पर dependent नहीं होती For example, Indus, Yamuna, Ganga, Kaveri ये सभी perennial rivers के examples हैं वही non-perennial rivers अपने ज्यादातर फ्लो के लिए rains पर dependent होती हैं यानि कि dry season में ये rivers बहुत कम पानी contain करती हैं तो दोस्तों इस वीडियो में हम rivers को Himalayan drainage और Peninsular drainage के हिसाब से देखने वाले हैं। तो चलिए Himalayan rivers से शुरुवात करते हैं। हिमालियन रिवर्स को हम तीन मेजर रिवर सिस्टम्स में डिवाइट कर सकते हैं इंडस, गंगा और भ्रमापुत्रा तो शुरू करते हैं इंडस रिवर सिस्टम से इंडस रिवर सिस्टम सिंधो याने की इंडस का उद्गवन स्थल तिबत में किलाश रेंज में मांसरोर लेक है और यहां से अरेबियन सी तक 3120 किलो मीटर्स है यहां से ये नदी नौर्थ विस्तन दिशा में रस्थान करती है तिबत में इसे सैंगी सैंगपो या सिंग्भी खंबन के नाम से जाना जाता है और तिबत में एक बड़ी ट्रिब्यूटरी गार सैंग्पो इसमें आकर गिरती है भारत में डेमचॉप से एंटर करने के बाद ये नदी लद्दाक की राजथानी ले से होकर गुजरती है और ले के बाद इंडस का संगम जानसकार से होता है और यहां जानसकार रिवर इंडस से इस संगन के थोड़ा आगे अलची के पास इंडस पर नीमू बास को hydroelectric power plant constructed है जिसे नीमू डाम भी कहा जाता है और ये एक Run of the River Type डाम है इसके बाद इंडस, Line of Control यानि की LOC क्रॉस करके पाकिस्तान Occupied गिल्गित बिल्टिस्तान में एंडर करती है जहां सियाचिन ग्लेशियर से आती हुई शियौक रिवर से इसका संगब होता है गोस्तो शियोक और इंडस मिलकर काराकोरम्स, लद्दाक और जानसका रेंजिस के बीच बाउंडरी क्रियेट करती हैं शियोक और इंडस के नौर्थ में आपको काराकोरम रेंजिस देखने को मिलती हैं शियौक और इंडस के बीच में लद्दाक रेंजिस और इंडस के साउथ में जांसकार रेंजिस जिसके बाद गिल्गित में इंडस सौयू बड़ी चोटी नदियों का पानी प्राप्त करती है इसके आगे नंगा परबत से इंडस शार्प साउथवर टर्न लेती है और इसके बाद पाकिस्तान में इंटर कर जाती है पाकिस्तान के पंजाब प्लेंस में एंटर करने से जस्ट पहले इस रिवर पर तरबेला डाम कंस्ट्रॉक्टिट है निक्स्ट इंडस का स्वात और काबुल रिवर्स से संगम होने के बाद एटॉक के पास गाजी से ये नदी पंजाब प्लेंस में इंटर करती है। इसके आगे इंडस मिठन कोट में इंडिया से आती हुई जेलम, चेनाब, रावी, ब्यास और सतलुच का पानी ब्राप्त करती हैं। और इन सभी रिवर्स के कमबाइंड वोटर्स को पंच नाट बोलते हैं। छेलम रिवर इस नदी का उद्गमन होता है पीर पंजाल रिंजिस के बेस पर लोकेचिट वेरी नांग से। जो साउथ इस्ट कश्मीर में लोकेटिड है जहां से ये रिवर कश्मी नेमली लिडर रिवर और वैशव रिवर जिसके बाद अवंतिपुरा से होते हुए ये रिवर पहुँचती है श्रीनगर जहां कैनाल के तुरू ये डल लेक से कनेक्टिड है यहां कश्मीर वैली के रिलेटिवली प्लीन एरिया में जहिलम अपने मांटेनियस कोर्स के दोरान ही मियांडरिंग करना शुरू कर देती है श्री नगर के आगे कश्मीर वैली के नौर्थ में ये रिवर वुलर लेक में जागिरती है गुलर लेक से निकल कर ये रिवर बाराबुला से पीर पंजाल रेंजिस को कट करते हुए पहुँचती है उरी जिसके आगे ये रिवर एंटर करती है पाकिस्तान ओकिपाइट कश्मीर में और मुजफराबाद में प्राप्त करती है नीलम रिवर के पानी को और नीलम रिवर पर भारत किशन गंगा हाइट्रो एलेक्ट्रिक प्रावर स्टेशन डेवल चेनाब से होता है हिस्टोरिकली जहिलम रिवर के बैंक्स पर किंग पॉरस और एलेक्सेंदर बाक्रीट के बीच बेटल आफ हाइडेस पस लडी गई थी और ग्रीक लैंग्विज में जहिलम को हाइडेस पस कहा जाता है और संस्कृत में वितास्ता नेक्स्ट आए बात करते हैं चिनाब रिवर की जिसका उद्गमन होता है हिमाचल प्रदेश के लाहुल रीजन से बारा लचला पास के इस्ट में चंदर ताल के पास से उद्गमन होता है चंदरा रिवर का और इस पास के वेस्ट में सूरे ताल से उद्गमन होता है भागा रिवर का और ये दोनों ही स्ट्रीम्स नेमली चंद्रा और भागा का संगम होता है तांडी में जिसके बाद इस रिवर को चंद्र भागा या चिनाब कहा जाता है और संस्कृत में हम इस रिवर को असीकनी नाम से जानते हैं आंडी से ये रिवर नौर्थ विस्तन डिरेक्शन में फ्लो करती है और हिमाचल के चम्बा डिस्ट्रिक्ट के बाद एंटर करती है जम्मू कश्मीर के पद्दर में। यहाँ चिनाव रिवर पर हम रतली हाइड्रो एलेक्ट्रिक रन अफ दा रिवर डाम कंस्ट्रॉक्ट कर रहे हैं। इसके आगे किष्टिवार और डोडा से होते हुए ये रिवर पहुँचती है रामबन और रामबन के पास ही बागिहार डैम इसी रिवर पर कंस्ट्रॉक्टेड है जिसके आगे सलाल डैम भी इसी रिवर पर लुकेचिड है और सलल डैम से थोड़ा सा आगे आपको देखने को मिलती है वो जगह जहां पर इंडिया के लारजेस्ट लीथियम रेजर्व्स रीसेंटली खोजे गए हैं जिहां रियासी जहां पाकिस्तान के गुजुरात से होते हुई रिवर जहांग में जहिलम का पानी प्राप्त करती है दोस्तो चेनाब की छोटी सी ट्रिब्योटरी मुनवर तवी लाइन अफ कंट्रोल का स्टार्टिंग पॉइंट है यानि कि मुनवर तवी के साउथ इस्ट में आपको इंडिया पाकिस्तान के बीच International Border देखने को मिलता है और इसके North West में LOC यानि के Line of Control और इसके आगे एहमदपुर सियाल में सराई सिद्धू के पास जनाब का संगम होता है रावी रिवर से तो चलिए Next बात करते हैं जिसका उद्गमन होता है हिमाचल प्रदेश के बारा बंगल से और ये रिवर भी नौर्थ विस्टन डिरेक्शन में मूव करते हुए पहुँचती है चम्बा टाउन जिसके थोड़ा सा आगे चमेरा डाम इसी रिवर पर कंस्ट्रॉक्टेट है इस डाम के थोड़ा जागे रावी रिवर हिमाचल और जमू कश्मीर का बॉर्डर डिमार्केट करती है और पहुँचती है जमू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के ट्राइपॉइंट पर इसी बॉर्डर पर आपको रंजीत सागर डाम देखने को मिलती है और पंजाब के मदोपुर के पास से ये नदी 80 किलो मीटर्स तक इंडिया-पाकिस्तान का बॉर्डर डिमार्केट करती है और इसी बॉर्डर के अक्रॉस आपको करतारपुर साहिब कॉरिडोर देखने को मिलता है जो कॉरिडोर करतारपुर साहिब और डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे को कनेक्ट करता है और पाकिस्तान में लोहोर से होते हुए नदी एहमदपुर सियाल के पास सराय सिद्धु में चिनाब से जा मिलती है दोस्तों रावी रिवर पर ही फेमस इंडस वैली सिविलाइजेशन का हरप्पा टाउन लुकेटिट है टिक्स्ट्स में रावी रिवर को परूसनी बोला गया है इन्डस रिवर सिस्टम में निक्स्ट रिवर है ब्यास जिसका उद्गमन होता है हिमाचल प्रदेश में रोथांगला के पास ब्यास कुंड से जहां से ये रिवर मनाली, कुलो, मंडी डिस्ट्रिक्ट से होते हुए पहुँचती है कांगडा डिस्ट्रिक्ट में और क्वांग डैम को महराना प्रताप सागर डैम के नाम से भी जाना जाता है और इस रिजरवायर को रामसार विटलैंड की रिकॉगनीशन भी मिली हुई है जिसके बाद ये रिवर पंजाब में एंटर करती है और हरीके में इसका संगब होता है सतलुज से। दोस्तो ब्यास रिवर को संस्कृत में अरीजिका या फिर विपाशा के नाम से जाना जाता है। तो दोस्तो चलिए बात करते हैं सतलुज रिवर की। सतुनुज रिवर का उद्गवन तिबत में मानसरोवर लेक के पास लोकेटिड रक्षस्थन लेक से होता है और तिबत में इसी रिवर को लैंक्वान जांगबू कहा जाता है। हिमाचल के किननौर में लोकेटिड शिपकिला से ये रिवर इंडिया में एंटर करती है। Eastern direction में फ्लो करते हुए पहुँचती है छाबा जो हिमाचर की कैपिटल शिमला से लगबग 45 किलो मीटर्स नौर्थ में लोकेचिड है जहां से शिम्बला को प्रिंक इन वाटर प्रोवाइड किया जाता है यहां से ये रिवर पहुँचती है बिलासपुर जिसके आगे भाकडा के पास इस नदी पर भापला नांगल डाम कंस्ट्रॉक्टिट है और नांगल से रिवर पंजाब में एंटर कर जाती है और रोप रगर से होते हुए लुधियाना और लुधियाना से हरीगे पमचती है जहां सत्लुच का संगम व्यास से होता है दोजस्तर्ज हरीके में हरीके पटन बर्ड सेंचुरी को रामसार साइट का रिकॉकनीशन मिला है और व्यास रिवर के साथ हरीके में आपको इंडस रिवर डॉल्फिन भी देखने को मिलती है हरीके से ही इंद्रा गांधी कैनाल निकाली गई है जो राजिस्थान के गंगा नगर और बीकानेर को इरिकेट करती है हरीके के आगे सतलिश रिवर कसूर के पास पाकिस्तान में एंटर करती है और उठ शरीफ में चिनाब से जा मिलती है जिसके बाद इस रिवर को पंजनार कहा जाता है और पंजनार का संगम इंडस से मिठन कोट के पास होता है। जिसके बाद इंडस कराची के इस्ट में डेल्टा के थूँ अरेबियन सी में जा गिरती है। इंडस की ये डिस्रिब्यूटरी पाकिस्तान की तरफ डाइवर्ट हो गई आज इंडस और उसके डिस्रिब्यूटरी का पानी इंडिया और पाकिस्तान के बीच इंडस वाटर्ट प्रिटी के दहध विभाजित है इस क्रीटी को 1960 में वर्ल्ड बैंक ने इंडिया और पाकिस्तान के बीच करवाया था और इस क्रीटी के अकॉर्डिंग तीन वेस्टर रिवर्स का पानी नेमली इंडस, छेलम और चेनाब पाकिस्तान को एलुकेट किया गया है वही इस्टन रिवर्स नेमली राधी, ब्यास और सतलुच के वाटर्स इंडिया को अब ये सुनने में लगता है कि तीन रिवर पाकिस्तान की और तीन रिवर इंडिया की एकदम बराबर डिस्ट्रिब्यूशन है। लेकिन अगर हम volume of water को देखें, तो Indus, Jhelum और Chenab 80% यानिके 99 billion meter cube पानी carry करती हैं. और Chenab Indus की सबसे बड़ी tributary भी है. वही Ravi, Vyas और Satluj सिर्फ 20% यानिके 41 billion meter cube पानी carry करती है.
तो दोस्तों ये बात होती है Indus River System की. चलिए नेक्स्ट बात करते हैं गंगा रिवर सिस्टम की लेकिन दोस्तो शुरू करने से पहले आपको बता दूं कि मेरे समय पर अगर आप UPSC की प्रिपरेशन शुरू करना चाहते थे तो आपको लाखों रूपे खर्च करने पड़ते थे पर फिर भी आपको अपनी preparation में quality नहीं बिलती थी और अगर आप अपने से पहले के experience और selected candidate से बात करें तो आपको उस समय के challenges के बारे में बहतर समझ में आ जाएगा लेकिन आज दोस्तों technology ने इस preparation को affordable के साथ बहतरी quality का भी बना दिया है और आज लबबग सभी लोग अपने UPSC क्लियर करके IAS, IPS और IFS बनने के सपने को सकार कर सकते हैं और इसलिए Study IQ आपके लिए लेकर आया है P2I यानिकी Prelims II Interview Foundation Batch जहां आपको Prelims से लेकर Means और Means से लेकर Interview तक की तयारी करवाई चाहिए की और आपको UPSC को क्रैक करने के लिए सही दिशा दिखाई जाएगी और आपको एक personal mentor भी allot किया जाएगा जिसके थ्रू आप अपने academic and non-academic doubts clear कर पाएंगे साथ इस batch का best feature है means residential program यानिकी MRP जिसके तहट prelims examination के बाद आपकी Delhi NCR में ठहरा कर proper fooding and lodging के साथ means की one-on-one preparation करवाई जाएगी दोस्तो इस बैच में आप maximum possible discount में admission ले पाएंगे अगर आप use करते हैं कोल RT Live का और अगर आपको इस बैच से संबंदित कोई भी डाउट और हो, तो दोस्तों आप मुझसे इंस्टाग्राम और टेलिग्राम पर कनेक्ट भी हो सकते हैं। तो आशा करता हूँ कि हमारी मुलवकात होगी इस बैच की लाइफ क्लासेज में। चलिए इस वीडियो पर वापस आते हैं गंगा जी की टोटल लिंथ 2510 किलो मीटर्स है इस नदी का उद्गमन होता है भागिरती के रूप में गंगोतरी ग्लेशियर से और देव प्रयाग में अलकनंदा से संगम के बाद इस नदी को गंगा कहा जाता है और देव प्रयाग से पहले अलखनन्दा और उसके ट्रिबियो ट्रीज पंच प्रयाग क्रियेट करती हैं देव भूमी उत्राखंड के सतोपंथ ग्लेशर से अलखनन्दा नदी का उद्गमन होता है जहां से ये नदी पहुँचती है जोशीमट जिसके पास विश्णू प्रयाग में अलखनंदा का संगम होता है धौली गंगा से जो नीती पास से उद्गमित होती है जिसके 70 किलोमीटर्स बाद अलतनंदा पहुँचती है नंद प्रयाग और यहां इनका संगम होता है नंदा गुंटी ग्लेशर से आती हुई नन्दाखनी से और यहां से 21 किलो मीटर्स आगे कर्ण प्रयाग में अलखनंदा का संगम होता है पिंडारी ग्लेशियर से आती हुई पिंडार नदी चुर्डा बाडी ग्लेशर से उद्गमित होती है और यहां से 65 किलो मीटर्स आगे देव प्रयाग में अलखनन्दा जी का संगम होता है गंगोतरी से आती हुई भागी रथीन नदी से और इस संगम के बाद हम इस कमबाइंड स्क्रीम को गंगा कहते हैं देव प्रयाग से गंगा जी पहुँचती है रिशिकेश और रिशिकेश से हरी द्वार राजा जी नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व से फ्लोक करते हुए ये रिवर हरी द्वार के बाद उत्तर प्रदेश में बिचनौर से एंटर करती है उत्तर प्रदेश में बिजनौर से एंटर होने के बाद हर दोई में राम गंगा जी में आकर गिरती है और प्रयाग में यमुना जी जिसके बाद कैथी के पास थित मारकंडे महादेव पर गंगा जी का संगम होता है गोमती से इसके आगे गंगाजी बिहार में प्रवेश करती है और रिवाल गंच में खागरा नदी का संगम गंगाजी से होता है इसके बाद पटना से थोड़ा सा पहले गंगाजी का संगम होता है अमरकंटक से आती हुई सोन रिवर से और यहां से थोड़ा सा आगे गंगाजी गंडख नदी का जल प्राप करती है नेक्स्ट कुरसेला में गंगाजी का संगम होता है सौरो ओफ बिहार कही जाने वाली कोसी नदी से जिसके बाद ये नदी बिहार ज्जारखंड के बॉर्डर पर फ्लो करते हुए वेस्ट बेंगॉल में एंटर करती हैं और महा नन्दा नदी जिसे फुलहार भी कहा जाता है यहां गंगा जी में आकर गिरती है और हुगली गंगाजी की नैचुरल डिस्ट्रिब्यूटरी है जो ग्रिया से गंगाजी से अलग होती है बंगलादेश में एंटर करने के बाद गंगाजी को पद्मा कहा जाता है और यही भ्रमापुत्रा और मेघना रिवर पदमा में आके गिरती हैं सुन्दरबंच क्रियेट करती हैं वही हुगली नदी में अजै और दामोदर रिवर्स आकर गिरती हैं major tributaries के बारे में बात करते हैं जिसमें से most important है Yamuna River गंगाजी की longest tributary और second largest भी जिसकी शुरुवात होती है उत्राखंड में बंदर पूंच रिज के पास located यमनोत्री Glacier से यहां से यह रिवर पहुँचती है देरादून के कल्सी में जहां इसकी largest tributary टॉन्स इसे जॉइन करती है और कलसी तक टॉन्स रिवर हिमाचल और उत्राखंड का बॉर्डर क्रियेट करती है यूपी, हरियाना और हिमाचल के बॉर्डर को डिफाइन करती है और इसके बाद यमुना डेली तक हरियाना और यूपी का बॉर्डर डेफाइन करती है और वजीराबाद से डेली में एंटर करती है जिसे साहीबी रिवर भी कहा जाता है इसे पल्यूट कर देता है डेली को क्रॉस करने के बाद फिर से ये रिवर हरियाना और यूपी के बॉर्डर पर फ्लो करती है और हरियाना के पलवल डिस्ट्रिक्ट के बाद पूरी तरह से यूपी में एंटर कर जाती है। मथुरा, आगरा, बटेशवर जैसे टाउन से होते हुए रिवर पहुँचती है छकारपुरा. जहां यमुना और चम्बल का संगम होता है जिसके बाद प्रयाग में यमुना जी का संगम गंगा जी से होता है साथ ही चम्बल, सिंध, बेतवा और किन यमुना की कुछ मेजर ट्रिब्यूटरीज हैं जो विंध्यास की नदन स्लोप से उद्गमित होती हैं। देखिये 1376 किलोमीटर के साथ यमुना जी गंगा जी की इंडिया के अंदर लॉंगेस्ट ट्रिब्यूटरी है। तो चलिए बात करते हैं यमुना की लॉंगेस्ट ट्रिब्यूटरी चंबल की। 1024 किलोमीटर लंबी चम्बल रिवर की शुरुवात होती है मध्यप्रदेश के महु टाउन के पास से ये रिवर विंद्यास की नदन स्लोप से उरिजिनेट होती है और North direction में move करती है और चित्तौर गर से राजिस्थान में enter कर जाती है राजिस्थान में ये river North-Easterly direction में move करती है और राजिस्थान और मद्धिप्रदेश का border define करती है और यूपी के जलाओं के पास यमुना रिवर में जाकर गिरती है कोटा और रावत हाटा जैसे सिटीज इस रिवर पर लोकेटिट हैं। दोस्तों शिपरा, पारबती और काली सिंद चम्बल की मेजर ट्रिब्यूटरीज हैं, जो सभी विंध्यास की नदन स्लोप से आती हैं। साथ ही राजिस्थान के अरावली से आती हुई बनास रिवर चम्बल की एक और मेजर ट्रिब्यूटरी है। साथ ही गांधी सागर, इंद्रा सागर और जवहार सागर डैम इसी रिवर पर मेजर डैम्स हैं। और क्रिटिकली इंडेंजर्ड फडियाल भी इसी नदी में पाया जाता है। यमना के नेक्स्ट मेजर ट्रिब्यूटरी है बेत्वा 590 किलोमीटर्स लॉंग बेत्वा रिवर का ओरीजन विंध्यास की रदन स्लोप्स में मध्यप्रदेश के रायसेन में लोकेटिड है और North direction में move करते हुए विधीशा से होती हुई सांची पहुँचती है और UP MP border पर इस नदी पर माटा तीला dam located है Semi-arid बुंदेलखंड प्लाटू से होते हुए UP के हमीरपुर के पास ये नदी यमुना में जागिरती है तो दोस्तों यमुना की नेक्स्ट मेजर ट्रिब्यूटरी है केन 427 किलो मीटर लॉंग कैन रिवर की शुरुवात होती है विंध्यास की कैमूर रिंच से उत्तर प्रदेश में ये रिवर पांदा से एंटर करती है और चिला के पास यमुना में जागिरती है तो यमुना रिवर और उसकी ट्रिब्यूटरीज के बाद चलिए वापस आते हैं गंगा रिवर पर और गंगाजी की एक और मेजर साथ वैंक ट्रिब्यूटरी है सोन सोन रिवर गंगाजी की सेकिंड लारजेस्ट साथ वैंक ट्रिब्यूटरी है जिसका ओरीजन चतिसगड के सत्पुरा हिल्स में लोकेटिड अमर कंटक में स्थित है और नरमदा रिवर के ओरीजन के काफी पास लोकेटेड है मध्यप्रदेश के शाहडॉल में एंटर करती है जहां से रिवर एक शार्प इस्ट ओवर टर्न लेती है और यही पर इस रिवर पर पांथ सागर डैम भी बनाई गई है और यहीं पर सोन रिवर का संगम रिहांड रिवर से होता है दोस्तो यहां मैं आपको बता दूं कि रिहान रिवर पर गोविंद वलब बंध सागर डाम लोकेटिट है कैमूर हिल्स के पैरलल फ्लो करते हुए रिवर यूपी, बिहार और जारखंड के ट्राइपॉइंट पर पहुँचती है और उसके बाद बिहार ज्झारकंड बॉर्डर पर फ्लो करती है जहां से नौर्थ कोईल रिवर इसमें आकर गिरती है बिहार में ये रिवर भोजपुरी और माघी स्पीकिंग एरियास को डिवाइड करती है और पत्ना के पास गंगाजी में चा किरती है दोस्तो सोन रिवर की टोटल लिंथ 784 किलोमीटर्स है तो चलिए नेक्स्ट रिवर पर आते हैं और ये रिवर है तामोदर 592 किलो मीटर लंबी इस नदी का उद्गमन चारखंड में चूला पानी लातहीर से होता है और वेस्ट बेंगॉल में ये नदी हूगली में जाकिरती है बराकर, कोनार और जमुनिया दामोदर की मेजर ट्रिब्यूटरीज हैं दामोदर को एक समय पर फ्लडिंग के चलते सौरो ओफ बिंगॉल कहा जाता था। लेकिन आज डामोदर वैली कॉपरेशन के तहट इस रिवर पर पंचेत डाम, मैथॉन डाम, तिलाया डाम और कुनार डाम कंस्ट्रक्ट की गई है। के बजाए ये रिवर आज इस रीजन के लिए वर्दान है साथ ही बुकारो, बंडपूर और दुर्गपूर स्टील प्लांट्स आपको इसी रिवर वैली में देखने को मिलते हैं नेक्स्ट दोस्तों बात करते हैं गंगा जी की नॉर्थ टैंक ट्रिब्यूटरीस घागरा की जिसको अलग-अलग नामों से जाना जाता है। वन थाउसेंट आंड एटी किलोमीटर्स लॉंग खागरा रिवर के शुरुवात होती है तिबत में मान सरोवर लेक के पास लोकेटिड मापच्छा चुंगो प्लेशियर से जहां इस रिवर को मापच्छा सैंग्पो कहा जाता है। निपाल में एंटर करने के बाद इस रिवर को करनाली रिवर कहा जाता है और निपाल में ये रिवर दो ब्रांचिस में टिवाइट हो जाती है नेमली गेरुआ और कौरियाला और इन दोनों ब्रांचिस के मिलन के बाद इस रिवर को इंडिया में घागर इसकी एक और मेजर ट्रिब्यूटरी है बिहार के छपड़ा के पास घागरा रिवर का संगम गंगा जी से होता है और ये रिवर गंगा ��े लारजेस्ट और सेकिंड लॉंगेस्ट ट्रिब्यूटरी है खागरा रिवर नेपाल के बरदिया नेशनल पार्क और इंडिया के कतरिनिघाट वाइलेक सेंक्चुरी से निकलती है घागरा की एक मेजर ट्रिब्यूटरी है शार्दा जिसे आप काली या फिर महाकाली के नाम से भी जानते हैं और दोस्तों इंडिया और नेपाल के बीच शार्दा रिवर के ओरिजन को लेकर डिस्प्यूट है। इंडिया के अकॉर्डिंग शार्दा रिवर की शुरुवात लीपूल एक पास से होती है। या इस रिवर को काली या महाकाली रिवर कहा जाता है। तरकपुर टाउन के पास ये रिवर प्लेंस में एंटर करती है। और प्लेंस में इस रिवर को शार्दा बोला जाता है पीली भीत डिस्ट्रिक्ट से ये रिवर इंडिया में एंटर करती है और पीली भीत टाइगर रिजर्व से होते हुए बहराईच में घागरा रिवर में जागिरती है नेक्स्ट आती है गंधक रिवर तो चलिए दोस्तों नेक्स्ट बात करते हैं गंधक रिवर की जिसको नेपाल में गंधकी के नाम से भी जाना जाता है। गंधक जिसे नराइनी रिवर भी कहा जाता है। निपाल और तिबत के बॉर्डर पर मस्तांग रीजन के नुभाईन हिमल ग्लेशर से उरिजिनेट होती है। इस रिवर को काली गंधक कहा जाता है और इसी रीजन में ये रिवर डीप काली गंधकी गॉर्ज क्रियेट करती है और कुछ सोर्चिस के अकॉर्डिंग ये वर्ल्ड का डीपिस्ट गॉर्ज भी है इस गौर्ज के एक तरफ धौलगरी पीक लोकेटेड है और दूसरी तरफ अन्नपूर्णा वन मालियाज को क्रॉस करके ये रिवर इंडिया में यूपी के महराज गंच से एंटर करती है जहां इसे गंधक या नरायनी कहा जाता है यूपी से ये रिवर बिहार के चमपारन में एंटर कर जाती है और पत्ना के पास हाजिपुर में गंगा जी से गंधक का मिलन हो जाता है तो इसके अलावा फाल्मी की टाइगर रेजर्व की एक मेजर रिवर है और इंडिया Major Tributary जिसे Sorrow of Bihar के नाम से भी जाना चाता है Kosi River को सब्थ कोसी भी कहा जाता है क्योंकि ये River 7 Major Tributaries के संगम से बनती है और इन में से कुछ Tributaries वर्ल्ड की Highest Peaks जैसे की Everest और Kanchenjunga के Snow Melt से बनती है इन साथ में से 3 Major Tributaries हैं Arun River, Tamur River और Sankosi River चार मेज़े ट्रिब्यूटरीज सनकोशी को जॉइन करती हैं नेमली दूदकोशी, तमाकोशी, गूटेकोशी और इंद्रावती और इन तीरों रिवर्स का संगम नेपाल के त्रिबेनी घाट पर होता है जिसके बाद इसे सब्प कोशी या फिर सिंपली कोशी बोला जाता है बिहार के दूबी है से ये रिवर इंडिया में एंटर करती है और भागलपुर के पास गंगाजी में चा गिड़ती है दोस्तों हाई हिमालिया से छत्रा गौर्च के थुरू ये रिवर प्लेंस में उदरती है और इस सडन एलिवेशन ड्रॉप और हाई सेडिमेंट लोड की वजह से ये रिवर इतनी अंस्टेबल है और अपना कोर्स चेंज करती रहती है जिसकी वजह से नौर्थ बिहार में हमें हर साल फ्लडिंग देखने को मिलती है और इसलिए इसे सौरो अफ बिहार भी कहा जाता है महानंदा रिवर की शुरुवात होती है जो तारजलिंग डिस्ट्रिक्ट का पार्ट है ये रिवर सिलीगुडी टाउन से होते हुए निकलती है इंडिया के चिकन्स निक्से जिसे सिलीगुडी कॉरिडोर भी कहा जाता है और स्ट्राटेजिकली ये रीजन इंडिया को नौर्थ इस्ट से कनेक्ट करता है और अकीन वेस्ट बेंगॉल में पूरी तरह से एंटर कर जाती है वेस्ट बेंगॉल से रिवर बिहार के किशन गंच में एंटर करती है जहां मेची रिवर से इसका संगम होता है मेची रिवर नेपाल से आती है और किशन गंच के बाद इस combined stream को फुल्धार river कहा जाता है दुबारा से ये river मालदा से West Bengal बे एंटर करती है और West Bengal से बांगलादेश में जहां इसका संगम गंगा जी से finally होता है तो दोस्तों ये होती है गंगा जी की सभी major tributaries चलिए next move on करते हैं भ्र���्मापुत्रा river system पर भ्रम्मापुत्रा river को 5 से ज्यादा अलग-लग नामों से जाना जाता है 2900 km long ये river तिबट के केलाश माउंटेन रिंजिस में मानसोरोर लेक के इस्ट में लोकेटेड छेमा युंगदॉंग अंगसी ग्लेशर से उद्गमित होती है और इस रिवर को तिबट में यारलुंग सैंको कहा जाता है और हिमालियास की नमचा बारवा पीक से एक शाप टन लेने के बाद ये नदी गेलिंग से अरुनाचल प्रदेश में एंटर कर जाती है और अरुनाचल के माउंटेनियस तरेन में इस रिवर को सियांग या दिहांग कहा जाता है और पासी घाट से ये नदी प्लेंस में एंटर करती है जहां लोहित और तिबांग नदियां इसमें आकर मिलती हैं जिसके बाद असाम में इसे भ्रम्मा पुत्रा के नाम से जाना चाता है दिब्रुगड के बाद अरुनाचल नागलांड से आती हुई तिहींग नदी इसमें गिरती है और इसके आगे भ्रमा पुत्रा का संगम सुबान सीरी से होता है और यही सुबानसीरी और भ्रमापुत्रा के संगम पर वर्ल्ड का लारजेस्ट रिवराइन आईलेंड मजॉली क्रियेट हुआ है और साउथ से आती हुई धनसिरी का संगम भी इसी एरिया के पास भ्रमापुत्रा से होता है। इसके आगे हिमालिया से आती हुई कामिंग, बेखी, मानस और कोपली भ्रमापुत्रा में आकर बिरती हैं। एसाम के धुबडी के बाद भर्मापुत्रा बांगलादेश में एंटर करती है। और सिक्किम के जेनू ग्लेशियर से आती हुई तीस्ता रिवर से संगम के बाद इसे जमुना जी हां जमुना नाम से जाना चाता है। और इसके आगे...
जमुना और पद्मा के संगम के बाद ये नदी वर्ल्ड की सेकिल लार्चिस्ट नदी बन जाती है और सुन्दरबन डेल्टा के थूँ बे ओफ पेंगॉल में गिर जाती है बांगलादेश में रिवर दो ब्रांचेज में डिवाइड हो जाती है और एक ब्रांच गंगा यानि की पदमा से मर्ज होती है और दूसरी मेगना से तो चलिए दोस्तों बात करते हैं मेगना रिवर की क्योंकि आज टेक्नोलोजी की मदद से आप हाईयेस्ट क्वालिटी गाइडेंस स्टडियाइक्यू के P2I फांडेशन बैचेस में पा सकते हैं दोस्तों इन बैचेस में आपको लाइफ क्लासेस, बुक्स की होम डिलिवरी, personal mentorship, handwritten notes, daily answer writing practice मिलेगी साथ ही अगर आप इस batch में admission लेते हैं तो आप MRP यानि की mains residential program के लिए भी eligible हो जाएंगे जिसके देखत आपको NCR में ठहरा कर mains की one-on-one preparation करवाई जाएगी जिसके थ्रू आप मेंस एग्जामिनेशन को इजिली क्राक कर पाएंगे दोस्तो प्रिलिम्स एग्जामिनेशन के लिए इस बैच में SIP यानि कि Success in Prelims प्रोग्राम इंट्रिविड़ है करवाई जाएंगे तो दोस्तों इस बैच में एडमिशन लेकर अगर आप आईएस आईपेस बनने का अपना सपना पूरा करना चाहते हैं तो आज ही यूज करे कोड आर्टी लाइफ का जी हाँ आर्ट लाइफ कोड आपको दिलवाएगा इन बैचेस पर मैक्सिमम लियाई खुलेन विलेज जहां से इस रिवर का उद्गमन होता है और यहां इस रिवर को बराक बुला जाता है। मनिपुर मिजोराम बॉर्डर के पास से ये रिवर एक शार्प यूटन लेते हुए वेस्ट वर्ड फ्लो करती है और एसाम के सिल्चर से होते हुए पहुँचती है बांगलादेश। नदन ब्रांच को सूर्मा और सदन ब्रांच को कुश्यारा कहा जाता है दोबारा से सूर्मा और कुश्यारा का संगम होता है और इस संगम के बाद इसे मेगना कहा जाता है जो जाके भ्रमापुत्रा पदमा की एक ब्रांच में गिरती है और गंगा भ्रमापुत्रा डेल्टा क्रियेट करती है दोस्तों इसके अलावा इंडिया में ये रिवर नेविगेबल है और इसलिए 2016 में लखेपुर और भांगा के बीच इस र���वर को खांग से ग्लेशियर और जेमू ग्लेशियर से और इनी ग्लेशियर के मिल्ट वाटर से बनती है सो लहमो लेक, जो 6,210 मीटर की अल्टिट्यूट पर लोकेटिड है और इस लेक के बाद यह रिवर हाई हिमालियास को क्रॉस करते हुए पहुँचती है रैंगपो जहां रैंगपो रिवर तीस्ता को जॉइन करती है और ये combined stream तीस्ता and West Bengal का border create करती है West Bengal के सिवोके से ये river plains में enter करती है और यही famous Coronation Bridge and Sivoke Rail Bridge located है जो North East को rest of India से connect करता है नेक्स्ट ये रिवर चिलपाई गुडी के बाद से बांगलादेश में एंटर करती है और भर्मापुत्रा में जा किरती है दोस्तो 1787 तक ये रिवर गंगाजी के ट्रिब्यूटरी थी लेकिन 1787 की फ्लेट्स के बाद से इस रिवर ने अपना कोर्स चेंज किया तो दोस्तों ये होती है एमालियन ड्रेनिज सिस्टम की सभी मेजर रिवर्स जो समुदर तक अपनी जर्नी कमप्लीट नहीं कर पाती है जिसका नाम है लूनी फोर नाइंटी फाइब किलो मीटर्स लॉंग लूनी रिवर का उद्गमन होता है अजमीर के पास अरावली हिल्द से यहां इस रिवर को सागर मती बोला जाता है और गोविंद गड के आगे पुषकर लेक से आती हुई सरस्वती रिवर से इसका संगम होता है जिसक लेकिन बलोत्रा से इस रिवर में सेलाइन वाटर मिल जाता है, यानि कि ये रिवर सेलाइन, यानि कि लवनता युक्त हो जाती है, और इसलिए इसको लवनवती या फिर लूनी कहा जाता है। और 2010 में ये रीजन फ्लाश फ्लेट्स एक्सपीरियंस भी कर चुका है निक्स्ट बात करते हैं वेस्ट इडिया की चार मेजर रिवर्स की जो अरेवियन सी में जाकर गिरती हैं जिसमें से पहली रिवर है 371 किलो मीटर लंबी साबरमती रिवर राजस्थान में उदैपुर डिस्ट्रिप्ट की अरावली पहाडियों में देबर लेक से उद्गमित होने वाली साबरमती कुजरात की कैपिटल गांधी नगर और फाइनेंशल कैपिटल एहमदाबाद दोनों से होते हुए पहुँचती है अरेबियन सी के गुल्फ और साथ में धरोई डाम इस रिवर पर एक मेजर डाम है नेक्स्ट रिवर है माही 583 किलो मीचर्स लंबी ये नदी गुजरात की दूसरी महत्वपूर्ण नदी है जो मद्यप्रदेश में विंध्यास की रदन स्लोप स्मेध फाइनली गुजरात में एंटर करती है और वडोद्रा के पास अरेबियन सी में जा गिरती है ये रिवर ट्रॉपिक ओफ कैंसर को भी दो बार कट करती है और राजिस्थान में बन्सवारा डाम इसी रिवर पर एक मेजर डाम है तो दोस्तो चलिए आते हैं नर्मदा रिवर पर जिसकी टोटल लिंथ 1312 किलो मीटर्स है ये नदी कम्प्लीटली इंडिया में वेस्ट फ्लोइंग लॉंगेस्ट रिवर है जिसकी शुरुवात होती है अनुपुर में लुकेचिड सत्पुरास के अमर कंटक प्लाटियू से कपिल धारा वाटरफॉल्स क्रियेट करती है विंद्यास और सत्पुरास के बीच रिफ्ट वैली में फ्लो करते हुए जबलपुर के पास ये रिवर क्रियेट करती है धुआ धार वाटरफॉल ये रिवर पहुँचती है ओमकारेश्वर जो बारा में से एक मेजर जोतरलिंग है और इसके पास इंद्रा सागर डैम नरमदा पर बनाई गई है ओमकारेश्वर से लगभग 180 किलो मीटर्स बाद और शूल पानेश्वर वाइलेक सिंचुरी की ये मेजर रिवर है जहाँ इस रिवर पर सरदार सरोवर डाम क्रियेटिट है और इसी डाम के एक आईलेंड साधु बेट पर इंडिया के पहले होबिनिस्टर वल्लभाई पतेल का वर्ल्ड कर दिया tallest statue, statue of unity बनाया गया है, जिसके बाद यह river बराउच के पास से एक एशुरी के थूँ Gulf of Khambath में जाकरती है और इसी एशुरी में petroleum rich island Alia Bay भी located है next दोस्तों आते हैं तापी river पर जिसे तापी भी कहा जाता है और इस रिवर की टोटल लिथ 724 किलो मीचर्स है मध्यप्रदेश के मुल्ताई से जिसके बाद ये रिवर पारस धू वाटरफॉल क्रियेट करती है मध्यप्रदेश से फ्लो करते हुए रिवर अब महराश्ट्रा और मध्यप्रदेश का बॉर्डर क्रियेट करती है और महराश्टर में एंटर कर जाती है महराश्टरा में फ्लो करने के बाद यह रिवर गुजरात में एंटर करती है और गुजरात में ही इस रिवर पर तुकाई डैम बनाई गई है और इस टैम के बाद यह रिवर सूरत से होते हुए अरेबियन सी में जा किरती है और इसी एश्चुरी में आपको हजीरा मैंग्रूफ्स भी देखने को मिलते हैं तो चलिए दोस्तों नेक्स्ट बात करते हैं गोवा की जहां दो इंपोर्टेंट रिवर्स लोकेटिड हैं मांडोवी और जुआरी इसके बाद और थोड़ा सा साउथ में आते हैं और बात करते हैं किरिला की जहां 44 मेजर रिवर्स हैं लेकिन इन 44 में से 3 रिवर्स ऐसी हैं पहली है 209 किलो मीटर्स लंबी भारत पूर्जा रिवर जिसकी शुरुवात होती है वेस्टन घाट्स के अन्नामलाई हिल्स से जहां से ये रिवर वेस्टन घाट्स के पाला घाट पलपकर गैप से होते हुए लेके दाइव जी में जागिरती है सेकिन है 244 किलो मीचर्स लंबी किरिला की हाट और सोल के जाने वाली पैरियार रिवर जिसकी शुरुवात होती है वेस्टन घाट्स के छोकम पट्टी माला से जो पैरियार टाइगर रिजर्व में लोकेटिड है यहां से ये रिवर किरिला के प् और इदुक्ठी डाम इसे रिवर पर एक मेजर डाम है थर्ड रिवर है पंबा जिसकी टोटल लिंथ 176 किलो मीटर्स की है जिसे दक्षिन भागरिती भी कहा जाता है और इसका उद्गमन वेस्टन घाट्स की पूला छू माला से होता है जहां से ये रिवर किरला के कोस्टल पेन से होते हुए वेमेनांड लेक में जाकिरती है अब मालाबार फोस्ट से आते हैं इस्ट और बात करते हैं 395 किलो मीटर स्लमी सुबरनरेखा रिवर की जिसकी शुरुवात होती है पिसका चारखंड से जहां से रिवर वेस्ट बेंगवाल में एंटर करती है और फिर ओरीसा के थूँ बेय अफ बेंगवाल में जा गिरती है इसके बाद बात करते हैं नेक्स्ट रि� 480 किलो मीटर लंबी भ्रामनी रिवर जिर ज्जारकंड से आती हुई शंक और साउथ कोयल रिवर के संगम से बनती है और उरीसा से फ्लो करते हुए भीतर कनिका के पास बे अफ बेंगॉल में जा गिरती है नेक्स्ट है 8,58 किलो मीटर लंबी महा नदी उरीसा की लारजेस्ट रिवर जिसकी शुरुवात होती है 36 गड के सी हावा से जो जाकर चिलिका लेक में गिरती है साथ ही हस्देव और सेवनाद महानदी की मेजर ट्रिब्यूटरीज हैं तो दोस्तो चलिए नेक्स्ट बात करते हैं 165 किलो मीटर्स लंबी रुश पुल्या की जिसकी शुरुवात होती है इस्तन घाट से और गंजम डिस्ट्रिक्ट से ये रिवर बेय ओफ बेंगवाल में जा किरती है नेक्स्ट है 254 किलो मीटर्स लंबी वम सधरा जिसकी शुरुवात होती है उडीसा के खाला हांडी से आंद्रप्रदेश में एंटर कर जाती है और कलिंगा पटम में बेव बिंगॉल में जा किरती है तो दोस्तो उडिसा के बाद थोड़ा सा साउथ मूफ करते हैं और अब बात करते हैं कम्प्लीटली इंडिया में फ्लो करने वाली longest river की जिसका नाम है गोटावरी 1465 km long गोटावरी जिसे तक्षिड गंगा भी कहा जाता है इसका उद्गमन्त स्थल Western Ghats के श्यादरीज में नासिक के पास त्रियमकेश्वर में located है Western Ghats में गंगापुर और सोमेश्वर वोटरफॉल्स का निर्मान करते हुए ये रिवर पहुँचती है पैठान और यही इस रिवर पर चायकवारी डाम लोकेटिड है जिसके बाद गुदावरी का संगम पूर्णा श्रीराम सागर डैम लोकेचड है जिसके बाद ये रिवर पहुँचती है दिलंगाना महराश्ट्र और छत्यसगड के ट्राइपॉइंट पर जहाँ परनहिता रिवर इसमें आके मिलती है जो सत्पुरा से आती हुई वाइंगंगा और वर्धा के संगम से बनती है और इस प्राइप पॉइंट पर ही कालेसवरम डैम अंडर कंस्ट्रक्शन है इसके आगे उडीसा और चत्यसगड़ से आती हुई इंद्रावती रिवर से गुदावरी का संगम हो जाता है जिसके बाद ये रिवर आंद्रा में एंटर करती है और यहां इस पर पुलावरं डाम कंस्ट्रॉक्टिड है और इसके बाद डेल्टा के थुरू ये रिवर बेय ओफ बेंग बॉल में जाकर गिरती है तो दोस्तो उडिसा के बाद थोड़ा सा साउथ मूव करते हैं और अब बात करते हैं कम्प्लीटली इंडिया में फ्लो करने वाली लॉंगेस्ट रिवर की, इसका नाम है गोधावरी, 1465 किलोमीटर्स लॉंग गोधावरी, जिसे तक्षिण गंगा भी कहा जाता है, इसका उद्गमन्त स्थल वेस्टरन घाट्स के श्यादरीज में नासिक के पास त विस्टिन घाट में कंगापुर और सोमेश्वर वोटरफॉल्स का निर्मान करते हुए ये रिवर पहुँचती है पैठान और यही इस रिवर पर चायकवारी डैम लोकेटिट है जिसके बाद गुदावरी का संगम पूर्णा रिवर से फूता है और इसके आगे तिलंगाना में एंटर करने के बाद गोदावरी का संगम होता है बाला घाट रेंजिस से आती हुई मनजिरा रिवर से और तिलंगाना में इस रिवर पर श्रीराम सागर टैम लोकेटिड है जिसके बाद यह रिवर पहुँचती है तिलंगान और चत्यसगड के ट्राइपॉइंट पर जहां परल हिता रिवर इसमें आके मिलती है जो सक्पुरास से आती हुई वाइंगंगा और वर्धा के संगम से बनती है और इस ट्राइपॉइंट पर ही कालेसवरम डैम अंडर कंस्ट्रक्षन है इसके आगे कोडीसा और चत्यसगड़ चे आती हुई इंद्रावती रिवर से गुदावरी का संगम हो जाता है जिसके बाद ये रिवर आंग्रा में एंटर करती है और यहां इस पर पुलावरन डाम कंस्ट्रॉक्टिड है बे आफ बेंगवाल में जाकर गिरती है चलिए दोस्तो नेक्स्ट मूव करते हैं कृष्णा रिवर सिस्टम पर 1400 कियोमीटर्स लॉंग कृष्णा रिवर करनाटिका की लाइफ लाइन कही जाती है और यही इन पहाडियों में कृष्णा रिवर पर सीनिक थून डाम प्रिगेटिड है सतारा के बाद कृष्णा का संगम कोईना रिवर से होता है और सांगली के बाद ये रिवर करनाचिका में एंटर कर जाती है और करनाचिका में इस रिवर के उपर अलमाती डाम कंस्ट्रॉक्टिट है जिसके बाद कृष्णा का संगम माल क्रभासी होता है और इस संगम के बाद इस रिवर पर बसावा सागर डैम कंस्ट्रॉक्टेट है जहां इसका संगम महराश्ट्रा के भीम शंकर से आती हुई इसकी longest tributary भीमा से होता है और इस संगम के 112 मिनोमीटर बाद कृष्टा का संगम होता है तुंग भद्रा से दोस्तो इस संगम पर श्री सलेम डाम कर्स्ट्रॉक्टेड है जो तिलंगाना आंदरपदेश बॉर्डर पर लोकेटेड है और विजेवाडा से होते हुए बेय अफ बेंगॉल में जागरती है तुंगा भद्रा की जो कृष्टा के साथ करनाटिका की लाइफ फैंग रही जाती है और इस नदी का उद्गमन शिमोगा डिस्ट्रिट के कोडली में तुंगा और भद्रा नदियों के संगम पर होता है जो चिक मैंगनूर करनाठिका में लोकेटिड है वही भदरादी का उद्गमन विस्टन घाट्स के गंगमूल से ही होता है तुंगा भत्रा कहा जाता है इसके बाद ये नदी पहुँचती है हमपी जहां फेमस वीरु पक्षा टेंपल इस रिवर को ओवरलुक करता है और हिनेसको वर्ल्ड हेरिटेट साइट भी है तो इसके बाद ये रिवर पहुँचती है जहां इस रिवर की डिरिक्शन इस्टली हो जाती है इसका संगम कृष्णा रिवर से हो जाता है जहां स्री सलेम डाम कंस्ट्रक्ट की गई है शरदामबा टेंपल, पंपाती टेंपल, हरी हरेश्वरा टेंपल भी लोकेटेड है। अच्छा नेक्स्ट बात करते हैं कृष्णा और कावेरी के बीच तीन नदियों की और इन तीनों रिवर्स का उद्गमन होता है नन्दी हिल्स से। जहां से ये तीनों rivers way of Bengal की तरफ move करती हैं इन rivers को हम इनके initial दो letters के नाम से याद कर सकते हैं पी पा पो पी याने की पेनना river जिसे पेनूरू या पिनाकनी भी कहा जाता है करनाटिका के नंदी हिल्स से ये river नदरली डिरेक्शन में फ्लो करती है और आंधरह में एंटर कर जाती है और जारुतला रामपुरम से इस्ट वर टर्न लेती है जहां इस रिवर पर जागिरती है नेक्स्ट नंदी हिल्द से निकलने वाली दूसरी रिवर है पा याने की पल्लार रिवर जिल इस्टरन डिरेक्शन में फ्लो करती है और करनाटिका से आंदर प्रदेश और तमिल नाडू में एंटर कर जाती है तमिल नाडू में ये र जो करनाटिका से डिरेक्टली तमिलनाडू में एंटर करती है और तमिलनाडू पुड़ुचेरी के बॉर्डर के पास से बेय अफ बिनवाल में जाकरती है तो दोस्तो नेक्स्ट बात करते हैं साउथ इंडिया की एक मातर पेरीनियल रिवर की कावेरी दोस्तों कावेरी रिवर साउथ वेस्ट और नौर्थ इस्ट दोनों मौन्सून से वाटर रिसीव करती है और इसलिए ये रिवर परीनियल है करनाटिका में लोकेटिड वेस्टन घाट्स की भ्रम ग्री रेंज में एक ताल से ताल कावेरी कहा जाता है इंडिया की ये एक मात्र रेंफेड रिवर है जो पैरीनियल है यानि की इसमें पानी का फ्लो हमेशा बना रहता है इसका रीजन ये है कि कावेरी रिवर का बेसिन और मैसूरू के पास सेरंगी पटनम और शिवा समुद्रम आईलेंड के निर्मान करती है और यही इस रिवर पर शिवा समुद्रम फॉल्स में लुकेटिड है धर्मपुरी डिस्ट्रिक्ट से तमिलनाडू में एंटर करने के बाद इस रिवर की डिरेक्शन साउथ इस्टरडी हो जाती है और तमिलनाडू में ये रिवर श्री रंगम आईलेंड का निर्मान करती है। दोस्तों कृष्णा राजा सागर डैम और मेतूर डैम इसी रिवर पर मेजर डैम्स हैं और हेमावती, अरकावती, काबिनी, धवानी और अमरावती इस रिवर की मेजर ट्रिब्यूटरीज. कावेरी के नीचे बात करते हैं वगई रिवर की जो 258 किलो मीटर्स लॉंग है इस रिवर का उद्गमन वेस्टन घाट्स की वारू सनादू हिल्द से होता है इसके बाद ये रिवर रामनातपूरम के पास से पाक बे में जागिरती है तो दोस्तों इसके साथ कमप्लीट होती है इंडिया का ड्रिनेट सिस्टम जहांपर हमने इंडिया की सभी मेजर रिवर्स के बारे में बात कर ली है और अगर आप इस वीडियो को करते हैं 20,000 likes तो हम next बात करने वाले हैं Mountain Ranges of India की Study IQ IAS अब तयारी हुई Affordable