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चित्तौड़गढ़ फोर्ट की यात्रा

नमस्कार फ्रेंड्स वीजा टो एक्सप्लोर में आपका स्वागत है मैं हूं आपका होस्ट हरीश बाली इस समय हम चितोड़गड़ फोर्ट के बाहर खड़े हैं आप सामने जो गेट देख रहे हैं पाडल पोल ऐसे साथ दरवाजी आएंगे जिनको पार करते हैं हम किले के अगर हम बाउंडरी वॉल को ध्यान रखते हुए बात करेंगे तो कुंबलगड़ फोर्ट है लेकिन अगर हम केवल किले की बात करेंगे तो एसिया का सबसे बड़ा फोर्ट चितोड़गड़ फोर्ट ही है गेट के बगल में रावत बागसिंग जी की स्मारक है जब वह भाधुर शाह से लड़ रहे थे इस जगह तो यहां पर लड़ते वह वीरगद्धि को प्राप्त हो गए थे तो उनकी याद में यहां पर स्मारक बना हुआ है चलिए यहां से हम आगे किले के अंदर चलते हैं फोर्ट विजिट करने रोशन जी तो इनके साथ हम फोर्ट विजिट कर रहे हैं तो वैसे तो देखो दो ढ़ाई घंटे में पूरा किला विजिट हो जाता है लेकिन हम धीरे करेंगे तो हो सकता हमको पांच से जहां ते का टाइम लग जाए है तो फिफ्टीन सिस्टी सेवन में अकबर की आर्मी ने चितोड़गढ़ किले को बाहर से घेर लिया था जैमल राथोर और कल्लाजी राथोर ने ने अगर की आर्मी से युद्ध किया और लड़ते-लड़ते 1568 में भी गति को प्राप्त हो गए साथ से आठ महीने तक यह युद्ध चला था ऐसा कहते हैं जैमल राथोर बहुत ताकतवर थे लेकिन उनकी तांगों में कुछ भरूद फटने से टांगी यूज नहीं उनका समारक है चलिए आगे के ओर चलते हैं और वैसे इस समय हम सेकंड गेट के पास ही खड़े हैं यहां से हमने गेट पार किया है यहां पर है पार करके हम किले के अंदर आ चुके हैं जो आखिरी गेट हमने पार किया ना यह सामने गेट इसको राम गेट बोलते हैं राम पोल और सामने वते सिंह जी का स्मारक है 1567 मैंने यूद के बारे में बताया ना उस समय युद्ध 1567 में शुरू हुआ था, यहाँ पर आपको कुछ दुकाने दिखाई देरी हैं, कुछ लोग यहाँ पर बैठे हुए भी दिख रहे हैं, ये फोर्ट के अंदर ही रहते हैं. राजस्थान में तीन लिविंग फोर्ट है जहां पर लोग आज भी रहते हैं जैसलमेर फोर्ट कुंबलगड़ फोर्ट और चितोड़गड़ फोर्ट अन्दाज में पांच हजार लोग ऐसे हैं जो बरसों से यहां पर रह रहे हैं और उसमें से काफी लोग हैं जो टूरिज अबी मैं आपको चितोड़गड़ फोर्ट का सबसे बेहतरीन व्यूपॉइंट दिखा रहा हूँ, बहुत ही अल्टिमेट। ये पूरा चितोड़गड़ शहर है, हमें घर दूर तक दिखाई दे रहे हैं, और यहां से स्टार्ट हो जाते हैं, और दूर तक घर ही घर हैं, और सामने वो जो मांटेन रेज दिख रही है, वो सारी की सारी अरावली रेंज है। जो हम जानते हैं गुजरात से स्टार्ट होती और दिल्ली तक जाती है राजस्थान का बहुत बड़ा हिस्सा है जो आरावली रेंज कवर करती है और 1850 फीट हाइट पर यह किला बना हुआ है कम शब्दों बोलेंगे तो यह किला अभियद है यहां यहाँ पर आना बहुत ही ज्यादा मुश्किल है। देखे ये बड़ी सी जो आपको बिल्डिंग दिखाई दे रही है, इसको कुम्बा महल बोलते हैं। अलाउदीन खिलजी ने 1303 में इसको डिस्ट्रॉय कर दिया था, काफी सारा हिस्सा इसका तोड़ दिया था। बाद में राना कुम्बा ने इसको रिपेयर करवाया। जितने भी राजा बप्पा रावल से लेके राना उदे सिंग के पीरियड तक हुए हैं, मैं आपसे 700 से 800 साल के पीरियड की बात कर रहा हूँ। सब इसी महल में रहते थे। पर भी है वहां से हमने 40 रुपए पर परसन की टिकेट निकाल लिए पिछले 45 मिनट से हम कुंबा महल अच्छे से घूम रहे हैं काफी को समझने की कोशिश कर रहे हैं इस समय मैं थोड़ा महल के अंदर की तरफ आ चुका हूं और आपको मैं प्रदाज के साथ इंट्रोडूस करवा रहा हूं हमारे साथ ही इस समय प्रदाज यहां जी चित्रोड़गाड़ फोर्ट के गाइड है टूरिस को गाइड करते हैं यह पहले से राजा का महल इसी पैलेस के अंदर दासी पुत्र बनवी ने रूल किंग तो उसके विक्रम जी सिंह उनको यहां मारा दिया था यहां मानने के बाद यह पूरा प्रेजी अपना हद्याने के लिए उदैशनी को माने के लिए जा रहा है ताकि ने का वंस खत्म हो जाए और वो जगा अलग है वो जगा हागे देखेंगे सामने जो आप इस टर्नल देख रहे हैं इस टर्नल यहां से डेट किलोमेटर दूर गौमों के लिए को जा रही है इसी टर्नल के अंदर महराणी पद्मनी ने एलोन अकेले जोहर किया था। सुरुक्सा के इसाब से कि अलावध इंकिल जी उपर नहीं आ जाए और मरने के बाद मेरी एस को भी टच नहीं कर दे। तो महराणी पद्मी का जोहर यहां है, 16,000 औरतों का हम आगे दिखा� यह क्या चीज है तो एक शब्द जिसको बोलता है साका राजस्थान में अगर कोई राजा अगर अटैक करता था और सिचुएशन यह हो जाती थी कि अब हारना निश्चित है मतलब सामने सेना दस अजार की और यहां पर सेना 300 लोगों की है तो थे के सर्या मतलब अब मर मिटेंगे देश के लिए और स्थान के लिए और राणियां और जो दासियां होते थे वह जोहर कर पर मरबित कर लेते थी मैंने ठीक बोला तो राणी बदमिनी ने इस थान पर जोहर किया था मतलब सुरंग के अंदर कुंबा महल देख करना इतना तो समझ में आ रहा है कि यह काफी बड़ा बना हुआ है क्योंकि मैं देख रहा हूं तो मिरा बाई क्या रिष्टा था मेवाड के राजा से? मिरा बाई का रिष्टा माना संग्राम सिंह से सप्रेड़ पुत्र भोज द्याज के स्थान का गया हुआ था ये सब सिव के उपास्था के और एक कृष्णी के उपास्था उन्होंने पसंद नहीं करते थे उनकी पती की चा तो उसके माने के लिए देवर ने वहाँ पॉजन बेजा था, वह अमृत में चेंज हो गया था, त्राउर बाजन स्नेक बेजा वहाँ, गाल लेंड बन गया था। यानि मीरा बाई को मारने की कोशिश की गई थी, और ये किनोंने की थी? उसके देवर विक्रमजी सिंग गई एंड उसका द्वारी का दिस इस चीज में लागे मेरा विलिन हुई है क्योंकि मिरा बाई के जन्म के बारे में तो हम सब जानते हैं लेकिन उसके बाद क्या हुआ वह किसी को नहीं पता उर्थी में समा गई हुआ द्वारी का जब जब मेरा थी यामन चेन था मे बड़ा था अभी हमने जो देखा था विक्रम जीत सिंह को मारते हुए दिखाया गया मानने के बाद दाशी पूत्र बन यहां तक पहुंच जाता है यहां उदय सिंह नर्श पन्ना धाई उदय सिंह को पाल दी थी बाता उदय सिंह का आया पहने पनाकर उसी विश्व लटा दिया तो उसके ओर इसार कर गया कि यह इतना कहती उसके विक्रम जी से उसके दो टुकड़े कर दिया वह नूट से आह नहीं निकलती अपने बेटे को करती वो देख रही है देखते देश के मानाव को बचा उससे मानापृताप पैदा हुए पन्ना ने अपने पुत्र का राजा लोगों का दास उत्सकर होता है वहाँ अपने बेटे को वहाँ जलाया उदैशिंग भी यहाँ पर चाकर कुंबलगट फोर्ट में ले गए तो अगर हम इस बात को ऐसा समझें कि अगर पन्ना बाई ने ऐसा नहीं किया होता तो मानापृत इस किले का जो निर्मान किया ना वो मोरेयन किंग चित्रांगन्ध मोरे ने किया था। उसके बाद फिर मेवार के राजा यहाँ पर आया और फिर उसके आगे की हिस्ट्री चलती गई। तो पहले मेवार के कौन से राजा थे जो किले में आया यहाँ पर? बप्पा रावल और बप्पा रावल का तो मैंने सुना इतिहास इतना है कि आप एक घंटे की डॉक्यूमेंटरी बनाओगे फिर भी नहीं पूरा कवर होगा बप्पा रावल का तो यह बिल्कुल सही बात आपने बोली इरान तक फाइट जीती और इतना मजबूती से जीती कि उसके बाद पार सुना तक कोई भी अफगान यहां नहीं आया लड़ने के लिए देखिए अभी मैं श्वेतांबर जैन टेंपल विजिट करके आया हूं टेंपल आप सामने देख सकते हैं, अंदर फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी अलाउड नहीं है। यहाँ पर लिखा हुआ है टेन सेंस्चुरी का टेंपल है। कर्माशाकर के एक जैन भक्ते, जिन्होंने इस टेंपल का निर्माण किया था। इस मंदिर के अंदर टोटल 27 जैन टेंपल है। हमने दर्शन कर लिये हैं, अब हम नज़दीक में ही मीरा टेंपल है, वहाँ चलेंगे। किता दूर है यहाँ से मीरा टेंपल? अच्छा! तो इसका नाम क्या कुम्बा स्वामिन मंदिर कुम्बा स्वामिन टेंपल मीरा मंदिर इसी प्रांगन में है ये बांडिबाल न्यू रिपेट की का हम पैलेस कंदरी खड़े हुए है वैसे ये टेंपल का जो कॉंपलेक्स है काफी बड़ा है हम पैलेस कंदरी खड़े हुए है सर कि इस मंदिर में हमने भगवान श्री कृष्ण बलराम और राधाराणी जी के दर्शन करें अभी ना कुछ पुराने हम स्कल्प्चर्स देख रहे हैं इनके साथ थोड़ा इसके बारे में बता सकते हैं यह पद्मनाप जो केला के टेंपल तो जैसे आप बता रहे हैं कि अ एट संचरी के हैं अब हमने पीछे की तरफ गया थे टेंपल के तो वहां भी हमने कुछ बहुत पुराने स्कॉल्प्चर्स देखे हैं और हर जगह मन उन्हें ऐसा लग रहा था हम रुके और समझें अच्छा मीरा भाई टेंपल से चार सो पान सो मीटर का सफर करके अभी हम विक्ट्री टॉवर के पास आ गये है इसको विजेस्टम बोलते है मेरे को यहाँ पर पहुंचे हुए लगबग आधे घंटे का समय हो गया है पिछले आधे घंटे पे मैंने विजेस्टम को हर एंगल से नज़दीक से जा जाकर देखा है अब मैं थोड़े डिस्टेंट से यह वीडियो बना के आपको दिखा रहा हूं आप देखिए यह कितना बुशूरत है नीचे देखिए आपको ग्रिल दिखाई दे रही है वहां पर अंदर चले जाएंगे तो स्टेयर्स है लेकिन अ� तो स्टेयर्स चड़ते जड़ते हैं आपका कौन से मंसिल आट मंसिल तक आप जा सकते हैं अच्छा एक टोर थे और जैसे खुबसूरती बाहर से या अंदर से कैसा है अंदर से भी सुंदर सभी धर्म की मुर्तियां बनी हुए इसके अंदर अच्छा यह टावर महमोशाय खिलजी MP स्टेट किंग गुजधार स्टेट किंग एमर शाबियक दोनों को कुंबा ने एक साथ डिफिट दिया है उसकी विजय की आदुविजयस्ट्र मनवाया था चौदा सौ अर्थालीश से 1458 को दस साल बनाने में लगे उस जमाने में बना हुआ है एक सुथ ताउन इसमें स्टेप्स बने हुए हिंदों में नवग्रह होते हैं नो मंजिल बना हुआ है नीचे से ऊपर तक सभी धन की मूर्ति खलाब बनी हुई है लास्ट फ्लोर बीज़ दिखें से डेमेज हो गया टूट कैसे नहीं रिपेड किया यह पूरा लोही की बांडी वाल्गन तो गाड़न देख रहे हैं यह 40 फीट डीप गरा गड़्डा था गीत तेल लकड़ी से भरावा था इसको आग लगा दी गई पहला 1303 में यह 16,000 मा बेहनों ने अपने आपको जिन्दा आग बे जलाये थे 1303 में जब अलाउद दिन खिलजी का आक्रमण हुआ था तो यह जन जोहर था यह जन जोहर हुआ है एवरी कॉम एवरी जाति की महाबेनों नहीं नियाबु जिन्दा आग में जलाया था दोस्ता 1535 में हुआ था बादुषा गुज़ाद के समय में राजमाता कर्नावती ने 13,000 और तो के सा� जाओर कितनी बड़ी बात है अच्छा तीसरा अग्बर के समय हुआ था फूल कवर के नयत्यत्व में यहां साथ हजार और तो ने जाओर किया था और यह कभी की बात है 1568 फिर टेंट शिक्टिएट अ हर साल उनकी याद में जहार उस्सम मनाये जाता है। होली के बाद जो पहली कदर से आती है, उसको पाप मोचनी बोलते हैं। मैंने सुना उस समय दुनिया भर से जितने राजपूत हैं, हर परिवार से। सब आते हैं। एक नए किचन जरूर आते हैं यहाँ पर� शामने छोटा यज्ञी कुण देख रहे हैं, वहाँ प्रजेंट किंग जो है, उनकी द्वारा यज्ञी किया जाता है, उनकी याद में आहुते दी जाती है। गवर्वर्मेंट ने इस ग्राउंड का जब सर्वे किया था न, राजाओं के समय में, इसकी कई पर्ते हैं पिछले कुछ दिनों में बात करते ना मुझे किसी नहीं एक बात बताई कि बाबर का राना सांगा के साथ यूद्ध हो रहा था ना तो बाबर ने ऑप्शन किया कि हिंदू हो हिंदू का जो केमा था राजा का वहां जगह से धूआ उठा था और खाना बन रहा था तो यह बात बाबर को उसके सरदार ने बताई तो तब बाबर ने सवाल बूचा कि अलग जगह खाना क्यों बन रहा हमारे यहां तो खाना एक साथ बन रहा है तब उन्हें बोला कि अ बावर को वहां से एक हिंट मिली कि अगर हिंदू को तो ना है तो कास के आधार पर तो रह सकता है ऐसा मुझे किसी ने बताया कि वहां से धीरे-धीरे शुरुआत वरना अगर सारे राजपूत एक साथ हो जाते तो हिस्ट्री अलग होती यह सुर्यवंसी राजाव का संसानघट का मंदिर है यह राजा भोज कहां राजा भोज का गंगोतली सुना आपने हां एक आवध सुनी हमने एमपीएंट राजा भोज है उनका फ्रेंड था गंगुतेली, पूर्वर मैन, उसको एक दिन का उसको राजा बनाया था उसने, अपनी सिर्ट पे बिठाया था, इसलिए वहाँ से कावच चली कहां राजा भोज का गंगुतेली, तो उस राजा भोज ने स्टेंपलों को बनाया था 11th century में, अलाउदन से विश्व महस्कम द इन्याम आपको अलग एक साथ यह देखने मिलता है एक हजार वस्पना मंदिर यह कला देख रहे है जगनातपूरी की आग्यावली सौमनात की तो जी ओडी गोड मिस भगवान जी फोर जेनेरेटर है और ओपरेटर डी फोर डेश्टो याद शरीर ब्रह्मा विश्णु महस प्राचीन मंदिर एक ह� अभी मेरे को प्रलाज जी ने टेंपल के पास आके दिखाया कि अश्व में जो यज्ञ हुआ था यह सारी उसकी आर्ट है घोड़ा लवकुष पीछे सैना कर दो यह गाहमुक लेक है जहां गाई की मुक्सित शिव के हेड के बराबराबर पानी किर रहा है पानी कहां से आता है इसके कोई जानकारी नहीं है राज में से सभी रानी अंडरगोन यहां नाने आती थी वहीं से आती थी जाने थी नाहा कर शिव की पूजा करके पद्मनी की पूजा करके टुनल से वापस पैलेस को जाती थी गंगा का गया है नरवेनाथ दिसी जो पांड़ों को समय पांच जार साल पहले उन्हें यहीं तपस्या ली थी इसलिए कहा जाया है गाहमुक पड़े जरना जरे नरवेनाथ की थोड़ करोड़ तपस्या करे तपावे गड़ से तो अच्छा पौइत्र जगह है सर्दी सांस बहुत अंदर ना थी उसका आगे वह सिर्फ के हैड पर पानी गिर रहा है तो पानी कहां से गिर रहा है वह अंदर पानी में डूबा हुआ है सिविलिंग तो सामने विश्व की छह पीट लंबी मूर्ति गनेश के पास मिलते हैं यह जन टेंपल जितनाथ का इसने पासना जन टेंपल वंडर गांव टाइनल वहां के ओ� अब हम यहां इस पूरा केमिकी एरियो को देखने के बाद हम पद्विनी पैलेस जा रहे हैं अच्छा तो यहां से पद्विनी पैलेस पैदल का रास्ता है नहीं हम बाई ओटो से जाएंगे अच्छा दूर है कितना दो किलो मेटर सम्थिंग अच्छा आओ जी कि अब हम काली मां की मंत्र खड़े हुए अंदर यह पहले सूरी मंतिर था इन्या में दो संटेंपल थे कौनार कोर यहां पर तो सूरी बनसी राजा थे मेरे ख्याल से आप ऐसे संटेंपल की बात कर रहे हो जो मैंनेट से यह सूरी की मूर्ति की नहीं होती यहां पर सूर्य की मूर्ति हवा में रहती थी तो सूर्य वंसी थे तो वहीं से पूजा करके सामने कुंडे वासे से लेकर जाते थे सुरी उदे होते ही भगवान गोड़े सिद्ध पाने से निकलते थे साथ में हो जाते अगर फाइट चली हो फाइट डड़ते थे अगर फाइट नहीं जाते सोता सुरी और गाइब हो जाते थे इसके पावर की वजह से राजाओं के हार नहीं होते थे बाद में हमेश चिणे इस फोड को 1313 में अपने कभजे में लिया अगर आप मा के दर्शन करते हो और काले गुबहरों के दर्शन नहीं करते हो तो दर्शन पुरानी माना जाता है कि यह सामने जो महल देख रहे हैं जल महल यह राणी पद्मिनी का महल था और एक्शन यहां पर जैसा मेरे को प्रदाजी ने बताया कि स्पेशल जो गैस्ट होते थे उनको रुकवाया जाता था और यहां से बोर्ट से वह लोग वहां चले जाते थे अब देखिए पिछले चार साल के अंदर जब से ये पद्माबट मूवी आई है बहुत लोग के बहुत सारे विचार है स्पेशली इस बात को लेके कि अलाउदिन खिलजी यहाँ पर एक्चुली में जोहर से पहले आया, जोहर के बाद आया, राणी पद्मिनी का चेहरा क्या अलाउदीन को दिखाया गया, नहीं दिखाया गया, ऐसे कुछ पॉइंट्स हैं जिसके अंदर डिफरेंस ओफ ओपिनियन है, क्योंकि फिल्म में अलावदींकील जी हारकर वापस दिली चले गए थे सेगन दबाए इसको सीज कर लिया था गेर के पड़े रहे यह अभेदी किला है वह गुछ नहीं पाए उन्हें चार्च दिली के सुल्टान हम आपसे रिक्वेस्ट कर रहे हैं हमको सो दोस्तों से निगुर अंदर आने दीजिए हम वह उनका अंदर वापस यहां लाइए इसको खाना-पीना खिलाया वेलकम किया पहुंचाने के तो साथ में सेनिक आया थे उससे काई का मांस लेकर आए थे काई का मांस गाय का मांस काव तभी हमने आपको खुद दिखाया था सुरचकुण काली मांगा मंदिर वह सेनिक जो साथ में कहते उन्होंने मांस उसमें डाल दिया था कुंड में कुंड के अंदर अच्छा क्योंकि सूर्य की शक्ति जल में रहती थी भगवान सूर्य पाने से एवर डेम मॉर्निंग निकलते थे सूर्य देने के साथ आज तुम्हें गाइब हो जाते थे फाइट लड़ते थे इसके पावर की वजह से राजाव को भी हार होती नहीं थी ते पावर की निकली रागव चेतन उसको दे दी फिर सेवन गेट पाउट पहुंचाने के राभविंखिल जी को अपनी सेमा के बाद मेहमान है में वाला थी तो बाव वहां को गृपतार कर लिया और पद्मनी के लिए मैसेज किया राणी को बेस रतन सिंह को ले जाइए जो मैसेज आया रचपूत गबरा गए तो हमारे साथ दोखा हुआ है दो के गबरा दो किसी जाए पद्मी जितनी ख� उससे प्लानिंग तियार की बाशा को मेसेज किया का आने के लिए तैयार है राणी उसकी दो शर्त है पहली शर्त तो आठ सो दास्यों के साथ आएगी परदा सिस्टम है पालेंकी को चेक नहीं करेगा सेकंड शर्त तो अपनी पती से लाश टाइम मिलना चाहेगी दोनों शर्ते स्विकार की गई आठ सो पालेंकी की व्यवस्ता की गई हर पालेंकी को उठाने वाले सूर वीर योदा अंदर बेटने वाले भी सूर वीर योदा हैतियार पालेंकी के लिए ये सर गोरा के नेतुत में पद्मनी की पालेंकी में उसके चाचा बैड़ गए थे गोरा गोरा के नेतुत में सिना नीचे को पहुँची बाश्यप पालेंकी को दूसरे देखे खुस हो गया लाओ दिंकिल जी राणी आ गई है पद्मनी की पालेंकी सिदे अपनी पती र रतन सिंह को प्लानिंग समझाई बादल दो होर्स लेकर त्यार खड़ा बाता रतन सिंह को प्लानिंग समझाकर होर्स के पर बिठाया पुरत प्रवणना क्या वहीं युद्ध का बिकल बच गया रजपुत भी कटा मुगल भी कटा सेकंड टाइम लॉडिंग जी हार कर बहुत बड़ी फोर्स लेकर आए, सभी रचपूत रतन सिंग्ष सेथ केसरा कपड़े पैन कर, युद्ध में गहर लड़ने के लिए सब वीर गति को प्राप्त हुए। थर्ड टाइम आर पार की लड़ाई थे। आर पार की केसरा दाड़न कर लिया उन्होंने थर्� ने वोमन ने में राज जलती हुए दिखाए दी उसको तो उसका गुस्ता इस पर फोटो में जो पद्बिनी नहीं दिखाए दी ना उसका गुस्ता इस पर फोटो में निकला अपने पुत्र खिजर खाँ को यहां का बाश्या बनाया और खिजर खाँ की नाम से इस फोटो क दस वर्ष उसने राजि किया, दस लौड़विला तोड़ फोड़, यहाँ एक भी टेंपल, एक भी मुरत, एक भी मैलापुर सेश सलामव देखें उसदा, सब रूइन ठोड़ा फोड़ा देखें उसदा, ती राणी को दिखाने वाली इस ती जूनती कारणी थी, मैं वो ह लोगों ने ऐसा बताया कि आज भी मेवार के किसी गाओं में चले जाओ तो वहाँ पर जो लेडीज हैं वह घूंगट करके रखती हैं और बहुत लेडी को आप तो यह देखिए सर पर सुरीवंसी में कोई सरंडर हुआ है क्या? ये सुरीवंसी राजा को फोटा विजिट कर रहे हैं सुरीवंसी राजा में कोई सरंडर हुआ क्या है? दिखाने का मतलब सरंडर है सर और जब मान लो अलाउद दिन खिलजी को राणे का चेहरा दिखा दिया फिर तोड़ फोड़ काई को किया? फिर जोरी की कहाँ आवश्यकता रही? जब सरंडर हो गए हैं, फिर जोर की आविशेकता कहा रही है? बात आपकी लॉजिकल है, बिल्कुल सही बात है चितोड वाइट सिटी है, हमारे को दाग नहीं है जोतपूर ब्ली सिटी, जैपूर पिंक सिटी, जैसेमर गोड़न सिटी तो अभी हमारा क्या प्रोग्राम है, कहाँ जाएंगे? अब यहाँ से हम ओटर से गूमते हुए हम फ्रंट गेट जाएंगे हमने एंट्री लिया बैक गेट से, फ्रंट गेट के लिए दूसरा है फ्रंट गेट से लेकिन टूरिस्ट एंट्री नहीं है इसे होर्स एंट्री, इसे होर्स पावर एंट्री ठीक है, चलो, आओ जी हम फ्रंट केट देखने जा रहे थे जहां से अलाउदीन खिलजी का अटाक हुआ ये रास्ता है वहाँ जाने का रोड आप देख लीजिए और फिलहाल यहाँ पर हम खड़े होके व्यू देखते हैं और पहला जिसे जगा के बारे में कुछ जानते हैं व्यू ब पाड़ी पर खड़े होकर सामने देखता हूँ ना उस तरह से हमको सिटी दिख रही थी यहां हमको खेत दिखाई दे रहे सामने पहाड़ी है इस सब इसी का विंद्याचल का पार्ट है ना यह सब विंद्याचल पार्ट है और इधर क्या पैदल चलना इसका जाने के राजा जब अच्छे काम करता ना सोबीगा दोस्तों गांव का गांव देता था उसको इनाम दे ये सब डिवाइड होकर छोड़े टूगडे हो गए ये सब बैटर फिर था सामने अलाउदिन की सेना है ये सब अंदर है समझ गए तो अलाउदिन खिलजी की जो सेना है इस तरफ हुआ करती थी और अकबर ने मैंने सुना चारों तरफ से घिरा था अकबर ने चारों तरफ से घिरा है इसको वो जो मैस आपको दिखा है देरी वाइट मैस उसके पीछे छोड़ा सा गाउन दिख रहा ना वो नगरी मध्यमी का सुबह से लेकर अभी तक हमने मेवाड के जो राना महाराना ने उनका इतियास जाना है यहां पर आकर हम मोर्यन डानेस्टी का यह क्या देख रहें टेंपल है यह क्रिमेशन टेंपल मोर्य डानेस्टी क्रिमेशन का क्या मतलब हुआ संसान का तो उसको टेंपल क्यों बोल रहे हैं? समसान गाट में मोर्याव का मंदिर होता है हर कौम के अंदर जलाते हैं ना, क्रिप्रिण टेंपल गेट वेशन साइट अच्छा सूरी की कभी पूरी परिक्मत या अर्थ परिक्मत होती है और सिव की परिक्मत ना उत्तरायन हमेशा उत्तरायन मुक्क होता है तो यह अभी भी इस किले के अंदर मोरेयन डानेस्टी के कुछ पार्ट्स है जो देख सकते हैं तो नज़दीक चलकर देखेंगे यह प्लीज कम तो यह स्ट्रक्चर जो है फिर संचरी का जब यह रांगन मोरेया यहां पर आए और यह अपना शुरुआत की थी शुरुआत करी फिर सबा 200 साल के आसपास उनका राज चला उसके बाद बप्पा रावल ने के बप्पा रावल आ गए यहां पर तो यह पॉइंट आपको ड्रेगन दिखाई दे रहे हैं कहां पर यह कॉर्नर्स के अंदर आप दिख रहे हैं य आपने कहीं इतने टेंपल में विजिट किया है नहीं हमारी टेंपल के पर कितनी कार्विंग दिखाई गई बॉटम से टॉप यहां सिर्फ आपको अर्ध चंद्राकार्ष यह किर्ति थर्ज बुरी आत्मों से रख सकती है टेंपल की और डाइट अफसा डांसिंग्स तो हमारे टेंपल फूल कार्विंग होती देवी देता हो कि इनके गेट्स के पर आपको कुछ भी नहीं दिखाई देगा, सिर्फ गनेश जी के अलावा अभी मंदिर के अंदर हम आए हैं, इस मंदिर को अद्बूत नाथ शिव मंदिर कहते हैं सामने जो आप बरम्मा, विश्णू और महेश के दर्शन कर रहे हैं, कुछ-कुछ सिमिलर हैं समादेशव टेंपल जो हमने जोहर कुंड के पास देखा था ना मुझे प्रलाज जी ने बताया, फतेपुर सीकरी में जो बुलन दरवाजा है न, वो एक समय पे यहां हुआ करता था, इदर बाहर. यहां से अकबर उसको फतेपुर सीकरी ले गया, और यहां पे जो आज की तारीग में आप जो गेट देख रहे हैं, यह भी बहुत पुराना है, एक हजार साल पुराना गेट है, यह नीचे से आया है यहाँ पर. तो टोटल जैसे आपने बताया है, साथ गेट वहाँ पर हैं और साथ गेट यहाँ पर हैं. और एक और बात इन्होंने हमें हिस्टरी से जुड़ी हुई बताई है, ज� उसके बाद वो मेहमान बनकर किले में आया कुछ अपने second time तो यहाँ से रानर रतन सिंग और अलाउदिन खिलजी नीचे गए और सात्में गेट पे धोखे से रानर रतन सिंग को अलाउदिन खिलजी की फोज ने पकड़ लिया अभी देखो हम कीर्ति स्थम पहुँँच चुके हैं इसकी जो खुशूरती है बहुत अच्छी है ये 12th century का है जेनी को जो पहले नंबर के तित्रंखर हुए हैं आधिनात रिसब देव उनकी किर्ती के हिसाब से बगेरवास समाज में रिशेटे सानाई उसके बड़े जिजानि टाउर को बनाया था पिछ्चोतर फिर इसकी हाइट है साथ मंजिल है इसकी ये 12th century का पास पर दिगम अधि 12th century जेन लोग इसको मालकस्तम बोलते है अगर टेंपल बनना तो इस तरह बनना बहुत जरूरी है यह इसमाल गेट निचा देखने लोक रखा है इसको पर फाइबीट की आदमात की प्रतिवण नहीं पोर साइड बोरा है एक तरफ कीर्टी स्टम है और सामने वहां पर वह हमें विजयस्टम दिखाई दे रहा है अगर हाइट के हिसाब से बात करें इस समय हम विजयस्टम से ज्यादा हाइट पर है मतलब इस पार्ट का स्लॉप है पैसे है हाई पार्ट लोग पार्ट इस भी गाइट हाई पार्ट लोग एक ही गेट ताज एक ही वाइट टावर था वह गेट रस्ता कुंबा ने बनाएं कुंबा ने वाइट टावर बनाएं नेविस की वाच है कंगुरा विजय और केटनी का प्रतिप्राटी चितोड़गड फोर्ट विजिट के नाम सेकेंड लास्ट पॉइंट तक आ चुके हैं अभी हम राना रतन सिंग्ञ 2 के महल के बाहर कड़े हैं ये इनका पैलेस है ना तो मुझे लग रहा है वैसे पैलेस खुला है लेकिन अभी शायद बंद हो जाएगा और 2-5 संसेट हो गया ना ऑलमोस्ट टाइम हो गया तो यह तालाब उन्हें के नाम से रथन सिंह महल रंतेश्वर तालाब रंतेश्वर रंतेश्वर तालाब अच्छा रंतेश्वर महादेव का मंदिर अच्छा यह तालाब में पानी सालवर रहता है ऐसा एसे फोर्ड के लिए 22 टेंक हैं जो कभी खाली नहीं होते हैं बास्टर टेंक बरसात के एक दिन बाद एमटी हो जाते हैं 84 वाटर टेंक, 113 टेंपल, 8 पैलेसेस थे आज ताइम्स आज ब्रोकन बाई अकबर अच्छा और राणी में पद्वनी बागी सब रणाईया अच्छा इसके बाद हम लाइट एंड साउंड शो के लिए जाने वाले अभी 645 का टाइम हो गया लाइट एंड साउंड शो का टाइम है 730 से ना सारे साथ से इसका टिकेट कितने का होता है 177 रूप पर पर्सन सर अच्छा 150 रूपी आपका टिकेट है 27 पर आपका जीएस्टी है अच्छा तो वैसे देखो लास्ट मुमेंट भी अगर बारिश हो जाता हो लाइट और साउंड शो कैंसल हो जाता है तो वो दस मिनट भी पहली बरसात होगी तो शो कैंसल हो जाएगा तो हम थोड़ा चांस ले रहे हैं वासम बना ह बोलूं आज अगर आप नहीं होते ना तो हम फोट इतने अच्छे से समझ नहीं पाते यह तो कोई चांस नहीं था क्योंकि आपने बहुत डिटेल में हमें यह फोट गुमाया सोचो ना सुबह 8.30 बजे हम लोग यहां आ चुके थे तब से लेकर अभी तेसरे साथ बजे तक हम फोट देख रहे हैं और अभी आदा घंटा थोड़ा ऐसा घूमेंगे और फिर 7.30 बजे लाइट एंड सॉन चूट थैंक य दू सौ साल बीद गए तभी राजस्थान के गहलोट वंश्वी एक ऐसे बालक का जन्म हुआ चो मौझूदा मेवाड की बुन्याद रखने वाला था ऐसा कौन होगा जिसने चित्तोड की राणी पद्मिनी का नाम न सुना हो तेर्वी सदी के आखरी हिस्से में चित्तोड पर रावल रतन सिंगराज था जब हम सबा साथ बजे लाइट और साउंड शोव देखने के लिए पहुंचे, तो एक बार के लिए लग रहा था, शायद लाइट और साउंड शोव ना हो, क्योंकि हल्की-हलकी बरसात हो रही थी, लेकिन शोव हुआ, क्योंकि बादर टाइम 7.30 वे बारिश खतम हो गई यह 50-55 मिनट का शो देखना वैसे मेरे को अब हिस्ट्री की काफी नॉलेज हो चुकी थी क्योंकि मैंने आज फोर्ट बहुत अच्छे से विजिट किया पर फिर भी बहुत सारी चीजें ऐसी थी जो मैंने नहीं देखी इस समय आटीडीसी पन्ना पहुंच चुके हैं य लेकिन हमने डबल ऑक्यूपेंसी एकोमोडेशन फोर्टीन हड़ी रूपी टारिफ में लिए मैंने ऑनलाइन बुकिंग करवा ली थी पार अंधेर है तो मैं आपको ज्यादा कुछ नहीं दिखा सकता जब हम फोर्ट में ट्रावल कर रहे थे ना तो रह रहे के मेरे मन में आप उदेपूर आएंगे तो आपको चितोड़गर तो जरूर आना चाहिए और गाइडी टूअर ही करिएगा क्योंकि अपने आप टूअर करने से आपको ना वो फील आएगी ना उत्तरा अच्छे से आप फोर्ट विजिट कर सकेंगे। सिर्फ ये है कि समय दीजेग नाई घंटे में फोर्ट विजिट करना बिल्कुल भी इतने बड़े फोर्ट को जस्टिस नहीं है तो काइदे से यह पूरे एक दिन का इस विच ओविस्टली मीन्स की हायर फीस ऑलसो राइट आज का एपिसोड हमारा यहीं पर फिनिश हो रहा है कल हम फर्स्ट हाफ अफ दे डे में चित्रोडगढ़ तक चित्रोडगढ़ में रहेंगे तीन चर जगह लोकल जाएंगे और उसके बाद हम उदेपूर को दे लेंगे तो यह जो कल का प्रोग्राम वह अगले एपिसोड में देखोगे अभी के लिए बाइ-बाइ थैंक्स फॉर यो टाइम