फोटोसिंथेसिस इन हायर प्लांट्स
परिचय
- अध्याय: फोटोसिंथेसिस इन हायर प्लांट्स
- प्रस्तुतकर्ता: डॉ. विपिन कुमार शर्मा
- उद्देश्य: प्लांट फिजियोलॉजी को समझना और नॉलेज बढ़ाना
फोटोसिंथेसिस की मूल बातें
- फोटोसिंथेसिस का अर्थ: प्रकाश ऊर्जा से रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तन
- प्रमुख उत्पाद: ग्लूकोज और ऑक्सीजन
- रिएक्शन: लाइट एनर्जी से फूड का निर्माण
- ऑटोट्रॉफ्स: खुद का खाना स्वयं बनाते हैं
आवश्यकताएँ
- लाइट: ऊर्जा का मुख्य स्रोत
- क्लोरोफिल: प्रकाश के अब्जॉर्प्शन के लिए
- स्टोमेटा: CO₂ के एंट्री के लिए
फोटोसिंथेसिस की प्रक्रिया
- लाइट रिएक्शन: थायलाकोइड्स में होते हैं, लाइट अब्जॉर्प्शन, ऑक्सीजन रिलीज
- डार्क रिएक्शन: स्ट्रोमा में होते हैं, एटीपी और एनएडीपीएच का उपयोग करके ग्लूकोज का निर्माण
प्रमुख एक्सपेरिमेंट्स
- वेरीगेटेड लीफ एक्सपेरिमेंट: लाइट की आवश्यकता दर्शाता है
- मॉल्स हाफ लीफ एक्सपेरिमेंट: CO₂ की आवश्यकता दर्शाता है
- प्रिस्टले का बेल जार एक्सपेरिमेंट: ऑक्सीजन के महत्व को दर्शात ा है
- इंगेलमैन एक्सपेरिमेंट: ब्लू और रेड लाइट में अधिकतम फोटोसिंथेसिस
सी-3 और सी-4 पाथवे
- सी-3 पाथवे: पहला स्थिर उत्पाद पीजीए (तीन कार्बन)
- सी-4 पाथवे: पहला स्थिर उत्पाद ऑक्सलो एसिटिक एसिड (चार कार्बन)
- सी-2 पाथवे: फोटोरेस्पिरेशन, CO₂ के बिना ऑक्सीजन की प्रतिक्रिया
फैक्टर्स अफेक्टिंग फोटोसिंथेसिस
- इंटर्नल फैक्टर्स: प्लांट की जेनेटिक्स, क्लोरोफिल, मीजोफिल सेल्स
- एक्सटर्नल फैक्टर्स: प्रकाश, CO₂, पानी, तापमान
- ब्लैक मैनस लॉ: लिमिटिंग फैक्टर सबसे कम क्वांटिटी वाला
लाइट की भूमिकाएँ
- क्वालिटी: ब्लू और रेड लाइट में अधिक फोटोसिंथेसिस
- ड्यूरेशन: स्पीड नहीं, पर ओवरऑल प्रोडक्ट की क्वांटिटी बढ़ाता है
- इंटेंसिटी: शुरुआत में रेट बढ़ता है फिर स्थिर होता है
CO₂ की भूमिकाएँ
- मेयर लिमिटिंग फैक्टर: एटमॉस्फेरिक कंसंट्रेशन कम
- हाई इंटेंसिटी पर रेट बढ़ता है
निष्कर्ष
फोटोसिंथेसिस एक जटिल प्रक्रिया है, जो कई कारकों पर निर्भर करती है। इसके अध्ययन से हम प्लांट की यील्ड बढ़ाने के तरीके खोज सकते हैं।