कंप्यूटर ग्राफिक्स: शेडिंग मॉडल

Apr 4, 2025

कंप्यूटर ग्राफिक्स: शेडिंग मॉडल

परिचय

  • आज का विषय: कंप्यूटर ग्राफिक्स में शेडिंग मॉडल के तीन वेरिएंट्स।
  • शेडिंग के दो वेरिएंट्स:
    • फ्लैट या कांस्टेंट शेडिंग
    • गरड या इंटरपोलेशन शेडिंग
  • तीसरा वेरिएंट अगले वीडियो में देखा जाएगा।

शेडिंग का महत्व

  • शेडिंग का उपयोग ड्राइंग और स्केचिंग में किया जाता है।
  • सही शेडिंग से 3D इफेक्ट प्राप्त होता है।

फ्लैट शेडिंग (कांस्टेंट शेडिंग)

  • सबसे साधारण और तेज़ शेडिंग मॉडल।
  • सभी पॉइंट्स पर एक समान इंटेंसिटी दी जाती है।
  • उदाहरण:
    • एक सरफेस पर एक ही इंटेंसिटी और कलर।
  • इससे डिस्कंटीन्यूटी होती है।
  • प्रॉब्लम: रियल वर्ल्ड ऑब्जेक्ट की ढंग से प्रेजेंटेशन नहीं हो पाता।

गरड शेडिंग (इंटरपोलेशन शेडिंग)

  • इस तकनीक में नॉर्मल वेक्टर्स का औसत निकालकर शेडिंग की जाती है।
  • तीन नॉर्मल वेक्टर (n1, n2, n3) के औसत से शेडिंग होती है।
  • वर्टेक्स के इर्द-गिर्द के सरफेस को ध्यान में रखा जाता है।
  • यह तकनीक कलर की निरंतरता लाने में मदद करती है।

इंटेंसिटी कैलकुलेशन

  • वर्टेक्स की इंटेंसिटी कैलकुलेट करने के लिए:

    • v1, v2, v3 के बीच के पॉइंट्स की मदद से क्यूंकि ये इंटरपोलेशन का फंडा है।

    i_c = (i1 * (y_b - y2) / (y1 - y2)) + (i2 * (y3 - y_b) / (y3 - y2))

    • इसी तरह a और b पॉइंट्स के लिए भी इंटेंसिटी कैलकुलेट की जाती है।

निष्कर्ष

  • गरड शेडिंग द्वारा रियलिस्टिक 3D इफेक्ट प्राप्त किया जा सकता है।
  • वीडियो को लाइक और शेयर करें।
  • धन्यवाद!