Hello everybody, this is Dighraas Singh Rajput, welcome to Magnet Brains इस वीडियो में हम क्या पढ़ने वाले हैं? इस वीडियो में हम पढ़ेंगे Problems After October Revolution अब ये क्या है समझेगा इस चीज़ को मैंने आपको पिछले वीडियो में क्या बताया था? पिछले वीडियो में हमने आपको बताया आया है कि क्या-क्या बदलावाएं हैं ऑक्टूबर रेवोलूशन के बाद में वाट चेंज आफ्टर ऑक्टूबर रेवोलूशन तो पॉजिटिव सेंस में अगर देखा जाए किसके मतलब लेनेंड के परस्पेक्टिव से तो उन्हें जो भी बोला वह सारा तो कु दिया पार्टी का नामकरण फिर से हो गया नाम बदल दिया ठीक है क्या नाम बदला था भी मुझे कमेंट सेक्शन में बताएंगे कि जो वॉल्शविक पार्टी थी उसका नाम क्या बदल दिया बदल के क्या कर दिया गया था ऑक्टूबर रेवलेशन पर आपको होमवर्क है ठीक अभी देखो क्या है तो अब यह सारी चीज हमने देखा पॉजिटिव सेंस पॉजिटिव सेंस में अगर स्पेसिफिक क्वेश्चन यह आता है वह दिप्रॉब्लम्स आफ्टर दी ऑक्टॉपर रेविलीशन तो आपको यहां पर सारी प्रॉब्लम्स मिल जाएंगी वह हम किसमें लिखेंगे वह चेंज आफ्टर ऑक्टॉपर रेविलीशन वह प्रॉब्लम्स अगर और पर क्या हुआ था लोगों की क्या डिमांड फिर रिलेशन के टाइम पर कि कंस्टिट्यूएंट असंबली हो एक कंस्टिटूशन हो जरा इस तरीके से सिस्टेमेटिक डेमोक्रेटिक वे में कंट्री चला आप ठीक है तो अक्टोबर फैब्री रिवेलेशन पूछ रही थी कि आधी है हम पावर में हम क्या करेंगे हम फिर से क्या करवा सकते हैं एक तरह से एलेक्शन करवा लो हमारी पार्टी जीतेगी तो ओवर कॉन्फिडेंट हो गए वह कॉन्फिडेंस से कब ओवर कॉन्फिडेंस पर पहुंच गए ने नहीं मिल पाता है बॉल्शिविक पार्टी को अब बॉल्शिविक पार्टी को मैजोरिटी सपोर्ट नहीं नहीं मिल पाता तो उसके चलते दिक्कते होती हैं क्या दिक्कते होती है देखो उसके चलते दिक्कते होती है कि अब कंस्टिट्रेंट एसेंबली में बॉल्शिविक पार्टी के लोग नहीं मैजोरिटी में नहीं तो बॉल्शिविक पार्टी वीडियो में डिस्कस किया वाट चेंज आफ्टर ऑक्टोबर तो जो बदलाव ला रही थी बॉल्शिविक पार्टी तो अब आप जैसे पेजी से दोड़ने लगे कंफ्रिक्ट बढ़ते चले गए किसके बीच में बॉल्शिविक पार्टी और कंस्ट्रिट्वेंट असम्ली अपने थे ना वह बहुत अनसर्टन कंडीशन में हुए थे मतलब आप देखो और ऑक्टूबर रेवोलीशन के बाद में आया थे तो उतना सब कुछ अच्छा नहीं था तो इस करण से क्या है कि बहुत अनसर्टन कंडीशन में एलेक्शन हुए थे उसके इसलिए उसे कांग्रेस के बात कर रहे थे इंडियन कांग्रेस ऑफ सोविएट वॉट डेमोक्रिटिक उनका यह मानना था कि जिस तरह से कंट्री में वह सारे ग्रुप्स की जो मीटिंग होती थी वह ज्यादा डेमोक्रेटिक है कंपेयर्ड टू कंस्टिट्यूएंट एसेंबली तो इस संस में हम कंस्टिट्यूएंट एसेंबली को क्या करते हैं डिजॉल्व कर देते हैं बाकि मेन रीजन वॉस बॉचिविक पार्टी के द्वारा जो भी स्टुप्स लिए जाते थे उन्हें क्या करती थी अपोस करती थी रिजेक्ट करती थी अब अब अब कि उनके सामने रशियन कांग्रेस भी ना रशियन कांग्रेस में सोवियेट्स है तो कुछ रशियन कांग्रेस की सोवियेट्स तो सपोटर थी बॉल्शुविक पार्टी की तो वो तो एक तरह से डमी सोवियेट्स हैं बस कि जो बॉल्शुविक के नाम पर चल रही है लेकि एक्टिविटीज को कंट्रोल करने स्टार्ट कर दिया उन्हें बैन करने स्टार्ट कर दिया यह धीरे-धीरे हो रहा था ठीक है तो उसके चलते क्या है उसके चलते हम देखते हैं कि अभी एक समय आएगा जब सिर्फ और सिर्फ बॉल्शिविक पार्टी ही अकेली र नहीं पता है कि लोग जो दूसरे अपोजिशन पार्टी थी ठीक है जैसे जो कंस्टिटुएंट एसंबली में जो लोग जीत किया है होंगे या फिर मान लीजिए कि जो प्रोविजिजनल गवर्नमेंट के कुछ लीडर्स बचे होंगे जो अपोज कर रहे हैं तो वह सारे लीडर्स नहीं चाहते थे अपोजिशन नहीं चाहता था कि क्या हो कि पीस ट्रीटी हो पीस एग्रीमेंट हो किसके साथ में जर्मनी के साथ में देखो वार टू बी ब्रॉड टू एन एंड एप्रेल थीसेस की एक पॉइंट था ठीक है कि जो लेंगे वैसे देखा जाए तो रशियन रेवुलीशन जैसी होता है 17 ऑक्टॉबर में वैसे ही कॉल आफ कर लिया जाता है फिर एक पीस ट्रीटी साइन की जाती किसके साथ में जर्मनी के साथ में तो अब यहां पर समझना क्या है नाइनटीन एटीन बॉल्शेविक मेड पीस विथ जर्मनी एट ब्रेस्ट लिटोवास्क ठीक है तो ब्रेस्ट लिटोवास्क सिटी है वहां पार्टी क्यों कह रहा हूं कि रश्या की सारी पार्टी से रेडी नहीं थी उसके साथ में पोजीशन था डिस्पाइट अपोजिशन अपीस ट्रिटी वॉस साइन देखो यह पीछे ब्रेस्ट लिटो वॉस तो इस तरह से लीडर्स वगैरह जो भी है ठीक तो आपने कंस्टिट्रेंट एसेंबली को हटा दिया है ठीक है सिर्फ आपके सामने क्या है रशियन ऑल रशियन कांग्रेस उसमें भी बहुत सारी सोवियर्श तो आपकी सपोर्टर से और जो दूसरी थी तो उनको क्या करना स्टार्ट कर दिया टंट्रोल में रखा जाने लगा ठीक है सीक्रेट पुलिस बना दिगा यह सीक्रेट पुलिस क्या है जैसे चेका फर्स्ट ओजी पीजो एंड एंड के वीडियो तो यह ध्यान रखना आपको ओजीपीजो एंड के वीडियो कुछ सीक्रेट पुलिस पुलिस थी अब इनका रही उसको कौन समालता था उसको इस सीक्रेट पुलिस समालती थी जैसे अगर आपको ध्यान नाजिजम वाले चैप्टर में तो वहां पर भी उन्होंने क्या गैस्टपो वगैरह बनाया था सीक्रेट पुलिस तो यह एक ट्रेंड देखने को मिलता है यह एक तरह से कह सकते हैं बॉल्शविक डॉमिनेंस को स्टैब्बिश करने में मदद कर रहे थे बॉल्शविक पार्टी जी फिर क्या होता है और दिस स्टेप्स वर्ड टेकन बाय बॉल्शविक वर्ड क्रीटिंग टेंशन अमंग दी रशियन सोसाइटी अब क्या ले रही थी बॉल्शिविक पार्टी तो यह इन स्टेप्स के कारण एक टेंशन डेवलप हो रहा था कहां पर रशियन सोसाइटी में अधिकतर लोगों ने बॉल्शिविक पार्टी क्यों जॉइन करी थी जैसे पीपल अगर हम बात करें राइटर्स ने आर्टेस्ट ने प्रोविजिनल गवर्नमेंट सही तरह से काम नहीं कर रही है तो लोगों को यह कॉन्फिडेंस था जितने भी लोगों ने सपोर्ट किया जो भी राइटर्स थे जो भी आर्टिस्ट है जो भी बॉल्शोइक पार्टी के लिए काम कर रहे थे जो भी जाकर ठीक है तो एक पॉलिटिकल पार्टी हमारी कंट्री में भी ऐसी बनी है ठीक है नाम नहीं लूंगा में तो क्या होता डिसिल्लूजन ठीक है भ्र लोगों को गुब्रहम समझते ना आपकी मतलब गलत फैमी हो जाना तो मैंने became disillusioned because of the censorship of censorship the party encouraged बाद में party ने क्या करना start कर दिया बहुत ज़्यादा strict censorship लगा दी हर चीज़ पे हर चीज़ पे नजर रखना हर चीज़ को अपनी secret police के थूँ क्या करना observe करना या फिर कह सकते हैं ban लगाना, control करना तो यह जो censorship party बाद में encourage कर रही थी party जिस तरह की censorship को बढ़ावा दे रही थी उसके चलते लोग अब क्या समझ लगे थे उसके चलते लोग परिशान हो गया थे लोगों ने बोल दिया नहीं भीया यह तो गडब ट्रैक पर ही चले गई पूरी की पूरी कहानी हमने जो सोचकर सपोर्ट किया था वैसा कुछ नहीं हो रहा है दिल्ली वाले लोगों से पूछो ठीक है तो अब क्या होता है सो दिस एटिट्यूट ऑफ बॉल्शेविक पार्टी अलांग विद अदर फैक्टर्स से बॉल्शविक पार्टी का एटिट्यूट जो चेंज होते जा रहा था तो इस एटिट्यूट ऑफ बॉल्शविक पार्टी अलांग विद अदर फैक्टर्स अदर फैक्टर्स क्या है वह मैं आपको बताऊंगा अदर 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