सबसे पहले आप यहां पर देखो इस शेयर की जो प्राइस चल रही है वो चल रही है 989 लेकिन क्या आपको पता है कि मैं इस शेयर को सिर्फ ₹1 7 में खरीद सकता हूं जबकि अगर मैं इस स्टॉक को डिलीवरी वाले ऑप्शन में खरीदूंगा तो मुझे पूरे 989 ही देने पड़ेंगे तो अगर मैं एक स्टॉक को डिलीवरी की जगह इंट्राडे में खरीदता हूं तो मैं एक शेयर को पांच गुना सस्ता खरीद सकता हूं या फिर आप यह भी समझ सकते हैं कि मैं सेम पैसे से पांच गुना ज्यादा शेयर्स खरीद सकता हूं मतलब मेरे पास 000 है तो मैं 5000 के शेयर्स खरीद सकता हूं और अगर ₹1 लाख है तो ₹ लाख के शेयर्स खरीद सकता हूं क्यों हमें ये शेयर्स पांच गुने सस्ते दिए जा रहे हैं और अगर पांच गुना सस्ता दिया जा रहा है तो यहां पर क्या ऐसी कंडीशंस हैं जो हमें फॉलो करनी पड़ती है और ये जो इंट्राडे ट्रेडिंग है ये एक्चुअल में होती क्या है ये सब कुछ आज के इस कोर्स में मैं आपको बताने जा रहा हूं ये कोर्स भले ही आज आपको फ्री में मिल रहा है लेकिन अगर इसको पेड कोर्स बना के बेचा जाए तो इसकी जो वैल्यू होगी वो 15 से 00 होगी लेकिन हम आपको ये वीडियो बिल्कुल फ्री में दे रहे हैं और मैं आपको गारंटी देता हूं कि अगर आप इस वीडियो को पूरा ध्यान से देख लेते हैं ना तो इसके बाद आपको इंट्राडे ट्रेडिंग के ऊपर कोई और वीडियो देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी तो चलिए इस वीडियो को शुरू करते हैं तो चलिए सबसे पहले समझते हैं कि ये जो इंट्राडे ट्रेडिंग है ना ये आखिर होती क्या है तो देखिए इंट्राडे ट्रेडिंग को डे ट्रेडिंग भी कहा जाता है और इसमें हम शेयर्स को बाय एंड सेल करते हैं और यहां पर सबसे बड़ी कंडीशन जो होती है वो ये होती है कि आपको इन शेयर्स को आज खरीद के आज ही बेचना होता है फिर चाहे आपको प्रॉफिट हो या फिर लॉस हो यानी अब आपको समझ आ गया होगा कि ये जो शेयर्स आपको पांच गुने सस्ते मिल रहे थे वो इसलिए मिल रहे थे क्योंकि यहां पर कंडीशन यह है कि अगर आपने आज शेयर्स खरीदे हैं तो आज के आज ही आपको उन्हें बेचना भी पड़ेगा और क्योंकि जब आप आज शेयर खरीद के आज ही बेच देते हैं तो आपको उन शेयर्स की ओनरशिप नहीं मिलती है इस वजह से वो शेयर्स आपको सस्ते मिल रहे हैं बस आप उन शेयर्स को खरीदकर प्रॉफिट कमा रहे हैं और इसी को तो ट्रेडिंग कहा जाता है अब हो सकता है कि अभी आपको थोड़ा बहुत कंफ्यूजन हो र बट डोंट वरी जैसे-जैसे हम आगे बढ़ते चले जाएंगे हर एक चीज आपको क्लियर होती हुई चली जाएगी और वो क्लियर तभी होगी जब आपने पीछे की बातें सुनी होंगी इसलिए स्किप करके मत देखिएगा तो इन शॉर्ट इंट्राडे ट्रेडिंग में आप एक दिन के अंदर शेयर खरीदते हैं एक दिन के अंदर ही उनको बेच देते हैं और उस टाइम पीरियड में शेयर की प्राइस में जो भी उतार या चढ़ाव आता है उससे आप बेनिफिट कमाते हैं तो अब ये जो इंट्राडे ट्रेडिंग है ये करने का फायदा क्या है तो सबसे पहला फायदा तो आपको पता ही है कि जहां लॉन्ग टर्म में आपने आठ शेयर खरीदे हैं आपको कई महीनों में प्रॉफिट होगा वहीं अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं तो आप डेली प्रॉफिट कमाएंगे और डेली लॉस भी हो सकता है वो आपके स्किल्स के ऊपर डिपेंड करता है यानी यहां पर आप जल्दी प्रॉफिट कमा सकते हैं दूसरा देखो अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्टिंग करते हैं आपने शेयर्स खरीदे रात को आपके पास वो शेयर्स पड़े हैं और उस टाइम पर कोई न्यूज़ आ जाती है तो उससे क्या होता है कि उस शेयर की जो प्राइस होती है वो अचानक से बहुत तेजी से गिर सकती है तो लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग में आपके ऊपर ओवरनाइट रिस्क रहता है जबकि इंट्राडे ट्रेडिंग में आपने सुबह जब मार्केट ओपन होगा 915 पे तब आप शर्स खरीद सकते हैं उसके कितनी भी देर बाद तक खरीद सकते हैं और जब मार्केट क्लोज होगा उससे 15 मिनट पहले यानी 3155 तक आपको अपनी पोजीशंस को स्क्वायर ऑफ करना होता है और नेक्स्ट बेनिफिट तो मैं आपको बहुत बार बता चुका हूं कि आप इसमें जो शेयर्स हैं उनको पांच गुना सस्ता खरीद सकते हैं तो चलिए इसे मैं आपको एक एग्जांपल से समझाता हूं अभी पहले एग्जांपल से समझा रहा हूं फिर मैं आपको लाइव भी दिखाऊंगा तो आपको सब कुछ आसानी से समझ आएगा तो मान लीजिए आपके पास हैं ₹1000000 अब इन ₹1000000 से अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए शेयर्स खरीदेंगे तो आपके पास ₹1000000 के ही शेयर आएंगे और ऐसे में अगर शेयर की प्राइस 1 पर बढ़ती है तो 10000 का 1 पर होता है ₹1 यानी यहां पर आपको एक दिन में सिर्फ ₹1000000 से आप 50000 के शेयर्स खरीद पाएंगे और अब मान लीजिए अगर शेयर की प्राइस वही 1 पर बढ़ती है तो यहां पर आप 500 कमाएंगे मतलब पांच गुना ज्यादा पैसा कमाएंगे अब प्रॉफिट बता दिया है तो नुकसान भी समझ लीजिए अगर मान लीजिए वहीं अगर प्राइस जो है वो 1 पर गिरती है और आपने लॉन्ग टर्म के लिए इन्वेस्ट कर रखा है तो आपको ₹1 का नुकसान होगा और अगर आपने फाइव टाइम्स का मार्जिन लेकर आप इंट्राडे ट्रेडिंग कर रहे हैं और वहां पर जो प्राइस है वो 1 पर गिर जाती है तो आपको तो वही ₹5000000 में प्राइस बढ़ भी सकती है घट भी सकती है और अगर आज नहीं बढ़ेगी और स्टॉक अच्छा है तो कल बढ़ जाएगी लेकिन इंट्राडे ट्रेडिंग में तो आपके ऊपर टाइम लिमिट है कि आज शेयर बाय किया है तो आज के आज ही बेचना पड़ेगा तो यहां पर जो रिस्क होता है वो ज्यादा होता है क्योंकि आपके ऊपर एक टाइम लिमिट आ गई है और इस टाइम लिमिट में अगर आपको नुकसान होगा तो आपको अपने शेयर्स को नुकसान में ही बेचना पड़ेगा और इस वजह से आपको स्ट्रेस भी हो सकती है दूसरा देखिए इंट्राडे ट्रेडिंग की जो टाइमिंग होती है वो होती है सुबह 915 से लेके शाम के 315 तक वैसे तो 3:30 तक मार्केट खुला रहता है लेकिन ज्यादातर जो इंट्राडे की पोजीशंस होती हैं वह 315 तक स्क्वायर ऑफ कर दी जाती हैं तो इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको इसी टाइम पीरियड के अंदर ट्रेडिंग करनी है इसी टाइम पीरियड के अंदर आपको अपना एनालिसिस करना है देखना है कि कहां पर ट्रेड लेना है कहां पर स्टॉप लॉस है किसी ट्रेड में प्रॉफिट हो रहा है किसी ट्रेड में लॉस हो रहा है तो इस टाइम पीरियड में आप कोई और काम अगर करेंगे तो उसमें बहुत दिक्कत आएगी इसलिए जनरली अगर आपको इंट्राडे ट्रेडिंग करनी है तो वो फुल टाइम की जाती है अब यहां पर मैं बिल्कुल भी नहीं कह रहा हूं कि आप अपना काम धाम छोड़ के सीधा इंट्राडे ट्रेडिंग में घुस जाओ पहले इसके बारे में सीखो समझो वो आप आफ्टर मार्केट आवर्स भी कर सकते हैं और उसके बाद थोड़ा बहुत ट्रेड जब आपको टाइम मिले तब आप ले सकते हैं लेकिन जब आपको अच्छे से नॉलेज हो जाएगी और आपको अगर इससे पैसे कमाने हैं तो मेरे अकॉर्डिंग आपको बहुत ज्यादा टाइम देने की जरूरत पड़ेगी तीसरा देखिए क्योंकि आपको पता है कि टाइमिंग यहां पर फिक्स्ड है तो आपके पास एनालिसिस के लिए भी बहुत लिमिटेड टाइम होता है ट्रेडिंग में आपको बहुत सारे ऐसे एनालिसिस होते हैं जो उसी टाइम पर करने होते हैं उसी टाइम पर डिसीजन लेने होते हैं तो यहां पर लिमिटेड टाइम भी होता है हमारे पास एनालिसिस के लिए नेक्स्ट अब जो एनालिसिस है वो है टेक्निकल एनालिसिस और टेक्निकल एनालिसिस हर वक्त चेंज होता रहता है तो ये जो टेक्निकल एनालिसिस है यह आपको ट्रेड लेने से पहले करना होता है और सिर्फ पहले ही नहीं बल्कि जिस टाइम पर ट्रेड चल रहा है उस टाइम पर भी आपको एनालिसिस करते रहना है ताकि आपको पता चले कि कहां पर आपको अपने ट्रेड को एग्जिट करना है इसके बाद नेक्स्ट है कि कई बार जो ट्रेडर्स होते हैं वो ओवर ट्रेडिंग में पड़ जाते हैं मतलब उनको प्रॉफिट होता है लॉस होता है वो बार-बार ट्रेड के लिए एडिक्ट हो जाते हैं तो ये भी आपको पता होना चाहिए ताकि आप सोच समझ के ट्रेडिंग करें नेक्स्ट एक और इंपॉर्टेंट चीज है जो आपके लिए जानना जरूरी है वो यह है कि मैंने आपको बताया है कि इंट्राडे ट्रेडिंग में क्या है कि आपके पास लिमिटेड टाइम है आपने आज शेयर खरीदा है तो आज के आज ही बेचना होगा तो यहां पर आपके माइंड में सवाल आएगा कि अगर मैं नहीं बेचता हूं तो क्या होगा तो इस केस में आप किसी ना किसी ब्रोकर के थ्रू ही ट्रेड कर रहे होंगे वैसे मैं आपको बता दूं कि अगर आप ट्रेडिंग के लिए बेस्ट डीमेट अकाउंट खुलवाना चाहते हैं तो कुछ अच्छे डीमेट अकाउंट के लिंक मैंने आपको डिस्क्रिप्शन पे दे रखे हैं जिनको मैं खुद भी यूज़ करता हूं तो डिस्क्रिप्शन जरूर चेक कर लीजिएगा और वहां से अपना फ्री डीमेट अकाउंट जरूर खुलवा लीजिएगा तो जितने भी ब्रोकर्स की मैं बात कर रहा हूं वो सभी आपका जो ट्रेड होगा वो ऑटोमेटिक स्क्वायर ऑफ कर देंगे मतलब अगर आप खुद से नहीं बेचेंगे तो लगभग 3155 के आसपास ज्यादातर जो ब्रोकर्स होते हैं वो आपके ट्रेड को खुद से सेल कर देते हैं और फिर आपको चाहे प्रॉफिट हो या फिर नुकसान हो वो आपको सहना पड़ता है और यह इंडस्ट्री स्टैंडर्ड है चलिए अब मैं आपको एक लाइव ट्रेड लेकर भी दिखाता हूं क्लियर कर दूं कि यह सिर्फ आपको समझाने के लिए मैं ट्रेड ले रहा हूं तो इसमें प्रॉफिट भी हो सकता है लॉस भी हो सकता है आपका पर्पस है समझना कि किस तरीके से ट्रेड लिया जाता है तो एग्जांपल के लिए हम टा m के स्टॉक को ही बाय कर लेते हैं क्लियर कर दूं कि ये कोई भी बाय या सेल रिकमेंडेशन नहीं है ये सिर्फ आपको समझाने के लिए किया जा रहा है तो यहां पर अगर आप इसको इंट्राडे में बाय करना चाहते हैं तो आपने इस स्टॉक को सेलेक्ट कर लेना है सेलेक्ट करने के बाद आपके पास का ऑप्शन आता है तो आपने बाय पे क्लिक करना है अब जितने शेयर्स आप बाय करना चाहते हैं वो अगर आप डिलीवरी में बाय करेंगे तो आप देख सकते हैं कि अगर मैं एक शेयर डिलीवरी में बाय करूंगा तो मुझे 992 का ही मिलेगा लेकिन वहीं अगर मैं एक शेयर इंट्राडे में बाय करता हूं तो वो मुझे ₹1 का मिल रहा है तो अब मैं यहां पर एग्जांपल के लिए 40 शेयर्स बाय कर लेता हूं जो कि अगर आप समझ सकते हैं कि मुझे इस प्राइस पे मिलते तो लगभग मुझे 0000 के आसपास देने पड़ते हैं लेकिन अभी मुझे देने पड़ रहे हैं लगभग ₹ तो यहां पर अब हमें अगर लिमिट ऑर्डर पे बाय करना है तो आप लिमिट सेलेक्ट कर सकते हैं जिससे आप अपने हिसाब से एक पर्टिकुलर प्राइस डिसाइड कर सकते हैं जब वो प्राइस आएगी तभी वो बाय होगा लेकिन मुझे आपको सिर्फ समझाना है तो यहां पर मैंने मार्केट ऑर्डर का ऑप्शन सेलेक्ट कर लिया है अब सेलेक्ट करने के बाद हमें प्लेस बाय ऑर्डर पे क्लिक करना होता है और उसके बाद कंफर्म पे क्लिक करना है जैसे ही मैंने कंफर्म पे क्लिक किया आप देख सकते हैं कि यह जो ऑर्डर है ये मेरी पोजीशन पे आ चुका है तो अभी आप देख सकते हैं कि मैंने जस्ट अभी ये ट्रेड लिया और उसमें मुझे ₹1 का प्रॉफिट दिखाई भी दे रहा है ये सिर्फ आपको समझाने के लिए ट्रेड ले रखा है कि इस तरीके से ट्रेड लिया जाता है हम हमने इसे 992 65 की प्राइस में बाय किया है और प्राइस अभी सिर्फ 15 से 20 पैसे बढ़ी है आप देख सकते हैं और तब भी हम प्रॉफिट में नजर आ रहे हैं तो इस तरीके से ट्रेड लिया जाता है अब यहां पर सबसे ज्यादा जरूरी होता है कि जब भी आपने एक ट्रेड लिया है तो वहां पर आपको स्टॉप लॉस भी जरूर लगाना चाहिए क्योंकि अगर आप स्टॉप लॉस नहीं लगाएंगे तो प्राइस अगर नीचे गिर जाएगी तो आपको बहुत बड़ा लॉस हो सकता है तो इस स्टॉप लॉस के बारे में मैं आपको आगे बताऊंगा फिलहाल मैं इस ट्रेड को सिर्फ समझाने के लिए लिया था है तो इसे एग्जिट कर देता हूं तो अब ट्रेड को एग्जिट करने के लिए आपने इस पे क्लिक करना है और उसके बाद एग्जिट का आपको ऑप्शन देखने को मिल रहा है आपने इस पर क्लिक करना है और उसके बाद आप मार्केट प्राइस पे एग्जिट करना चाहते हैं तो मार्केट सेलेक्ट कर सकते हैं और लिमिट प्राइस पे करना चाहते हैं तो आप लिमिट प्राइस सेलेक्ट कर सकते हैं तो मान लीजिए मैं मार्केट प्राइस पे करना चाहता हूं तो यहां पर हमने एग्जिट लगा दिया है आप देख सकते हैं कि हमारा जो ऑर्डर है वो अभी एग्जीक्यूट हो चुका है और इस ट्रेड में मुझे लगता है कि किसी शेयर की प्राइस बढ़ सकती है तो आप क्या कर सकते हैं आप उस शेयर को इंट्राडे में खरीद सकते हैं उसके बाद अगर शेयर की प्राइस बढ़ेगी तब आपको क्या होगा प्रॉफिट हो जाएगा लेकिन अगर आपको पता है कि इस शेयर की प्राइस गिर सकती है तो यहां पर भी तो आपके पास कोई तरीका होना चाहिए उससे पैसे कमाने का तो ये जो तरीका होता है इसको ही शॉर्ट सेलिंग कहा जाता है इसको एक एग्जांपल से समझते हैं मान लीजिए एक शेयर है जिसकी प्राइस चल रही है ₹1 और आपको लगता है कि आज इसकी प्राइस गिरकर ₹ या ₹ आ सकती है तो आप क्या करते हैं आप ₹1 की प्राइस में इसके 100 शेयर्स बेच देते हैं तो यहां पर आपको कितने रुपए मिलेंगे यहां पर आपको मिलेंगे 0000 अब इस शेयर की प्राइस गिर जाती है और गिर कर आ जाती है 80 पर जो कि आपको लग रहा था कि इसकी प्राइस गिर सकती है तो आपने कितने शेयर्स बेचे थे आपने बेचे थे 100 शेयर्स तो अब आपने यह 100 शेयर्स अगर खरीदने हैं क्योंकि प्राइस गिर गई है तो यहां पर आप कितने रुपए में खरीदें आप खरीदेंगे 8000 में तो पहले आपने एक चीज ₹1000000 में बेच दी बाद में आपने उस चीज को 8000 में खरीद लिया तो यहां पर आपके पास ₹2000000 अट खुलवा रखा है वो आपकी हेल्प करते हैं और अगर आप किसी पर्टिकुलर कंपनी के शेयर्स को बेचना चाहते हैं जैसे मान लीजिए आप x कंपनी के शेयर्स को बेचना चाहते हैं तो इस जगह पर आपका जो ब्रोकर है वो आपके बिहाव पर क्योंकि उसके पास तो शेयर्स होते हैं वो आपके बिहाव पर उन शेयर्स को सेल कर देगा तो मान लो आप 100 शेयर्स बेचना चाहते हैं तो यहां पर - 100 शेयर्स आपके पास दिखाई देंगे क्योंकि आपके ब्रोकर ने आपके बिहाव पर उन शेयर्स को बेच दिया है तो ये जो शेयर्स हैं आपने मान लीजिए ₹1000000 में बेच दिए अब जब मार्केट क्लोज होने वाला होगा उससे पहले तक आपको इन शेयर्स को वापस से खरीद के ब्रोकर को देना होगा यानी आपको 100 शेयर्स बाय करने होंगे और इस तरीके से आप शॉर्ट सेलिंग कर सकते हैं बट यहां पर एक बात का जरूर ध्यान रखिएगा कि जो शॉर्ट सेलिंग होती है ना ये बहुत ज्यादा रिस्की होती है क्योंकि आपको पता है कि शेयर की जो प्राइस है वो ज्यादा से ज्यादा जीरो हो सकती है लेकिन बढ़ने के केस में तो वो दो गुना पांच गुना 10 गुना 20 गुना कितनी भी बढ़ सकती है तो जब आप शॉर्ट सेलिंग करते हैं तो वहां पर आपको ज्यादा ध्यान रखना होता है क्योंकि आप को पता है कि शॉर्ट सेलिंग में आपको प्राइस गिरने पर प्रॉफिट होगा लेकिन इसकी जगह पर उस टाइम पीरियड में अगर प्राइस बढ़ गई और यहां पर जो प्राइस है वो बढ़कर 1220 पहुंच गई तो ये जो 100 शेयर्स की प्राइस होगी वो हो जाएगी ₹1 तो इस केस में आपके पास ₹1 आपके डीमेट अकाउंट में होने चाहिए अदर वाइज आप शॉर्ट सेलिंग नहीं कर पाएंगे और अगर आपने शॉर्ट सेलिंग कर दी है तो आपका जो ब्रोकर है वो आपको फंड ऐड करने के लिए बोलेगा तो शॉर्ट सेलिंग इस जगह पर बहुत ज्यादा रिस्की होती है तो चलिए अब मैं आपको शॉर्ट सेल कैसे कैसे करना है यह भी अपना डायरेक्टली डीमेट अकाउंट में करके दिखाता हूं तो एग्जांपल के लिए मान लो कि हमें लगता है कि इस स्टॉक की प्राइस गिर सकती है ये सिर्फ एग्जांपल है क्लियर कर दूं ये कोई भी बाय या सेल रिकमेंडेशन नहीं है तो आपको क्या करना है आपको इस स्टॉक को सेलेक्ट करना है सेलेक्ट करने के बाद बाय के साथ-साथ सेल का भी ऑप्शन आता है तो आपने इस बार सेल पे क्लिक करना है भले ही आपके पास वो शेयर्स नहीं है लेकिन तब भी आप सेल कर सकते हैं और जितने शेयर्स आप सेल करना चाहते हैं वो आप यहां से सेलेक्ट कर लीजिए अब ये जो हम शॉर्ट सेल करेंगे वो भी हमें इंट्राडे में ही करना होता है अभी आप देख सकते हैं कि इस स्टॉक की जो प्राइस चल रही है वो चल रही है ₹2500000 भले ही आपके पास वो शेयर नहीं है लेकिन आपके ब्रोकर ने आपके बिहाव पर उस शेयर को सेल कर दिया है और यहां पर हमारे पास -50 शेयर्स लिखा हुआ आ रहा है अब अगर इसकी प्राइस बढ़ती है तो हमें नुकसान दिखाई देगा अगर इसकी प्राइस घटती है तो हमें प्रॉफिट दिखाई देगा जैसे आप देख सकते हैं कि इस स्टॉक को हमने ₹2500000 जबकि अगर हमने बाय कर रखा होता तो हमें प्रॉफिट होता तो इस तरीके से शॉर्ट सेल किया जाता है अब अगर मान लीजिए आप इस ट्रेड को एग्जिट करना चाहते हैं तो आपको क्या करना है आपने इस पे क्लिक करना है और यहां पर जब आप एग्जिट पे क्लिक कर रहे हैं तो इस बार आपको ग्रीन कलर का दिखाई दे रहा है क्योंकि यहां पर जब आप एग्जिट करेंगे तो ये जो स्टॉक्स हैं ये आपके बिहाव पे बाय हो जाएंगे तो अब मैं एग्जिट पे क्लिक करता हूं और उसके बाद जिस प्राइस में आप इसको एग्जिट करना चाहते हैं आप वो सेलेक्ट कर सकते हैं तो यहां पर मैंने एग्जिट किया अब आप देख सकते हैं कि जैसे मैंने एग्जिट किया तो यहां पर 50 शेयर्स दिखाई दे रहे हैं माइनस जो हमें पहले दिखाई दे रहा था वो अब जा चुका है और इसमें हमें लॉस हुआ है जबकि प्राइस बढी है तो इस तरीके से शॉर्ट सेलिंग की जाती है जबकि इसकी जगह पर अगर प्राइस गिरकर ₹2500000 मूमेंट आ ही नहीं रहा है तो फिर उस स्टॉक को ट्रेड में लेकर कोई भी फायदा नहीं होगा और अगर मान लीजिए आपने यह समझ के एक स्टॉक को बाय किया कि उसकी प्राइस बढ़ेगी जबकि गिर गई तो आपको नुकसान हो जाएगा तो कौन सा स्टॉक आप सेलेक्ट कर रहे हैं ये बहुत इंपॉर्टेंट है तो स्टॉक को सेलेक्ट करने से पहले आपको किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए चलिए अब ये समझते हैं उसके बाद मैं आपको ये भी बताऊंगा कि स्टॉक प्रैक्टिकली कैसे सेलेक्ट करना है तो सबसे पहले तो देखिए इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए आप जो भी स्टॉक सेलेक्ट कर रहे हैं वो लिक्विड स्टॉक होना चाहिए लिक्विड स्टॉक से हमारा मतलब यह है कि उस स्टॉक को आप आराम से बाय एंड सेल कर पाएं तो जितनी भी बड़ी-बड़ी कंपनीज के नाम आपने सुन रखे हैं वो सभी जो स्टॉक्स होते हैं वो लिक्विड होते हैं और उनको आप आसानी से बाय एंड सेल कर सकते हैं दूसरी चीज उस स्टॉक में होनी चाहिए मीडियम टू हाई वोलेट देखिए स्टॉक की प्राइस अगर बढ़ेगी घटेगी नहीं तो बेनिफिट नहीं होगा तो स्टॉक का वोलेटाइल होना बहुत ज्यादा जरूरी है तो ऐसे स्टॉक्स देखिए जिनमें आपको पता है कि डेली कुछ ना कुछ मूवमेंट आता है तो उन स्टॉक्स को आपको सेलेक्ट करना है नेक्स्ट जिस भी स्टॉक को आप सेलेक्ट कर रहे हैं उसके मार्केट ट्रेंड को समझकर आपको उस हिसाब से ट्रेड लेना है अगर वो अप ट्रेंड में चल रहा है तो वहां पर जनरली आपको बाय करने का ही ट्रेड लेना होता है अगर वो डाउन ट्रेंड में चल रहा है तो वहां पर जनरली आपको सेल करने का ही ट्रेड लेना होता है वैसे अप ट्रेंड क्या है डाउन ट्रेंड क्या है डोंट वरी ये भी बताने वाला हूं आगे स्टॉक का एनालिसिस कैसे करना है सब कुछ हम समझेंगे वैसे वीडियो पसंद आ रही है तो वीडियो को लाइक जरूर कर दीजिएगा और साथ ही हमारे चैनल को सब्सक्राइब भी कर देना क्योंकि अगर आप सब्सक्राइब नहीं करेंगे तो हो सकता है कि हमारी वीडियो आपको दोबारा कभी रिकमेंड ही ना हो इसके साथ ही अगर अगर आप चाहते हैं कि हम स्टॉक एनालिसिस के ऊपर भी एक इस तरीके का फ्री कोर्स लेकर आएं तो कमेंट में स्टॉक एनालिसिस जरूर लिख दीजिएगा और अगर आप ऑप्शन ट्रेडिंग का कोर्स देखना चाहते हैं तो वो हम ऑलरेडी हमारे चैनल पे अपलोड कर चुके हैं उसका लिंक आपको डिस्क्रिप्शन प मिल जाएगा तो आपने ट्रेंड को जरूर फॉलो करना है नेक्स्ट जिस भी स्टॉक को आप सेलेक्ट कर रहे हैं वो एक स्मॉल कैप या पेनी स्टॉक नहीं होना चाहिए क्योंकि इन स्टॉक्स में कई बार वॉलेट बहुत ही ज्यादा होती है जिसको आप समझ नहीं पाएंगे दूसरा क्या होता है कि ये जो पेनी स्टॉक्स हैं या जो स्मॉल कैप स्टॉक्स होते हैं इनमें लिक्विडिटी भी कम होती है तो इनको अवॉइड करके आप बाकी जो प्रॉब्लम्स आ सकती हैं उनको आसानी से अवॉइड कर सकते हैं और इसके अलावा आप जिस भी स्टॉक में इंट्राडे ट्रेडिंग कर रहे हैं उसमें ध्यान रखिए कि वो ऐसी कंपनीज होनी चाहिए जिनका जो बैकग्राउंड है वो सही हो तो ये तो वो रूल्स हैं जो कि आपको स्टॉक सेलेक्ट करने से पहले देखने चाहिए बट आपको स्टॉक सेलेक्ट करना कैसे है तो इसके लिए सबसे पहला और सबसे आसान तरीका होगा कि आप कुछ 30 या 40 स्टॉक्स की एक लिस्ट बना लीजिए जिन स्टॉक्स में आप डिसाइड कर लीजिए कि मैं सिर्फ इन्हीं स्टॉक्स में इंट्राडे ट्रेडिंग करूंगा और उन स्टॉक का आप रेगुलर एनालिसिस करते रहिए तो यह जो टॉप 50 स्टॉक्स होते हैं टॉप 100 स्टॉक्स होते हैं उनमें से आप अपने एक लिस्ट बना के रख सकते हैं दूसरा जो तरीका हो सकता है एक स्टॉक को सेलेक्ट करने का वो चार्ट पैटर्स के बेसिस पे हो सकता है देखिए स्टॉक मार्केट में हर जो चार्ट होता है उसमें कई तरह के पैटर्स बनते हैं जो कि बुलिश पैटर्न भी होते हैं बेयरिश पैटर्न भी होते हैं ये सब कुछ हम आगे समझने वाले हैं तो उसके बेसिस पर भी आप अपने लिए स्टॉक सेलेक्ट कर सकते हैं इसके अलावा आप सेक्टर के हिसाब से भी अपने लिए स्टॉक सेलेक्ट कर सकते हैं जैसे आज आपको पता है कि बैंकिंग सेक्टर अच्छा परफॉर्म कर रहा है तो आप बैंकिंग से रिलेटेड स्टॉक सेलेक्ट कर सकते हैं इसके अलावा मूविंग एवरेज क्रॉसओवर एक स्ट्रेटजी होती है उसके बेसिस पर आप स्टॉक सेलेक्ट कर सकते हैं ये सब कुछ मैं आगे आपको बताऊंगा इसके अलावा आप चार्ट में जिन स्टॉक्स में ब्रेकआउट हो रहा है उनके बेसिस पर स्टॉक सेलेक्ट कर सकते हैं और एक सबसे सिंपल तरीका होता है टॉप गनर्स एंड लूजर्स के बेसिस पर स्टॉक सेलेक्ट करना लेकिन वो भी आंख बंद करके नहीं करना चाहिए क्योंकि स्टॉक अगर ऑलरेडी बढ़ चुका है तो फिर वो कितना बढ़ेगा यह कहां नहीं जा सकता तो यह भी कुछ तरीके होते हैं आगे मैं प्रैक्टिकली बताऊंगा अभी सिर्फ थ्योरी के लिए समझाना जरूरी था ताकि आगे की वीडियो आपको समझ आए इसलिए ये चीज मैंने आपको बताई है तो अब मान लीजिए आपने एक स्टॉक सेलेक्ट कर लिया है तो अब आपको पता कैसे चलेगा कि उस स्टॉक में मुझे बाय करना है बाय करना तो कहां पे करना है अब ये समझते हैं लेकिन उससे पहले अगर आप ट्रेडिंग के लिए बेस्ट डीमेट अकाउंट खुलवाना चाहते हैं तो कुछ अच्छे डीमेट अकाउंट के लिंक मैंने डिस्क्रिप्शन पे दे रखे है तो डिस्क्रिप्शन जरूर चेक कर लीजिएगा इसके अलावा अगर आप स्टॉक मार्केट के बारे में बिल्कुल बेसिक से लेकर एडवांस तक सीखना चाहते हैं हम यहां पर स्टॉक एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस की बात कर रहे हैं तो इसके ऊपर हमने 47 लेक्चर का एक कोर्स बना रखा है जो कि एक 12 घंटे का कोर्स है जिसको आप हमारे एप नीरज जोशी पर बाय कर सकते हैं उसका लिंक भी डिस्क्रिप्शन पे दिया गया है तो एक स्टॉक का एनालिसिस करने के लिए आपको सबसे पहले मार्केट के स्ट्रक्चर को समझना होगा मार्केट के स्ट्रक्चर को समझ के आप मार्केट के बिहेवियर मार्केट का ट्रेंड इन सब चीजों को समझ सकते हैं तो तो पहले इसको समझते हैं तो देखिए आपने देखा होगा कि जब भी शेयर की प्राइस बढ़ती है वो सीधा इस तरीके से नहीं बढ़ती वो हमेशा कुछ इस तरीके से बढ़ती है और अगर शेयर की प्राइस गिरती है तो वो भी ऐसे नहीं गिरती वो कुछ इस तरीके से गिरती है यानी पहले ऐसे गिरेगी तो आपने ये चीज नोटिस की होगी और कई बार शेयर की जो प्राइस है वो इस तरीके से एक ही डायरेक्शन में भी मूव करती है यानी इक्वल हाइज एंड इक्वल लोज बनाती है तो ये चीजें होती क्या है तो सबसे पहले अगर आपको चार्ट में कभी दिखाई देता है है वैसे यह सब कुछ मैं आपको लाइव मार्केट में भी दिखाने वाला हूं लेकिन अगर आपको कभी दिखाई देता है कि शेयर की प्राइस यहां से बढ़ना शुरू हुई और बढ़ते बढ़ते बढ़ते बढ़ते उसने अपना एक हाईयर हाई बनाया हाईयर हाई बनाने के बाद शेयर की प्राइस नीचे आई और उसने जो पहले लो था उसका उस लो से ऊपर लो बनाया तो इसको हम कहते हैं हाईयर लो फिर प्राइस वहां से वापस बढ़ने लगी और बढ़ते बढ़ते जो उसने पहले हाई बनाया था या हाईयर हाई बनाया था उसके ऊपर हाई बनाया तो यह क्या होगा यह हमारा हाईयर हाई होगा उसके बाद प्राइस वापस नीचे गिरती है और जहां पर उसने पहले लो बनाया था उसके ऊपर लो बनाया तो यह क्या होगा यह होगा हमारा हाईयर लो तो जब शेयर की प्राइस हाईयर हाइज एंड हाईयर लोज बनाती है यानी इस तरीके से बढ़ती है तो इसको हम कहते हैं अप ट्रेंड और इससे हम ये समझ सकते हैं कि यहां पर शेयर की प्राइस बढ़ रही है इसका उल्टा कभी आपको दिखाई देता है कि शेयर की प्राइस अपने हाई पे थी और हाई से प्राइस गिरने लगी और उसने अपना लो बनाया लो बनाने के बाद प्राइस वापस बढ़ी और जहां पर उसने पहले हाई बनाया था उससे अगला हाई यानी ये जो है ये उससे नीचे बनाया है तो ये क्या है यह है लोअर हाई लोअर हाई बनाने के बाद प्राइस नीचे चली गई और जो पिछला लो था ये था इससे भी नीचे आ गई तो ये क्या होगा ये लोअर लो हो जाएगा उसके बाद आपको दिखाई देता है कि प्राइस वापस से बढ़ी लेकिन जहां पर उसने पहले अपना लोअर हाई बनाया था उससे भी नीचे हाई बनाया आप देख सकते हैं कि इसका हाई इस लेवल पे था लेकिन अगला जो हाई उसने बनाया है लोअर हाई वो यहां पर है यानी यहां पर आप आपको लोअर हाइज एंड लोअर लोज देखने को मिलते हैं तो जब इस तरीके का पैटर्न आपको देखने को मिलता है तो इसको कहा जाता है डाउन ट्रेंड और इससे आप यह समझ सकते हैं कि प्राइस अभी गिर रही है इसके अलावा कई बार आपको मार्केट में इक्वल हाइज एंड इक्वल लोज भी देखने को मिलते हैं मतलब प्राइस जो है वो यहां से बढ़ना शुरू हुई बढ़ते बढ़ते उसने इस जगह पर अपना हाई बनाया हाई बनाने के बाद प्राइस गिरी और जहां पर उसने पहले अपना लो बनाया था सेम उसी जगह पर उसने या आसपास उसने अपना लो बना दिया उसके बाद प्राइस वापस बढ़ी और जहां पर उसने इससे पहले अपना हाई बनाया था उसी के पास उसने अपना दूसरा हाई बना दिया मतलब यहां पर इक्वल हाइज बने हैं और इसी तरीके से आप नीचे देखेंगे तो जहां पहले उसने लो बनाया था उसी जगह पे उसने अपना दूसरा लो बना दिया है यानी यहां पर इक्वल लोज भी बन रहे हैं तो इसको कहा जाता है साइड वेज ट्रेंड और इससे हम ये समझ सकते हैं कि मार्केट अभी किसी भी डायरेक्शन में नहीं जा रहा है और वो जो मार्केट है वो एक ही प्राइस के आसपास घूम रहा है तो ये मार्केट का स्ट्रक्चर होता है और इसी मार्केट के स्ट्रक्चर के के हिसाब से हमें सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस देखने को मिलते हैं तो ये जो सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस होते हैं ये बहुत इंपॉर्टेंट रोल प्ले करते हैं टेक्निकल एनालिसिस में जैसे आपको यहां पर दिखाई दे रहा है कि जो शेयर की प्राइस है उसने यहां से बढ़ना शुरू किया वो इस जगह पर उसने अपना हाई बनाया प्राइस यहां पर वापस आई उसके बाद वापस बढ़ी वापस बढ़ने के बाद ये जो पॉइंट था इस पॉइंट पर जाकर प्राइस ने वापस गिरना शुरू किया और जहां पर उसने अपना पहला लो बनाया था उसी जगह पे उसने अपना दूसरा लो भी बना दिया इस तरीके से वापस से प्राइस बढ़ी फिर उसने सेम जगह पर अपना लो बनाया तो जब तीन लोज आपको सेम जगह पर देखने को मिलते हैं तो वो जो पॉइंट है वो एक स्ट्रांग सपोर्ट की तरह काम करता है क्योंकि अगली बार जब प्राइस यहां पर आएगी तो ट्रेडर्स को क्या लगेगा ट्रेडर्स को ये लगेगा कि अब जब प्राइस वापस यहां आई है तो यहां पर जाने के बाद वो वापस बढ़ जाएगी क्योंकि उससे पहले भी तो तीन बार ऐसा ही हुआ है तो ये जो पॉइंट होगा ये एक स्ट्रांग सपोर्ट होगा और यहां पर आप चाहें तो बाय कर सकते हैं लेकिन इसकी भी कुछ कंडीशंस होती हैं आगे समझेंगे और इसी तरीके से जब शेयर की प्राइस बार-बार एक पॉइंट पे जाने के बाद वापस गिर जाती है तो वो जो पॉइंट होता है वो होता है हमारा रेजिस्टेंस और जब प्राइस वापस से इसके पास जा रही है तो चांसेस होते हैं कि प्राइस वहां से गिर सकती है लेकिन इसके भी कुछ कंडीशंस होते हैं जैसे यहां पर आप देख सकते हैं कि प्राइस ने अपने रेजिस्टेंस को ब्रेक कर दिया है और उसके बाद जो प्राइस है वो ऊपर निकल गई है तो अगर ऐसा होता है तो इसका मतलब है कि अब प्राइस जो है वो बहुत ज्यादा बढ़ सकती है है ये चीज भी चलिए प्रैक्टिकली दिखाता हूं तो डायरेक्टली चार्ट में चलते हैं तो आ गए हैं हम चार्ट में अब यहां पर सबसे पहले मैं आपको अप ट्रेंड दिखाता हूं मैंने आपको बताया था कि जब भी प्राइस कुछ इस तरीके से बढ़ती है तो इसको हम क्या कहते हैं इसको हम कहते हैं अप ट्रेंड अब ये सेम चीज आप चार्ट में भी देख सकते हैं देखिए एगजैक्टली बिल्कुल ऐसा तो नहीं बनता है क्योंकि ये मार्केट है यहां पर थोड़े बहुत चेंजेज तो आपको देखने को मिलेंगे तो सिमिलर तरीके की चीज आपको यहां पर देखने को मिल रही है आप देख सकते हैं कि प्राइस ने यहां पर अपना क्या बनाया है लो बनाया है लो लो बनाने के बाद प्राइस वापस बढ़ी और यहां पर जाकर उसने क्या बनाया अपना हाई बनाया हाई बनाने के बाद प्राइस नीचे आई और जहां पर उसने पहले लो बनाया था उससे थोड़ा ऊपर यानी हाईयर लो यहां पर बनाया है इसके बाद प्राइस वापस बढ़ी और जहां पर उसने पहले हाई बनाया था उसके ऊपर अपना हाईयर हाई बनाया उसके बाद प्राइस वापस आपको थोड़ा बहुत गिरती हुई नजर आई और जहां पर उसने पहले लो बनाया था उसके ऊपर लो बनाया तो ये क्या हुआ ये हुआ हाईयर लो इसके बाद प्राइस वापस बढ़ी और जहां पर उसने पहले हाई बनाया था उस जगह पर उसने अपना हाईयर हाई बनाया फिर प्राइस थोड़ा सा नीचे गई जहां पर उसने पहले लो बनाया था उसके ऊपर लो बनाया है तो ये हाईयर लो है फिर प्राइस वापस से बढ़ के यहां पे चली गई और यहां पे उसने अपना हाईयर हाई बनाया है तो जब इस तरीके का हाईयर हाई हाईयर लोज हमें देखने को मिलते हैं तो इसको कहा जाता है अप ट्रेंड तो ये क्या है ये है अपट्रेंड अब इसके बाद अगर आप देखेंगे तो यहां पर प्राइस वापस नीचे आई और इसने ये जो इससे पहले लो बनाया था उसके ऊपर लो बनाया तो ये हमारा हाईयर लो तो है लेकिन इसके बाद प्राइस वापस बढ़ी और दोबारा से उसने जहां पर अपना हाई बनाया था वहीं पर हाई बनाया है तो ये होगा हमारा इक्वल हाई इसके बाद प्राइस वापस नीचे गिरी और जहां पर उसने अपना लो बनाया था लगभग वहीं पर उसने अपना लो बनाया तो ये क्या हो गया ये हो गया इक्वल हाइज इक्वल लोज फिर से अगर हम देखें तो लगभग लगभग जहां पर उसने अपना पहले हाई बनाया था वहीं पर हाई बनाया है तो ये क्या है ये है हमारा इक्वल हाई भाई और फिर से यहां पर देखेंगे तो जहां पर उसने अपना लो बनाया था वहीं पर उसने अपना लो बनाया है तो ये है हमारा इक्वल लो तो ये जो ट्रेंड हमें देखने को मिल रहे हैं ये कौन सा ट्रेंड है ये है साइड वेज ट्रेंड और इसके बाद डाउन ट्रेंड की बात करें तो डाउन ट्रेंड मैंने आपको बताया है कि कुछ इस तरीके से बनता है और इससे हमें समझ आता है कि यहां पर मार्केट जो है वो गिर रहा है तो इस जगह पर आप देख सकते हैं कि प्राइस ने वापस बढ़ना शुरू किया और जहां पर उसने अपना हाई बनाया था उससे नीचे उसने अपना हाई बनाया है तो ये क्या होगा यह होगा लोअर हाई और उसके बाद प्राइस वापस नीचे गिरी और यहां पर उसने अपना क्या बनाया लो बनाया तो यह क्या होगा लोअर लो फिर प्राइस यहां पर वापस बढ़ी है यहां पर उसने अपना क्या बनाया है लोअर हाई बनाया है क्योंकि पिछले वाले हाई से नीचे है हाई उसके बाद वापस से प्राइस नीचे गिरी और यहां पर उसने जो पहले लोअर लो बनाया था उसके भी नीचे लो बनाया है तो यह क्या होगा लोअर लो होगा तो इस तरीके से यह जो ट्रेंड हमें देखने को मिल रहा है यह है हमारा डाउन ट्रेंड तो इस तरीके से मार्केट का स्ट्रक्चर बनता है अब यहां पर मैं आपको एक ट्रिक बताता हूं अच्छा रुको थोड़ी देर में बताता हूं पहले मैं आपको यह समझा देता हूं कि सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस कैसे बनते हैं तो ये जो सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस होते हैं ये बहुत सारे तरीके गए होते हैं सबसे पहले सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस की बात करते हैं जो कि है हॉरिजॉन्टल सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस तो मैंने आपको दिखाया भी था कि अगर कभी जो प्राइस है वो एक रेंज के आसपास ही अपना रेजिस्टेंस लेती है और उसके बाद वापस गिर जाती है जैसे यहां पर आप देख सकते हैं कि ये एक पॉइंट है जहां पर जाने के बाद प्राइस वापस नीचे गिर गई फिर प्राइस बढ़ी और लगभग इस लेवल के आसपास वापस से प्राइस नीचे गिरी फिर प्राइस वापस से बढ़ी यहां पर जाने के बाद वापस से नीचे गिरी फिर प्राइस वापस बढ़ी और यहां पर जाने के बाद वापस से नीचे गिरी है उसके बाद भी आप देख सकते हैं कि यह जो रेंज है अगर हम इस रेंज को देखें तो यह जो एक हमारा एरिया है इस एरिया में आप मान के चल सकते हैं कि कुछ ना कुछ तो है जिसके बाद प्राइस वापस नीचे गिर जा रही है तो इस एरिया को हम क्या मान सकते हैं यह है हमारा रेजिस्टेंस तो तो ये हमारा रेजिस्टेंस है अब सपोर्ट क्या होगा सपोर्ट वो एरिया होता है जहां पर जाने के बाद प्राइस वापस बढ़ जाती है तो आप देख सकते हैं कि प्राइस नीचे आ रही थी ये एक जगह थी जहां पर जाने के बाद प्राइस वापस बढ़ गई उसके बाद वापस से प्राइस नीचे आई यहां पर जाने के बाद प्राइस वापस बढ़ गई फिर प्राइस वापस से नीचे आई यहां पर जाने के बाद प्राइस वापस बढ़ी फिर इस लेवल पे जाने के बाद प्राइस वापस बढ़ी फिर आप देख सकते हैं कि वापस से प्राइस इस लेवल के पास आई और यहां पर आने के बाद वापस बढ़ गई है तो ये वाला जो हमारा लेवल है ये हमारा कौन सा लेवल है ये होगा हमारा सपोर्ट लेवल तो अब ये जो सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस लेवल है इनको ट्रेड करने के दो तरीके होते हैं पहला तरीका होता है कि प्राइस अपने रेजिस्टेंस के पास गई तो यहां पर आपको पता है कि चांसेस हैं कि प्राइस वापस नीचे गिर जाएगी तो यहां पर आप सेल कर सकते हैं लेकिन सिर्फ इसको देखकर सेल नहीं करना होता है इसके साथ और भी चीजें हमें लगा के देखनी होती है ताकि हम कंफर्म हो सके तो आपने देखा कि प्राइस यहां पर जाके वापस नीचे आ रही है तो यहां पर आप क्या कर सकते हैं यहां पर आप शॉर्ट सेल कर सकते हैं आपने देखा कि प्राइस बार-बार इस लेवल पे आने के बाद बढ़ जाती है तो यहां पर आने के बाद आप क्या कर सकते हैं आप बाय कर सकते हैं और इस तरीके से प्रॉफिट कमा सकते हैं दूसरा जो सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंट होता है वो होता है कि अगर ये जो स्ट्रांग सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस लेवल है ये ब्रेक होते हैं तो वहां पर हमें बहुत इंपॉर्टेंट सिग्नल्स देखने को मिलते हैं तो इसमें देखिए कि जैसे ही ये जो रेजिस्टेंस लेवल है ये ब्रेक हुआ है उसके बाद हमें कितना बड़ा मूवमेंट देखने को मिला है और इसके पीछे रीजन यह है कि आपको पता है कि प्राइस बा बार-बार इस लेवल के पास जाने के बाद गिर जा रही थी तो जैसे ही ये लेवल टूटा तो जितने भी लोग बाय करने की सोच रहे थे उन्हें लगा कि बार-बार प्राइस इस लेवल पे जाने के बाद नीचे आ जा रही थी और अब तो ऊपर चली गई है इसका मतलब प्राइस बहुत ज्यादा बढ़ने वाली है और उसके बाद आप देख सकते हैं कि एक बड़ा मूवमेंट आपको देखने को मिला है इसकी जगह पर अगर मान लीजिए प्राइस ये जो हमारा सपोर्ट लेवल है इसको ब्रेक करके नीचे आ जाती तो उसके बाद प्राइस गिरने के चांसेस होते हैं यानी सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस के हिसाब से आप यहां पर बाय कर सकते हैं और ये ये जो हमारा सपोर्ट लेवल है इस जगह पर अगर यहां पे ब्रेक डाउन हो जाता है तो आप यहां पर सेल कर सकते हैं अब ये जो सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस है ये आप चार्ट में मार्क कैसे कर सकते हैं वैसे मैं आपको बता दूं कि ये चार्ट देखने के लिए ट्रेडिंग व्यू का यूज किया जाता है क्लियर कर दूं कि ये कुछ स्पंस नहीं है खुद यूज करता हूं इसलिए आपको बता रहा हूं तो अब ये जो सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस लेवल है इसको मार्क करने के लिए यहां पर आपको एक टूल दिया है जो कि है हॉरिजॉन्टल लाइन तो आप चाहें तो आप हॉरिजॉन्टल लाइन का भी यूज कर सकते हैं या फिर यहां पर एक पैरेलल चैनल नाम से भी एक टूल है आप इसका यूज करके भी यहां पर इन लेवल्स को मार्क कर सकते हैं तो जैसे आपने देखा कि इस तरीके से आपने अपना एक जोन बना दिया है और आपको पता चल गया है कि ये जो जोन है ये आपका किस तरीके से काम करता है ये आपका एक रेजिस्टेंस की तरह से काम करता है और इसी तरीके से अगर मान लीजिए आपको अपना सपोर्ट जोन को मार्क करना है तो आप फिर से यहां से पैरेलल चैनल को सेलेक्ट कर लीजिए उसके बाद आपको जहां पर अपना सपोर्ट मार्क करना है आप वहां पे इस तरीके से इसको मार्क कर सकते हैं तो ऐसे आप अपना सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस जोन बना सकते हैं तो एक तो यह तरीका होता है सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस बनाने का इसके अलावा आप देखिए प्राइस जो है वो हमेशा साइड वेज तो नहीं रहेगी मैंने आपको बताया कि वो अप ट्रेंड में जाती है और अप ट्रेंड में जो प्राइस बढ़ती है वो इस तरीके से बढ़ सकती है और अगर प्राइस गिरती है तो वो डाउन ट्रेंड में गिरती है तो वहां पर भी तो हमें पता होना चाहिए कि कहां पर सपोर्ट है ताकि हम उस हिसाब से भी अपना जो ट्रेड है उसको प्लान कर पाएं अब इसके बाद जो दूसरा सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस होता है वो होता है ट्रेंडलाइन की फॉर्म में तो वो कैसे बनानी है इसके लिए देखिए कि जहां-जहां पर आपको लगता है कि जिस जगह पर जाने के बाद मार्केट बढ़ा है तो मैं उस जगह को मार्क करता हूं तो आप देख सकते हैं मार्केट पहले डाउन ट्रेंड में था और यहां पर जाने के बाद मार्केट वापस बढ़ा फिर इस पॉइंट पे जाने के बाद यहां पर जाने के बाद यहां पर जाने के बाद यहां पर आपको दिखाई दे रहा है कि मार्केट है तो अप ट्रेंड में यहां पर हमें हाईयर हाई हाईयर लोज देखने को मिल रहे हैं लेकिन इस लेवल पे जाने के बाद मार्केट क्या है मार्केट बार-बार बढ़ जा रहा है तो हम क्या कर सकते हैं हम इससे लगते हुए भी तो एक लाइन खींच सकते हैं तो जब हम इससे लगते हुए एक लाइन खींचें तो ये हमारे लिए एक सपोर्ट की तरह एक्ट करेगा तो वो लाइन कैसे खींचनी है चलिए ये भी मैं आपको दिखा देता हूं और यहां पर जिस ट्रिक की मैं उस टाइम पर बात कर रहा था वो ट्रिक भी मैं आपको बताता हूं तो देखिए जब भी आपको सपोर्ट एंड रेजिस्टेंसस ड्रॉ करना है तो वो जब आप कैंडलेस्टिक पैटर्न देखते हैं ना उसमें ये काफी कंफ्यूज ंग होता है तो इस जगह पर आप कैंडलेस्टिक पैटर्न की जगह लाइंस पैटर्न को यूज़ कर सकते हैं तो इसके लिए आपको यहां पर जाना होगा इस पे क्लिक करने के बाद यहां पर आपको एक लाइन वाला ऑप्शन देखने को मिल रहा है आप लाइन सेलेक्ट कर लीजिए अब जैसे ही आप लाइन सेलेक्ट कर लेंगे तो आपके लिए अब सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस को ड्रा करना बहुत आसान हो जाएगा क्योंकि यहां पर आपको लो इजली नजर आ रहे हैं तो अब आपको क्या करना है अगर आपको ट्रेंड लाइन ड्रा करना है तो वापस से यहां वाले टूल में जाना है और यहां पर जाने के बाद ट्रेंड लाइन का एक टूल है आप इसको भी यूज कर सकते हैं लेकिन मैं पर्सनली एक्सटेंडेड लाइन वाले टूल को यूज करता हूं और इस पे ले जा के आपको एक इस तरीके से लाइन ड्रॉ कर लेनी है तो इस तरी से आप अपनी एक ट्रेंड लाइन ड्रा कर सकते हैं अब वापस से आपने जो यह लाइन वाला चार्ट किया था इसको आप कैंडल्स वाला चार्ट कर दीजिए तो आपको दिखाई दे रहा है कि आपकी एक ट्रेंड लाइन ड्रा हो चुकी है मार्केट बार-बार इस रेंज के आने के बाद वापस बढ़ जाता है यहां पर थोड़ी देर के लिए मार्केट नीचे रहा था और उसके बाद वापस से मार्केट बढ़ गया था और उसके बाद जब मार्केट ने इस वाला जो हमारा सपोर्ट है इस सपोर्ट को नीचे की तरफ ब्रेक किया है तो उसके बाद आप देख सकते हैं कि मार्केट अच्छा खासा गिरा है तो जब भी हमारी जो प्राइस है वो इस सपोर्ट को ब्रेक करती है तो यहां पर आप शॉर्ट करने की पोजीशन ले सकते हैं अब यहां पर मैं आपको एक और चीज बता दूं जिसका यूज़ करके आपको कंफर्मेशन करना होता है तो ये जो कंफर्मेशन करना होता है इसके लिए आपको यहां पर इंडिकेटर वाले एक सेक्शन पे जाना होगा और यहां पर जाकर वॉल्यूम लिख के सर्च करना होगा तो जैसे ही आप वॉल्यूम लिख के सर्च करेंगे तो यहां पर वॉल्यूम दिखाई दे रहा है आपने इस पे क्लिक कर देना है तो आपको दिखाई दे रहा है कि जैसे ही मैंने वॉल्यूम लगाया तो यहां पर आपको कुछ इस तरीके के बाज देखने को मिल रहे हैं अब इस जगह पर जब आप वॉल्यूम इंडिकेटर लगा देते हैं तो यहां पर आपको वॉल्यूम इंडिकेटर दिखाई दे रहा है आपने इसकी सेटिंग्स पे क्लिक करना है अब जैसे ही आप सेटिंग्स पे क्लिक करेंगे तो यहां पर आपको स्टाइल वाले सेक्शन पे जाना है और यहां पर वॉल्यूम मूविंग एवरेज का एक ऑप्शन देखने को मिल रहा है आपने इस पे क्लिक कर देना है अब जैसे ही आप इस पे क्लिक करते हैं तो आपका ये जो वॉल्यूम है इसमें एक लाइन आ जाती है तो अगर कभी आपको दिखाई देता है कि जो वॉल्यूम है वो इस लाइन के ऊपर है तो आप समझ सकते हैं कि यहां पर जो वॉल्यूम है वो भी ज्यादा है और इस जगह पर जो भी अगर ब्रेक डाउन हुआ है जैसे यहां पर प्राइस नीचे गिरी है लेकिन इसके साथ ही आपको दिखाई दे रहा है कि यहां पर वॉल्यूम भी थोड़ा बहुत बड़ा है उतना ज्यादा वॉल्यूम नहीं है लेकिन ठीक-ठाक वॉल्यूम यहां पर हमारा बना हुआ है और उसके साथ ब्रेकडाउन हुआ है तो यहां पर आप थोड़ा बहुत कंफर्म हो सकते हैं कि प्राइस गिरने के चांसेस है और आप शॉर्ट कर सकते हैं तो यहां पर हमने सपोर्ट की एक ट्रेंड लाइन ड्रॉ की थी अब रेजिस्टेंस वाली ट्रेंड लाइन कैसे ड्रॉ करनी है चलिए वो भी देख लेते हैं तो यहां पर आप देख सकते हैं कि मार्केट पहले अप ट्रेंड में था और यहां पर हाई बनाने के बाद मार्केट गिरने लगा और गिरने के बाद वापस जो उसने अपना हाई बनाया वो पहले वाले हाई के नीचे था यानी यहां पर लोअर हाई बनाया उसके बाद यहां पर उसने अपना लोअर हाई बनाया और ऐसे लोअर हाई बनते जा रहे हैं तो अब आपने क्या करना होता है जब आपको इस तरीके से दिखाई देता है तो आपने इससे लगते हुए भी एक ट्रेंड लाइन ड्रॉ कर लेनी है तो यहां पर ट्रेंड लाइन ड्रॉ करने के लिए आपको एक्सटेंडेड लाइन वाला टूल यूज़ करना है लेकिन आपको कोई कंफ्यूजन ना रहे इसलिए हम वापस से क्या करेंगे ये जो कैंडल्स वाला चार्ट है इसको लाइन चार्ट में कन्वर्ट कर देंगे अब जब हमने लाइन चार्ट में इसको कन्वर्ट कर लिया है उसके बाद हम एक्सटेंडेड लाइन वाला टूल यहां से ले लेंगे और उसके बाद इसके हाइज से लगते हुए एक इस तरीके से हम यहां पर अपना जो है ट्रेंड लाइन ड्रॉ कर देंगे जो कि हमारा क्या है जो कि हमारा एक रेजिस्टेंस है तो जब आपने ये ट्रेंड लाइन ड्रॉ कर दी है वापस से उसके बाद क्या कीजिए वापस से लाइन चार्ट को कैंडल चार्ट में कन्वर्ट कर दीजिए और अब आपके सामने ट्रेंड लाइन आ चुकी है और उसके बाद जब आपको दिखाई देता है कि ये जो ट्रेंड लाइन है ये ऊपर की तरफ ब्रेक हो गई है और उसके साथ ही आपको दिखाई दे रहा है कि वॉल्यूम बढ़ गया है तो यहां पर प्राइस बढ़ने के चांसेस होते हैं तो इस तरीके से हम दूसरी तरह की ट्रेंड लाइन यूज़ करते हैं और इसके अलावा एक तीसरी तरह की भी ट्रेंड लाइन होती है जिसको यूज़ करना बहुत आसान है इसके लिए आपको इंडिकेटर वाले सेक्शन में जाना है और यहां पर जाकर आपको लिखना है मूविंग एवरेज तो ये जो मूविंग एवरेज है आप एक्सपो एं शियल भी यूज़ कर सकते हैं या फिर सिंपल मूविंग एवरेज भी यूज़ कर सकते हैं मैंने यहां पर एक्सपो शियल मूविंग एवरेज सिलेक्ट कर लिया है जो कि फिलहाल नाइन पीरियड का है तो इसको चेंज करके हमें सेटिंग्स में जाना है सेटिंग्स में जाने के बाद हमें इनपुट में जाना है और यहां पर ये जो नाइन है इसको चेंज करके कर दीजिए 50 तो आपने 50 पीरियड का यहां पे एक्सपोसिस मूविंग एवरेज यूज़ कर लिया है अब ये जो एक्सपोजिंग एवरेज है ये भी आपके लिए एक सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस की तरह काम करेगा इसको हम डायनेमिक सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस कहते हैं ये एक ही लाइन आपके लिए सपोर्ट भी होगी और रेजिस्टेंस भी होगी जब भी ये कैंडल्स के नीचे है तो ये एक सपोर्ट की तरह काम करेगी और जैसे ही ये कैंडल्स के ऊपर चली जाएगी तब ये रेजिस्टेंस की तरह काम करेगी जैसे आप देख सकते हैं कि यहां पर इसने रेजिस्टेंस की तरह काम किया है प्राइस इस पे जाने के बाद वापस नीचे आ गई है और जैसे ही इसको ब्रेक करके प्राइस ऊपर चली गई तो वहां पर इसने सपोर्ट की तरह काम किया और उसके बाद प्राइस बढ़ी है तो इसको भी आप सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस की तरह यूज कर सकते हैं तो अब यहां तक आपने समझ लिया है तो मैं आपको बता दूं कि जब आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं तो उसमें टाइम फ्रेम जिस टाइम फ्रेम के हिसाब से आप इन कैंडल्स को देख रहे हैं वो बहुत इंपॉर्टेंट होता है और ये जो टाइम फ्रेम है इसको चेंज करने का ऑप्शन आपको यहां पर दिखाई देता है यहां पर आपको बहुत सारे टाइम फ्रेम्स दिखाए जा रहे हैं जैसे से आप 1 मिनट की कैंडल्स भी देख सकते हैं अगर आप 1 मिनट की कैंडल देखते हैं तो ये जो एक कैंडल बनेगी ये 1 मिनट की होगी यानी ये एक कैंडल आपको बताएगी कि 1 मिनट में शेयर की प्राइस में क्या हुआ है अगर आप 3 मिनट की कैंडल सेलेक्ट करते हैं तो फिर ये जो एक कैंडल बनेगी ये 3 मिनट की होगी वो आपको बताएगी कि 3 मिनट में शेयर की प्राइस में क्या हुआ है ऐसे ही आप 5 मिनट भी सेलेक्ट कर सकते हैं 15 मिनट भी सेलेक्ट कर सकते हैं अब अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग कर रहे हैं तो आप अपने हिसाब से अपनी स्ट्रेटजी के हिसाब से जनरली ये जो टाइ टाइम फ्रेम है उसको सेलेक्ट कर सकते हैं लेकिन मेरे अकॉर्डिंग अगर आपको इंट्राडे ट्रेडिंग करनी है तो वो आपको 1 मिनट या 3 मिनट के टाइम फ्रेम में नहीं आपको या तो 5 मिनट या फिर 15 मिनट के टाइम फ्रेम में ही करनी चाहिए 15 मिनट से बड़े टाइम फ्रेम में करोगे तो फिर हो सकता है कि आप ज्यादा बड़ा स्टॉप लॉस ले ले और अगर आप छोटे टाइम फ्रेम में करेंगे तो हो सकता है कि वहां पर बार-बार आपका नुकसान होता रहे तो यहां से अगर हम फाइव मिनट सेलेक्ट करते हैं तो अब एक जो कैंडल हमें यहां पर देखने को मिल रही है ये 5 मिनट की कैंडल है और ये हमें बताती है इस 5 मिनट में शेयर की प्राइस में क्या हुआ है तो अगर मान लीजिए ये जो कैंडल है ये एक रेड कलर की कैंडल बनी है कुछ इस तरीके की तो इसका मतलब होता है कि इस टाइम फ्रेम में जो शेयर की प्राइस है वो ओपन यहां पर हुई थी उसके बाद प्राइस यहां तक गई इसलिए यहां पर उसने अपना हाई बनाया उसके बाद इस पांच मिनट में प्राइस गिर के नीचे यहां तक आई और यहां पर उसने अपना लो बनाया और जब 5 मिनट खत्म हुए तब प्राइस यहां पर थी इस वजह से हमारी जो ये कैंडल बनी है ये एक रेड कलर की कैंडल बनी है क्योंकि जो क्लोज प्राइस है वो ओपन प्राइस के नीचे है हो सकता है यहां पर जो प्राइस थी वोह ₹1000000 से घटकर ₹5000000 खत्म हुए तब प्राइस यहां पर थी और यहां पर वो प्राइस क्लोज हुई और क्योंकि यहां पर जो क्लोज प्राइस है वो ओपन प्राइस से ज्यादा है इसलिए ये ग्रीन कलर की कैंडल बनी है हो सकता है कि यहां पर जो प्राइस थी जब प्राइस ओपन हुई थी उस टाइम पर ₹5000000 पे हुई तो इस वजह से ये एक ग्रीन कलर की कैंडल बनी है मतलब अगर प्राइस बढ़ेगी तो ग्रीन कैंडल बनेगी और प्राइस अगर घटेगी तो एक रेड कलर की कैंडल बनेगी तो अब मैं आपको बताता हूं कुछ चार्ट एंड कैंडल पैटर्स के बारे में अब देखो यहां पर आपको जो बहुत सारी तरह की कैंडल्स देखने को मिल रही है इन कैंडल्स का भी कुछ मतलब होता है और इन कैंडल्स से कुछ पैटर्स बनते हैं उनका भी कुछ मतलब होता है तो चलिए अब उनको समझते हैं क्योंकि इससे भी आपको समझ आएगा कि कहां पर बाय करना सही है कहां पर आपको सेल करना चाहिए और ये आपकी बहुत हेल्प करेंगे जैसे एग्जांपल के लिए ये एक कैंडल बन रखी है कुछ इस तरीके की तो ये जो कैंडल है इस कैंडल को कहा जाता है डोजी कैंडल और ये कैंडल बताती है कि मार्केट में भी इंडिसीजन है तो अगर मार्केट पहले डाउन ट्रेंड में आता है और डाउन ट्रेंड के बाद मार्केट में एक इंडिसीजन जैसी सिचुएशन बनती है साथ में आपको नीचे दिखाई देता है कि वॉल्यूम बढ़ रहा है और उसके बाद अगर आपको ग्रीन कैंडल देखने को मिलती है तो यहां पर चांसेस होता है कि मार्केट बढ़ सकता है और उसके बाद आप देख सकते हैं कि मार्केट में एक अच्छा खासा आपको मूवमेंट दिया है तो ऐसे ही और भी बहुत सारे तरीके के कैंडलेस्टिक पैटर्स हैं तो चलिए अब उनको समझते हैं तो सबसे पहला कैंडलिंग पैटर्न जो हम यहां पर समझ रहे हैं वो है हैमर पैटर्न ये एक बुलिश कैंडल इसिक पैटर्न होता है और ये तब बनता है जब मार्केट डाउन ट्रेंड में होता है तो आपको दिखाई दे रहा है कि पहले मार्केट डाउन ट्रेंड में है और उसके बाद एक इस तरीके का पैटर्न आपको दिखाई दे रहा है जो कि एक हथौड़े जैसा लग रहा है जिसकी जो बॉडी है वो छोटी है जो लोअर विक है वो लंबी है और इसके ऊपर कोई भी ऐसी विक नहीं है तो ऐसा जब पैटर्न आपको बनता हुआ दिखता है तो इसको हैमर पैटर्न कहा जाता है और ये डाउन ट्रेंड में बनता है तो डाउन ट्रेंड में इस पैटर्न के बनने के बाद अगर आपको नीचे दिखाई दे रहा है कि साथ में वॉल्यूम भी बढ़ रहा है वॉल्यूम के बारे में मैं आपको ऑलरेडी बता चुका हूं तो इस पैटर्न के बनने के बाद अगर आपको एक ग्रीन कलर की कैंडल दिखाई देती है तो यहां पर चांसेस होते हैं कि मार्केट बढ़ सकता है वैसे यहां पर ये जो हमने आपको कैंडल दिखाई है हैमर कैंडल ये ग्रीन कलर में दिखाई है अगर ये रेड कलर में भी बनती है तो भी उसको हैरी कैंडल माना जाता है इंपॉर्टेंट है कि ये डाउन ट्रेन में बननी चाहिए और अगर ये रेड की जगह पर ग्रीन कलर की बनेगी तो वो ज्यादा बेटर माना जाता है अब यहां पर क्लियर कर दूं कि ये पैटर्न आपको चार्ट में बहुत बार देखने को मिलेगा तो ऐसा नहीं है कि जब आपको ये पैटर्न देखने को मिला आपने उसी टाइम ट्रेड ले लिया इसके साथ आपको सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस देखना होगा वॉल्यूम देखना होगा और तब आपको ये पैटर्न दिख रहा है तब आप मान के चल सकते हैं कि यहां पर ट्रेड लिया जा सकता है अब ऐसा ही एक दूसरा कैंडलिंग पैटर्न होता है इनवर्टेड हैमर पैटर्न ये भी एक बुलिश पैटर्न होता है और ये भी डाउन ट्रेंड में बनता है आप देख सकते हैं कि पहले मार्केट गिर रहा था और इनवर्टेड हैमर का मतलब क्या है उल्टा रखा हुआ हैमर तो यहां पर ये जो पैटर्न होता है ये कुछ इस तरीके का बनता है जैसा कि आप यहां पर देख सकते सकते हैं इसकी जो अपर विक होती है वो लंबी होती है जो लोअर विक होती है वो या तो नहीं होगी या फिर बहुत छोटी होगी तो अगर इस तरीके का पैटर्न बनता है तो आप मान के चल सकते हैं कि ये एक इनवर्टेड हैमर पैटर्न है और इसके बाद प्राइस बढ़ने के चांसेस हैं लेकिन फिर क्लियर कर दूं कि पहले मार्केट डाउन ट्रेड में होना चाहिए साथ में आपको नीचे देखना होगा कि क्या ये जो पैटर्न बन रहा है ये सपोर्ट के पास बन रहा है क्योंकि सपोर्ट के पास बनेगा तो सपोर्ट से तो मतलब ही है कि यहां से प्राइस बढ़ सकती है और इसके साथ-साथ आपको देखना है कि अगर वॉल्यूम भी बढ़ रहा है जब नेक्स्ट कैंडल बनी है तब आप मान के चल सकते हैं कि ये एक बाय सिग्नल है इसके बाद जो हम नेक्स्ट कैंडलिंग पैटर्न के बारे में बात कर रहे हैं यह है बुलिश एन गल्फ ंग पैटर्न ये एक टू कैंडल से बनने वाला पैटर्न है ये पैटर्न भी डाउन ट्रेंड में बनता है मतलब उस टाइम पर मार्केट गिर रहा होना चाहिए और उसके बाद एक छोटी रेड कलर की कैंडल बनती है कुछ इस तरीके से और ये रेड कैंडल बनने के बाद जो नेक्स्ट कैंडल बनती है वो एक बड़ी ग्रीन कलर की कैंडल होती है जो कि रेड कलर की कैंडल को अपनी बॉडी के अंदर एल्फ कर लेती है मतलब मैं आपको एग्जांपल के लिए यहां पर प्रैक्टिकली दिखाता हूं तो ये जो पैटर्न है ये कुछ इस तरीके से बन रहा है यहां पर आपको एक छोटी रेड कलर की कैंडल देखने को मिली और उसके बाद क्या होता है इस रेड कलर की कैंडल के बनने के बाद एक बड़ी ग्रीन कलर की कैंडल बनती है और ये कैंडल इतनी बड़ी होती है कि अगर इससे लगते हुए आप ऐसे लाइन खींचें ना तो जो इससे पहले वाली कैंडल होगी वो पूरी उसके अंदर आ जाएगी जैसा कि यहां पर आप देख सकते हैं कि इस कैंडल के आपको अगर बॉडी से लगते हुए लाइन खीचू तो रेड कैंडल उसके पूरे अंदर आ गई है तो इसको हम बुलिश एंगल्स इंग पैटर्न बोलते हैं क्योंकि जो ग्रीन ग्रीन कलर की कैंडल है उसने रेड कलर की कैंडल को अपने अंदर रख लिया है यानी एंगल्स कर लिया है तो अगर इस तरीके का पैटर्न बनने के बाद जो नेक्स्ट कैंडल है वो एक ग्रीन कलर की कैंडल बनती है कुछ इस तरीके से तो यहां से चांसेस होते हैं कि मार्केट ऊपर जा सकता है लेकिन इसके लिए बहुत इंपॉर्टेंट है कि पहले मार्केट डाउन ट्रेन में होना चाहिए दूसरा ये जो कैंडल बननी चाहिए ये एक बुलिश एंगल्स ंग पैटर्न होना चाहिए इसके बाद तीसरा नीचे वॉल्यूम भी बढ़ा हुआ होना चाहिए और चौथा अगर ये सपोर्ट के पास बनेगी तो ज्यादा चांसेस होंगे यानी आप ज्यादा कंफर्म हो सकते हैं कि मार्केट बढ़ सकता है और क्लियर कर दूं कि हर बार तो कोई भी तरीका कोई भी स्ट्रेटेजी कोई भी पैटर्न काम नहीं करता है अब इसके बाद जो हमारा नेक्स्ट बुलिश कैंडलेस्टिक पैटर्न है वो है पियर्सिंग लाइन पैटर्न ये भी एक टू कैंडल पैटर्न है यानी ये पैटर्न दो कैंडल से मिलकर बनता है और इस पैटर्न में भी हमारे लिए इंपॉर्टेंट है कि पहले मार्केट डाउन ट्रेड में होना चाहिए यानी पहले मार्केट गिर रहा होना चाहिए और उसके बाद एक इतनी बड़ी रेड कलर की कैंडल बने जैसा कि आपको दिखाई दे रहा है और इस रेड कलर की कैंडल के बनने के बाद मार्केट में गैप डाउन ओपनिंग होनी चाहिए जैसा कि आप देख सकते हैं कि यहां पर मार्केट इस जगह पर ओपन हुआ था यहां पर क्लोज हुआ लेकिन अगले टाइम या अगली कैंडल में मार्केट कहां पर ओपन होता है वो यहां पर ओपन होता है तो इस बीच में एक गैप है तो ये जो गैप है इसको हम गैप डाउन कहते हैं अगर ये गैप ऊपर की तरफ होता तो इसको हम गैप अप कहते तो इस तरीके से नीचे गैप होना चाहिए और इस गैप के बाद मार्केट यहां ओपन हुआ मतलब बहुत नीचे ओपन हुआ तो जाना तो नीचे चाहिए था लेकिन इसकी जगह पर अगर मार्केट ऊपर आ आ रहा है और ऊपर भी इतना आ जाता है कि इससे पहले वाली जो रेड कलर की कैंडल थी उसके 50 पर से ऊपर जाकर जो कैंडल है वो क्लोज हो जाती है आप देख सकते हैं कि इस कैंडल का जो आधा पार्ट है वो इतना है और इसके बाद वाली जो कैंडल है जो इससे नीचे ओपन हुई थी वो इस कैंडल के 50 पर से ऊपर जाकर क्लोज होती है तो इसको हम पियर्सिंग लाइन पैटर्न बोलते हैं और अगर ये पैटर्न हमारा डाउन ट्रेंड में बनता है तो उसके बाद चांसेस होते हैं कि मार्केट बढ़ सकता है बट उसके लिए भी आपको बाकी सारे कंफर्मेशन देखने होंगे तो ये चार मैंने आपको बुलिश पैटर्न बताए हैं जिनके बनने के बाद मार्केट के बढ़ने के चांसेस होते हैं लेकिन देखिए ऐसे बहुत सारे पैटर्स हैं तो वो सब कुछ इंट्राडे ट्रेडिंग की वीडियो के अंदर कवर करना पॉसिबल नहीं है तो इसके लिए हमने एक सेपरेट वीडियो बना रखी है जो कि है कैंडलिंग पैटर्न हिंदी तो आप youtube3 जोशी कैंडलिंग पैटर्न और ये वाली वीडियो को देख लीजिए या फिर डिस्क्रिप्शन में आपको लिंक मिल ही जाएगा अब इसके बाद मैं आपको कुछ बेयरिश कैंडलिंग पैटर्स भी बताता हूं बेयरिश कैंडलिंग पैटर्स वो होते हैं जिनके बनने के बाद मार्केट के गिरने के चांसेस होते हैं तो ये भी बहुत सारे तरीके के पैटर्स होते हैं बट मैं आपको कुछ एग्जांपल के लिए पैटर्न समझा देता हूं तो इसमें जो हमारा सबसे पहला पैटर्न है वो है बेयरिश एंगल्स इंग पैटर्न तो ये जो हमारा बेयरिश एंगल्स इंग पैटर्न है ये अप ट्रेंड में बनता है और इस पैटर्न के बनने के बाद जो सबसे पहली कैंडल हमारी बनती है वो बनती है एक ग्रीन कलर की कैंडल कुछ इस तरीके से और इस ग्रीन कलर की कैंडल के बनने के बाद एक बड़ी रेड कलर की कैंडल बनती है जो कि ग्रीन कलर की कैंडल को पूरा अपने अंदर समेट लेती है और इसको हम कहते हैं बेयरिश एंगल्स इंग पैटर्न तो जब ये पैटर्न अप ट्रेंड में बनता है और उसके बाद मार्केट गिरने लगता है और हमें एक रेड कलर की कैंडल देखने को मिलती है तो यहां पर चांसेस होते हैं कि मार्केट बहुत ज्यादा गिर सकता है बट इसके लिए भी आपको देखना होगा कि वॉल्यूम बढ़ रहा होना चाहिए एक बहुत लोगों को कंफ्यूजन होता है कि अगर मार्केट बढ़ रहा है तो वहां पर वॉल्यूम बढ़ना चाहिए और अगर मार्केट गिर रहा है तो वहां पर वॉल्यूम घटना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं है वॉल्यूम बढ़ने का मतलब होता है कि ज्यादा लोग उस पर्टिकुलर स्टॉक में ट्रेड कर रहे हैं या इंटरेस्टेड हैं तो अगर ज्यादा लोग ट्रेड कर रहे हैं तो ट्रेड करने के लिए बायर भी होगा सेलर भी होगा यानी दोनों तरह के लोग मार्केट में अवेलेबल होंगे तो वॉल्यूम बढ़ने का मतलब है उसमें ट्रेडिंग एक्टिविटी बढ़ी है तो इसलिए दोनों ही केस में वॉल्यूम बढ़ना चाहिए तो यहां पर मार्केट पहले अप ट्रेंड में था उसके बाद हमारा एक बेयरिश एल्फिन पैटर्न बना उसके बाद एक रेड कलर की हमें कैंडल बनती है जो नीचे की तरफ बनती है और उसके साथ ही अगर आपको नीचे दिखाई देता है कि साथ में वॉल्यूम भी बढ़ रखा है और अगर ये किसी रेजिस्टेंस के पास बन रहा है यानी यहां पर कोई रेजिस्टेंस है तो आप और ज्यादा कंफर्म हो सकते हैं कि मार्केट के गिरने के चांसेस हैं और अगर आपको कोई ट्रेड लेना है तो आप इस हिसाब से भी अपना ट्रेड प्लान कर सकते हैं अब ऐसे ही जो हमारा नेक्स्ट कैंडलिंग पैटर्न है वो है शूटिंग स्टार ये एक बेयरिश कैंडलिंग पैटर्न है लेकिन इस पैटर्न को देखकर बहुत ज्यादा लोग कंफ्यूज हो जाते हैं क्योंकि उन्हें ये पैटर्न बिल्कुल इनवर्टेड हैमर जैसा दिखाई देता है आप देख सकते हैं कि इनवर्टेड हैमर पैटर्न भी ऐसा ही था ये पैटर्न भी ऐसा ही है है तो इनवर्टेड हैमर पैटर्न बुलिश कैसे और इस पैटर्न का नाम शूटिंग स्टार क्यों है और यह बेयरिश क्यों है तो यहां पर सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंट है ट्रेंड जो हमारा इनवर्टेड हैमर पैटर्न था वो बन रहा था डाउन ट्रेंड में तो डाउन ट्रेंड के बाद अगर हमारा ये वाला पैटर्न बनता है तो ये जो पैटर्न होता है उसको इनवर्टेड हैमर कहा जाता है जो कि एक बुलिश पैटर्न होता है लेकिन अगर यह पैटर्न अप ट्रेंड में बनता है यानी मार्केट बढ़ रहा था और उसके बाद यह पैटर्न बनता है तो ये एक बेयरिश पैटर्न होता है और इसको शूटिंग स्टार कहा जाता है तो अगर इस पैटर्न के बनने के बाद एक रेड कलर की कैंडल बनती है तो यहां पर आप मानकर चल सकते हैं कि इसके बाद मार्केट गिरने के चांसेस हैं इसके साथ ही नीचे वॉल्यूम भी बढ़ा हुआ होना चाहिए और अगर ये भी रेजिस्टेंस के पास बनता है तो फिर बहुत ज्यादा चांसेस होते हैं कि यहां से मार्केट गिर सकता है तो अगर आपको लगता है तो आप यहां पर शॉर्ट कर सकते हैं इसके बाद जो नेक्स्ट हमारा बेयरिश पैटर्न है वो है हैंगिंग मैन पैटर्न ये पैटर्न देखकर आपको लग रहा है बिल्कुल हैमर पैटर्न बट ये हैमर पैटर्न क्यों नहीं है अब ये आप समझ चुके होंगे क्योंकि ये बन रहा है अप ट्रेंड में और हैमर पैटर्न कहां बनता है वो बनता है हमारा डाउन ट्रेंड में तो अगर हैमर ही पैटर्न अप ट्रेंड में बनता है तो उसको हैंगिंग मैन पैटर्न कहा जाता है और इस पैटर्न के बनने के बाद मार्केट के गिरने के चांसेस होते हैं बट हम वो तभी मानेंगे जब इसके बाद वाली जो कैंडल है वो एक रेड कलर की कैंडल बने इसके साथ ही मैंने आपको कहा है कि वॉल्यूम बढ़ा हुआ होना चाहिए तभी आप इसके बेसिस पर ट्रेड ले अदर वाइज आपको बहुत सारे फेक ट्रेड्स मिल जाएंगे और इसके साथ ही अगर ये ऊपर रेजिस्टेंस है यहां पर कहीं तो फिर बहुत ज्यादा चांसेस हैं कि मार्केट गिर सकता है तब आपको अगर ठीक लगता है बाकी सारी चीजें देखने के बाद तो आप यहां पर शॉर्ट करने की पोजीशन ले सकते हैं अब इसके अलावा भी बहुत सारे बेयरिश पैटर्स होते हैं वो सारे पैटर्स को अगर बिल्कुल फ्री में सीखना है जो कि लोग पा से 0000 में सिखाते हैं तो youtube3 जोशी कैंडलेस्टिक पैटर्न और इसकी एक पूरी प्लेलिस्ट हमने बना रखी है आप उसको बिल्कुल फ्री में देख सकते हैं वैसे वीडियो पसंद आ रही है तो वीडियो को लाइक और चैनल को सब्सक्राइब जरूर कर लेना और हां अगर आप ट्रेडिंग के लिए ट अकाउंट खुलवाना चाहते हैं तो लिंक डिस्क्रिप्शन में आपको मिल जाएगा तो अब आपने बहुत सारे कैंडलेस्टिक पैटर्न समझ लिए हैं तो अब बात करते हैं चार्ट पैटर्स के बारे में पहले ये भी मैं आपको डायरेक्टली चार्ट में दिखाता हूं उसके बाद मैं आपको यहां पर पीडीएफ में भी ये समझाऊ तो यहां पर मैं आपको एग्जांपल के लिए एक पैटर्न दिखाता हूं अभी मुझे पता है कि आप में से ज्यादातर लोगों को यहां पर चार्ट में कोई भी पैटर्न समझ नहीं आ रहा होगा लेकिन जैसे ही मैं दिखाऊंगा वैसे ही आपको वो पैटर्न दिखने लगेगा और उसके बाद मैं उसका मतलब भी आपको समझाऊ तो एक पैटर्न होता है इनवर्टेड हेड एंड शोल्डर पैटर्न जिस पैटर्न के बनने के बाद मार्केट के बढ़ने के चांसेस होते हैं क्योंकि ये एक बुलिश पैटर्न होता है तो यह पैटर्न कुछ इस तरीके से बनता है अब इसमें ये जो है यह क्या है यह है एक शोल्डर ये है दूसरा शोल्डर और ये है हमारा हेड अब जो हेड होना चाहिए वो इस पैटर्न के अकॉर्डिंग हमारे जो शोल्डर्स हैं उनसे बड़ा होना चाहिए तो आप देख सकते हैं कि यहां पर हमारे दो शोल्डर हैं और हेड हमारे शोल्डर से बड़ा है तो जब इस तरीके का पैटर्न आपको चार्ट में देखने को मिल जाता है तो इस इसका मतलब होता है कि यहां से मार्केट के बढ़ने के चांसेस हैं बट कहां से मार्केट बढ़ेगा वो देखने के लिए आपको इसके टॉप से लगते हुए एक लाइन खींचनी होती है कुछ इस तरीके से और जैसे ही इस लाइन को ब्रेक करके मार्केट ऊपर चला जाता है जैसे कि इस कैंडल ने ब्रेक कर दिया है तो यहां पर हमारा ब्रेक आउट हो चुका है और इसके बाद मार्केट के बढ़ने के चांसेस होते हैं बट इंपॉर्टेंट है कि नीचे वॉल्यूम भी बढ़ रहा होना चाहिए आप देख सकते हैं कि यहां पर वॉल्यूम कम था बट इस जगह पर जाने के बाद वॉल्यूम बढ़ गया है और इसके साथ ही हमें दिखाई दे रहा है कि यहां पर हमारा एक तरह से रेजिस्टेंस था वो भी ब्रेक हो गया है और उसके ब्रेक होते ही आप देख सकते हैं कि मार्केट बढ़ा है तो यहां पर आप बाय करने का ट्रेड ले सकते हैं आपका जो स्टॉप लॉस होगा वो आप यहां पर रख सकते हैं यानी जो आपका हेड है उससे आप थोड़ा सा नीचे अपना स्टॉप लॉस रख सकते हैं तो एक पैटर्न यह होता है अब बाकी पैटर्स मैं आपको हमारी पीडीएफ में समझाता हूं तो इनवर्टेड हेड एंड शोल्डर पैटर्न का जो अपोजिट पैटर्न होता है वो होता है हेड एंड शोल्डर पैटर्न जो कि एक बेयरिश पैटर्न होता है इसमें मार्केट पहले अप ट्रेंड में होता है कुछ इस तरीके से उसके बाद इस लेवल पे जाने के बाद प्राइस गिरती है और यहां तक नीचे आती है यहां तक नीचे आने के बाद प्राइस वापस बढ़ती है और जहां पर उसने अपना रेजिस्टेंस लिया था इस जगह पर इससे ऊपर चली जाती है और इस तरीके से अपना हेड बनाती है हेड बनाने के बाद प्राइस वापस नीचे आती है और जहां पर उसने पहले सपोर्ट लिया था उसी लेवल पे वह अपना दूसरा सपोर्ट लेती है और यहां से प्राइस वापस बढ़ती है और जहां पर उसने पहले अपना इससे पहले रेजिस्टेंस लिया था यानी शोल्डर बनाया था उसी जगह पे प्राइस अपना दूसरा रेजिस्टेंस लेती है आसपास हो सकता है यहां पर हम बिल्कुल परफेक्ट एग्जांपल दिखा रहे हैं ऐसे परफेक्ट एग्जांपल आपको बहुत कमी ही देखने को मिलेंगे क्योंकि शोल्डर थोड़ा बहुत ऊपर नीचे हो सकता है बट हेड से ऊपर नहीं होना चाहिए तो यहां पर जाने के बाद अगर प्राइस वापस नीचे गिरने लगती है तो ऐसे में आपको क्या करना है आपको ये जो सपोर्ट है इस सपोर्ट से लगते हुए एक लाइन ड्रॉ कर लेनी है कुछ इस तरीके से अभी मेरी लाइन स्ट्रेट नहीं हुई है लेकिन आपने स्ट्रेट लाइन ड्रॉ कर लेनी है वहां पर टूल्स होते हैं इस तरीके की लाइन ड्रॉ करने की और जैसे ही ये आप लाइन ड्रॉ करते हैं और वो नीचे को ब्रेक डाउन दे देती है तो यहां पर आप क्या कर सकते हैं यहां पर आप शॉर्ट करने की पोजीशन ले सकते हैं आपका जो स्टॉप लॉस होगा वो इस शोल्डर के ऊपर यानी यहां पर भी आप अपना स्टॉप लॉस रख सकते हैं और यहां पर भी आप अपना स्टॉप लॉस रख सकते हैं तो इस तरीके से आप हेड एंड शोल्डर पैटर्न का यूज़ करके शॉर्ट कर सकते हैं अब इसके अलावा और भी बहुत सारे पैटर्स होते हैं बट दो पैटर्स और बताता हूं दो मैं आपको ऑलरेडी बता चुका हूं तो अब जो हम दो पैटर्न की बात कर रहे हैं वो है डबल टॉप एंड डबल बॉटम पैटर्न इसके अलावा अगर आपको चार्ट पैटर्स के बारे में डिटेल में सीखना है तो इसके ऊपर भी हम बिल्कुल फ्री में वीडियोस बना चुके हैं जिनको देखकर आप सारे चार्ट पैटर्स के बारे में सीख सकते हैं तो इसके लिए youtube0 जोशी चार्ट पैटर्न या फिर लिंक आपको डिस्क्रिप्शन में मिल जाएगा तो अब जो नेक्स्ट पैटर्न है वो है डबल बॉटम पैटर्न ये पैटर्न कुछ इस तरीके का दिखाई देता है और इसको डब्लू पैटर्न भी कहा जाता है क्योंकि ये इस तरीके से बनता है डब्लू जैसा आपको दिखाई दे रहा है तो इस पैटर्न में पहले मार्केट डाउन ट्रेन में होता है और मार्केट गिर रहा होता है कुछ इस तरीके से गिरते-गिरते मार्केट यहां पर सपोर्ट लेता है और कह सकते हैं कि एक बॉटम बनाता है और बॉटम बनाने के बाद यहां से प्राइस वापस बढ़ने लगती है और बढ़ते बढ़ते प्राइस एक जगह पे जाकर रेजिस्टेंस बनाती है यानी इस पॉइंट पर जाने के बाद प्राइस वापस नीचे आने लगती है और जहां पर उसने पहले सपोर्ट लिया था दोबारा से प्राइस उसी लेवल पर सपोर्ट लेती है फिर से क्लियर कर दूं कि एगजैक्टली सेम जगह पर नहीं लेगी थोड़ा बहुत ऊपर नीचे सपोर्ट प्राइस ले सकती है जैसा मैंने आपको इनवर्टेड हेड एंड शोल्डर के एग्जांपल में भी दिखाया तो यहां पर अगर सपोर्ट लेने के बाद प्राइस वापस बढ़ती है और जहां पर उसने रेजिस्टेंस बनाया था इसको हम नेक लाइन कहते हैं अगर इस नेक लाइन से प्राइस ऊपर निकल जाती है यानी यहां पर तो यहां पर चांसेस होते हैं कि प्राइस बढ़ सकती है तो आप इस जगह पर बाय करने की पोजीशन ले सकते हैं आपका जो स्टॉप लॉस होगा वो ये जो आपका सपोर्ट है इससे थोड़ा नीचे यानी यहां पर आप अपना स्टॉप लॉस रख सकते हैं और टारगेट के लिए आप बाकी जो स्ट्रेटजी है उनको फॉलो कर सकते हैं तो यह क्या होता है यह एक बुलिश पैटर्न होता है इसका जस्ट अपोजिट होता है बेयरिश पैटर्न जिसको हम डबल टॉप पैटर्न कहते हैं इसमें मार्केट पहले अप ट्रेंड में होता है देखिए आप देख सकते हैं कि मार्केट पहले कुछ इस तरीके से बढ़ रहा है उसके बाद यहां पर जाकर मार्केट रेजिस्टेंस बनाता है और रेजिस्टेंस बनाने के बाद प्राइस गिरने लगती है गिरते-गिरते प्राइस एक जगह पर आती है और यहां पर सपोर्ट लेकर वापस बढ़ने लगती है और बढ़ते बढ़ते जहां पर उसने पहले रेजिस्टेंस बनाया था दोबारा से उसी लेवल के आसपास रेजिस्टेंस बनाती है और रेजिस्टेंस बनाकर प्राइस वापस से नीचे आने लगती है और जहां पर उसने पहले सपोर्ट बनाया था इस जगह से अगर आप लाइन खींचें तो उसको नेक लाइन कहा जाता है और इस जगह पे आने के बाद अगर प्राइस नीचे आ जाती है जैसे यहां पर आ गई है तो यहां पर आप शॉर्ट करने की पोजीशन ले सकते हैं क्योंकि चांसेस होते हैं कि इसके बाद प्राइस गिर सकती है लेकिन इसके साथ-साथ आपने वॉल्यूम को जरूर देखना है क्योंकि उससे आपको पता चलता है कि मार्केट में ट्रेडिंग एक्टिविटी बढ़ी है या फिर नहीं तो इस तरीके से आप डबल टॉप चार्ट पैटर्न का यूज करके मार्केट में शॉर्ट कर सकते हैं बाकी सारे पैटर्स के बारे में डिटेल में सीखना है तो फिर youtube0 इंडिकेटर्स के बारे में बात करते हैं तो सबसे पहला इंडिकेटर जिसके बारे में हम समझने जा रहे हैं उसका नाम है आर एसआई यानी रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स इस इंडिकेटर को लगाने के लिए आप जिस भी चार्टिंग सॉफ्टवेयर का यूज करते हैं वहां पर इंडिकेटर्स का एक सेक्शन होता है उस परे जाकर आपको आर एसआई लिखकर सर्च करना होता है तो यहां पर आपको लिखा हुआ दिखाई दे रहा है रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स आपने इस पर क्लिक कर देना है जैसे ही आप इस पर क्लिक करेंगे तो आपका जो चार्ट है उसके नीचे आपको इस तरीके से एक पैटर्न बनता हुआ दिखाई देगा तो यही है हमारा आरएसआईडी अब ये जो आरएसआईसी पे ट्रेड नहीं लिया जाता है और सिर्फ इसके बेसिस पर तो बिल्कुल भी नहीं लेना है तो ये जो इंडिकेटर है ये रो से 100 के बीच में में मूव करता है इसमें जो इसकी इंपॉर्टेंट लेवल्स होते हैं वो होते हैं 30 और 70 का लेवल ये जो ऊपर वाली लाइन आपको दिखाई दे रही है ये 70 है और जो नीचे वाली लाइन आपको दिखाई दे रही है ये हमारा 30 का लेवल है तो अगर कभी लाइन 70 के लेवल के ऊपर जाने के बाद वापस नीचे आने लगती है तो माना जाता है कि स्टॉक ओवर बट हो चुका है और उसके बाद प्राइस गिरने के चांसेस होते हैं क्लियर कर दूं कि जब प्राइस 70 के लेवल के ऊपर जाती है बहुत सारे लोग ये मानते हैं कि वहां पर स्टॉक ओवर बॉट हुआ है लेकिन ऐसा नहीं है यह लोगों की गलतफहमी है जब प्राइस 70 के लेवल के ऊपर जाने के बाद वापस नीचे आती है तब आप यह मान के चलें कि स्टॉक ओवर बट हुआ है और उसके बाद प्राइस गिरने के चांसेस होते हैं तो यहां से आपको एक चीज यह पता चलती है और इसी तरीके से जब प्राइस 30 के लेवल के नीचे जाने के बाद वापस ऊपर आने लगती है तब माना जाता है कि स्टॉक ओवर सोल्ड हो चुका है और इसके बाद प्राइस बढ़ने के चांसेस होते हैं तो यहां पर आप देख सकते हैं कि प्राइस 30 के लेवल के नीचे चली गई थी अब कुछ लोग क्या समझते हैं कि जैसे ही नीचे गई वहीं पर जो स्टॉक है वो ओवर सोल्ड हो गया है तो अगर आप ये मान के चलते तो आप यहीं पर यानी इस जगह पर ही बाय कर लेते जबकि उसके बाद प्राइस नीचे तक गिरी थी तो आपको इंट्राडे ट्रेडिंग में तो नुकसान हो जाता भले ही उसकी बात बड़ी है जबकि अगर आपको दिखाई दे रहा है कि जो प्राइस है वो 30 के लेवल के नीचे जाने के बाद वापस ऊपर आने लगी है मतलब 30 से ऊपर आ गई है तब आप मान के चल सकते हैं कि स्टॉक ओवर सोल्ड हो चुका है और यहां से प्राइस बढ़ सकती है और इसके बाद आप देख सकते हैं कि प्राइस बढी है अब ये तो मैंने आपको एक परफेक्ट एग्जांपल दिखा दिया है तो सिर्फ इसके बेसिस पे ट्रेड नहीं लेना है लेकिन इसको आप कंफर्मेशन के लिए यूज़ कर सकते हैं इसके अलावा आरएआई से आप यह भी पता कर सकते हैं कि स्टॉक बुलिश है या फिर बेरिश है तो इसके लिए जो हमारा 50 का लेवल होता है यानी बीच में जो आपको हल्की सी लाइन दिखाई दे रही है यह हमारी 50 की लाइन है तो यह लेवल भी बहुत इंपॉर्टेंट होता है और माना यह जाता है कि अगर प्राइस 50 के लेवल के ऊपर है तो स्टॉक बुलिश है और 50 के लेवल के नीचे है तो स्टॉक बेरिश है अब इसके बाद जो नेक्स्ट इंडिकेटर आपको पता होना चाहिए वो है मूविंग एवरेज इसके बारे में मैंने आपको पहले भी बताया था कि यह एक सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस की तरह काम करता है तो इसी का यूज करके आप ट्रेड भी ले सकते हैं बट उसके लिए आपको दो मूविंग एवरेज को यूज़ करना होता है तो मूविंग एवरेज के लिए आप ए लिख के भी सर्च कर सकते हैं तो यहां पर आपको दिखाई दे रहा है मूविंग एवरेज एक्सपो हैशियम मूविंग एवरेज सिंपल इवन मूविंग एवरेज वेटेड भी आप यूज़ कर सकते हैं मैं मूविंग एवरेज एक्सपो एं शियल का यूज़ कर रहा हूं और इसको मैं दो बार अपने चार्ट में अप्लाई कर देता हूं तो जब आप मूविंग एवरेज को अपने चार्ट में अप्लाई करते हैं तो आपको इस तरीके की एक लाइन देखने को मिलती है तो अब यह जो मूविंग एवरेज है ये आपको अभी नाइन पीरियड का दिखाई दे रहा है हमने इसको अपने हिसाब से चेंज करना होता है जिसमें एक शॉर्ट पीरियड का मूविंग एवरेज होता है और एक लार्ज पीरियड का मूविंग एवरेज होता है अब जो पॉपुलर मूविंग एवरेज पीरियड है वो है 20 एंड 50 पीरियड इसके अलावा 50 एंड 100 भी यूज़ करते हैं 50 एंड 200 भी करते हैं 100 एंड 200 पीरियड के भी मूविंग एवरेज को यूज़ किया जाता है यानी एक को आप 50 रख लो दूसरे को 200 रख लो एक को आप 20 रख लो दूसरे को आप 50 रख लो तो एग्जांपल के लिए मैं 20 और 50 पीरियड का मूविंग एवरेज यूज़ कर रहा हूं तो इसके लिए मुझे एक की सेटिंग में जाना है यहां पर मैं चला गया हूं और इसको मैं चेंज करके कर देता हूं 20 पीरियड का मूविंग एवरेज और इसका जो कलर है उसको चेंज करके मैं करूंगा ग्रीन कलर का तो यहां पर मैंने ग्रीन कलर सेलेक्ट कर लिया है और इसके साथ ही इसकी जो थिकनेस है उसको भी मैं थोड़ा बढ़ा देता हूं तो यहां पर अब आपको जो ग्रीन कलर की लाइन दिखाई दे रही है ये हमारा 20 पीरियड का मूविंग एवरेज है अब इसके बाद मुझे एक 50 पीरियड का मूविंग एवरेज चाहिए तो जो सेकंड मूविंग एवरेज है उसकी मैं सेटिंग्स में जाता हूं यहां पर जाने के बाद ये जो नाइन लिखा हुआ है इसको मैं चेंज करके कर देता हूं 50 पीरियड और इसके बाद स्टाइल में जाकर इसका जो कलर है इसको मैं रेड कलर का कर रहा हूं आप अपने हिसाब से कोई भी कलर कर सकते हैं और इसकी जो थिकनेस है उसको भी मैं बढ़ा देता हूं तो अब यहां पर जब भी इनमें क्रॉसओवर्स होते हैं तो वो बहुत इंपॉर्टेंट होते हैं पहले ही मैं आपको बता चुका हूं कि ये डायनेमिक सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस की तरह तो काम करते ही हैं यहां पर ये रेजिस्टेंस की तरह एक्ट कर रहे हैं और जब ये नीचे आ जाते हैं तो वहां पर ये सपोर्ट की तरह एक्ट करते हैं बट इसके अलावा जब हमारी जो ग्रीन कलर की लाइन है यानी जो हमारा शॉर्ट पीरियड का यानी जो इस केस में 20 पीरियड का मूविंग एवरेज है वो 50 पीरियड के मूविंग एवरेज को ऊपर की तरफ काटता है यानी जो हमारी रेड कलर की लाइन है उसको ऊपर की तरफ काटता है तो माना जाता है कि यहां से स्टॉक की प्राइस बढ़ने के चांसेस हैं तो आप देख सकते हैं कि यहां पर ये क्रॉसओवर हुआ है और इससे पहले आप देख सकते हैं कि वॉल्यूम भी बहुत ज्यादा बड़ा था तो यहां पर आपको पता चल रहा है कि प्राइस बढ़ने के चांसेस होते हैं और इसी तरीके से जब हमारी ग्रीन कलर की लाइन रेड कलर की लाइन को नीचे की तरफ काटती है तब प्राइस के गिरने के चांसेस होते हैं आप देख सकते हैं कि यहां पर हमारी जो ग्रीन लाइन है उसने रेड लाइन को नीचे की तरफ काटा है ग्रीन लाइन हमारा 20 पीरियड का मूविंग एवरेज है और रेड लाइन हमारा बड़ा मूविंग एवरेज है 50 पीरियड का तो जब ऐसा होता है तो उसके बाद प्राइस गिरने के चांसेस होते हैं आप देख सकते हैं कि इसके बाद प्राइस गिरी भी है लेकिन यहां पर एक बात का ध्यान रखिएगा कि ये जो मूविंग एवरेज क्रॉसओवर है ये आपको थोड़ा लेट सिग्नल देते हैं आप देख सकते हैं कि प्राइस ने यहीं से गिरना शुरू कर दिया जबकि मूविंग एवरेज क्रॉसओवर ने आपको यहां पर सिग्नल दिया आप देख सकते हैं यहां पर भी प्राइस ने बढ़ना तो यहीं से शुरू कर दिया था लेकिन मूविंग एवरेज क्रॉसओवर ने आपको यहां पर सिग्नल दिया तो यह जो इंडिकेटर है यह एक लैगिंग्स देता है तो अब आपको यह भी समझ आ गया है कि इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए स्टॉक का एनालिसिस कैसे करना है कहां पर आपको बाय करना है कहां पर आपको सेल करना है तो अब देखो स्टॉक मार्केट में 5000 से ज्यादा स्टॉक्स हैं तो आपको क्या पता चलेगा कि कौन से स्टॉक में कौन सा पैटर्न बन रहा है और फिर आप कैसे अपने लिए एक स्टॉक सेलेक्ट करेंगे इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए तो यहां पर मैं आपको बताने जा रहा हूं एक ऐसे सॉफ्टवेयर के बारे में जिसके थ्रू आप यह पता कर सकते हैं कि कौन से स्टॉक में कौन सा पैटर्न बन रहा है और इस तरीके से आप अपने लिए स्टॉक सेलेक्ट कर सकते हैं क्लियर कर दूं कि स्टॉक सेलेक्ट करने के बहुत सारे तरीके हैं हमने ऑलरेडी इसके ऊपर काफी सारी वीडियोस बना रखी है जैसे हमने एक शीट के थ्रू स्टॉक्स कैसे सेलेक्ट करने हैं उसके ऊपर भी वीडियो बना रखी है उसका लिंक भी हम आपको डिस्क्रिप्शन में दे देंगे लेकिन यहां पर मैं आपको एक सिंपल तरीका बता रहा हूं ताकि आप अपने लिए स्टॉक सेलेक्ट कर पाएं तो इसके लिए आपको जाना होगा investing.com पर क्लियर कर दूं कि मैं खुद यूज करता हूं इसलिए आपको बता रहा हूं ये कुछ स्पों सर्ड नहीं है तो आपने investing.com प जाना है और यहां पर जाने के बाद आपको सबसे पहले लॉग इन करना होगा क्योंकि अगर आप लॉग इन नहीं करेंगे तो फिर आपको यूएस वाले स्टॉक्स भी दिखाए जाएंगे तो आप लॉग इन जरूर कर लीजिएगा तो मैंने क्योंकि ऑलरेडी लॉग इन कर रखा है इसलिए हमें ये पेज देखने को मिल रहा है अब जब आप लॉग इन कर लेंगे तो यहां पर आपको एक टूल्स का ऑप्शन देखने को मिल रहा है आपने इस पे क्लिक करना है इस पे क्लिक करने के बाद यहां पर आपको एक स्टॉक स्क्रीनर का ऑप्शन देखने को मिल रहा है आपने इस पे क्लिक कर देना है जैसे ही आप उस परे क्लिक कर देंगे तो आप इस पेज पर रीडायरेक्ट हो जाएंगे यहां पर आप थोड़ा सा नीचे ड करेंगे तो आपको एक यह पेज देखने को मिलेगा यहां पर आपको जो है कैंडलिंग पैटर्स का एक ऑप्शन देखने को मिल रहा है आपने इस पे क्लिक कर देना है अब जैसे ही आप इस पे क्लिक कर देंगे ना तो आपको स्टॉक मार्केट में जितने भी स्टॉक्स हैं उनमें जो कैंडलिंग पैटर्न बन रहा है वो आपको यहां पर दिखाई देगा और आपको पता है कि अगर कोई बुलिश कैंडलेस्टिक पैटर्न बन रहा है तो उस स्टॉक में प्राइस बढ़ने के चांसेस हैं अगर कोई बेयरिश कैंडलेस्टिक पैटर्न बन रहा है तो उसमें प्राइस गिरने के चांसेस हैं तो इस हिसाब से आप ट्रेड ले सकते हैं अब जैसे एग्जांपल के लिए क्लियर कर दूं कि यह सिर्फ एग्जांपल है तो इन्हें एग्जांपल की तरह लीजिएगा और सिर्फ इसके बेसिस पर आपने ट्रेड नहीं करना है इसके साथ आपने वॉल्यूम का यूज़ करना है सपोर्ट रेजिस्टेंस का यूज़ करना है और उसके बाद आपने डिसाइड करना है कि आपको ट्रेड लेना है या फिर नहीं लेना है अब जब आप इसको देखेंगे तो यहां पर आपको सारे स्टॉक्स में कौन से पैटर्न बन रहे हैं यह तो दिखाई दे रहा है लेकिन यहां पर आपको बहुत सारे ऐसे भी स्टॉक्स दिखाई देंगे जिनमें एक महीने के टाइम फ्रेम में वो पैटर्न बन रहा है तो ऐसे में यह जो स्टॉक है इस पर आप इंट्राडे ट्रेडिंग नहीं कर सकते हैं अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करने की सोच रहे हैं तो या तो आप 1 मिनट के टाइम फ्रेम को यूज करेंगे 3 मिनट के टाइम फ्रेम को यूज करेंगे 5 मिनट के टाइम फ्रेम को यूज करेंगे या ज्यादा से ज्यादा 15 मिनट के टाइम फ्रेम को यूज करेंगे तो अगर आपको चाहिए कि सिर्फ यही टाइम फ्रेम्स आपको दिखाई दें तो इसके लिए यहां पर कस्टमाइज पे क्लिक कीजिए जैसे ही आप कस्टमाइज पर क्लिक कर देते हैं तो उसके बाद यहां पर आपको टाइम फ्रेम सेलेक्ट करने का ऑप्शन आता है तो यहां पर हमारे मतलब का सिर्फ 15 मिनट का टाइम फ्रेम है तो बाकी सारे टाइम फ्रेम को हटाकर आप सिर्फ 15 मिनट के टाइम फ्रेम को सेलेक्ट कर लीजिए इसके अलावा यहां पर रिलायबिलिटी का एक ऑप्शन है तो वो आप थ्री स्टार रखेंगे तो ज्यादा बेटर रहेगा और आपको बेटर रिलायबल पैटर्स देखने को मिलेंगे और ये सब करने के बाद आप अप्लाई पे क्लिक कर दीजिए जैसे ही आप अप्लाई पे क्लिक करते हैं तो अब आपको वो स्टॉक्स दिखाए जाएंगे जो कि बहुत ज्यादा रिलायबल है जिनमें अच्छे पैटर्स देखने को मिल रहे हैं और वो पैटर्स कैसा है ये भी आपको पता चलेगा तो यहां पर आपको दिखाई दे रहा है कि अब ये सारे जो पैटर्स हैं ये 15 मिनट के टाइम फ्रेम में बन रहे हैं और अब आपके लिए स्टॉक्स भी बहुत कम हो चुके हैं तो अब आप आसानी से अपना एनालिसिस कर सकते हैं इन सभी को इस वेबसाइट ने तीन स्टार दिए हैं यानी ये रिलायबल पैटर्स हैं और उसके बाद वो पैटर्न है कौन सा ये देखते हैं तो यहां पर आपको दिखाई दे रहा है कि ये एक मॉर्निंग डोजी स्टार पैटर्न बन रहा है जो कि यहां पर आपको दिखाया जा रहा है कि एक बुलिश पैटर्न है आपको दिखाई दे रहा है यहां पर थ्री इनसाइड अप पैटर्न बन रहा है जो कि एक बुलिश पैटर्न है इसके अलावा एंडेंदु पैटर्न बन रहा है वो भी एक बुलिश पैटर्न है इसके अलावा बेयरिश पैटर्स देखने हैं अगर आपको शॉर्ट सेल करना है तो थ्री ब्लैक क्रोज बन रहे हैं इन सभी स्टॉक्स में स्टॉक के नाम भी आपको सामने दिखाई दे रहे दे रहे हैं जैसे एग्जांपल के लिए यहां पर दिखाया जा रहा है कि आईआईआई बैंक में मॉर्निंग डोजी स्टार पैटर्न बन रहा है 15 मिनट के टाइम फ्रेम में जो कि एक बुलिश पैटर्न है तो इस तरीके से आपको पता है कि इस स्टॉक में एक बुलिश पैटर्न बन रहा है तो अब आप क्या कर सकते हैं आप इस स्टॉक के ऊपर अपना एनालिसिस कर सकते हैं और एनालिसिस करना भी आपने सीख लिया है और इसके बेसिस पर आप डिसाइड कर सकते हैं कि कब और कहां पर आपने इस स्टॉक को बाय करके प्रॉफिट अर्न करना है तो अब आपको स्टॉक सिलेक्शन भी क्लियर हो गया है स्टॉक का एनालिसिस करना भी आ गया है लेकिन अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करने जाएंगे और कुछ बेसिक कांसेप्ट आपको नहीं पता होंगे जो कि अभी तक मैंने नहीं बताए हैं तो तब आपको नुकसान होने के जो चांसेस होंगे वो बहुत ज्यादा बढ़ जाएंगे तो अब इसको ध्यान से समझ लीजिएगा वैसे अभी तक वीडियो को लाइक नहीं किया तो वीडियो को लाइक और चैनल को सब्सक्राइब जरूर कर देना और साथ ही कमेंट करके जरूर बताना कि आपको ये वीडियो कैसी लग रही है और साथ ही अगर आप चाहते हैं कि हम इस तरीके की और वीडियोस बनाएं फ्री में आपको कोर्स प्रोवाइड करें तो कमेंट जरूर कीजिएगा तो इसमें जो सबसे पहला बेसिक कांसेप्ट है वो है स्टॉप लॉस मान लो आपने एक ट्रेड लिया जिससे आपने 0000 कमा लिए उसके बाद आपने दूसरा ट्रेड लिया उसमें आपने ₹5000000 कमा लिए हैं और जैसा आपने सोचा था मार्केट में बिल्कुल वैसा ही हुआ लेकिन हर बार जैसा आप सोचेंगे वैसा नहीं होगा तो मान लीजिए आपने एक थर्ड ट्रेड लिया जिस ट्रेड को आपने ₹1000000 की प्राइस में बाय किया उसके बाद क्या होता है कि आपके बाय करने के बाद जो प्राइस है वो अचानक से गिरने लगती है और गिरते-गिरते ₹ 770 आ जाती है जिससे आपको ₹2000000 का नुकसान हो जाता है तो ऐसे में तो आपने इन दो ट्रेड में जो कमाया था वो एक ही बारी में चला जाएगा और ऐसा तो एक ना एक बार होगा तो फिर तो आप कभी भी ट्रेडिंग से पैसे नहीं कमा पाएंगे तो इसलिए यहां पर बहुत इंपॉर्टेंट होता है स्टॉप लॉस की नॉलेज होना स्टॉप लॉस एक ऐसा तरीका होता है जिससे हम अपने लॉस को कम कर सकते हैं अब इस जगह पर अगर मान लीजिए आपने वो ट्रेड लिया था ₹1000000 में और वहां पर आपने अगर 90 का स्टॉप लॉस लगा रखा होता तो ऐसे में क्या होता कि अगर मान लीजिए प्राइस बढ़ती है तो वो कितना भी जा सकती है और आप कितना भी प्रॉफिट कमा सकते हैं लेकिन अगर प्राइस गिरती है और वो गिर करर 90 पर आती है आप अपने हिसाब से डिसाइड कर सकते हैं स्टॉप लॉस तो मान लेते हैं कि वो ₹10 पे आती है तो जैसे ही प्राइस 990 पे आएगी आपका जो ट्रेड होगा वो ऑटोमेटिक एग्जिट हो जाएगा और उसके बाद प्राइस गिरकर चाहे 60 आए 50 आए या जीरो हो जाए आपको इससे कोई फर्क नहीं नहीं पड़ेगा तो हमेशा जब आप ट्रेड लेते हैं आपको अपनी स्ट्रेटजी के हिसाब से वहां पर स्टॉप लॉस लगाना होता है तो चलिए अब प्रैक्टिकली स्टॉप लॉस कैसे लगाया जाता है वो भी मैं आपको दिखाता हूं तो फिर से मैं एक ट्रेड ले रहा हूं ये भी सिर्फ एक एग्जांपल है तो मान लीजिए मुझे लगता है कि इस स्टॉक की प्राइस बढ़ सकती है तो इसको हमें बाय करना होता है तो यहां पर हम इंट्राडे वाले ऑप्शन में जाते हैं और जितने स्टॉक आप बाय करना चाहते हैं वो आप यहां से सेलेक्ट कर सकते हैं मान लीजिए मैं 30 स्टॉक्स बाय करना चाहता हूं तो मैंने 30 स्टॉक्स सेलेक्ट कर लिए हैं और उसके बाद हमें प्लेस बाय ऑर्डर का ऑप्शन आता है तो हमने उसपे पे क्लिक करना है और जैसे ही हम कंफर्म पे क्लिक करते हैं हमारा जो ऑर्डर है वो एग्जीक्यूट हो चुका है आप देख सकते हैं कि ये जो 30 शेयर्स हैं इन्हें मैंने इंट्राडे में बाय कर लिया है और अब जैसे ही इसकी प्राइस घटेगी हमें लॉस होना स्टार्ट हो चुका है तो इसको मैंने 970 90 की प्राइस में बाय किया है अब मुझे डर है कि कहीं प्राइस गिर कर अगर ज्यादा नीचे आ गई फिर तो मुझे बहुत नुकसान हो जाएगा तो अब इस जगह पे मैं क्या कर सकता हूं मैं यहां पर स्टॉप लॉस लगा सकता हूं तो उस स्टॉप लॉस को लगाने के लिए हमें इस पे क्लिक करना है और जैसे ही आप इस पे क्लिक करते हैं तो नीचे आपको स्टॉप लॉस का एक ऑप्शन देखने को मिल रहा है आपने उस परे क्लिक कर देना है जैसे ही आप उसपे क्लिक करेंगे तो अब यहां पर आपके पास ऑप्शन आता है अपना स्टॉप लॉस ऑर्डर लगाने का तो जैसे इसकी प्राइस चल रही है ₹ 73 मुझे लगता है कि अगर प्राइस 968 पे आएगी तो ये ऑटोमेटिक ली सेल हो जाना चाहिए मैं इससे ज्यादा नुकसान बर्दाश्त नहीं कर सकता तो हमें यहां पर ट्रिगर प्राइस में 9968 डाल देना है जैसे ही आप 968 ट्रिगर्ड प्राइस में डाल देंगे तो ऑटोमेटिक आपकी लिमिट प्राइस यहां पर सेट हो चुकी है और उसके बाद आपने प्लेस सेल ऑर्डर पे क्लिक कर देना है तो जैसे ही आपने प्लेस सेल ऑर्डर पे क्लिक किया है तो आप देख सकते हैं कि यहां पर हमारे ऑर्डर्स में एक पेंडिंग ऑर्डर दिखाया जा रहा है जिसकी जो प्राइस है वो है 968 यानी अब अगर इसकी प्राइस 968 पे आती है तो यह जो शेयर है ये ऑटोमेटिक सेल हो जाएंगे और मुझे उससे ज्यादा नुकसान हो ही नहीं सकता है तो यहां पर हमें ₹ 7 का प्रॉफिट चल रहा है प्राइस चल रही है 974 95 हमने 970 90 पे इसको बाय किया था और अगर प्राइस नीचे आएगी तो ये ऑटोमेटिक सेल हो जाएगा तो इस तरीके से स्टॉप लॉस लगाया जाता है तो चलिए अब मैं इस ट्रेड को भी एग्जिट कर देता हूं लेकिन यहां पर सबसे इंपॉर्टेंट होता है कि अगर आपने स्टॉप लॉस ऑर्डर लगा रखा है और आप डायरेक्टली इस ट्रेड को एग्जिट करना चाहेंगे तो ये एग्जिट नहीं होगा क्योंकि यहां पर आपका एक ऑर्डर ऑलरेडी लगा हुआ है तो पहले आपको इस ऑर्डर को कैंसिल करना होगा तो हमने पहले अपना स्टॉप लॉस ऑर्डर कैंसिल किया और उसके बाद जाकर हम इस ऑर्डर को अपने एग्जिट कर पाएंगे तो अब यहां पर एग्जिट पे मैंने क्लिक किया और एग्जिट कर दिया तो हमें यहां पर आप देख सकते हैं कि 99 का प्रॉफिट हो चुका है तो इस तरीके से स्टॉप लॉस लगाया जाता है अब इसके बाद जो लास्ट कांसेप्ट मैं आपको सिखाने जा रहा हूं वह है रिस्क रिवॉर्ड रेशियो का तो चलिए अब उसको भी समझते हैं तो यह जो रिस्क रिवॉर्ड रेशो का कंसेप्ट है इससे हम यह डिसाइड कर सकते हैं कि हमें एक ट्रेड लेना चाहिए या फिर नहीं लेना चाहिए और इसको डिसाइड करने के लिए आपकी जो स्ट्रेटेजी होती है वह बहुत इंपॉर्टेंट होती है जैसे मान लीजिए आपको अपनी स्ट्रेटजी लगाने के बाद चाहे आप कैंडल इसिक पैटर्स का यूज़ कर रहे हैं प्राइस एक्शन लगा के देख रहे हैं या फिर आप किसी इंडिकेटर के बेसिस पर डिसाइड कर रहे हैं कि आपको इस स्टॉक को यहां पर यानी ₹1000000 में बाय करना चाहिए और अपनी स्ट्रेटजी के हिसाब से आपको लगता है कि आपका जो स्टॉप लॉस होगा वो होगा 90 का लेकिन मान लो अगर आपको अपनी स्ट्रेटजी के हिसाब से लग सकता है कि यहां पर जो प्राइस है वो सिर्फ ₹10 5 जा सकती है तो क्या आप यहां पर जो ₹10 का रिस्क ले रहे हैं वो भी सिर्फ ₹5000000 का रिस्क क्यों लेंगे अगर आप ₹10 का रिस्क ले रहे हैं तो आपको कम से कम ₹10 तो कमाने ही चाहिए तो इसी को हम रिस्क टू रिवॉर्ड रेशो कहते हैं अगर आपका ₹10 का रिस्क है और आप ₹10 ही कमा रहे हैं तो यहां पर जो आपका रिस्क टू रिवॉर्ड रेशियो होगा वो होगा 1:1 इससे अगर आपको एक ट्रेड में प्रॉफिट होगा दूसरे ट्रेड में नुकसान होगा तो यहां पर आप ब्रेक इवन में आ जाएंगे जबकि अगर आप ₹5000000 में आने में ही आपको दो ट्रेड्स लेने पड़ जाएंगे और उनमें भी नुकसान हो गया फिर तो समझ लो आप नुकसान में ही रहोगे तो मिनिमम हमें 1:1 का रिस्क रिवॉर्ड रेशो तो लेकर चलना ही चाहिए तो ये तो मिनिमम रिस्क टू रिवॉर्ड रेशो है अगर हम ठीक-ठाक रिस्क रिवॉर्ड रेशो की बात करें तो वो होना चाहिए कम से कम 1:2 और अगर बेटर की बात करें तो 1:3 होना चाहिए यानी अगर आपको किसी ट्रेड में आपकी स्ट्रेटजी के हिसाब से लगता है कि ₹1 का नुकसान हो सकता है तो वहां पर आपको ₹ का प्रॉफिट कमाना चाहिए क्योंकि ऐसे में अगर आपने एक बार प्रॉफिट कमा लिया तो फिर अगर आपको दो बार भी नुकसान हुआ होगा तब भी आप ओवरऑल प्रॉफिट में आ जाएंगे इसलिए जब भी आप ट्रेड करते हैं तो आपको अपना रिस्क टू रिवॉर्ड रेशो जरूर देखना होता है और ये आप अपनी स्ट्रेटजी के हिसाब से देखते हैं तो ये था हमारा इंट्राडे ट्रेडिंग का कंप्लीट कोर्स हम ऑप्शन ट्रेडिंग का कंप्लीट कोर्स ऑलरेडी बना चुके हैं जिसका लिंक डिस्क्रिप्शन पे दिया गया है और अगर आप चाहते हैं कि हम स्टॉक एनालिसिस का भी एक कंप्लीट कोर्स बनाएं तो इसके लिए कमेंट जरूर कीजिएगा वीडियो पसंद आई है तो वीडियो को लाइक और चैनल को सब्सक्राइब जरूर कर देना फ्री डीमेट अकाउंट का लिंक डिस्क्रिप्शन पे दिया गया है ऑप्शन ट्रेडिंग का फुल कोर्स आपको यहां पर नजर आ रहा है आप इस पे क्लिक करके उसको देख सकते हैं और अगर आपने यहां तक वीडियो देखी है तो आप हमारे लिए बहुत ज्यादा स्पेशल है कमेंट करके जरूर बताइएगा धन्यवाद