हेलो एवरीवन वेलकम बैक टु माय youtube's सेशन लेट मी शेयर अह दिस इंटरेस्टिंग प्लेलिस्ट व्हिच आई हैव क्रिएटेडॉक्युमेंट्सफ्रैगमेंट कवर किया हुआ है आपने मैट्रिक्स स्ट्रक्चर कवर किया हुआ है डिवीजनल स्ट्रक्चर कवर किया हुआ है तो और इसी सीरीज को आगे बढ़ाते हुए आज का जो हमारा टॉपिक होगा दैट टॉपिक इज़ कॉल्ड लाइन ऑर्गेनाइजेशनल स्ट्रक्चर सो लेट्स टॉक अबाउट द लर्निंग ऑब्जेक्टिव्स ऑफ़ दिस टॉपिक फर्स्ट सो व्हाट आर व व्हाट आर वी आर गोइंग टू कवर इन दिस टॉपिक द फर्स्ट वील टॉकिंग अबाउट व्हाट इज़ एन ऑर्गेनाइजेशन स्ट्रक्चर लाइन ऑर्गेनाइजेशनल स्ट्रक्चर सेकंड वी विल बी टॉकिंग अबाउट द टाइप्स ऑफ़ लाइन ऑर्गेनाइजेशन स्ट्रक्चर थर्ड विल बी सूटेबिलिटी कि इन व्हाट सिचुएशंस लाइन स्ट्रक्चर इज़ एप्लीकेबल और सूटेबल एंड देन वी विल टॉक अबाउट कैरेक्टरिस्टिक ऑफ द लाइन स्ट्रक्चर ऑर्गेनाइजेशन एंड देन वी टॉक अबाउट द प्रोज एंड क्रॉन्स ऑफ दिस स्ट्रक्चर सो लेट्स बिगिन द टॉपिक सो लाइन ऑर्गेनाइजेशन इज द सिंपलेस्ट एंड द ओल्डेस्ट टाइप ऑफ ऑर्गेनाइजेशनल स्ट्रक्चर तो अगर आप ऑर्गेनाइजेशनल स्ट्रक्चर को पढ़ेंगे तो आप देखेंगे ओवर ए पीरियड ऑफ़ टाइम यह काफी इवॉल्व हुआ है बट सबसे सिंपल फॉर्मेट में जो स्ट्रक्चर डिजइन किया गया था यह जो सबसे सिंपलेस्ट फॉर्म है दैट इज कॉल्ड लाइन ऑर्गेनाइजेशन इट इज आल्सो नोन एज स्केलर ऑर्गेनाइजेशन इसको स्केलर ऑर्गेनाइजेशन भी कहते हैं और मिलिट्री टाइप ऑफ ऑर्गेनाइजेशन इसको मिलिट्री टाइप ऑफ ऑर्गेनाइजेशन भी कहा जाता है उसका रीजन क्या है इसका जो सबसे ज्यादा इस्तेमाल हुआ है वो मिलिट्री में इसका काफी ज्यादा इस्तेमाल होता है दैट इज द रीजन व्हाई जो ये वाला स्ट्रक्चर है वो उस नाम से भी जाना जाता है इन द वर्ड्स ऑफ जेएम लुंडी तो जेएम लुंडी ने इसके ऊपर कुछ बात की थी इसको डिफाइन किया दैट इट इज कैरेक्ट आइज बाय द डायरेक्ट लाइंस ऑफ अथॉरिटी फॉलोइंग फ्रॉम टॉप टू बॉटम ऑफ द ऑर्गेनाइजेशन रार्ज एंड द लाइंस ऑफ रिस्पांसिबिलिटी फ्लोइंग इन द अपोजिट ऑफ द इक्वल टू द डायरेक्टली मैनर अब अगर आप ध्यान से देखेंगे उन्होंने ये कहा था कि यहां पे मतलब लाइन ऑर्गेनाइजेशन में जो अथॉरिटी होती है वो टॉप से बॉटम की तरफ जाती है जबकि जो रिस्पांसिबिलिटी होती है वो बॉटम से ऊपर की तरफ जाती है हमेशा अपोजिट डायरेक्शन में ये ट्रेवल करते हैं एन इंपॉर्टेंट कैरेक्टरिस्टिक ऑफ़ सच टाइप ऑफ ऑर्गेनाइजेशन इज सुपीरियर सबोर्डिनेट रिलेशनशिप अब यहां पे जो एक इंपॉर्टेंट कैरेक्टरिस्टिक होता है लाइन ऑर्गेनाइजेशन का वो होता है कि सुपीरियर और सबोर्डिनेट का रिलेशनशिप किस तरह से मेंटेन किया गया है सुपीरियर डेलिगेट्स अथॉरिटी टू द अनदर सबोर्डिनेट एंड सो ऑन फॉर्मिंग इन अ लाइन फ्रॉम वेरी टॉप टू द बॉटम ऑफ ऑर्गना स्ट्रक्चर अब बेसिकली होता क्या है लाइन स्ट्रक्चर में कि सुपरवाइजर है सुपरवाइजर के नीचे कोई सबोर्डिनेट वन है उसके नीचे सबोर्डिनेट टू है तो सुपीरियर ने अपना काम पहले सबोर्डिनेट वन को दिया सबोर्डिनेट वन ने अपना काम सबोर्डिनेट टू को दिया तो एक पूरे लाइन के फॉर्मेट में यह चलता रहता है एंड दैट इज द रीजन व्हाई इसको लाइन ऑर्गेनाइजेशन स्ट्रक्चर भी कहा जाता है अंडर दिस टाइप ऑफ ऑर्गेनाइजेशन अथॉरिटी फ्लोज डाउन वर्ड्स जैसा ज मैंने आपको जस्ट बताया कि अथॉरिटी यहां पे नीचे की तरफ जाती है जबकि जो रिस्पांसिबिलिटी है दैट मूव्स टुवर्ड्स अपवर्ड रिस्पांसिबिलिटी नीचे से ऊपर की तरफ ट्रेवल करती है स्केलर प्रिंसिपल एंड यूनिटी ऑफ कमांड आर स्ट्रिक्टली फॉलो इन द लाइन ऑर्गना यहां पे स्केलर प्रिंसिपल भी फॉलो किया जाता है स्केलर प्रिंसिपल क्या होता है कि सबोर्डिनेट वन जो है वही सबोर्डिनेट टू से बात करेगा सबोर्डिनेट टू डायरेक्टली जो है वो सुपीरियर से बात नहीं कर सकता एट द सेम टाइम यूनिटी ऑफ कमांड भी होती है यूनिटी ऑफ कमांड मतलब कौन सा पर्सन किस पर्सन को कमांड देगा वह भी यहां पे क्लियर मेंशन होता है मतलब यहां पे सबोर्डिनेट वन ही सबोर्डिनेट टू को कमांड दे सकता है सुपरवाइजर जो है वो डायरेक्टली यहां पर सबोर्डिनेट टू को कमांड नहीं दे सकता राइट लेट्स टॉक अबाउट कि कौन-कौन से टाइप्स होते हैं लाइन ऑर्गेनाइजेशन के तो सबसे पहले सिंपल और प्योर लाइन ऑर्गेनाइजेशन कहा जाता है एंड द सेकंड टाइप इज कॉल्ड डिपार्टमेंटल लाइन ऑर्गेनाइजेशन तो लेट्स बिगिन विद द फर्स्ट वन एंड दैट इज कॉल्ड सिंपल लाइन ऑर्गेनाइजेशन अब सिंपल लाइन ऑर्गेनाइजेशन में क्या होता है इसके बारे में बात कर लेते हैं इन द प्योर लाइन ऑर्गेनाइजेशन द एक्टिविटीज आर द सेम अब यहां पे जो एक्टिविटीज होती है वो सेम होती है विथ ईच मैन परफॉर्मिंग सेम टाइम ऑफ वर्क यहां पे जो लोग होते हैं वो सेम टाइप ऑफ वर्क कर रहे होते हैं एंड द डिवीजन प्राइमर एजिस्ट फॉर द पर्पस ऑफ कंट्रोल एंड डायरेक्शन यहां पे जो भी डिवीजन बनाए जाते हैं वहां पे सिर्फ कंट्रोल के पर्पस से बनाया जाता है अदर वाइज हर डिवीजन में जो काम होता है वह सेम हो रहा होता है और जो पर्सन है वह भी सेम तरह के काम को कर रहा है राइट अब यहां पर आप देख भी सकते हैं एक जनरल मैनेजर है उसके नीचे प्रोडक्शन मैनेजर है प्रोडक्शन मैनेजर के अंडर में एक फोरमैन ए है एक फोरमैन बी है फोर मन के नीचे जो वर्कर्स हैं यहां पर भी वर्कर है बट यहां पर फोमन ए भी वही काम कर रहा है जो फोमन बी कर रहा है इसके जो वर्कर्स हैं वो भी सेम तरह के काम कर रहे हैं जो यहां के वर्कर्स कर रहे हैं तो यहां पे सिमिलर काइंड ऑफ वर्क होता है इन इन दिस टाइप ऑफ ऑर्गेनाइजेशन ऑल द वर्कर परफॉर्म द सेम टाइप ऑफ वर्क जैसा मैंने आपको बताया जितने भी वर्कर हैं यहां पे वो सारे के सारे सेम टाइप ऑफ वर्क करते हैं द डिपार्टमेंट डिविजंस आर मेड ओनली फॉर द सेक ऑफ कन्वीनियंस ऑफ सुपरविजन एंड मैनेजमेंट जैसा मैंने आपको बताया कि जो भी डिपार्टमेंट क्रिएट किया गया जैसे यहां पर ये प्रोडक्शन डिपार्टमेंट की बात हो रही है यहां प्रोडक्शन मैनेजर की बात हो रही है तो यहां पर आप क्या देखते हो कि डिपार्टमेंट जो बनाया गया है वो सिर्फ किसलिए है क्योंकि आप उसको कंट्रोल कर पाओ आप उसको सुपरवाइज कर पाओ आप उसको मैनेज कर पाओ एफिशिएंटली दैट इज द ओनली रीजन व्हाई डिपार्टमेंट्स हैव बीन क्रिएटेडॉक्युमेंट्सफ्रैगमेंट वन एंड दैट इज कॉल्ड डिपार्टमेंटल लाइन स्ट्रक्चर अब डिपार्टमेंटल लाइन में क्या होता है कि एन ऑर्गेनाइजेशन इज डिवाइडेड इनटू वेरियस डिपार्टमेंट हेडेड बाय डिफरेंट डिपार्टमेंट लेट अब यहां पे क्या होता है कि एक कंपनी अगर है और वो अपना स्ट्रक्चर बना रही है तो वो क्या करती है डिफरेंट डिपार्टमेंट्स क्रिएट कर लेती है एक मार्केटिंग का डिपार्टमेंट है एक फाइनेंस का डिपार्टमेंट है एक एचआर का डिपार्टमेंट है एक ऑपरेशंस का डिपार्टमेंट है और सभी डिपार्टमेंट्स में अलग-अलग तरह के काम होते हैं राइट एंड ऑल द डिपार्टमेंट ऑपरेट अंडर द अल्टीमेट कंट्रोल ऑफ जनरल मैनेजर अब यहां पर एक जनरल मैनेजर बना दिया गया और व जनरल मैनेजर ही चारों डिपार्टमेंट्स को कंट्रोल करता है द ऑर्डर फ्लोज डायरेक्टली फ्रॉम द जनरल मैनेजर टू द ऑल डिपार्टमेंट्स अब यहां पे क्या होता है हर डिपार्टमेंट का भी एक हेड है ठीक है मार्केटिंग का कोई हेड होगा प्रोडक्शन का कोई हेड होगा फाइनेंस का कोई हेड होगा तो जो जनरल मैनेजर है वो डायरेक्टली अपने कमांड जो है वो डिपार्टमेंटल हेड्स को देता है और फिर डिपार्टमेंटल हेड्स जो है वो अपने रिस्पेक्टिव सबोर्डिनेट्स को वो कमांड्स पास ऑन करते हैं लाइक वाइज द सबोर्डिनेट इंटर्न कम्युनिकेट ऑर्डर्स टू द वर्कर्स अंडर देम और फिर जो सबोर्डिनेट्स होते हैं जो मार्केटिंग के सबोर्डिनेट्स हैं उसके नीचे जो वर्कर्स काम कर रहे हैं फिर आप उनको बताते हो कि क्या काम करना है तो इसका जो फ्लो क्या हो जाता है पहले जनरल मैनेजर से हेड ऑफ डिपार्टमेंट को जाएगा और फिर हेड ऑफ डिपार्टमेंट से सबोर्डिनेट्स को जाएगा और फिर सबोर्डिनेट से फिर वर्कर्स को जाएगा इस तरह से इसका कम्युनिकेशन चैनल कम का काम करता है द वेरियस डिपार्टमेंटल हेड विल परफेक्टली इंडिपेंडेंट ऑफ ईच अदर अब यहां पे क्या है जितने भी वेरियस डिपार्टमेंटल हेड आपने बनाया वो सब इंडिपेंडेंट है मतलब मार्केटिंग वाले मार्केटिंग को देखते हैं एचर वाले एचर को देखते हैं उन सब का इक्वल स्टेटस है लेकिन उनका जो वर्क है वो कहीं ना कहीं डिफरेंट है वो डिफरेंट डिफरेंट फंक्शंस को हैंडल करते हैं डिफरेंट डिफरेंट एक्टिविटीज को हैंडल करते हैं जो कि पिछले वाले में ऐसा नहीं था वहां पे सिमिलर एक्टिविटीज हो बट यूनिटी ऑफ कंट्रोल वो आपको यहां पर भी देखने को मिल जाता है यूनिटी ऑफ कंट्रोल वहां पर भी वैसे ही था कि एक पर्सन जो है वो नीचे नीचे लाइन लाइन फॉर्म करता था यहां पर भी कहीं ना कहीं एक लाइन फॉर्म हो रही है आप देख सकते लेस टॉक अबाउट द सूटेबिलिटी ऑफ लाइन ऑर्गेनाइजेशन कि सूटेबिलिटी ये कहां पर वेल सूटेड है सबसे पहले ये वहां पर आप इसको लगा लगा सकते हो जहां पर जो स्केल ऑफ ऑपरेशन है वो बहुत लिमिटेड है या जो बिजनेस है उसका स्केल बहुत स्मॉल है मतलब छोटे बिजनेसेस के लिए आप लाइन ऑर्गेनाइजेशन को या लाइन स्ट्रक्चर को फॉलो कर सकते हो सेकंड वर्क बहुत सिंपल है एंड रूटीन इन नेचर यहां पे जो काम है वो बहुत सिंपल है और बिल्कुल रूटीन काम है तो आप अगर इस तरह का स्ट्रक्चर बना रहे हो तो वहां पे कोई बहुत कॉम्प्लेक्शन इज बीइंग डन इन कंटीन्यूअस टाइप ऑफ इंडस्ट्रीज लाइक रिफाइनरी लाइक शुगर स्पिनिंग वीविंग मतलब कहने का मतलब है कि ये टेक्सटाइल इंडस्ट्री में आपको काफी देखने को को मिलता है क्योंकि वहां पर जो प्रोसेसेस हैं वो काफी रूटीन प्रोसेस होते हैं सेम तरह के वर्क को आप डेली रिपीट करते हो द लेबर मैनेजमेंट प्रॉब्लम्स आर नॉट टू कॉम्प्लेक्टेड है जहां पर कि जो लेबर मैनेजमेंट का कोई एस सच कंफ्लेक्स सच प्रॉब्लम नहीं है इतना कॉम्प्लेक्शन नहीं है आप उसको इजली रिजॉल्व कर सकते हो द मशनरी इज वेरी ऑटोमेटिक जहां पर मशनरी बहुत ऑटोमेटिक यूज़ की जाती है ऑटोमेटिक मशीनस यूज़ होती हैं वहां पर भी लाइन ऑर्गेनाइजेशन फॉलो किया जा सकता है वर्कर आर वेरी डिसिप्लिन जहां पे वर्कर्स भी डिसिप्लिन है वहां पर भी आप इसको यूज़ कर सकते हो बट अगर आप मॉडर्न डे की बात करो तो यह बहुत ज्यादा इस्तेमाल अब नहीं होता क्योंकि इससे काफी सारे बेटर ऑर्गेनाइजेशन स्ट्रक्चर ऑलरेडी आ चुके हैं नाउ लेट्स टॉक अबाउट द कैरेक्टरिस्टिक ऑफ़ लाइन ऑर्गेनाइजेशन कैरेक्टरिस्टिक क्या है तो ऑर्डर एंड इंस्ट्रक्शन फ्लो फ्रॉम टॉप टू बॉटम जैसा मैंने आपको बताया था कि अथॉरिटी ऊपर से नीचे आती है तो ऑर्डर और इंस्ट्रक्शन सारे जो हैं वो टॉप से बॉटम की तरफ आते हैं जबकि जो रिक्वेस्ट होती है और सजेशंस होते हैं वो बॉटम से ऊपर की तरफ जाते हैं राइट ये हमारा फर्स्ट कैरेक्टरिस्टिक है सेकंड द प्रिंसिपल ऑफ यूनिटी ऑफ कमांड इज द मोस्ट साइलेंट फीचर ऑफ़ दिस टाइप ऑफ नेशन जैसा मैंने आपको बताया यूनिटी ऑफ कमांड बहुत स्ट्रिक्टली फॉलो होती है यूनिटी ऑफ़ कमांड का क्या मतलब है कि कौन सा पर्सन किस पर्सन को कमांड देगा वो क्लीयरली बताया गया होता है इस पर्टिकुलर स्ट्रक्चर में इन सिंपल वर्ड्स द ऑर्डर आर रिसीवड बाय सबोर्डिनेट फ्रॉम वन बॉस एक पर्सन से एक बॉस से आपको ऑर्डर मिलता है और आपको पता है कि आपको उसी पर्सन से ऑर्डर लेना है द सबोर्डिनेट्स आर अकाउंटेबल फॉर देयर इमीडिएट सुपीरियर आपका जो इमीडिएट सुपीरियर है मतलब अगर आप मिडिल लेवल पे काम कर रहे हो तो जो टॉप लेवल पर मैनेजर बैठा है वो आपका इमीडिएट सुपरवाइजर है तो वही आपको आपकी रिपोर्टिंग लेता है और आप उसी को जवाब देते देयर आर लिमिटेड नंबर ऑफ सबोर्डिनेट्स अंडर वन सुपीरियर यहां पर एक सुपीरियर के अंडर में बहुत लिमिटेड लोग काम करते हैं सो दैट कि उनको मैनेज करना थोड़ा आसान हो जाए दिस इज सिंपल टू ऑपरेट एंड कंट्रोल जैसा शुरू में ही मैंने आपको बताया था कि लाइन ऑर्गेनाइजेशन बहुत ही सिंपल स्ट्रक्चर है आसानी से आप इसको लगा सकते हैं और कंट्रोल भी कर सकते लेट्स टॉक अबाउट प्रोज एंड कॉन्स ऑफ लाइन ऑर्गेनाइजेशन अब इसके क्या फायदे हैं और क्या नुकसान है उसके बारे में बात करते हैं सबसे पहले इसके फायदे की बात करते हैं सबसे पहले यह बहुत ही सिंपल स्ट्रक्चर है बहुत ही इजली आप इसको डिजाइन कर सकते हैं इजली इसको ऑपरेट किया जा सकता है इजली इसको कंट्रोल किया जा सकता है इजली इसमें जो गलतियां है उसको भी ठीक किया जा सकता है तो ये एक बहुत बड़ा फायदा है लाइन ऑर्गेनाइजेशन का सेकंड इंपॉर्टेंट फायदा यहां पर कि यहां पर फिक्स रिस्पांसिबिलिटी होती है जो भी पर्सन जो भी काम कर रहा है वो उसी पर्टिकुलर जॉब के लिए रिस्पांसिबल है और उसकी जो रिस्पांसिबिलिटी है वो बहुत ही फिक्स्ड है उसको कुछ अलग करने की जरूरत नहीं है उसको जो काम मिला है बस वो उतना सा काम कर कर दे उतनी सी उसकी रिस्पांसिबिलिटी है थर्ड चीज यहां पे बहुत डिसिप्लिन होता है डिसिप्लिन इसलिए होता है क्योंकि आपकी अकाउंटेबिलिटी हो आपकी अपनी जॉब की अकाउंटेबिलिटी होती है एट द सेम टाइम देयर इज एन इमीडिएट सुपरवाइजर जो आपको इमीडिएट कंट्रोल करता है या वो आपके बिहेवियर को लगातार मॉनिटर करता रहता है तो इसी वजह से आपको काफी डिसिप्लिन देखने को मिलता है यहां पर थोड़ी फ्लेक्सिबल भी होती है क्योंकि स्ट्रक्चर बहुत ही सिंपल है और छोटा स्ट्रक्चर है तो बहुत इजली इसमें कोई भी चेंजेज लाए जा सकते हैं आपको इतना ज्यादा परेशा होने की जरूरत नहीं पड़ती यूनिटी ऑफ कमांड बार-बार मैं कह रहा हूं कि यहां पे यूनिटी ऑफ कमांड बहुत ज्यादा और यह इसका फायदा भी है क्योंकि आपको अगर क्लेरिटी से पता हो कि हमें किससे कमांड लेना है प्लस मुझे जिसको कमांड देना है उसको भी पता है कि हमें किसको कमांड देना है तो इट बिकम वेरी इजी आपके लिए बहुत आसान हो जाता है और ऑर्गेनाइजेशन में जो कम्युनिकेशन है वो भी काफी बेटर हो जाता है और इसी वजह से यहां पे डायरेक्ट कम्युनिकेशन देखने को मिलता है कि जो भी आपका इमीडिएट सुपरवाइजर है वो आपसे डायरेक्टली बात कर सकता है और डायरेक्टली आपको ऑर्डर भी दे सकता है अगर हम इसके कॉन्स की बात करें इसकी डिमेट की बात करें तो यहां पर कहीं ना कहीं ओवरलोडिंग हो जाती है ओवरलोडिंग का मतलब क्या है कि एक पर्टिकुलर मैनेजर है मान लो वो अब चार डिपार्टमेंट को देख रहा है तो चारों डिपार्टमेंट का अगर वो सिंगल हेड है तो चारों डिपार्टमेंट को देखने में उसको काफी प्रॉब्लम हो सकती है और इसी वजह से कई बार वो काफी स्ट्रेस में आ सकता है उसका वर्क लाइफ बैलेंस खराब हो सकता है तो ओवरलोडिंग हो सकती है जॉब्स की रिस्पांसिबिलिटीज की देन वी टॉक अबाउट सेकंड थिंग दैट इज कॉल्ड लैक ऑफ स्पेशलाइजेशन या में कोई स्पेशलाइजेशन की बात नहीं होती यहां पर यह होता है कि जो भी काम हमें असाइन किया गया है हमें वो काम करना है कोई पर्सन से यह पूछा नहीं जाता कि आपका स्पेशलाइजेशन क्या है और उस स्पेशलाइजेशन के हिसाब से ही आपको काम दिया जाए तो ये चीज आपको नहीं मिलती थोड़ा सा इसका ध्यान जो है वो डिपार्टमेंटल लाइन स्ट्रक्चर में फिर भी देखने को मिलता है बट जो प्योर लाइन स्ट्रक्चर है वहां पे तो कहीं भी स्पेशलाइजेशन की कोई बात नहीं होती हाई चांसेस ऑफ फेवरेटिज्म ओबवियसली ये बहुत ही स्ट्रेट फॉरवर्ड सा मेथड है जो आपका सुपरवाइजर है आप उसके डायरेक्टली नीचे काम करते हो तो कोई भी सुपरवाइजर अगर किसी पर्टिकुलर सबोर्डिनेट को पसंद करता है तो वह उसको फेवर कर सकता है उसको फायदा प्रोवाइड कर सकता है तो व काफी ज्यादा यहां पे होने के चांसेस रहते हैं लास्ट बट नॉट द लीस्ट इज द लैक ऑफ इनिशिएटिव यहां पे कोई भी इनिशिएटिव लेना नहीं चाहता कोई भी क्रिएटिव वर्क नहीं होता उसका रीजन क्या है सबकी रिस्पांसिबिलिटी फिक्स्ड है उसकी अकाउंटेबिलिटी फिक्स्ड है तो वो अपने रिलेटेड जो उसको काम असाइन किया जाता है वो वो काम कर देता है और उसके बदले में जो उसकी सैलरी बनती है वो वो ले लेता है तो आई होप कि आपको यह सारा टॉपिक समझ में आ गया होगा लाइन स्ट्रक्चर क्या हो बाकी के जो स्ट्रक्चर है मैं उनका भी लिंक डिस्क्रिप्शन में डाल दूंगा आप वह भी देख सकते हैं अगर आप मेरे चैनल को पसंद करते हैं डू लाइक सब्सक्राइब एंड शेयर विद अदर पीपल आल्सो एंड आप मेरे