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संगीत प्रस्तुति: कबूतर बनके आ जायो
Jun 30, 2024
संगीत प्रस्तुति: कबूतर बनके आ जायो
विवरण:
चैनल:
एसके एंटरटेनमेंट
डायरेक्टर:
नरेश दमाज भप
सिंगर:
लोकेश कुमार
राइटर:
गिरधारी गुर्जर
म्यूजिक:
श्रीदेव स्टूडियो
गीत के मुख्य बोल:
पहला भाग:
कबूतर बनके आ जायो, तो छत पे खड़ी मिलूंगी
मन नहीं लगता ससुराल में, अब तेरे संग चलूंगी
दूसरा भाग:
ससुराल में तुझे नहीं देखा, तेरा नंबर चेंज मत करना
वीडियो कॉल पर मिलूंगी, अब तेरे संग चलूंगी
तीसरा भाग:
दिल बाग बगीचा होता, तो तेरे लब पे पेड़ उगाती
तुझसे शादी कर लेती, तेरा नाम छाती पर लिखती
मन नहीं लगता ससुराल में, अब तेरे संग चलूंगी
चौथा भाग:
अट्टा पर मिल जाऊंगी, तू दे जाना परवाना
लोकेश की दीवानी हूँ, गिरधारी के संग गीत लिखूंगी
मन नहीं लगता ससुराल में, अब तेरे संग चलूंगी
आखिरी भाग:
कबूतर बनके आ जायो, तो छत पे खड़ी मिलूंगी
मन नहीं लगता ससुराल में, अब तेरे संग चलूंगी
विषयवस्तु:
गीत में एक महिला की भावनाओं का वर्णन है जो ससुराल में खुश नहीं है और अपने प्रियतम के साथ जाना चाहती है।
मुख्य थीम: प्यार, विरह, और पुनर्मिलन
अन्य विवरण:
गायक (लोकेश कुमार) की आवाज़ में एक भावुकता है जो श्रोताओं को गीत से जोड़ने में मदद करती है।
संगीत और बोल के संयोजन में एक पारंपरिक ग्रामीण परिवेश की झलक मिलती है।
प्रस्तुति में ईमानदारी और ह्रदयस्पर्शी तत्व हैं जो इसे और भी प्रभावशाली बनाते हैं।
मुख्य बिंदु:
प्रस्तुति में कबूतर के प्रतीक का उपयोग पारंपरिक संदेशवाहक रूप में किया गया है।
गीत का महत्वपूर्ण संदेश है कि जीवनसाथी के बिना नारी का मन कहीं नहीं लगता।
प्रस्तुति में ग्रामीण जीवन की सादगी और उसके बीच प्रेम की गहराई को बखूबी दर्शाया गया है।
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