कि नमस्कार मैं स्वतंत्र कुमार और आप सभी का स्वागत करता हूं आपके अपने चैनल शॉर्ट एंड टीम पर तो दोस्तों आज की इस वीडियो में रामधारी सिंह गुप्ता खंड एक के प्रतिलेखन संख्या एक के डिप्रेशन को हम लोग लेने वाले हैं इसमें आपको टोटल 392 शब्द मिलेंगे अब आपके बुक में चार सौंप दिया गया होगा लेकिन आप अकाउंट करके चेक कर लीजिएगा टोटल 392 शब्द हैं इसे हम लोग तीन अलग-अलग स्पीड मिलेंगे पहली बार मैं इस डिक्टेशन कौन लोग 70 की स्पीड में लेंगे दूसरी बार में 80 की स्पीड में तीसरी और आखिरी बार में इसी डिप्रेशन को हम लोग 90 की स्पीड में लिखेंगे यह कुछ वीडियो के बाद हम लोग थोड़ी स्पीड बढ़ाएंगे यानि हम लोग इसे 8090 और शो की स्पीड में लिया करेंगे अनीस हम लोग बड़ा लेंगे अगर आपको इससे कम स्पीड की जरूरत है तो यूट्यूब पर वीडियो देखते समय आप इसकी स्पीड को 70 से भी कम कर सकते हैं 370 की स्पीड में आपका डिक्टेशन स्टार्ट होगा 5 सेकंड के बाद तब तक के लिए आप रेडी रहें हैं सुर लुट स्टार्ट सभापति महोदय मैं रक्षा मंत्रालय की मांगों का समर्थन करने के लिए खड़ा हुआ हूं वर्तमान घटनाओं से पता चलता है कि संसार का हर देश अपनी सुरक्षा के बारे में चिंतित है और उसके लिए हर प्रयत्न कर रहा है इस दृष्टि से अन्य देशों की तरह हमारे देश में भी रक्षा मंत्रालय का महत्व है मुझे इस बात की खुशी है कि हां यह मंत्रालयों की उनके पिछले साल के कामों के बारे में काफी आलोचना हुई है वहां इस मंत्रालय की कम आलोचना हुई है इससे पता चलता है कि इस मंत्रालय ने पिछले साल अच्छा काम किया है मोटे तौर पर किसी भी देश की सुरक्षा नीति का लक्ष्य होता है कि दूसरे देशों खासतौर से पड़ोसी देशों के साथ मित्रता के संबध स्थापित हो और हम एक-दूसरे कि के मामलों में हस्तक्षेप न करें लेकिन उसके साथ यह भी जरूरी होता है कि हम अपने देश की सीमाओं और अखंडता की रक्षा करें इसलिए हमारे देश का यह कर्तव्य हो जाता है कि हम अपने पड़ोसियों के कार्यों पर पूरी नजर रखें क्योंकि आज तक हमारे देश पर जो संकट आए हुए हमारे पड़ोसियों से आए हैं 1965 में पाकिस्तान के साथ जो लड़ाई हुई और कि उसके बाद ताशकंद में जो समझौता हुआ था वह सिर्फ कागज पर ही रहा पाकिस्तान ने उस पर कोई अमल नहीं किया इस दृष्टि से बहुत जरूरी है कि हम अपने देश की सुरक्षा की हर तरह से व्यवस्था करें हमारा उद्देश्य दूसरों पर आक्रमण करना नहीं है लेकिन यदि हम पर कोई आक्रमण करेंगे तो हम में इतनी शक्ति अवश्य होनी चाहिए कि हम उसका डटकर सामना कर सकें पैरा आप जानते हैं कि पिछले दिनों पाकिस्तान को अमेरिका और चीन से काफी मदद मिली है रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट में भी कहा गया है कि पिछले साल अमेरिका ने पाकिस्तान को 1500 करोड़ रुपए की फौजी सहायता दी है आज जहां हम फौजी सामान के लिए अपने कारखानों की मदद से अपनी शक्ति बढ़ाने का प्रयत्न कर रहे हैं वहां पाकिस्तान संसार के देशों से फौजी सामान खरीद रहा है अपनी नीति के कारण वह सब देशों से लाभ उठा रहा है मेरा सुझाव है कि हम को भी अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए संसार के अन्य देशों से अधिक से अधिक खोजी सामान खरीदना चाहिए आज तिब्बत की सीमा पर चीन की डेढ़ लाख रोज खड़ी है स्टॉप हेलो दोस्तों दूसरी बार में इसी डिप्रेशन को हम लोग 80 की स्पीड में लिखेंगे डिक्टेशन स्टार्ट करने से पहले मेरी आपसे एक छोटी सी रिक्वेस्ट है कि अगर आप चैनल पर नए हैं और अभी तक आपने इस चैनल को सब्सक्राइब नहीं किया है तो कृपया चैनल को सबस्क्राइब कर दें जस्ट बगल मैं आपको बेल आइकॉन भी मिलेगा उसे भी प्रेस कर दें ताकि मेरे लेटेस्ट वीडियोस आपको समय-समय पर मिलते रहें 80 की स्पीड में आपका डिप्रेशन स्टार्ट होगा 5 सेकंड के बाद तब तक के लिए आप रेडी रहें हैं को स्टार्ट सभापति महोदय मैं रक्षा मंत्रालय की मांगों का समर्थन करने के लिए खड़ा हुआ हूं वर्तमान घटनाओं से पता चलता है कि संसार का हर देश अपनी सुरक्षा के बारे में चिंतित है और उसके लिए हर प्रयत्न कर रहा है इस दृष्टि से अन्य देशों की तरह हमारे देश में भी रक्षा मंत्रालय का महत्व है मुझे इस बात की खुशी है कि जहां अन्य मंत्रालयों की उनके पिछले साल के कामों के बारे में काफी आलोचना हुई है वहां इस मंत्र स्क्रीन की कम आलोचना हुई है इससे पता चलता है कि इस मंत्रालय ने पिछले साल अच्छा काम किया है मोटे तौर पर किसी भी देश की सुरक्षा नीति का लक्ष्य होता है कि दूसरे देशों खासतौर से पड़ोसी देशों के साथ मित्रता के संबंध स्थापित हो और हम एक दूसरे के मामलों में हस्तक्षेप न करें लेकिन उसके साथ यह भी जरूरी होता है कि हम अपने देश की सीमाओं और अखंडता की रक्षा करें इस क्विक हमारे देश का यह कर्तव्य हो जाता है कि हम अपने पड़ोसियों के कार्यों पर पूरी नजर रख लें क्योंकि आज तक हमारे देश पर जो संकट आए हुए हमारे पड़ोसियों से आए हैं 1965 में पाकिस्तान के साथ जो लड़ाई युद्ध और उसके बाद ताशकंद में जो समझौता हुआ वह सिर्फ में कागज पर ही रहा पाकिस्तान ने उस पर कोई अमल नहीं किया इस दृष्टि से बहुत जरूरी है कि हम अपने देश की सुरक्षा की हर तरह से व्यवस्था करें हमारा उद्देश्य से दूसरों पर आक्रमण करना नहीं है लेकिन यदि हम पर कोई आक्रमण करें तो हम में इतनी शक्ति अवश्य होनी चाहिए कि हम उसका डटकर सामना कर सकें पैरा आप जानते हैं कि पिछले दिनों पाकिस्तान को अमेरिका और चीन से काफी मदद मिली है रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट में भी कहा गया है कि पिछले साल अमेरिका ने पाकिस्तान को 1500 करोड़ रुपए की फौजी सहायता दी है आज जहां हम एक फौजी सामान के लिए अपने कारखानों की मदद से अपनी शक्ति बढ़ाने का प्रयत्न कर रहे हैं वहां पाकिस्तान संसार के देशों से फौजी सामान खरीद रहा है अपनी नीति के कारण वह सब देशों से लाभ उठा रहा है मेरा सुझाव है कि हम को भी अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए संसार के अन्य देशों से अधिक से अधिक फौजी सामान खरीदना चाहिए आज तिब्बत की सीमा पर चीन की डेढ़ लाख फाश खड़ी है स्टॉप है तो दूसरी और आखिरी बार में इसी डिप्रेशन को हम लोग नबी की स्पीड में लेने वाले हैं लेकिन इससे पहले मेरी आपसे एक छोटी सी रिक्वेस्ट है कि अगर अभी तक आपने टेलीग्राम ग्रुप हमारे नहीं जाएंगी है तो आप ग्रुप को जरूर जॉइंट कर लें उसका बेनिफिट आपको यह मिलेगा कि इस डिप्रेशन का पीडीएफ आपको मिलता रहेगा यानी रामधारी सिंह गुप्ता कि उसे जितने भी डिप्रेशन को मैं दूंगा तो उसका पीडीएफ आपको मिलता रहेगा टेलीग्राम ग्रुप में तो 90 की स्पीड में आपका डिक्टेशन स्टार्ट होगा 5 सेकंड के बाद तब तक के लिए प्रिटी रहे हैं को स्टार्ट सभापति महोदय मैं रक्षा मंत्रालय की मांगों का समर्थन करने के लिए खड़ा हुआ हूं वर्तमान घटनाओं से पता चलता है कि संसार का हर देश अपनी सुरक्षा के बारे में चिंतित है और उसके लिए हर प्रयत्न कर रहा है इस दृष्टि से अन्य देशों की तरह हमारे देश में भी रक्षा मंत्रालय का महत्व है मुझे इस बात की खुशी है कि जहां अन्य मंत्रालयों की उनके पिछले साल के कामों के बारे में काफी आलोचना हुई है वहां इस मंत्रालय की कम आलोचना हुई है इससे पता चलता है कि इस मंत्रालय ने पिछले साल अच्छा काम किया है मोटे तौर पर किसी भी देश की सुरक्षा नीति का लक्ष्य होता है कि दूसरे देशों खासतौर से पड़ोसी देशों के साथ मित्रता के संबंध स्थापित हो और हम एक दूसरे के मामलों में हस्तक्षेप न करें लेकिन उसके साथ यह भी जरूरी होता है कि हम अपने देश की सीमाओं और अखंडता की रक्षा करें इसलिए हमारे देश का यह कर्तव्य हो जाता है कि हम अपने पड़ोसियों के कार्यों पर पूरी नजर रखी है क्योंकि आज तक हमारे देश पर जो संकट आए हुए हमारे पड़ोसियों से आए हैं 1965 में पाकिस्तान के साथ जो लड़ाई हुई और उसके बाद ताशकंद में जो समझौता हुआ वह सिर्फ कागज पर ही रहा पाकिस्तान ने उस पर कोई अमल नहीं किया इस दृष्टि से बहुत जरूरी है कि हम अपने देश की सुरक्षा की हर तरह से व्यवस्था करें हमारा उद्देश्य दूसरों पर आक्रमण करना नहीं है लेकिन यदि हम पर कोई आक्रमण करें तो हम में इतनी शक्ति अव कोट होनी चाहिए कि हम उसका डटकर सामना कर सकें पैरा आ आप जानते हैं कि पिछले दिनों पाकिस्तान को अमेरिका और चीन से काफी मदद मिली है रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट में भी कहा गया है कि पिछले साल अमरीका ने पाकिस्तान को 1500 करोड़ रुपए की फौजी सहायता दी है आज जहां हम फौजी सामान के लिए अपने कारखानों की मदद से अपनी शक्ति बढ़ाने का प्रयत्न कर रहे हैं वहां पाकिस्तान संसार की देशों से फौजी सामान खरीद रहा है अपनी नीति के भारत वह सब दिशाओं से लाभ उठा रहा है मेरा सुझाव है कि हम को भी अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए संसार के अन्य देशों से अधिक से अधिक फौजी सामान खरीदना चाहिए आज तिब्बत की सीमा पर चीन की डेढ़ लाख फौज खड़ी है स्टॉप तो दोस्तों इस तरह से आज का वीडियो हम लोग का कंप्लीट हुआ मेरा प्रयास अगर आपको अच्छा लगा तो कृपया इस वीडियो को लाइक और शेयर जरूर कर दिया करें