भारतीय मंदिरों की मूर्तिकला
परिचय
- भारतीय मंदिरों की मूर्तिकला के विभिन्न प्रकारों पर चर्चा।
- मुख्य फोकस: 5 प्रमुख मूर्तियों पर।
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- डिसेंट ऑफ गंगा
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- त्रिमूर्ति
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- लक्ष्मी नारायण
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- सिंबल प्लेयर
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- मदर एंड चाइल्ड
मूर्तिकला के प्रकार
- भारत में मंदिरों की मूर्तिकला के 5 महत्वपूर्ण प्रकारों पर ध्यान दें।
- यह जानना आवश्यक है कि मूर्तियाँ कठिन नहीं हैं, बल्कि उनके प्रकारों को समझना महत्त्वपूर्ण है।
स्कल्प्चर के प्रकार
- हॉलो कास्टिंग और सॉलिड कास्टिंग: ये दो महत्वपूर्ण तकनीकें हैं।
यूनिट्स और मुख्य विषय
- Indus Valley Civilization और नटराज: महत्वपूर्ण विषय।
- आर्किटेक्चर के प्रकार:
नागारा और द्राविदा शैली
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नागारा शैली:
- मुख्य रूप से उत्तर भारत में।
- एक ही प्लैटफॉर्म पर निर्मित।
- गर्ब गृह और अन्य संरचनाएँ शामिल।
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द्राविदा शैली:
- मुख्य रूप से दक्षिण भारत में।
- कम्पाउंड एंट्रेंस और वास्तु संरचना।
प्रमुख मंदिर और उनके स्थान
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नागारा शैली के मंदिर:
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द्राविदा शैली के मंदिर:
- कांचीपुरम, तंजोर, मदुराई।
मूर्तियों की विशेषताएँ
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डिसेंट ऑफ गंगा:
- 7-8 सदी के दौरान निर्मित।
- महाबलीपुरम में संग्रहित।
- नागराज और उनकी पत्नी का चित्रण।
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त्रिमूर्ति:
- केव ऑफ एलिफेंटा में स्थित।
- शिव, विष्णु और ब्रह्मा का चित्रण।
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लक्ष्मी नारायण:
- वैखुंट में स्थित।
- दिव्य प्रेम का चित्रण।
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सिंबल प्लेयर:
- महिला संगीतकार का चित्रण।
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मदर एंड चाइल्ड:
निष्कर्ष
- भारतीय मंदिरों की मूर्तिकला संस्कृति और धार्मिक आस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
- हर मूर्ति की अपनी कहानी और प्रतीकात्मकता है।
- अगली कक्षा में नटराज और अन्य विषयों का अध्ययन होगा।
यह नोट्स आपके अध्ययन के लिए सहायक हो सकते हैं।