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कैमिकल बॉंडिंग और मॉलिक्यूलर स्ट्रक्चर

Hello guys, मैं हूँ समीर पुदार और आप देख रहे हैं Play Chemistry Guys, आज का वीडियो कुछ special है क्योंकि आज हम पूरी की पूरी chemical bonding chapter सिर्फ और सिर्फ आधे घंटे के अंदर करने बाले हैं Basically, I will be explaining you the most important topic of this chapter in shortest way possible इस वीडियो में हम chemical bonding, Vesper theory, hybridization, valence bond theory, molecular orbital theory जैसे important topics एक single video में ही complete करने वाले हैं So, let's get started अब आप टू इस चैप्टर का नाम है कैमिकल बॉंडिंग एंड मॉलेकुलर स्ट्रक्चर सुब्ज मॉलेक्यूल का स्ट्रक्चर बनाने का पहला तरीका है यूजिंग ऑफिस टूब अ इस विशेष को आप प्रवार करने के लिए करें। लेकिन आपको यह विशेष के लिए करना चाहिए। पहले आपको लूइस डॉट स्ट्रक्चर करना चाहिए। ओक्सीजन ओक्सीजन का इलेक्ट्रोनिक विशेष होता है 1S2, 2S2, 2P4 तो ओक्सीजन के अपने अंधान शेल, अंधान शेल में तोटल 6 इलेक्ट्रोन हैं। अगर नाइट्रोजन है, तो नाइट्रोजन का इलेक्ट्रोनिक विशेष है 1S2, 2S2, 2P3। 5 एलेक्ट्रोन तो नाइट्रोजन का लूज स्ट्रक्चर होगा कुछ इस तरीके से अब लेट्स कम टू ओक्टेट रूल ओक्टेट रूल के अकॉर्डिंग हाइरोजन और हीलियम को स्टेबल होने के लिए और फ्लोरीन, ओक्सीजन, नाइट्रोजन, क्लोरीन और कोई भी बाकी आटम बच गए हेलियन hydrogen के outer motion में है 1 electron और chlorine के outer motion में है 7 electron अगर hydrogen और chlorine electron शेयर कर लें तो hydrogen के पास हो जाएगा 2 electron और chlorine के पास 8 electron सो इस तरीके से हमने octet rule लगा के HCL का structure बना दिया next is nitrogen दोनो nitrogen के पास है 5 electron और stability के लिए ने चाहिए 8 electron सो अगर ये दोनो nitrogen अपने 3 electron शेयर कर लें तो दोनो के पास हो जाएगा 8 electron तो यह हो गया nitrogen का structure using octetool. दो electron होते हैं एक bond के बराबर. So nitrogen के पास बन गया एक, दो और तीन bonds.

So nitrogen is forming triple bond. So let's start our discussion with chemical bonding. So किस-किस type की bonding possible है?

Ionic bonding, covalent bonding और coordinate bonding. Ionic bonding क्या होती है? Let's understand it with an example of NaCl.

हमारे पास sodium है और chlorine sodium अपना एक electron lose करता है और वह एक electron chlorine gain कर लेता है तो sodium बन जाता है sodium ion और chlorine बन जाता है chloride ion एक है positive ion और दूसरा है negative ion सो positive और negative के attraction के कारण बन जाता है ionic bonding ions में attraction के कारण जो भी bonding बनती है उससे हम कहते है ionic bonding और example होंगे MGCL2, CAO, CACL2 नेक्स्ट है कोवलेंट बॉंड, आइनिक बॉंड में इलेक्ट्रोन का ट्रांसफर हुआ था, बट कोवलेंट बॉंड में इलेक्ट्रोन का ट्रांसफर नहीं होता, बलकि इलेक्ट्रोन की शेरिंग होती है, एक्जामपल के लिए हाइड्रोजन, दोनों हाइड्रोजन को स्� तर्ड इस coordinate bond, coordinate bond भी covalent जैसा होते हैं, पर इसमें कुछ difference है जो हम एक example के थरू समझेंगे, SO2, sulfur के पास 6 electron हैं, और दोनों oxygen के पास भी 6-6 electrons हैं, sulfur और दोनों oxygen, सबी को stable होनी के लिए 8 electron की जरूरत हैं, सो पहला oxygen और sulfur अगर अपना दो-दो electron share कर ले, तो oxygen और sulfur दोनों के पास 8-8 electron हो जाएंगे, तो दोनों ने अपना octet complete कर लिया पर अभी भी दूसरा oxygen बचा हुआ है अगर दूसरा oxygen sulfur के साथ electron share कर ले तो oxygen का तो octet बन जाएगा बट sulfur के पास 8 electron से जादा हो जाएगे सो ideal way ये है कि sulfur अपने 2 electron donate कर दे और oxygen वो 2 electron को accept कर ले सो यहाँ पे sulfur बन गया electron donor और oxygen बन गया electron acceptor इस तरीके से अब oxygen में 8 electron हो जाएगे और सलफर में भी टोटल 8 इलेक्ट्रोनी रहेंगे सो यहाँ पे भी ओक्टेटूल फॉलो हो रहा है पहले ओक्सिजन और सलफर दोनों ने मिलके कोवलेंट बॉंड बनाया बट जो दूसरा ओक्सिजन और सलफर है कोडिनेट बॉंड को हम एरो से रिप्रेजेंट करते हैं तो हम एरो से सलफर और ओक्सिजन दे रहे हैं लेकिन निकालिए प्रश्न So, इसलिए हमें ज़रूरत पड़ी और नए methods की, जैसे की Vesper Theory और Hybridization Theory. Vesper Theory, before I tell you what is Vesper Theory, let's clarify some terms, like Bond Pair, Electron Pair and Lone Pair. Look at this structure of NS3.

So, NS3 में ये जो NH Bonding है, this is called Bond Pair. So, यहाँ पे total 3 Bond Pairs हैं. N के उपर जो low बना है, with 2 dots, that is Lone Pair with 2 Electrons. तो एनस थ्री में है एक लोन पेयर बॉन्ड पेयर और लोन पेयर दोनों को ही एलेक्ट्रोन पेयर कहा जाता है तो यहाँ पे है तीन बॉन्ड पेयर और एक लोन पेयर तो यहाँ पे टोटल चार एलेक्ट्रोन पेयर है तो तीन टाइप के कॉम्बिनेशन पॉसिबल है बॉन्ड पेयर का और बॉन्ड पेयर लोन पेयर का और लोन पेयर का अब इन पेयर में क्या होता है रिपल्जन सबसे जादा रिपल्जन होता है लोन पेयर में उसके बाद लोन पेयर बॉन्ड पेयर में और सबसे कम रिपल्जन होता है बॉंड पेयर में इस रिपल्जन के कारण बॉंड पेयर और लोन पेयर अपना ओरियंटेशन चेंज करते हैं जब वो एक स्टेबल पोजिशन पे सैटल हो जाते हैं तब उनका एक डेफिनिट शेप बन जाता है सो किसी भी स्ट्रक्चर पे कितने बॉंड पेयर हैं और कितने लोन पेयर हैं अगर हमें यह पता लग जाएं तो हम बता सकते हैं कि मॉलिक्यूल कैसा दिखेगा S2O में होते हैं दो बॉंड पेयर और दो लोन पेयर सो इसका हमेशा ही स्ट्रक्चर होगा कुछ ऐसा जिसे हम कहते हैं बेंड स्ट्रक्चर अब हम कैसे पता लगाएं कि किसी भी structure में कितने bond pair और कितने lone pair बनने वाले हैं So there are two methods for it First method So let's see with an example of boron trifluoride Boron trifluoride में boron है central atom और इसके आसपास है तीन fluorines that are side atoms So हम central atom का electronic configuration लिखेंगे Boron का electronic configuration होगा 1s2, 2s2, 2p1 So इसके outermost shell में है तीन electron अब जो फ्लोरीन है उसके आउटर मोशल में है साथ इलेक्ट्रोन उसे स्टेबल होने के लिए सिर्फ एक इलेक्ट्रोन की जरूरत है तो फ्लोरीन बोरोन के साथ एक इलेक्ट्रोन शेयर करके एक बॉंड बना लेगा सो तीन फ्लोरीन कुछ इस तरीके से अटाच हो जाएंगे सो यहाँ पे टोटल तीन बॉंड पेर बन गए और लोन पेर एक भी नहीं क्योंकि तीनों के तीनों बॉंड एक जैसे ही हैं तीनों bond पे बनेगा बराबर gap एक complete angle होता है 360 degree के बराबर so इस 360 degree के हो गए total तीन तुकड़े so angle between each bond is 120 degree this shape looks like a triangle on a plane so it is called trigonal planar let's do one more example before we do second method let's make SF4 तो सबसे पहली बात हमें पता है Central atom का हमें electronic configuration लिखना है और उससे हमें पता लगाना है कि outer most shell में कितने electrons होंगे, but यहाँ पे मैं एक shortcut मारूँगा, यहाँ पे मैं group वाला method यूज़ करने वालो, sulfur लाई करता है oxygen के group में, उससे टेपो, oxygen, sulfur, selenium, tellurium, polonium, तो एक group में जितने भी elements होते हैं, सबका outer most shell एक जैसा ही होता है, so oxygen के outer most shell में 6 electrons होते हैं, तो sulfur के भी outer most shell में कितने होंगे, 6 electrons, सलफर के आउटर मोशल नॉमली भी निकाले जा सकते हैं, बड़ इन केस आपको सेलिनियम टेलियूरियम के आउटर मोशल निकाले के आजाएं, तो आप यू केन यूज़ दिस मेथड. सलफर के आउटर मोशल में है 6 एलेक्ट्रोन, तो आप यू के आउटर मोशल में है 4 फ्लोरीन, और बचा एक लोन पियर, bond pair, loan pair में repulsion होगा until it to organize itself in a stable position.

reorganization के बाद ये दिखेगा कुछ ऐसा and this shape is called seesaw structure. अब आपके दिमाग में आ रहा होगा कि हमें कैसे पता लगेगा कि stable state में आने के बाद shape कैसा दिखेगा. guys, all you need to know is number of bond pairs and loan pairs. जब आपको ये पता लग गया, then you can recall its shape.

so, I am going to show you a table. जिसमें आपको ये सारी डिटेल मिल जाएंगी So take time and draw it Plus I have made a mnemonics video on Veshbhashik You can check that too अब दूसरा तरह, फॉर्मुला तरह किसी भी बंद और लोन पेर किसी बीच में बनने वाले हैं? आप इसे फॉर्मुला के लिए बात कर सकते हैं अगर आप इसे बात करें, आप इस तरह को रिकॉल कर सकते हैं उससे प्रश्नाव करें हम इसे वे राइट करें वे वेलेंस एलेक्ट्रोन है प्रश्नाव एलेक्ट्रोन आप एक विशेष एक्सांपल करें इसके valence electron हुए 4 next calculate the number of monovalent atoms around the central atom in case you don't remember what is monovalent atom monovalent atom is any atom with valency equal to 1 so monovalent के example हुए hydrogen, fluorine, chlorine, bromine, iodine ये सब हुए monovalent atom अब carbon के around कितने monovalent atoms हुए चार hydrogen यानि monovalent atom हुए 4 Now let's calculate electron pair around it using this formula electron pair is equal to half of valence electron plus monovalent atom electron pair is equal to half valence electron equal to 4 plus monovalent equal to 4 So calculate करके आया है ये 4 यानि कि carbon के around 4 electron pair बनेंगे पर इनमें से कितने pair bond pair होंगे और कितने pair lone pair है So central atom के around जितने भी side atom होंगे उतने ही bond pair होंगे, so carbon के around है 4 atoms, so it will have 4 bond pairs, now how many lone pairs, lone pair is equal to electron pair minus bond pair, so इस case में electron pair 4 और bond pair भी 4, so इस case में lone pair है 0, now we have to recall, 4 bond pair और 0 lone pair वाला structure क्या होता है, it is tetrahedral structure, so CH4 will look like this, अब दोस्तों, एक लिए एक एक्सांपल देखने के लिए आपको बहुत बचाएगा काफी सारी निर्णयों के लिए ओजोन में एक ओक्सीजन सेंटरल अटम है और बाकी के दो ओक्सीजन बन गये इसके साइड अटम ओक्सीजन का वैलेंस एलेक्ट्रोन होता है 6 और मोनो वैलेंट एरांड इट ओक्सीजन की वैलेंसी होती है 2 तो ओक्सीजन इस टाइवर एंड नॉट मोनो वैलेंट सो इस केस में मोनो वैलेंट एटम इस इक्वल टो जीवरों सो एलेक्ट्रोन पेयर विल बी half, valence electron equal to 6, plus monovalent equal to 0. So it is 3. So यहाँ पे total 3 electron pair हैं.

So oxygen के round कितने side atoms होंगे? 2 oxygen हैं, so bond pair will be equal to 2. So lone pair is equal to electron pair minus bond pair. So it is 3 minus 2, that is 1. So 2 bond pair और एक lone pair वाला structure कैसा होता है? Bend shape. So it should look like this.

पर अभी भी structure complete नहीं होए. वेस्पर थियोरी में एक bond pair का मतलब हो सकता है single bond, double bond या फिर triple bond right now we know that it will have two bond pair but we don't know if it is going to be single bond, double bond or triple bond so make a low structure such that it follows octet tool so guys structure will look like this so there will be a double bond and a coordinate bond so this structure is now complete and it is called bend structure now some quick note What about H3O positive? Here we have a positive mark on oxygen तो इस case में central atom हुआ oxygen और उसके आसपास हैं 3 side atoms So oxygen का valence electron कितना होगा?

You may say valence electron is equal to 6 Wrong Positive mark की कारण there will be 1 less electron Now we will have valence electron equal to 6 minus 1 equals to 5 Similarly, NS2 negative के case में क्या होगा? तो nitrogen एक central atom, इसका valence electron होना चाहिए 5 but negative sign के कारण, there will be one more valence electron so it will be 5 plus 1 equal to 6 electrons now one last thing and whisper is over XEF2 xenon है यहाँ पे central atom so हमें इसका निकालना पड़ेगा outer most shell so यहाँ पे आपको electronic configuration नहीं निकालने की ज़रूरत है you only need to find out which group it is in जीनोन लाइक करता है इनर्ड गैस के क्रुप में जीनोन लाइक करता है इनर्ड गैस के क्रुप में जीनोन लाइक करता है इनर्ड गैस के क्रुप में जीनोन लाइक करता है इनर्ड गैस के क्रुप में जीनोन लाइक करता है इनर्ड गैस के क्रुप में जीनोन लाइक करता है इनर्ड गैस के क्रुप में तो यहाँ पे दो structure दिये हुए हैं, तो इन दोनों में से कौन सा structure सही होगा, जिसमें lone pair, lone pair repulsion minimum हो, First वाले structure में loan pair 1, loan pair 2 90 degree पे हैं. And loan pair 2, loan pair 3 भी 90 degree पे हैं. So ये loan pairs काफी करीब हुए. And second structure में देखो, सारे के सारे loan pair 120 degree angle पे हैं.

यानि कि सब ही काफी दूर हैं. And ideally, loan pair दूर ही होना चाहिए. So second structure will be more stable than structure 1. So there are two position, equatorial and axial position.

If you want a stable structure, never put loan pair on axial position. पहले पर लोन पेर्स एक्विटोरियल पोजीशन पर पूछें। इसलिए इस तरह के लिए आप सुझावना बढ़ सकते हैं। अब वेलेंस बॉंड थिओरी करें। इसलिए इस एक अनुसारी तरह के बारे में वेलेंस बॉंड थिओरी करें। पर अगर हम इस तरह के लिए बनाते हैं, आप सबसे स hydrogen, hydrogen fluoride, fluorine and oxygen so hydrogen, hydrogen का electronic configuration है 1s1 so basically it means hydrogen का automo shell है first shell में और first shell में है एक s orbital जिसमें है एक electron both of these hydrogen are half filled so ये दोनों half orbital overlap हो जाएंगे and दोनों के पास दो electron हो जाएंगे so यहाँ पे दोनों के दोनों s orbital थे so it will be called ss overlapping So, इस तरीके से hydrogen molecule बन गया using valence bond theory. Now, next one is hydrogen fluoride. So, hydrogen का electronic configuration 1s1, और fluorine का 1s2, 2s2, 2p5 हैं.

So, fluorine का valence shell lie करता है second shell में. इसमें है 1s orbital and 3p orbitals. So, s orbital is fully filled, there is no space.

p orbital में px और py orbital फुली filled हैं, p as half filled orbital हैं. So, what will happen? hydrogen का half filled orbital, और फ्लोरीन का half filled orbital मिलके एक fully filled orbital बना देंगे hydrogen will be drawn like this S orbital with one unpaired electron P orbital will look like this 2PX, 2PY fully filled but 2PZ with one unpaired electron so both of them will overlap to form SP overlapping before we proceed any further a quick note so मैं अब आपको बताने जा रहा हूँ किस-किस type की overlapping possible है so SS overlapping it is possible अब दूसरा एक विशेष से SP पर प्रश्निक्षा है। इस तरह भी पॉसिबल है। लेकिन यह विशेष पर प्रश्निक्षा नहीं है। S विशेष के साथ सिर्फ प्रश्निक्षा है। विशेष पर प्रश्निक्षा कभी नहीं होगी। अब फ्लोरीन करते हैं। फ्लोरीन के दोनों के पास एक आफ फिल्ड ऑर्बिटल है। और फिल्ली फिल्ड हो जाएंगे। है तो इस तरीके से फ्लोरी बन जाएगा इसमें दोनों के दोनों और बिटल्स कैपी सो इट इस पी ओवरलापिंग और यह भी है डाउन ओवरलापिंग है तो इस ऑल सिग्मा बॉंड तीन टाइप के ओवरलापिंग से बनते हैं एस पी और पी ना दर एक्सट वन ऑक्सीजन का इलेक्ट्रोनिक कंफिग्रेशन होता है वन एस टू पी So, यहाँ पे है half-filled 2PY और 2PZ. So, 2PY, 2PY में head-on overlapping हो जाएगी. So, it will form sigma bond.

But, 2PZ में sideways overlapping होगी. S orbitals के साथ sideways overlapping possible नहीं थी. But, P orbital के साथ sideways overlapping possible है. So, 2PY के कारण हुआ PP overlapping, that will be sigma bond.

और 2PZ में हुआ sideways overlapping, that is called pi bond. So, point to remember, sigma bond पाई बॉंड से ज़्यादा स्ट्रॉंग होता है तो ऑक्सीजन को हम इस तरीके से भी ड्रॉव कर सकते हैं ऑक्सीजन में बना है डबल बॉंड पहले एक है सिग्मा और दूसरे एक है पाई तो वेलेंस बॉंड थियोरी बना जाता है हम बोरोन ट्राइफ्लोराइड, मिथेन, कार्बन डाइकसाइड, कार्बन टेट्राक्लोराइड जैसे स्ट्रक्चर नहीं बना सकते हैं लेजिए एक प्राशिक्षा बोरोन ट्रीफ्लोरीड के अनुसार। बोरोन का एलेक्ट्रोनिक प्राशिक्षा है 1s2 2s2 2p1 लेकिन बोरोन के अराउंड हमें 3 फ्लोरीन लगाना है लेकिन बोरोन के पास सिर्फ एक अनुसार एलेक्ट्रोन है अगर दो फ्लोरीन के अनुसार है तो हाइब्रेटिजेशन इसका अधिकार्थ दिया hybridization में एक और step है अब ये central atom orbital mix up होके एक नया orbital बनाएंगे तो यहां पर 1 S और 2 P मिलकर SP2 और्बिटल बना देंगे क्योंकि यहां पर 3 और्बिटल मिले हैं तो SP2 लुख लेगा इस तरह के लिए एक तरह के 3 लोब लिए अब SP2 के 3 और्बिटल में एक फ्लोरीन लगा दो तो बोरोन के तीनों और्बिटल्स और फ्लोरीन के तीनों और्बिटल्स हो गए हैं फुली फिल्ट तो यह बन गया बोरोन ट्राइफ्लोराइड यूजिंग हाइब्रेटाइजेशन थेरी अगर आप ज़रूरत करते हैं तो वह भी एक बार बहुत अच्छा था तो यह बार प्राशिक्षा का चाहिए तो अब मैं आपको वह सारे एक प्राशिक्षा और फ्लोरीन जो पॉसिबल हैं तो एक पॉसिबल है कि वन एस और वन पी मिल जाएं तो यह दोनों मिलके बनाते हैं दो sp orbitals and second one is sp2 sp2 orbital में एक S और दो P orbitals मिलके तीन SP2 orbitals बना देते हैं and next है SP3 orbital इसमें एक S orbital और तीन P orbital मिल जाते हैं and they form four SP3 orbitals और इसी तरह से बनता है SP3D and SP3D2 so SP3D में बनेंगे total पांच lobes so it will look like trigonal bipyramidal and SP3D2 will look like octahedral structure now let's make CH4 using hybridization theory. Write down carbon's electronic configuration.

So carbon का होगा 1s2, 2s2, 2p2. But we need to add 4 hydrogens in it. But यहाँ पे सिर्फ 2 space हैं.

So what will we do? We will excite 1 electron from S orbital and transfer it to P orbital. So after exciting electron, now we have space for 4 electrons.

But first and foremost, we will hybridize our central atom that is carbon. EKS और 3P orbitals मिलके बनाएंगे 4 SP3 orbitals अब इस case में हर orbital है half filled each one of them need one more electron so they will get it from hydrogen so hydrogen का electronic configuration होता है 1S1 so it will be a S orbital with one electron so 4 SP3 orbital पे लग जाएंगे 4 hydrogen के S orbital so this is CH4 using hybridization theory this structure is called tetrahedral structure अब एक और example C2H4 इधीन, so let's do it straight, so first of all make a rough arrangement, so there will be two carbon and four hydrogen will be around it like this, now you can see that each carbon have three atoms around it, so एक S orbital or दो P orbital sufficient होंगे, so first of all let's excite an electron, now a total of four half filled orbitals are available, but all we need is one S orbital and two P orbitals, So ये दोनों मिलके बना देंगे SP2 hybridization. But एक P-orbital का hybridization नहीं हुआ. So we will draw it as it is. और इस orbital को हम कहेंगे unhybridized orbital. So draw it as a normal P-orbital.

And now draw the second carbon the exact way. So link it with carbon. So अब हमारे पास 4 SP2 orbitals बजें.

और साथ इसाथ हमारे पास 4 hydrogen बजें. So हर एक SP2 orbital पे लगा दो एक hydrogen. तो एक अपना अभी तक हमने सिर्फ elements का electronic configuration निकालना सीखा है जैसे कि hydrogen, oxygen, nitrogen ऐसे elements का electronic configuration पर अब हम molecules का यानि कि hydrogen molecule, oxygen molecule, nitrogen molecule जैसे molecules का electronic configuration निकालेंगे using molecular orbital theory so let's do it for nitrogen first so nitrogen element का electronic configuration है 1s2, 2s2, 2p3 इसका orbital diagram होगा कुछ ऐसा now we will use this to make molecular orbital diagram अब हम nitrogen के जितने भी atomic orbitals हैं उसे vertically इस तरीके से arrange कर देंगे and make it for the second nitrogen too अब यह जो nitrogen के atomic orbitals हैं यह बनाएंगे बीच में molecular orbitals यहाँ पे है 2 1s orbitals और जब यह combine होंगे then it will form 2 molecular orbital first one molecular orbital को कहेंगे sigma 1s और दूसरे को कहेंगे sigma star 1s so first one को हम कहते है bonding orbital और second one जिसमें एक star लगा है that is anti-bonding orbital सेम काम करेंगे हम 2s orbitals के लिए, इसमें बनेगा sigma 2s and sigma star 2s, अब लेट्स सी, p orbitals, दोनों nitrogen के atomic orbitals को मिला के, टोटल बने 6 orbitals, हमारे molecular orbital भी कितने बनेगे यहाँ पे, 6, लेट्स combine all these, to make p's molecular orbitals, इसका पर 2121 बनेगा, तो यहाँ फोर columns, पहले column में होगा 2 orbital, और second वाले में होगा one orbital, third one में two orbital, fourth one में one orbital, so total होगे six orbitals, so first column वाले two orbitals को हम कहेंगे pi2px and pi2py, और उसके उपर वाले को कहेंगे sigma2pz, और उपर वाले दो column में same ही काम करना है, but we will put a star on it, that means they will be anti-bonding orbitals, so it will be pi star 2px, pi star 2py, और प्राप्त का लिए सिग्मा स्टार 2pz और आपको शायद यह पता होगा एलेक्ट्रोन फिलिंग हमेशा लो एनर्जी ऑर्बिटल से स्टार्ट होती है यहाँ पे एनर्जी का ओर्डर कुछ ऐसा है यानि कि सिग्मा 1s का होगा लोएस्ट एनर्जी और सिग्मा स्टार्ट 2pz का होगा हाईयेस्ट एनर्जी जो सबसे नीचे हैं सबसे पहले उसमें एलेक्ट्रोन फिल करेंगे जब यह ऑर्बिटल कंप्लीटली फिल हो जाएगा ओनली दैन वी विल गो टू द आईयर एनर्जी ना लेट्स कम टू एलेक्ट्रोन फिलिंग दोनों atomic orbital में है 4 electron, so fill sigma 1s completely, then move to sigma star 1s, so हमने यहाँ पे 4 electron fill कर दिये, let's move to sigma 2s and sigma star 2s, and we will do exact same thing, let's come to p orbitals, अब दोनों atomic orbitals को मिला के, यहाँ पे है total 6 electrons, now we will fill 6 electron in p molecular orbital, अब pi to px और pi to py, दोनों ही एक level पे है, that means both of them have same energy. So इसकी filling होगी कुछ ऐसी, first electron पाई 2px में, second electron पाई 2py में. We are giving both of them equal treatment, but it is not fully filled yet.

Third electron जाएगा पाई 2px में, and fourth electron जाएगा पाई 2pz में. Now it is fully filled. अब हम जा सकते हैं उपर वाले orbital में. Now we have only two electrons left, so we will fill it in sigma 2pz. तो अपने प्रति और दूसरे एलेक्ट्रोन गुण गए तो अगर आप चाहते हैं तो आप इस एलेक्ट्रोनिक परिवार को इस तरह के लिए जा लें वाच तो मॉलेक्यूलर ऑर्बिटल डायग्राम एंड राइट अकॉर्डिंगली सो आई होप इट्स क्लियर टू यू ना एस यू नो बॉडिंग orbital, so first one is stability of molecule, अब हमें यह देखना है कि जो molecule बना है that is stable or not, for that count number of bonding and anti-bonding electrons bonding में सिर्फ outer most shell involved होते हैं, so we will count those electrons only, so यहाँ पे है total 8 bonding electron और anti-bonding है star वाले so यहाँ पे है total ऐसे 2 electrons, so यहाँ पे bonding electrons, anti-bonding electrons से जादा है इसका मतलब यह हुआ कि nitrogen stable है in case bonding electron anti bonding electron के बराबर होता या फिर anti bonding से जादा होता then उस case में molecule unstable होता अब next है bond order so bond order क्या होता है अगर bond order 1 है तो इसका मतलब है single bond अगर bond order 2 आया तो इसका मतलब बनेगा double bond और अगर bond order 3 आया तो इसका मतलब triple bond बनेगा nitrogen का तो आपको already पता ही है इस bond order शुद्ध भी 3, because it makes triple bond.

But, let's do it with a formula. Bond order is equal to half of NB minus NA. So, इस case में, NB is equal to 8, and NA is equal to 2. So, half of 8 minus 2, यानि कि 6 by 2, that is 3. So, यहाँ पे bond order है 3. अब, मान लो हमें दो molecules ही हैं, एक का bond order है 3, और दूसरे का bond order है 1. So, which one will have more strength? बॉंड ओडर 3 का मतलब triple bond, बॉंड ओडर 1 का मतलब single bond. So, obviously, जिसका बॉंड ओडर 3 है, that will have more strength.

So, जितना बॉंड ओडर high होगा, उतनी जादा strength होगी. अब last, paramagnetic या dimagnetic. So, अब molecule paramagnetic होगा, या फिर dimagnetic. अगर molecular orbital में, कोई भी एक ऐसा orbital है, जिसमें कोई unpaired electron हो, then the molecule will be called paramagnetic.

और अगर molecular orbital में, हर एक electrons paired हैं, there is no unpaired electron, then molecule will be called diamagnetic, so यहाँ पे हम कर रहे है nitrogen का and there is no unpaired electron सारे के सारे इलेक्ट्रोन पेर्ड अप हो रहे हैं सो इट इस टाइ मैगनेटिक अब एक इंपोर्टेंट बात ये था नाइटोजिन सो इट वाज़ नॉर्मल नाइटोजिन मॉलिक्यूल पर अब हमारे पास आ सकता है N2 पॉजिटिव इसका क्या मतलब होगा तो पहले एक नितरोजन है और दूसरा नितरोजन है तो अगर नितरोजन में 7 इलेक्ट्रोन है तो नितरोजन में तोटल 8 इलेक्ट्रोन है अब N22 नितरोजन क्या होगा? तो N22 नितरोजन में पहला नितरोजन होगा N नितरोजन और दूसरा भी होगा N नितरोजन Add or reduce electrons according to the question तो जितने भी molecular orbital diagrams हैं, सारे के सारे ऐसी बनेंगे but there is some exception, जैसे कि oxygen, fluorine, neon actually there is not a big difference बाकियों के लिए p-orbital बनता है कुछ हैसा, following 2-1-2-1 but oxygen, fluorine और neon के लिए p-orbital बनता है कुछ हैसा, 1-2-2-1 बाकियों की पूरी थिओरी में कोई भी difference नहीं है, बस एक यही single difference था any type of molecular orbital diagram. So, congratulations, you have completed chemical bonding and molecular structure chapter in just 30 minutes. If you like this video and want to see more video like this, then like and share this video.

I am Sumir Poddar and you are watching Play Chemistry.