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Aging and Anti-Aging Lifestyle Choices

एजिंग ये शब्द सुनते ही दिमाग में सबसे पहले क्या आता है सफेद बाल झुरिया राइट लेकिन अगर मैं आपसे यह कहूं की 30-35 साल का इंसान भी 60 साल जितना बड़ा और 60 साल जितना इंसान 30-35 साल जितना यंग ग सकता है क्यों क्योंकि हमारे डाइटरी हैबिट्स लाइफस्टाइल चॉइसेज स्ट्रेसफुल लिविंग यहां तक की हम कैसे सांस लेते हैं ये सारे फैक्टर्स एजिंग को नेगेटिविटी इन्फ्लुएंस करने की ताकत रखते हैं और सबसे बुरी बात यह है की हम में से बहुत लोगों को इसके बड़े में पता ही नहीं है लेकिन जनता करने की कोई जरूर नहीं है क्योंकि आज के इस वीडियो में हम एजिंग के इस नेचुरल प्रोसेस को पुरी तरह अच्छे से समझेंगे पांच ऐसे एंटी एजिंग हैबिट्स के बड़े में बात करेंगे जिससे सुनकर आप भी यही खाओगे एज जस्ट नंबर शुरू करें [संगीत] सबसे पहले तो यह समझना जरूरी है की एजिंग आखिर है क्या हमारी बॉडी इस प्रोसेस से क्यों गुजराती है तो एजिंग हमारे लाइफ का एक इनविटेबल पार्ट है यह हमें पता ही है हम इसे ताल तो नहीं सकते क्योंकि बायोलॉजी के लिए हमारी बॉडी एक तरीके से अपने अल्टीमेट डेस्टिनेशन यानी डेथ के लिए प्रोग्राम की गई है और एजिंग का यह मेकैनिज्म हमें एक तरीके से उसे डेस्टिनेशन तक पहचाने का कम करता है आज भी ये एजेंट कैसे और क्यों होता है इसको साइंटिस्ट पुरी तरह नहीं समझ पे हैं लेकिन सबसे आम फैक्टर है अल्युमिनियम तो समझते हैं हमारा डीएनए एक तितली रेप स्टेंस के फॉर्म में स्टोर किया जाता है जिसे हम क्रोमोजोम भी कहते हैं जैसे धागा निकालना पे इसलिए शोलेस के और पर एक प्लास्टिक का कैप लगा होता है वैसे ही डीएनए की एक्सपर्ट लगे होते हैं हमारे बॉडी में मौजूद सेल्स जब डिवाइड होते हैं तब मेरा कम करते हैं और इंपॉर्टेंट इनफॉरमेशन डीएनए के डैमेज को रोकने हैं लेकिन यह प्रोसेस हर सेल डिवीजन के साथ होती रहती है और एक पॉइंट ऐसा होता है जब ये तेलोमीयर्स कुछ ज्यादा ही शॉर्ट हो जाते हैं और डीएनए को सील नहीं कर पाते और दिस इसे डी पॉइंट वेयर आर सेल्स लूज एबिलिटी तू डिवाइस कई साड़ी स्टडीज आज भी कंडक्ट की जा रही है जो ये बताती है की सारे इंसान एक ही स्पीड से आगे नहीं करते सो दो तरीके के एज होते हैं टेक्नोलॉजी कल और बायोलॉजिकल आगे मतलब जो आपका बर्थ डेट है जितने आप साल के हैं जो आपकी उम्र है करंट डेट के बीच जितना टाइम गुर्जर चुका है वो लेकिन बायोलॉजिकल आगे इंडिविजुअल्स की साइकोलॉजिकल और फंक्शनल एजिंग से रिलेटेड है यानी तारीख के हिसाब से नहीं बात बल्कि इंटरनल बॉडी फंक्शन के हिसाब से हमारा आगे क्या है रिसर्च स्टडी से पता चला है की बायोलॉजिकल आगे से ज्यादा एक्यूरेट होती है लोग चाहे कितनी की कोशिश कर ले क्रोनोलॉजिकल आगे को बादल नहीं सकते लेकिन हम अक्सर ऐसे लोगों से मिलते हैं जिन्हें देखकर लगता ही नहीं की वो 40 50 60 साल के हो गए होंगे ऐसा इसलिए क्योंकि उनकी बायोलॉजिकल आगे और क्रोनोलॉजिकल आगे में बहुत बड़ा अंतर है एजिंग ऑलरेडी हमारे सिस्टम में प्रोग्राम होता है लेकिन इस प्रोसेस को कुछ एक्सटर्नल फैक्टर्स और हैबिट्स नेगेटिविटी इन्फ्लुएंस करते हैं और इस लिस्ट में सबसे टॉप पर होगा डायट शुगर तेल फैट स्टार्ट इतने सारे अल्ट्रा प्रोसेस फूड एक स्लो प्वाइजन तो है ही लेकिन यह एजिंग के प्रोसेस को बहुत ज्यादा बढ़ावा देते हैं दिन में तीन से ज्यादा बार प्रोसेस फूड अगर सर्विंग खाने से डीएनए की शील्ड यानी की जो तेलोमीयर है वो फटाफट शॉर्ट हो जाते हैं लेकिन कभी-कभी डायट अच्छा होने की बावजूद भी काफी साड़ी बेड हैबिट्स हो शक्ति है जैसे स्मोकिंग और अल्कोहल यह भी काफी ज्यादा स्पीड से हमारे इंजन को बढ़ावा देती है स्पेशली स्मोकिंग तो आस-पास के लोगों का भी बी लोकल आगे बहुत ज्यादा इफेक्ट करता है सेकंड नंबर पे आता है फिजिकल मूवमेंट आजकल सेनेटरी लाइफस्टाइल चॉइस नहीं मजबूरी बन चुकी है सेरेंडी लाइफस्टाइल यानी ऐसी लाइफस्टाइल जिसमें बॉडी की फिजिकल मूवमेंट ऑलमोस्ट नहीं के बराबर लेकिन इस मजबूरी के सामने घुटने टेकने से हमारा भला नहीं होने वाला थॉट्स पर शॉर्ट जो लोग हाय लेवल फिजिकल एक्टिविटीज में इंवॉल्वड होते हैं उनका तेलोमीयर लॉन्ग होता है कंपेयर्ड तू पीपल हूं आर हेविंग ए सेरेंटली लाइफस्टाइल और तू बी प्रेसीज फिजिकल एक्टिव लोग बायोलॉजिकली 9 साल तक छोटे हो सकते हैं तो ये याद रखिए की लाख ऑफ एक्सरसाइज हमारे सेल्यूलर लेवल पर हमें और फास्ट कर रहा है नंबर थ्री इस स्ट्रेस लाइफ इस अनसर्टेन और ये फैक्ट स्ट्रेस को डेफिनेटली सर्टेन बना देता है कभी हम पर्सनल प्रॉब्लम से गुजरते हैं तो कभी कॉविड जैसी सिचुएशंस की वजह से पुरी कम्युनिटी में स्ट्रेस लेवल बाढ़ जाते हैं लेकिन स्ट्रेस की वजह से बायोलॉजिकल आगे द्रास्टिकली बाढ़ सकता है स्ट्रेस का डायरेक्ट इम्यूनिटी पर होता है और ये वीक इम्यूनिटी आगे रिलेटेड डिजीज के लिए एक इनविटेशन कार्ड की तरह कम करती है बट यू नो व्हाट डी बेस्ट थिंक इस स्ट्रेस रिजॉल्व होने के बाद ये बायोलॉजिकल एक आगे अपनी आप बहुत हद तक कम भी हो सकता है आई नो हर इंसान स्ट्रेस से एक जैसे डील नहीं कर सकता लेकिन हम स्ट्रेस को रिजॉल्व करने की शुरुआत एक सिंपल दी ब्रेड से भी कर सकते हैं बहुत ही सिंपल सिंपल लाइक दिस [संगीत] आप भी मेरे साथ अभी एक लॉन्ग दीप ब्रेथ ले सकते हैं लेट डुएट जस्ट स सिंपल एस दिस टेकिंग एन ब्रेक रीडिंग लाइक एन लॉन्ग दी ब्रेथ कैन इंसटैंटली हेल्प स रिड्यूस डी स्ट्रेस आगे बढ़ते हुए इन फैक्टर्स के अलावा स्लीपिंग हैबिट का भी बायोलॉजिकल आगे पर असर पद सकता है या बढ़ता ही है स्लीव डिस्टरबेंस इसकी वजह से सेल एफिशिएंट कम नहीं कर पाते 10 लीडिंग तू ऑर्गन्स और दे इनडायरेक्ट सिस्टम एज फास्टर दें आईटी शुड और एनवायरनमेंट में प्रेजेंट टॉक्सिंस उनको तो हम भूल ही गए वे आर व्हाट वे आर ब्रीडिंग राइट नो हम कैसे ब्रेथ करते हैं उसे पर ऑक्सीजन सप्लाई भी डिपेंडेंट है और ऑक्सीजन हमारे मेटाबॉलिज्म एनर्जी प्रोडक्शन के लिए इंपॉर्टेंट है ही स्ट्रेस की वजह से हमारा जो ग्रीनिंग है वो काफी शैलो और रैपिड हो जाता है इससे इन्फ्लेमेशन इंक्रीज होता है और सेल्यूलर लेवल पर एजिंग प्रोसेस एक्सीलरेट होने लगता है और ऑफ कोर्स रिलेटेड इश्यूज साथ ही पॉल्यूशन से लेकर मां मेड सेटलमेंट जितना बड़ा द्वारा एनवायरमेंटल सेट है उतना ही बायोलॉजिकल एजिंग के लिए भी जिम्मेदार है लेकिन सबसे अच्छी बात ये है की बायोलॉजिकल आगे को एक्चुअली रिवर्स किया जा सकता है तो सबसे पहले जो ऊपर मेंशन किया गए फैक्टर्स हैं इनके ऊपर कम करना पड़ेगा और ये लाइफस्टाइल चॉइसेज हमें सिर्फ हमारी बायोलॉजिकल हीटिंग को स्लो डॉ करने के लिए नहीं बल्कि ओवरऑल हेल्थ को इंप्रूव करने के लिए हेल्प करेगा इनके अलावा देवर आर फाइव एंटी एजिंग हैबिट्स जो अगर आप कंसिस्टेंटली फॉलो करेंगे तो आप अपनी बायोलॉजिकल एजिंग को स्लो डॉ या काफी हद तक रिवर्स भी कर सकते हैं हैबिट नंबर वन लो कैलोरी डायट इसका मतलब ये नहीं है की कम खाना खाकर भूखे रहकर हम एक लंगर लाइफ लीड कर सकते हैं यह कोर्ट लो कैलोरी डायट के बड़े में है जो हमारे पूरे बॉडी को इनफॉरमेशन को रिड्यूस करके एच रिलेटेड डिजीज को डिलीट कर सकता है लेकिन गैलरी को मेंटेन करना यानी भूखे रहना होता है तो गलती से भी आप अपने आप को स्टार मत कीजिएगा नॉर्मली हमारे इंडियन हाउसहोल्ड में हम रोटी की क्वांटिटी गिनते हैं ताकि हम परेशन साइज मेंटेन कर पे लेकिन क्या कभी हम न्यूट्रिएंट रिच फूड जैसे साइलेंस सब्जी इनकी क्वांटिटी पर कितना फॉक्स करते हैं हार्डली प्रेजेंट आईटी तो कैलोरी रिस्ट्रिक्टेड डायट में एक्जेक्टली वही करना है जो फूड आइटम्स न्यूट्रिशंस है जिसमें थोड़ा फाइबर ज्यादा है उनके कंजप्शन पर ज्यादा ध्यान देना है तो इससे होता ये है की हमारे बॉडी का एक नेचुरल प्रोसेस बूस्ट होता है जिसे ऑटो फटी भी कहते हैं इसे हमारी बॉडी के जो ओल्ड और डायमंड सेल्स है वो रिपेयर होते हैं वो शरीर से बाहर निकाल पाते हैं और बाकी सिर्फ एफिशिएंट कर कम कर पाते हैं इस प्रोसेस को ट्रिगर करने की बहुत सारे तरीके हैं एवं एक्सरसाइज इमुसिस ऑटोफिट लेकिन इंटिमेट इन फास्टिंग एक बहुत ही इफेक्टिव मेथड है अगर तो इंटरमिटेंट फास्टिंग में हमारा ईटिंग पैटर्न दो फेस में गुजरा है मतलब आप एक कुछ समय के लिए फास्ट करते हैं और कुछ समय के लिए आप खाना खाता हैं इस टॉपिक पर हमने एक बहुत ही अच्छी सी वीडियो बना राखी है तो आपको उसका लिंक डिस्क्रिप्शन में मिल जाएगा हैबिट नंबर तू स्लोबीनिंग जैसे ओवर ईटिंग इस एन प्रॉब्लम ओवर ब्रीदिंग इसे अलसो प्रॉब्लम स्लोअर और दी पर ब्रेथ हमारे ओवरऑल बॉडी फंक्शन के लिए बेनिफिशियल तो है ही साथ में हमारे बायोलॉजिकल आगे को इंप्रूव करने में बहुत अच्छे से कंट्रीब्यूट कर सकता है यह कंट्रोल और स्लो ब्रीदिंग हम हजारों सालों से प्रैक्टिस करते ए रहे हैं आप एक बहुत छोटी सी एक्टिविटी कर सकते हैं एक मिनट का टाइमर लगे और नॉर्मली ब्रेड कीजिए और नोट हो में ब्रीड्स आयु टेकिंग आजकल स्ट्रेस का माहौल ऐसा हो गया है की नॉर्मल माना जाता है 12 से 16 ब्रेड बट मेरे हिसाब से 10 से 12 अगर ब्लीडिंग हो जाए 1 मिनट में तो आप जेनुइनली बहुत ही इफेक्टिवली सांस ले रहे हैं तो जब भी हम रेपिडली ब्रेथ करते हैं तो हमारे बॉडी में co2 के लेवल्स कम हो जाते हैं हमें यूजुअली लगता है की co2 इसे एन वेस्ट प्रोडक्ट यस आईटी इस गोइंग आउट थ्रू डी बॉडी व्हाट आईटी अलसो हज एन रोड तू प्ले इन अवर सिस्टम तो हीमोग्लोबिन से ऑक्सीजन को सेपरेट करके सेल को ऑक्सीजन पहचाने का कम co2 करता है co2 अगर ना हो तो हीमोग्लोबिन से ऑक्सीजन सेपरेट ही नहीं हो पाएगा तो एवं दो आपके ब्लू में ऑक्सीजन है बट वो आपकी सेल के लिए कोई कम का नहीं होगा बिकॉज़ ऑफ ओवर ब्रीडिंग डी co2 लेवल्स आर ली इन डी बॉडी नो स्लो और कंट्रोल ब्रीदिंग हमारे इस प्रोसेस को रिवर्स कर सकता है ऑक्सीजन और co2 दोनों को बैलेंस कर सकता है और अवर ऑक्सीजन इन दी कैन बी बटर इन डी इनडायरेक्ट सिस्टम तो स्टैंडर्ड वे ऑफ ब्रीदिंग इसे अलसो ब्रीडिंग थ्रू योर नोज और अचिविंग एक्शन सांस लेते वक्त हम डायग्राम को एक्टिवेट करें स्लो और कंट्रोल मीनिंग के लिए सबसे बेस्ट प्रैक्टिस है पुराने तो प्राणायाम पर अगेन हमने एक बड़ी अच्छे से डिस्क्रिप्टिव वीडियो बना राखी है और हम ब्रीडिंग में क्या-क्या मिस्टेक्स करते हैं इस पर भी हमने वीडियो बना राखी है दोनों की लिंक आपको डिस्क्रिप्शन में मिल जाएगी हैबिट नंबर 3 इस लर्निंग न्यू थिंग्स जब हम एक्सरसाइज करते हैं तब हम हमारे मसल्स को इंगेज करते हैं लेकिन बायोलॉजिकल एजिंग को स्लो डॉ करने के लिए ये काफी शायद नहीं होगा हमें हमारे ब्रेन को भी इंगेज करना होगा तो लर्न अन्य स्किल आपको जो सीखना है आप सिख सकते हो फिर चाहे वो कोई नई लैंग्वेज सीखना हो या शब्द पजल जैसे सिंपल एक्टिविटी हो तो पॉइंट इस कप योर ब्रेन इंगेज इन लर्निंग और डूइंग समथिंग परिसर और ये एक फन एक्टिविटी भी हो सकता है अब आप अपनी किसी भी पुराने हॉबी को रिवाइव कर सकते हैं इससे आपको अच्छा भी है लगेगा और आपकी बेलाजिकल्स आगे बढ़ते हैं हैबिट नंबर फोर की तरफ इंक्रीजिंग एंटी ऑक्सीडेंट इंडेक्स की वजह से होते हैं ऑक्सीडेशन स्ट्रेस मतलब क्या हमारे बॉडी में बिकॉज़ ऑफ ऑक्सीजन बिकॉज़ ऑफ एनर्जी प्रोडक्शन पार्ट ऑफ फ्री रेडिकल और दूसरी रेडिकल्स इंटरेक्ट विथ आर सेल्स और डैमेज्ड तो उसके लिए वो ऑक्सीडेशन स्ट्रेस को कम करने के लिए एंटीऑक्सीडेंट की मंत्र बहुत अच्छे से होना जरूरी है तो नट्स लेडी वेजिटेबल्स कलर्ड वेजिटेबल बीआईएमएस गार्डन आईटी इस फूड टर्मरिक होल ग्रीस आर अब्सोल्युटली रिच इन एंटी ऑक्सीडेंट और इजी तू इंक्लूड इन डी डायट अलसो आई बिल बी डी और कुछ साइंटिफिक स्टडीज के अकॉर्डिंग अश्वगंधा जैसे कुछ और हब्र्स भी ऑक्सीडेशन ड्रेस को कम करने में मदद करते हैं त्रिफला भी एक बहुत अच्छा एंटी ऑक्सीडेंट है जिसको आप रात को सोनी से पहले थोड़े से गुनगुना पानी के साथ मतलब हल्के से गम पानी के साथ ले सकते हैं बट आईटी इस पॉसिबल डेट आईटी दस नोट सूट अन्य वन तो आप अपने मेडिकल प्रैक्टिस एक बार जरूर बात कर लीजिएगा और ऐसा बोला भी जाता है की आयुर्वेदिक दवाई कभी भी 45 दिन से ज्यादा कंटीन्यूअस में नहीं लेना चाहिए तो आप एक बार डेफिनिटीली कंसर्ट कर सकते हमने कर हैबिट्स तो डिस्कस कर ली अब बड़ी है आखिरी पॉइंट प्रोसेस की वजह से हमारा फिजिकल अपीरियंस भी चेंज होता ही है अपार्ट फ्रॉम डी फिजिकल एबिलिटीज अंडरस्टैंड लेकिन जैसे हम योग प्रैक्टिस करते हैं अपनी बॉडिली मसल्स को स्ट्रेन करने के लिए वैसे ही स्पेशल योग से फेशियल मसल्स को स्ट्रांग और स्ट्रक्चर अपीरियंस को इंप्रूव किया जा सकता है तो ये एक ऐसे प्रोसेस होते हैं जिससे आप अपना आ फेस की मसल्स को एक्टिवेट कर सकते हैं लिंफेटिक ब्रेन कर सकते हैं और फेशियल मसल्स को रिलैक्स कर सकते हैं ताकि आप ज्यादा यंग और ब्यूटीफुल तो हम हर महीने 2 दिन का पैसों का प्रोग्राम रन करते हैं उसका व्हाट्सएप लिंक हमारे डिस्क्रिप्शन में होगा तो आप बिल्कुल जॉइन कर सकते हैं ताकि आप और अच्छे से सिख पाएं टीजिंग एक नेचुरल प्रोसेस है लेकिन हम किस तरह से आगे हो रहे हैं ये एक तरीके से हमारे डेली लाइफ स्टाइल चॉइसेज पर डिपेंड करता है फिजिकल और मेंटली एक्टिव रहकर हमें हायर क्वालिटी लाइफ जी सके और हायर क्वालिटी लाइफ कल्टीवेट करना हमारा गोल हो सकता है और अगर आप चाहते हैं की हम ऐसे और वीडियो ते रहे तो कम्युनिटी की लिंक हमने डिस्क्रिप्शन ली है व्हाट्सएप की वो आप जरूर जॉइन कर सकते हैं और एंटी एजिंग के बड़े में अगर आपको और कुछ जानकारी चाहिए तो आपको डिस्क्रिप्शन में दिए गए रिसर्च मटेरियल को डिटेल में पढ़ सकते हैं अगर आपको ये वीडियो पसंद आया तो हमारा ये वाला वीडियो जरूर देखें थैंक यू सो मैच