नाना पाटेकर के जीवन और फिल्मों पर विस्तृत चर्चा
सिनेमा और थियेटर के अनगिनत किस्से
- 'क्रांतिवीर' का आखिरी सीन: स्कूल सेटिंग में लिखा गया, जिसमें नाना का तात्कालिक प्रतिक्रियाओं से प्रदर्शन।
- 'सलाम बॉम्बे': बच्ची का उठाना और मजबूती से पकड़ना अद्भुत प्रतिक्रिया में।
- 'परिंदा': आग के साथ सीन में वास्तविक रूप से जलना और बीमारी के बाद शूटिंग पर लौटना।
रिश्तों और दोस्तियों का अहसास
- स्मिता पाटिल: नाना की गहरी मित्रता, उनके सिखाए गाड़ी चलाना।
- अमिताभ बच्चन और शाहरुख खान: दोनो अभिनेताओं के साथ दोस्ती, और उनके साथ काम के अनुभव।
- विक्रम गोखले: मराठी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े चर्चित नाम।
- अजीत डोवाल: गहरा रिश्ता, उनके साथ की कुछ अनसुनी बातें।
समाज सेवा और नाम फाउंडेशन
- नाम फाउंडेशन की स्थापना: आत्महत्या ग्रस्त किसानों की मदद के लिए।
- जल संरक्षण और पुनर्जीवन: केंद्र और राज्य सरकारों के साथ काम।
- ब्रह्माकुमारी संस्थान में शामिल होना।
क्रिएटिव आउटलेट और लेखनी
- प्रारंभिक नाटक: हेडमिस्ट्रेस के साथ अभिनय का अनुभव, पहला नाटक 'वानर सेना'।
- लेखन कार्य: 'प्रहार' फिल्म की मौलिकता।
- भविष्य में और नाटकों के बारे में संभावना।
खान-पान और जीवनशैली
- खाना बनाना: नाना का खाना बनाना पसंद, विशेषकर मराठी व्यंजन।
- खुद के फार्महाउस पर रेसिपी तैयार करना।
अन्य महत्वपूर्ण बातें
- गुस्से पर नियंत्रण
- अपने गुस्से को काबू करने और इफेक्ट्स कम करने का तनाव।
- भाषाओं और कविताओं का प्रेम
- मराठी भाषा और साहित्य का गहरा प्रेम।
- पारिवारिक जीवन और व्यक्तिगत संघर्ष
- बेटों को खोने का दर्द और उसका जीवन पर प्रभाव।
- फिल्मों में योगदान
- मार्क स्ट्रॉन्ग का रोल ठुकराना क्योंकि इसमें टेररिस्ट का रोल था।
- बच्चों के साथ संबंध
- अनुशासन और प्रेरणा
- जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स का विकास।
- राजनीतिक दृष्टिकोण
- राजनीति से दूर रहना और अपने विचारों को व्यक्त करने की आज़ादी।
- फिल्म उद्योग के प्रति दृष्टिकोण
- फिल्मों में अभिनय के अलावा कोई व्यक्तिगत संबंध नहीं।
उपर्युक्त सभी सूचनाओं से मिलता है कि नाना पाटेकर के जीवन और कला के प्रति जुनून की एक नई झलक मिलती है।