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नीट 2024 स्कैम का विवरण

नमस्कार आज आप सभी के सामने इंडिया के वन ऑफ दी बिगेस्ट स्कैम को लेकर आया हूं आज मैं कोई मोटिवेशन स्ट्रेटजी देने नहीं आया हूं आज मैं आपको बताने आया हूं कि इंडियन एजुकेशन सिस्टम के अंदर एक ऐसा स्कैम जिससे कि 25 लाख से ज्यादा बच्चों की जिंदगी इंपैक्ट हुई है एक ऐसा स्कैम जिससे कि उनके पेरेंट्स की जिंदगी इंपैक्ट हुई है यह स्कैम है नीट एग्जाम का स्कैम के बारे में बताऊंगा रीजन क्या है और हमें क्या करना चाहिए इसके बारे में बता आऊंगा बट पहले ही बोल देता हूं यार मैं एक टीचर हूं और मेरा एक कर्तव्य बनता है कि जहां पर स्टूडेंट के साथ अनज िस हो स्टूडेंट्स को प्रॉब्लम हो तो मैं उनके साथ खड़ा रहूं और आज भी मैं खड़ा रहूंगा इमेजिन करो तुम एक एग्जाम देते हो उस एग्जाम में तुम बहुत मेहनत करते हो अपना बेस्ट लगाते हो मार्क्स भी बहुत अच्छे लेकर आते हो बट उसके बाद क्या होता है वो जो एग्जाम कंडक्ट करा रही है एक एजेंसी उसकी कुछ गलतियों के कारण तुम्हारी रैंक बहुत बेकार आती है तुम्हारे मार्क्स बहुत अच्छे आते हैं बट तुम्हारे जो तुम्हारी जो रैंक है वो बहुत बेकार आती है इमेजिन करो कैसा लग रहा है ऐसा लग रहा है ना कि यार मेरी तो गलती थी नहीं मैंने तो हार्ड वर्क करा मैंने तो मेहनत करी और मेरी सारी मेहनत खराब हो गई यही सेम चीज हुई है उन 25 लाख स्टूडेंट्स के साथ जिन्होंने इस साल नीट का एग्जाम दिया था नीट 2024 स्कैम बताऊंगा और कैसे यह स्कैम किया गया है इसकी पूरी डिटेल दूंगा पहले समझा देता हूं बस एक चीज हाथ जोड़ के बोल रहा हूं यार अपने पेरेंट्स को यह वीडियो भेजो अपने क्या-क्या हो रहा है और कोई सुन नहीं रहा है और अपनी आवाज उठाओ देखो हुआ क्या है अभी एग्जाम हुआ नीट 2024 का बच्चों ने पेपर दिया पेपर जो था वो मॉडरेट लेवल का था जैसा हर साल होता आता है वैसा ही पेपर था पर जब रिजल्ट आया अभी से कुछ समय पहले तो सब शॉक हो गए क्यों रीजन देता हूं पहला रीजन उसका यह है कि पिछले साल नीट 2023 के अंदर तीन बच्चों के फुल मार्क्स आए थे 720 आउट ऑफ़ 720 आए थे ठीक है तीन बच्चों ने 720 आउट ऑफ़ 720 लाया वो ठीक था इस साल क्या हुआ अचानक से ये नंबर तीन से बढ़ के 67 हो गया मतलब 67 स्टूडेंट्स के फुल एग्जाम आए इमेजिन करो एक इतना टफ एग्जाम उसमें 67 स्टूडेंट्स फुल मार्क्स लेकर आ रहे हैं क्या ये पॉसिबल है आज तक तो ऐसा देखने को नहीं मिला और ये चीज जस्टिफाइड भी नहीं है ब फिर भी मैं एक बार मान लेता हूं कि बच्चों ने बहुत मेहनत करी और इस बार 720 आउट ऑफ 720 लेकर आ गए 67 स्टूडेंट्स क्या पेपर बहुत हार्ड था नहीं या पेपर बहुत आसान था नहीं पेपर मॉडरेट था पेपर वैसा ही था जैसा हर साल आता था बट ठीक है मैंने मान लिया इस बार बच्चों ने बहुत मेहनत करी वो 67 बच्चे फुल मार्क्स लेकर आए अगला पॉइंट देखते हैं अगला पॉइंट आता है कि वो जो 67 स्टूडेंट्स है ना उनमें से उनमें से आठ स्टूडेंट सेम सेंटर के थे हरियाणा का एक सेंटर जिसमें से आठ स्टूडेंट दे रहे हैं अब आप इमेजिन करो कितनी प्रोबेबिलिटी है कि एक ही सेंटर से जिसके अंदर 100 बच्चे बैठे हैं जिसके अंदर 100 बच्चे बैठे हैं उसमें से आठ बच्चे फुल मार्क्स लेकर आए क्या ये पॉसिबल है आज तक तो ऐसा नहीं देखने को मिला आज तक तो ऐसा कभी नहीं देखने मिला किसी एग्जाम में नहीं देखने को मिला क्या यह चीज़ पॉसिबल है बड़ा शॉकिंग लग रहा है ना यह पॉसिबल कैसे हो चलो फिर भी मैंने मान लिया कि ठीक है उस सेंटर में सारे टॉपर आ गए थे और 720 आउट ऑफ़ 720 आठ स्टूडेंट्स सेम सेंटर के निकल के आ गए मैंने मान लेता हूं हम सब मान लेते हैं बट उसके बाद अगला सवाल यह सारे सवाल जब एनटीएस पूछे गए जो कि एक टेस्ट एजेंसी है तो उसने एक जवाब दिया उसने एक अपना सर्कुलर रिलीज करा वो सर्कुलर मैं आपको दिखाता हूं यह एनटीएल कुलर है जो कि उसने रिलीज़ करा इस सर्कुलर में उसने साफ-साफ लिखा है कि इस साल ग्रेस मार्किंग की गई है क्या बोल रहा हूं मैं ग्रेस मार्किंग अब एनटी ने यहां पर एक्सप्लेन करा कि हुआ क्या था कुछ सेंटर्स के अंदर कुछ सेंटर्स के अंदर जो एग्जाम था वो लेट स्टार्ट हुआ था किसी के अंदर 10 मिनट किसी के अंदर 15 मिनट किसी के अंदर 20 मिनट कुछ इश्यूज के चलते हुए तो उन स्टूडेंट्स को एक्स्ट्रा टाइम नहीं मिल पाया जिसकी वजह से एनटीटीए ने उन सभी स्टूडेंट्स को एक्स्ट्रा मार्क्स दिए हैं ग्रेस मार्क दिए गए हैं और अगर आप ध्यान से देखो तो इसमें लास्ट में लिखा है लास्ट में लिखा है सच कैंडिडेट वर कंपनसेटेड विद ग्रेस मार्क अब यहां पर कुछ नहीं लिखा कि ग्रेस मार्क कितने मिले हैं कैसे मिले हैं किस-किस को मिले हैं कितने सेंटर हैं क्या पॉलिसी है कुछ नहीं बताया बस लिख दिया अपना जस्टिफिकेशन दे दिया कि भैया हमने ना ग्रेस मार्क दे दिए क्यों दे दिए क्योंकि हमें लगा कि उनको टाइम कम मिला था अरे भाई टाइम ज्यादा दे देते 15 मिनट ज्यादा दे देते वो नहीं देना हमें क्या करना है हमें ग्रेस मार्क दे देने है ये अपनी गलतियां छुपाने के लिए ऐसे नोटिस छापे जाते हैं समझ पा रहे हो अपनी गलतियां छुपाने के लिए नोटिस छापे जाते हैं अब मैं बताता हूं कि इंजस्टिस कहां हुआ है गलती कहां हुई है और स्कैम क्या चल रहा है वो आप ध्यान से सुनना बहुत सारे लोग बोल रहे हैं कि ये जो सेंटर था इस सेंटर के अंदर चीटिंग की गई है है ना पेपर लीक हो गया बट पेपर लीक हुआ या ना हुआ वो एक डिफरेंट चीज है और पेपर लीक की चांसेस भी बहुत कम होती है अगर मैं आपको प्रैक्टिकली बताऊं तो है ना पेपर लीक होता तो ज्यादा से ज्यादा 100 बच्चों पे पहुंचता 500 पे पहुंचता 1000 पे पहुंचता बट उससे इतना ज्यादा इंपैक्ट नहीं आया इंपैक्ट देखो हुआ क्या है इंपैक्ट यह हुआ है कि 650 मार्क्स 650 नंबर जिस पे कि एम्स आराम से मिलता है आप किसी भी साल का डाटा उठा लो 650 नंबर जिसके आ गए एम्स पक्का था इस साल 650 नंबर पे रैंक आई है 30000 30000 रैंक का यह क्या एम्स मिलेगा नहीं मिलेगा नहीं मिलेगा तो गेम क्या हुआ है क्या पेपर लीक हुआ है क्या नहीं बेटा पेपर लीक नहीं हुआ है हो भी सकता है शायद कुछ-कुछ जगहों पे हो गया हो उसकी हम गारंटी नहीं ले सकते बट जो ब्लंडर हुआ है एटीए की तरफ से वह मैं आपको समझाता हूं देखो बहुत सारे सेंटर्स हैं जिसके अंदर पेपर लेट दिया गया तो एनटीएल मली उस सेंटर के जितने भी स्टूडेंट्स थे उनके मार्क्स इंक्रीज कर दिए अब जितना हमने एनटीएफ से बात करी है देखो डाटा ऐसे हम एक्युरेटली नहीं बता सकते जब तक एनटीएस ना निकाले जितने हमने स्टूडेंट से बात करी है और एनटीएफ इशल से बात करी है हमें पता चला है ब्लंडर क्या हुआ है कि इमेजिन करो एक स्टूडेंट है x वो एकस सेंटर के अंदर बैठा है इस सेंटर के अंदर 10 मिनट लेट पेपर दिया गया अब एनटीएल के चार नंबर एक्स्ट्रा दे दिए मतलब जितने भी बच्चे एक्स सेंटर में हैं उनके मार्क्स + 40 होकर आएंगे समझ पाए + 40 होकर आएंगे ये हमारा एंप्शन है जितनी हमारी बात हुई है क्योंकि मेरी एक स्टूडेंट से बात हुई उस स्टूडेंट ने साफ बोला भैया जब मैंने अपने मार्क्स को कैलकुलेट करा तो मेरे मार्क्स बन रहे थे 620 कुछ मार्क्स बता रहा था वो बच्चा एगजैक्टली मुझे याद नहीं बट उसके जो मार्क्स आए वो 40 नंबर इंक्रीज होकर आए कुछ बच्चों के 50 नंबर इंक्रीज होके आए कुछ बच्चों के 60 नंबर इंक्रीज होकर आए कैसे हुआ ये ये इसलिए हुआ क्योंकि एनटीटीए ने क्या करा एक ग्रेस मार्किंग कर दी कि रैंडम जिस जिस सेंटर में टाइम बच्चों को लेट दिया गया है कम दिया गया है तो उसमें 50 60 नंबर इंक्रीज कर दो अब देखो प्रॉब्लम क्या है प्रॉब्लम यह है दो बच्चों का एग्जांपल लो एक बच्चा जो कि पूरी मेहनत करता है पूरे एफर्ट लगाता है और वो मार्क्स लाता है अपने 650 ठीक है एक अच्छा स्कोर है एम्स मिलना चाहिए वहीं पर ही एक दूसरा बच् ब है जो कि कम मेहनत करता है और उसका स्कोर आता है 600 बट क्योंकि वो एक ऐसे सेंटर के अंदर था जिसमें हर एक बच्चे के 6060 नंबर इंक्रीज कर दिए गए तो उसका फाइनल स्कोर बनता है 660 अब मुझे बताओ क्या ये चीज जस्टिफाइड है कि 650 नंबर इस बच्चे ने मेहनत करके लाए और इस बच्चे के 600 से 660 आ गए क्या चीज जस्टिफाइड है बताओ मुझे कुछ कुछ सेंटर्स के अंदर तो यह भी सुनने में आ रहा है कि 80 से 100 नंबर तक इंक्रीज करें हैं 80 से 100 सोच सकते कि अगर किसी के 620 आए तो डायरेक्टली 720 बन गए इस वजह से इतने फुल मार्कर स्कोर आपको इस साल दिख रहे हैं समझ पाए ये ब्लंडर कहां हुआ है ये ब्लंडर हुआ है ग्रेस मार्किंग में अब एनटी इस चीज को छुपा रहा है यह भी नहीं कि सामने से आकर मान ले कि हां यार हमसे गलती हो गई वापस से नीट एग्जाम करा लेते हैं उन उन सेंटर्स के अंदर बट वो नहीं करवा रहा वो क्या कर रहा है नहीं हमसे तो कुछ हुआ ही नहीं है हमने तो कुछ गलती करी नहीं है गलतिया छुपा रहे हैं यह ब्लंडर है यार ये ब्लंडर है और दुख तब होता है जब ऐसे स्टूडेंट्स मैसेज करते हैं कि भैया डिप्रेशन है भैया एंजाइटी है भैया पेरेंट्स को क्या बताएं पेरेंट्स को ये थोड़ी ना बोलेंगे कि भैया मार्क्स तो बहुत अच्छे आए है बट रैंक बहुत बेकार आई है एक बच्चा 650 नंबर लाकर खुश था अपने गांव में जाकर बता दिया था उसने कि मैं तो ना डॉक्टर बनने वाला हूं ब जब रैंक आई तो उसे पता चला यार एम्स तो मिल ही नहीं पाएगा 650 नंबर पे एम्स नहीं मिल पा रहा एक बच्चे के 700 कुछ आए हैं वो सोच रहा था अब तो जो अपना एम्स दिल्ली है वो पक्का हो गया बट यहां पर तो 720 वालों को एम्स दिल्ली नहीं मिल रहा है उसे कहां से मिल जाएगा वह सपने ना तोड़ दिए गए हैं बच्चों के पेरेंट्स नहीं समझ पा रहे हैं यार यह बात पेरेंट्स नहीं समझ पा रहे हैं पेरेंट्स को तो रैंक दिख रही है वो देख रहे हैं अच्छा तेरे ना 500 रैंक आई है 50 के रैंक आई है तूने मेहनत कम करी होगी बट उसने मेहनत कम नहीं करी यार उसने मेहनत पूरी लगाई है उसने जीजन पूरा लगाया बट कहीं ना कहीं गलती रही है एनटी की इसलिए बोल रहा हूं अगर आप एक पेरेंट हो मैं एक टीचर हूं पिछले पा साल से एजुकेशन इंडस्ट्री के अंदर हूं अगर अगर नीट एग्जाम में 25 लाख बच्चे देते हैं तो उन 25 लाख में से मिनिमम 20 लाख बच्चे हमारी स्ट्रेटेजी वीडियो मोटिवेशनल वीडियो देखकर एग्जाम देने जाते हैं उनको मैं समझता हूं उनको मैं जानता हूं सब स्टूडेंट्स से मेरा बहुत प्यार है और उन्हीं के बि हाफ में मैं आपसे बोल रहा हूं कि आपके बच्चे की गलती नहीं है इस बार उसने मेहनत लगाई है गलती यहां पर एनटीएटी तरफ से हुई है बच्चे की गलती नहीं है थोड़ा सा सपोर्ट अपने बच्चे प भी रखिए मुझे पता है आपने बहुत पैसे लगाए हैं उसकी कोचिंग के पीछे अब ये सब देख के बहुत दुख होता है अब एज अ पेरेंट एज अ स्टूडेंट आप क्या कर सकते हो आपके पास कोई और ऑप्शन है बस आप को आवाज उठानी पड़ेगी आपको आवाज उठानी पड़ेगी नीट 2024 में जो हुआ वो शायद अगले साल 25 में भी हो 26 में भी हो 27 में भी हो अगर आप एक छोटी क्लास के स्टूडेंट हो इसको देख रहे हो तो मैं आपको भी बोलता हूं आवाज उठाओ क्योंकि कल को यह आपके साथ भी हो सकता है एक ऐसा एग्जाम जिस परे कि लाखों बच्चों की जिंदगी डिपेंड करती है अगर उस एग्जाम को ऐसे कंडक्ट कराया जाएगा तो इस एग्जाम को देने की कोई जरूरत नहीं है मत दो इस एग्जाम को मत दो इस एग्जाम को अगर अभी तुम एट नाथ क्लास के अंदर हो नीट एग्जाम मत देना जिंदगी खराब कर देगा एग्जाम तुम्हारी क्यों बोल रहा हूं मैं अपने सीनियर से पूछना वो बताएंगे तुम्हें अपना दर्द एक एग्जाम जिसके पीछे 25 लाख बच्चे बैठ रहे हैं एनटीएफ करा रहा है कंडक्ट बिल्कुल घटिया तरीके से कराया जा रहा है किसी को समझ नहीं आ पा रहा है रैंक कैसे निकल र हैं क्या आप इस एग्जाम में आपको इस एग्जाम को देना चाहिए खुद से पूछो बहुत सारे करियर ऑप्शन है और जितने बच्चों का इस बार नीट था वो ड्रॉपर थे और उनकी रैंक अच्छी नहीं आ पाई है मुझे नहीं पता री नीट होगा नहीं होगा मुझे बिल्कुल नहीं पता बट मैं आपसे बस इतना बोलूंगा जिंदगी में बहुत कुछ है आगे करने को हार मत मानो बहुत कुछ है आगे करने को बहुत मेहनत आगे लगानी है और कुछ बड़ा करके दिखाना है यार यह गलती तुम्हारी नहीं थी तुम्हें बिल्कुल भी दुखी होने की जरूरत नहीं है 1 पर भी गलती तुम्हारी नहीं थी यहां पर ये गलती उन लोगों की थी जिनसे यह गलती हुई है गलती तुम्हारी नहीं है तुम बस अपना बेस्ट लगाओ जिी में कुछ आगे बढ़ो और एक काम करना इस वीडियो को अपने फ्रेंड्स अपने पेरेंट्स तक प्लीज भेजना ताकि वह भी इस प्रॉब्लम को समझ पाए शुक्रिया एवरीवन मेरा नाम है प्रशांत टेक केयर