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Educational Plan for Secondary Level

Hello everyone, इस वीडियो में हम लोग पढ़ने वाले हैं Principles of Education Planning यह आपको जो topic है, इसके notes मेरी website में मिल जाएंगे and that is Prep with Harshita Now, start करते हैं The principle of education planning for secondary level involves several key factors that need to be considered to ensure effective and successful learning outcome for students मतलब, basically जब आप educational planning कर रहे हो secondary level के लिए तो कुछ प्रिंसिपल आपको दिमाग में रखने होते हैं, कि किस चीज़ पे वर्क करेगी कोई चीज़, क्या में फोकस है वहाँ पे, बनल इसे कहते हैं न, सिंधान्त क्या है, तो वो ही चीज़ जो सेकेंडरी लेवल में एडुकेशन प्लानिंग में हेल्प करने वाली है, इसका मतलब क्या होता है बहुत साधा models में बहुत सारी planning में ये सबसे पहले बोलते हैं क्यों बोलते हैं suppose आप कोई भी काम कर रहे हो ठीक है कोई भी काम करने के लिए ना एक reason होता है कि आप वो काम क्यों करना चाह रहे हो suppose you want to become a doctor या you want to become a teacher तो वो तो ठीक है बट आपका goal क्या है ठीक है कई लोग बोलेंगे कि पैसे बट उसके लावा भी पैसे तो हर field में आते हैं लेकिन आप को क्यों specifically teacher बना है because maybe you are very much interested in teaching maybe you like teaching है ना तो यह जो चीज़े है, यह हमारा goal और objective है कि एक अच्छा teacher बनना है, और बच्चों को थोड़ा सा, you know, बच्चों की life में change लाना है, या free education देनी है, इस तरह से, so यहाँ पे हमारा goal और objective यह हो गए, तो हमारे वो clear होने चाहिए, setting clear goals and objective is essential for effective education planning, यानि कि जब हम clear goal and objective को set करते हैं, यह बहुत जरूरी हो जाता है अच्छे से planning करने के लिए, इसका मतलब होता है आप बताओ कि बच्चे क्या actually last में जानेंगे आपने बच्चों को पढ़ा दिया आपने planning कर ली education planning लेकिन वो planning में आपको ये ध्यान रखना है कि बच्चे क्या सीखेंगे और end of the specific period उस चीज़ के खतम होने के बाद उनको actually क्या outcome आएंगे हमें ऐसी क्या चीज़ें जो achieve करनी है सपोज आपने 8-10 चीज़ें बना ली तो ये सब end of the course में बच्चे को आनी चाहिए, ये सब चीज़े skills हो गए, knowledge हो गए, दूसरों की respect करना, कुछ भी ले लो आप, मतलब सारे moral values भी लगा दो, लेकिन ये बच्चे को आना चाहिए, तो आपके goals and objective बिल्कुल clear होने चाहिए, जब आप education planning करने वाले हैं, ठीक है, second ह करिकुलम को हम लोग design करते हैं ताकि हम लोग learning need जो होती है ना students की वो achieve करें ठीक है तो आपका करिकुलम इस तरह से design होना चाहिए कि बच्चों की जो need है learning need है वो पूरी हो जाए it should include a broad range of subject and be organized in a way that is easy for student to understand and follow so basically इसमें कई सारे subjects होने चाहिए and ये इस तरह से organize होना चाहिए कि बच्चे अच्छे से उसको समझ पाए and follow कर तो इस बार द गरिकुलम डिजाइन कि आपका करिकुलम डिजाइन आपके ऑब्जेक्टिव के साथ अलाइन करना चाहिए एंड वह अच्छी में जब बना है तो बच्चों की नीड को पूरा करेगा तो अच्छी में किसी चीज को ऐसेस करना बहुत जरूरी हो जाता है इट इज इंपोर्टेंट टो डेवलप एप्रोप्रिएट असेस्मेंट मेथोड to ensure that students are meeting learning objective and to identify area where they may need additional support. इससे हमें ये पता चलता है कि बच्चे को क्या चीजे आ रही हैं और बच्चा कहां पे lag कर रहा हैं. और जहां पे भी बच्चा lag कर रहा है हम उसको कोशिश करेंगे ठीक करने की या improve करने की.

ठीक है? So यहां पे assessment and evaluation का बहुत important role है. Then comes quality teachers.

The quality of teacher. यानि कि teaching कैसी हो रही है this is very critical and very important for successful education planning at secondary level तो किस तरह की teaching हो रही है वो बहुत ज़रूरी है and teacher को well trained experience and committed होना चाहिए ताकि वो बच्चों की help कर सके और उनके potential achieve करवाने में उनकी मदद कर सके ठीक है समझ में आया सो बेसिकली टीचर शुट बेल ट्रेन देश एडिंट उनके अंदर वह नॉलेज वह स्किल्स होने चाहिए कि बच्चों का जो फुल पोटेंशल है वह उनके अंदर निकाल के निखार दें मतलब इसे कहते ना बच्चों को निखारना दें लुट लुट लुट ल जहां बच्चे पढ़ रहे हैं, वहां उनका पढ़ने का ही मन नहीं हो रहा है, गंदगी है, टेकनॉलोजी नहीं है उनके पास, तो that would be useless, तो इसलिए planning करते टाइम हमें environment का भी ध्यान देना होता है, कि आसपास का environment कैसा है, कि बच्चों की engagement और बच्चों को motivation मिले, और इसमें कई सारे factors आ जाते हैं, जैसे classroom का design कैसा है, resources and use of technology, ये सब चीजों का हमें ध्यान रखना है, ठीक है, क्योंकि अगर आप principles की बात करेंगे, आपने curriculum देख लिया, आपने assessment देख लिया, लेकिन अगर आपने environment को नहीं ठीक करा, तो वो पढ़ाई का वो benefit नहीं होगा. प्लस, parents and community engagement.

Parent and community engagement is important in education planning at secondary level. This involves creating partnership with parents, community leader and local organization to support student learning and development. Parents and community engagement का मतलब है, जब हम लोग education planning की बात करते हैं, तो पैरेंट्स का और साथ में हमारा क्या एंगेजमेंट है इसका ध्यान रखना बहुत जरूरी है क्योंकि आप इसके अंदर पार्टनर्शिप क्रिएट कर रहे हो पैरेंट्स के साथ कम्यूनिटी के साथ लीडर्स मतलब जो कम्यूनिटी के लीडर्स है ताकि बच्चों को स इसके notes आपको मेरी website पर मिल जाएगे, prepwithharshita नाम है website का, playlist में आपको BA, DMD की और इस subject की और videos मिल जाएगी, telegram पर आपको update मिल जाएगी तो उसे join कर लीजिए, वोसका link मैंने आपके starting में ही दे रखा है, and सबसे important चीज़, आप subscribe जरूर कर लीजिएगा, अगर आपको वीडियो में कुछ भी समझ में आया हूँ, तो इससे मुझे motivation मिलती है to make more such videos, thank you so much, have a nice day.