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Indian Economic Development (1952-1990)

व्हाट्स अप एवरीवन वेलकम बैक तू डी चैनल आज हम इंडियन इकोनॉमिक डेवलपमेंट पढ़ने वाले हैं और इंडियन इकोनॉमिक डेवलपमेंट में काफी सारी चीजें हम कवर करेंगे चैप्टर वैन हम कर चुके हैं आज हम शुरू करेंगे चैप्टर नंबर तू डेट इस इंडियन इकोनॉमी इन बिटवीन 1952 1990 तो बहुत अच्छा चैप्टर है बहुत मजा आने वाला है लिए जल्दी से चैप्टर को शुरू करते हैं और सभी कॉन्सेप्ट्स के साथ इसको कंप्लीट भी करते हैं चलिए लेट्स बेगिन [संगीत] [संगीत] अब यह जो पूरा इंडियन इकोनॉमिक डेवलपमेंट करोगे तो आपको कोई प्रॉब्लम नहीं आएगा देखो चैप्टर वैन में हमने मैनली क्या पढ़ा था हमने हमारे तीन सेक्टर डेट इस एग्रीकल्चर इंडस्ट्री फॉर इंटरनेट ब्रिटिशर्स ने किस तरीके से एक्सप्लोइट कर 200 सालों में कौन-कौन से सिस्टम्स लागू करें क्या-क्या चीज आई वो सब आपने चैप्टर नंबर वैन में पढ़ा 1947 का इंडिपेंडेंस और वहां से चीज किस तरीके से हुई वो हम अब आगे बढ़ाएंगे यानी यहां पे हम इस चैप्टर में मैनली 40 इयर्स का डेवलपमेंट डिस्कस करेंगे उन्हें तीन सेक्टर का वही एग्रीकल्चर वही इंडस्ट्री वही फॉरेन ट्रेड बट कॉन्सेप्ट पीरियड 1950 से 1990 वाले पीरियड में तो ध्यान से समझ के चलना कोई प्रॉब्लम आने वाली नहीं है शुरुआत करते हैं सबसे पहले जो सवाल आता है वो आता है इकोनॉमिक सिस्टम क्या होता है इकोनॉमिक सिस्टम का मतलब किसी भी इकोनॉमी में सेंट्रल इकोनॉमिक्स प्रॉब्लम्स क्लास 11th में भी आपने सेंट्रल इकोनॉमिक प्रॉब्लम्स पढ़ी थी कोई भी इकोनॉमी हो तीन प्रॉब्लम्स रहती ही रहती हैं व्हाट तू प्रोड्यूस क्या बनाएं कितनी क्वांटिटी में बनाएं हो तू प्रोड्यूस कॉन्सर्ट तकनीक उसे करके बनाए दो टेक्निक्स होती हैं लेबर इंटेंशन जिसमें ज्यादा लेबर होती है कम मशीन होती हैं कैपिटल इंटेंसिव जिसमें ज्यादा मशीन होती हैं कम लेबर होती है तो कौन सी तकनीक उसे करके बनाए हैं एंड फॉर होम तू प्रोड्यूस किसके लिए बनाएं यानी मेरा टारगेट मार्केट क्या है मैं किसको फोकस करके प्रोडक्ट बना रहा हूं तो इन तीनों ही प्रॉब्लम्स को सेंट्रल इकोनॉमिक प्रॉब्लम्स को किस अरेंजमेंट से सॉल्व कर जा रहा है उसी को हम लोग इकोनॉमिक्स सिस्टम बोलते हैं इकोनॉमिक्स सिस्टम रेफर्स तू एंड अरेंजमेंट बाय विच सेंट्रल प्रॉब्लम्स ऑफ एन इकोनॉमी यार सॉल्वड कितनी सेंट्रल प्रॉब्लम्स है तीन मैंने आपको बता ही दिया व्हाट तू प्रोड्यूस क्या बनाया कितनी क्वांटिटी में बनाएं हो तू प्रोड्यूस कौन सी तकनीक उसे करें एलआईसी लेबर सेंटेंसेस सी इट कैपिटल इंटेंसिव एंड फॉर होम तू रिड्यूस मतलब क्या मेरी टारगेट मार्केट है मैं रिकी को टारगेट कर रहा हूं पुर को टारगेट कर रहा हूं मिडिल क्लास को टारगेट कर रहा हूं बच्चों को टारगेट कर रहा हूं ओल्ड वंस को टारगेट कर रहा हूं यूथ को टारगेट कर रहा हूं फीमेल वर बना रहा हूं मेंस वेयर बना रहा हूं शूज बना रहा हूं क्या मेरी टारगेट मार्केट है ये इसमें आपको ध्यान देना होता है अब देखो कितने प्रकार के इकोनॉमिक्स सिस्टम्स होते हैं किसी भी इकोनॉमी में या आप बोल सकते हो कोई भी इकोनॉमी इनमें से कोई भी सिस्टम चीज कर सकती है कुछ इकोनॉमिक्स सिस्टम ऐसे होते हैं जिसमें गवर्नमेंट अपने पास मेजर कंट्रोल रखता है कुछ इकोनॉमिक्स सिस्टम ऐसे होते हैं जिसके अंदर प्राइवेट सेक्टर को ज्यादा रोल दिया जाता है और कुछ इकोनॉमिक्स सिस्टम हमारे देश के जैसे होते हैं जिसमें गवर्नमेंट भी अपना पार्ट प्ले कर रहा है और पब्लिक सेक्टर के साथ-साथ प्राइवेट सेक्टर भी अपना पार्ट प्ले कर रहा है मतलब की प्राइवेट एंटरप्रेन्योर्स प्राइवेट बिजनेसमैन वो भी अपना पार्ट पे कर रहे हैं दोनों मिलके कम कर रहे हैं तो एक ऐसा ही इकोनॉमिक्स सिस्टम जिसमें सब कुछ प्राइवेट इंडिविजुअल्स के हाथ में दे दिया जाता है यानी सब कुछ प्राइवेट इंटर करता है सरकार का कम सिर्फ लो एंड ऑर्डर मेंटेन करना होता है उसको हम लोग बोलते हैं कैपिटल इकोनॉमी ज्यादा रोल मेजर कंट्रीब्यूशन प्रोडक्शन पर डेवलपमेंट पर प्राइवेट सेक्टर निभाएगा ऐसी इकोनॉमी को कैपिटल इकोनॉमी बोला जाता है एक ऐसी इकोनॉमी जिसमें मेजर रोल gawerment निभैगी यानी सब कुछ सरकार के हाथ में गवर्नमेंट बोलती है सब हम करेंगे हम देखेंगे प्राइवेट सेक्टर को कुछ नहीं करना सोशलिस्ट इकोनॉमी सी इकोनॉमी जो मिक्स मिलजुल के कम करेगा इंडिया जैसा ही इकोनॉमी मिक्स्ड इकोनॉमी क्या लिखा है स्टिक onies एंड इकोनॉमिक सिस्टम इन विच मेंस ऑफ प्रोडक्शन बाय डी प्राइवेट सेक्टर वैन मेंस ऑफ प्रोडक्शन बाय डी गवर्नमेंट नेक्स्ट दी इकोनॉमी जिसमें दोनों मिलके करते हैं इंडिया ने कौन से इकोनॉमिक सिस्टम लिया सैम लीडर्स फॉर इन फीवर ऑफ सोशल नेहरू जी उनको चाचा नहीं कुछ तो उन्होंने कहा इंडिया तो दोनों के ही बेस्ट फीचर्स कर लेगा और मिक्स रिटायरमेंट सिस्टम उसे करेगा ठीक है जी नेक्स्ट जो टॉपिक आता है वो आता है हमारे पास इकोनॉमिक्स प्लानिंग इकोनॉमिक प्लानिंग क्या होता है सर व्हाट इस इकोनॉमिक प्लानिंग तो देखो अब हम 1947 में आजाद हो गए जब 1947 में आजाद हो गए तो देश की डेवलपमेंट के लिए प्लानिंग तो करनी पड़ेगी तो किस तरीके से प्लानिंग कारी जाए क्या हम लेके चलें डिसीजन मेकिंग कैसे होगी मेंस ऑफ प्रोडक्शन क्या रहने वाले हैं टेक्नोलॉजी कहां से आएगी कितना इंपोर्ट कितना एक्सपोर्ट क्या इस पे ध्यान दिया जाएगा तो ये सब एक बहुत सारे ऐसे डिसीजंस हैं जो माइंड में आते हैं तो ये सब प्लानिंग करने के लिए इकोनॉमिक्स प्लानिंग करने के लिए एक बॉडी बनाई गई इंडिया में जिसका नाम रखा गया प्लानिंग कमीशन और सभी प्लानिंग पंच साल के हिसाब से मतलब हर पंच साल के हिसाब से कौन करने लगा प्लानिंग कमीशन करने लगा इसके बारे में क्या है इकोनॉमिक्स प्लानिंग कैन बी डिफाइंड अस मेकिंग मेजर इकोनॉमिक डिसीजंस वही सेंट्रल इकोनॉमी प्रॉब्लम्स बाय डी कॉन्शियस डिसीजन ऑफ अन अथॉरिटी यानी कोई ऐसी बॉडी होनी चाहिए जिसके पास अथॉरिटी हूं पावर हो ऑन डी बेसिस ऑफ अन कंप्रिहेंसिव सर्वे ऑफ इकोनॉमी आज अन होल इंडस्ट्रियल पॉलिसी रेजोल्यूशन 1948 एंड डायरेक्टिव प्रिंसिपल्स ऑफ इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन याद रखना एक तो इंडस्ट्रियल पॉलिसी रेजोल्यूशन 1948 में आया था जिसमें ये कहा गया था की मेजर जो रोल है वो पब्लिक सेक्टर नहीं पाएगा गवर्नमेंट ने bhayegi और उसके साथ-साथ डायरेक्टिव प्रिंसिपल्स कुछ हमारे इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन के इसमें मेजर रोल जो है वो पब्लिक सेक्टर को दिया गया प्राइवेट सेक्टर को भी एंड करेज कर गया की आप भी पार्टिसिपेट करो आप भी साथ दो तू मेक इकोनॉमिक्स प्लानिंग अफेक्टिव गवर्नमेंट ऑफ इंडिया सेटअप अन बॉडी और उसे बॉडी का नाम क्या रखा गया प्लानिंग कमीशन ये याद रखना बहुत इंपॉर्टेंट है एक बॉडी बनाई गई जिसका नाम रखा गया प्लानिंग कमीशन 1950 में ये सेटअप हुआ जिसका कम था मेजर डिसीजन मेकिंग करना हमारे देश के लिए विद डी प्राइम मिनिस्टर एस चेयरमैन और चेयरमैन रखा गया की प्राइम मिनिस्टर हमारे पहले चेयरमैन यहां पर मतलब की जो चेयरमैन होंगे वह प्राइम मिनिस्टर को रखा जाएगा बट उसे टाइम पर नेहरू जी के साथ-साथ जो मेजर डिसीजन मेकिंग है वहां पर इकोनॉमिक्स को भी कंट्रीब्यूट करना था वहां पे जो अच्छे से डिसीजन मेकिंग कर सकते द जिनको इकोनॉमी के बारे में बहुत अच्छे से समझती सारी चीज जानते द उनको भी कंट्रीब्यूट करना था तो हमारे यहां पे एक जनरल सेल्स में जो प्राइम मिनिस्टर हैं उसको चेयरपर्सन चेयरमैन माना जाता है बट फर्स्ट जो हम लोगों ने प्लानिंग कमीशन के चेयरमैन बनाए उनका नाम था प्रोफेसर मेला नोबेल ये याद रखना पहले प्रोफेसर डी पर्पस ऑफ डी कमीशन बॉस तू केयरफुली एसेस प्लानिंग कमीशन का क्या पर्पस था अच्छे से एसेस करना चेक करना हमारे ह्यूमन और फिजिकल रिसोर्सेस सर ह्यूमन और फिजिकल रिसोर्सेस मतलब ह्यूमन रिसोर्स हमारी लेबर हमारे लोग फिजिकल रिसोर्स हमारी मशीनरी कैपिटल ऑफ डी कंट्री एंड तू प्रिपेयर प्लांस ठीक है प्लानिंग कमीशन मैंने आपको एरिया 5 साल का पीरियड रखा गया जिसके लिए प्लानिंग होती थी और वहीं से शुरू हो गए 5 ईयर प्लांस हमारे देश में आज भी इलेक्शंस होते हैं पंच साल के बाद होते हैं एनुअल बजट भी आता है बट फाइव ईयर प्लांस हम हमेशा से कंसीडर करके चलते हैं 5 ईयर प्लांस की अगर हम बात करें तो ये टेबल है जो आप अपने रेफरेंस के लिए रख सकते हो पहला फाइव ईयर प्लान 1951 में आया था याद रखना और 1951 से 56 तक चला दूसरा 56 से 61 तक चला तो इस तरीके से सभी प्लांस आते रहे ये सिर्फ और सिर्फ आपके रेफरेंस के लिए है जब उसे आएंगे मैं आपको बता दूंगा आप इसका स्क्रीनशॉट ले सकते हो फिलहाल ठीक है यह पुरी टेबल है जो आपको मदद करेगी फिलहाल आप स्क्रीनशॉट ले लो गया चलो जी अब हम लोग यहां से हमारा मेजर जो चैप्टर है वह स्टार्ट करने वाले हैं मेजर चैप्टर क्या है टॉपिक क्या है व्हाट वास डी फीचर्स ऑफ इकोनॉमिक प्लानिंग अंडर प्लानिंग 1950 से 1991 अब जो प्लानिंग कमीशन आपने सेटअप कर 1950 में तो प्लानिंग कमीशन डिसीजन मेकिंग करेगा अब डिसीजन मेकिंग किस तरीके से करेगा क्या माइंड में रहा क्या फीचर्स रहे इकोनॉमिक प्लानिंग किस तरीके से कारी गई वो सब हम पढ़ने वाले हैं तो क्या-क्या मेजर फीचर्स रहे इकोनॉमिक प्लानिंग के सबसे पहले आता है हैवी रिलायंस ऑन पब्लिक सेक्टर देखो देश नया नया आजाद हुआ है प्राइवेट सेक्टर के पास इतना पैसा नहीं है की वो पूरे देश को डेवलपमेंट की तरफ ले जा सके और अगर प्राइवेट सेक्टर इतना पैसा लगाएगा भी तो भाई वो प्रॉफिट मेकिंग भी करेगा प्राइवेट सेक्टर सिर्फ सोशल वेलफेयर तो नहीं सोचेगा प्राइवेट सेक्टर प्रॉफिट मोटिव भी देखेगा तो अगर हम देखें की प्राइवेट सेक्टर का रोल अगर बढ़ाएंगे तो देश में इतना ज्यादा ग्रोथ नहीं हो पाएगा तो सोच यह राखी गई की ज्यादा फोकस ज्यादा कंट्रीब्यूशन ज्यादा पार्टिसिपेशन किसका रहने वाला है पब्लिक सेक्टर का रहने वाला है तो क्या लिखा है इट वाज रिलाइज्ड डेट ऑब्जेक्टिव ऑफ सोशलिस्ट पैटर्न सोशलिस्ट मतलब वही समाज सेवा कूद बी अचीव्ड ओनली थ्रू अन कंप्रिहेंसिव डेवलपमेंट ऑफ पब्लिक सेक्टर रेगुलेटेड डेवलपमेंट ऑफ प्राइवेट सेक्टर अब हमने प्राइवेट सेक्टर के ऊपर भी ध्यान दिया बट प्राइवेट सेक्टर को थोड़ा सा टाइट पकड़ के अब इतना फ्रीडम नहीं दिया ज्यादा रोल पब्लिक सेक्टर का ही रखा प्राइवेट सेक्टर पे थोड़ा सा रूल्स रेगुलेशंस के साथ आगे बढ़ाने का मौका दिया गया क्योंकि प्राइवेट सेक्टर के साथ एक वही प्रॉब्लम जुड़ी हुई है की वो बिना प्रॉफिट के कम नहीं करेगा तो प्रॉफिट मोटिव एक मेजर चीज रहेगी अब देश नया नया आजाद हुआ है अभी टाइम लगेगा डेवलपमेंट के लिए इसीलिए इतने ज्यादा फ्रीडम प्राइवेट को नहीं दी गई अकॉर्डिंग तू इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन एक्ट न्यू इंडस्ट्री इन प्राइवेट सेक्टर कूद नॉट बी इस्टैबलिश्ड विदाउट अन लाइसेंस लाइसेंस के बिना आप इंडस्ट्री सेट नहीं कर सकते मतलब ये याद रखना की उसे टाइम पे बहुत बड़ी प्रॉब्लम्स रही प्राइवेट सेक्टर को अगर कुछ भी सेटअप करना है तो सबसे जरूरी था रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस पॉइंट याद रखना उसके बाद प्रोटेक्शन ऑफ स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज हमने अपनी छोटी-छोटी इंडस्ट्रीज को बचाने की कोशिश कारी और बड़ी-बड़ी इंडस्ट्रीज के लिए रूल्स और रेगुलेशंस बनाए क्योंकि मोस्ट ऑफ डी इंडस्ट्रीज इन इंडिया शब्द स्मॉल स्केल इंडस्ट्री अगर बड़ी-बड़ी इंडस्ट्रीज ए जाएंगे तो छोटी-छोटी तो खत्म हो जाएंगी तो उनको बचाने के लिए कुछ रूल्स और रेगुलेशंस बनाए गए द बड़ी स्केल इंडस्ट्रीज थ्रू वेरियस एक्ट्स बहुत सारे ऐप्स लगाए गए जिसमें बड़ी स्केल इंडस्ट्री के लिए रूल्स बनाए गए स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज ऑन डी आदर हैंड वाज ऑफर्स प्रोटेक्शन प्रोटेक्शन दिया गया सब्सिडीज दी गई स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज को एंड करेज कर गया की इंडस्ट्रीज लगाई जाए छोटे स्केल पे उसके बाद फोकस ऑन सेविंग एंड इन्वेस्टमेंट एक फोकस था की हम सेविंग पर ध्यान दें और इन्वेस्टमेंट पर ध्यान दें यानी हमारा जो फोकस रहेगा की पैसा बचे और इन्वेस्टो देश में था की कैपिटल फॉर्मेशन हो किसी भी इकोनॉमी की ग्रोथ के लिए इन्वेस्टमेंट बहुत इंपॉर्टेंट होता है आप माइक्रो में भी इन्वेस्टमेंट मल्टीप्लायर पद के आए हो वहां पे भी क्या सिखाया जाता है की जितनी ज्यादा इन्वेस्टमेंट होगी उतनी ज्यादा इनकम होगी तो अगर देश में डेवलपमेंट चाहिए तो वहां पे यू नीड सेविंग्स आगे वेल आगे इन्वेस्टमेंट तो सेविंग इन्वेस्टमेंट पे खास ध्यान दिया जा रहा था प्रोटेक्शन फ्रॉम फॉरेन कंपटीशन हमारी इंडस्ट्रीज को बचाया जा रहा था किस चीज से फौरन कंपटीशन से सर फौरन कंपटीशन कैसा देखो अगर हम आज भी बात करें तो आप कोई भी टेक्नोलॉजी ले लो आप मोबाइल फोन ले लो आप टीवी ले लो आपके घर में आप जितनी भी चीज देख लो सब इंडिया से बाहर की होंगी कोई भी इंडियन प्रोडक्ट नहीं होगा अगर होगा भी तो बहुत कम होगा मैक्सिमम प्रोडक्ट्स इंडिया के बाहर होंगे तो हमारी इंडियन कंपनी को ये बाहर वाली कंपनी तो कंपटीशन दे रही है उसे टाइम पे देश नया-नया आजाद हुआ है अगर बाहर की कंपनी आके यहां पे अपना कब्जा जमा लेंगी तो प्रॉब्लम ए जाएगी तो गवर्नमेंट ने कोशिश कारी की इंपोर्ट कम से कम हो अभी हम इंपोर्ट ना करें तो रूल्स रेगुलेशंस बनाएगा हर तरीके के इंपोर्ट ड्यूटी भी लगाई गई क्वानटेटिव रिस्ट्रिक्शंस भी लगाए गए की इंपोर्ट ना हो और हम अपनी डोमेस्टिक इंडस्ट्रीज को बचा सके कंपटीशन से तो क्या लिखा है इसके अंदर अगर आप पढ़ेंगे तो देखो क्या लिखा है डोमेस्टिक इंडस्ट्री वास प्रोटेक्टेड फ्रॉम फॉरेन कंपटीशन बचाने की कोशिश कारी गई हाई इंपोर्ट ड्यूटी एंड क्वानटेटिव रिस्ट्रिक्शन याद रखना इंपोर्ट ड्यूटी भी हैवी और क्वानटेटिव रिस्ट्रिक्शन भी लगाए गए फोकस ऑन इंपोर्ट सब्सीट्यूशन इंपोर्ट सब्सीट्यूशन का मतलब क्या होता है की हम लोग इंपोर्ट को सब्सीट्यूट करेंगे डोमेस्टिक प्रोडक्शन से मतलब जितनी भी चीज हम इंपोर्ट करते ए रहे हैं वो हम अब इंपोर्ट नहीं करेंगे हम डोमेस्टिक लेवल पे प्रोडक्शन करेंगे डोमेस्टिक लेवल पे प्रोडक्शन का मतलब देश में बनाएंगे आज भी हम इस चीज पे फोकस कर रहे हैं मेक इन इंडिया मेड इन इंडिया चलता है ना हमारे यहां मिशन तो मेड इन इंडिया क्या है की हम इंपोर्ट ना करें वही समान जो हम इंपोर्ट करते हैं वो अपने देश में बनाएं इस चीज का ध्यान रखना है तो इट इंप्लायड डोमेस्टिक प्रोडक्शन ऑफ गुड इंपोर्टेड फ्रॉम एब्रॉड बेसिक आइडिया वास तू से फॉर एन एक्सचेंज पर्पस क्या था एक तो हमारा एक्सचेंज बाहर ना ए जाए भाई बाहर से कुछ भी खरीदते हो तो पैसा देना पड़ता है ना वो रोकना है और सेल्फ सफिशिएंसी हम अपने ऊपर आत्मनिर्भर बने आत्मा निर्भर भारत है ना इसके बाद क्या आता है रिस्ट्रिक्शन ऑन फॉरेन कैपिटल हमने थोड़ा सा कोशिश कारी बहुत सारे एक्ट्स के थ्रू की बाहर से बहुत ज्यादा कैपिटल इन्वेस्टमेंट ना आए और हम अपने देश में ही डेवलपमेंट की तरफ देख सकें क्योंकि अगर बाहर वाले आके इंडस्ट्री सेटअप करेंगे तो फिर कंट्रोल कर जाएंगे पुरी मार्केट को फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट वाज कंट्रोल्ड एंड रेगुलेटेड थ्रू फॉरेन एक्सचेंज रेगुलेशन एक्ट धीस वैसे तू मिनिमाइज इकोनॉमिक्स कंट्रोल ऑफ डी डोमेस्टिक मार्केट मतलब हम यह नहीं चाहते द की हमारी डोमेस्टिक मार्केट पे पूरा कंट्रोल हो जाए फॉर इन्वेस्टर्स का फॉरेन कंपनी का इसके बाद आता है अचीवमेंट्स ऑफ प्लानिंग ये सब हमने जो प्लानिंग कारी इस प्लानिंग के थ्रू हम कितना सक्सेसफुल हो पाए या क्या अचीवमेंट्स रहे इस प्लानिंग के किस तरीके से हम लोगों ने अच्छे से चीज करने की कोशिश कारी है तो देखो क्या लिखा हुआ है सबसे पहले जो हमने प्लानिंग कारी थी वो काफी हद तक सक्सेसफुल रही हमारा नेशनल इनकम बढ़ाना शुरू हो गया था हमारा जो नेशनल इनकम है वो 12th तक 6.8 परसेंट पर ए चुका है जबकि हमारा टारगेट था 8% का 1819 में नेशनल इनकम जो एस्टीमेट कर जा रहा था की 6.9% तक भी जाएगा तो नेशनल इनकम का मतलब सीधी सीधी बात हो रही है जीडीपी ग्रोथ जीडीपी हम बढ़ता हुआ देख रहे द जीडीपी इंक्रीमेंट की तरफ जा रहा है ठीक है दूसरा पर कैपिटा इनकम बढ़ा है पर कैपिटल इनकम क्या होता है पर पर्सन इनकम देखो एक चीज होती है देश की इनकम बढ़ाना अगर हम उसे इन गैंग को पापुलेशन से डिवाइड कर दें तो पर पर्सन कितना पैसा कमाया जा रहा है वो ए जाता है तो पर कैपिटा इनकम भी बढ़ रहा है एक तो ओवरऑल इनकम देख लिया और फिर पर पर्सन देख लिया जैसे मैंने बोला की सपोज दो फैमिलीज हैं एक में पंच लोग एक में 10 लोग हैं दोनों ही फैमिली 500 हमारी है तो एक में पर पर्सन 100 आएगा एक में पर पर्सन 50 आएगा अगर आप उनकी पापुलेशन से डिवाइड कर दोगे तो इसको बोलते हैं पर capitaayan कम ठीक है वो भी बढ़ रहा था सेविंग भी ग्रो हो रही थी इन्वेस्टमेंट भी ग्रो हो रही थी देश में सेविंग और इन्वेस्टमेंट क्योंकि हमने ऊपर देखा था फोकस ऑन सेविंग एंड इन्वेस्टमेंट दोनों से ही अवेयरनेस बिल्ड हो रहा था और अवेयरनेस बिल्ड होने की वजह से सेविंग और इन्वेस्टमेंट दोनों बढ़ रहे द इन 19551 रेट ऑफ सेविंग वास 9.5% ऑफ नेशनल इनकम इट इंक्रीज तू 31.3% बिया डी एंड ऑफ 11थ प्लान ग्रोथ और diversrification देखने को मिल रहा था अलग-अलग इंडस्ट्री इसे ग्रो हो रही थी अलग-अलग इंडस्ट्रीज में diversitygation हो रहा था ग्रोथ मतलब इंडस्ट्रीज लग रही थी दो से चार चार से आठ आठ से 12 12 से 32 16 18 25 30 बढ़ती जा रही थी और डायवर्सिफिकेशन मतलब नंबर ऑफ प्रोडक्ट्स नए-नए प्रोडक्ट्स हमें देखने को मिल रहे द तो ग्रो डायवर्सिफिकेशन देखने को मिल रहा था एंप्लॉयमेंट देखने को मिल रहा था हमारे देश में एंप्लॉयमेंट थोड़ा सा ग्रो हो रहा था एंप्लॉयमेंट जो हमारा अनइंप्लॉयमेंट रेट है वो 8.3% से 5.6% ए गया था तो अनइंप्लॉयमेंट रेट भी कम हुआ मतलब प्लानिंग कुछ चीजों में सक्सेसफुल रही और कुछ चीजों में सक्सेसफुल नहीं रही तो अगर आपको ए जाएगी क्या-क्या अचीवमेंट्स रहे हमारी प्लानिंग तो हम बोलेंगे पर कैपिटा इनकम बढ़ा नेशनल इनकम बढ़ा सेविंग इन्वेस्टमेंट बढ़ा ग्रोथ डायवर्सिफिकेशन देखने को मिला और एंप्लॉयमेंट उसके बाद कुछ फैलियर्स भी द कुछ ऐसी चीज थी जो इतनी प्लानिंग करने के बाद भी हम लोग सफल नहीं हो पाए उनको रिमूव करने में जैसे सबसे पहले गरीबी एब्जेक्ट पावर्टी बहुत ज्यादा इमेंस पावर्टी हमारे देश में देखने को मिलती है जिसको दूर करने में हम अभी तक सक्सेसफुल नहीं हो पाए हैं मतलब बहुत सारी प्लानिंग हुई हैं बहुत सारी चीज हुई हैं बट स्टील पावर्टी रीमेंस डी से हमारे देश का इंटीग्रल पार्ट हो चुकी है पावर्टी इसको दूर करने के लिए यूथ को आप सबको हम सबको मिलकर कंट्रीब्यूट करना होगा और सोचना होगा की किस तरीके से हम ज्यादा से ज्यादा चीज कर सकते हैं डेवलपमेंट के तरफ सोच सकते हैं ताकि हम पावर्टी को हटा सकें तो ये एक फैलियर रहा प्लानिंग का दूसरा इन्फ्लेशन महंगाई हम लोग अपनी प्लानिंग के बाद भी इन्फ्लेशन से टैकल नहीं कर का रहे हैं इन्फ्लेशन रीमेंस डी से वैसा ही पावर्टी वैसा ही इन्फ्लेशन महंगाई एक इंटीग्रल पार्ट बन चुका है हमारी इकोनॉमी का और इन्फ्लेशन रेट वैसे ही चलता जा रहा है तीसरा अनम ब्राह्मण बेरोजगारी रहेगा ही रहेगा मतलब ऊपर हमने कहा थोड़ा सा एंप्लॉयमेंट जेनरेट हुआ बट unemployments तेल एक्सिस्ट बेरोजगारी अभी भी है और जैसा हमारा एजुकेशन सिस्टम है जैसा हमारे यहां स्टार है स्किल्स कितनी ज्यादा सिखाई जाती है हमें आप सब जानते ही हो अब जब इतनी ज्यादा स्किल्स स्कूलों में पढ़ जाएंगी तो फिर बच्चा तो बेरोजगार रहेगा ही ना ओवर स्किल सिखा रहे हैं समझ रहे हो मेरी बात को ओवर स्किल इतना ज्यादा स्किलफुल बना देते हैं बच्चों को की बस जॉब थी जॉब्स हो जाएगी वह वहां स्कूल वालों का क्या सिस्टम बनाया है किताबें रखते रहो कम तो मैं कुछ नहीं आएगा बस यह रात लो पॉइंट्स सारे के सारे तो अनइंप्लॉयमेंट हमारे देश का एक मेजर प्रॉब्लम रहा है उसके बाद इन एडेक्वेट इंफ्रास्ट्रक्चर हमारे इंफ्रास्ट्रक्चर इतना अच्छा नहीं हम बात करें पावर रोड्स दम ब्रीड्स स्कूल कॉलेज हॉस्पिटल्स ये अभी तक ineadequate ही रहे हैं इतने साल हो चुके हैं प्लानिंग के अभी तक भी हमारे पास इंफ्रास्ट्रक्चर अच्छे लेवल पे अवेलेबल नहीं है अगला सवाल आता है व्हाट अबाउट डी डिफरेंट गोल्ड ऑफ फाइव ईयर प्लांस की जो हमारे 5 साल प्लानिंग करने की सोच है जो प्लानिंग कमीशन फाइव ईयर प्लांस बना रहा है वहां से हमारा क्या बेसिक गोल्ड है देखो सबसे पहला गोल तो यही है की देश को डिवेलप बनाया जाए हम कब तक डेवलपिंग डेवलपिंग डेवलपिंग में रहेंगे सी वांट इंडिया तू बी लव्ड तो देश को डिवेलप बनाने के लिए किन चीजों पे फोकस करना है याद रखो जेम्स जी ए एम एस जेम्स में सबसे पहले ग्रोथ जब भी मैं ग्रोथ बोलूंगा तो हम टॉकिंग अबाउट जीडीपी ग्रोथ मतलब देश में जीडीपी बढ़ाना बहुत जरूरी है प्रोडक्शन बढ़ाना बहुत जरूरी है डेवलपमेंट होना बहुत जरूरी है देश में जब तक जीडीपी नहीं बढ़ेगा तब तक कंट्रीब्यूशन कैसे होगा हर इंडिविजुअल का प्रोडक्शन जब तक नहीं बढ़ेगा तब तक हम देश की इकोनॉमी में कैसे कंट्रीब्यूट करेंगे तो व्हेन सी टॉक अबाउट ग्रोथ इट इस ऑल अबाउट जीडीपी ग्रोथ आई यानी इक्विटी इक्विटी मतलब किसी भी तरीके का कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए हर सेक्शन ऑफ डी सोसाइटी हर सिटी ऑफ डी सोसाइटी हर एक तरीके से मेल फीमेल हर एरिया इक्वली डेवलप्ड होने चाहिए ऐसा नहीं होना चाहिए की एक सेक्शन तो बहुत अच्छा डेवलपमेंट हो रहा है दूसरा सेक्शन डिवेलप ही नहीं हो रहा है एक सिटी बहुत ग्रो कर गया एक सिटी बैकवर्ड का बैकवर्ड रह गया तो देयर शुड बी इक्विटी इक्वल डेवलपमेंट ऑफ टैक्स प्लेस ठीक है तो ग्रोथ इक्विटी मॉडर्नाइजेशन हमें अपने देश में मॉडर्नाइजेशन देखना है हमें अपने देश में नए-नए टेक्नोलॉजी देखनी है हमें अपने देश में नए-नए अवतार देखने हैं नई-नई चीज देखनी है तो मॉडर्नाइजेशन इसे वेरी इंपॉर्टेंट इसके बाद लाइंस हम इंपोर्ट्स पर डिपेंडेंट ना होके आत्मनिर्भर बन्ना चाहते हैं ये हमारे प्लानिंग के चार गोल्ड रहे हैं जीडीपी ग्रोथ इक्विटी इक्वल डेवलपमेंट ऑफ डी सोसाइटी मॉडर्नाइजेशन एंड सेल्फ याद रखना इसके बाद डिटेल में देखें तो ग्रोथ और मॉडर्नाइजेशन का क्या मतलब है कंसिस्टेंट इंक्रीस इन जीडीपी ग्रोथ ठीक है प्रोडक्टिव कैपिटल बढ़ाना या फिर सर्विसेज बढ़ाना सही है जी ये आप ध्यान से एक बार चेक कर सकते हैं मॉडर्नाइजेशन का मतलब हम लोगों का टेक्नोलॉजी नहीं नहीं आना न्यू टेक्नोलॉजी अडॉप्ट करना सोशल आउटलुक समाज का सोचने का तरीका बदलना लोगों का सोचने का नजरिया बदल ना ये सब मॉडर्नाइजेशन में ए जाता है उसके बाद सेल्फ रिलायंस हम अपने यहां खुद बनाएंगे और इक्विटी का मतलब ऑल सिटीजंस ऑफ वर्क कंट्री बेसिक नीड्स उनकी पुरी हो जैसे फूड क्लॉथ अब हम ए चुके हैं हमारे वही तीन सेक्टर के ऊपर डेट इस एग्रीकल्चर इंडस्ट्री फॉरेन ट्रेड इन दिनों के बारे में पढ़ेंगे 1957 1990 यह पूरा होते ही हमारा चैप्टर हो जाएगा कंप्लीट एग्रीकल्चर के साथ शुरुआत करते हैं फिर ठीक है ना एग्रीकल्चर क्या है हमारे पास आपको पता है एग्रीकल्चर सेक्टर देश में लार्जेस्ट सेक्टर रहा है आज भी है इनफेक्ट और हमारी इंडिपेंडेंस के टाइम पे नियर अबाउट 75% ऑफ डी पापुलेशन एग्रीकल्चर में इंगेज्ड थी तो क्या लिखा है एग्रीकल्चर सेक्टर अकाउंटेंट फॉर डी लार्जेस्ट शेयर ऑफ वर्कफोर्स विद एप्रोक्सीमेटली 72 75% आते डी टाइम ऑफ इंडिपेंडेंस 50 47 50 की बात हो रही है अब हमारे एग्रीकल्चरल के क्या-क्या फीचर्स द और क्या-क्या प्रॉब्लम्स द उसमें भी से ही लिखना क्योंकि जितने भी फीचर्स द वो सभी प्रॉब्लम्स थी देश में ज्यादातर लोग एग्रीकल्चर में है और एग्रीकल्चर पूरा का पूरा ही खराब है प्रॉब्लम्स में चल रहा है क्या क्या प्रॉब्लम चल रही थी एग्रीकल्चर में आप जानते हो मैक्सिमम जैसे प्रोडक्टिविटी कम थी नॉलेज नहीं था टेक्नोलॉजी नहीं था पैसा नहीं था तो प्रोडक्टिविटी बहुत कम थी आउटपुट जितना होना चाहिए था उसके कंपेरटिवली कुछ भी आउटपुट जेनरेट नहीं हो रहा था उसके बाद दिस गैस जाने एंप्लॉयमेंट हमारे देश में ज्वाइन फैमिली सिस्टम रहा है ह यू एफ रहे हैं बहुत ज्यादा हिंदू एंटीवायरस फैमिली जिस वजह से दिस गैज दें एंप्लॉयमेंट बहुत ज्यादा है की एक प्लॉट ऑफ लैंड है उसी पे पूरा परिवार कम कर रहा है भले ही नीड चार लोगों की है लेकिन 10 लोग लगे हुए हैं तो एक तरीके का इनविजिबल अनइंप्लॉयमेंट है जो सामने वाले को समझ नहीं ए रहा है उसको लग रहा है मेरे पास कम है वो एक्चुअल में नहीं है दिस गैस दें एंप्लॉयमेंट जब जरूरत से ज्यादा लोग कम कर रहे होते हैं तो ये एक इंटीग्रल फीचर रहा है हमारे देश का हैवी डिपेंड्स ऑन रेनफॉल क्योंकि अच्छी इरीगेशन फैसेलिटीज नहीं थी पानी की व्यवस्था नहीं थी तो पानी के लिए हमारा कंट्री मैक्सिमम लेवल पे रेनफॉल पे डिपेंडेंट था अगर रेनफॉल अच्छा हो गया तो फसल भी अच्छी होगी रेनफॉल अच्छा नहीं हुआ तो फसल भी अच्छी नहीं होगी सबसिस्टेंस एग्रीकल्चर यहां पर आपको ध्यान देना है की जो हमारा एग्रीकल्चर था वह सब्सटेंस लेवल पर ऑपरेट करता था सबसिस्टेंस का मतलब की हमारे फार्मर्स का आउटलुक ही ऐसा था की ग्रो कर सिर्फ अपने लिए हम कभी सोचते ही नहीं द की हम एग्रीकल्चर से भी बहुत सारा पैसा कम सकते हैं जब हम एग्रीकल्चर को एक्सपोर्ट कर सकते हैं जब हम अपने प्रोड्यूस को बेच सकते हैं मार्केट में हम अपने प्रोडक्ट से आगे बढ़ सकते हैं ग्रो कर सकते हैं तो उसे चीज की बात ही नहीं हुई तो एग्रीकल्चर कमर्शियल लगे सब सिस्टम्स रहा हमारा टेक्नोलॉजी काफी ज्यादा डिप्रेसिएटेड रही है पुरानी रही है खराब रही है और लैंडलॉर्ड तीन एंड कनफ्लिक्ट तो हमेशा से रहा है जमींदारी सिस्टम समझते हैं सब लोग पढ़ाया मैंने आपको लास्ट क्लास में फर्स्ट चैप्टर में की लैंडलॉर्ड तीन एंड में आपस में हमेशा से ही कनफ्लिक्ट रहे हैं लड़ाई झगड़ा रहे हैं आपस में कभी बनी नहीं जिस वजह से एग्रीकल्चर में स्ट्रगल कर एग्रीकल्चर कभी ग्रो नहीं कर पाया तो ये सब हम फीचर्स में लिख सकते हैं और प्रॉब्लम्स में भी यही ए जाएगा अब बात करते हैं इंपॉर्टेंस ऑफ एग्रीकल्चर की एग्रीकल्चर इंपॉर्टेंट क्यों है इतनी प्रॉब्लम है बट स्टिल एग्रीकल्चर बहुत इंपॉर्टेंट है हमारे देश के लिए क्यों है क्योंकि नंबर वैन कंट्रीब्यूशन तू जीडीपी जब इतने सारे लोग एग्रीकल्चर में कम करेंगे तो जीडीपी में भी कंट्रीब्यूट करेंगे ना प्रोडक्शन में भी कंट्रीब्यूट करेंगे ना डेवलपमेंट में भी कंट्रीब्यूट करेंगे ना तो सबसे पहले हमारी जीडीपी ग्रोथ के लिए एग्रीकल्चर का अच्छा होना बहुत इंपॉर्टेंट है तो एग्रीकल्चर इस वेरी इंपॉर्टेंट एग्रीकल्चर मेक अन सिग्निफिकेंट कंट्रीब्यूशन तू जीडीपी इटावा नेकलेस गोइंग तू रिलेटिवली फास्टर ग्रोथ ऑफ सेकेंडरी एंड टेरिटरी सेक्टर सोर्स ऑफ एंप्लॉयमेंट हमारी वर्किंग पापुलेशन में 50% से ज्यादा लोग 50% से ज्यादा लोग एग्रीकल्चर में कम कर रहे हैं तो बहुत सारे लोगों के लिए सोर्स ऑफ एंप्लॉयमेंट एग्रीकल्चर है दिस गैज डी nameplant तो है लेकिन एंप्लॉयमेंट भी है बहुत सारे लोगों को कम यहीं से मिल रहा है तो हमारे देश में एग्रीकल्चर है बहुत बड़ा सोर्स ऑफ एंप्लॉयमेंट है इसके बाद रॉ मैटेरियल्स सारा का सारा जितना भी देश में जाता है वह रॉ मटेरियल सारा कहां से आता है सारा रॉ मटेरियल एग्रीकल्चर से ए रहा है मैनली सर रॉ मटेरियल एग्रीकल्चर से ए रहा है इसके बाद इंडस्ट्रीज को जो प्रोडक्ट चाहिए जो इंडस्ट्रियल गुड्स की डिमांड है वह सारा का सारा एग्रीकल्चर है ना इंडस्ट्री की जो गुड्स हैं भाई इंडस्ट्रीज अगर बड़ी बड़ी ट्रैक्टर बना रही हैं थ्रेसर बना रही है हार्वेस्टर बना रही है तो वो कौन मांग रहा है एग्रीकल्चर ले रहा है उसके साथ साथ इंडस्ट्रीज को जो फ्यूल के लिए लकड़ी चाहिए वो कहां से ए रही है एग्रीकल्चर से ए रही है इंडस्ट्रीज को तो दोनों ही सेक्टर से दूसरे के साथ कोर रिलेटेड है और एक दूसरे के लिए बहुत इंपॉर्टेंट है उसके बाद कंट्रीब्यूशन तू इंटरनेशनल ट्रेड हम बहुत कुछ एक्सपोर्ट करते हैं जैसे टूटे टोबैको कॉफ़ी स्पाइसेज तो देश के एक्सपोर्ट्स में भी एग्रीकल्चर का बहुत बड़ा कंट्रीब्यूशन रहा है उसके बाद हम बात करते हैं अगर प्रॉब्लम्स की तो प्रॉब्लम्स आप खुद से फीचर्स में से निकल सकते हो वही सारी प्रॉब्लम्स आप दोबारा लिख सकते हो इसको आप स्क्रीनशॉट लो और रीडिंग लगा लेना एक वही परमानेंट मेंस ऑफ इरीगेशन पानी अर्थव्यवस्था नहीं है पैसे की प्रॉब्लम है जो लैंड होल्डिंग्स है जो जमीन है वह छोटी-छोटी और बहुत बिखरी भी जमीन है मतलब अगर मैं किसान हूं तो मेरी एक छोटी सी लाइन यहां एक 5 किलोमीटर दूर है 10 किमी दूर है ऐसे हैं मेरे पास एक बड़ा प्लॉट नहीं है अगर बड़ा प्लॉट होगा तो मैं एक ही साथ फार्मिंग कर लूंगा ना अभी मैं कर ही नहीं का रहा हूं अच्छे से फार्मिंग क्योंकि एक तो मेरी लैंड होल्डिंग छोटी-छोटी है और scadard है इसके बाद ऑर्गेनाइज मार्केटिंग सिस्टम नहीं है अगर मैंने किसी तरीके से प्रोडक्शन कर भी ली तो मैं उसको बेचू कैसे 1950 से 1991 के बीच में हमारे पास कोई प्रॉपर सेलिंग सिस्टम नहीं था कोई प्रॉपर मंडी नहीं थी रेट्स नहीं डिसाइड हो पाते द फार्मर्स को अच्छे दम नहीं मिलते द ये सब मार्केटिंग सिस्टम में काफी प्रॉब्लम्स रहे हैं एक्सप्लोइटेटिव aggredient रिलेशनशिप आप जानते ही हो ठीक है की वही लैंडलॉर्ड और t9 में कनफ्लिक्ट बने रहे हैं अब आता है बेटा जी हमारे पास रिफॉर्म्स इस क्वेश्चन को मोस्ट इंपॉर्टेंट मार्क करना सावधान इंडिया लिख लो एग्जाम में पक्का ए रहा होगा की एग्रीकल्चर को डिवेलप करने के लिए इंप्रूव करने के लिए वैन से रिफॉर्म्स ले तो एग्रीकल्चर को डिवेलप करने के लिए मैंने तीन प्रकार के रिफॉर्म्स आए एक है टेक्निकल रिफॉर्म्स एक हैं लैंड रिफॉर्म्स और एक है हमारे पास जनरल रिफॉर्म्स तो एग्रीकल्चर को डिवेलप करने के लिए बेटा जी तीन प्रकार के रिफॉर्म्स हैं जो हमारे देश में आए याद करो टेक्निकल रिफॉर्म्स लैंड रिफॉर्म्स जनरल रिफॉर्म्स सबसे पहले बात करता हूं मैं टेक्निकल रिफॉर्म्स की तो अगर मैं टेक्निकल रिफॉर्म्स की बात करूं इट मेंस की टेक्नोलॉजी में चेंज होना टेक्नोलॉजी में भरपूर मात्रा में चेंज आना यहां से हम टेक्निकल रिफॉर्म्स की बात करते हैं इसका मतलब क्या है इसका मतलब ये है की हम लोग जो भी सीट उसे कर रहे हैं वो अच्छे तरीके के होंगे जितने भी मशीन भी उसे कर रहे हैं वो मॉडर्न होंगी जितने भी टेक्नोलॉजी फॉर्म प्रैक्टिसेज उसे कर रहे हैं वो भी अच्छी होंगी तो टेक्नोलॉजी में बदलाव वो सब टेक्निकल रिफॉर्म्स में ए जाता है जैसे उसे ऑफ हाई एंडिंग वैरायटी सीड्स हम लोग नॉर्मल सीड्स ना उसे करते हुए कुछ अच्छी प्रोडक्टिविटी वाले से स्वीट के लिए बाजार के लिए राइस के लिए मेज के लिए जवाहर के लिए कॉटन के लिए हम उसे करेंगे जिससे प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी दूसरा केमिकल फर्टिलाइजर्स उसे करेगा ये मतलब काफी सारे फर्टिलाइजर उसे करेगा ये ताकि फर्टाइल हो सके लैंड और ज्यादा आउटपुट प्रोड्यूस हो सके देखो हर चीज के ड्रॉबैक्स भी होते हैं तो उसके डिमैरिट्स भी हैं जो अभी पढ़ेंगे बट फिलहाल उसे करें जा रहे द आगे अन न्यू टेक्नोलॉजी इंसेक्टिसाइड पेस्टिसाइड्स उसे करेगा इंसेक्ट्स और पेस्ट दो ऐसी चीज हैं जो फसल को नुकसान पहुंचती है इंसेक्ट्स आपके लिए क्लीयरली विजिबल होते हैं बेस्ट छोटे-छोटे येलो ये हो जाते हैं उसके ऊपर फसल के ऊपर पुरी फसल खराब कर देते हैं तो उनको डिस्ट्रॉय करने के लिए इंसेक्टिसाइड और पेस्टिसाइड्स का उसे कर गया उसके बाद साइंटिफिक फॉर्म मैनेजमेंट प्रैक्टिस फॉर्म मैनेजमेंट की जमीन के ऊपर साइंटिफिक तकनीक सब उसे कारी गई क्योंकि हम सिंगल क्रॉपिंग में अगर हम मल्टी क्रॉपिंग कर रहे द तो उसके लिए अच्छी-अच्छी टेक्नोलॉजी इस भी चाहिए अच्छी-अच्छी प्रैक्टिसेज भी चाहिए तो तकनीक ऑफ फार्मिंग चेंज कर गया और साइंटिफिक उसे करेंगे दें सी हैव लैंड रिफॉर्म्स ज़मीन के ऊपर जमीनी स्टार पे लैंड बेसिस पे क्या रिफॉर्म्स ले गए सबसे पहला रिफॉर्म था इंटरमीडिएट खत्म करेगा यानी ये mekshar कर गया की जिसकी जमीन है वो खुद खेती करें इंटरमीडिएट वो जो गवर्नमेंट लैंडलॉर्ड और टिनेंट के बीच का एक रिश्ता बना हुआ था ना वो खत्म कर गया इंटरमीडिएट ही कोई नहीं होगा फॉर्मर खुद अपनी खेती करें किसान अपनी खुद खेती करें अपनी जमीन पे इंटरमीडिएट ही बिटवीन डी स्टेट एंड एक्चुअल ट्रेलर ऑफ डी सॉइल पॉपुलर नॉन अस जमीदार हैव बिन अबॉलिश्ड एल्डो पूरा अच्छे से तो खत्म नहीं हो पाया ड्रॉबैक रहा बट कोशिश करिए की जमीदार खत्म हो जाए रेगुलेशन ऑफ रेंट जो रेंट था जो एक्सेस इन लीगल गलत तरीके से रेंट वसूला जाता था किसने से वो खत्म कर गया रूल्स रेगुलेशंस बनाएगा और ये कहा गया की जो रेंट हो सकता है अगर आपको रेंट लेना ही है फार्मिंग से फॉर्मर से तो वो मैक्सिमम वैन थर्ड ऑफ डी वैल्यू ऑफ क्रॉप्स हो सकता है मतलब जितना भी आप क्रॉप प्रोड्यूस कर रहे हो उसका 1/3 हो सकता है मैक्सिमम अगर ₹90 की क्रॉप है तो उसका 1/3 यानी ₹30 मैक्सिमम रेंट हो सकता है दें कौन सोलिडेशन ऑफ होल्डिंग्स कंसोलिडेशन ऑफ होल्डिंग्स का क्या मतलब होता है की जो अभी मैंने आपको ऊपर है ना स्कैटर्ड होल्डिंग्स दूर-दूर दूर-दूर बिखरी भी होल्डिंग्स थी दूर-दूर ज़मीन थी उनको कंसोली डेट कर गया उनको एक साथ लेके आया गया तो होल्डिंग्स को स्केटर को कंसोलिडेटेड बनाया गया उसके बाद सीलिंग जॉन लैंड होल्डिंग्स लैंड होल्डिंग्स के ऊपर सीलिंग्स लगाई गई सीलिंग्स का मतलब फिक्स रखा गया सो डेट जो हमारा चार मेजर बॉल्स द ग्रोथ एक वीडी मॉडर्नाइजेशन सेल्फ जो इक्विटी वाला गोल है इक्विटी का मतलब क्या था एक वीडियो का मतलब की सबको एक समान फायदा मिले सबको एक समान मौका मिले तो अगर एक के बाद बहुत ज्यादा जमीन होगी एक के बाद बहुत कम तो इक्विटी तो नहीं है ना इसलिए सीलिंग लगाई गई की आप एक मैक्सिमम इतनी ज़मीन रख सकते हो इससे ज्यादा नहीं तो सीलिंग ताकि इक्विटी जेनरेट हो पाए विदाउट यू डू प्रमोट इक्वलिटी इन डी डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ लैंड सीलिंग हज बिन इंपोज सीलिंग का मतलब होता है लिमिट ठीक है अब जनरल रिफॉर्म्स की अगर मैं बात करूं तो जनरल रिफॉर्म्स में कुछ जनरल चीज लेके आई गई सर जनरल चीज जैसे इरीगेशन फैसेलिटीज अच्छी कारी है पानी की व्यवस्था प्रोविजन ऑफ क्रेडिट बहुत सारी क्रेडिट सोसाइटी बहुत सारे बैंक्स एस्टेब्लिश करेगा ताकि किसने तक पैसा पहुंचा जा सके क्रेडिट पहुंचा जा सके रेगुलेटेड मार्केट कुछ अच्छी मार्केट के लिए रूल्स और रेगुलेशंस बनाए गए की मार्केट में किस तरीके से सिस्टम चलेगा कोऑपरेटिव मार्केटिंग सोसाइटी बनाई गई कोऑपरेटिव मार्केटिंग सोसाइटी का मतलब हो गया की हमारी जो किसान इंडिविजुअल ना बेच के ग्रुप में सेल करें अपनी फसल को क्योंकि अगर अकेला बेचता तो किसान आपस में ही लड़ रहा था और जब ऐसा ग्रुप सेल करेंगे तो अच्छा प्राइस मिलेगा तो इसलिए कोऑपरेटिव मार्केटिंग सोसाइटी बनाई गई प्राइस सपोर्ट पॉलिसी आप सब जानते हो एसपी किसने को कम से कम एक मिनिमम सपोर्ट प्राइस दिया गया की आपकी फसल कम हम इतने की हम खरीद लेंगे अगर कोई और नहीं खरीदेगा तो सरकार में एक शोर कर रही थी तो तीन तरीके के रिफॉर्म्स टेक्निकल रिफॉर्म्स जनरल रिफॉर्म्स लैंड रिफॉर्म्स ये अच्छे से लर्न कर लेना पेपर में पक्का ए रहे होंगे इसके बाद हमारे पास आता है ग्रीन रिवॉल्यूशन एक बहुत ही इंपॉर्टेंट और बहुत ही अच्छा टॉपिक ग्रीन रिवॉल्यूशन नाम में ही है फसल के ऊपर रिवॉल्यूशन ग्रीन रिवॉल्यूशन हमारे पास याद रखना दो फेस में आया पहला फेस मिड 60s में यानी 65 66 में आया उसे scenariyon में वहां पे कन्वेंशनल सीड्स छोड़ के ह ए सी हाई एंडिंग वैरायटी सीड्स को प्रमोट कर गया सो डेट अच्छी प्रोडक्टिविटी हो पाए अच्छी फसल हो पाए और ग्रोथ ऑफ एग्रीकल्चर हो पाए तो क्या लिखा है ग्रीन रिवॉल्यूशन रेफर्स तू बड़ी इंक्रीस इन प्रोडक्शन ऑफ फूड ग्रेस ड्यू तू उसे ऑफ ह वे बी सी ग्रीन रिवॉल्यूशन की क्यों जरूरत थी क्योंकि इंडियन एग्रीकल्चर मानसून पे डिपेंडेंट था और प्रोडक्टिविटी काफी कम थी ठीक है अब इसको दूर करने के लिए ग्रीन रिवॉल्यूशन लेके आया गया जिसमें हम नॉर्मल सीड्स को छोड़कर उसे करेंगे और ज्यादा से ज्यादा प्रोडक्शन प्रोडक्टिविटी हो पाएगी ग्रीन रिवॉल्यूशन से हुआ क्या ग्रीन रिवॉल्यूशन ने सरकार को इनेबल कर की हम लोग अब इतना स्टॉक प्रोड्यूस कर रहे हैं की हम सेल्फ सफिशिएंट हो सकते हैं ठीक है उसके बाद जो लो इनकम लेवल ग्रुप हैं जो एक बड़ी परसेंटेज ऑफ इनकम फूड पे लगाते द उनको फायदा हुआ क्योंकि जब मार्केट में सप्लाई इतनी ज्यादा होगी मार्केट में जब प्रोडक्ट अवेलेबल होगा तो थोड़ा सा प्राइस कम मिल जाएगा तो लो इनकम लेवल ग्रुप को भी खाना आप सस्ते रेट पे मिल रहा था उसके साथ-साथ केमिकल फर्टिलाइजर्स जब हम उसे कर रहे द तो उससे हमें फॉलो इन करने की जरूरत नहीं है फॉलोइंग का क्या मतलब होता है देखो जब एक फसल ग्रो हो जाती है तो वो सोइली के सारे न्यूट्रिएंट्स अब्जॉर्ब कर देती है मतलब की जमीन की फर्टिलिटी सारी खत्म हो जाती है जब एक फसल ग्रो हो जाती है तो एक टाइम के बाद एक फसल के बाद जमीन को कुछ टाइम के लिए ऐसे ही बंजर छोड़ा जाता है बैरन छोड़ा जाता है सो डेट वह अपनी फर्टिलिटी वापस से ला पाए उसको हम फॉलोइंग बोलते हैं तो फॉलोइंग को खत्म कर गया क्योंकि आप केमिकल फर्टिलाइजर उसे कर रहे हैं तो फॉलोइंग की नीड ही नहीं दिख रही थी उसके बाद एक चेंज आया फॉर्मर की सोच में फार्मर के आउटलुक में फार्मिंग अब सबसिस्टेंस ना हो के फॉर्मर भी कमर्शियल तरीके से देख रहे द की हम फार्मिंग से पैसा भी कम सकते हैं ठीक है जी ये हमारे ग्रीन रिवॉल्यूशन के इंपैक्ट्स ए गए ग्रीन रिवॉल्यूशन में कुछ रिस्क द कुछ लिमिटेशंस द सबसे पहले जो रिस्क था वो ये था की एक तो पेस्ट अटैक बहुत ज्यादा होता था कीड़े काफी ज्यादा लगते द पानी बहुत ज्यादा चाहिए होता था मतलब जब भी आप हाइब्रिड उसे करोगे तो ज्यादा पानी चाहिए तो हर किसी के पास तो इरीगेशन फैसेलिटीज नहीं है तीसरी चीज इसके अंदर एक क्रिएट हो गई इन इक्वलिटी क्योंकि ये जो सीट्स हैं महंगे द एक नॉर्मल किसान इनको अफोर्ड ही नहीं कर सकता था तो महंगे से unfortable रहे गरीब किसने के लिए तो अमीर जो पहले से ही अमीर है उसने खरीदा और प्रोडेक वीडियो और बढ़ा ली और पैसा कमाया तो अमीर और अमीर होता चला गया गरीब और गरीब होता चला गया तो तीन प्रॉब्लम्स हैं पेस्ट अटैक इंक्रीजिंग इनकमिंग इक्वालिटीज और इरीगेशन फैसेलिटीज की प्रॉब्लम रही है लिमिटेशंस यह रही की ये सिर्फ और सिर्फ वीट और राइस तक रहा और ग्रीन रिवॉल्यूशन पूरे इंडिया में नहीं हुआ कुछ सिलेक्टिव स्टेटस में हुआ ठीक है जैसे की पंजाब में हुआ हरियाणा में हुआ लेकिन ईस्टर्न अप में बिहार में मध्य प्रदेश में इसका कोई इंपैक्ट दिखाई नहीं दिया इसने बेनिफिट कर सिर्फ richformers को छोटे फार्मर्स को इससे कोई बेनिफिट नहीं हुआ और पानी बहुत ज्यादा उसे होता था मैंने आपको बताया था वाटर लेवल भी काफी नीचे चला गया था एचआईवी सीड्स की उसे की वजह से ठीक है तो दिस वैसे ऑल अबाउट एग्रीकल्चर सेक्टर मुझे उम्मीद है आप लोगों को एग्रीकल्चर सेक्टर के बारे में चीज समझ आई होंगी अब हम मूव फॉरवर्ड करते हैं और चलते हैं इंडस्ट्रियल सेक्टर की तरफ इंडस्ट्रियल सेक्टर में क्या है जी लिए सबसे पहले शुरुआत करते हैं इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट का मतलब क्या होता है आप जानते ही हो इंडस्ट्रीज चाहे वो स्मॉल स्केरी इंडस्ट्रीज हो चाहे वो बड़ी स्केल इंडस्ट्री हो बिना इंडस्ट्री के भी कोई भी देश नहीं चल सकता तो इंडस्ट्री का डेवलपमेंट भी उतना ही इंपॉर्टेंट है जितना एग्रीकल्चर का डेवलपमेंट है तो क्या लिखा है इंडसइंड डेवलपमेंट इसे डी बिल्डिंग एंड ग्रोइंग ऑफ इंडस्ट्रीज इन इकोनॉमी इंडस्ट्रीज में मास प्रोडक्शन और बहुत सारी सर्विसेज आती हैं अब अगर हम बात करें हमारे देश के इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट की तो आपको मैंने ऊपर बता दिया था की मेजर रोल कौन निभाएगा पब्लिक सेक्टर नहीं पाएगा क्योंकि प्राइवेट सेक्टर में उसे टाइम पे सिर्फ डाटा और बिरला दो ऐसी इंडस्ट्रीज है जो अवेलेबल थी बाकी सिर्फ जो हमारा पब्लिक सेक्टर है वही मेजर रोल निभाएगा स्मॉल कैलेंडर में तो पब्लिक एंटरप्राइजेज प्ले अन सेंटर रोल इंडस्ट्रियलिज्म में जो फोकस था याद रखना इंपोर्ट सब्सीट्यूशन पर था इंपोर्ट्स सब्सीट्यूशन का मतलब है बेसिकली आत्मा निर्भर निर्भर कैसे लिखेंगे कुछ तरीके से लिखेंगे क्या सब्सीट्यूट करेंगे डोमेस्टिक प्रोडक्शन से आज फार आज पॉसिबल डोमेस्टिक इंडस्ट्री को बचाया जाएगा कैसे बचाएंगे एक तो इंपोर्ट ड्यूटी लगाएंगे और इंपोर्ट कोटा इसका मतलब होता है सीलिंग लिमिट्स लगाएंगे यानी क्वांटिटी पे भी रिस्ट्रिक्शन लगाया जाएगा क्वांटिटी रिस्ट्रिक्शन कितना इंपोर्ट कर सकते हो इलाज करें इंडस्ट्री में भी फोकस किया जा रहा था तो ये इंडस्ट्री के बारे में ए जाता है उसके बाद पॉजिटिव और नेगेटिव इंपैक्ट्स क्या-क्या हुए सबसे पहले पॉजिटिव इंपैक्ट्स देख लेते हैं पब्लिक सेक्टर ने अपना रोल निभाना शुरू कर देश डेवलपमेंट की तरफ चल रहा था देश आजाद हुआ था नया-नया तो पुश मिला इंडस्ट्री ग्रो होने लगी इकोनॉमिक ग्रोथ गो अन बिग पुश इंडस्ट्रियल आउटपुट रिकॉर्डिंग डांस सिग्निफिकेंट राइस इंडस्ट्रियल आउटपुट हमारा बढ़ाने लगा भाई देश में डिमांड बढ़ेगी ना इसके बाद स्मॉल स्केल इंडस्ट्री में भी ग्रोथ देखने को मिली ठीक है और हम ग्रोथ विथ सोशल जस्टिस तक पहुंच रहे द ओवरऑल ग्रोथ पैटर्न जो था इकोनॉमी में उसने काफी अच्छा डेवलपमेंट दिखाया था और हम सोशलिस्ट पैटर्न को फॉलो कर रहे द यानी ग्रोथ भी हो रही थी और एक सोशल वेलफेयर भी हो रहा था अगर हम बात करें तो डिमैरिट तो आप सब जानते ही हो सब कुछ अगर पब्लिक सेक्टर निभाएगा तो उसके अंदर कंपटीशन ना होने के कारण बहुत सारा करप्शन देखने को मिल रहा था लाइसेंसिंग की जब हम बात करते हैं की अगर किसी भी प्राइवेट एंटरप्रेन्योर को इंडस्ट्री लगानी थी तो उसको लाइसेंस लेना था वह लाइसेंस नहीं मिल रहे द जल्दी से आपने पढ़ा भी होगा करप्शन अंडर डी लाइसेंस राज बहुत ज्यादा करप्शन रहा हर लाइसेंस के लिए बहुत पैसा वसूल किया जाता था सोशल डेड वेट बन चुकी थी हमारे लिए बहुत सारी पब्लिक इंडस्ट्रीज हमारे लिए जो कंट्रीब्यूशन पब्लिक इंडस्ट्री को करना चाहिए था वह नहीं कर का रही थी तो प्राइवेट सेक्टर के अब नीड नज़र ए रही थी सरकार को ऐसा लगा था की प्राइवेट सेक्टर जरूरी है क्योंकि मोनोपोली हो चुकी थी ना कोई कंपटीशन था नहीं एक डेड सोशल वेट बन गए द मतलब हमारे ऊपर वही धरती पे बोझ बन गए द सेविंग फॉर नेक्स्ट चैन थोड़ी इंपोर्ट्स सब्सीट्यूशन प्रोप तू बी इन एफिशिएंट पॉलिसी फॉरेन एक्सचेंज बचाना इंपोर्ट सब्सीट्यूशन हमारे लिए इन एफिशिएंट पॉलिसी बन गई थी बहुत ज्यादा हमें मदद नहीं कर का रही थी यह पॉलिसी ठीक है जी उसके बाद रोल ऑफ पब्लिक सेक्टर इंडस्ट्री डेवलपमेंट पब्लिक सेक्टर में क्या रोल निभाया इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट में या क्या कारण द पब्लिक सेक्टर को मेजर रोल क्यों दिया गया था सबसे बड़ी बात शॉर्टेज ऑफ कैपिटल विद डी प्राइवेट सेक्टर मैं आपको पहले ही बता चुका हूं की इंडस्ट्री लगाने के लिए जितना पैसा चाहिए जितनी कैपिटल चाहिए वो प्राइवेट सेक्टर के पास अवेलेबल ही नहीं थी और अगर थी भी तो प्राइवेट सेक्टर बिना प्रॉफिट के तो कम नहीं करेगा ना लॉक ऑफ इंसेंटिव फॉर प्राइवेट सेक्टर प्राइवेट सेक्टर को ऐसा लगता था यार हमें प्रॉफिट तो मिल ही नहीं रहना गवर्नमेंट चाह रही है की हम सोशल वेलफेयर के साथ कम करें सोशल वेलफेयर सोशल वेलफेयर सोशल वेलफेयर बिना प्रॉफिट के कम नहीं हो रहा उसके बाद ऑब्जेक्टिव ऑफ सोशल वेलफेयर हो तो वो सिर्फ पब्लिक सेक्टर ही कर सकता था तो शॉर्टेज ऑफ कैपिटल था इंसेंटिव नहीं था प्राइवेट सेक्टर के लिए और सोशल वेलफेयर का जो मोटिव था वो प्राइवेट सेक्टर के बस की बात नहीं थी इसके बाद इंडस्ट्रियल पॉलिसी रेजोल्यूशन 1956 वेरी वेरी इंपॉर्टेंट 100% आपके एग्जाम में ए रहा होगा ये टॉपिक ध्यान से प्रिपेयर कर लेना देखो हमने अभी पढ़ा की इंडस्ट्रियल ग्रोथ के लिए इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के लिए पब्लिक सेक्टर का रोल बहुत इंपॉर्टेंट है बहुत बहुत इंपॉर्टेंट है क्योंकि प्राइवेट सेक्टर बिना इन sentitive के कम नहीं करेगा तो इंडस्ट्री में गवर्नमेंट क्या करें गवर्नमेंट सबसे पहले एक इंडस्ट्री के लिए रेजोल्यूशन लेकर आया था जिसका नाम था इंडस्ट्रियल पॉलिसी रेजोल्यूशन 1948 याद रखना इंडस्ट्रियल पॉलिसी रेजोल्यूशन 1948 लेकिन वो थोड़ा सा फैल हो गया पॉलिसीज इतनी अच्छी नहीं थी तो उसको रिवाइज करके नया आईपीआर आया इंडस्ट्रियल पॉलिसी रेजोल्यूशन 1956 तो अगर एमसीक्यू में आपसे पूछ ले की पहला आईपीआर तो याद रखना 1948 दूसरा आईपीएल 1956 ठीक है अब आईपीएल 1956 क्या था इबर 1956 से क्लियर और लाउड डिक्लेरेशन था गवर्नमेंट ऑफ इंडिया का क्लियर और लाउड डिक्लेरेशन था गवर्नमेंट ऑफ इंडिया का डेट सी विल बी प्लेइंग डी लीडिंग रोल हम लीडिंग रोल निभाएंगे इन डी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट ऑफ डी कंट्री देश के इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट में मेजर रोल हमने bhaege देश की इंडस्ट्री को ग्रो करने में हम लोग कंट्रीब्यूट करेंगे हम देश की सभी इंडस्ट्रीज को तीन सेगमेंट्स में बांट देंगे एक रखेंगे शेड्यूल वैन एक रखेंगे शेड्यूल तू एक रखेंगे शेड्यूल थ्री शेड्यूल वैन में हम कुछ इंडस्ट्रीज रखेंगे तो भी प्रेस साइज 17 इंडस्ट्रीज रखेंगे जो की कंपलीटली सरकार के अंडर आएंगे पुरी की पुरी सरकार के अंडर होंगी शेड्यूल सेकंड में हम लोग 12 इंडस्ट्रीज रखेंगे जिसमें दोनों मिल के कम करेंगे पब्लिक सेक्टर भी प्राइवेट सेक्टर भी लेकिन मेजर रोल गवर्नमेंट निभैगी मेजर रोल्स ज्यादा रोल गवर्नमेंट निभैगी प्राइवेट सेक्टर का सिर्फ सपोर्टिंग रोल होगा शेड्यूल 3 में हम बची हुई इंडस्ट्रीज रखेंगे यानी 17 पहले में सरकार ने कब्जे में कर ली 12 भी ऑलमोस्ट कमेंट कर ली क्योंकि मेजर रोल गवर्नमेंट ही नहीं मारा था बाकी जो बच गई वो सब शेड्यूल थ्री में दल देंगे उसमें प्राइवेट सेक्टर को देंगे मौका की यहां आप कर लो लेकिन वो भी लाइसेंस लेकर तो क्या है देखो इंडस्ट्रियल पॉलिसीज कंप्रिहेंसिव पैकेज ऑफ पॉलिसी मेजर विच कवर वेरियस इश्यूज कंसर्न विद डिफरेंट इंडस्ट्रीज आफ्टर इंडस्ट्रियल पॉलिसी 1948 इंडियन इकोनॉमी हेड तू फेस अन सीरीज ऑफ प्रॉब्लम्स सीरीज ऑफ चेंज विच नेसेसरी डेट डी नीड फॉर अन फ्रेश इंडस्ट्रियल पॉलिसी तो गवर्नमेंट ने क्या कर एक नया आईपीआर आया लीडिंग रोल निभाना के लिए बोला आईपीएल 1956 जिसमें तीन शेड्यूल ए बी सी शेड्यूल ए में 17 इंडस्ट्रीज राखी गई जैसे की कम्युनिकेशन एटॉमिक एनर्जी हैवी एंड कोर इंडस्ट्रीज एयरक्राफ्ट ऑयल रेलवे शिपिंग यस सारी की सारी एक्सक्लूसिवली आंड बाय गवर्नमेंट होगी शेड्यूल बी में 12 इंडस्ट्रीज राखी गई जो की प्रोग्रेसिव स्टेट ऑन होंगी यानी मिलके कम करेंगे लेकिन ज्यादा रोल गवर्नमेंट का होगा शेड्यूल सी में बची हुई इंडस्ट्री जो की सारी की सारी प्राइवेट सेक्टर के हाथ में जाएंगे उसके बाद इंडस्ट्रियल लाइसेंस मैंने आपको बता ही दिया की अगर प्राइवेट सेक्टर को दिया गया है तो हर चीज के लिए लाइसेंस लेना होगा अगर आपको इंडस्ट्री सेटअप करनी है तब भी लाइसेंस लो एक्सपेंशन करना है तो अभी लाइसेंस लोड डायवर्सिफिकेशन करना है तो भी लाइसेंस लो इंडस्ट्रियल कंसेशन प्राइवेट एंटरप्रेन्योर्स को जो हमारे स्पेशल इकोनॉमिक जोंस द जहां पर इंडस्ट्रीज की जरूरत थी वहां पर इंडस्ट्री लगाने के लिए कंसेशन दिए गए बेनिफिट्स दिए गए की आप इन पार्टिकुलर रीजंस में अगर इंडस्ट्री लगाते हो तो हम आपको बेनिफिट्स देंगे जैसे कंसेशन दे देंगे टैक्स पे कंसेशन दे देंगे वाटर सप्लाई पे कंसेशन दे देंगे इलेक्ट्रिसिटी पे ये सब बेनिफिट्स दिए गए द अब आता है जी इंडस्ट्रियल लाइसेंस इंडस्ट्रियल licenceing आप जानते ही हो की अगर आपको इंडस्ट्री लगानी है तो आपको रिटर्न परमिशन चाहिए होगी गवर्नमेंट से चाहे आप इंडस्ट्रीज सेटअप कर रहे हो चाहे एक्सपेंशन करो चाहे डायवर्सिफिकेशन करो हर तरीके से लाइसेंस की जरूरत होगी ठीक है जी ये आप एक बार रीडिंग लगा लेना इसको रीड लगाकर फिर आगे बढ़ते हैं अब आता है जी छोटी-छोटी इंडस्ट्रीज स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज देखो साफ-साफ लिखा हुआ है स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज वो इंडस्ट्रीज है जिसमें जो इन्वेस्टमेंट है फिक्स्ड असेट्स में वो 1 करोड़ से ऊपर नहीं है यानी वो सभी इंडस्ट्रीज जिसमें जो इन्वेस्टमेंट इन प्लांट एंड मशीनरी है वो 1 करोड़ से कम है उसको हम स्मॉल कैलेंडर बोलते हैं स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज इन विच मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्शन एंड rentering ऑफ सर्विसेज आर डैन ऑन माइक्रो बेसिस इंडस्ट्री मेक अन वैन टाइम इन्वेस्टमेंट इन मशीनरी प्लांटेड इन इंडस्ट्रीज बट इट दस नॉट एक्सीड रस 1 करोड़ पहले ये जो सीलिंग थी ये 2500000 थी पहले हम स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज को बोलते द जिसमें ये इन्वेस्टमेंट 25 लाख तक थी बाद में इसे बढ़ा के 1 करोड़ कर गया तो अब देश में मैक्सिमम इंडस्ट्रीज यही है स्मॉल स्क्रीन इंडस्ट्रीज है ठीक है ये बहुत इंपॉर्टेंट इंडस्ट्रीज है हमारे लिए क्योंकि ये प्रोडक्शन बढ़ा के देती हैं एक्सपोर्ट बहुत ज्यादा होता है यहां से एंप्लॉयमेंट मिलता है बहुत सारे लोगों को वेलफेयर होता है बहुत सारे लोगों का तो यही इंडस्ट्रीज बहुत बहुत इंपॉर्टेंट है क्योंकि हमारे देश में मैक्सिमम इंडस्ट्रीज स्मॉल स्केल ही हैं तो काफी ज्यादा कंट्रीब्यूशन है हमारे देश में स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज का डेवलपमेंट अब हमारे पास ए रहा है आखिरी सेक्टर इस चैप्टर में चैप्टर बस अंतिम सांसे ले रहा है जिसको हम लोग बोलते हैं फॉरेन ट्रेड हमने एग्रीकल्चर पढ़ा हमने इंडस्ट्री पढ़ा अब हम बात करेंगे हमारे फॉरेन ट्रेड की फॉरेन ट्रेड का मतलब की हम कितना व्यापार करते हैं कितना एक्सपोर्ट इंपोर्ट करते हैं तो अगर बात करें फॉरेन ट्रेड की तो एक्सचेंज ऑफ कैपिटल गुड्स एंड सर्विसेज अक्रॉस इंटरनेशनल बॉर्डर्स अगर हम बात करें हमारे फॉरेन ट्रेड की तो फॉरेन ट्रेड में क्या-क्या चीज ए जाती हैं देखो सबसे पहले नंबर वैन डिक्लाइन इन परसेंटेज शेयर ऑफ एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट्स हमारे जो एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट्स है वह डिक्लाइन हो रहे द डिक्लाइन क्यों हो रहे द क्योंकि हमारे देश में काफी डिमांड हो रही थी हमारे देश में बहुत डिमांड हो रही थी हम डोमेस्टिक प्रोडक्शन में इमले कर रहे द प्लस पापुलेशन बहुत बढ़ रही थी तो देश में काफी डिमांड थी इंडिया स्टार्टेड यूजिंग इट्स फॉर्म प्रोडक्शन इस रॉ मटेरियल फॉर डोमेस्टिक इंडस्ट्रीज सब्सटेंशियल राइज हुआ पापुलेशन में उससे भी डोमेस्टिक कंजप्शन काफी ज्यादा बढ़ा डिक्लाइन इन परसेंटेज शेयर ऑफ कन्वेंशनल आइटम कन्वेंशनल आइटम्स जैसे की जुटी फूड ग्रेस मिनरल्स या आइटम्स हमारा एक्सपोर्ट होता था बुक आते डी टाइम ऑफ इंडिपेंडेंस बट वो भी थोड़ा-थोड़ा कम होने लगा क्योंकि देश में बहुत इनकी डिमांड होने लगी इंक्रीज इन परसेंटेज शेयर ऑफ मैन्युफैक्चर्ड गुड्स जो हमारे मैन्युफैक्चर्ड गुड्स हैं वो एक्सपोर्ट्स में काफी बड़े हैं मतलब की बहुत सारी चीज हम मैन्युफैक्चर कर रहे द हमारे देश में जो हमारे एक्सपोर्ट में परसेंटेज बढ़ रही थी धीरे-धीरे डिवेलप होती जा रही थी नेक्स्ट आता है इसके अंदर इंपॉर्टेंट टॉपिक जो की पक्का पूछा जाएगा डेट इस इंपोर्ट सब्सीट्यूशन और इन्वेद लुकिंग ट्रेड्स स्ट्रेटजी इंपोर्ट्स सब्सीट्यूशन या ineword लुकिंग ट्रेड स्ट्रीट्स क्या होता है इसको ध्यान से समझने की कोशिश करेंगे इंपोर्ट सब्सीट्यूशन का मतलब ये होता है की हम जितनी भी चीज पहले इंपोर्ट कर रहे द वो हम अब इंपोर्ट नहीं करेंगे फॉरेन ट्रेड में गवर्नमेंट ने 40 सालों में ये पॉलिसी फेस कारी है फॉलो करिए की हम जो भी चीज पहले इंपोर्ट करते द वो हम अब इंपॉर्टेंट नहीं करेंगे हमारे देश में ही प्रोड्यूस करेंगे सी विल सब्सीट्यूट इंपोर्ट विद डोमेस्टिक प्रोडक्शन क्या है जी इंपोर्ट सब्सीट्यूशन रेफर्स तू अन पॉलिसी ऑफ रिप्लेसमेंट और सब्सीट्यूशन ऑफ इंपोर्ट बाय डोमेस्टिक प्रोडक्शन डी बेसिक एम वेरी इंपॉर्टेंट क्या क्या पर्पस था बेसिक पर्पस था फौरन कंपटीशन से हमारी इंडस्ट्रीज को बचाना हम इंपोर्ट नहीं करेंगे बाहर की कंपनी इसको घुसने नहीं देंगे हमारे देश में उसके साथ-साथ हमारा फॉरेन एक्सचेंज भी बचेगा हम सेल्फ-relliant भी होंगे तो काफी सारे बेनिफिट्स इसके अंदर द सरकार बचाना चाहती थी फॉरेन एक्सचेंज को और फोकस कर रही थी की हम इंपोर्ट को जितना हो सके रोके और हमारे देश में बनाए सब कुछ इसके बाद क्या आता है स्पेसिफिकेशन हुआ काफी ज्यादा हमारे देश में काफी ज्यादा इंडस्ट्रियल ग्रोथ देखने को मिला काफी सारे नए प्रोडक्ट्स देखने को मिले और इन्वेस्टमेंट ऑपच्यरुनिटीज बनी बहुत सारे लोगों ने इन्वेस्ट कर देश में पैसा लगा देश ग्रो करने लगा उसके साथ बेड इंपैक्ट्स क्या है बहुत सारी इनएफिशिएंट पब्लिक मोनोपोलिस्ट बन गई पब्लिक मोनोपोली इसका मतलब है पब्लिक सेक्टर की सरकारी बहुत सारी इंडस्ट्रीज बन गई जो इतनी एफिशिएंट नहीं है बट क्योंकि कंपटीशन ही नहीं है तो वो कम कर ही नहीं रहे बस वैसे ही है चल रहा है कोई कंपटीशन तो है नहीं बाहर से कोई कंपनी तो कंप्लीट करनी थी तो कोई ग्रोथ पे ध्यान नहीं दे रहा उसके साथ कंपटीशन नहीं है तो वही बस पुराने तरीके से ही चलते जा रहा है सिस्टम कोई ग्रोथ हमें देखने को नहीं मिल रही इसके बाद किस तरीके से प्रोटेक्शन किया जाता था इंपोर्ट्स को कैसे बंद कर गया दो चीजों से तारीफ और कोटा टेरेस क्या है क्वांटिटी डील्स क्वांटिटी सीलिंग हम टैक्स भी लगाएंगे और अगर आप तब भी इंपोर्ट करोगे तो एक इतना की क्वांटिटी में कर सकते हो इससे ज्यादा नहीं कर सकते ठीक है रीजन क्या द इंपोर्ट सब्सीट्यूशन के आपको पता ही है एक तो फॉरेन एक्सचेंज बचाना दूसरा कंपटीशन से बचाना इसके बाद बेटा जी हमारे पास लास्ट आता है ये अप्रेजल अप्रेजल का मतलब की ओवर ऑल अगर देखा जाए तो क्या-क्या हुआ है 1950 से 1990 में इसको आप एक बार रीड अप कर लेना और रीड करने के बाद आपका चैप्टर हो जाएगा समाप्त तो इसी के साथ हमारा चैप्टर नंबर तू वैन शॉर्ट में खत्म हो जाता है 40-50 मिनट का वीडियो हो गया होगा बट उम्मीद है आपको क्लियर हुआ होगा 2X पे देख लो बहुत अच्छे से हो जाएगा और सारे विजय हो जाएगा नेक्स्ट क्लास में हम कवर करेंगे चैप्टर नंबर थ्री और उसको भी कंप्लीट करेंगे थैंक यू सो मच एवरीवन ऑफ सी अलसो वोन तिल दें की ग्रोइंग एंड कीप ग्रोइंग [संगीत]