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मॉलिक्यूलर बेसिस ऑफ इन्हेरिटेंस
Jul 19, 2024
Molecular Basis of Inheritance - Lecture Notes
इंट्रोडक्शन
"मॉलिक्यूलर बेसिस आफ इन्हेरिटेंस" (संकेतों की आणविक आधारशिला)
एक शॉट लेक्चर, स्कूल एग्जाम और नीट के लिए उपयोगी
ध्यान से सुनें और समझें; सभी महत्वपूर्ण पार्ट्स कवर होंगे
स्ट्रैटेजी
न्यूक्लिक एसिड स्ट्रक्चर (डीएनए और आरएनए)
टॉपिक: डीएनए और आरएनए के बारे में जानकारी
डीएनए के आवश्यक स्ट्रक्चर: डबल स्ट्रैंडेड और नेगेटिव चार्ज
आरएनए: सामान्यतः सिंगल स्ट्रैंडेड, कुछ कंडीशन्स में डबल स्ट्रैंडेड
शुगर: डीएनए में डिऑक्सी राइबोज़, आरएनए में राइबोज़
नाइट्रोजेनस बेसिस: एटीजीसी (डीएनए), एयूजीसी (आरएनए)
जेनेटिक मैटेरियल
डीएनए सभी लिविंग सेल्स में जेनेटिक मैटेरियल
कुछ वायरस में आरएनए होता है जेनेटिक मैटेरियल (जैसे, टीएमवी)
डीएनए की लोकेशन: न्यूक्लियस, माइटोकॉन्ड्रिया, क्लोरोप्लास्ट
आरएनए की लोकेशन: न्यूक्लियस और साइटोप्लाज्म
डीएनए वर्सस आरएनए
डीएनए: डबल स्ट्रैंडेड, पुख्ता, नेगेटिव चार्ज, स्थिर संरचना
आरएनए: सिंगल स्ट्रैंडेड, विविधतापूर्ण, कैटलिटिक भूमिका
डीएनए स्ट्रक्चर व बोंडिंग
न्यूक्लियोटाइड: शुगर + नाइट्रोजेनस बेस + फॉस्फेट ग्रुप
फॉस्फो-डायेस्टर लिंक द्वारा जुड़े होते हैं न्यूक्लियोटाइड्स
शुगर-फॉस्फेट बैकबोन, नाइट्रोजेनस बेस अंदर की तरफ
हाइड्रोजन बॉन्डिंग: A = T (दो बॉन्ड), G ≡ C (तीन बॉन्ड)
च्ग पैर ऑफ़ स्ट्रैंड्स द्वारा बनाए जाते हैं डीएनए की संरचना
डीएनए स्पेसिफिकेशन: एक राइट-हैंडेड हेलिक्स, प्रत्येक टर्न में 10 बेस पेयर्स
ट्रांसक्रिप्शन और ट्रांसलेशन
सेंट्रल डॉगमा: डीएनए -> आरएनए -> प्रोटीन
ट्रांसक्रिप्शन: डीएनए की कॉपीिंग प्रक्रिया, न्यूक्लियस में होती है (यूकेरियोट्स में)
ट्रांसलेशन: आरएनए से प्रोटीन बनाना, साइटोप्लाज्म में होता है
ट्रांसक्रिप्शन यूनिट: प्रमोटर, स्ट्रक्चरल जीन, टर्मिनेटर
ट्रांसलेशन यूनिट: तीन मुख्य स्टेप्स: इनीशिएशन, एलोंगेशन, टर्मिनेशन
म्यूटेशन: पॉइंट म्यूटेशन, सब्सक्रिप्शन म्यूटेशन, डिलीशन म्यूटेशन
जेनेटिक कोड
ट्रिपल कोड: तीन न्यूक्लियोटाइड्स एक अमीनो एसिड को कोड करते हैं (64 कॉडोंस, 20 अमीनो एसिड्स)
जेनेटिक कोड के गुण: यूनिवर्सलिटी, डेनेरेशन, नो ओवरलैपिंग
स्टार्ट कॉडोन: ऑग (मेथियोनिन), स्टॉप कॉडोन: यूएए, यूएजी, यूजीए
रेगुलेशन ऑफ जीन एक्सप्रेशन
जीन एक्सप्रेशन की जरूरत: डेवलपमेंट, मेटाबोलिक नीड्स, एनवायरनमेंटल कंडीशन्स
रेगुलेशन के स्तर: ट्रांसक्रिप्शन, मिडिफिकेशन, ट्रांस्पोर्ट, ट्रांसलेशन
जीन एक्सप्रेशन का कंट्रोल: पॉजिटिव और नेगेटिव रेगुलेटरी सिस्टम
ऑपेरॉन मॉडल (लेक ओपेरॉन): लैपटॉप्स को मिडियम में देखकर जीन एक्सप्रेशन
ह्यूमन जीनोम प्रोजेक्ट
स्टार्ट: 1990, कंपलीशन: 2003
उद्देश: ह्यूमन जीनोम का सीक्वेंसिंग और मिङिफ़िकेशन
फंडिंग: नाइन बिलियन यूएसडी
मेन एजेंसियंस: NIH (यूएस), वेलकम ट्रस्ट (यूके), फ्रांस, जर्मनी
मेथडोलॉजी: होल जीनोम सीक्वेंसिंग, ऐक्सप्रेस्ड सीक्वेंस टैग्स (ESTs), बायोइंफोर्मेटिक्स
फाइंडिंग्स: 20,000-25,000 जीन्स, 3 बिलियन बेस पेयर्स, 1.4 मीलियन SNPs
डीएनए फिंगर प्रिंटिंग
डेवलप्ड बाय एलेक जेफ्रीस
यूज: क्राइम सॉल्विंग, पेरेंटेज डिस्प्यूट्स, जेनेटिक डिसऑर्डर्स
मेथड: एक्स्ट्रैक्शन, कटिंग, इलेक्ट्रोफोरेसिस, हाइब्रिडाइजेशन, ऑटोरेडियोग्राफी
बेसिस: सैटेलाइट डीएनए (मिनी और माइक्रो सैटेलाइट्स), VNTRs, तरीका पॉलिमॉरफिस्म
समरी
ट्रांसक्रिप्शन और ट्रांसलेशन महत्वपूर्ण प्रक्रियाएं हैं
जीन की रेगुलेशन का समझाने के लिए ऑपेरॉन मॉडल
ह्यूमन जीनोम प्रोजेक्ट: ह्यूमन जेनेटिक मैपिंग में बड़ी उपलब्धि
डीएनए फिंगर प्रिंटिंग का महत्व: क्राइम सॉल्विंग और पेरेंटेज डिस्प्यूट्स में
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